कोई शासक और सरकारें किसी राष्ट्र का निर्माण नहीं करतीं: प्रधानमंत्री
एक राष्ट्र का गठन उसकी प्रजा, युवा, किसानों, वैज्ञानिकों, कामगारों और संतो से होता है: प्रधानमंत्री
एनसीसी के जवानों का जीवन यूनीफॉर्म, परेड और कैम्प्स के कहीं आगे है: प्रधानमंत्री मोदी
एनसीसी के अनुभव से सेंस ऑफ विजन का विकास होता है: प्रधानमंत्री
समाज में परिवर्तन लाने के लिए एनसीसी के जवान एक उत्प्रेरक का काम करते हैं: प्रधानमंत्री

देश के कोने-कोने से आए हुए सभी युवा साथि‍यों,

गणतंत्र के पावन पर्व पर देश के कोने-कोने से आए हुए NCC के Cadets ने लोकतंत्र के प्रति‍ अपनी श्रद्धा, भारत की एकता के प्रति‍ हमारी प्रति‍बद्धता, वि‍वि‍धता में एकता के सामर्थ्‍य की अनुभूति‍, देश और दुनि‍या ने आपके माध्‍यम से महसूस की है। मैं आपसब को हृदय से बहुत-बहुत बधाई देता हूं और भारत के उत्‍तम नागरि‍क के नाते, आने वाले कालखंड में भी आप अपने व्‍यक्‍ति‍गत जीवन में भी, सामान्‍य जीवन में भी, राष्‍ट्र जीवन में भी और मानवता के उच्‍च आदर्शों के प्रति‍ भी वैसी ही प्रति‍बद्धता, वैसी ही समर्पण की मि‍साल कायम करते रहेंगे। जो भारत की वि‍श्‍व में एक अनोखी पहचान बनाने का कारण बन सकती है।

NCC के Cadet के रूप में सि‍र्फ यूनि‍फॉर्म नहीं होती है, सि‍र्फ परेड नहीं होती, सि‍र्फ कैम्‍प नहीं होते हैं, NCC के माध्‍यम से एक sense of mission का बीजारोपण होता है। हमारे भीतर एक जीवन जीने का मकसद उसके संस्‍कार का और वो भी सामूहि‍क संस्‍कार का ये कालखंड होता है। NCC के कारण अपनी शि‍क्षा-दीक्षा के अलावा, भारत की वि‍वि‍धता के, भारत की अंतर-ऊर्जा के, भारत के वि‍राट सामर्थ्‍य के हमें दर्शन होते हैं। दुनि‍या के लोगों को आश्‍चर्य होता है कि‍ ये कैसा देश है, 1500 से ज्‍यादा बोलि‍यां हों, 100 से ज्‍यादा भाषाएं हों, हर 20 कोस के बाद बोली बदलती हों, वेशभूषा अलग हों, खानपान अलग हों, उसके बावजूद भी एकता के सूत्र से बंधे हुए रहते हैं और चोट हि‍मालय में आएं, आंसू कन्‍याकुमारी में टपक करके नि‍कल आते हैं। ये भाव, राष्‍ट्रीय एकात्‍मकता का भाव। भारत के कि‍सी भी कोने में अच्‍छा हो और देशवासी खुशी से फूला नहीं समाता और भारत के कि‍सी भी कोने में या भारतीय के द्वारा कहीं पर भी कुछ गलत हो जाएं तो हमें उतनी ही पीड़ा होती है जैसे हमारे सामने कोई घटना घटी हैं। देश के कि‍सी भी कोने में प्राकृति‍क आपदा आईं हों, देश ने एकता के रूप में उस संवेदना को साझा कि‍या है, दर्द बांटने का प्रयास कि‍या है। देश के सामने कोई चुनौती आई हो तो सवा सौ करोड़ देशवासि‍यों ने उस चुनौती को अपना माना है। अपने पुरुषार्थ से और पराक्रम से उसे परि‍पूर्ण करने का भरसक प्रयास कि‍या है।

ये हमारे देश की अपनी ताकत हैं। कोई देश राजा-महाराजाओं से नहीं बनते हैं। देश शासकों से नहीं बनते हैं। देश सरकारों से नहीं बनते हैं। देश बनते हैं सामान्‍य नागरि‍कों से, शि‍क्षकों से, कि‍सान से, मजदूर से, वैज्ञानि‍कों से, ज्ञानि‍यों से, आचार्यों से, भगवंतों से। एक अखंड तपस्‍या होती हैं जो राष्‍ट्र का ये वि‍राट रूप अर्जि‍त करती है और हम भाग्‍यवान लोग है कि‍ हजारों साल की इस महान वि‍रासत के हम भी एक जीवंत अंश है और हमारे जि‍म्‍मे भी उसमें कुछ न कुछ जोड़ने का दायि‍त्‍व आया है। उस दायि‍त्‍व को नि‍भाने के लि‍ए जो संस्‍कार चाहि‍ए, जो training चाहि‍ए, जो अनुभव चाहि‍ए वो NCC के माध्‍यम से हमें प्राप्‍त हुआ है।

मेरा भी सौभाग्‍य रहा है। बचपन में NCC के Cadet के रूप में ये sense of mission, ये अनुभूति‍ इसकी समझ वि‍कसि‍त हुई। मैं आप जैसा होनहार नहीं था, उतना तेजस्‍वी Cadet नहीं था और इसलि‍ए दि‍ल्‍ली की परेड में कभी मेरा selection नहीं हुआ। लेकि‍न आपको देखकर के मुझे गर्व होता है कि‍ बचपन में मेरे पास जो शक्‍ति‍ थी, अनुभूति‍ थी, अनुभव था उससे आप कई गुना आगे हो, ये देखकर के मुझे और खुशी होती है। इसलि‍ए ये भी भरोसा बैठता है कि‍ आपमें आगे जाने का सामर्थ्‍य भी मुझसे कई गुना ज्‍यादा है। ये युवा शक्‍ति‍ में देश को आगे ले जाने का भी सामर्थ्‍य मुझसे भी कई गुना ज्‍यादा है और तब जाकर के देश के उज्‍ज्‍वल भवि‍ष्‍य के लि‍ए आश्‍वस्‍त हो जाते हैं, नि‍श्‍चि‍न्‍त हो जाते हैं।

NCC ने, उसके Cadets ने स्‍वच्‍छता के अभि‍यान को अपना बना लि‍या। देश में जहां भी जाने का अवसर मि‍ला NCC के द्वारा योजनापूर्वक स्‍वच्‍छता के अभि‍यान को चलाया गया है। जि‍स संगठन के पास 13 लाख से ज्‍यादा Cadets हो, वो Cadets स्‍वयं organized way में स्‍वच्‍छता का अभि‍यान चलाएं, औरों को प्रेरणा देते हैं। लेकि‍न एक नागरि‍क के रूप में, स्‍वयं के जीवन में, अपने परि‍वार के जीवन में, अपने आस-पास के परि‍सर में, अपने दोस्‍तों में, दोस्‍तों के परि‍वारों में; स्‍वच्‍छता, ये स्‍वभाव बने उसमें catalytic agent के रूप में NCC का हर Cadet काम कर सकता है। NCC की व्‍यवस्‍था के तहत स्‍वच्‍छता एक प्रेरक है लेकि‍न एक Cadet नागरि‍क के रूप में समाज में स्‍वच्‍छता को स्‍वभाव बनाने के लि‍ए, भारत का स्‍वच्‍छता एक चरि‍त्र बन जाए, और 2019 में महात्‍मा गांधी की 150वीं जयंती जब मनाएं तब देश में गंदगी के प्रति‍ भरपूर नफरत हो, स्‍वच्‍छता के प्रति‍ प्रेम हो, स्‍वच्‍छता हर व्‍यक्‍ति‍ के जीवन की अपनी जि‍म्‍मेवारी बन जाएं, उस बात को आगे बढ़ाने के लि‍ए हर कि‍सी को बहुत कुछ करने की आवश्‍यकता है। NCC के Cadet इतनी बड़ी तादाद में है और देश के हर कोने-कोने में फैले हुए नौजवान है, ऊर्जा है, उमंग है, उत्‍साह है, training है, वो तो शायद सबसे बड़ी ताकत के रूप में इस स्‍वच्‍छता के आंदोलन को आगे बढ़ा सकते हैं।

युवा मन और वैसे भी भारतीय मन technology को बहुत जल्‍दी adopt कर लेता है। इस देश के अंदर 18 उम्र से ऊपर के करीब-करीब सभी नागरि‍कों का ‘आधार’ कार्ड हो, ‘आधार’ नंबर हो, बायोमेट्रि‍क से उसकी पहचान हो, ये कि‍सी भी देश की बहुत बड़ी संपत्‍ति‍ है जो आज भारत के पास है। ये वि‍शि‍ष्‍ट पहचान हमारी सब योजनाओं का आधार बन सकती है।

इन दि‍नों लोग Digital Currency की ओर कैसे जाएं, उसका एक अभि‍यान चल रहा है। NCC के Cadets ने उसको आगे बढ़ाया है। नोट, नोट की छपाई, छपाई करने के बाद नोट को गांव-गांव पहुंचाना, अरबों रुपयों का खर्च होता है। एक–एक ATM को संभालने के लि‍ए पांच-पांच पुलि‍स वाले लगते हैं। अगर हम डि‍जि‍टल की ओर चले जाएं तो देश के कि‍तने पैसे बचा सकते हैं और वो पैसे गरीब को घर देने के लि‍ए, गरीब को शि‍क्षा देने के लि‍ए, गरीब को दवाई देने के लि‍ए, गरीब के बच्‍चों को अच्‍छे संस्‍कार देने के लि‍ए वो धन काम में आ सकता है। हमारी जेब से कुछ भी दि‍ए बि‍ना, खुद की पॉकेट से कोई अलग खर्चा कि‍ए बि‍ना, अगर हम देश में Digital Payment की आदत डाल दें।

BHIM app, बाबा साहेब अम्‍बेडकर का स्‍मरण करते हुए BHIM app अपने मोबाइल फोन पर डाउनलोड करे और BHIM app से लोगों को कारोबार करने की आदत डालें, अपने परि‍वार के हर व्‍यक्‍ति‍ को आदत डालें, जहां से हम खरीद-बि‍क्री करते हैं उस दुकानदार को आदत डालें, आपको कल्‍पना नहीं होगी, उतनी बड़ी सेवा देश को कर पाएंगे और हि‍न्‍दुस्‍तान का हर नागरि‍क इस काम को कर सकता है।

बदलते हुए युग में बदलती हुई व्‍यवस्‍थाओं को और जब technology driven society है तब भारत वि‍श्‍व में कहीं पीछे नहीं रह सकता है। जि‍स देश के पास 65 प्रति‍शत जनसंख्‍या 35 साल से कम उम्र की हो, Demographic Dividend के नाम पर दुनि‍या में हम सीना तानकर के, आंख से आंख मि‍लाकर के बात करते हो, उस देश के 800 million youth अगर एक बार ठान लें कि‍ अर्थव्‍यवस्‍था में इतना बड़ा बदलाव लाने के लि‍ए हमें योगदान करना है, कोई कल्‍पना भी नहीं कर सकता है कि‍ प्रधानमंत्री से भी ज्‍यादा या वि‍त्‍तमंत्री से भी ज्‍यादा बहुत बड़ा काम हि‍न्‍दुस्‍तान का नौजवान कर सकता है। बदलाव ला सकता है। NCC ने भी इस जि‍म्‍मेवारी को उठाया है। मुझे वि‍श्‍वास है कि‍ वो इसे परि‍पूर्ण करते रहेंगे।

NCC के Cadet देशभक्‍ति‍ से भरे हुए होते हैं। अनुशासन इनकी वि‍शेषता होती है। मि‍लकर के काम करना इनका स्‍वभाव होता है। कदम से कदम मि‍लाकर के चलना, कंधे से कंधा मि‍लाकर के चलना लेकि‍न साथ-साथ मि‍लकर के सोचना, सोचकर के चलना, चलकर के पाना, ये NCC की वि‍शेषता होती है। इसलि‍ए आज जब वि‍श्‍व आतंकवाद की चुनौती को झेल रहा है, तब हमारी युवा पीढ़ी में समाज के प्रति‍, देश के प्रति‍ अपनेपन का भाव नि‍रंतर जगाते रहना पड़ता है। हमारे यहां कहावत है, ‘राष्‍ट्रम जाग्रयाम व्‍यं’। नि‍रंतर जागरूक। इसके लि‍ए चौकन्‍ना रहना होता है। हमारे आस-पास का कोई नौजवान कहीं गलत रास्‍ते पर तो नहीं चल पड़ रहा है, उसको रोकना होगा। जीवन में कोई ऐसी बुराइयां तो नहीं आ रही हैं जो उसको तो तबाह करें, उसके पूरे परि‍वार को तबाह करें और समाज के लि‍ए वो बोझ बन जाएगा। अगर हम जागरुक होंगे तो अपने अगल-बगल के परि‍सर को, अपने साथि‍यों को भी, भले वो NCC में हों या न हों, हम उसे भी, जि‍स sense of mission को हमने पाया है, जि‍स जीवन के मकसद को हमने जाना है, उसको भी उसका प्रसार प्राप्‍त हो सकता है और वो भी हमारी राह पर चल सकता है।

आज गणतंत्र की इस परेड में इतने दि‍न आप लोगों ने बहुत-सी चीजें सीखी हैं, बहुत से नए मि‍त्र पाएं हैं, भारत के कोने-कोने को जानने-समझने का अवसर मि‍ला है। बहुत ही उम्‍दा स्‍मृति‍यों के साथ आप अपने घर लौटने वाले हैं। आपके स्‍कूल-कॉलेज के students, आपके साथी इस बात का इंतजार करते हैं कि‍ आप कब पहुंचे और अपने अनुभव बताएं। आपने उनको अपनी फोटो भी मोबाइल फोन से भेज दी होगी, share कि‍या होगा कि‍ मैं परेड में यहां था और आपके साथि‍यों ने भी परेड को बड़ी बारीकी से देखा होगा कि‍ पूरी परेड दि‍खे या न दि‍खे, अपने गांव वाला लड़का दि‍खता है कि‍ नहीं दि‍खता है। अपने स्‍कूल वाला बच्‍चा दि‍खता है कि‍ नहीं दि‍खता है। पूरे हि‍न्‍दुस्तान के हर कोने में हरेक की नज़र आप पर थी। ये कोई छोटा गौरव नहीं है। ये कि‍तने बड़े आनंद का पल होता है। उन स्‍मृति‍यों को लेकर के जब आप लौट रहे हैं तब ये एक अनमोल खजाना आपके पास है। इसे कभी बि‍खरने मत देना, वि‍सरने मत देना, इसे संजोकर रखना और उसको पनपाने की कोशि‍श करना। ये अच्‍छी चीजें जि‍तनी पनपाएंगे, जीवन भी उतना खि‍ल उठेगा। वो पूरी की पूरी महक आपके जीवन के भीतर से प्रकट होती रहेगी जो आसपास के पूरे परि‍सर को पुलकि‍त करती रहेगी।

मेरी आप सब को हृदय से बहुत-बहुत शुभकामनाएं हैं। आज वि‍जयी हुए Cadets को भी हृदय से बहुत-बहुत बधाई देता हूं, अभि‍नंदन करता हूं। NCC को बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं, बहत-बहुत धन्‍यवाद।

Explore More
140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी
PLI, Make in India schemes attracting foreign investors to India: CII

Media Coverage

PLI, Make in India schemes attracting foreign investors to India: CII
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
PM Modi visits the Indian Arrival Monument
November 21, 2024

Prime Minister visited the Indian Arrival monument at Monument Gardens in Georgetown today. He was accompanied by PM of Guyana Brig (Retd) Mark Phillips. An ensemble of Tassa Drums welcomed Prime Minister as he paid floral tribute at the Arrival Monument. Paying homage at the monument, Prime Minister recalled the struggle and sacrifices of Indian diaspora and their pivotal contribution to preserving and promoting Indian culture and tradition in Guyana. He planted a Bel Patra sapling at the monument.

The monument is a replica of the first ship which arrived in Guyana in 1838 bringing indentured migrants from India. It was gifted by India to the people of Guyana in 1991.