मेरे प्यारे देशवासियों,
एक वर्ष पहले आपने हमें नए भारत का निर्माण करने और अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने का काम सौंपा था। हमने काफी कुछ प्राप्त किया है। आर्थिक वृद्धि फिर से पुनर्जीवित हुई है और अब भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया की अग्रणी अर्थव्यवस्था में से एक है। मुद्रास्फीति में तेजी से कमी आई है। वित्तीय बुद्धिमता को फिर से प्राप्त किया गया है। विश्वास में बढ़ोतरी हुई है। विदेशी निवेश बढ़ा है। सरकार सकारात्मक दृष्टिकोण को विश्व की प्रमुख रेटिंग संस्थाओं और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने सराहा है।
सालों से लंबित पड़े सुधारों को कार्यान्वित किया गया है। डीजल के मूल्यों को अनियंत्रित किया गया है। वस्तु एवं सेवा कर (गुड्स और सर्विसेज टैक्स- जीएसटी) को अगले साल से लागू किया जाएगा। व्यापार करने के लिए सुगमता पर ध्यान देकर कंपनियों की सहायता कर नई नौकरियां सृजित की जा रही हैं। पहल के अंर्तगत घरेलू गैस सब्सिडी को सीधे उपभोक्ताओं के बैंक खातों तक पहुंचाया जा रहा है जिससे सब्सिडी की सही राशि सही लोगों तक सही समय पर पहुंच रही है। बीमा, रेलवे और रक्षा उत्पादन में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश सीमा को बढ़ाया गया है। इसके साथ ही हमने राष्ट्र के विकास में राज्यों की समान भागीदारी को सुनिश्चित किया है और सहयोगी तथा प्रतियोगात्मक संघवाद द्वारा टीम इंडिया की भावना के तहत कार्य किया है।
सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों में निर्णय लेने में राजनीतिक हस्तक्षेप अब बीते समय की बात हो गई है। पारदर्शी कोयला खानों की नीलामी और आवंटन से हमने कोयला उत्पादक राज्यों के लिए 3.35 लाख करोड़ रूपये के संभावित राजस्व को जुटाया है। खनन कानून में सुधार से हमने भेदभाव वाली प्रक्रिया को पारदर्शी नीलामी में बदला है। काले धन पर रोक के लिए एक विशेष जांच दल की नियुक्ति की गई है और एक कठोर कानून को पास किया गया है।
इस वर्ष के बजट में आधारभूत के साथ-साथ डिजिटल कनेक्विटी बढ़ाने के लिए लगभग 1 लाख करोड़ के सार्वजनिक निवेश का आवंटन किया गया है। वृद्धि के लिए रेलवे की परिकल्पना को सुनिश्चित करने के लिए इसमें व्यापक बदलाव की शुरूआत हो चुकी है। रूके हुई राजमार्ग परियोजनाओं को फिर से सुधारकर पुनर्जीवित किया जा रहा है। बिजली का उत्पादन अब तक के सर्वोच्च स्तर पर है। 20 हजार करोड़ रूपये के वार्षिक सरकारी सहायता से एक नए राष्ट्रीय आधारभूत ढांचे विकास निधि की स्थापना की गई है।
आर्थिक वृद्धि से सभी देशवासियों को लाभ मिला हैं और इसका लाभ तभी है जब यह निर्धनों, किसानों, महिलाओं के साथ-साथ मध्यम और सभी समुदायों के नए मध्यम समुदाय को इसका लाभ पहुंचे। हमने किसानों को आकर्षक मूल्य लगातार प्रदान करने के लिए विश्व व्यापार संगठन में स्थायी ''शांति प्रस्ताव'' सुनिश्चित किया है। विश्व के सबसे बड़े वित्तीय समावेशन परियोजना के द्वारा बैंकिंग को गरीबों के दरवाजे तक लाकर 15 करोड़ से अधिक बैंक खाते खोले गए जिनमें 15,800 करोड़ जमा किए गए हैं। एक वहनीय सामाजिक सुरक्षा प्रणाली जिसमें पेंशन जीवन बीमा और दुर्घटना बीमा सम्मिलित है, में पहले ही सप्ताह में 6.75 करोड़ लोगों ने भागीदारी की। सबसे बड़े रोजगार सृजनकर्ता लेकिन ऋण की सुविधा से वंचित छोटे व्यापारियों की सहायता के लिए 20 हजार करोड़ रूपये की राशि से मुद्रा की स्थापना की गई है।
काफी कुछ प्राप्त किया गया है लेकिन यह सिर्फ एक शुरूआत है। हमें बहुत अधिक कार्य करने है और मैं जानता हूं कि आपकी उम्मीदें बहुत ज्यादा है। एक वर्ष पहले मैंने आपको कहा था कि मैं शायद गलती करूं लेकिन एक बेहतर भारत के लिए मैं सच्ची भावना और हर संभव उपलब्ध समय में कार्य करूंगा। मैंने अपने शब्दों का मान रखा है। हमारे सपनों के भारत का निर्माण करने के लिए मैं आपसे निरंतर सहयोग, सुझाव और आशीर्वाद लेता रहूंगा।
आपकी सेवा में समर्पित।
जय हिंद।
नरेन्द्र मोदी
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प्रधानमंत्री कार्डिनल और बिशप सहित ईसाई समुदाय के प्रमुख नेताओं से बातचीत करेंगे
यह पहली बार होगा, जब कोई प्रधानमंत्री भारत में कैथोलिक चर्च के मुख्यालय में इस तरह के कार्यक्रम में भाग लेंगे
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 23 दिसंबर को शाम 6:30 बजे नई दिल्ली स्थित सीबीसीआई सेंटर परिसर में कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया (सीबीसीआई) द्वारा आयोजित क्रिसमस समारोह में भाग लेंगे।
प्रधानमंत्री ईसाई समुदाय के प्रमुख नेताओं के साथ बातचीत करेंगे, जिनमें कार्डिनल, बिशप और चर्च के प्रमुख नेता शामिल होंगे।
यह पहली बार होगा, जब कोई प्रधानमंत्री भारत में कैथोलिक चर्च के मुख्यालय में इस तरह के कार्यक्रम में भाग लेंगे।
कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया (सीबीसीआई) की स्थापना 1944 में हुई थी और ये संस्था पूरे भारत में सभी कैथोलिकों के साथ मिलकर काम करती है।