महामारी से लड़ने की तात्कालिक लागतों को पूरा करने के लिए हमने कोविड-19 इमरजेंसी रेस्पांस फंड बनाया: पीएम मोदी
भारत से हमारी आयुष्मान भारत और जन आरोग्य योजना क्षेत्र में हमारे दोस्तों के लिए उपयोगी केस-स्टडी हो सकती है : कोविड-19 मैनेजमेंट पर कार्यशाला में प्रधानमंत्री मोदी
यदि 21वीं सदी एशियाई शताब्दी है, तो यह दक्षिण एशिया के देशों और हिंद महासागर के देशों के बीच अधिक एकीकरण के बिना नहीं हो सकती है : प्रधानमंत्री मोदी

महामहिम,

नमस्कार!

मुझे बहुत खुशी है कि हमारे नजदीकी और विस्तारित पड़ोसी देशों के स्वास्थ्य अधिकारियों और विशेषज्ञोंकी आज बैठक हो रही है। सबसे पहले मैं आज होने वाले बेहद उपयोगी विचार-विमर्श के लिए आप सभी को शुभकामनाएं देता हूं। मैं इस बात के लिए भी आप सभी को बधाई देता हूं कि इस महामारी के दौरान हमारी स्वास्थ्य प्रणालियों ने सहयोग किया। जब पिछले साल दुनिया में कोविड-19 ने कदम रखा था, तो कई विशेषज्ञों ने हमारे घनी आबादी वाले क्षेत्र के बारे में विशेष चिंता व्यक्त की थी। लेकिन, शुरुआत से ही, हम सभी एक समन्वय प्रतिक्रिया के साथ इस चुनौती का सामना करते हैं। पिछले वर्ष मार्च मेंहमने सबसे पहले खतरे को पहचाना और इससे मिलकर लड़ने की प्रतिबद्धता व्‍यक्‍त की। कई अन्य क्षेत्रों और समूहों ने हमारे शुरुआती उदाहरण का अनुसरण किया।

हमने महामारी से लड़ने के तात्कालिक खर्चों को पूरा करने के लिए कोविड-19आपात स्थिति प्रतिक्रिया कोष बनाया। हमने अपने संसाधनों- दवाओं, पीपीई और जांच उपकरणों को साझा किया। और, इन सबसे ऊपर, हमने सबसे मूल्यवान वस्तु- अपने स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के ज्ञान-सहयोगात्मक प्रशिक्षण को साझा किया। वेबिनारों, ऑनलाइन पाठ्यक्रमों और आईटी पोर्टलों के माध्यम से, हमने अनुभव साझा किए और जांच, संक्रमण नियंत्रण और चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन में एक-दूसरे के सर्वोत्तम कार्यों से सीखा। हमने अपने लिए बेहतरीन कार्य प्रणाली विकसित की। हम में से प्रत्येक ने ज्ञान और अनुभव के इस संयोजन में बहुत योगदान दिया।

मित्रों,

सहयोग की इस भावना से इस महामारी में एक बहुमूल्य सबक सीखा। हमारे खुलेपन और दृढ़ संकल्प के कारण, हम दुनिया में सबसे कम मृत्यु दर में से एक को प्राप्त करने में कामयाब रहे। इसकी सराहना की जानी चाहिए। आज हमारे क्षेत्र और दुनिया की आशाएं तेजी से टीके लगाने पर केन्‍द्रित है। इसमें भी हमें सहयोगी और सहयोगपूर्ण भावना बनाए रखनी चाहिए।

मित्रों,

पिछले एक साल में,  स्वास्थ्य के क्षेत्र में हमारे सहयोग से हम बहुत कुछ हासिल कर चुके हैं। क्या अब हम अपनी महत्वाकांक्षा को और बढ़ाने के बारे में सोच सकते हैं? मुझे आज अपनी चर्चा के लिए कुछ सुझाव देने की अनुमति दें:

  • क्या हम अपने डॉक्टरों और नर्सों के लिए एक विशेष वीजा योजना बनाने पर विचार कर सकते हैं, ताकि वे स्वास्थ्य आपात स्थिति के दौरान अगवानी करने वाले देश के अनुरोध पर हमारे क्षेत्र में जल्दी से यात्रा कर सकें?
  • क्या हमारे नागरिक उड्डयन मंत्रालय चिकित्सा आकस्मिकताओं के लिए एक क्षेत्रीय एयर एम्बुलेंस समझौता कर सकते हैं?
  • क्या हम अपनी आबादी के बीच कोविड-19 टीकों की प्रभावशीलता के बारे में डेटा के मिलान, संकलन और अध्ययन के लिए एक क्षेत्रीय मंच बना सकते हैं?
  • क्या हम भविष्य की महामारियों को रोकने के लिए तकनीकी सहायता प्राप्त महामारी विज्ञान को बढ़ावा देने के लिए एक क्षेत्रीय नेटवर्क बना सकते हैं?

और, कोविड​​-19 से परे, क्या हम अपनी सफल सार्वजनिक स्वास्थ्य नीतियों और योजनाओं को भी साझा कर सकते हैं? भारत में, हमारी आयुष्मान भारत और जन आरोग्य योजना क्षेत्र में हमारे मित्रों के लिए उपयोगी केस-स्टडी हो सकती है। इस तरह का सहयोग अन्य क्षेत्रों में भी हमारे बीच अधिक से अधिक क्षेत्रीय सहयोग का मार्ग बन सकता है। आखिरकार, हम जलवायु परिवर्तन; प्राकृतिक आपदाएं, गरीबी, अशिक्षा, और सामाजिक और लैंगिक असंतुलन जैसी बहुत सी सामान्य चुनौतियों को साझा करते हैं। लेकिन हम सदियों पुरानी सांस्कृतिक और लोगों के बीच आपस में सम्‍पर्क की शक्ति को भी साझा करते हैं। यदि हम ऐसी सभी बातों पर ध्यान केन्‍द्रित करें जो हमें एकजुट करती हैं, तो हमारा क्षेत्र न केवल वर्तमान महामारी, बल्कि अन्य चुनौतियों से भी उबर सकता है।

मित्रों,

यदि 21 वीं शताब्दी एशियाई शताब्दी है, तो यह दक्षिण एशिया के देशों और हिंद महासागर के देशों के बीच अधिक जुड़ाव के बिना नहीं हो सकती। क्षेत्रीय एकजुटता की भावना जो आपने महामारी के दौरान दिखाई है, यह साबित कर दिया है कि ऐसा एकीकरण संभव है। मैं आज एक बार फिर आप सभी को लाभदायक विचार-विमर्श के लिए अपनी शुभकामनाएं देता हूं।

धन्‍यवाद!

बहुत-बहुत धन्‍यवाद!

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Prime Minister receives Foreign Minister of Kuwait H.E. Abdullah Ali Al-Yahya
December 04, 2024

The Prime Minister Shri Narendra Modi today received Foreign Minister of Kuwait H.E. Abdullah Ali Al-Yahya.

In a post on X, Shri Modi Said:

“Glad to receive Foreign Minister of Kuwait H.E. Abdullah Ali Al-Yahya. I thank the Kuwaiti leadership for the welfare of the Indian nationals. India is committed to advance our deep-rooted and historical ties for the benefit of our people and the region.”