Quoteपानी का विषय अटल जी के लिए बहुत महत्वपूर्ण था, उनके हृदय के बहुत करीब था: प्रधानमंत्री मोदी
Quoteअटल जल योजना हो या फिर जल जीवन मिशन से जुड़ी गाइडलाइंस, ये 2024 तक देश के हर घर तक जल पहुंचाने के संकल्प को सिद्ध करने में एक बड़ा कदम हैं: पीएम मोदी
Quoteन्यू इंडिया को हमें जल संकट की हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार करना है: प्रधानमंत्री

मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्री राजनाथ सिंह जी, श्री गजेंद्र शेखावत जी, अन्य महानुभाव और यहां उपस्थित देवियों और सज्जनों !

देशभर के अनेक कॉमन सर्विस सेंटरों से आए हज़ारों लोग, विशेषकर गांवों के पंच-सरपंच भी इस वक्त हमारे साथ जुड़े हुए हैं।

इसके अलावा हिमाचल प्रदेश के मनाली से वहां के मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी, वन मंत्री श्री गोविंद सिंह ठाकुर जी, सांसद राम स्वरूप शर्मा जी भी तकनीक के माध्यम से इस कार्यक्रम में हमारे साथ शामिल हैं।

उनके साथ अटल जी के प्रिय गांव से भी कुछ लोग जुड़े हुए हैं।

मैं आप सभी का भी स्वागत करता हूं, अभिनंदन करता हूं।

आज इस मंच से सबसे पहले मैं देश के लोगों को, दुनिया को, क्रिसमस की बहुत-बहुत बधाई-शुभकामनाएं देता हूं।

Merry Christmas!!!

आज भारत के दो-दो रत्नों, हम सभी के श्रद्धेय अटल जी और महामना मदन मोहन मालवीय जी का जन्मदिवस भी है।

मैं उन्हें नमन करता हूं, देश की तरफ से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।

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मुझे बताया गया है कि प्रीणी में आज अटल जी की स्मृति में हवन हुआ है, कुछ अन्य कार्यक्रम भी हुए हैं।

साथियों,

आज देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण एक बड़ी परियोजना का नाम अटल जी को समर्पित किया गया है।

हिमाचल प्रदेश को लद्दाख और जम्मू कश्मीर से जोड़ने वाली, मनाली को लेह से जोड़ने वाली,रोहतांग टनल, अब अटल टनल के नाम से जानी जाएगी।

हिमाचल के लोगों को, प्रीणी के लोगों को ये सरकार की तरफ से अटल जी के जन्मदिन पर एक छोटा सा उपहार है।

ये अटल जी ही थे, जिन्होंने इस टनल के महत्व को समझा और इसके निर्माण का मार्ग बनाया था।

अटलजी के नाम पर इस टनल का नामकरण होना, हिमाचल के प्रति उनके लगाव और अटल जी के प्रति आप सभी के आदर और असीम प्यार काभी प्रतीक है।

साथियों,

पानी का विषय अटल जी के लिए बहुत महत्वपूर्ण था, उनके हृदय के बहुत करीब था।

पानी को लेकर उनका विजन, हमें आज भी प्रेरणा देता है।

अटल जल योजना हो या फिर जल जीवन मिशन से जुड़ी गाइडलाइंस, ये 2024 तक देश के हर घर तक जल पहुंचाने के संकल्प को सिद्ध करने में एक बड़ा कदम हैं।

साथियों,

ये पानी ही तो है जो घर, खेत और उद्योग, सबको प्रभावित करता है।

और हमारे यहां पानी के स्रोतों की क्या स्थिति है ये किसी से छुपी नहीं है।

पानी का ये संकट एक परिवार के रूप में, एक नागरिक के रूप में हमारे लिए चिंताजनक तो है ही, एक देश के रूप में भी ये विकास को प्रभावित करता है।

न्यू इंडिया को हमें जल संकट की हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार करना है।

इसके लिए हम पाँच स्तर पर एक साथ काम कर रहे हैं।

पहला- पानी से जुड़े जो डिपार्टमेंट हैं, हमने उनके Silos को तोड़ा।

दूसरा- भारत जैसे विविधता भरे देश में हमने हर क्षेत्र की जमीनी स्थिति को देखते हुए योजनाओं का स्वरूप तय करने पर जोर दिया।

तीसरा- जो पानी उपलब्ध होता है, उसके सही संचयन औऱ वितरण पर ध्यान दिया।

चौथा- पानी की एक एक बूंद का इस्तेमाल हो, पानी की recycling हो, इसे योजनाओं में प्राथमिकता दी

और

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पाँचवाँसबसे महत्वपूर्ण- जागरूकता और जनभागीदारी।

साथियों,

चुनाव से पहले जब हमने पानी के लिए समर्पित एक जलशक्ति मंत्रालय की बात की थी, तो कुछ लोगों को लगा कि ये कैसा वादा है।

लेकिन बहुत कम लोगों ने इस बात पर गौर किया कि क्यों इसकी जरूरत थी।

साथियों,

वर्षों से हमारे यहां पानी से जुड़े विषय, चाहे Resources हों, Conservation हो, Management हो, तमाम ऑपरेशन औऱ काम अलग-अलग डिपार्टमेंट और मंत्रालयों में रहे।

यानि एक तरह से कहें तो जिस Silos की मैं बात करता हूं, उसका ये बेहतरीन उदाहरण था।

इस वजह से कहीं राज्य और केंद्र सरकार में, कहीं केंद्र सरकार के अलग-अलग मंत्रालयों में, कहीं अलग-अलग विभागों और मंत्रालयों के बीच अकसर विवाद होता रहता था, कुछ न कुछ दिक्कतें आती रहती थीं।

 

इसका नुकसान ये हुआ कि पानी जैसी मूल आवश्यकता के लिए जो Holistic Approach होनी चाहिए थे, वोपहले की सरकारों के समय अपनाई नहीं जा सकी।

जल शक्ति मंत्रालय ने इस Compartmentalized Approach से पानी को बाहर निकाला और Comprehensive Approach को बल दिया।

इसी मानसून में हमने देखा है कि समाज की तरफ से, जलशक्ति मंत्रालय की तरफ से Water Conservation के लिए कैसे व्यापक प्रयास हुए हैं।

साथियों,

जिस क्षेत्रीय विविधता की बात मैंने की, वो पानी से जुड़ी योजनाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

हमारे यहां तो कहा जाता है कि हर कोस पर पानी बदल जाता है।

अब जो देश इतना विविध हो, इतना विस्तृत हो, वहां पानी जैसे विषय के लिए हमें हर क्षेत्र की आवश्यकताओं को देखते हुए आगे बढ़ना होगा।

इसी सोच ने अटल जल योजना का आधार तय किया है।

यानि एक तरफ जल जीवन मिशन है, जो हर घर तक पाइप से जल पहुंचाने का काम करेगा और दूसरी तरफ अटल जल योजना है, जो उन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देगी जहां ग्राउंडवॉटर बहुत नीचे है।

इस योजना से महाराष्ट्र, हरियाणा, कर्नाटक, राजस्थान, यूपी, एमपी और गुजरात, इन सात राज्यों के भूजल को ऊपर उठाने में बहुत मदद मिलेगी।

इन सात राज्यों के 78 जिलों में, 8,300 से ज्यादा ग्राम पंचायतों में भूजल का स्तर चिंताजनक स्थिति में है।

इसका क्या खामियाजा वहां के लोगों को उठाना पड़ता है, वो इस समय हमारे साथ लाइव जुड़े हुए साथी बहुत अच्छी तरह जानते हैं।

इन क्षेत्रों के किसानों की,पशुपालकों की, छोटे-छोटे उद्यमियों की, वहां की महिलाओं की दिक्कतें किसी से छिपी नहीं हैं।

साथियों,

लोगों को इन दिक्कतों से मुक्ति मिले, जल स्तर में सुधार हो, इसके लिए हमें हमें जागरूकता अभियान चलाने होंगे, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स और जरूरी डेटा को जोड़ना पड़ेगा।

और सबसे प्रमुख बात, हमें जल संरक्षण और संवर्धन पर बल देना होगा ताकि पानी की एक-एक बूंद का उचित उपयोग हो।

आखिर ये होगा कैसे?

इस टीम का नेतृत्व कौन करेगा?

अफसर, कर्मचारी, ब्यूरोक्रेट?

नहीं।

इसके लिए हमें उन लोगों तक जाना होगा, उन लोगों को जोड़ना होगा, जो पानी का इस्तेमाल करते हैं, जो पानी के संकट से प्रभावित हैं।

इसके लिए हमें अपनी उन माताओं-बहनों के पास जाना होगा जो घरों की असली मुखिया होती हैं। घरों में पानी का उपयोग जरूरत के अनुसार ही हो, जहां तक संभव हो Recycle किए पानी से काम चलाया जाए, ये अनुशासन घरों के भीतर लाना ही होगा।

इसके लिए हमें किसानों के पास भी जाना होगा।

हमारी खेती भूजल से सिंचाई पर बहुत अधिक निर्भर है।

लेकिन ये भी सच है कि हमारे सिंचाई के पुराने तौर-तरीकों से बहुत सा पानी बर्बाद हो जाता है।

इसके अलावा गन्ना हो, धान हो, बहुत सी ऐसी फसलें भी हैं जो बहुत ज्यादा पानी चाहती हैं।

इस प्रकार की फसलें, जहां होती हैं, वहां कई बार ये पाया गया है कि इन जगहों पर भूजल का स्तर तेजी से घटता जा रहा है।

इस स्थिति को बदलने के लिए हमें किसानों को वर्षा जल के संचयन के लिए, वैकल्पिक फसलों के लिए जागरूक करना होगा, ज्यादा से ज्यादा माइक्रो-इरिगेशन की तरफ बढ़ना होगा, हमें Per Drop More Crop को बढ़ावा देना होगा।

साथियों,

जब हम घर के लिए कुछ खर्च करते हैं, तो अपनी आय और बैंक बैलेंस भी देखते हैं, अपना बजट बनाते हैं। ऐसे ही जहां पानी कम है, वहां गांव के लोगों को वॉटर बजट बनाने के लिए, उस आधार पर फसल उगाने के लिए हमें प्रोत्साहित करना होगा।

और यहां अभी गांवों से जो लोग आए हैं, जो हमारे साथ लाइव जुड़े हैं, उनको मैं बताना चाहता हूं कि अटल जल योजना में सबसे बड़ी जिम्मेदारी आपकी ही है।

आप जितना अच्छा काम करेंगे, उससे गांव का तो भला होगा ही, ग्राम पंचायतों का भी भला होगा।

अटल जल योजना में इसलिए ये भी प्रावधान किया गया है कि जो ग्राम पंचायतें पानी के लिए बेहतरीन काम करेंगी, उन्हें और ज्यादा राशि दी जाएगी, ताकि वो और अच्छा काम कर सकें।

मेरे सरपंच भाइयों और बहनों,

आपकी मेहनत, आपका परिश्रम, आपकी भागीदारी, देश के हर घर तक जल पहुंचाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

मैं अटल जल योजना से जुड़े सभी 8,300 सरपंचों से कहना चाहता हूं कि आपकी सफलता न सिर्फ अटल जल योजना को कामयाब बनाएगी बल्कि जल जीवन मिशन को भी मजबूती देगी।

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कैसे?

ये आपका जानना भी बहुत जरूरी है।

ये देश के प्रत्येक नागरिक को भी जानना जरूरी है।

साथियों,

आजादी के इतने वर्षों बाद भी आज देश के 3 करोड़ घरों में ही नल से जल पहुंचता है।

सोचिए,

18 करोड़ ग्रामीण घरों में से सिर्फ 3 करोड़ घरों में।

70 साल में इतना ही हो पाया था।

अब हमें अगले पाँच साल में 15 करोड़ घरों तक पीने का साफ पानी, पाइप से पहुंचाना है।

इसके लिए अगले पाँच वर्षों में केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर साढ़े तीन लाख करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च करने जा रही हैं।

निश्चित रूप से ये संकल्प विराट है, लेकिन हमारे पास सफल होने के अलावा कोई विकल्प नहीं है, हमें सफल होना ही है।

ऐसे में हमारी प्रतिबद्धता जमीन पर, देश के गांव-गांव में दिखनी बहुत आवश्यक है।

आज जो जल जीवन मिशन की गाइडलाइंस जारी की गई हैं, वो इसमें हमारी मदद करने वाली हैं।

साथियों,

जल जीवन मिशन का ये अभियान सिर्फ हर घर तक स्वच्छ जल पहुंचाने से नहीं जुड़ा हुआ है।

हमारी मां बहनों को घर से दूर जाकर पानी न लाना पड़े, उनकी गरिमा का सम्मान हो, उनकी जिंदगी आसान बने, इस मिशन का ये भी लक्ष्य है।

आज भी मैं जब किसी बुजुर्ग मां को पानी के लिए भटकते देखता हूं, जब किसी बहन को सिर पर मटके रखकर मीलों पैदल चलते देखता हूं, तो बचपन की बहुत सी यादें ताजा हो जाती हैं।

देशभर की करोड़ों ऐसी बहनों को पानी जुटाने की तकलीफ से भी मुक्ति दिलाने का समय आ गया है।

जैसे हमने हर घर में शौचालय पहुंचाए, उसी तरह हर घर में जल भी पहुंचाएंगे, ये प्रण लेकर हम निकल पड़े हैं।

जब संकल्प ले लिया है, तो इसे भी सिद्ध करके दिखाएंगे।

साथियों,

गांव की भागीदारी और साझेदारी की इस योजना में गांधी जी के ग्राम स्वराज की भी एक झलक है।

पानी से जुड़ी योजनाएं हर गांव के स्तर पर वहां की स्थिति-परिस्थिति के अनुसार बनें, ये जल जीवन मिशन की गाइडलाइंस बनाते समय ध्यान रखा गया है।

इतना ही नहीं,

ग्राम पंचायत या पंचायत द्वारा बनाई गई पानी समिति ही अपने स्तर पर पानी से जुड़ी योजना बनाएगी, उसे लागू करेगी, उसकी देखरेख करेगी।

और इसलिए,

हमें, पानी की लाइन की प्लानिंग से लेकर उसके प्रबंधन तक से गांव को जोड़ने का काम हमें करना है।

हमें हमेशा याद रखना है कि गांव के मेरे भाई-बहनों के पास, बुजुर्गों के पास पानी के स्रोतों को लेकर, पानी के भंडारण से जुड़ी बातों का खज़ाना है।

हमें गांव के लोगों से बड़ा एक्सपर्ट और कौन मिलेगा?

इसलिए गांव के लोगों के अनुभव का हमें पूरा इस्तेमाल करना है।

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Tunnel under Rohtang Pass

साथियों,

हमारी सरकार का प्रयास, जल जीवन मिशन में ज्यादा से ज्यादा गांव के लोगों को अधिकार देने, उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का है।

इस मिशन के लिए हर गांव में एक विशेष कमेटी बनाई जाएगी, गांव के स्तर पर ही एक्शन प्लान बनेंगे। मेरा ये आग्रह होगा कि इस कमेटी में कम से कम 50 प्रतिशत गांव की ही बहनें हों, बेटियां हों।

यही नहीं, साफ पानी आ रहा है या नहीं, इसकी जांच के लिए गांव के ही निवासियों, वहां के बेटे-बेटियों को ट्रेनिंग दी जाएगी।

इसी तरह, कौशल विकास योजना के माध्यम से बड़े स्तर पर गांवों के युवाओं को फिटर, प्लंबर, इलेक्ट्रिशियन, मिस्त्री, ऐसे अनेक कामों की ट्रेनिंग दी जाएगी।

हां, इन सारे प्रयासों के बीच,

कुछ दुर्गम इलाकों में, कुछ सुदूर पहाड़ी क्षेत्रों में, मौसम और भौगोलिक स्थिति की वजह से पाइप लाइन पहुंचाने में कुछ मुश्किल जरूर आएगी।

ऐसी जगहों को क्या छोड़ देंगे?

नहीं।

ऐसे स्थानों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी।

वहां भी ये सुनिश्चित किया जाएगा कि उन गांवों के लोगों को शुद्ध पानी मिले।

साथियों,

जल जीवन मिशन के दौरान एक और नई चीज की जा रही है। इस योजना की मॉनीटरिंग के लिए स्पेसटेक्नोलॉजी और आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस, दोनों का इस्तेमाल किया जा रहा है।

हर गांव में पानी का कितना भंडारण हो रहा है, कितना खर्च हो रहा है, पानी की स्थिति के बारे में सारी जानकारी पर निरंतर नजर रखी जाएगी।

साथियों,

जल जीवन मिशन में सरकार ने ये भी प्रावधान किया है कि आपके गांव में योजना पूरी होने पर सरकार पानी समिति के खाते में सीधे पैसे भेजेगी। ताकि पानी से जुड़ी व्यवस्थाओं की देखरेख और संचालन गांव के लोग ही करें।

मेरा एक और आग्रह है कि हर गांव के लोग पानी एक्शन प्लान बनाएं, पानी फंड बनाएं। आपके गांव में पानी से जुड़ी योजनाओं में अनेक योजनाओं के तहत पैसा आता है। विधायक और सांसद की निधि से आता है, केंद्र और राज्य की योजनाओं से आता है।

हमें ये व्यवस्था बनानी होगी कि ये सारा पैसा एक ही जगह पर आए और एक ही तरीके से खर्च हो। इससे टुकड़ों-टुकड़ों में थोड़ा-थोड़ा पैसा लगने के बजाय ज्यादा पैसा एक साथ लग पाएगा।

साथियों,

मैं आज इस अवसर पर दुनिया भर में बसे भारतीयों से भी आग्रह करूंगा कि वो इस पावन अभियान में अपना योगदान दें।

मैं आज इस मंच से, गांव में रहने वाले अपने भाई-बहनों से भी अपील करता हूं, कि वो पानी के संरक्षण के लिए, पानी के वितरण की व्यवस्था को संभालने के लिए, पानी की recycling के लिए आगे आएं।

आप अपना समय दें, अपना श्रम दें। आप एक कदम चलेंगे तो सरकार 9 कदम चलेगी।

आइए, एकजुट होकर, कदम से कदम मिलाते हुए, देश के सामान्य जन को स्वच्छ पानी के अधिकार से जोड़ने का अपना दायित्व निभाएं।

आपके प्रयास, आपकी सफलता, देश की जल सुरक्षा और खाद्य सुरक्षा के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है।

एक बार फिर अटल जल योजना के लिए, जल जीवन मिशन के लिए पूरे देश को शुभकामनाएं।

बहुत-बहुत धन्यवाद!!!

  • krishangopal sharma Bjp December 19, 2024

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩
  • krishangopal sharma Bjp December 19, 2024

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩
  • krishangopal sharma Bjp December 19, 2024

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩
  • Sanjay Shivraj Makne VIKSIT BHARAT AMBASSADOR June 07, 2024

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PM Modi prays at Somnath Mandir
March 02, 2025

The Prime Minister Shri Narendra Modi today paid visit to Somnath Temple in Gujarat after conclusion of Maha Kumbh in Prayagraj.

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In separate posts on X, he wrote:

“I had decided that after the Maha Kumbh at Prayagraj, I would go to Somnath, which is the first among the 12 Jyotirlingas.

Today, I felt blessed to have prayed at the Somnath Mandir. I prayed for the prosperity and good health of every Indian. This Temple manifests the timeless heritage and courage of our culture.”

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“प्रयागराज में एकता का महाकुंभ, करोड़ों देशवासियों के प्रयास से संपन्न हुआ। मैंने एक सेवक की भांति अंतर्मन में संकल्प लिया था कि महाकुंभ के उपरांत द्वादश ज्योतिर्लिंग में से प्रथम ज्योतिर्लिंग श्री सोमनाथ का पूजन-अर्चन करूंगा।

आज सोमनाथ दादा की कृपा से वह संकल्प पूरा हुआ है। मैंने सभी देशवासियों की ओर से एकता के महाकुंभ की सफल सिद्धि को श्री सोमनाथ भगवान के चरणों में समर्पित किया। इस दौरान मैंने हर देशवासी के स्वास्थ्य एवं समृद्धि की कामना भी की।”