प्रधानमंत्री मोदी ने रांची में आयुष्मान भारत - प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की शुरुआत की समाज की
आखिरी पंक्ति में खड़े व्यक्ति को, गरीब से भी गरीब को इलाज मिले, स्वास्थ्य की बेहतर सुविधा मिले, इस विजन के साथ प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की शुरुआत की गई है: पीएम मोदी
देश के 50 करोड़ से ज्यादा भाई-बहनों को 5 लाख रुपए तक का हेल्थ-एश्योरेंस देने वाली ये योजना दुनिया की सबसे बड़ी योजना है, पूरी दुनिया में सरकारी पैसे से इतनी बड़ी योजना किसी और देश में नहीं चल रही है: प्रधानमंत्री
अगर आप अमेरिका, कनाडा और मैक्सिको, इन तीनों देशों की आबादी को भी जोड़ दें, तो उनकी कुल संख्या इस योजना के लाभार्थियों की संख्या के करीब ही होगी: प्रधानमंत्री मोदी
आयुष्मान भारत योजना से 2 महापुरुषों का नाता जुड़ा है, अप्रैल में जब योजना के पहले चरण शुरु हुआ था तो उस दिन बाबा साहेब अंबेडकर का जन्मदिन था, अब इसी कड़ी में, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, दीन दयाल उपाध्याय जी के जन्मदिवस से 2 दिन पहले शुरु हुई है: पीएम मोदी
कैंसर, दिल की बीमारी, किडनी और लीवर की बीमारी, डायबटीज समेत 1300 से अधिक बीमारियों का इलाज इस योजना में शामिल है, इन गंभीर बीमारियों का इलाज सरकारी ही नहीं बल्कि अनेक प्राइवेट अस्पतालों में भी किया जा सकेगा: प्रधानमंत्री
5 लाख तक का जो खर्च है उसमें अस्पताल में भर्ती होने के अलावा जरुरी जांच, दवाई, भर्ती से पहले का खर्च और इलाज पूरा होने तक का खर्च भी शामिल है, अगर किसी को पहले से कोई बीमारी है तो उस बीमारी का भी खर्च इस योजना द्वारा उठाया जाएगा: प्रधानमंत्री मोदी
जो राज्य आयुष्मान भारत योजना से जुड़े हैं, उनमें रहने वाले व्यक्ति किसी भी राज्य में जाएं, उन्हें इस योजना का लाभ मिलता रहेगा, अभी तक देशभर के 13,000 से अधिक अस्पताल इससे जुड़ चुके हैं: पीएम मोदी
झारखंड में करीब 40 वेलनेस-सेंटर्स काम कर रहे हैं और देशभर में इनकी संख्या 2300 तक पहुंच चुकी है, अगले 4 वर्षों में देशभर में ऐसे 1.5 लाख सेंटर्स तैयार करने का लक्ष्य है: प्रधानमंत्री
सरकार देश के स्वास्थ्य क्षेत्र को सुधारने के लिए Holistic तरीके से कार्य कर रही है, एक तरफ सरकार Affordable Healthcare पर ध्यान दे रही है, तो साथ ही Preventive Healthcare पर भी जोर दिया जा रहा है: प्रधानमंत्री मोदी
मैं आश्वस्त हूं कि इस योजना से जुड़े हर व्यक्ति के प्रयासों से, आरोग्य मित्रों और आशा-एनएम बहनों के सहयोग से, हर डॉक्टर, हर नर्स, हर कर्मचारी, हर सर्विस प्रोवाइडर की समर्पित भावना से, हम इस योजना को सफल बना पाएंगे, एक स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण कर पाएंगे: पीएम मोदी

झारखंड के राज्‍यपाल श्रीमती द्रोपदी मुरमु जी, राज्‍य के ऊर्जावान लोकप्रिय मुख्‍यमंत्री श्रीमान रघुवर दास, केंद्र में मंत्रिपरिषद के मेरे साथी श्रीमान जगत प्रसाद नड्डा जी, केंद्र में मंत्रिपरिषद के मेरे साथी और इसी धरती की संतान श्रीमान सुदर्शन भगत जी, केंद्र में हमारे साथी जयंत सिन्‍हा जी, नीति आयोग के सदस्‍य डॉक्‍टर वी.के.पॉल, राज्‍य सरकार के मंत्री रामचंद्र चंद्रमुंशी, संसद में मेरे साथी श्रीमान रामटहल चौधरी जी, विधायक श्रीमान रामकुमार पाहण जी, यहां उपस्थित सभी महानुभाव और विशाल संख्‍या में पधारे हुए झारखंड के मेरे प्‍यारे भाइयो और बहनों।

सा‍थियो, आज हम सभी आज उस विशेष अवसर के साक्षी बन रहे हैं जिसका आकलन भविष्‍य में मानवता की बहुत बड़ी सेवा के रूप में होना तय है। आज मैं यहां सिर्फ झारखंड के विकास को गति देने के लिए नहीं, लेकिन पूरे भारत में जो सपना हमारे ऋषियों-मुनियों ने देखा था, जो सपना हर परिवार का होता है, और हमारे ऋषियों-मुनियों ने सपना देखा था ‘सर्वे भवन्‍तु सुखिन:, सर्वे सन्‍तु निरामय:’। हमारे इस सदियों पुराने संकल्‍प को इसी शताब्‍दी में हमें पूरा करना है और उसका आज एक बहुमूल्‍य आरंभ हो रहा है।

समाज की आखिरी पंक्ति में जो इंसान खड़ा है। गरीब से गरीब को इलाज मिले, स्‍वास्‍थ्‍य की बेहतर सुविधा मिले। आज इस सपने को साकार करने का एक बहुत बड़ा अहम कदम इस विरसामुंडा की धरती से उठाया जा रहा है।

आज पूरे हिन्‍दुस्‍तान का ध्‍यान रांची की धरती पर है। देश के 400 से अधिक जिलों में ऐसा ही बड़ा समारोह चल रहा है और वहां से सब लोग इस रांची के भव्‍य समारोह को देख रहे हैं और वे भी इसके बाद वहां इसी कार्यक्रम को आगे बढ़ाने वाले हैं।

आज यहां मुझे दो मेडिकल कॉलेज प्रारंभ करने का भी अवसर मिला। हमारे मुख्‍यमंत्री जी बता रहे थे कि आजादी के 70 साल में तीन मेडिकल कॉलेज, साढ़े तीन सौ विद्यार्थी और चार साल में आठ मेडिकल कॉलेज, 1200 विद्यार्थी। काम कैसे होता है, कितने व्‍यापक प्रमाण में होता है, कितनी तेज गति से होता है, इसका मैं नहीं मानता है कि इसको बड़ा उदाहरण अब और कोई ढूंढने के लिए किसी को जाने की जरूरत है।

भाइयो-बहनों, आज आयुष्‍मान भारत के संकल्‍प के साथ प्रधानमंत्री जन-आरोग्‍य योजना PMJAY आज से लागू हो रही है। इस योजना को हर कोई अपनी-अपनी कल्‍पना के अनुसार नाम दे रहा है। कोई इसे मोदी केयर कह रहा है, कोई कह रहा है गरीबों के लिए योजना है। अलग-अलग नामों से लोग पुकार रहे हैं, लेकिन मेरे लिए तो ये हमारे देश के दरिद्रनारायण की सेवा का एक महामुला अवसर है। गरीब की सेवा करने का मैं समझता हूं इससे बड़ा कोई कार्यक्रम नहीं हो सकता है, अभियान नहीं हो सकता है, योजना नहीं हो सकती है।

देश के 50 करोड़ से ज्‍यादा भाई-बहनों को पांच लाख रुपये तक का health assurance देने वाली ये दुनिया की अपनी तरह की सबसे बड़ी योजना है। पूरी दुनिया में सरकारी पैसे से इतनी बड़ी योजना किसी भी देश में दुनिया में नहीं चल रही है।

इस योजना के लाभार्थियों की संख्‍या, जब हम यहां बैठते हैं तो कल्‍पना नहीं आती है। पूरा यूरो‍पीयन यूनियन, 27-28 देश, पूरा यूरोपीयन यूनियन, उसकी जितनी आबादी है, उतने लोगों को भारत में ये आयुष्‍मान भारत योजना का लाभ मिलने वाला है।

पूरे अमेरिका की जनसंख्‍या, पूरे कनाडा की जनसंख्‍या, पूरे मैक्सिको की जनसंख्‍या, इन तीनों देशों की जनसंख्‍या मिला लें, और जितनी संख्‍या होती है उससे भी ज्‍यादा लोगों का आयुष्‍मान भारत योजना से देश के लोगों की आरोग्‍य की चिंता होने वाली है।

और इसलिए अभी हमारे आरोग्‍य मंत्री नड्डा जी बता रहे थे कि आरोग्‍य जगत का दुनिया का जो सबसे मान्‍यता प्राप्‍त मैगजीन है, वो भी बढ़-चढ़ करके बढ़ाई कर रहा है कि हिन्‍दुसतान ने एक game changer, एक बहुत बड़ी महत्‍वाकांक्षी योजना को आगे बढ़ाने का फैसला किया है।

और मुझे विश्‍वास है, और मुझे पूरा भरोसा है कि आने वाले दिनों में दुनिया में मेडिकल क्षेत्र में काम करने वाले लोग आरोग्‍य के संबंध में भिन्‍न-भिन्‍न योजनाओं के संबंध में सोचने वाले लोग, आरोग्‍य और अर्थशास्त्र की चर्चा करने वाले लोग, आरोग्‍य और आधुनिक संसाधनों की चर्चा करने वाले लोग, आरोग्‍य और सामान्‍य मानवी की जिंदगी के बदलाव से समाज जीवन पर होने वाले प्रभावों की चर्चा करने वाले लोग, चाहे वो social scientist हों, चाहे वो मेडिकल साइंस की दुनिया के लोग हों, चाहे वो अर्थशास्‍त्र के लोग हों; दुनिया के हर किसी को भारत की इस आयुष्‍मान भारत की योजना का अध्‍ययन करना पड़ेगा, सोचना पड़ेगा और इसके आधार पर दुनिया के लिए कौन सा मॉडल बन सकता है, उसके लिए कभी न कभी सोचकर योजनाएं बनानी पड़ेंगी।

मैं इस योजना को मूर्तरूप देने में जिस टीम ने काम किया है, मेरे सारे सा‍थियों ने जो काम किया है, ये काम छोटा नहीं है। छह महीने के भीतर-भीतर दुनिया की इतनी बड़ी योजना, जिसकी कल्‍पना से ले करके करिश्‍मा करके दिखाने तक की यात्रा सिर्फ छह महीने में। कभी good governance की जो लोग चर्चा करते होंगे ना, एक टीम बन करके, एक vision के साथ, एक road map ले करके, समयबद्ध उसकी पूर्ति करते हुए और 50 करोड़ लोगों को जोड़ करके, 13 हजार अस्‍पतालों को जोड़ करके, छह महीने के भीतर-भीतर इतनी बड़ी योजना आज धरती पर ले आना, ये अपने-आप में एक बहुत बड़ा अजूबा है।

और मैं इसलिए मेरी पूरी टीम को आज सार्वजनिक रूप से सवा सौ करोड़ देशवासियों के सामने जी-भर करके बधाई देता हूं, जी-जान से बधाई देता हूं। और मुझे विश्‍वास है कि ये टीम अब और ताकत से, और अधिक समर्पण से काम करेगी क्‍योंकि अब तक तो प्रधानमंत्री उनके पीछे लगे रहते थे, लेकिन अब 50 करोड़ों गरीबों के आशीर्वाद उनके साथ हैं। और जब 50 करोड़ गरीबों के आशीर्वाद इस टीम के साथ हों, गांव में बैठी आशा वर्कर भी जीजान से इस काम को पूरा करने में लग जाएंगे, इसको यशस्‍वी बना करके रहेंगे, ये मेरा पूरा विश्‍वास है।

साथियो, गरीबों को आरोग्‍य का ये जो सुरक्षा कवच प्राप्‍त हो रहा है, उसे समर्पित करते हुए मैं प्रभु से भी प्रार्थना करता हूं, योजना तो अच्‍छी है, हर किसी के लिए है, लेकिन क्‍या कोई अस्‍पताल का उद्घाटन करने जाएं और ऐसा कह सकता है कि आपका अस्‍पताल भरी रहे? कोई नहीं कह सकता। मैं तो अस्‍पताल का उद्घाटन करने जाऊंगा तो कहूंगा कि आपका अस्‍पताल हमेशा खाली रहे।

आज आयुष्‍मान भारत योजना का आरंभ करते समय भी मैं भगवान से यही प्रार्थना करूंगा कि मेरे देश के किसी गरीब को उसके परिवार में ऐसी कोई मुसीबत न आए ताकि उसको इस योजना के लिए अस्‍पताल के दरवाजे पर जाने की मजबूरी आ जाए। किसी की जिंदगी में ऐसी बुरी अवस्‍था नहीं आनी चाहिए। और इसके लिए भी, उत्तम स्‍वास्‍थ्‍य के लिए भी हम परमात्‍मा से प्रार्थना करते हैं। और अगर कहीं मुसीबत आई तो आयुष्‍मान भारत आपके चरणों में हाजिर है।

अगर दुर्भाग्‍य से आपके जीवन में बीमारी का दुष्‍चक्र आया तो आपको भी देश के धनी आदमी जिस प्रकार से आरोग्‍य की सेवा प्राप्‍त कर सकते हैं, अब मेरे देश के गरीब को भी वही सेवाएं उपलब्‍ध होनी चाहिए। मेरे देश के गरीब को भी वो सारी सुविधाएं उपलब्‍ध होनी चाहिए जो देश के किसी धनी को मिलती हैं।

भाइयो और बहनों, ये योजना आज से लागू हुई है लेकिन क्‍योंकि इतनी बड़ी योजना थी तो trial करना भी जरूरी था। Technology काम करेगी या नहीं करेगी, जो आरोग्‍य मित्र बनाए हैं वो ठीक से काम कर पाएंगे कि नहीं कर पाएंगे, अस्‍पताल जो पहले काम करते थे, उसे बदल करके ठीक करें कि नहीं। और इसलिए पिछले कुछ दिनों से देश के अलग-अलग जिलों में इसका trial चल रहा था। और मुझे विश्‍वास है कि देश को सही मायने में स्‍वास्‍थ्‍य का अधिकार देने का ये अभियान अपने हर उद्देश्‍य में सफल रहेगा। स्‍वास्‍थ्‍य सेवा के क्षेत्र को और मजबूत करेगा।

साथियों, आयुष्‍मान भारत योजना से एक विशेष अवसर भी जुड़ा हुआ है। जब 14 अप्रैल को छत्‍तीसगढ़ के बस्‍तर के जंगलों से मैंने इसका प्रथम चरण प्रारंभ किया था, wellness centre का काम आरंभ किया था, वो बाबा साहेब अंबेडकर की जयंती थी। आज जब दूसरा महत्‍वपूर्ण चरण आगे बढ़ रहा है तो आज पंडित दीनदयाल उपाध्‍याय जी की जन्‍म-जयंती 25 सितम्‍बर को ध्‍यान में रख करके दो दिन पूर्व आज इस कार्यक्रम को प्रारंभ किया जा रहा है। आज संडे था, मुझे भी सुविधा थी और इसलिए हमने दो दिन इसको पहले किया। लेकिन आज एक और भी महत्‍वपूर्ण अवसर है। आज जिस धरती, जिस नाम को ले करके ऊर्जा की अनुभूति करती है, चेतनमंत बन जाती है, जिसके हर शब्‍द में जगाने का सामर्थ्‍य रहा है, ऐसे राष्‍ट्रकवि दिनकर भी जयंती है।

और इसलिए उन महापुरुषों के आशीर्वाद के साथ समाज के हर प्रकार के भेदभाव को खत्‍म करने के लिए, और जिन्‍होंने जीवनभर गरीबों के लिए सोचा, गरीबों के लिए जिए, गरीबों की गरिमा के लिए अपने-आपको खपा दिया, ऐसे महापुरुषों का स्‍मरण करते हुए आज देश को ये योजना हम दे रहे हैं।

 

देश में बेहतर इलाज कुछ लोगों तक सीमित न हो। सभी को उत्तम इलाज मिले। इसी भावना के साथ आज ये योजना देश को समर्पित की जा रही है।

भाइयो और बहनों, हमारे देश के health sector की जब भी बात होती है तो कहा जाता है कि भारत में अगर किसी के इलाज पर 100 रुपये खर्च हो रहे हैं तो उसमें 60 रुपये से ज्‍यादा बोझ उस परिवार और उस व्‍यक्ति पर आता है। उसने जो बचा-बचाया है, वो सारा बीमारी में बह जाता है। कमाई का ज्‍यादातर हिस्‍सा ऐसे ही खर्च होने के कारण हर साल लाखों लोग गरीबी से बाहर निकलने की कगार पर होते हैं लेकिन एक बीमारी फिर एक बार उनको गरीबी में वापिस ले जाती है। इसी हालत को बदलने के लिए हमने ये बीड़ा उठाया है।

भाइयो-बहनों, गरीबी हटाओ के नारे, देश आजाद हुआ तबसे हम सुनते आए हैं। गरीबों की आंख में धूल झोंकने वाले, गरीबों के नाम की मालाएं जपते रहने वाले लोग अगर आज से 30-40-50 साल पहले गरीबों के नाम पर राजनीति करने के बजाय गरीबों के सशक्तिकरण पर बल देते तो देश, आज जो हिन्‍दुस्‍तान देख रहा है वैसा नहीं होता। उन्‍होंने गरीबों के संबंध में सोचने में गलती की। ये मूलभूत गलती ने देश को आज भुगतना पड़ रहा है। उन्‍होंने ये नहीं सोचा कि गरीब कुछ न कुछ मांगता है। गरीब को कुछ मुफ्त में दे दो, उसको चाहिए, यही उनकी सबसे बड़ी गलत सोच थी। गरी‍ब जितना स्‍वाभिमानी होता है, शायद उस स्‍वाभिमानी को नापने की आपके पास कोई तराजू नहीं है।

मैंने गरीबी को जिया है, मैं गरीबी से पल-बढ़के निकला हूं। मैंने गरीबों के भीतर के स्‍वाभिमान को जी भरके जिया है। वो ही स्‍वाभिमान है जो गरीबी से जूझने की ताकत भी देता है। गरीबी की हालत में भी जीने की ताकत भी देता है। लेकिन न कभी गरीब के स्‍वाभिमान को समझने का प्रयास किया, न गरीब के सपनों को साकार करने के लिए उसके इरादों को समझने की कोशिश की। और इसलिए हर चुनाव में टुकड़े फेंको, अपना राजनीतिक उल्‍लू सीधा कर लो, यही खेल चलता रहा।

हमने बीमारी की जड़ को पकड़ा है। देश गरीबी से मुक्ति की ओर तेज गति से आगे बढ़ रहा है। पिछले दिनों एक अंतर्राष्‍ट्रीय संस्‍था ने कहा- दो-तीन साल के भीतर-भीतर देश में पांच करोड़ परिवार अति गरीबी से बाहर आ गए हैं।

भाइयो-बहनों, ये इसलिए संभव हुआ है क्‍योंकि हमने गरीबों का सशक्तिकरण empowerment of poor, इस पर बल दिया है। और इसलिए गरीब को अगर घर मिलता है तो उसके जीवन की सोच बदलती है। अगर गरीब मां को गैस का कनेक्‍शन मिलता है तो वो मां जिंदगी में आत्‍मविश्‍वास के साथ दूसरे की बराबरी में खड़ी रहती है।

जब गरीब का बैंक में खाता खुलता है तो वो भी आत्‍मसम्‍मान की अनुभूति करता है। पैसे बचाने का इरादा तय कर लेता है। जब गरीब का टीकाकरण होता है, पोषण मिशन का लाभ मिलता है तो गरीब भी सशक्तिकरण की ओर आगे बढ़ता है।

आपने देखा होगा, अभी एशियन गेम्‍स हुए, एशियन गेम्‍स में अवार्ड लाने वाले कौन थे? गोल्‍ड मैडल लाने वाले कौन थे? भारत को नई-नई सम्‍मानजनक स्थिति दिलाने वाले कौन थे? ज्‍यादातर बच्‍चे, बेटा हो या बेटी, छोटे गांव में पैदा हुए, गरीब के घर में पैदा हुए, कुपोषण की जिंदगी से गुजारा करते हुए पले-बढ़े, लेकिन मौका मिला तो हिन्‍दुस्‍तान का नाम रोशन करके आ गए।

गरीब में भी वो ताकत पड़ी है, उसे पहचानना जरूरी है। और इसलिए हमारी सारी योजनाएं गरीबों का सशक्तिकरण है। देश में एक बहुत बड़ा दूसरा बदलाव आया है। देश में सारी नीतियां सिर्फ और सिर्फ वोट बैंक की राजनीति को आधार बना करके की गई हैं। किस जाति को फायदा मिलेगा, जिस जाति से चुनाव जीतने की गारंटी मिलेगी। किस संप्रदाय के लोगों को फायदा मिलेगा, जिस संपद्राय के लोगों से वोट बटोरने की संभावना बढ़ेगी। किस इलाके को लाभ मिलेगा, जिस इलाके से चुनाव जीतने की संभावना बनेगी। चाहे क्षेत्रीय विकास का मानदंड हो, चाहे सामाजिक बदलाव का मानदंड हो, चाहे साम्‍प्रदायिक तनावों से मुक्ति का रास्‍ता हो; पहले सरकारों ने सिर्फ और सिर्फ वोट बैंक की राजनीति के तहत समाज की ताकत बढ़ाने के बजाय राजनीतिक दलों की ताकत बढ़ाने के लिए सरकारी खजानों का उपयोग किया। और सरकारी खजानो को बेतहाशा लूटा गया।

हमने वो रास्‍ता छोड़ दिया है। हम चाहते हैं देश कभी भी उस रास्‍ते पर वापिस न लौटे। हमारा मंत्र रहा है ‘सबका साथ-सबका विकास।‘ सम्‍प्रदाय के आधार पर आयुष्‍मान भारत योजना नहीं होगी। जाति के आधार पर आयुष्‍मान भारत नहीं होगी। ऊंच-नीच के भेदभाव के आधार पर आयुष्‍मान भारत नहीं होगा। ‘सबका साथ-सबका विकास’ किसी भी जाति से हो, किसी भी बिरादरी से हो, किसी भी इलाके से हो, किसी भी सम्‍प्रदाय से हो, ईश्‍वर को मानता हो-न मानता हो, मंदिर में जाता हो, मस्जिद में जाता हो, गुरूद्वारे में जाता हो, चर्च में जाता हो, कोई भेदभाव नहीं। हर किसी को आयुष्‍मान भारत योजना का लाभ मिलेगा यही है ‘सबका साथ-सबका विकास’।

सा‍थियो, ये योजना कितनी व्‍यापक है- इसका अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि कैंसर, दिल की बीमारी, किडनी और लीवर की बीमारी, डायबिटीज समेत 1300 से अधिक बीमारियों को, उनके इलाज को इस योजना में शामिल किया गया है। एक हजार तीन सौ- इन गंभीर बीमारियों का इलाज सरकारी नहीं बल्कि देश के प्राइवेट अस्‍पतालों में भी सुलभ होगा।

पांच लाख तक का जो खर्च है उसमें अस्‍पताल में भर्ती होने के अलावा जरूरी जांच, दवाई, भर्ती से पहले का खर्च और इलाज पूरा होने तक का खर्च, उसमें शामिल है। अगर किसी को पहले से कोई बीमारी है तो उस बीमारी का भी खर्च इस योजना द्वारा उठाया जाएगा।

इतना ही नहीं, देशभर के हर लाभार्थी को सही से इसका लाभ पहंचा पाएं, उसका भी प्रभावी इंतजाम किया गया है। आपको इलाज के लिए भटकना न पड़े, इसको ध्‍यान में रखते हुए व्‍यवस्‍थाएं खड़ी की गई हैं। सब कुछ technology के माध्‍यम से सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है। कोई जरूरतमंद छूट न जाए इसकी समीक्षा निरंतर चल रही है।

आपको इस योजना में किसी तरह के रजिस्‍ट्रेशन की जरूरत नहीं है। आपको जो ई-कार्ड मिल रहा है, वही आपके लिए काफी है। ई-कार्ड में आपसे जुड़ी सारी जानकारियां होंगी। इसके लिए आपको तमाम कागजी कार्रवाईयों के फेरे में भी अब पड़ने की जरूरत नहीं है।

इसके अलावा एक टेलीफोन नम्‍बर और मैं मानता हूं इसको याद रखना चाहिए आप लोगों ने। मेरे सब गरीब परिवारों से खास आग्रह करता हूं, इस नम्‍बर का जरूर याद रखिए-14555, one four triple five, ये नंबर पर आप जानकारी ले सकते हैं कि आपका इस योजना में नाम है कि नहीं है। आपके परिवार का नाम है कि नहीं है। आपको क्‍या मुसीबत है, क्‍या लाभ मिल सकता है, ये सारी चीजें, या फिर आपके नजदीक में जो common service centre है, आज देश में तीन लाख common service centre हैं, उन तीन लाख सेंटर किसी को भी दो-तीन किलोमीटर से दूर जाना नहीं पड़ेगा। वो जा करके भी वहां से अपनी जानकारियां ले सकते हैं।

सा‍थियों, इन व्‍यवस्‍थाओं के साथ ही दो और बड़े सहायक आसपास होंगे। एक-आपके गांव की आशा और एएनएम बहनें, और दूसरा- हर अस्‍पताल में आपकी मदद के लिए तैनात रहने वाले प्रधानमंत्री आरोग्‍य मित्र। ये प्रधानमंत्री आरोग्‍य मित्र अस्‍पताल में भर्ती होने के पहले से ले करके इलाज के बाद तक आपको योजना का लाभ प्राप्‍त कराने में आपका पूरा सहयोग देंगे। देश को आयुष्‍मान बनाने में जुटे हमारे ये समर्पित साथी हर सही जानकारी आप तक पहुंचाएंगे।

साथियो, आयुष्‍मान भारत का ये मिशन सही मायने में एक भारत, सभी को एक तरह के उपचार की भावना को मजबूत करता है। जो राज्‍य इस योजना से जुड़े हैं, उनमें रहने वाले व्‍यक्ति अगर उस राज्‍य के बाहर कहीं जा रहे हैं और वहां अचानक जरूरत पड़ गई तो भी इस योजना का लाभ वो दूसरे राज्‍य में भी ले सकते हैं।

अभी तक इस योजना से देशभर के 13 हजार से अधिक अस्‍पताल भी इस योजना में हमारे साथी बन चुके हैं। आने वाले समय में और भी अस्‍पताल इस मिशन का हिस्‍सा होने वाले हैं। इतना ही नहीं, जो अस्‍पताल अच्‍छी सेवाएं देंगे, विशेष तौर पर गांव के अस्‍पताल, तो उन्‍हें सरकार द्वारा मदद भी दी जाएगी।

भाइयो और बहनों, आयुष्‍मान भारत योजना का लक्ष्‍य आर्थिक सुविधा देने का तो है ही, साथ में ऐसी व्‍यवस्‍था भी खड़ी की जा रही है जिससे कि आपको घर के पास ही इलाज की उत्तम सुविधा मिल जाए।

सा‍‍थियों, आज यहां पर 10 wellness centers का भी शुभारंभ किया गया है। अब झारखंड में करीब 40 ऐसे सेंटर्स काम कर रहे हैं और देशभर में ये करीब दो-ढाई हजार तक पहुंच चुके हैं। अगले चार वर्ष में देशभर में ऐसे डेढ़ लाख wellness centers तैयार करने का लक्ष्‍य है।

भाइयो और बहनों, ये Health और wellness centers आयुष्‍मान भारत का बहुत अहम हिस्‍सा हैं। इन सेंटर्स में छोटी बीमारियों का इलाज, उनके इलाज के लिए दवाइयां तो उपलब्‍ध होंगी ही, साथ में यहां नि:शुल्‍क अनेक टेस्‍ट भी कराए जाने की व्‍यवस्‍था की जा रही है। इससे गंभीर बीमारियों के लक्षणों की पहचान पहले ही करने में मदद मिलेगी।

साथियों, सरकार देश के स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र को सुधारने के लिए टुकड़ों-टुकड़ों में नहीं बल्कि सम्‍पूर्णता के साथ एक holistic तरीके से कार्य कर रही है। हर फैसला, हर नीति एक-दूसरे के साथ जुड़ी हुई है। एक तरफ सरकार affordable health care पर ध्‍यान दे रही है तो साथ ही preventive health care पर भी जोर दिया जा रहा है। योग हो, स्‍वच्‍छ भारत अभियान हो, open defecation free गांव बनाने का अभियान हो, ये सारे जरिए उन वजहों को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है जिनसे गंभीर बीमारियां होती हैं। आपने हाल में पढ़ा होगा कि स्‍वच्‍छ भारत मिशन की वजह से तीन लाख बच्‍चों का जीवन बचने की संभावना पैदा हुई है। नवजात बच्‍चों का जीवन बचाने से जुड़े आंकड़ें हों या फिर प्रसूता माताओं के, देश बहुत तेजी के साथ आज स्‍वस्‍थ भारत बनने की दिशा में कदम उठा रहा है।

सरकार ने राष्‍ट्रीय पोषण मिशन जैसे अभियान भी शुरू किए हैं ताकि शुरूआती दिनों से ही शरीर को कुपोषित होने से रोका जा सके। वहीं मेडिकल फील्‍ड के human resource को बढ़ाने पर भी निरंतर कार्य किया जा रहा है। अनुमान है कि आयुष्‍मान भारत की वजह से आने वाले तीन वर्षों में देश में लगभग ढाई हजार नए अच्‍छी क्‍वालिटी के आधुनिक अस्‍पताल बनेंगे। इनमें से ज्‍यादातर टायर-2, टायर-3, छोटे-छोटे कस्‍बों में बनेंगे। और उसके कारण मध्‍यम वर्गीय परिवारों को एक नया व्‍यवसाय का क्षेत्र खुलने वाला है। रोजगार के नए अवसर पैदा होने वाले हैं।

इतना ही नहीं, इस पूरी प्रक्रिया में मेडिकल सेवाओं के साथ-साथ बीमा, तकनीकी कौशल, कॉल सेंटर, प्रबंधन, दवा उत्‍पादन, उपकरण निर्माण जैसे अनेक क्षेत्रों में लाखों-करोड़ों रोजगार की भी संभावनाएं पैदा होने वाली हैं। पैरामेडिकल स्‍टाफ से लेकर प्रशिक्षित डॉक्‍टरों की बहुत बड़ी मांग देश में पैदा होने वाली है। इसके साथ-साथ मेडिकल क्षेत्र से जुड़े start up के लिए भी नए अवसर बनेंगे। लाखों की संख्‍या में डॉक्‍टर, नर्स, हॉस्पिटल मैनेजमेंट से जुड़े लोगों को इन व्‍यवस्‍थाओं को चलाने का, इनसे जुड़ने का अवसर मिलेगा। यानी एक बहुत बड़ा मौका देश के निम्‍न-मध्‍यम वर्ग, मध्‍यम वर्ग के लिए भी है।

देश के गांवों, कस्‍बों, टीयर-1, टीयर-2 शहरों में health infrastructure को मजबूत करने के लिए, उसे आधुनिक बनाने के लिए सरकार निरंतर काम कर रही है। बीते चार वर्षों में देश में 14 नए एम्‍स की स्‍वीकृति दी गई। प्रधानमंत्री स्‍वास्‍थ्‍य सुरक्षा योजना के तहत हर राज्‍य में कम से कम एक एम्‍स को बनाने का काम किया जा रहा है। इसके साथ ही देश में इस समय 82 नए सरकारी मेडिकल कॉलेज आज बनाए जा रहे हैं। सरकार का जोर है देश की तीन संसदीय या चार संसदीय सीटों के बीच में कम से कम एक मेडिकल कॉलेज जरूर हो।

इसी प्रयास के तहत आज यहां भी 600 करोड़ से अधिक की लागत से बनने वाले दो मेडिकल कॉलेज का शिलान्‍यास किया गया है। कोडरमा और चायबासा में बनने वाले इन मेडिकल कॉलेज में करीब 400 बेड की नवीं सुविधा जुड़ने वाली है।

भाइयो और बहनों, बीते चार वर्षों में देशभर में मेडिकल के लगभग 25 हजार अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट नई सीटें जोड़ी गई हैं। सरकार का लक्ष्‍य है कि आने वाले चार-पांच वर्षों के दौरान देश में एक लाख नए डॉक्‍टर तैयार करने की क्षमता विकसित हो। यानी भविष्‍य की आवश्‍यकताओं को देखते हुए infrastructure और human resource, दोनों पर ध्‍यान दिया जा रहा है।

साथियो, दीनदयाल उपाध्‍याय जी कहते थे कि शिक्षा की तरह ही स्‍वास्‍थ्‍य पर होने वाला खर्च, खर्च नहीं वो निवेश होता है। अच्‍छी शिक्षा और कौशल के अभाव में समाज और देश का विकास संभव नहीं है। उसी तरह नागरिक अस्‍वस्‍थ हो, तो सशक्‍त राष्‍ट्र का निर्माण नहीं हो सकता।

साथियो, मैं पूरी तरह आश्‍वस्‍त हूं कि इस योजना से जुड़े हर व्‍यक्ति के प्रयासों से आरोग्‍य मित्र और आशा, एएनएम बहनों के सहयोग से, हर डॉक्‍टर, हर नर्स, हर कर्मचारी, हर सर्विस प्रोवाइडर की समर्पित भावना से हम इस योजना को सफल बना पाएंगे, एक स्‍वस्‍थ राष्‍ट्र का निर्माण कर पाएंगे। न्‍यू इंडिया स्‍वस्‍थ हो, न्‍यू इंडिया सशक्‍त हो, आप सभी आरोग्‍य रहें, आयुष्‍मान रहें।

इसी कामना के साथ मैं प्रधानमंत्री जन-आरोग्‍य योजना आज रांची की धरती से, भगवान बिरसामुंडा की धरती से सवा सौ करोड़ देशवासियों के चरणों में समर्पित करता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

भारत माता की – जय

भारत माता की – जय

भारत माता की – जय

मैं बोलूंगा आयुष्‍मान, आप बोलिए भारत।

आयुष्‍मान – भारत

आयुष्‍मान – भारत

आयुष्‍मान – भारत

आयुष्‍मान – भारत

आयुष्‍मान – भारत

बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

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Prime Minister meets with Crown Prince of Kuwait
December 22, 2024

​Prime Minister Shri Narendra Modi met today with His Highness Sheikh Sabah Al-Khaled Al-Hamad Al-Mubarak Al-Sabah, Crown Prince of the State of Kuwait. Prime Minister fondly recalled his recent meeting with His Highness the Crown Prince on the margins of the UNGA session in September 2024.

Prime Minister conveyed that India attaches utmost importance to its bilateral relations with Kuwait. The leaders acknowledged that bilateral relations were progressing well and welcomed their elevation to a Strategic Partnership. They emphasized on close coordination between both sides in the UN and other multilateral fora. Prime Minister expressed confidence that India-GCC relations will be further strengthened under the Presidency of Kuwait.

⁠Prime Minister invited His Highness the Crown Prince of Kuwait to visit India at a mutually convenient date.

His Highness the Crown Prince of Kuwait hosted a banquet in honour of Prime Minister.