हर भारतीय को ये विश्वास हुआ है कि भारत के सपने पूरे हो सकते हैं, आशाएं और आकांक्षाएं पूरी हो सकती हैं: प्रधानमंत्री मोदी
हमारे लक्ष्य ऊंचे हैं, लेकिन जब आपके पास 130 करोड़ लोगों की भुजाएं हों तो हौसला मिल जाता है, भारत आज आगे बढ़ रहा है तो सिर्फ सरकार की कोशिशों से नहीं, बल्कि करोड़ों भारतीयों की भागीदारी से आगे बढ़ रहा है: पीएम मोदी
भारतीयों की ईमानदारी, निष्ठा, कर्मशीलता और यहां के सामाजिक आर्थिक जीवन में आपके योगदान को लेकर यहां अपार सद्भावना है, आपने अपनी मेहनत से यहां अपने लिए जगह बनाई है, इस Goodwill को हमें और मजबूत करना है: प्रधानमंत्री

नमस्‍कार।
आपने जिस तरह से मेरा स्‍वागत किया, मुझे तो एक बार लगा कि मैं भारत के ही किसी भाग में हूँ। इतना उत्‍साह, इतना प्‍यार पाकर मैं गदगद हूँ और आप सबके प्‍यार के सामने नतमस्‍तक हूँ।

मैं His Highness King Hamad bin Isa Al Khalifa का, His Highness प्रधानमंत्री जी का, बहरीन की सरकार का, यहाँ के लोगों का भी इतना आदर-सत्‍कार देने के लिए हृदय से बहुत आभार व्‍यक्‍त करता हूँ।

मुझे अहसास है कि भारत के प्रधानमंत्रियों को बहरीन पहुँचने में कुछ ज्‍यादा ही समय लग गया। लेकिन बहरीन में आने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री होने का सौभाग्‍य भी मुझे मिला है और आपके इतने आशीर्वाद पाने का सौभाग्‍य भी मुझे मिला है। ऐसा लगता है कि परमात्‍मा ने बहुत सारे काम मेरे लिए ही बाकी रखे हैं।

साथियो, यहाँ मंच पर आते-आते मैं देख रहा था कि भारत की cultural heritage की शानदार प्रस्‍तुति की जा रही थी; मलयालम हो, तमिल हो, तेलुगू हो, कन्‍नड़ हो, भारत की हर भाषा, हर सुर की गूँज, एकता के, अनेकता में एकता के भव्‍य रंगों से सजी हुई थी। भारतीयता की विविधता, भारतीयता के ही ये रंग- यही तो हमारी शक्ति है। भारत की यही इंद्रधनुषी छवि पूरी दुनिया को चकित करती है, आकर्षित करती है।

साथियो, बहरीन की मेरी ये यात्रा भले ही सरकार के मुखिया के नाते प्रधानमंत्री के तौर पर है, लेकिन मेरा मकसद यहां बसे भारतीयों से मिलना और बहरीन के लाखों दोस्‍तों से संवाद करने का भी है। मेरा प्रयास पाँच हजार साल पुराने रिश्‍तों को 21वीं सदी की ताजगी और आधुनिकता देने का है।

वो रिश्‍ते जो सुमेर के, दिलमुन के सिंधु घाटी से थे, वो 21वीं सदी के भारत और बहरीन के बीच नई ऊँचाइयों पर पहुँचे, इस काम के लिए मैं भी आपका एक साथी बनकर, आपके बीच खड़ा हूँ। मैं बहरीन के लाखों साथियों को 130 करोड़ सपनों के New India में नई opportunity, नए horizons की तरफ आमंत्रित करने आया हूँ।

बहनों और भाइयो, बहरीन से हमारे संबंध व्‍यापार और कारोबार के तो रहे ही हैं, इससे भी बढ़कर मानवता के रहे हैं, संवेदनाओं के रहे हैं, संस्‍कृति के रहे हैं, मूल्‍यों के रहे हैं। हजारों वर्षों से एक-दूसरे के यहाँ जो हमारा आना-जाना है, उसने अपनी छाप दोनों देशों में छोड़ी है।

His Highness प्रधानमंत्री से मेरी बृहद उपयोगी बातचीत हुई है। हमारे बीच मजबूत सहयोग को और मजबूत बनाने के अलावा हमने अपने रिश्‍तों को नए areas से, जैसे space में भी बढ़ाने का फैसला किया है।

His Majesty, the King से मुलाकात के लिए मैं बहुत ही उत्‍सुक हूँ। उन्‍होंने मुझे निमंत्रण भेजा, इसके लिए मैं उनका बहुत शुक्रगुजार हूँ। दोनों देशों के समाज ने लंबे समय से एक-दूसरे से बहुत कुछ पाया है। विशेषतौर पर हमारे family values; दोनों देशों के समाज ने बहुतेक प्राथमिकता दी है। एक मजबूत और सशक्‍त्‍ family system को हमने समाज के सशक्तिकरण का आधार माना है।

Friends, आज जन्‍माष्‍टमी का पवित्र पर्व है। आपको भी और विश्‍वभर में फैले हुए भारतीय समुदाय को भी मेरी तरफ से श्रीकृष्‍ण जन्‍मोत्‍सव की अनेक-अनेक शुभकामनाएँ। मुझे बताया गया है कि गल्फ क्षेत्र में जन्माष्टमी पर कृष्ण कथा सुनाने की परम्परा आज भी है। भारतीयों का, खासकर गुजरात और गुजरातियों का कृष्ण भगवान के प्रति जरा विशेष प्रेम है, विशेष श्रद्धा है।

आज भी गुजरात के गाँव में श्रीकृष्‍ण का स्‍मरण करते हुए रासलीला की परम्‍परा चलती है, और गुजरात से बहरीन का पुराना संपर्क है। तो यह स्‍वाभाविक है कि यहाँ भी कृष्‍ण भगवान की मुरली आपके हृदय में गूँजती ही होगी। यहाँ भी द्वारकाधीश के प्रति सद्भाव हो।

ये मेरा सौभाग्‍य है कि कल मैं श्रीनाथ जी के मंदिर जाकर आप सबकी और आपके मेजबान देश की समृद्धि और शांति के लिए प्रार्थना करूँगा। यह इस पूरे क्षेत्र में सबसे पुराना मंदिर है। हाल ही में श्रीनाथ जी के इस मंदिर को दो सौ साल हुए हैं।

मुझे जानकारी है कि किस प्रकार श्रद्धा और उल्‍लास के साथ आपने और भारत से आए भक्‍तों ने यह अवसर मनाया। यह भी खुशी की बात है कि कल इस मंदिर के पुनर्विकास का काम भी औपचारिक रूप से शुरू किया जाएगा। ये मंदिर आपके अंदर बसी आस्‍था का जीता-जागता प्रतिबिंब है और साथ ही बहरीन की विविधता सामंजस्‍य की उत्‍कृष्‍ट परम्‍परा का प्रतीक भी है।

वहाँ अनेक लोगों से मेरी बातचीत हुई है; जो मैंने देखा, जो मैंने सुना, उसके आधार पर मैं कह सकता हूँ कि बहरीन के समाज ने भारतीय आस्‍था, परम्‍परा को बहुत सहज करके रखा है।

साथियो ये इसलिए संभव हुआ है क्‍योंकि हमारा रिश्‍ता सिर्फ सरकारों का नहीं, संस्‍कारों का भी रहा है, समाज का भी रहा है। बहरीन के growth story में आपका बड़ा रोल है। यहाँ की मिट्टी ने आपको, आपके सपनों को, आपके अपनों के सपनों को नई उड़ान दी है, नए पंख दिए हैं, नए अवसर दिए हैं।

जब भी यहाँ की सरकार के भारतीय साथियों के साथ, यहाँ के बिजनेस से जुड़े साथियों से, यहाँ पर बसे, यहाँ काम करने वाले साथियों की प्रशंसा सुनता हूँ तो हृदय प्रसन्‍नता से भर जाता है।

आज भी His Highness, यहाँ के प्रधानमंत्री जी आप लोगों की इतनी तारीफ कर रहे थे, इतनी तारीफ कर रहे थे, तारीफ-तारीफ आपकी हो रही थी, बात आपके पुरुषार्थ की होती थी, बात आपके संस्‍कारों की होती थी, बात आपके व्‍यवहार की होती थी और सीना मेरा चौड़ा होता था।

भारतीयों की ईमानदारी, निष्ठा, कर्मशीलता और यहाँ के सामाजिक-आर्थिक जीवन में आपके योगदान को लेकर यहाँ पर अपार सद्भावना है। आपने अपनी मेहनत से यहाँ अपने लिए जगह बनाई है। और सबसे बड़ी बात है आपने यहाँ के लोगों के दिल में जगह‍ बनाई है। इस goodwill को हमें और मजबूत करना है।

साथियो, अब भारत के विकास में भी आपका योगदान प्रशंसनीय है। आपकी मेहनत भारत में रह रहे आपके अपनों के भी काम आ रही है, अपने परिवार के जीवन-स्‍तर को ऊपर उठाने में काम आ रही है।

साथियो, भारत में आज ease of living हमारी प्राथमिकता है। New India में किसी को अपनी बेसिक जरूरतों के लिए भटकना न पड़े, इसके लिए अनेकविद् काम किए जा रहे हैं। आज जब आप भारत में रह रहे अपने परिजनों, अपने रिश्‍तेदारों से बात करते हैं तो आप परिवर्तन महसूस करते हैं। मैं जरा आपसे पूछना चाहता हूँ, पूछ लूँ? क्‍या आपको ये change feel हो रहा है? भारत के तेवर और कलेवर बदलते दिख रहा है? पक्‍का दिख रहा है?

भारत और भारतीयों का self confidence बढ़ा ही कि नहीं बढ़ा है? माथा ऊँचा कर-करके जी रहे हैं कि नहीं जी रहे हैं? आँख में आँख मिलाकर बात कर रहे हैं कि नहीं कर रहे हैं? ये सब कुछ इसलिए हो पा रहा है क्‍योंकि बीते पाँच वर्षों में सामान्‍य मानवी के जीवन को आसान बनाने पर बल दिया गया है।

देश के करोड़ों गरीब परिवारों के लिए बिजली, गैस कनेक्‍शन, ऐसी हर मूलभूत सुविधा पहुँचाने का हमने बीड़ा उठाया है। आज भारत का लगभग हर परिवार बैंकिंग से जुड़ा हुआ है। मोबाइल फोन, इंटरनेट भारत के सामान्‍य से सामान्‍य परिवार की पहुँच में है। दुनिया में, दुनिया में सबसे सस्‍ता इंटरनेट डेटा अगर कहीं है तो वो भारत में है। आज भारत में अधिकतर सर्विसेज की डिलीवरी डिजिटली हो, इसके प्रयास आगे बढ़ाए जा रहे हैं। सामान्‍य से सामान्‍य परिवार को भी social security की सुविधा दी जा रही है।

Insurance हो या pension, बहुत ही मामूली प्रीमियम पर गरीब से गरीब को उपलब्‍ध कराई जा रही है। इतना ही नहीं, करीब 50 करोड़ भारतीयों को पाँच लाख रुपय तक के मुफ्त इलाज की व्‍यवस्‍था भी की गई है।

साथियो, यही वो बदलाव है जिसके कारण 130 करोड़ भारतीयों ने पहले से भी बड़े जनादेश से इस सरकार को चुन करके फिर एक बार आपकी सेवा करने का अवसर दिया है। हर भारतीय को ये विश्‍वास हुआ है कि भारत के सपने पूरे हो सकते हैं, आशाएं और आकांक्षाएं पूरी हो सकती हैं, संकल्‍प सिद्ध हो सकते हैं। भारत की इसी आस, इसी विश्‍वास के बल पर आपका ये सेवक नए-नए संकल्‍पों को सिद्ध करने में जुटा है। हमारे लक्ष्‍य ऊँचे हैं, लेकिन जब आपके पास 130 करोड़ लोगों की भुजाएँ हों तो हौसला मिल ही जाता है।

भारत आज आगे बढ़ रहा है तो सिर्फ सरकार की कोशिशों से नहीं बल्कि करोड़ों भारतीयों की भागीदारी से आगे बढ़ रहा है। और दोस्‍तो, मुझे ये कहने में संकोच नहीं है, और मैं सिर झुका करके कहना चाहता हूँ, सरकार सिर्फ स्‍टेयरिंग पर है, सरकार सिर्फ स्‍टेयरिंग पर बैठी है, accelerator पर देश की जनता का हौसला है।

साथियो, अब भारत ने ये तय किया है कि आने वाले पाँच वर्षों में हम अपनी इकोनॉमी के साइज को दोगुना करने का प्रयास करेंगे। Five trillion dollar- आज एक टारगेट, उसको हमारे सामने हमने रखा है। हमारे लिए Five trillion dollar economy, ये महज आँकड़ा नहीं है बल्कि सामान्‍य भारतीय को सशक्‍त करने का माध्‍यम है। अर्थव्‍यवस्‍था दोगुनी होगी तो हर भारतीय परिवार की आय भी बढ़ेगी। सामान्‍य से सामान्‍य भारतीय की purchasing power भी बढ़ेगी।

भाइयो और बहनों, Five trillion dollar के इस पड़ाव तक पहुँचने के लिए हमारे पास potential भी है और plan भी है और पसीना बहाने की पूरी तैयारी भी है। इस लक्ष्‍य को हासिल करने के लिए हमने अभी काम शुरू नहीं किया है लेकिन बीते पाँच वर्षों में एक मजबूत नींव बना चुके हैं। हर Global Ranking में आज भारत व्‍यापक सुधार कर रहा है। World Intellectual Property Organization की Global Innovation Index की ranking,World Economy Forum की Global Competitiveness Index, UNCTAD द्वारा लिस्‍ट किए गए Ten FDI Destinations में भी भारत ने सुधार किया है।

Ease of doing business में भी हमारा लक्ष्‍य टॉप 50 देशों में आने का है। इसी का परिणाम है कि आज रिकॉर्ड स्‍तर पर भारत में Foreign Direct Investment आ रहा है। मुझे विश्‍वास है कि बहरीन के हमारे दोस्‍त भी भारत में निवेश के इस अभूतपूर्व माहौल का लाभ उठाने के लिए और अधिक उत्‍सुक होंगे।

साथियो, आज भारत में physical और digital infrastructure क्षेत्र में अभूतपूर्व काम हो रहा है। Roadways, Highways, Railways, Airways, Waterways, I-ways- इन सबका जाल बिछाया जा रहा है। आने वाले पाँच वर्षों में देश के infrastructure sector में 100 लाख करोड़ रुपये के निवेश का टारगेट रखा गया है।

Digital infrastructure की बात कर रहे थे, आज मोबाइल फोन और आधार की व्‍यवस्‍था से भारत दुनिया के सबसे अधिक digitally connected देशों में से एक है। अब देश की हर ग्राम पंचायत में Broadband connectivity देने के लिए तेजी से काम किया जा रहा है; देश में 5G connectivity के लिए भी अलग-अलग स्‍तर पर काम किया जा रहा है। हमारे पास डेटा का एक बहुत बड़ा और व्‍यापक खजाना है।

Digital transaction के भारतीय मॉडल की चर्चा अब पूरी दुनिया में हो रही है। आप सभी भी भारत में आई digital revolution के बहुत बड़े लाभार्थी रहे हैं। आप सभी ने अनुभव किया होगा कि पाँच वर्ष पहले तक अपने परिजनों, अपने रिश्‍तेदारों से बातचीत करना और वहाँ पैसे भेजने में कितनी मुश्किल होती थी। अब बहुत ही आसानी से आप ये सब कुछ कर पाते हैं।

Bhim App, यूपीआई और जन-धन खाते जैसी सुविधाओं ने भारत में बैंकिंग को सामान्‍य मानवी के लिए सुलभ कर दिया है। हमारा RuPAY कार्ड अब पूरी दुनिया में transaction का एक पसंदीदा माध्‍यम बन रहा है। अब हमारे RuPAY कार्ड को दुनिया भर के बैंक और सेलर्स स्‍वीकार कर रहे हैं।

मुझे खुशी है कि बहरीन में भी शीघ्र ही RuPAY कार्ड से आप लेन-देन कर पाएंगे। आज यहाँ पर RuPAY कार्ड के इस्‍तेमाल के लिए MoU साइन किया गया है और इससे आपको cashless transaction की सुविधा तो मिलेगी ही, आगे हमारा इरादा है कि रूपे कार्ड के जरिए आपको भारत में अपने घर पैसे भेजने की सुविधा भी मिल जाए। और जिससे पैसे भेजने का खर्चा कम हो और transaction भरोसेमंद भी हो। अब आप बहरीन के अपने दोस्‍तों को भी कह सकेंगे कि Pay with RuPAY

मित्रो, कुछ समय पहले तक यहाँ रुपये का चलन था, यहां रुपया चलता था। अब थोड़े दिनों बाद यहाँ RuPAY कार्ड चलना शुरू हो जाएगा।

भाइयो और बहनों, रुपे कार्ड भारत की उन व्‍यवस्‍थाओं में से एक है जो पूरे देश को seamless connectivity दे रहे हैं। आज seamless mobility के लिए भारत One nation one card की तरफ आगे बढ़ रहा है। आज पूरे भारत में पॉवर सप्‍लाई के लिए One nation one grid है, पूरे भारत के लिए जीएसटी के रूप में One nation one tax है।

ऐसी तमाम व्‍यवस्‍थाएं हैं जो भारत में जीवन और कारोबार को आसान बनाने के लिए बनाई जा रही हैं। अहम बात यह है कि ये तमाम solutions भारत में ही बन रहे हैं, भारत के युवा ही बना रहे हैं। आज भारत ‘local solution for global application’, इस concept पर गंभीरता से काम कर रहा है।

साथियो, भारत ने दुनिया के सामने अपने सामर्थ्‍य को दिखाया है। आज भारत का टेलेंट भारत की वैश्चिक पहचान बन रहा है। भारत के लिए भी और दुनिया के लिए भी ऐसे चमत्‍कार कर रहा है जिसको लेकर हर कोई अचंभित है। विश्‍व के बड़े-बड़े projects में, भविष्‍य से जुड़ी तकनीक के शोध में, बड़े-बड़े संस्‍थानों में भारतीय प्रतिभा अपने जौहर दिखा रही है।

वहीं भारत में, भारत में भी एक के बाद एक सफलता के नए आयाम तय किए जा रहे हैं। आप सभी को पता है कि सात सितम्‍बर को भारत का चंद्रयान चंद्रमा की सतह पर उतरने वाला है। भारत के space missions की पूरी दुनिया आज चर्चा कर रही है। इसरो के हमारे वैज्ञानिको, हमारे इंजीनियर्स की क्षमताओं की पूरी दुनिया में प्रशंसा हो रही है।

दुनिया हैरान है कि आखिर इतने सीमित बजट में सिर्फ और सिर्फ अपनी skill, efficiency और discipline के दम पर ऐसे परिणाम हम कैसे हासिल कर पा रहे हैं। असल में यही हमारी ताकत है और यही हमारा advantage है। हम बड़े काम, बड़े लक्ष्‍य को हासिल करने के लिए सिर्फ बजट पर नहीं बल्कि बेजोड़ इच्‍छाशक्ति पर भरोसा करते हैं।

भाइयो और बहनों, राष्‍ट्र सिर्फ सरहदों से नहीं, गर्व से ऊँचे उठे सिरों से बनता है। पिछले पाँच साल में हमारी कोशिश रही है कि देश्‍ से 130 करोड़ भारतीयों के साथ ही विदेश में रहने वाले करोड़ों भारतीयों का सिर हमेशा-हमेशा के लिए ऊँचा रहे। आप जैसे लाखों भारतीय पूरे विश्‍व के साथ भारत के रिश्‍तों की मजबूत कड़ी हैं। आज अगर भारत को दुनिया सम्‍मान की नजर से देखती है तो उसके पीछे एक बड़ा कारण आप जैसे लाखों साथी हैं। मैं आपको आश्‍वस्‍त करता हूँ कि भारत सरकार जिस तरह आपके अच्‍छे-बुरे वक्‍त में आपके साथ खड़ी रही है, आगे भी पूरी मजबूती के साथ आपकी सेवा के लिए तैयार मिलेगी।

साथियो, साल 2022 में हमारा आजाद भारत 75 वर्ष का हो जाएगा। इस अहम पड़ाव के लिए हर भारतीय ने अनेक संकल्‍प लिए हैं। मेरा आपसे भी आग्रह रहेगा कि आप भी अपने स्‍तर पर कुछ नए संकल्‍प लेकर चलें। जैसे आप तय करें कि हर व्‍यक्ति, हर वर्ष अपने कुछ बहरीन दोस्‍तों को India tour के लिए motivate करेंगे। भारत के खूबसूरत hill stations से लेकर समृद्ध आध्‍यात्मिक और सांस्‍कृतिक धरोहर के दर्शन कराएंगे। भारत के quality medical और meditation, tourism के बारे में भी अपने बहरीन साथियों से जरूर चर्चा करें।

ये साल तो वैसे भी बहुत अहम है। इस वर्ष महात्‍मा गांधी की 150वीं जन्‍म-जयंती देश मनाने वाला है। यूं तो ये उत्‍सव बहरीन सहित पूरी दुनिया में मनाया जाएगा, लेकिन गांधीजी से सही मायने में जुड़ने के लिए भारत से बेहतर जगह और क्‍या होगी?

साथियो, भारत के प्रति अपनी जिम्‍मेदारियों को हम तभी ठीक से निभा पाएंगे, जब बहरीन के संकल्‍पों के साथ पूरे तन-मन से हम जुड़ेंगे। मुझे बताया गया कि His Highness ने और यहाँ के युवाओं नागरिकों ने अपने समुद्रो को साफ करने की मुहिम छेड़ी है। मैं आप सभी से अपील करता हूँ कि इस मुहिम में आप सब बढ़-चढ़ करके हिस्‍सा लें।

भारत में भी हमने स्‍वच्‍छता को लेकर एक सफल और व्‍यापक अभियान छेड़ा है। अब भारत ने तय किया है कि साल 2022 तक भारत को single use plastic से मुक्ति दिलाएंगे।

इतना ही नहीं, पानी को बचाने और हर घर तक पानी पहुँचाने के लिए भी एक बहुत बड़ा मिशन शुरू किया गया है। आप भी इस अभियान में सक्रियता से हिस्‍सा ले सकते हैं। अपने पुश्‍तेनी गांव के कुओं, बाव‍ड़ियों, तालाबों, झीलों; जिनके साथ आपके बचपन, आपके माता-पिता के बचपन की यादें जुड़ी हुई हैं, उनको revive करने का बीड़ा आप उठा सकते हैं, उन्‍हें गोद ले सकते हैं।

साथियो, बहरीन और भारत के साझा हितों और साझा मूल्‍यों के लिए हम काम करेंगे तो 21वीं सदी में हमारे ऐतिहासिक रिश्‍ते जरूर नई बुलंदी को छुऐंगे। भारत और बहरीन, दोनों संभावनाओं से भरी प्राचीन सभ्‍यताएं, लेकिन आधुनिक राष्‍ट्र हैं। मुझे पूरा विश्‍वास है कि भारत के आप जैसे लाखों दूत रिश्‍तों की, संभावनाओं की इस मजबूत डोर को और ताकत देंगे।

साथियो, मैं कर्तव्‍य से बंधा हुआ इंसान हूँ। एक तरफ बहरीन उत्‍साह और उमंग से भरा हुआ है। देश जन्‍माष्‍टमी का, कृष्‍ण जन्‍म का उत्‍सव मना रहा है, उस पल मेरे भीतर एक गहरा शोक, एक गहरा दर्द, मैं दबा करके आपके बीच खड़ा हूँ। विद्यार्थी काल से जिस दोस्‍त के साथ सार्वजनिक जीवन के एक के बाद एक कदम मिल करके चले, राजनीतिक यात्रा साथ-साथ चली, हर पल एक-दूसरे के साथ जुड़े रहना, साथ मिल करके जूझते रहना, सपनों को सजाना, सपनों को निभाना, ऐसा एक लंबा सफर जिस दोस्‍त के साथ किया वो अरुण जेटली; भारत के पूर्व रक्षामंत्री, वित्‍तमंत्री, आज ही उन्‍होंने देह छोड़ दी । मैं कल्‍पना नहीं कर सकता हूँ कि मैं इतना दूर यहाँ बैठा हूँ और मेरा एक दोस्‍त चला गया।

एक भारी व्‍यथा के साथ, दुख के साथ और ये अगस्‍त महीना- कुछ दिन पहले हमारी पूर्व विदेश मंत्री बहन सुषमा जी चली गईं, आज मेरा दोस्‍त अरुण चला गया, बड़े दुविधा के पल हैं मेरे सामने। एक तरफ कर्तव्‍य भाव से बंधI हुआ हूँ, दूसरी तरफ दोस्‍ती का एक सिलसिला, भावनाओं से भरा हुआ है। मैं आज बहरीन की धरती से भाई अरुण को आदरपूर्वक श्रद्धांजलि देता हूँ, उनको नमन करता हूँ, उनके परिवारजनों को इस दुख की घड़ी में ईश्‍वर शक्ति दे, ये प्रार्थना करता हूँ और एक बार फिर यहां आने के लिए, मुझे बातचीत का अवसर देने के लिए बहरीन के मेरे प्‍यारे भाइयो-बहनों, आपका हृदय से बहुत-बहुत आभार व्‍यक्‍त करता हूँ।

भारत माता की – जय

भारत माता की – जय

भारत माता की – जय

बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

सबको नमस्‍कार।

 

 

 

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प्रधानमंत्री 24 नवंबर को 'ओडिशा पर्व 2024' में हिस्सा लेंगे
November 24, 2024

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 24 नवंबर को शाम करीब 5:30 बजे नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 'ओडिशा पर्व 2024' कार्यक्रम में भाग लेंगे। इस अवसर पर वह उपस्थित जनसमूह को भी संबोधित करेंगे।

ओडिशा पर्व नई दिल्ली में ओडिया समाज फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक प्रमुख कार्यक्रम है। इसके माध्यम से, वह ओडिया विरासत के संरक्षण और प्रचार की दिशा में बहुमूल्य सहयोग प्रदान करने में लगे हुए हैं। परंपरा को जारी रखते हुए इस वर्ष ओडिशा पर्व का आयोजन 22 से 24 नवंबर तक किया जा रहा है। यह ओडिशा की समृद्ध विरासत को प्रदर्शित करते हुए रंग-बिरंगे सांस्कृतिक रूपों को प्रदर्शित करेगा और राज्य के जीवंत सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक लोकाचार को प्रदर्शित करेगा। साथ ही विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख पेशेवरों एवं जाने-माने विशेषज्ञों के नेतृत्व में एक राष्ट्रीय सेमिनार या सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा।