आज जब दुनिया में कोरोना का इतना बड़ा संकट है, तब उत्तर प्रदेश ने जो साहस दिखाया, जो सूझबूझ दिखाई, जो सफलता पाई, जिस तरह कोरोना से मोर्चा लिया, जिस तरह स्थितियों को संभाला, वो अभूतपूर्व है, प्रशंसनीय है: प्रधानमंत्री मोदी
उत्तर प्रदेश के प्रयास और उपलब्धियां इसलिए विराट हैं, क्योंकि ये सिर्फ एक राज्य भर नहीं है, बल्कि उत्तर प्रदेश दुनिया के कई देशों से बड़ा राज्य है: पीएम मोदी
लॉकडाउन के दौरान, गरीबों को भोजन की दिक्कत न हो, इसके लिए जिस तरह योगी सरकार ने काम किया है, वो भी अभूतपूर्व है, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत यूपी ने बहुत तेजी से गरीबों और गांव लौटे श्रमिक साथियों तक मुफ्त राशन पहुंचाया: प्रधानमंत्री

साथियों,

नमस्‍कार, आप सभी से बात करने का मौका मिला। हम सभी ने अपने व्यक्तिगत जीवन में अनेक उतार-चढ़ाव देखे हैं। हमारे सामाजिक जीवन में भी, गांव में, शहर में, अलग-अलग तरह की कठिनाइयां आती ही रहती हैं। आप देखिए कल बिजली गिर गयी। बिहार में, उत्‍तर प्रदेश में कितने लोगों की जान चली गई। लेकिन ये किसी ने नहीं सोचा था कि पूरी दुनिया पर, पूरी मानव जाति पर एक साथ एक ही तरह का इतना बड़ा संकट आएगा। एक ऐसा संकट जिसमें चाहकर भी लोग दूसरों की पूरी तरह मदद नहीं कर पा रहे थे। इस दौरान शायद ही कोई होगा जिसे परेशानी नहीं हुई हो।

बच्चे हो-बुजुर्ग हो, महिलाएं हो-पुरुष हो, देश हो या दुनिया, हर किसी को दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। आगे भी हमें नहीं पता कि इस बीमारी से कब मुक्ति मिलेगी। हां, इसकी एक दवाई हमें पता है। ये दवाई है दो गज की दूरी। ये दवाई है- मुंह ढकना, फेसकवर या गमछे का इस्तेमाल करना। जब तक कोरोना की वैक्सीन नहीं बनती,टीका नहीं बनता है। हम इसी दवा से इसे रोक पाएंगे।

साथियों,

आज जब आप सभी मुझसे बात कर रहे थे, आपके चेहरे की खुशीहै, आपकी आंखों का भाव, आपका अपनापन, हम सभी देख रहे थे। यहां इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के यशस्वी ऊर्जावान मुख्यमंत्री श्रीमान योगी आदित्यनाथ जी मौजूद हैं, सरकार के मंत्रीगण हैं, प्रशासन से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी हैं, और यूपी के अलग-अलग जिलों से जुड़े हमारे तमाम साथी भी हैं।

श्रम की जो ताकत होती है, वो हम सभी ने महसूस की है। श्रम की इसी शक्ति का आधार बना भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान। आज इसी शक्ति ने ‘आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार अभियान’को प्रेरणा दी है। यानि केंद्र सरकार की योजना को योगी जी की सरकार ने Qualitative और Quantitative, दोनों ही तरीके से विस्तार दे दिया है।

यूपी सरकार ने न सिर्फ इसमें अनेक नई योजनाएं जोड़ी हैं, लाभार्थियों की संख्या बढ़ाई है, बल्कि इसे आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य के साथ भी पूरी तरह जोड़ दिया है। आपने सुना है मैं जिस डबल इंजन की बात हमेशा करता हूं, ये प्रयास, ‘आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार अभियान’, इसका बहुत उत्तम उदाहरण है। और मुझे पूरा विश्वास है कि योगी जी के नेतृत्व में, जिस तरह आपदा को अवसर में बदला गया है, जिस तरह योगी जी और उनकी टीम जी-जान से जुटे हैं, देश के अन्य राज्यों को भी इस योजना से बहुत कुछ सीखने को मिलेगा,हर कोई वो भी इससे प्रेरणा पाएंगे।

मुझे उम्मीद है कि अन्य राज्य भी अपने यहां ऐसी योजनाएं लेकर आएंगे। और मैं तो यूपी का सांसद हूं। जब उत्‍तर प्रदेश में इस तरह सेअच्छे काम होते हैं। तो मुझे ज़रा ज्यादा आनंद आता है। क्यूंकि वहां के लोगों की मेरी भी ज़िम्मेदारी है।

साथियों,

संकट के समय जो साहस दिखाता है, सूझबूझ दिखाता है, सफलता उसी को मिलती है। आज जब दुनिया में कोरोना का इतना बड़ा संकट है, तब उत्तर प्रदेश ने जो साहस दिखाया, जो सूझबूझ दिखाई, जो सफलता पाई, जिस तरह कोरोना से मोर्चा लिया, जिस तरह स्थितियों को संभाला, मैं सच कहता हूं वो अभूतपूर्व है, प्रशंसनीय है।

इसके लिए मैं उत्तर प्रदेश के 24 करोड़ नागरिकों की सराहना करता हूं, उन्हें नमन करता हूं।आपने जो काम किया है, वो पूरी दुनिया के लिए मिसाल है। उत्तर प्रदेश के आंकड़ों में दुनिया के बड़े-बड़े एक्सपर्ट्स को चकित कर देने की अदभुत क्षमता है। चाहे यूपी के डॉक्टर हों, पैरामेडिकल स्टाफ हो, सफाई कर्मचारी हों, पुलिसकर्मी हों, आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हो, बैंक और पोस्टऑफिस के साथी हों, परिवहन विभाग के साथी हों,श्रमिक साथी हों, हर किसी ने पूरी निष्ठा के साथ अपना योगदान दिया है।

योगी जी और उनकी पूरी टीम, चाहे जनप्रतिनिधि हों या फिर कर्मचारी हों, आप सभी ने बहुत उत्‍तम काम किया है, सराहनीय काम किया है। आप सभी ने मिलकर यूपी को जिस मुश्किल स्थिति में संभाला है, आने वाले अनेक वर्षों तक उत्‍तर प्रदेश का हर बच्‍चा, हर परिवार इसको बड़े गर्व के साथ याद करेगा, वो लंबे समय तक याद किया जाएगा।

साथियों,

उत्तर प्रदेश के प्रयास और उपलब्धियां इसलिए विराट हैं, क्योंकि ये सिर्फ एक राज्य भर नहीं है, बल्कि दुनिया के कई देशों से बड़ा राज्य है। इस उपलब्धि को यूपी के लोग खुद महसूस कर रहे हैं,लेकिन आप अगर आंकड़े जानेंगे तो और भी हैरान हो जायेंगे !

साथियों,

हम यूरोप के चार बड़े देशों को देखें तो वो हैं-इंग्लैंड,फ्रांस,इटलीऔर स्पेन! ये देश 200-250 सालतक दुनिया की सुपरपावर हुआ करते थे,आज भी दुनिया में इनका दबदबा है! आज अगर इन चारों देशों की कुल जनसँख्या को जोड़ दें,तो ये करीब 24 करोड़ होती है! हमारे तो अकेले यूपी की ही जनसँख्या 24 करोड़ है! यानि कि, जितने लोग इंग्लैंड, फ्रांस, इटली और स्पेन इन चार देशों में रहते हैं,उतने लोग उत्तर प्रदेश में रहते हैं! लेकिन कोरोना में इन चार देशों में मिलाकर 1 लाख 30 हजार लोगों की मौत हो चुकी है,जबकि यूपी में केवल 600 लोगों की जान गई है! कहां 1 लाख 30 हजार लोगों की मृत्यु और कहां 600 लोगों की मृत्यु। मैं मानता हूं, एक भी व्यक्ति की मृत्यु दुखद है। 

लेकिन हमें ये भी मानना पड़ेगा कि इन चार देशों ने मिलकर अपने यहाँ जितने प्रयास किए, फिर भी उनके यहां यूपी से कई गुना ज्यादा लोगों की जानें गईं। ये देश ज्यादा विकसित हैं,इनके पास संसाधन भी कहीं ज्यादा हैं,वहां सरकारों ने काम भी पूरी ताकत से किया है! लेकिन फिर भी अपने नागरिकों को बचाने में उन्हें वो सफलता नहीं मिली,जो सफलता यूपी ने हासिल की है!

साथियों,

इस दौरान आप में से ज्यादातर लोगों ने अमेरिका की हालात के बारे में भी सुना होगा! अमेरिका के पास साधन-संसाधन,और आधुनिक टेक्नोलॉजी की भी कोई कमी नहीं है! लेकिन फिर भी,आज अमेरिका कोरोना से बेहद बुरी तरह प्रभावित है! आप ये भी याद रखिए कि अमेरिका की जनसँख्या करीब 33 करोड़ है,जबकि यूपी में 24 करोड़ लोग रहते हैं! लेकिन अमेरिका में अब तक 1 लाख 25 हजार लोगों की मौत हो चुकी है,जबकि यूपी में करीब 600 लोगों की मृत्यु हुई है।

अगर योगी जी की उत्‍तर प्रदेश सरकार ने सही से तैयारी नहीं की होती,अगर यूपी में भी अमेरिका की तरह ही तबाही मची होती तो आज यूपी में 600 की जगह 85000 लोगों की जान जा सकती थी! लेकिन, जो मेहनत यूपी की सरकार ने की है,हम कह सकते हैं कि एक प्रकार से अब तक कम से कम 85 हजार लोगों का जीवन बचाने में वो कामयाब हुई है! आज अगर हम अपने नागरिकों का जीवन बचा पा रहे हैं,तो ये भी अपने-आप में बहुत संतोष की बात है और देश का आत्‍मविश्‍वास भी है! वर्ना एक वो भी दिन था जब प्रयागराज, तब के इलाहाबाद के सांसद, देश के प्रधानमंत्री थे, कुंभ में भगदड़ मची थी, सैकड़ों-हजारों लोग मारे गए थे। तब उस समय जो लोग सरकार में थे, उन्होंने सारा जोर मरने वालों की संख्या छिपाने में ही लगा दिया था। अब आज उत्तर प्रदेश के लोगों का जीवन बच रहा है, सुरक्षित हो रहा है, तो बहुत तसल्ली मिलती है।

साथियों,

इसमें भी हमें एक और बात हमेशा याद रखनी है। ये सब उस स्थिति में हुआ जब देशभर से करीब 30-35 लाख से अधिक श्रमिक साथी, कामगार साथी, यूपी में पिछले कुछ हफ्तों में अपने गांव लौटे थे। सैकड़ों श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को चलवाकर यूपी सरकार ने मुश्किल में फंसे अपने लोगों को वापस बुला लिया था। दूसरे राज्यों से आए इन साथियों से संक्रमण के फैलाव का रिस्क और भी अधिक था। लेकिन, उत्तर प्रदेश ने जिस तरह स्थिति को संवेदनशीलता के साथ संभाला, उसने राज्य को एक बड़े संकट से बाहर निकाल लिया।

साथियों,

यूपी में 2017 से पहले जिस तरह का शासन चल रहा था, जिस तरह की सरकार चला करती थी, उस हालात में, हम इन नतीजों की कल्पना भी नहीं कर सकते। पहले वाली सरकारें होतीं, तो अस्पतालों की संख्या का बहाना बनाकर, बिस्तरों की संख्या का बहाना बनाकर, इस चुनौती को टाल देती।लेकिन योगी जी ने ऐसा नहीं किया। योगी जी ने, उनकी सरकार ने, हालात की गंभीरता को समझा। उन्होंने समझा कि इतने बड़े-बड़े देशों की क्या हालत हो रही है।ये देखते हुए उन्होंने और उनकी सरकार ने युद्धस्तर पर काम किया।

क्वारंटीन सेंटर हो, आइसोलेशन की सुविधा हो, इसके निर्माण के लिए पूरी ताकत झोंक दी गई। उनके पिताजी का स्‍वर्गवास हुआ हो। पिताजी के अंत्‍येष्ठि में जाने के बजाए ये उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए ज़िन्दगी खपाने वाले योगी जी इस कोरॉना से बचाने के लिए आपके साथ जुटे रहे। जो श्रमिक बाहर से आ रहे थे, उनके लिए बहुत ही कम समय में लगभग 60 हजार ग्रामीण निगरानी समितियों का गठन किया गया। इन समितियों ने गांवों में क्वारंटीन की व्यवस्था विकसित करने में बहुत मदद की। सिर्फ दो -ढाई महीने के भीतर ही यूपी में कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए अस्पतालों में एक लाख बिस्तर भी तैयार किए गए। 

साथियों,

लॉकडाउन के दौरान, गरीबों को भोजन की दिक्कत न हो, इसके लिए जिस तरह योगी सरकार ने काम किया है, वो भी अभूतपूर्व है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत यूपी ने बहुत तेज़ी से गरीबों और गांव लौटे श्रमिक साथियों तक मुफ्त राशन पहुंचाया। यानि ये इंतजाम किया कि 15 करोड़ गरीबों को भोजन की दिक्कत न हो। कोई भूखा न सोए।

इस दौरान यूपी में गरीबों को 42 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न बांटा गया है। जिनके पास राशन कार्ड नहीं था, उनके लिए भी यूपी सरकार ने सरकारी राशन की दुकान के दरवाजे खोल दिए। इतना ही नहीं, उत्तर प्रदेश के सवा तीन करोड़ गरीब महिलाओं के जनधन खाते में लगभग 5 हजार करोड़ रुपए भी सीधे ट्रांफफर किए गए। आजादी के बाद के इतिहास में संभवत: किसी सरकार ने इतने बड़े पैमाने पर गरीबों की मदद नहीं की है।

साथियों,

भारत को आत्मनिर्भरता के रास्ते पर तेज़ गति से ले जाने का अभियान हो या फिर गरीब कल्याण रोज़गार अभियान हो, उत्तर प्रदेश यहां भी बहुत आगे चल रहा है। गरीब कल्याण रोज़गार अभियान के तहत श्रमिकों को आय़ के साधन बढ़ाने के लिए गांवों में अनेक कार्य शुरू करवाए जा रहे हैं। गरीबों के लिए पक्के घर का निर्माण हो, सामूहिक शौचालयों का निर्माण हो, पंचायत भवनों का काम हो, कुएं-तालाब बनाना, सड़कें बनना, इंटरनेट की लाइन बिछाना, ऐसे 25 कामों की लिस्ट केंद्र सरकार ने बनाई है।

आज इसको विस्तार देते हुए, इसमें आत्मनिर्भर भारत अभियान को भी शामिल करते हुए, उत्तर प्रदेश ने सीधे करीब-करीब सवा करोड़ श्रमिक और कामगार साथियों को रोज़गार देने का प्रयास किया है। इसमें से करीब 60 लाख को गांव के विकास से जुड़ी योजनाओं में तो करीब 40 लाख को छोटे उद्योगों यानि MSMEs में रोज़गार दिया जा रहा है। इसके अलावा स्वरोज़गार के लिए हज़ारों उद्यमियों को मुद्रा योजना के तहत करीब 10 हज़ार करोड़ रुपए का ऋण आबंटित किया गया है। ऋण के साथ-साथ आज, हज़ारों हस्तशिल्पियों को, आधुनिक मशीनें और टूलकिट भी दी गई हैं। इससे हस्तशिल्पियों का काम भी बढ़ेगा और उनको सुविधा भी मिलेगी। मैं सभी लाभार्थियों को, रोजगार पाने वालों को फिर से बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

यूपी के सांसद होने के नाते भी मैं योगी जी के लगातार संपर्क में रहा हूं। सवा करोड़ कामगारों की, कर्मचारियों की पहचान करना, 30 लाख से ज्यादा श्रमिकों के कौशल का, अनुभव का डेटा तैयार करना और उनके रोज़गार की समुचित व्यवस्था करना, ये दिखाता है कि उत्तर प्रदेश सरकार की तैयारी कितनी सघन रही है, कितनी व्यापक रही है। यूपी की एक जनपद, एक उत्पाद योजना तो पहले से ही स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा दे रही है, उनको एक बड़ा बाज़ार दे रही है।

अब आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत जब पूरे देश में ऐसे स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए उद्योगों के क्लस्टर बनाए जा रहे हैं, तब उत्तर प्रदेश को बहुत अधिक लाभ होगा।इससे कपड़ों के, सिल्क के, लेदर के, पीतल के, ऐसे जो अनेक औद्योगिक क्लस्टर हैं, उनको बल मिलेगा, नया बाजार मिलेगा।

साथियों,

आत्मनिर्भर भारत अभियान का बहुत बड़ा लाभ उत्तर प्रदेश के किसानों को होगा। किसानों के हित में, छोटे व्यापारियों के हित में, दशकों से 3 बड़े सुधारों की मांग निरंतर हो रही थी।अब जो 3 कानून केंद्र सरकार लेकर आई है, उनसे किसानों को मंडी से बाहर भी अपनी उपज बेचने का अधिकार मिल गया है। यानि जहां बेहतर दाम मिलेंगे, वहां किसान अपना सामान बेचेगा।दूसरा, अब किसान अगर चाहे तो अब बुआई के समय ही अपनी फसल का दाम तय कर सकता है।

अब आलू की फसल पैदा करने वाला किसान,चिप्स बनाने वाले उद्योग के साथ, आम लगाने वाला किसान मैंगो जूस बनाने वाले के साथ, टमाटर की खेती करने वाला किसान सॉस बनाने वाले के साथ, बुआई के समय ही समझौता कर सकता है। जिससे उसको दाम घटने की चिंता से मुक्ति मिल पाएगी।

साथियों,

इसके अलावा हमारे पशुपालकों के लिए अनेक नए कदम उठाए जा रहे हैं। दो दिन पहले ही पशुपालकों और डेयरी सेक्टर के लिए 15 हजार करोड़ रुपए का एक विशेष इंफ्रास्ट्रक्चरफंड बनाया गया है। इससे करीब 1 करोड़ और नए किसानों, पशुपालकों को डेयरी सेक्टर से जोड़ा जाएगा, डेयरी से जुड़ी नई सुविधाएं तैयार की जाएंगी। अनुमान है कि आने वाले समय में इससे गांवों में लगभग 35 लाख नए रोज़गार तैयार होंगे। परसो ही केंद्र सरकार ने यूपी में टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए एक और अहम फैसला लिया है।

बौद्ध सर्किट के लिहाज़ से अहम कुशीनगर एयरपोर्ट को इंटरनेशनल एयरपोर्ट घोषित किया गया है। इससे पूर्वांचल में हवाई कनेक्टिविटी और सशक्त होगी और देश-विदेश में महात्मा बुद्ध पर आस्था रखने वाले करोड़ों श्रद्धालु अब आसानी से उत्तर प्रदेश आ सकेंगे। इससे भी स्थानीय युवाओं के लिए रोज़गार और स्वरोज़गार के अनेक अवसर बनेंगे।और पर्यटन क्षेत्र की एक विशेषता आप भी जानते हैं।ये क्षेत्र, कम से कम पूंजी में, अधिक से अधिक लोगों को रोजगार देता है।

साथियों,

उत्तर प्रदेश, हमेशा से भारत के प्रगति पथ का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। गांव-गरीब और देश को सशक्त करने के जिस मिशन को लेकर हम चले हैं, उसमें उत्तर प्रदेश का योगदान यहां बीजेपी की सरकार आने के बाद अब लगातार बढ़ रहा है। बीते 3 साढ़े 3 वर्षों में हर बड़ी योजना पर उत्तर प्रदेश ने तेज़ गति से काम किया है। सिर्फ तीन साल में यूपी में गरीबों के लिए 30 लाख से ज्यादा पक्के घर बनाए गए हैं। सिर्फ तीन साल की मेहनत से यूपी ने खुद को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया है। सिर्फ तीन साल में पारदर्शी तरीके से यूपी ने 3 लाख नौजवानों को सरकारी नौकरी दी है। सिर्फ तीन साल के प्रयासों से यूपी में माता मृत्यु दर में 30 प्रतिशत की गिरावट आई है।

साथियों,

बरसों से पूर्वांचल में इंसेफिलाइटिस महामारी की तरह कहर बरपाती थी।अनेक नवजात शिशुओं की दुखद मृत्यु इस बीमारी से हो जाती थी। अब यूपी सरकार के प्रयासों से, इस बीमारी के मरीजों की संख्या तो कम हुई ही है, मृत्यु दर में भी 90 प्रतिशत तक की कमी आई है।इसके अलावा मेडिकल कॉलेज हों या फिर आयुष्मान भारत अभियान के तहत दूसरी सुविधाएं, इसमें भी यूपी ने प्रशंसनीय काम किया है।

बिजली, पानी, सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं में अभूतपूर्व सुधार हुआ है।नई सड़कों और एक्सप्रेसवे के निर्माण में यूपी आगे चल रहा है।और सबसे बड़ी बात ये है कि आज उत्तर प्रदेश में शांति है, कानून का राज कायम हो रहा है।यही कारण है कि उत्तर प्रदेश पर पूरी दुनिया के निवेशकों की नज़र है। सरकार देशी और विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए जो भी कदम उठा रही है, उसका बहुत बड़ा लाभ यूपी उठा रहा है। और देखिए आज भी, जब अन्य राज्य कोरोना से लड़ाई में जूझ रहे हैं, यूपी ने अपने विकास के लिए इतनी बड़ी योजना शुरू कर दी है।एक प्रकार से आपदा से बने हर अवसर को यूपी साकार कर रहा है।एक बार फिर आप सभी को, रोज़गार के इन तमाम अवसरों के लिए बहुत-बहुत बधाई !!

याद रखिए, अभी कोरोना के खिलाफ हमारी लड़ाई अभी जारी है। काम पर निकलिए, लेकिन दो गज़ की दूरी, चेहरे पर मास्क और लगातार साफ-सफाई, ये बहुत ज़रूरी है। जीवन और आजीविका, दोनों की सुरक्षा की ये लड़ाई उत्तर प्रदेश जीतेगा और भारत भी जीतेगा।

बहुत-बहुत आभार !!

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November 23, 2024
आज महाराष्ट्र ने विकास, सुशासन और सच्चे सामाजिक न्याय की जीत देखी है: पीएम मोदी
महाराष्ट्र की जनता ने भाजपा को कांग्रेस और उसके सहयोगियों की कुल सीटों से कहीं ज़्यादा सीटें दी हैं: पीएम मोदी
महाराष्ट्र ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। यह पिछले 50 सालों में किसी भी पार्टी या चुनाव-पूर्व गठबंधन की सबसे बड़ी जीत है: पीएम मोदी
‘एक हैं तो सेफ हैं’ देश का ‘महामंत्र’ बन गया है: पार्टी मुख्यालय में भाजपा कार्यकर्ताओं से पीएम मोदी
महाराष्ट्र देश का छठा राज्य बन गया है जिसने लगातार तीसरी बार भाजपा को जनादेश दिया है: पीएम मोदी

जो लोग महाराष्ट्र से परिचित होंगे, उन्हें पता होगा, तो वहां पर जब जय भवानी कहते हैं तो जय शिवाजी का बुलंद नारा लगता है।

जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...

आज हम यहां पर एक और ऐतिहासिक महाविजय का उत्सव मनाने के लिए इकट्ठा हुए हैं। आज महाराष्ट्र में विकासवाद की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सुशासन की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सच्चे सामाजिक न्याय की विजय हुई है। और साथियों, आज महाराष्ट्र में झूठ, छल, फरेब बुरी तरह हारा है, विभाजनकारी ताकतें हारी हैं। आज नेगेटिव पॉलिटिक्स की हार हुई है। आज परिवारवाद की हार हुई है। आज महाराष्ट्र ने विकसित भारत के संकल्प को और मज़बूत किया है। मैं देशभर के भाजपा के, NDA के सभी कार्यकर्ताओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, उन सबका अभिनंदन करता हूं। मैं श्री एकनाथ शिंदे जी, मेरे परम मित्र देवेंद्र फडणवीस जी, भाई अजित पवार जी, उन सबकी की भी भूरि-भूरि प्रशंसा करता हूं।

साथियों,

आज देश के अनेक राज्यों में उपचुनाव के भी नतीजे आए हैं। नड्डा जी ने विस्तार से बताया है, इसलिए मैं विस्तार में नहीं जा रहा हूं। लोकसभा की भी हमारी एक सीट और बढ़ गई है। यूपी, उत्तराखंड और राजस्थान ने भाजपा को जमकर समर्थन दिया है। असम के लोगों ने भाजपा पर फिर एक बार भरोसा जताया है। मध्य प्रदेश में भी हमें सफलता मिली है। बिहार में भी एनडीए का समर्थन बढ़ा है। ये दिखाता है कि देश अब सिर्फ और सिर्फ विकास चाहता है। मैं महाराष्ट्र के मतदाताओं का, हमारे युवाओं का, विशेषकर माताओं-बहनों का, किसान भाई-बहनों का, देश की जनता का आदरपूर्वक नमन करता हूं।

साथियों,

मैं झारखंड की जनता को भी नमन करता हूं। झारखंड के तेज विकास के लिए हम अब और ज्यादा मेहनत से काम करेंगे। और इसमें भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता अपना हर प्रयास करेगा।

साथियों,

छत्रपति शिवाजी महाराजांच्या // महाराष्ट्राने // आज दाखवून दिले// तुष्टीकरणाचा सामना // कसा करायच। छत्रपति शिवाजी महाराज, शाहुजी महाराज, महात्मा फुले-सावित्रीबाई फुले, बाबासाहेब आंबेडकर, वीर सावरकर, बाला साहेब ठाकरे, ऐसे महान व्यक्तित्वों की धरती ने इस बार पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। और साथियों, बीते 50 साल में किसी भी पार्टी या किसी प्री-पोल अलायंस के लिए ये सबसे बड़ी जीत है। और एक महत्वपूर्ण बात मैं बताता हूं। ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा के नेतृत्व में किसी गठबंधन को लगातार महाराष्ट्र ने आशीर्वाद दिए हैं, विजयी बनाया है। और ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

साथियों,

ये निश्चित रूप से ऐतिहासिक है। ये भाजपा के गवर्नंस मॉडल पर मुहर है। अकेले भाजपा को ही, कांग्रेस और उसके सभी सहयोगियों से कहीं अधिक सीटें महाराष्ट्र के लोगों ने दी हैं। ये दिखाता है कि जब सुशासन की बात आती है, तो देश सिर्फ और सिर्फ भाजपा पर और NDA पर ही भरोसा करता है। साथियों, एक और बात है जो आपको और खुश कर देगी। महाराष्ट्र देश का छठा राज्य है, जिसने भाजपा को लगातार 3 बार जनादेश दिया है। इससे पहले गोवा, गुजरात, छत्तीसगढ़, हरियाणा, और मध्य प्रदेश में हम लगातार तीन बार जीत चुके हैं। बिहार में भी NDA को 3 बार से ज्यादा बार लगातार जनादेश मिला है। और 60 साल के बाद आपने मुझे तीसरी बार मौका दिया, ये तो है ही। ये जनता का हमारे सुशासन के मॉडल पर विश्वास है औऱ इस विश्वास को बनाए रखने में हम कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेंगे।

साथियों,

मैं आज महाराष्ट्र की जनता-जनार्दन का विशेष अभिनंदन करना चाहता हूं। लगातार तीसरी बार स्थिरता को चुनना ये महाराष्ट्र के लोगों की सूझबूझ को दिखाता है। हां, बीच में जैसा अभी नड्डा जी ने विस्तार से कहा था, कुछ लोगों ने धोखा करके अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की, लेकिन महाराष्ट्र ने उनको नकार दिया है। और उस पाप की सजा मौका मिलते ही दे दी है। महाराष्ट्र इस देश के लिए एक तरह से बहुत महत्वपूर्ण ग्रोथ इंजन है, इसलिए महाराष्ट्र के लोगों ने जो जनादेश दिया है, वो विकसित भारत के लिए बहुत बड़ा आधार बनेगा, वो विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि का आधार बनेगा।



साथियों,

हरियाणा के बाद महाराष्ट्र के चुनाव का भी सबसे बड़ा संदेश है- एकजुटता। एक हैं, तो सेफ हैं- ये आज देश का महामंत्र बन चुका है। कांग्रेस और उसके ecosystem ने सोचा था कि संविधान के नाम पर झूठ बोलकर, आरक्षण के नाम पर झूठ बोलकर, SC/ST/OBC को छोटे-छोटे समूहों में बांट देंगे। वो सोच रहे थे बिखर जाएंगे। कांग्रेस और उसके साथियों की इस साजिश को महाराष्ट्र ने सिरे से खारिज कर दिया है। महाराष्ट्र ने डंके की चोट पर कहा है- एक हैं, तो सेफ हैं। एक हैं तो सेफ हैं के भाव ने जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्र के नाम पर लड़ाने वालों को सबक सिखाया है, सजा की है। आदिवासी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, ओबीसी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, मेरे दलित भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, समाज के हर वर्ग ने भाजपा-NDA को वोट दिया। ये कांग्रेस और इंडी-गठबंधन के उस पूरे इकोसिस्टम की सोच पर करारा प्रहार है, जो समाज को बांटने का एजेंडा चला रहे थे।

साथियों,

महाराष्ट्र ने NDA को इसलिए भी प्रचंड जनादेश दिया है, क्योंकि हम विकास और विरासत, दोनों को साथ लेकर चलते हैं। महाराष्ट्र की धरती पर इतनी विभूतियां जन्मी हैं। बीजेपी और मेरे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज आराध्य पुरुष हैं। धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज हमारी प्रेरणा हैं। हमने हमेशा बाबा साहब आंबेडकर, महात्मा फुले-सावित्री बाई फुले, इनके सामाजिक न्याय के विचार को माना है। यही हमारे आचार में है, यही हमारे व्यवहार में है।

साथियों,

लोगों ने मराठी भाषा के प्रति भी हमारा प्रेम देखा है। कांग्रेस को वर्षों तक मराठी भाषा की सेवा का मौका मिला, लेकिन इन लोगों ने इसके लिए कुछ नहीं किया। हमारी सरकार ने मराठी को Classical Language का दर्जा दिया। मातृ भाषा का सम्मान, संस्कृतियों का सम्मान और इतिहास का सम्मान हमारे संस्कार में है, हमारे स्वभाव में है। और मैं तो हमेशा कहता हूं, मातृभाषा का सम्मान मतलब अपनी मां का सम्मान। और इसीलिए मैंने विकसित भारत के निर्माण के लिए लालकिले की प्राचीर से पंच प्राणों की बात की। हमने इसमें विरासत पर गर्व को भी शामिल किया। जब भारत विकास भी और विरासत भी का संकल्प लेता है, तो पूरी दुनिया इसे देखती है। आज विश्व हमारी संस्कृति का सम्मान करता है, क्योंकि हम इसका सम्मान करते हैं। अब अगले पांच साल में महाराष्ट्र विकास भी विरासत भी के इसी मंत्र के साथ तेज गति से आगे बढ़ेगा।

साथियों,

इंडी वाले देश के बदले मिजाज को नहीं समझ पा रहे हैं। ये लोग सच्चाई को स्वीकार करना ही नहीं चाहते। ये लोग आज भी भारत के सामान्य वोटर के विवेक को कम करके आंकते हैं। देश का वोटर, देश का मतदाता अस्थिरता नहीं चाहता। देश का वोटर, नेशन फर्स्ट की भावना के साथ है। जो कुर्सी फर्स्ट का सपना देखते हैं, उन्हें देश का वोटर पसंद नहीं करता।

साथियों,

देश के हर राज्य का वोटर, दूसरे राज्यों की सरकारों का भी आकलन करता है। वो देखता है कि जो एक राज्य में बड़े-बड़े Promise करते हैं, उनकी Performance दूसरे राज्य में कैसी है। महाराष्ट्र की जनता ने भी देखा कि कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल में कांग्रेस सरकारें कैसे जनता से विश्वासघात कर रही हैं। ये आपको पंजाब में भी देखने को मिलेगा। जो वादे महाराष्ट्र में किए गए, उनका हाल दूसरे राज्यों में क्या है? इसलिए कांग्रेस के पाखंड को जनता ने खारिज कर दिया है। कांग्रेस ने जनता को गुमराह करने के लिए दूसरे राज्यों के अपने मुख्यमंत्री तक मैदान में उतारे। तब भी इनकी चाल सफल नहीं हो पाई। इनके ना तो झूठे वादे चले और ना ही खतरनाक एजेंडा चला।

साथियों,

आज महाराष्ट्र के जनादेश का एक और संदेश है, पूरे देश में सिर्फ और सिर्फ एक ही संविधान चलेगा। वो संविधान है, बाबासाहेब आंबेडकर का संविधान, भारत का संविधान। जो भी सामने या पर्दे के पीछे, देश में दो संविधान की बात करेगा, उसको देश पूरी तरह से नकार देगा। कांग्रेस और उसके साथियों ने जम्मू-कश्मीर में फिर से आर्टिकल-370 की दीवार बनाने का प्रयास किया। वो संविधान का भी अपमान है। महाराष्ट्र ने उनको साफ-साफ बता दिया कि ये नहीं चलेगा। अब दुनिया की कोई भी ताकत, और मैं कांग्रेस वालों को कहता हूं, कान खोलकर सुन लो, उनके साथियों को भी कहता हूं, अब दुनिया की कोई भी ताकत 370 को वापस नहीं ला सकती।



साथियों,

महाराष्ट्र के इस चुनाव ने इंडी वालों का, ये अघाड़ी वालों का दोमुंहा चेहरा भी देश के सामने खोलकर रख दिया है। हम सब जानते हैं, बाला साहेब ठाकरे का इस देश के लिए, समाज के लिए बहुत बड़ा योगदान रहा है। कांग्रेस ने सत्ता के लालच में उनकी पार्टी के एक धड़े को साथ में तो ले लिया, तस्वीरें भी निकाल दी, लेकिन कांग्रेस, कांग्रेस का कोई नेता बाला साहेब ठाकरे की नीतियों की कभी प्रशंसा नहीं कर सकती। इसलिए मैंने अघाड़ी में कांग्रेस के साथी दलों को चुनौती दी थी, कि वो कांग्रेस से बाला साहेब की नीतियों की तारीफ में कुछ शब्द बुलवाकर दिखाएं। आज तक वो ये नहीं कर पाए हैं। मैंने दूसरी चुनौती वीर सावरकर जी को लेकर दी थी। कांग्रेस के नेतृत्व ने लगातार पूरे देश में वीर सावरकर का अपमान किया है, उन्हें गालियां दीं हैं। महाराष्ट्र में वोट पाने के लिए इन लोगों ने टेंपरेरी वीर सावरकर जी को जरा टेंपरेरी गाली देना उन्होंने बंद किया है। लेकिन वीर सावरकर के तप-त्याग के लिए इनके मुंह से एक बार भी सत्य नहीं निकला। यही इनका दोमुंहापन है। ये दिखाता है कि उनकी बातों में कोई दम नहीं है, उनका मकसद सिर्फ और सिर्फ वीर सावरकर को बदनाम करना है।

साथियों,

भारत की राजनीति में अब कांग्रेस पार्टी, परजीवी बनकर रह गई है। कांग्रेस पार्टी के लिए अब अपने दम पर सरकार बनाना लगातार मुश्किल हो रहा है। हाल ही के चुनावों में जैसे आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, हरियाणा और आज महाराष्ट्र में उनका सूपड़ा साफ हो गया। कांग्रेस की घिसी-पिटी, विभाजनकारी राजनीति फेल हो रही है, लेकिन फिर भी कांग्रेस का अहंकार देखिए, उसका अहंकार सातवें आसमान पर है। सच्चाई ये है कि कांग्रेस अब एक परजीवी पार्टी बन चुकी है। कांग्रेस सिर्फ अपनी ही नहीं, बल्कि अपने साथियों की नाव को भी डुबो देती है। आज महाराष्ट्र में भी हमने यही देखा है। महाराष्ट्र में कांग्रेस और उसके गठबंधन ने महाराष्ट्र की हर 5 में से 4 सीट हार गई। अघाड़ी के हर घटक का स्ट्राइक रेट 20 परसेंट से नीचे है। ये दिखाता है कि कांग्रेस खुद भी डूबती है और दूसरों को भी डुबोती है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ी, उतनी ही बड़ी हार इनके सहयोगियों को भी मिली। वो तो अच्छा है, यूपी जैसे राज्यों में कांग्रेस के सहयोगियों ने उससे जान छुड़ा ली, वर्ना वहां भी कांग्रेस के सहयोगियों को लेने के देने पड़ जाते।

साथियों,

सत्ता-भूख में कांग्रेस के परिवार ने, संविधान की पंथ-निरपेक्षता की भावना को चूर-चूर कर दिया है। हमारे संविधान निर्माताओं ने उस समय 47 में, विभाजन के बीच भी, हिंदू संस्कार और परंपरा को जीते हुए पंथनिरपेक्षता की राह को चुना था। तब देश के महापुरुषों ने संविधान सभा में जो डिबेट्स की थी, उसमें भी इसके बारे में बहुत विस्तार से चर्चा हुई थी। लेकिन कांग्रेस के इस परिवार ने झूठे सेक्यूलरिज्म के नाम पर उस महान परंपरा को तबाह करके रख दिया। कांग्रेस ने तुष्टिकरण का जो बीज बोया, वो संविधान निर्माताओं के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है। और ये विश्वासघात मैं बहुत जिम्मेवारी के साथ बोल रहा हूं। संविधान के साथ इस परिवार का विश्वासघात है। दशकों तक कांग्रेस ने देश में यही खेल खेला। कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए कानून बनाए, सुप्रीम कोर्ट के आदेश तक की परवाह नहीं की। इसका एक उदाहरण वक्फ बोर्ड है। दिल्ली के लोग तो चौंक जाएंगे, हालात ये थी कि 2014 में इन लोगों ने सरकार से जाते-जाते, दिल्ली के आसपास की अनेक संपत्तियां वक्फ बोर्ड को सौंप दी थीं। बाबा साहेब आंबेडकर जी ने जो संविधान हमें दिया है न, जिस संविधान की रक्षा के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। संविधान में वक्फ कानून का कोई स्थान ही नहीं है। लेकिन फिर भी कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए वक्फ बोर्ड जैसी व्यवस्था पैदा कर दी। ये इसलिए किया गया ताकि कांग्रेस के परिवार का वोटबैंक बढ़ सके। सच्ची पंथ-निरपेक्षता को कांग्रेस ने एक तरह से मृत्युदंड देने की कोशिश की है।

साथियों,

कांग्रेस के शाही परिवार की सत्ता-भूख इतनी विकृति हो गई है, कि उन्होंने सामाजिक न्याय की भावना को भी चूर-चूर कर दिया है। एक समय था जब के कांग्रेस नेता, इंदिरा जी समेत, खुद जात-पात के खिलाफ बोलते थे। पब्लिकली लोगों को समझाते थे। एडवरटाइजमेंट छापते थे। लेकिन आज यही कांग्रेस और कांग्रेस का ये परिवार खुद की सत्ता-भूख को शांत करने के लिए जातिवाद का जहर फैला रहा है। इन लोगों ने सामाजिक न्याय का गला काट दिया है।

साथियों,

एक परिवार की सत्ता-भूख इतने चरम पर है, कि उन्होंने खुद की पार्टी को ही खा लिया है। देश के अलग-अलग भागों में कई पुराने जमाने के कांग्रेस कार्यकर्ता है, पुरानी पीढ़ी के लोग हैं, जो अपने ज़माने की कांग्रेस को ढूंढ रहे हैं। लेकिन आज की कांग्रेस के विचार से, व्यवहार से, आदत से उनको ये साफ पता चल रहा है, कि ये वो कांग्रेस नहीं है। इसलिए कांग्रेस में, आंतरिक रूप से असंतोष बहुत ज्यादा बढ़ रहा है। उनकी आरती उतारने वाले भले आज इन खबरों को दबाकर रखे, लेकिन भीतर आग बहुत बड़ी है, असंतोष की ज्वाला भड़क चुकी है। सिर्फ एक परिवार के ही लोगों को कांग्रेस चलाने का हक है। सिर्फ वही परिवार काबिल है दूसरे नाकाबिल हैं। परिवार की इस सोच ने, इस जिद ने कांग्रेस में एक ऐसा माहौल बना दिया कि किसी भी समर्पित कांग्रेस कार्यकर्ता के लिए वहां काम करना मुश्किल हो गया है। आप सोचिए, कांग्रेस पार्टी की प्राथमिकता आज सिर्फ और सिर्फ परिवार है। देश की जनता उनकी प्राथमिकता नहीं है। और जिस पार्टी की प्राथमिकता जनता ना हो, वो लोकतंत्र के लिए बहुत ही नुकसानदायी होती है।

साथियों,

कांग्रेस का परिवार, सत्ता के बिना जी ही नहीं सकता। चुनाव जीतने के लिए ये लोग कुछ भी कर सकते हैं। दक्षिण में जाकर उत्तर को गाली देना, उत्तर में जाकर दक्षिण को गाली देना, विदेश में जाकर देश को गाली देना। और अहंकार इतना कि ना किसी का मान, ना किसी की मर्यादा और खुलेआम झूठ बोलते रहना, हर दिन एक नया झूठ बोलते रहना, यही कांग्रेस और उसके परिवार की सच्चाई बन गई है। आज कांग्रेस का अर्बन नक्सलवाद, भारत के सामने एक नई चुनौती बनकर खड़ा हो गया है। इन अर्बन नक्सलियों का रिमोट कंट्रोल, देश के बाहर है। और इसलिए सभी को इस अर्बन नक्सलवाद से बहुत सावधान रहना है। आज देश के युवाओं को, हर प्रोफेशनल को कांग्रेस की हकीकत को समझना बहुत ज़रूरी है।

साथियों,

जब मैं पिछली बार भाजपा मुख्यालय आया था, तो मैंने हरियाणा से मिले आशीर्वाद पर आपसे बात की थी। तब हमें गुरूग्राम जैसे शहरी क्षेत्र के लोगों ने भी अपना आशीर्वाद दिया था। अब आज मुंबई ने, पुणे ने, नागपुर ने, महाराष्ट्र के ऐसे बड़े शहरों ने अपनी स्पष्ट राय रखी है। शहरी क्षेत्रों के गरीब हों, शहरी क्षेत्रों के मिडिल क्लास हो, हर किसी ने भाजपा का समर्थन किया है और एक स्पष्ट संदेश दिया है। यह संदेश है आधुनिक भारत का, विश्वस्तरीय शहरों का, हमारे महानगरों ने विकास को चुना है, आधुनिक Infrastructure को चुना है। और सबसे बड़ी बात, उन्होंने विकास में रोडे अटकाने वाली राजनीति को नकार दिया है। आज बीजेपी हमारे शहरों में ग्लोबल स्टैंडर्ड के इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। चाहे मेट्रो नेटवर्क का विस्तार हो, आधुनिक इलेक्ट्रिक बसे हों, कोस्टल रोड और समृद्धि महामार्ग जैसे शानदार प्रोजेक्ट्स हों, एयरपोर्ट्स का आधुनिकीकरण हो, शहरों को स्वच्छ बनाने की मुहिम हो, इन सभी पर बीजेपी का बहुत ज्यादा जोर है। आज का शहरी भारत ईज़ ऑफ़ लिविंग चाहता है। और इन सब के लिये उसका भरोसा बीजेपी पर है, एनडीए पर है।

साथियों,

आज बीजेपी देश के युवाओं को नए-नए सेक्टर्स में अवसर देने का प्रयास कर रही है। हमारी नई पीढ़ी इनोवेशन और स्टार्टअप के लिए माहौल चाहती है। बीजेपी इसे ध्यान में रखकर नीतियां बना रही है, निर्णय ले रही है। हमारा मानना है कि भारत के शहर विकास के इंजन हैं। शहरी विकास से गांवों को भी ताकत मिलती है। आधुनिक शहर नए अवसर पैदा करते हैं। हमारा लक्ष्य है कि हमारे शहर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शहरों की श्रेणी में आएं और बीजेपी, एनडीए सरकारें, इसी लक्ष्य के साथ काम कर रही हैं।


साथियों,

मैंने लाल किले से कहा था कि मैं एक लाख ऐसे युवाओं को राजनीति में लाना चाहता हूं, जिनके परिवार का राजनीति से कोई संबंध नहीं। आज NDA के अनेक ऐसे उम्मीदवारों को मतदाताओं ने समर्थन दिया है। मैं इसे बहुत शुभ संकेत मानता हूं। चुनाव आएंगे- जाएंगे, लोकतंत्र में जय-पराजय भी चलती रहेगी। लेकिन भाजपा का, NDA का ध्येय सिर्फ चुनाव जीतने तक सीमित नहीं है, हमारा ध्येय सिर्फ सरकारें बनाने तक सीमित नहीं है। हम देश बनाने के लिए निकले हैं। हम भारत को विकसित बनाने के लिए निकले हैं। भारत का हर नागरिक, NDA का हर कार्यकर्ता, भाजपा का हर कार्यकर्ता दिन-रात इसमें जुटा है। हमारी जीत का उत्साह, हमारे इस संकल्प को और मजबूत करता है। हमारे जो प्रतिनिधि चुनकर आए हैं, वो इसी संकल्प के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें देश के हर परिवार का जीवन आसान बनाना है। हमें सेवक बनकर, और ये मेरे जीवन का मंत्र है। देश के हर नागरिक की सेवा करनी है। हमें उन सपनों को पूरा करना है, जो देश की आजादी के मतवालों ने, भारत के लिए देखे थे। हमें मिलकर विकसित भारत का सपना साकार करना है। सिर्फ 10 साल में हमने भारत को दुनिया की दसवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी से दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी बना दिया है। किसी को भी लगता, अरे मोदी जी 10 से पांच पर पहुंच गया, अब तो बैठो आराम से। आराम से बैठने के लिए मैं पैदा नहीं हुआ। वो दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर रहेगा। हम मिलकर आगे बढ़ेंगे, एकजुट होकर आगे बढ़ेंगे तो हर लक्ष्य पाकर रहेंगे। इसी भाव के साथ, एक हैं तो...एक हैं तो...एक हैं तो...। मैं एक बार फिर आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, देशवासियों को बधाई देता हूं, महाराष्ट्र के लोगों को विशेष बधाई देता हूं।

मेरे साथ बोलिए,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय!

वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम ।

बहुत-बहुत धन्यवाद।