Quoteजबसे बीजेपी सरकार केंद्र में सत्ता में आई है उर्वरक संयंत्रों पर काम तेज हो गया: तालचेर में प्रधानमंत्री मोदी
Quoteमैंने नवीन बाबू से आग्रह किया है कि राज्य में शौचालयों के निर्माण को और गति दी जाए: पीएम मोदी
Quoteओडिशा की स्वास्थ्य सेवा हो, कुपोषण की स्थिति हो, माता मृत्यु दर हो, शिशु मृत्यु दर हो, लड़कों के मुकाबले लड़कियों की गिरती संख्या हो, सभी चिंताजनक स्थिति में हैं: प्रधानमंत्री
Quoteअब हमारी सरकार ये सुनिश्चित कर रही है कि जो पैसा दिल्ली से भेजा जाए, वो शत-प्रतिशत, पूरा आपके बैंक खाते में सीधे जाए: प्रधानमंत्री मोदी
Quoteकेंद्र सरकार ने ठाना है कि साल 2022 तक, देश में कोई बेघर न हो, हर गरीब के पास छत हो, इसके लिए पहले की योजनाओं में जितनी कमियां थीं, उन्हें दूर किया गया है: पीएम मोदी

भारत माता की जय...

मंच पर विराजमान हम सबके वरिष्ठ नेता श्रीमान विश्वभूषण हरिचंदन जी, केंद्र में मंत्रिपरिषद के मेरे साथी श्रीमान जुएल जी,श्री धमेन्द्र प्रधान जी, विधायक दल के नेता केवी सिंहदेव जी,भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव श्रीमान अरुण सिंह जी, राष्ट्रीय प्रवक्ता और इसी धरती की संतान डॉ. संबित पात्रा जी, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य हमारे बहुत पुराने तपस्वी कार्यकर्ता श्रीमान प्रताप सारंगी जी, हमारे वरिष्ठ नेता श्रीमान मनमोहन श्यामल जी, श्रीमान रुद्र नारायण पाणि जी,हमारे रुद्र नारायण पाणि जी की आवाज अभी भी पार्लियामेंट में गूंजती रहती है, वरिष्ठ नेता श्रीमती सूरमा पाणि जी।

जय जगन्नाथ, जय मां हिंगुला।

ओडिशा के लोगों का ये प्यार, ये स्नेह मेरे लिए बहुत बड़ा आशीर्वाद है और मैं अनुभव कर रहा हूं कि जब 2014 के पहले मुख्यमंत्री के बतौर ओडिशा में कुछ कार्यक्रमों के लिए आने का अवसर मिलता था, फिर 2013-14 में लोकसभा के चुनाव को लेकर आना होता था, 2014 के बाद कई बार प्रधानमंत्री के रूप में, कार्यकर्ता के रूप में आपके बीच में आने का मौका मिला, लेकिन मैं लगातार देख रहा हूं कि आपकी हर रैली पुरानी सारी रैलियों के रिकॉर्ड तोड़ देती है। आज भी मैं देख रहा हूं, आपने पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। ये विराट जनसागर, ये उत्साह, ये उमंग, ओडिशा के लोग क्या सोच रहे हैं, इसका ये जीता-जागता उदाहरण है। ओडिशा के जन-मन में क्या है, ये साफ-साफ दिखाई दे रहा है। साथियो, ओडिशा की ये ऐतिहासिक और प्राकृतिक रूप से समृद्ध धरती, उस धरती पर आना मेरे लिए बहुत ही सुखद अनुभव है।

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पूर्वी भारत के उदय के सपने का बड़ा आधार, ओडिशा की अपनी क्षमताएं यहां लोगों की असीम शक्ति है। आज मुझे दोहरी खुशी इसलिए भी है क्योंकि अब से कुछ देर पहले ही तालचेर फर्टिलाइजर प्लांट के पुनरुद्धार का कार्य शुरू हो गया है। इस काम परसरकार करीब-करीब 13 हजार करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है। तालचेर के लोगों को,ओडिशा के लोगों को, खास कर के यहां की युवा पीढ़ी को मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं। साथियो, इस पवित्र भूमि को मां हिंगुला का आशीर्वाद प्राप्त है। उनकी असीम अनुकंपा से इस धरती को भरपूर प्राकृतिक संपदा भी मिली है। मान्यता तो ये है कि भगवान जगन्नाथ की रसोई की अग्नि स्वयं मां हिंगुला ही हैं। आजकल गणेश पूजा का उत्सव भी धूमधाम से मनाया जा रहा है। गणेश जी के आशीर्वाद से, माता हिंगुला के आशीर्वाद से तालचेर में शुरू हुआ ये कार्य नए ओडिशा के विकास की नई गाथा लिखेगा।

भाइयो और बहनो, ओडिशा की इस पवित्र भूमि पर अनेक पराक्रमी वीरों ने जन्म लिया है। महान नेता पवित्र मोहन प्रधान के नेतृत्व में प्रजामंडल आंदोलन आम जन के धैर्य और साहस की कहानियां आज भी हमें प्रेरणा दे रही हैं। इस आंदोलन की वानर सेना के सदस्य बालक बाजीराव की कहानी तो पराक्रम और साहस का एक अनूठा उदाहरण है। देश के लिए अपनी जान की परवाह न करने वाले ऐसे अनेक वीरोंमहेश चंद्र सुबाहु सिंह, सारंगधर दास, दाशरथ पाणी, वैष्णव पटनायक और मुसा मलिक को हम फिर आदरपूर्वक नमन करते हैं। यह भूमि वीर राजा सोमनाथ सिंह की भी है जिन्होंने अंग्रेजों की पराधीनता को स्वीकार नहीं किया और ओडिशा से उनको बाहर करने के लिए संघर्षरत रहे। इन वीरों के आशीर्वाद से तालचेर का फर्टिलाइजर प्लांट राष्ट्रनिर्माण की अहम धुरी बनेगा और ये मेरा विश्वास पक्का है। ये क्षेत्र ओडिशाके तटीय इलाकोंको पश्चिमी भाग से भी जोड़ता है और इसलिए फर्टिलाइजर प्लांट का आधुनिकीकरण होने के बाद पूरे-पूरे क्षेत्र के विकास को नई गति मिलना तय है।

साथियो, तालचेर का खाद कारखाना अब तक पहले की सरकारों की असफलता का प्रतीक है, विफलता का प्रतीक है। अब ये खाद कारखाना हमारी सरकार की सफलता का प्रतीक बनके रहेगा ये मैं आपको विश्वास दिला रहा हूं। यहां खाद कारखाना जीवन की और विकास की कभी अहम धुरी रहा करता था लेकिन पहले की सरकारों की नीतियां और नीयत ऐसी रही कि अनेक खाद के कारखाने बंद हुए और जो एक बार बंद हुए वो गए काम से, कभी शुरू नहीं हो पाए। साल 2000 में तब की सरकार ने तालचेर कारखाने को शुरू करने का फैसला तो लिया लेकिन सारी बातें कागज पे धरी की धरी रह गईं। जब केंद्र में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में सरकार बनी तो फिर एक बार काम में तेजी आई और उन रुकावटों को, उन कठिनाइयों को दूर किया गया जो खाद कारखाने के रास्ते में रुकावट बनकर के रुकी पड़ी थीं। आज इसी का नतीजा है कि ओडिशा के लोगों को ये शुभ अवसर देखने को मिला है। और जब मैं अभी प्लांट का पुनरुद्धार का कार्य प्रारंभ कर रहा था, तो मुझे सारा मैप पर दिखा रहे थे, तो मैंने हमारे हमारे भारत सरकार के सब लोग जो इस काममें जुटे हैं उनको पूछा कि बताओ भाई प्रोडक्शन कब शुरू करोगे, उत्पादन कब प्रारंभ करोगे, कारखाने का काम कब पूरा होगा। उन्होंने मुझे वादा किया है कि 36 महीने के अंदर काम पूरा कर दिया जाएगा।

तालचेर के मेरे प्यारे भाइयो-बहनो, मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि 36 महीने में काम पूरा होने के बाद मैं स्वयं फिर एक बार आपके बीच आऊंगा और इसका लोकार्पण करूंगा। देश के किसानों को, देश की कृषि व्यवस्था को मजबूत करने के लिए हजारों करोड़ रुपये खर्च करके बंद पड़े खाद कारखानों को खोलने का काम हमने तेज गति से आगे बढ़ाया है। यहां तालचेर के अलावा उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में, झारखंड के सिंदरी में, तेलंगाना के रामागुंदममें और बिहार के बरौनी में देश के पांच बड़े खाद कारखानों को फिर से जीवन देने का काम चल रहा है। भाइयो और बहनो, कई बार मैं सोचता हूं, तो हैरान रह जाता हूं कि जब हमारे देश में साधन थे, संसाधन थे, हमारे देश में सामर्थ्य था तो भी इन कारखानों को शुरू करने की गंभीर कोशिश पहले क्यों नहीं हुई। क्योंसिर्फ फाइलों पर ही काम हुआ, राजनीतिक वादे होते रहे, भाषण होते रहे लेकिन जमीन पर कुछ नजर नहीं आया है।

भाइयो और बहनो, पिछले चार-सवा चार साल में हमारी सरकार ने देश के गरीबों, देश के पिछड़ों और हमारे पिछड़े इलाकों को बैंकिंग सेवाओं से जोड़ने में पूरा जोर लगा दिया है। जन धन योजना की वजह से ओडिशा में भी एक करोड़ तीस लाख गरीबों के बैंक खाते खुल चुके हैं। केंद्र सरकार की तमाम योजनाओं का पैसाअब इन खातों में सीधे ट्रांसफर किया जा रहा है। साथियो, आपको याद होगा और ओडिशा वालों को ज्यादा याद रहना चाहिए, हमारे देश में एक प्रधानमंत्री थे, उन्होंने एक बार कहा था कि दिल्ली से एक रुपया भेजते हैं तो सिर्फ 15 पैसा गरीब तक पहुंचता है, ये बीच में कौन बिचौलिये थे जो एक रुपये का 15 पैसा कर देते थे। उन्हें बीमारी क्या थीउसका तो पता चला, लेकिन उस बीमारी से देश को कैसे बचाया जा सके इसके लिए न उनमें कोई दम था, न संकल्प शक्ति थी, न विजन था, न सामर्थ्य था। वो चोरी का सिलसिला चलता रहा। अब हमारी सरकार ये सुनिश्चित कर रही है कि जो पैसा दिल्ली से भेजा जाए वोशत-प्रतिशत, पूरा का पूरा गरीब के बैंक खाते में सीधा जमा हो जाए, बीच में कोई बिचौलिया ना हो। हमारे काम करने का तरीका है और ये तरीका इसलिए है कि हमारी नीति स्पष्ट है, हमारी नीयत साफ है।

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मेरे प्यारेभाइयो-बहनो, आज पूरे देश में स्वच्छता का मिशन तेज गति से काम कर रहा है। स्वच्छता का अभियान चल रहा है, हिंदुस्तान के हर छोटे-मोटे राज्य उसके साथ जुड़ रहे हैं। 2014 में ग्रामीण स्वच्छता का दायरा ओडिशा में केवल 10 प्रतिशत था, लेकिन जबसे भारत सरकार ने बीड़ा उठाया है, उसमें गति लाने का प्रयासकिया है, ओडिशाके जागरूक नागरिकों ने मेरी मदद की है, मेरा साथ दिया है, कंधे से कंधा मिलाकर के साथ दिया हैऔर उसके कारण 2014 में जो 10 प्रतिशत था वो अब करीब-करीब 55 प्रतिशत पहुंचा है। लेकिन देश किस गति से आगे बढ़ रहा है। देश ने जिस प्रकार से स्वच्छता का बीड़ा उठाया है, ओडिशा को बहुत कुछ करना बाकी है। यह न केवल राष्ट्रीय औसत से बहुत पीछे है, बल्कि ऐसे कई राज्यों से भी कम है जो कई अन्य मापदंडों से ओडिशा से पीछे हैं वो भी स्वच्छता के मुद्दे पे आगे निकल गए हैं और इसलिए हमें और भी आगे जाना है, और प्रयास करने हैं। मेरा विश्वास है कि आने वाले महीनों में इस अभियान को और तेज करके हम ओडिशा में भी संपूर्ण स्वच्छता का लक्ष्य हासिल करेंगे।

मैंने कुछ दिन पहले यहां के मुख्यमंत्री श्रीमान नवीन बाबू से भी आग्रह कियाथा कि देखिए देश स्वच्छता में काफी आगे बढ़ रहा है और ओडिशा पीछे रह जाएगा। शौचालय नहीं बन रहे हैं, ओपेन डेफिकेशन फ्री का मूवमेंट नहीं चल रहा है। मैंने उन्हें आग्रहपूर्वक संदेश भेजा था, लेकिन आज जब माता हिंगुला की धरती पर आया हूं, भगवान जगन्नाथ की धरती पर आया हूं, तब मैं नवीन बाबू को फिर से एक बार आग्रह करता हूं कि ओडिशा में वो स्वच्छता को प्राथमिकता दें। ये स्वच्छता स्वास्थ्य के साथ जुड़ी हुई है। ओडिशा के लोगों के उत्तम स्वास्थ्य के लिए उत्तम स्वच्छता की भी आवश्यकता है।

कुछ इस प्रकार से मेरे प्यारे भाइयो-बहनो, आने वाले दिनों में हम देश के लोगों के स्वास्थ्य से जुड़ा एक और भगीरथ कार्य कल से झारखंड की धरती से एक साथ हिंदुस्तान के गांव- गांव में प्रारंभ करने जा रहे हैं। ये कार्यक्रम है आयुष्मान भारत योजना के तहत कल से प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना PMJAYइसकी शुरुआत हो रही है। इस योजना के तहत देश के 10 करोड़ गरीब परिवारों को यानि कि करीब-करीब 50 करोड़ लोगों को मतलब अमेरिका, कनाडा, मेक्सिको उनकी पूरी जो जनसंख्या है उससे भी ज्यादा लोगों को,उनके परिवारों में अगरगंभीर बीमारी के इलाज के लिए आवश्यकता पड़ेगी तो साल भर में पांच लाख रुपये तक का हेल्थ एश्योरेंस दिया जाएगा। पांच लाख रुपया..यानि कोई गंभीर बीमारी होने की स्थिति में गरीब परिवार को तय अस्पतालों में पांच लाख रुपये तक का इलाज मुफ्त में मिलेगा। गरीब के घर में बीमारी आती है तो वो ब्याज के चक्कर में डूब जाता है, परिवार तबाह हो जाता है, मैं ऐसे परिवारों को बचाना चाहता हूं।

मेरे भाइयो-बहनो, हिंदुस्तान के अधिकतम राज्य भारत सरकार की इस योजना से जुड़ गए हैं। जो राज्य जुड़ गए हैं, उस राज्य के गरीबों को इसका फायदा मिलने वाला है। आप मुझे बताइए भाइयो-बहनो, इसका फायदा ओडिशा के गरीबों को मिलना चाहिए कि नहीं मिलना चाहिए। पूरी ताकत से मुझे समझाइए, मिलना चाहिए कि नहीं मिलना चाहिए। क्या ऐसी योजना का लाभ लेना चाहिए कि नहीं लेना चाहिए, ओडिशा की सरकार को आगे आना चाहिए कि नहीं आना चाहिए, लेकिन मुझे समझ नहीं आ रहा है, हमारे नवीन बाबू को समझ नहीं आ रहा है। मैं आज आप के माध्यम से सार्वजनिक रूप से हमारे मित्र नवीन बाबू को फिर से आग्रह करूंगा कि ओडिशा के लाखों परिवारों की भलाई के लिए, गरीब परिवारों के स्वास्थ्य के लिए, गरीब परिवारों को मदद करने के लिए भारत सरकार ने जो योजना बनाई है आयुष्मान भारत योजना आप उसके साथ जुड़िए और हर परिवार को पांच लाख रुपये तक की मदद में आप भी आ जाइए, मैं निमंत्रण देता हूं। इस योजना से जुड़ने पर ओडिशा के लोग किसी भी राज्य में, अगर यहां से आपको दिल्ली भी जाना पड़े बीमारी में, तो उसका इलाज भी उस योजना के तहत आपका मुफ्त में हो जाएगा, लेकिन योजना होगी तो लाभ मिलेगा। अगर ओडिशा की सरकार नहीं जुड़ेगी, तो आपकी सेवा मैं नहीं कर पाऊंगा।

भाइयो और बहनो, ओडिशा में स्वास्थ्य सेवाएं किस स्थिति में रही हैं, ये किसी से छिपा नहीं है। जन्म के समय माता और बच्चे की होने वाली मृत्यु, ओडिशा के हेल्थ सेंटर की सच्चाई, मैं नहीं मानता हूं, उसके लिए अब कोई मुझे वर्णन करने की जरूरत है। सारी चीजें खुली किताब की तरह लोगों के सामने पड़ी हैं। इसलिए केंद्र सरकार का प्रयास है कि यहां स्वास्थ्य सुवाएं सुधरें। यहां के नागरिकों को बीमारियों के इलाज के लिए बड़े-बड़े शहरों की तरफ न जाना पड़े। आयुष्मान भारत के तहत आपके राज्य की बड़ी पंचायतों में वेलनेस सेंटर भी खोलने की तैयारी है। इसके अलावा राज्य में पांच नए मेडिकल कॉलेज भी खोले जा रहे हैं, बालासोर, बारीपडा, बोलांगीर, कोरापुट और पुरी में मेडिकल कॉलेज और राउरकेला में मेडिकल कॉलेज के लिए लगभग 570 करोड़ रुपये की मदद दी जा रही है। साथ ही तालचेर और सुंदरगढ़ में सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल पर काम चल रहा है। कटक, बुर्ला और बहरामपुर के मौजूदा मेडिकल कॉलेजों के आधुनिकीकरण पर भी 360 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं।

भाइयो और बहनो, आज इस मंच पर आपके लोकप्रिय साथी श्रीमान धर्मेंद्र जी, श्रीमान जुएलजी जो मेरी सरकार की टीम में काम करते हैं, उनकी भी मैं प्रशंसा करूंगा क्योंकि उनकी योजनाओं के कारण सरकार की कई योजनाएं यहां लागू हुई हैं। बहनों-बेटियों को रसोईघर में धुएं से मुक्ति मिली है। ओडिशा में उज्ज्वला योजना के तहत 34 लाख से ज्यादा गरीब परिवार, महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन दिए गए हैं। ओडिशा ने एलपीजी गैस कनेक्शन के मामले में बहुत बड़ी छलांग लगाई है। 2014 में राज्य में सिर्फ 22 प्रतिशत लोगों के पास गैस कनेक्शन था, अब यह बढ़कर 60-65 प्रतिशत से ज्यादा हो गया है। उज्ज्वला योजना की वजह से न सिर्फ महिलाओं का, बल्कि उनके परिवार का भी स्वास्थ्य सुधर रहा है।
साथियो, केंद्र सरकार की कोशिश आपका जीवन आसान बनाने की है, आपके जीवन से बेवजह की चुनौतियां कम करने की है। इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए सिर्फ एक रुपये महीना और 90 पैसे प्रतिदिन के प्रीमियम पर ओडिशा के 50 लाख लोगों को सुरक्षा बीमा कवच दिया गया है। किसी अनहोनी की स्थिति में अब प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना और प्रधानमत्री सुरक्षा बीमा योजना, इसके कहत दो-दो लाख रुपये इन गरीब परिवारों को मिल रहे हैं।

भाइयो और बहनो, किस गरीब का सपना नहीं होता कि उसके पास अपना एक घर हो। हर किसी का सपना होता है लेकिन दशकों तक घरों को लेकर भी नारे चलते रहे, बड़ी-बड़ी बातें कहीं, जमीन पर काम न के बराबर हुआ। पहले आवास योजनाओं के तहत किस तरह के घर मिलते थे, कितने घर मिलते थे, ये सारी बातें आपको भलीभांति पता हैं। अब भारतीय जनता पार्टी सरकार ने ठाना है कि साल 2022 तक जब आजादी के 75 साल मनाएंगे, देश में कोई बिना घर के न हो, हर गरीब के पास छत हो और इसके लिए पहले की योजनाओं में जितनी कमियां थीं उन्हें दूर किया गया है। केंद्र सरकार की आवास योजनाओं के तहत ओडिशा में बन रहे घरों में भी 40 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि हुई है।

पिछले चार साल में प्रधानमंत्री आवास योजना समेत दूसरी केंद्रीय योजनाओं के तहत राज्य के करीब-करीब 10 लाख घरों के निर्माण के लिए स्वीकृति दे दी गई है। जबकि पहले की सरकार के 10 साल के शासन में सिर्फ सात लाख घरों की स्वीकृति दी गई। घरों के निर्माण के ये अंतर गवाह हैं कि हमारी सरकार ओडिशा के गरीब भाई-बहनों को घर देने के लिए कितनी गंभीर है।

भाइयो और बहनो, केंद्र सरकार ये भी सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है कि ओडिशा में किसी भी गरीब को भूखा सोने की नौबत नहीं आनी चाहिए। कभी-कभी ये जानकारियां लोगों को नहीं होती हैं तभी हमें मजबूरन बताना पड़ रहा है मेरे ओडिशा के प्यारे भाइयो-बहनो, ओडिशा में जो चावलगरीबों को एक रुपये प्रति किलो दिया जाता है, उस एक किलो चावल के पीछे 25 रुपया से 30 रुपया भारत सरकार के खजाने से देते हैं। तब जाकर के एक रुपये किलो चावल आपकी थाली में आता है। ये जानकारी लोगों को है ही नहीं, उनको पता ही नहीं है, सारा पैसा दिल्लीसे आता है।राज्य के 85 लाख से ज्यादा परिवारों को इसका लाभ मिल रहा है। इस योजना के लिए केंद्र सरकार नवीन बाबू की सरकार को हर महीने लगभग 450 करोड़ रुपये देती है। इसके अलावा जो वितरण प्रणाली है, उसका आधुनिकीकरण करके ये सुनिश्चित किया जा रहा है कि गरीबों का अधिकार कोई बिचौलिया छीन न ले।

भाइयो और बहनो, जब नीयत साफ हो, देश का हित सबसे आगे हो, तो ऐसे फैसले लिए जाते हैं जिन्हें लेने का हौसला दूसरों में कहीं नजर नहीं आता है। हमारी सरकार आर्थिक ही नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय के लिए भी निरंतर कार्य कर रही है। दशकों से देश में ओबीसी कमीशन को संवैधनिक दर्जा देने की मांग हमारे पिछड़े समुदाय के भाई-बहन कर रहे थे। इस मांग को पूरा करने का काम भी इसी सरकार ने किया है। अब ओबीसी कमीशन के पास जितनी जिम्मेदारियां हैं, उतने ही उचित उसके पास अब अधिकार भी हैं।

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तीन दिन पहले ही केंद्र सरकार ने एक और ऐसा फैसला लिया है, जिसकी आवश्यकता दशकों से महसूस की जा रही थी लेकिन पहले की कोई भी सरकार इसका जिक्र तक करने से डरती थी। ये फैसला है तीन तलाक पर। तीन तलाक किस तरह हमारी मुस्लिम बहनों की जिंदगी को तबाह कर रहा है, ये हम भलीभांति जानते हैं लेकिन वोट खोने के डर से इस समस्याके बारे में कोई बात तक करने को तैयार नहीं था। हमारी सरकार ने जब लोकसभा में तीन तलाक से जुड़ा कानून पास कराया तो उसे राज्यसभा में रोकने की कोशिश की गई। लेकिन हम मुस्लिम बहनों-बेटियों को इस कुप्रथा के चंगुल से निकालने के लिए संकल्पबद्ध हैं, प्रतिबद्ध हैं। अब तीन तलाक पर ऑर्डिनेंस (अध्यादेश) लाकर इसे गैरकानूनी घोषित कर दिया गया है। हमारी निरंतर कोशिश रहेगी कि इस पर संसद से भी जल्द से जल्द मुहर लगवाई जाए।

साथियो, आपके आशीर्वाद से ओडिशा भी देश के विकास में कंधे से कंधा मिलाकर के आगे बढ़ने के लिए तैयार है। रुकावट क्या है, वो मुझे कहने की जरूरत नहीं है, मुसीबत कहां है वो मुझे समझाने की जरूरत नहीं है। भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में आपका ये समर्थन इस बात का गवाह है कि नए ओडिशा के सपने को आप जल्द से जल्द पूरा करना चाहते हैं। आपके इस सपने को पूरा करने के लिए, ओडिशा के इस सपने को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार हर तरह से आपके साथ है।
एक बार फिर आप सभी को तालचेर में हो रहे नवनिर्माण की बहुत-बहुत बधाई। फिर से एक बार 36 महीने पर काम पूरा होने पर आपके आशीर्वाद से यहां उद्घाटन के लिए आऊंगा।

भाइयो-बहनो, अब यहां से मुझे झारसुगुड़ा जाने का कार्यक्रम है। वहां भी नए ओडिशा से जुड़ी अनेक परियोजनाओं की शुरुआत होगी। आप यहां आए, इतना स्नेह, इतना आशीर्वाद दिया, मैं हृदय से आप सबका बहुत-बहुत धन्याद करता हूं।

जय जगन्नाथ
जय जगन्नाथ
जय जगन्नाथ।।

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Prime Minister condoles passing of Dr. Shankar Rao Tatwawadi Ji
March 13, 2025

The Prime Minister, Shri Narendra Modi condoled passing of Dr. Shankar Rao Tatwawadi Ji, today. Shri Modi stated that Dr. Shankar Rao Tatwawadi Ji will be remembered for his extensive contribution to nation-building and India's cultural regeneration."I consider myself fortunate to have interacted with him on several occasions, both in India and overseas. His ideological clarity and meticulous style of working always stood out" Shri Modi added.

The Prime Minister posted on X :

"Pained by the passing away of Dr. Shankar Rao Tatwawadi Ji. He will be remembered for his extensive contribution to nation-building and India's cultural regeneration. He dedicated himself to RSS and made a mark by furthering its global outreach. He was also a distinguished scholar, always encouraging a spirit of enquiry among the youth. Students and scholars fondly recall his association with BHU. His various passions included science, Sanskrit and spirituality.

I consider myself fortunate to have interacted with him on several occasions, both in India and overseas. His ideological clarity and meticulous style of working always stood out.

Om Shanti