मेरे प्याारे भाइयों और बहनों,

आज राष्ट्रम को ये आधुनिक Steel की इकाई समर्पित करते हुए, मैं गर्व महसूस कर रहा हूं। कोई इसको (IISCO) कहे, कोई उसको कहे, लेकिन आज का अवसर तो हम सबको गर्व देने वाला है। अभी मैं आदरणीय मुख्यSमंत्री जी को सुन रहा था। उन्होंगने बहुत ही अच्छीो बात बताई, और उन्होंरने कहा कि केंद्र और राज्यन हम मिल करके जितना काम करेंगे, देश उतना तेजी से आगे बढ़ेगा। भारत के संविधान में Federal structure तो दिया है लेकिन दुर्भाग्य से आजादी के बाद कई वर्षों तक केंद्र और राज्ये के संबंधों में हमेशा तनाव रहा है। केंद्र में बैठे हुए लोग मानते थे हम कुछ खास हैं और राज्योंऔ को वो कुछ गिनते ही नहीं थे। मैं भी बहुत लंबे अरसे तक राज्यम का मुख्य मंत्री रहा हूं। और इसलिए मुझे भली-भांति पता है कि केंद्र का राज्योंस के साथ यह व्यमवहार देश का भला नहीं करेगा। और इसलिए हमने आते ही एक बहुत बड़ा परिवर्तन लाया, Cooperative Federalism की बात कही। Cooperative competitive federalism की बात कही। नीति आयोग का निर्माण किया। और अब दिल्लीऔ अकेला देश नहीं चलाएगा, अब देश एक खंभे पर नहीं सभी राज्योंि का एक-एक खंभा मिला करके, 30 खंभों पर देश आगे बढ़ेगा। ये हमने सोचा है।

टीम इंडिया, मैं Day One से कह रहा हूं टीम इंडिया के बिना हिंदुस्ताचन प्रगति नहीं कर सकता। प्रधानमंत्री और मुख्यैमंत्री ये मिल करके एक टीम है। ये टीम हिंदुस्तांन को आगे बढ़ाएगी, दल कोई भी हो लेकिन दल से बड़ा देश होता है। आज टीम इंडिया के कारण प्रगति कैसे होती है, आज एक बीमार इकाई ताकत के साथ खड़ी हो गई, हजारों लोगों के लिए नौकरी के अवसर मिल गये। हिंदुस्ता न को Steel के क्षेत्र में आगे बढ़ाने में ये बर्नपुर की धरती, ये बंगाल की धरती काम आई। अगर यहां के मुख्यसमंत्री ने यहां की सरकार ने, रोड़े अटकाये होते तो ये काम संभव नहीं होता। मिल करके काम करते हैं तो परिणाम मिलता है। ये टीम इंडिया का सफलता का उदाहरण है कि आज हम देश को ये इकाई समर्पित कर रहे हैं।

दो दिन पहले आपने देखा होगा 41 साल से, Fourteen One Year से एक मामला लटका हुआ था। “बंग-बंधु” Mujibur Rahman के जमाने से यह काम लटका हुआ था। लेकिन अभी दो दिन पहले भारत और बांग्लाखदेश के बीच जो सीमा का विवाद रहता था, तनाव चलता रहता था, उसका समाधान हुआ। कैसे हुआ? टीम इंडिया के कारण हुआ। ममता जी ने, बंगाल की सरकार ने, असम ने, त्रिपुरा ने, मेघालय, मिजोरम ने, दिल्लीक सरकार के साथ कंधे से कंधा मिला करके फैसला किया। सभी राजनीतिक दलों ने फैसला लिया। और पहली बार यह देश गर्व कर सकता है कि राज्यीसभा हो या लोकसभा - दोनों सदनों में एक भी मत विरोध में नहीं पड़ा, सब के सब मत एक साथ पड़े और टीम इंडिया का यह दर्शन हम पूरी दुनिया को दिखा पाए। सारे विश्व के लिए भारत की संसद का यह निर्णय, टीम इंडिया का यह निर्णय, केंद्र और राज्यस के साथ मिलकर के चलने का प्रयास का परिणाम यह आज समस्या्एं दुनिया के किसी देश के साथ भी सुलझाई जा सकती है। अगर टीम इंडिया का भाव हो, अगर विदेशों से समस्या एं सुलझाई जा सकती है, तो घर में तो बहुत आसानी से सुलझाई जा सकती है। और इसलिए हमारी पूरी कोशिश है।

अब देखिए अभी 14th Finance Commission हमने शब्दइश: स्वीलकार किया और उसका परिणाम क्या आया? एक जमाना था जब दिल्लीn सरकार की तिजौरी में देश की 60-65% संपत्ति रहती थी। और 35-40% में सभी राज्योंस के खजाने में पैसे रहते थे। हमने आने के बाद जो फैसले किए उसका परिणाम यह आया है कि आज हिंदुस्ता न का Total जो खजाना है उस खजाने का 62% राज्योंक के खजानों में है और सिर्फ 38% दिल्ली के खजाने में है। यह बदलाव हम लाएं हैं, क्योंाकि विकास करना है तो राज्योंर की मदद के बिना हो नहीं सकता है। विकास करना है तो राज्योंप और दिल्लीो मिलकर के करेंगे तभी संभव होता है और इसका यह उदाहरण है। ऐसे बहुत उदाहरण बन सकते हैं, जिसको लेकर के हमारा चलने का प्रयास है।

और मैं मानता हूं... हिंदुस्तारन का जो नक्शाय देखें तो मैं पहले ही दिन से मानता हूं कि भारत के विकास में सामाजिक स्त.र पर असंतुलन है, आर्थिक स्त र पर असंतुलन है, शैक्षणिक स्तिर पर अंसतुलन है लेकिन साथ-साथ भौगोलिक स्तथर पर भी असंतुलन है। हिंदुस्तासन का पश्चिमी किनारा देखिए - केरल हो, कर्नाटक हो, गोवा हो, महाराष्ट्र हो, राजस्थाेन हो, दिल्ली हो, हरियाणा हो, पंजाब हो - आपको पश्चिमी छोर पर आर्थिक गतिविधि तेज नज़र आती है। लेकिन हिंदुस्ताकन का पूर्वी क्षेत्र उपेक्षित रहा है। हिंदुस्ता न के पूर्वी क्षेत्र चाहे पूर्वी उत्तलर प्रदेश हो, चाहे बिहार, चाहे बंगाल हो, चाहे ओडि़शा हो, चाहे असम हो, चाहे नॉर्थ ईस्टव हो - बहुत ही शक्तिशाली राज्ये है। यहां के लोग सामर्थ्यतवान हैं। प्राकृतिक संपदाओं के भंडार भरे पड़े हैं। लेकिन फिर भी विकास के दौर में पीछे रहे गए है। अगर भारत मां को हमें भव्यस रूप से देखना है तो भारत मां का एक अंग अगर बीमार होगा तो भारत माता कभी मजबूत नहीं हो सकती है। और इसलिए हमारा सपना है हिंदुस्ताान के पूर्वी हिस्सेब को सबसे अधिक ताकतवर बनाना, हिंदुस्तापन के पश्चिमी छोर की बराबरी में लाकर के खड़ा कर देना और अगर बंगाल मजबूत नहीं बनता, कोलकाता मजबूत नहीं बनता तो हिंदुस्ता न का पूर्वी हिस्साअ भी मजबूत नहीं हो सकता है और इसलिए मां भारती को मजबूत बनाने के लिए भारत के इस भू-भाग को भी ताकत देने की आवश्यलकता है।

Second Green Revolution हम सपना तो देख रहे हैं लेकिन Second Green Revolution कहां होगा। मैं साफ देख रहा हूं Second Green Revolution के लिए सबसे अधिक उर्वरा भूमि कहीं है सबसे अधिक ताकत कहीं है तो वो पूर्वी हिंदुस्ताuन में है। चाहे पूर्वी उत्त र-प्रदेश हो, चाहे बिहार हो, ओडि़शा हो, बंगाल हो, असम हो, नॉर्थ इर्स्ट‍ हो विपुल मात्रा में पानी है, जमीन भी बहुत मात्रा में है। अगर किसानों का कल्याओण करना है, देश का भला करना है, तो हिंदुस्ताबन की Second Green Revolution इसी धरती पर केंद्रित करके किया जा सकता है और आने वाले 5-10 साल में सारा गांव का आर्थिक जीवन बदला जा सकता है। और हम इस vision के साथ देश को नई ऊंचाईयों पर ले जाने का प्रयास कर रहे हैं।

आप जानते हैं, 2014 के यह दिवस चुनाव के दिवस थे। चारों तरफ राजनीतिक दल एक दूसरे पर हमला कर रहे थे। हम भी बंगाल में आए थे, हम भी हमला कर रहे थे। और लोग हम पर हमला कर रहे थे लेकिन विचार क्या आते थे? 2014 के फरवरी, मार्च, अप्रैल के अखबार देख लीजिए एक ही बात आती थी। कोयले का घोटाला एक लाख 76 हजार का घोटाला, spectrum का घोटाला, पनडुब्बी7 का घोटाला, पानी में घोटाला, जमीन में घोटाला, आसमान में घोटाला, घोटालों ही घोटालों की खबरें हम पूरी देर सुनते आते थे। भाईयों-बहनों आज एक साल हो गया दिल्लीc में नई सरकार को। अखबार में खबर आती है तो क्या आती है? कोयले के घोटाले की खबर नहीं आती है। खबर आती है तो कोयले की नीलामी की खबर आती है और एक लाख 74 हजार करोड़ के घोटाले को निगल करके आज तीन लाख करोड़ रुपया सरकारी खजाने में जमा होने का खबर नजर आता है।

भाईयों बहनों, अगर विश्वा स के साथ काम किया जाए। यह कोयले की खदानें कहां हैं? हिंदुस्ताान के पूर्वी इलाके में है। जिसके पास इतनी प्राकृतिक संपदा हो, यह राज्य गरीब नहीं रहना चाहिए। और इसलिए हमने नीतिगत परिवर्तन किए। हमने कहा कोयले की खदानों का Auction होगा। पहले क्यान होता था? किसी नेता के घर से चिट्ठी आती थी कि यह कोयले की खदान उसको दे दो, और किसी को पूछे बिना दे देते थे। सरकारी खजाने में एक नया पैसा नहीं आता था। यह सारा हमने बंद कर दिया, पुराना खत्मे कर दिया, Auction किया और यह भी तय किया कि Auction में जो पैसा आएगा, कोयले के Auction में जो पैसा आएगा वो पैसा दिल्लीक की तिजोरी में नहीं, उस राज्य के खजाने में जाएगा ताकि वो सरकार राज्यी का भला कर पाए। इसका लाभ पश्चिम बंगाल को भी मिल रहा है, झारखंड को मिल रहा है, छत्तीरसगढ़ को मिल रहा है। जहां-जहां पर कोयले की खदानें हैं उन राज्योंग को मिल रहा है। पहली बार गरीबों के लिए काम करने वाली सरकार ने एक बड़ा महत्वेपूर्ण निर्णय किया। हमारे देश में खनिज संपदा हो, कोयला हो, ज्यातदातर जहां आदिवासी लोग रहते हैं, उस इलाके में हैं, जंगलों में हैं। कोयला तो जाता था, खजिन संपदा जाती थी, लेकिन उन जिले गरीबों का, आदिवसियों का भला नहीं होता था। हमने तय किया है उन जिलों में एक foundation बनाया जाएगा। इस रॉयल्टी का कुछ हिस्साक उस foundation में डाला जाएगा और वो पैसे उस जिले की नागरिकों की भलाई के लिए होगा। चाहे उनको शिक्षा देनी होगी, अरोग्य देना होगा, घर देना होगा, पानी पहुंचाना होगा। यह पैसे उनके लिए खर्च आएंगे।

अभी मुझे छत्तीासगढ़ के मुख्यमंत्री मिले थे, उन्होंंने बड़ी मजेदार बात बताई। उन्होंनने कहा साहब यह खदानों की रॉयल्टीस से आने वाले पैसों से यह जो foundation बनेगा इसमें अरबों, खरबों रुपये आने वाले हैं और उसके कारण हमारे यह जो tribal district है, उसको अब हमें सरकारी तिजोरी से शायद पैसा ही नहीं देना पड़ेगा। और शायद और राज्यों की तुलना में वो तेजी गति से बढ़ने वाले राज्य बन जाएंगे। अगर नीतिगत परिवर्तन करते हैं, दीर्घ दृष्टि से नीतियों का निर्माण करते हैं तो राष्ट्र के विकास को कैसे बदला जा सकता है, इसका हमने उदाहरण देखा है।

भाईयों और बहनों, यह कैसा देश है कि हम iron ore विदेशों में export करते रहे है, विकास करते रहे, कच्चास माल देते रहे और steel विदेशों से मंगवाते रहे? भाईयों बहनों ऐसे तो देश नहीं चल सकता कि हम गेहूं बाहर भेजे और चपाती बाहर से अंदर लाए। ऐसा नहीं हो सकता। अगर iron ore हमारा है तो स्टी ल भी हम बनाएंगे, नौजवानों को रोजगार देंगे और यह देश यह सपना देखकर के चलता है कि 2020 में आज हम दुनिया में जिस जगह हैं उससे दो कदम आगे चल सकते हैं या नहीं चल सकते। उस दिशा में हम काम करना चाहते हैं। आज China से स्टीयल हमकों लाना पड़ रहा है। हम स्टीाल iron ore होने के बावजूद भी उत्पाददन नहीं करते। हमारी जो खनिज संपदा है आखिरकार जो लोग अर्थशास्त्रा के पंडित हैं वो भलिभांति जानते हैं पैसा आएगा कहां से? वो भली-भांति जानते हैं पैसा आएगा कहां से आएगा? देश को विकास करना है तो धन कहां से आएगा, धन कहां से पैदा होगा, तीन प्रमुख जगहें हैं, तीन प्रमुख जगह हैं जहां से पैसा ज्‍यादा से ज्यासदा आने की संभावना है:

• एक हमारी उर्वरा भूमि से, हम जितना ज्या्दा मूल्येवान उत्पाददन करें,
• दूसरा हमारी खनिज संपदा उसमें Value Addition करके मूल्यू वृद्धि करके, उसमें से हम नये product बनायें, हमारे खजाने में पैसा आता है और
• तीसरा सवा सौ करोड़ देशवासियों की ताकत, उनका हुनर, हमारे नौजवानों की Skill , हमारे नौजवानों की बुद्धि, हमारी ज्ञान शक्ति, हमारी कौशल्य शक्ति, वो रूपयों को पैदा कर सकती है

और इसलिए हमने इन तीन ही धाराओं को ले करके, एक तरफ देश के नौजवानों को हुनर सिखाना, दूसरी तरफ खनिज संपदा में मूल्यन वृद्धि करना, और तीसरी तरफ, soil health Card जैसे प्रयोगों द्वारा, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के द्वारा, किसानों को पानी पहुंचा करके जमीन की परख करके उतम से उत्पा दन कैसे हो, उसके रास्तेा दिखा करके कम जमीन में ज्या दा उत्पाेदन परिवार की आर्थिक स्थिति को सुधारे, ऐसा उत्पामदन उस दिशा में हम काम कर रहे हैं।

और मुझे विश्वा्स है एक साल के भीतर-भीतर हमने पाया है। आज सारी दुनिया कहने लगी है, आज हिंदुस्ताहन दुनिया में, मेरे प्या रे भाइयों और बहनों गर्व कीजिए, पूरा विश्वो कह रहा था एक साल पहले कि हिंदुस्ता न डूब जाएगा, हिंदुस्तापन कुछ नहीं कर सकता है, हिंदुस्ता न लुढ़क गया है, दुनिया की आर्थिक रचना में, अब हिंदुस्तानन अपनी जगह नहीं बना सकता, ये सारी दुनिया ने मान लिया था। एक साल के भीतर-भीतर पूरा विश्वह एक स्वर से कह रहा है। IMF हो, World Bank हो, Moody’s हो हर कोई दुनिया की जितनी rating agency है सारी rating agency ये कह रही हैं - भारत आज दुनिया का सबसे तेज गति से आगे बढ़ने वाला देश बन गया है। दुनिया का सबसे तेज गति से आर्थिक विकास करने वाला देश बन गया है।

भाईयों और बहनों, मजबूत नींव रखी गई है एक साल के भीतर-भीतर और मजबूत नींव को देख करके दुनिया कहने लगी है कि विश्वत की अर्थ रचना में भारत तेज गति से अपनी जगह बना रहा है। भाईयों और बहनों, खास करके नौजवानों को रोजगार देना है, गरीबी के खिलाफ लड़ाई लड़नी है, नौजवानों की ताकत से लड़नी है, सरकार और जनता साथ मिल करके चलें तो हम कैसा परिवर्तन ला सकते हैं, इसका ये उत्तंम उदाहरण है। .

मैं चाहता हूं, बंगाल भी विकास की नई ऊंचाईयों पर पहुंचे, और जो बंगाल का भव्यी इतिहास था, पूरे हिंदुस्ताकन की आर्थिक डोर बंगाल के हाथ में हुआ करता था। देश को आर्थिक देने का काम कभी बंगाल किया करता था। वो ताकत फिर से मिलेगी। बंगाल बहुत आगे बढ़ेगा, पूर्वी हिंदुस्ताथन को आगे बढ़ाएगा। इतना ही नहीं पूर्व के देशों के साथ हमारे संबंधों को मजबूत बनाने में बंगाल की आर्थिक ताकत बहुत काम आने वाली है। इसलिए राष्ट्रीय कारणों से, अंतर्राष्ट्रीय कारणों से, पूरी दुनिया की तरफ आगे बढ़ने के लिए जब हमारी Act East Policy है तब बंगाल की एक अहम भूनिका है। और मुझे विश्वास है कि टीम इंडिया की यह ताकत, केन्द्र और राज्य की मिलकर के आगे बढ़ने की यह ताकत हमारे सारे सपनों का पूरा करने में काम आएगी।

इसी एक विश्वास के साथ मैं फिर एक बार आप सभी का हृदय से धन्यवाद करता हूँ। और मैं सभी मेरे मजदूर भाईयों और बहनों को विश्सास दिलाता हूँ कि आपका पसीना बेकार नही जाएगा। आपका पसीना बेकार नही जाएगा। आपका पसीना ही है जो पूरे विश्वा में हिंदुस्ता न की आबो-हवा को बदलेगा। यह मेरा विश्वा स है।

मेरी बहुत-बहुत शुभकामनाएं, बहुत-बहुत धन्यैवाद।

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December 17, 2024
प्रधानमंत्री ने राजस्थान में ऊर्जा, सड़क, रेलवे और जल से संबंधित 46,300 करोड़ रुपये से अधिक लागत की 24 परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया
श्री मोदी ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें आज सुशासन का प्रतीक बन रही हैं
इन 10 वर्षों में हमने देश के लोगों को सुविधाएं प्रदान करने, उनके जीवन से कठिनाइयां कम करने पर बहुत ध्यान दिया है: श्री मोदी
हम समाधान प्रदान करने में विरोध नहीं, बल्कि सहयोग में विश्वास करते हैं: श्री मोदी
मैं वो दिन देख रहा हूं जब राजस्थान में पानी की कमी नहीं होगी, राज्य में विकास के लिए पर्याप्त पानी होगा: प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री ने कहा कि जल संसाधनों का संरक्षण, पानी की हर बूंद का उपयोग करना केवल सरकार की ही नहीं, बल्कि पूरे समाज की जिम्मेदारी है
राजस्थान में सौर ऊर्जा की अपार संभावनाएं हैं, यह इस क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बन सकता है: प्रधानमंत्री

भारत माता की जय।

भारत माता की जय।

गोविन्द की नगरी में गोविन्ददेव जी नै म्हारो घणो- घणो प्रणाम। सबनै म्हारो राम-राम सा!

राजस्थान के गवर्नर श्री हरिभाऊ बागड़े जी, राजस्थान के लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा जी, मध्य प्रदेश से विशेष रूप से आज पधारे हुए हमारे लाडले मुख्यमंत्री मोहन यादव जी, केंद्र में मंत्री परिषद के मेरे साथी श्रीमान सी. आर. पाटिल जी, भागीरथ चौधरी जी, राजस्थान की डिप्टी सीएम दीया कुमारी जी, प्रेम चंद भैरवा जी, अन्य मंत्रिगण, सांसदगण, राजस्थान के विधायक, अन्य महानुभाव और राजस्थान के मेरे प्यारे भाइयों और बहनों। और जो वर्चुअली हमारे साथ जुड़े हुए हैं, राजस्थान की हजारों पंचायतों में एकत्र आए हुए सभी मेरे भाई-बहन।

मैं राजस्थान की जनता को, राजस्थान की भाजपा सरकार को, एक साल पूरा करने के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं। और इस एक साल की यात्रा के बाद आप जब लाखों की तादाद में आशीर्वाद देने के लिए आए हैं, और मैं उस तरफ देख रहा था जब खुली जीप में आ रहा था, शायद जितने लोग पंडाल में हैं तीन गुना लोग बाहर नजर आ रहे थे। आप इतनी बड़ी तादाद में आशीर्वाद देने आए हैं, मेरा भी सौभाग्य है कि मैं आज आपके आशीर्वाद को प्राप्त कर सका। बीते एक वर्ष में राजस्थान के विकास को नई गति, नई दिशा देने में भजनलाल जी और उनकी पूरी टीम ने बहुत परिश्रम किया है। ये पहला वर्ष, एक प्रकार से आने वाले अनेक वर्षों की मज़बूत नींव बना है। और इसलिए, आज का उत्सव सरकार के एक साल पूरा होने तक सीमित नहीं है, ये राजस्थान के फैलते प्रकाश का भी उत्सव है, राजस्थान के विकास का भी उत्सव है।

अभी कुछ दिन पहले ही मैं इंवेस्टर समिट के लिए राजस्थान आया था। देश और दुनियाभर के बड़े-बड़े निवेशक, यहां जुटे थे। अब आज यहां 45-50 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक के प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण और शिलान्यास हुआ है। ये प्रोजेक्ट, राजस्थान में पानी की चुनौती का स्थाई समाधान करेंगे। ये प्रोजेक्ट, राजस्थान को देश के सबसे कनेक्टेड राज्यों में से एक बनाएंगे। इससे राजस्थान में निवेश को बल मिलेगा, रोजगार के अनगिनत अवसर बनेंगे। राजस्थान के टूरिज्म को, यहां के किसानों को, मेरे नौजवानों साथियों को इससे बहुत फायदा होगा।

साथियों,

आज भाजपा की डबल इंजन की सरकारें सुशासन का प्रतीक बन रही हैं। भाजपा जो भी संकल्प लेती है, वो पूरा करने का ईमानदारी से प्रयास करती है। आज देश के लोग कह रहे हैं कि भाजपा, सुशासन की गारंटी है। और तभी तो एक के बाद, एक के बाद एक राज्यों में आज भाजपा को इतना भारी जन-समर्थन मिल रहा है। देश ने लोकसभा में भाजपा को लगातार तीसरी बार देश की सेवा करने का अवसर दिया है। बीते 60 सालों में हिन्दुस्तान में ऐसा नहीं हुआ। 60 साल के बाद भारत की जनता ने तीसरी बार केंद्र में सरकार बनाई है, लगातार तीसरी बार। हमे देशवासियों की सेवा करने का अवसर दिया है, आशीर्वाद दिए हैं। अभी कुछ दिन पहले ही, महाराष्ट्र में भाजपा ने लगातार दूसरी बार सरकार बनाई। और चुनाव नतीजों के हिसाब से देखें तो वहां भी ये लगातार तीसरी बार बहुमत मिला है। वहां भी पहले से कहीं अधिक सीटें भाजपा को मिली हैं। इससे पहले हरियाणा में लगातार तीसरी बार भाजपा की सरकार बनी है। हरियाणा में भी पहले से भी ज्यादा बहुमत लोगों ने हमें दिया है। अभी-अभी राजस्थान के उपचुनाव में भी हमने देखा है कि कैसे भाजपा को लोगों ने ज़बरदस्त समर्थन दिया है। ये दिखाता है कि भाजपा के काम और भाजपा के कार्यकर्ताओं की मेहनत पर आज जनता-जनार्दन का कितना विश्वास है।

साथियों,

राजस्थान तो वो राज्य है जिसकी सेवा का भाजपा को लंबे समय से सौभाग्य मिलता रहा है। पहले भैरों सिंह शेखावत जी ने, राजस्थान में विकास की एक सशक्त नींव रखी। उनसे वसुंधरा राजे जी ने कमान ली और सुशासन की विरासत को आगे बढ़ाया, और अब भजन लाल जी की सरकार, सुशासन की इस धरोहर को और समृद्ध करने में जुटी है। बीते एक वर्ष के कार्यकाल में इसी की छाप दिखती है, इसी की छवि दिखती है।

साथियों,

बीते एक वर्ष के दौरान क्या-क्या काम हुए हैं, उसके बारे में विस्तार से यहां कहा गया है। विशेष रूप से गरीब परिवारों, माताओं-बहनों-बेटियों, श्रमिकों, विश्वकर्मा साथियों, घूमंतु परिवारों के लिए अनेक फैसले लिए गए हैं। यहां के नौजवानों के साथ पिछली कांग्रेस सरकार ने बहुत अन्याय किया था। पेपरलीक और भर्तियों में घोटाला, ये राजस्थान की पहचान बन चुकी थी। भाजपा सरकार ने आते ही इसकी जांच शुरु की और कई गिरफ्तारियां भी हुई हैं। इतना ही नहीं, भाजपा सरकार ने यहां एक साल में हज़ारों भर्तियां भी निकालीं हैं। यहां पूरी पारदर्शिता से परीक्षाएं भी हुई हैं, नियुक्तियां भी हो रही हैं। पिछली सरकार के दौरान राजस्थान के लोगों को, बाकि राज्यों की तुलना में महंगा पेट्रोल-डीज़ल खरीदना पड़ता था। यहां भाजपा सरकार बनते ही, राजस्थान के मेरे भाइयों-बहनों को राहत मिली। केंद्र सरकार पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों के बैंक खाते में सीधे पैसे भेजती है। अब डबल इंजन की राजस्थान भाजपा सरकार उसमें इजाफा करके, अतिरिक्त पैसे जोड़कर किसानों को मदद पहुंचा रही है। इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े कामों को भी यहां डबल इंजन की सरकार तेजी से जमीन पर उतार रही है। भाजपा ने जो वायदे किए थे, उन्हें वो तेजी से पूरा कर रही है। आज का ये कार्यक्रम भी इसी की एक अहम कड़ी है।

साथियों,

राजस्थान के लोगों के आशीर्वाद से, बीते 10 साल से केंद्र में बीजेपी की सरकार है। इन 10 सालों में हमने देश के लोगों को सुविधाएं देने, उनके जीवन से मुश्किलें कम करने पर बहुत जोर दिया है। आजादी के बाद के 5-6 दशकों में कांग्रेस ने जो काम किया, उससे ज्यादा काम हमने 10 साल में करके दिखाया है। आप राजस्थान का ही उदाहरण लीजिए...पानी का महत्व राजस्थान से बेहतर भला कौन समझ सकता है। यहां कई क्षेत्रों में इतना भंयकर सूखा पड़ता है। वहीं दूसरी तरफ कुछ क्षेत्रों में हमारी नदियों का पानी बिना उपयोग के ऐसे ही समंदर में बहता चला जा रहा है। और इसलिए ही जब अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार थी, तो अटल जी ने नदियों को जोड़ने का विजन रखा था। उन्होंने इसके लिए एक विशेष कमेटी भी बनाई। मकसद यही था कि जिन नदियों में ज़रूरत से ज्यादा पानी है, समुद्र में बह रहा है, उसको सूखाग्रस्त क्षेत्रों तक पहुंचाया जा सके। इससे बाढ़ की समस्या और दूसरी तरफ सूखे की समस्या, दोनों का समाधान संभव था। सुप्रीम कोर्ट ने भी इसके समर्थन में कई बार अपनी बातें बताई हैं। लेकिन कांग्रेस कभी आपके जीवन से पानी की मुश्किलें कम नहीं करना चाहती। हमारी नदियों का पानी बहकर सीमापार चला जाता था, लेकिन हमारे किसानों को इसका लाभ नहीं मिलता था। कांग्रेस, समाधान के बजाय, राज्यों के बीच जल-विवाद को ही बढ़ावा देती रही। राजस्थान ने तो इस कुनीति के कारण बहुत कुछ भुगता है, यहां की माताओं-बहनों ने भुगता है, यहां के किसानों ने भुगता है।

मुझे याद है, मैं जब गुजरात में मुख्यमंत्री के रूप में सेवा करता था, तब वहां सरदार सरोवर डेम पूरा हुआ, मां नर्मदा का पानी गुजरात के अलग-अलग हिस्सों तक पहुंचाने का बड़ा अभियान चलाया, कच्छ में सीमा तक पानी ले गए। लेकिन तब उसे रोकने के लिए भी कांग्रेस द्वारा और कुछ NGO के द्वारा तरह-तरह के हथकंडे अपनाए गए। लेकिन हम पानी का महत्व समझते थे। और मेरे लिए तो मैं कहता हूं पानी पारस है, जैसे पारस लोहे को स्पर्श करे और लोहा सोना हो जाता है, वैसा पानी जहां भी स्पर्श करे वो एक नई ऊर्जा और शक्ति को जन्म दे देता है।

साथियों,

पानी पहुंचाने के लिए, इस लक्ष्य पर मैं लगातारे काम करता रहा, विरोधों को झेलता रहा, आलोचनाएं सहता रहा, लेकिन पानी के महत्मय को समझता था। नर्मदा के पानी का लाभ सिर्फ गुजरात को ही मिले इतना नहीं नर्मदा जी का पानी राजस्थान को भी इसका फायदा हो। और कभी कोई तनाव नहीं, कोई रुकावट नहीं, कोई मेमोरेंडम नहीं, आंदोलन नहीं जैसे ही डेम का काम पूरा हुआ, और गुजरात को हो जाए उसके बाद राजस्थान को देंगे वो भी नहीं, एक साथ गुजरात में भी पानी पहुंचाना, उसी समय राजस्थान को भी पानी पहुंचाना, ये काम हमने शुरू किया। और मुझे याद है जिस समय नर्मदा जी का पानी राजस्थान में पहुंचा राजस्थान के जीवन में एक उमंग और उत्साह था। और उसके कुछ दिन बाद अचानक मैं, मुख्यमंत्री के कार्यालय में मैसेज आया कि भैरों सिंह जी शेखावत और जसवंत सिंह जी वो गुजरात आए हैं और मुख्यमंत्री जी को मिलना चाहते हैं। अब मुझे पता नहीं था वो आए हैं, किस काम के लिए आए हैं। लेकिन वो मेरे दफ्तर आए, मैंने पूछा कैसे आना हुआ, क्यों...नहीं बोले कोई काम नहीं था, आपको मिलने आए हैं। मेरे वरिष्ठ नेता थे दोनों, भैरों सिंह जी की तो उंगली पकड़कर के हम कई लोग बड़े हुए हैं। और वो आकर के मेरे सामने बैठ नहीं हैं, वो मेरा सम्मान करना चाहते थे, मैं भी थोड़ा भौचक्का था। लेकिन उन्होंने मेरा मान-सम्मान तो किया, पर वो दोनों इतने भावुक थे, उनकी आंखें नम हो गई थी। और उन्होंने कहा मोदी जी आपको पता है पानी देने का मतलब क्या होता है, आप इतनी सहज-सरलता से गुजरात नर्मदा का पानी राजस्थान को दें दें, ये बाले, ये मेरे मन को छू गया। और इसीलिए करोड़ राजस्थान वासियों की भावना को प्रकट करने के लिए आज मैं आपके दफ्तर तक चला आया हूं।

साथियों,

पानी में कितना सामर्थ्य होता है इसका एक अनुभव था। और मुझे खुशी है कि माता नर्मदा आज जालौर, बाड़मेर, चूरु, झुंझुनू, जोधपुर, नागौर, हनुमानगढ़, ऐसे कितने ही जिलों को नर्मदा का पानी मिल रहा है।

साथियों,

हमारे यहां कहा जाता था कि नर्मदा जी में स्नान करें, नर्मदा जी की परिक्रमा करें तो अनेक पीढ़ी का पाप धुलकर के पुण्य प्राप्त होता है। लेकिन विज्ञान का कमाल देखिए, कभी हम माता नर्मदा की परिक्रमा करने जाते थे, आज स्वयं माता नर्मदा परिक्रमा करने के लिए निकली है और हनुमानगढ़ तक चली जाती है।

साथियों,

पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना...ERCP को कांग्रेस ने कितना लटकाया, ये भी कांग्रेस की नीयत का प्रत्यक्ष प्रमाण है। ये किसानों के नाम पर बातें बड़ी-बड़ी करते हैं। लेकिन किसानों के लिए ना खुद कुछ करते हैं और ना ही दूसरों को करने देते हैं। भाजपा की नीति, विवाद की नहीं संवाद की है। हम विरोध में नहीं, सहयोग में विश्वास करते हैं। हम व्यवधान में नहीं, समाधान पर यकीन करते हैं। इसलिए हमारी सरकार ने, पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को स्वीकृत भी किया है और विस्तार भी किया है। जैसे ही एमपी और राजस्थान में भाजपा सरकार बनी तो, पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना, एमपीकेसी लिंक परियोजना पर समझौता हो गया।

ये जो तस्वीर आप देख रहे थे ना, केंद्र के जल मंत्री और दो राज्यों के मुख्यमंत्री, ये तस्वीर सामान्य नहीं है। आने वाले दशकों तक हिंदुस्तान के हर कोने में ये तस्वीर राजनेताओं को सवाल पूछेगी, हर राज्य को पूछा जाएगा कि मध्य प्रदेश, राजस्थान मिलकर पानी की समस्या को, नदी के पानी के समझौते को आगे बढ़ा सकते हैं, तुम ऐसी कौन-सी राजनीति कर रहे हो कि पानी समु्द्र में बह रहा है तब तुम एक कागज पर हस्ताक्षर नहीं कर पा रहे हो। ये तस्वीर, ये तस्वीर पूरा देश आने वाले दश्कों तक देखने वाला है। ये जो जलाभिषेक हो रहा था ना, ये दृश्य भी मैं सामान्य दृश्य नहीं देखता हूं। देश का भला करने के लिए सोचने वाले विचार से काम करने वाले लोग उनको जब सेवा करने का मौका मिलता है तो कोई मध्य प्रदेश का पानी लेकर आता है, कोई राजस्थान का पानी लेकर आता है, उन पानी का इकट्ठा किया जाता है और मेरे राजस्थान को सुजलाम-सुफलाम बनाने के लिए पुरूषार्थ की परंपरा शुरू कर दी जाती है। ये असाधाारण दिखता है, एक साल का उत्सव तो है ही लेकिन आने वाली सदियों का उज्जवल भविष्य आज इस मंच से लिखा जा रहा है। इस परियोजना में चंबल और इसकी सहायक नदियां पार्वती, कालीसिंध, कुनो, बनास, बाणगंगा, रूपरेल, गंभीरी और मेज जैसी नदियों का पानी आपस में जोड़ा जाएगा।

साथियों,

नदियों को जोड़ने की ताकत क्या होती है वो मैं गुजरात में करके आया हूं। नर्मदा का पानी गुजरात की अलग-अलग नदियों से जोड़ा गया। आप कभी अहमदाबाद जाते हैं तो साबरमती नदी देखते हैं। आज से 20 साल पहले किसी बच्चें को अगर कहा जाए तुम साबरमती के ऊपर निबंध लिखो। तो वो लिखता की साबरमती में सर्कस के तंबू लगते हैं। बहुत अच्छे सर्कस के शो होते हैं। साबरमती में क्रिकेट खेलने का मजा आता है। साबरमती में बहुत अच्छी मिट्टी धूल होती रहती है। क्योंकि साबरमती में पानी देखा नहीं था। आज नर्मदा के पानी से साबरमती जिंदा हो गई और अहमदाबाद में रिवर front आप देख रहे हैं। ये नदियों को जोड़ने से ये ताकत है और मैं राजस्थान का वैसा ही सुंदर दृश्य मेरी आंखों में कल्पना कर सकता हूं।

साथियों,

मैं वो दिन देख रहा हूं जब राजस्थान में पानी की कमी नहीं होगी, राजस्थान में विकास के लिए पर्याप्त पानी होगा। पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना, इससे राजस्थान के 21 जिलों में सिंचाई का पानी भी मिलेगा और पेयजल भी पहुंचेगा। इससे राजस्थान और मध्य प्रदेश, दोनों के विकास में तेजी आएगी।

साथियों,

आज ही ईसरदा लिंक परियोजना का भी शिलान्यास हुआ है। ताजेवाला से शेखावाटी के लिए पानी लाने पर भी आज समझौता हुआ है। इस पानी से, इस समझौते से भी हरियाणा और राजस्थान दोनों राज्यों को फायदा होगा। मुझे विश्वास है कि राजस्थान में भी जल्द से जल्द शत-प्रतिशत घरों तक नल से जल पहुंचेगा।

साथियों,

हमारे सीआर पाटिल जी के नेतृत्व में एक बहुत बड़ा अभियान चल रहा है। अभी ज्यादा उसकी मीडिया में और बाहर चर्चा कम है। लेकिन मैं उसकी ताकत भलिभांति समझता हूं। जनभागीदारी से अभियान चलाया गया है। Rain water harvesting के लिए recharging wells बनाये जा रहे हैं। शायद आपाको भी पता नहीं होगा, लेकिन मुझे बताया गया कि जनभागीदारी से राजस्थान में आज daily rain harvesting structure तैयार हो रहे हैं। भारत के जिन राज्यों में पानी की किल्लत है, उन राज्यों में पिछले कुछ महीनों में अब तक करीब-करीब तीन लाख rain harvesting structures बन चुके हैं। मैं पक्का मानता हूं कि वर्षा के पानी को बचाने का ये प्रयास आने वाले दिनों में हमारी इस धरती मां की प्यास को बुझाएगा। और यहां बैठा हुआ हिन्दुस्तान में बैठा हुआ कोई भी बेटा, कोई भी बेटी कभी भी अपनी धरती मां को प्यासा रखना नहीं चाहेगा। जो प्यास की तड़प हमें होती है, वो प्यास हमें जितना परेशान करती है, वो प्यास उतना ही हमारी धरती मां को परेशान करती है। और इसलिए इस धरती की संतान के नाते हम सबका दायित्व बनता है कि हम अपनी धरती मां की प्यास बुझाएं। वर्षा के एक एक बूंद पानी को धरती मां की प्यास बुझाने के लिए काम लाए। और एक बार धरती मां का आशीर्वाद मिल गया ना फिर दुनिया की कोई ताकत हमें पीछे नहीं रख सकती।

मुझे याद है गुजरात में एक जैन महात्मा हुआ करते थे। करीब 100 साल पहले उन्होंने लिखा था, बुद्धि सागर जी महाराज थे, जैन मुनि थे। उनहोंने करीब 100 साल पहले लिखा था और उस समय शायद कोई पढ़ता तो उनकी बातों में विश्वास नहीं करता। उन्होंने लिखा था 100 साल पहले – एक दिन ऐसा आएगा जब किराने की दुकान में पीने का पानी बिकेगा। 100 साल पहले लिखा था आज हम किराने की दुकान से बिस्लेरी की बॉटल खरीदकर पानी पीने के लिए मजबूर हो गए हैं, 100 साल पहले कहा गया था।

साथियों,

ये दर्द भरी दास्तां है। हमारे पूवर्जों ने हमें विरासत में बहुत कुछ दिया है। अब हमारा दायित्व है कि हमारी आने वाली पीढ़ी को पानी के अभाव में मरने के लिए मजबूर न करें। हम उन्हें सुजलाम सुफलाम ये हमारी धरती माता, हमारी आने वाली पीढ़ियों को सुपुर्द करें। और उसी पवित्र कार्य को करने की दिशा में, मैं आज मध्यप्रदेश सरकार को बधाई देता हूं। मैं मध्य प्रदेश की जनता को बधाई देता हूं। मैं राजस्थान की सरकार और राजस्थान की जनता को बधाई देता हूं। अब हमारा काम है कि बिना रुकावट इस काम को हम आगे बढ़ाएं। जहां जरूरत पड़े, जिस इलाके से ये योजना बनती है। लोग सामने से आकर के समर्थन करें। तब समय से पहले योजनाएं पूरी हो सकती हैं और इस पूरे राजस्थान का भाग्य बदल सकता है।

साथियों,

21वीं सदी के भारत के लिए नारी का सशक्त होना बहुत जरूरी है। भई वो कैमरा, कैमरा को शौक इतना है कि उनका उत्साह बढ़ गया है। जरा वो कैमरा वाले को जरा दूसरी तरफ ले जाइये, वो थक जाएंगे।

साथियों,

आपका ये प्यार मेरे सर आंखों पर मैं आपका आभारी हूं इस उमंग और उत्साह के लिए साथियों नारीशक्ति का सामर्थ्य क्या है, ये हमने विमन सेल्फ हेल्प ग्रुप स्वयं सहायता समूह के आंदोलन में देखा है। बीते दशक में देश की 10 करोड़ बहनें सेल्फ हेल्प ग्रुप्स से जुड़ी हैं। इनमें राजस्थान की भी लाखों बहनें शामिल हैं। इन समूहों से जुड़ी बहनें, उनको मजबूत बनाने के लिए भाजपा सरकार ने दिन रात मेहनत की है। हमारी सरकार ने इन समूहों को पहले बैंकों से जोड़ा, फिर बैंकों से मिलने वाली मदद को 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख किया। हमने उन्हें मदद के तौर पर करीब 8 लाख करोड़ रुपए दिए हैं। हमने उन्हें ट्रेनिंग की व्यवस्था कराई है। महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप में बने सामानों के लिए नए बाजार उपलब्ध कराए।

आज इसी का नतीजा है कि ये सेल्फ हेल्प ग्रुप, ग्रामीण अर्थव्यवस्था की बहुत बड़ी ताकत बने हैं। और मेरे लिए खुशी है, मैं यहा आ रहा था सारे ब्लॉक के ब्लॉक माताओं बहनों से भरे हुए हैं। और इतना उमंग इतना उत्साह। अब हमारी सरकार, सेल्फ हेल्प ग्रुप की तीन करोड़ बहनों को लखपति दीदी बनाने पर काम कर रही है। मुझे खुशी है कि करीब सवा करोड़ बहनें लखपति दीदी बन भी चुकी हैं। यानि इन्हें साल में एक लाख रुपए से ज्यादा की कमाई होने लगी है।

साथियों,

नारी शक्ति को मजबूत करने के लिए हम अनेक नई योजनाएं बना रहे हैं। अब जैसे नमो ड्रोन दीदी योजना है। इसके तहत हजारों बहनों को ड्रोन पायलट की ट्रेनिंग दी जा रही है। हज़ारों समूहों को ड्रोन मिल भी चुके हैं। बहनें ड्रोन के माध्यम से खेती कर रही हैं, उससे कमाई भी कर रही हैं। राजस्थान सरकार भी इस योजना को आगे बढ़ाने के लिए अनेक प्रयास कर रही है।

साथियों,

हाल में ही हमने बहनों-बेटियों के लिए एक और बड़ी योजना शुरु की है। ये योजना है बीमा सखी स्कीम। इसके तहत, गांवों में बहनों-बेटियों को बीमा के काम से जोड़ा जाएगा, उन्हें ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके तहत प्रारंभिक वर्षों में जब तक उनका काम जमें नहीं उनको कुद राशि मानदंड के रूप में दी जाएगी। इसके तहत बहनों को पैसा भी मिलेगा और साथ साथ देश की सेवा करने का अवसर भी मिलेगा। हमने देखा है कि हमारी जो बैंक सखियां हैं, उन्होंने कितना बड़ा कमाल किया है। देश के कोने-कोने तक, गांव-गांव में हमारी बैंक सखियों ने बैंक सेवाएं पहुंचा दी है, खाते खुलवाए हैं, लोन की सुविधाओं से लोगों को जोड़ा है। अब बीमा सखियां, भी भारत के हर परिवार को बीमा की सुविधा से जोड़ने में मदद करेंगी। जरा ये जो कैमरामेन है उनको मेरी रिक्वेस्ट है कि आप अपना कैमरा दूसरी तरफ मोड़िये प्लीज, यहां लाखों लोग हैं उनकी तरफ ले जाइये ना।

साथियों,

भाजपा सरकार का निरंतर प्रयास है कि गांव की आर्थिक स्थिति बेहतर हो। ये विकसित भारत बनाने के लिए बहुत ज़रूरी है। इसलिए गांव में कमाई के, रोजगार के हर साधन पर हम बल दे रहे हैं। राजस्थान में बिजली के क्षेत्र में अनेक समझौते यहां भाजपा सरकार ने किए हैं। इनका सबसे अधिक फायदा हमारे किसानों को होने वाला है। राजस्थान सरकार की योजना है कि यहां के किसानों को दिन में भी बिजली उपलब्ध हो सके। किसान को रात में सिंचाई की मजबूरी से मुक्ति मिले, ये इस दिशा में बहुत बड़ा कदम है।

साथियों,

राजस्थान में सौर ऊर्जा की पर्याप्त संभावनाएं हैं। राजस्थान इस मामले में देश का सबसे आगे रहने वाला राज्य बन सकता है। हमारी सरकार ने सौर ऊर्जा को आपका बिजली बिल ज़ीरो करने का माध्यम भी बनाया है। केंद्र सरकार, पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना चला रही है। इसके तहत घर की छत पर सौलर पैनल लगाने के लिए करीब करीब 75-80 हज़ार रुपए की मदद केंद्र सरकार दे रही है। इससे जो बिजली पैदा होगी, वो आप उपयोग करें और आपकी जरूरत से ज्यादा है, तो आप बिजली बेच सकते हैं और सरकार वो बिजली खरीदेगी भी। मुझे खुशी है कि अब तक देश के 1 करोड़ 40 लाख से ज्यादा परिवार इस योजना के लिए रजिस्टर करा चुके हैं। बहुत ही कम समय में करीब 7 लाख लोगों के घरों में सोलर पैनल सिस्टम लग चुका है। इसमें राजस्थान के भी 20 हज़ार से अधिक घर शामिल हैं। इन घरों में सोलर बिजली पैदा होनी शुरू हो चुकी है और लोगों के पैसे भी बचने शुरू हो गए हैं।

साथियों,

घर की छत पर ही नहीं, खेत में भी सौर ऊर्जा प्लांट लगाने के लिए सरकार मदद दे रही है। पीएम कुसुम योजना के तहत, राजस्थान सरकार आने वाले समय में सैकड़ों नए सोलर प्लांट्स लगाने जा रही है। जब हर परिवार ऊर्जादाता होगा, हर किसान ऊर्जादाता होगा, तो बिजली से कमाई भी होगी, हर परिवार की आय भी बढ़ेगी।

साथियों,

राजस्थान को रोड, रेल और हवाई यात्रा में सबसे कनेक्टेड राज्य बनाना, ये हमारा संकल्प है। हमारा राजस्थान,दिल्ली, वडोदरा और मुंबई जैसे बड़े औद्योगिक केंद्रों के बीच में स्थित है। ये राजस्थान के लोगों के लिए, यहां के नौजवानों के लिए बहुत बड़ा अवसर है। इन तीन शहरों को राजस्थान से जोड़ने वाला जो नया एक्सप्रेसवे बन रहा है, ये देश के सर्वश्रेष्ठ एक्सप्रेसवे में से एक है। मेज नदी पर बड़ा पुल बनने से, सवाईमाधोपुर, बूंदी, टोंक और कोटा जिलों को लाभ होगा। इन जिलों के किसानों के लिए दिल्ली, मुंबई और वड़ोदरा की बड़ी मंडियों, बड़े बाज़ारों तक पहुंचना आसान हो जाएगा। इससे जयपुर और रणथंभौर टाइगर रिजर्व तक पर्यटकों के लिए पहुँचना भी आसान हो जाएगा। हम सभी जानते हैं कि आज के समय में, समय की बहुत कीमत है। लोगों का समय बचे, उनकी सहूलियत बढ़े, यही हम सभी का प्रयास है।

साथियों,

जामनगर - अमृतसर इकोनामिक कॉरिडोर जब दिल्ली-अमृतसर- कटरा एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा तो राजस्थान को मां वैष्णो देवी धाम से कनेक्ट करेगा। इससे उत्तरी भारत के उद्योगों को कांडला और मुंद्रा बंदरगाहों से सीधा संपर्क बनेगा। इसका फायदा राजस्थान में ट्रांसपोर्ट से जुड़े सेक्टर को होगा, यहां बड़े-बड़े वेयर हाउस बनेंगे। इनमें ज्यादा काम राजस्थान के नौजवानों को मिलेगा।

साथियों,

जोधपुर रिंग रोड से जयपुर, पाली, बाड़मेर, जैसलमेर, नागौर और अन्तर्राष्ट्रीय सीमा से कनेक्टिविटी बेहतर होने वाली है। इससे शहर को अनावश्यक जाम से मुक्ति मिलेगी। जोधपुर आने वाले पर्यटकों, व्यापारियों-कारोबारियों को इससे बहुत सुविधा होगी।

साथियों,

आज यहां इस कार्यक्रम में हजारों भाजपा कार्यकर्ता भी मेरे सामने मौजूद हैं। उनके परिश्रम से ही हम आज का ये दिन देख रहे हैं। मैं भाजपा कार्यकर्ताओं से कुछ आग्रह भी करना चाहता हूं। भाजपा दुनिया का सबसे बड़ा राजनीतिक दल तो है ही, भाजपा एक विराट सामाजिक आंदोलन भी है। भाजपा के लिए दल से बड़ा देश है। हर भाजपा कार्यकर्ता, देश के लिए जागरुक और समर्पित भाव से काम कर रहा है। भाजपा कार्यकर्ता सिर्फ राजनीति से नहीं जुड़ता,वो सामाजिक समस्याओं के समाधान से भी जुड़ता है। आज हम एक ऐसे कार्यक्रम में आए हैं, जो जल संरक्षण से बहुत गहराई से जुड़ा है। जल संसाधानों का संरक्षण और जल की हर बूंद का सार्थक इस्तेमाल सरकार समेत पूरे समाज की, हर नागरिक की जिम्मेदारी है। और इसीलिए मैं अपने भाजपा के हर कार्यकर्ता, हर साथी से कहूंगा कि वे भी अपनी रोज की दिनचर्या में जल संरक्षण के काम के लिए अपन कुद समय समर्पित कर दें और बड़ी श्रद्धाभाव से काम करें। माइक्रो इरीगेशन, ड्रिप इरीगेशन से जुड़ें अमृत सरोवर की देखरेख में मदद करें, जल प्रबंधन के साधन बनाएं और जनता को जागरूक भी करें। आप प्राकृतिक खेती नैचुरल फार्मिंग के प्रति भी किसानों को जागरूक करें।

हम सब जानते हैं कि जितने ज्यादा पेड़ होंगे, धरती को पानी का भंडारण करने में उतनी मदद मिलेगी। इसीलिए एक पेड मां के नाम अभियान बहुत मदद कर सकता है। इससे हमारी मां का भी सम्मान बढ़ेगा और धरती मां का भी मान बढ़ेगा। पर्यावरण के लिए ऐसी बहुत से काम हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, मैंने पहले ही पीएम सूर्य घर अभियान की बात कही। बीजेपी के कार्यकर्ता लोगों को सौर ऊर्जा के प्रयोग के लिए जागरुक कर सकते हैं, उन्हें इस योजना और उसके लाभ के विषय में बता सकते हैं। हमारे देश के लोगों का एक स्वभाव है। जब देश देखता है कि किसी अभियान की नीयत सही है, इसकी नीति सही है, तो लोग उसको अपने कंधे पर उठा लेते हैं, इससे जुड़ जाते हैं और खुद को भी एक मिशन के काम से जोड़कर के खपा देते हैं। हमने स्वच्छ भारत में ये देखा है। हमने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान में ये देखा है। मुझे विश्वास है कि हमें पर्यावरण संरक्षण में भी, जल संरक्षण में भी ऐसी ही सफलता मिलेगी।

साथियों,

आज राजस्थान में विकास के जो आधुनिक काम हो रहे हैं, जो इंफ्रास्ट्रक्चर बन रहा है, ये वर्तमान और भावी पीढ़ी सबके काम आएगा। ये विकसित राजस्थान बनाने के काम आएगा और जब राजस्थान विकसित होगा, तो भारत भी तेजी से विकसित होगा। आने वाले वर्षों में डबल इंजन की सरकार और तेज गति से काम करेगी। मैं भरोसा देता हूं, कि केंद्र सरकार की तरफ से भी राजस्थान के विकास के लिए कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ी जाएगी। एक बार फिर इतनी बड़ी तादाद में आप लोग आशीर्वाद देने आएं, विशेष रूप से माताएं बहनें आईं, मैं आपका सर झुकाकर के धन्यवाद करता हूं, और आज का ये अवसर आपके कारण है और आज का ये अवसर आपके लिए है। मेरी आपको बहुत बहुत शुभकामनाएं। पूरी शक्ति से दोनों हाथ ऊपर कर मेरे साथ बोलिये –

भारत माता की जय !

भारत माता की जय !

भारत माता की जय !

बहुत-बहुत धन्यवाद !