आज का नया भारत निडर है, निर्भीक है और निर्णायक है, आज सरकार सवा सौ करोड़ भारतीयों के पुरुषार्थ, विश्वास के साथ आगे बढ़ रही है: प्रधानमंत्री मोदी
अब ये नया भारत अपने सामर्थ्य, अपने साधन, अपने संसाधनों पर भरोसा करते हुए आगे बढ़ रहा है, अपनी बुनियादी कमजोरियों को दूर करने का, अपनी चुनौतियों को कम करने का प्रयास कर रहा है: पीएम मोदी
राफेल की कमी आज देश ने महसूस की है, आज हिंदुस्तान एक स्वर में कह रहा है कि अगर हमारे पास राफेल होता, तो क्या होता? राफेल पर पहले स्वार्थनीति के कारण और अब राजनीति के कारण देश का बहुत नुकसान हुआ है: प्रधानमंत्री

इंडिया टुडे ग्रुप के चेयरमैन और एडिटर-इन-चीफ अरुन पुरी जी,

आपके ग्रुप के सभी पत्रकार साथी,

न्यूजरूम में इस वक्त काम कर रहे सभी जर्नलिस्ट,

आपके साथ जुड़े हुए स्ट्रिंगर्स,

यहां उपस्थित अन्य महानुभाव और मेरे साथियों,

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव से जुड़े सभी लोगों को मैं बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।

आपके ग्रुप ने जिस तरह स्वच्छ भारत मिशन में हिस्सा लिया, लोगों को जागरूक किया, उसके लिए भी आप बधाई के पात्र हैं।

साथियों,

मुझे कहा गया है कि देश का नेतृत्व करते हुए मुझे क्या कुछ सीखने को मिला, इस बारे में अपने अनुभव आपसे साझा करूं।

जब 2014 के चुनाव के बाद मैं दिल्ली आया था तो वाकई बहुत सी बातों का अनुभव नहीं था। केंद्र सरकार कैसे चलती रही है, क्या-क्या व्यवस्थाएं हैं, सिस्टम क्या है, इसका बहुत अंदाजा नहीं था।

और मैं मानता हूं कि ये मेरे लिए वरदान की तरह साबित हुआ।

अगर मैं पुरानी व्यवस्था का हिस्सा होता, तो चुनाव के बाद एक खांचे की तरह जाकर उसमें फिट हो जाता। लेकिन ऐसा हुआ नहीं।

साथियों,

मुझे याद है, 2014 से पहले आपके स्टूडियो में भी चर्चा होती थी कि मोदी दुनिया में क्या चल रहा है, उसकी तो मोदी को समझ ही नहीं है, ऐसे में हमारी विदेश नीति का क्या होगा ?

लेकिन बीते दिनों के घटनाक्रम में आपको दिखाई दे गया होगा कि भारत की विदेश नीति का प्रभाव आज कहां है।

दिखाई दिया है या नहीं ?....

चलिए, आपने माना तो।

साथियों,

आज का भारत नया भारत है। बदला हुआ भारत है।

हमारे लिए एक-एक वीर जवान का खून अनमोल है।

पहले क्या होता था, कितने भी लोग मारे जाएं, जवान शहीद हो जाएं,

लेकिन शायद ही कोई बड़ी कार्रवाई होती थी।

लेकिन अब कोई भारत को आंख दिखाने का साहस नहीं कर सकता।

हमारी सरकार देशहित में हर फैसला लेने के लिए प्रतिबद्ध है।

भारत आज एक नई नीति और रीति पर चल रहा है और आज पूरा विश्व भी इसे समझने लगा है।

साथियों,

आज का नया भारत निडर है, निर्भीक है और निर्णायक है। क्योंकि आज सरकार सवा सौ करोड़ भारतीयों के पुरुषार्थ, उनके विश्वास के साथ आगे बढ़ रही है।

भारतीयों की इस एकजुटता ने ही देश के भीतर और बाहर कुछ देशविरोधी लोगों में एक डर पैदा किया है।

आज जो ये वातावरण बना है, मैं यही कहूंगा कि ये डर अच्छा है।

जब दुश्मन में भारत के पराक्रम का डर हो, तो ये डर अच्छा है।

जब आतंक के आकाओं में सैनिकों के शौर्य का डर हो, तो ये डर अच्छा है।

जब भगोड़ों में भी कानून और अपनी सम्पत्ति ज़ब्त होने का डर हो, तो ये डर अच्छा है।

जब मामा के बोलने से बड़े-बड़े परिवार बौखला जाए, तो ये डर अच्छा है।

जब भ्रष्ट नेताओं को भी जेल जाने का डर सताए, तो ये डर अच्छा है।

जब भ्रष्टाचारियों में भी कानून का डर हो, तो ये डर अच्छा है।

साथियों,

स्वतंत्रता के बाद के दशकों में देश ने बहुत सह लिया।

अब ये नया भारत अपने सामर्थ्य, अपने साधन, अपने संसाधनों पर भरोसा करते हुए आगे बढ़ रहा है, अपनी बुनियादी कमजोरियों को दूर करने का, अपनी चुनौतियों को कम करने का प्रयास कर रहा है।

लेकिन साथियों, बढ़ते हुए इस भारत के सामने एक चुनौती और आ खड़ी हुई है।

ये चुनौती है, अपने ही देश का विरोध और अपने ही देश का मजाक उड़ाकर आत्मसंतुष्टि की प्रवृत्ति।

मुझे आश्चर्य होता है कि आज जब पूरा देश हमारी सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है तो कुछ लोग सेना पर ही संदेह कर रहे हैं।

एक तरफ आज पूरा विश्व आतंक के खिलाफ लड़ाई में भारत का साथ दे रहा है तो दूसरी तरफ कुछ पार्टियां आतंक के खिलाफ हमारी लड़ाई पर संदेह कर रही हैं।

ये वही लोग हैं जिनके बयानों को, जिनके आर्टिकल्स को पाकिस्तानी संसद, रेडियो और टेलीविजन चैनलों पर भारत के खिलाफ इस्तेमाल किया जा रहा है।

ये लोग मोदी विरोध करते-करते देश विरोध पर उतर आए हैं, देश को ही नुकसान पहुंचा रहे हैं।

मैं आज इस मंच से ऐसे सभी लोगों से पूछना चाहता हूं कि आपको हमारी सेना के सामर्थ्य पर विश्वास है या फिर संदेह है ?

मैं उनसे जानना चाहता हूं कि आपको हमारी सेना की कही बातों पर भरोसा है या फिर आप उन लोगों पर भरोसा करते हैं जो हमारी धरती पर आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं।

भाइयों और बहनों,

मैं ऐसे सभी लोगों और पार्टियों से कहना चाहता हूं कि मोदी आएगा और चला जाएगा, लेकिन भारत हमेशा रहेगा। इसलिए मेरा आग्रह है उनसे, कृपया अपने राजनीतिक फायदे के लिए, अपने बौद्धिक अहंकार की पुष्टि के लिए देश की सुरक्षा से खिलवाड़ करना छोड़ दीजिए, भारत को कमजोर करना बंद कर दीजिए।

साथियों,

राफेल की कमी आज देश ने महसूस की है।

आज हिंदुस्तान एक स्वर में कह रहा है कि अगर हमारे पास राफेल होता, तो क्या होता ?

राफेल पर पहले स्वार्थनीति के कारण और अब राजनीति के कारण देश का बहुत नुकसान हुआ है।

मैं इन लोगों को स्पष्ट कहता हूं कि मोदी विरोध करना हो तो जरूर करिए, हमारी योजनाओं में कमियां निकालिए, उनका क्या असर हो रहा है, क्या नहीं हो रहा है,

इस पर सरकार की आलोचना करिए, आपका हमेशा स्वागत है, लेकिन देश के सुरक्षा हितों का, देश के हित का विरोध मत करिए।

आप ये ध्यान रखिए कि मोदी विरोध की इसी जिद में मसूद अजहर और हाफिज सईद जैसे आतंकियों को, आतंक के सरपरस्तों को सहारा न मिल जाए, वो और मजबूत न हो जाएं।

Friends.

Those who ruled the nation for many many years had interests in two things - doles and deals.

The culture of doles and deals harmed our nation’s development journey greatly.

Do you know the biggest sufferers of this approach? Our Jawans and Kisans.

Let me talk about the defence sector first.

Why is it that those who ruled the nation for so many years have so many defence scams in their era?

They began with Jeeps and later graduated to weapons, submarines, helicopters.

In the process the defence sector suffered.

If a deal could not happen, defence modernisation could not happen.

Who is every deal maker close to? Who is every middle-man close to? The entire nation knows.

And Lutyens Delhi, surely knows.

Friends.

It is common knowledge that one of the things our armed forces regularly need are bullet proof jackets.

In 2009, our forces made a request for One lakh Eighty Six thousand bullet proof jackets.

You would be ashamed to know that not one, I repeat not one bullet proof jacket was obtained from 2009 to 2014.

In our tenure we bought Two lakh thirty thousand bullet proof jackets!

In our tenure, the corridors of power are also free from middlemen because they know, this Government will not tolerate any corruption.

Now, let me talk of doles. Those in power loved giving doles.

These doles were not aimed at empowering the poor.

These doles were given so that the poor remain poor and remain at the mercy of the political class.

The best example of this is the farm loan waivers.

No economist or policy expert will ever say farm loan waivers can solve our agrarian issues.

It is a temporary balm at best.

Every ten years, UPA came out with a farm loan waiver idea.

They did nothing in their full tenure but at the eleventh hour, offered a farm loan.

There is nothing tangible in their waivers.

It benefits less than 20% of the farmers.

Yet, they love to fight polls on farm loans.

We have taken a different approach.

The PM Kisan Samman Nidhi, a comprehnsive scheme for farmer welfare.

No dole or deal - only good deed.

Six Thousand rupees in three parts to 12 crore farmers of India.

The scheme was announced on 1st February and launched on 24th February. We worked 24 hours non-stop and launched it in 24 days!

Previously, this much time would be taken to decide a very important question - after which member of the family should we name the scheme?

And unlike waivers, PM Kisan Samman Nidhi is a long term and long lasting assistance.

Our other schemes are like this too - be it Soil Health cards, PM Krishi Sinchai Yojana, E-Nam - they are not doles, they are concrete long term measures to increase farmer incomes by 2022.

It was the NDA Government that had the honour of bringing a historic hike in MSP for farmers.

When the previous Government was in power, a file for MSP was kept in cold storage for almost seven years.

Thus, while they work for 10% commission, we work with 100% mission and when a Government works with a strong mission,

all-round development becomes possible.

 

Friends.

Our fifty five months and the fifty five years of the others have given two contrasting approaches to governance.

They had a ‘token approach’, we have a ‘total approach.’

For everything, they had a token to offer. Let me elaborate.

India has been battling poverty but they gave a token slogan- Garibi Hatao.

How to achieve that was not specified and neither did they make any effort to remove poverty.

But, they went place to place saying – Garibi Hatao, Garibi Hatao.

It was known that India needed to work on financial inclusion. For that they gave a token- bank nationalization.

They did this in the name of the poor but none of them bothered to check if the doors of banks are open for the poor or not.

Take the case of One Rank One Pension.

A forty year old demand was left hanging but during their last budget in 2014, a token amount of five hundred crore rupees was added. They knew very well that this was not even close to the amount needed. But then again, token!

And, the elections that were approaching.

Before 2014 what was their poll plank - increasing gas cylinders from 9 to 12.

Imagine – such a large national party, with years in government is reduced to fighting a poll on 9 to 12 cylinders.

This way of giving tokens is not acceptable to us.

If work has to be done, it has to be in totality, not with tokenism.

That is why, all our initiatives aim for one hundred percent.

Jan Dhan – financial inclusion and banking for all.

Housing for All - a house for every Indian by 2022.

And, we are making remarkable progress in this direction.

One Point Five crore homes have already been created, compared to 25 lakh homes made by UPA.

Healthcare for All - Ayushman Bharat - no Indian must be deprived of good and affordable healthcare. 50 crore Indians will benefit from this scheme.

One Rank One Pension - compare their 500 crore to the Thirty Five thousand crore that was eventually given by the NDA government as a part of OROP.

Ujjwala Yojana - while they were busy between 9 and 12 cylinders,

we have worked to give smoke free kitchens to crores of families.

Power for all - every village and every household should have electricity.

The 18,000 villages in darkness for seventy long years have now been electrified and now the focus is on household electrification. 

So, you can see, we are working with both speed and scale.

Everything has to be for all, not a select few.

Enough of tokenism, the time has come for a total transformation where the fruits of development reach each and every citizen.

साथियों,

आज तक अच्छे सवाल पूछने के लिए जाना जाता है।

लेकिन आज मैं भी आज तक के मंच से कुछ सवाल पूछना चाहता हूं।

आज तक क्यों करोड़ों लोग खुले में शौच के लिए विवश थे?

आज तक क्यों दिव्यांगों के लिए सरकार संवेदनशील नहीं थी?

आज तक क्यों गंगा का पानी इतना प्रदूषित था?

आज तक क्यों नॉर्थ ईस्ट की उपेक्षा की गई?

आज तक क्यों हमारे देश की सेना के जांबाज वीरों के लिए नेशनल वॉर मेमोरियल नहीं था?

आज तक क्यों हमारे वीर पराक्रमी पुलिसकर्मियों के लिए कोई नेशनल पुलिस मेमोरियल नहीं था?

आज तक आजाद हिंद फौज की सरकार की याद में लाल किले में झंडा क्यों नहीं फहराया गया?

आज तक के मंच पर अगर मैं सवालों के इस सिलसिले को आगे बढ़ाऊं तो घंटों का ‘विशेष’ बुलेटिन बन सकता है।

इन सवालों पर आप चाहे ‘हल्ला बोलें’ या न बोलें, सिलसिलेवार कहानी बनाएं या न बनाएं

- परंतु ये एक सच्चाई है कि पहले इस देश के गरीबों, पीड़ितों, शोषितों और वंचितों को सिस्टम से जोड़ने की सार्थक कोशिश नहीं की गई।

लेकिन मैं यहां सिर्फ़ सवाल करने नही आया हूं, कुछ जवाब भी देना चाहूँगा बिना आपके पूछे, कि हम ने क्या हासिल किया और क्या हासिल कर रहे है।

आप लोग अपने आप को ‘सबसे तेज’ बताते हैं। आपकी टैग लाइन यही है ना ! – सबसे तेज

तो मैंने सोचा कि आज मैं भी आपको अपने बारे में और अपनी सरकार के बारे में बता दूं कि हम कितने तेज हैं!

आज हम सबसे तेज गति से भारत में गरीबी हटा रहे है।

आज हम सबसे तेज गति से बढ़ने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था हैं।

1991 से देखे तो पिछले 5 साल की अवधि में हमने जीडीपी ग्रोथ सबसे तेज़ गति से बढ़ाई है।

1991 से देखे तो पिछले 5 साल की अवधि में हमने सबसे तेज़ महँगाई दर को घटाया है।

आज देश में सबसे तेज गति से सड़कों का निर्माण हो रहा है। 

आज सबसे तेज गति से रेलवे का विकास कार्य हो रहा है।

आज हम सबसे तेज गति से गरीबों के लिए मकान बना रहे हैं।

आज देश में सबसे तेज गति से मोबाइल मैन्यूफेक्चरिंग यूनिट लगाने का कार्य हुआ है।

आज देश में सबसे तेज गति से ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क बिछाने का कार्य हो रहा है।

आज देश में सबसे तेज गति से सबसे अधिक एफडीआई आ रही है।

आज देश में सबसे तेज गति से स्वच्छता का दायरा बढ़ रहा है।

तो जैसे ‘सबसे तेज़’ आपकी tagline है, तो इसी तरह से ‘सबसे तेज’, हमारी सरकार की LifeLine है।

भाइयों और बहनों,

मैं 2013 में जब आपके यहां आया था तो उस समय मैंने आपको दो मित्रों की एक कहानी भी सुनाई थी। कहानी ये थी कि एक बार दो दोस्त जंगल में घूमने के लिए जाते हैं। भयानक जंगल में निकले थे,इसलिए उन्होंने अच्छी किस्म की बंदूक अपने पास रखी थी, ताकि अगर कोई खूंखार जानवर मिल जाए तो,

अपनी जान की रक्षा कर सकें। जंगल में उन्हें पैदल जाने की इच्छा हुई,

तो घने जंगल में चल पड़े, तभी अचानक एक शेर सामने आ गया।

अब क्या करें, बंदूक तो गाड़ी में पड़ी थी, वहीं छोड़ आये थे। बड़ी समस्या थी, कैसे इस स्थिति का मुकाबला किया जाए, भाग कर कहां जाएं?

लेकिन, उसमें से एक ने अपनी जेब से बंदूक का लाइसेंस निकाल कर शेर को दिखाया कि देख मेरे पास बंदूक का लाइसेंस पड़ा है।

 

साथियो,

उस समय जब मैंने यह कहानी सुनाई थी तो सरकार का वही हाल था।

पहले की सरकार ने एक्ट तो खूब बनाए, लेकिन उनमें एक्शन नहीं था।

अब सरकार में आने के बाद, हमने एक्ट के साथ ऐक्शन को भी किस तरह साकार किया… तब के और अब के वक्त में क्या फर्क आया है, उसके कुछ और उदाहरण देना चाहता हूं।

 

साथियों,

बेनामी संपत्ति कानून को 1988 में पारित किया गया था। लेकिन कभी इसे लागू नहीं किया गया। यानि एक्ट कभी एक्शन में लाया ही नहीं गया।

हमारी सरकार ने इसे लागू करने का कार्य किया और हजारों करोड़ रुपए की बेनामी संपत्ति जब्त की है।

पिछली सरकार में आपने फूड सिक्योरिटी एक्ट का हाल देखा होगा। खूब हो-हल्ला मचाकर इसे लाया गया। लेकिन जब मेरी सरकार आई तो मैं ये देखकर दंग रह गया कि ये एक्ट सिर्फ 11 राज्यों में आधे-अधूरे तरीके से लागू किया गया है।

पहली बार हमारी सरकार ने देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इस कानून को लागू किया। और सुनिश्चित किया कि जन-जन तक इसका लाभ पहुंचे।

पहले भी यही सरकारी अधिकारी थे, यही फाइलें थीं और यही दफ्तर थे, लेकिन परिणाम क्या था, आप सबको पता है।

आज हमने एक्शन पर जोर दिया और देखिए देश में किस गति से विकास कार्य हो रहे हैं।

 

साथियों,

2014 से 2019 का ये कालखंड कहने को तो पांच वर्षों का है, लेकिन जब आप विकास की पटरी पर दौड़कर हमारी सरकार के कामकाज का आकलन करेंगे तो आपको ऐसा लगेगा मानो विकास के कई दशकों की यात्रा करके लौटे हों।

ये बात जब मैं पूरी दृढ़ता से कहता हूं तो इसके पीछे हमारी सरकार के पांच वर्षों का कठिन परिश्रम और सवा सौ करोड़ भारतीयों का आशीर्वाद एवं भागीदारी है।

2014 से 2019 आवश्यकताओं को पूरा करने का समय था,  जबकि 2019 से आगे आकांक्षाओं को पूरा करने का अवसर है।

2014 से 2019 बुनियादी जरूरतों को हर घर तक पहुँचाने का समय था,

जबकि 2019 से आगे तेज उन्नति के लिए उड़ान भरने का अवसर है।

2014 से 2019 और 2019 से शुरू होने वाली आगे की ये यात्रा बदलते हुए सपनों की कहानी है।

निराशा की स्थिति से आशा के शिखर तक पहुंचने की कहानी है।

संकल्प से सिद्धि की ओर ले जाने वाली कहानी है।

साथियो हमने किताबों में खूब पढ़ा है कि इक्कीसवीं सदी भारत की होगी।

बीते पांच वर्षों की मेहनत और परिश्रम से हमने देश की नींव को मजबूत करने का काम किया है।

इसी नींव पर नए भारत की भव्य इमारत का निर्माण होगा।

आज मैं पूरे विश्वास के साथ कहता हूं कि हां इक्कीसवीं सदी भारत की होगी।

इसी विश्वास के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं।

आपने मुझे इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में बुलाया, अपनी बात रखने का अवसर दिया,

इसके लिए आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद।

 

 

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Text of PM Modi's address to the Indian Community in Guyana
November 22, 2024
The Indian diaspora in Guyana has made an impact across many sectors and contributed to Guyana’s development: PM
You can take an Indian out of India, but you cannot take India out of an Indian: PM
Three things, in particular, connect India and Guyana deeply,Culture, cuisine and cricket: PM
India's journey over the past decade has been one of scale, speed and sustainability: PM
India’s growth has not only been inspirational but also inclusive: PM
I always call our diaspora the Rashtradoots,They are Ambassadors of Indian culture and values: PM

Your Excellency President Irfan Ali,
Prime Minister Mark Philips,
Vice President Bharrat Jagdeo,
Former President Donald Ramotar,
Members of the Guyanese Cabinet,
Members of the Indo-Guyanese Community,

Ladies and Gentlemen,

Namaskar!

Seetaram !

I am delighted to be with all of you today.First of all, I want to thank President Irfan Ali for joining us.I am deeply touched by the love and affection given to me since my arrival.I thank President Ali for opening the doors of his home to me.

I thank his family for their warmth and kindness. The spirit of hospitality is at the heart of our culture. I could feel that, over the last two days. With President Ali and his grandmother, we also planted a tree. It is part of our initiative, "Ek Ped Maa Ke Naam", that is, "a tree for mother”. It was an emotional moment that I will always remember.

Friends,

I was deeply honoured to receive the ‘Order of Excellence’, the highest national award of Guyana. I thank the people of Guyana for this gesture. This is an honour of 1.4 billion Indians. It is the recognition of the 3 lakh strong Indo-Guyanese community and their contributions to the development of Guyana.

Friends,

I have great memories of visiting your wonderful country over two decades ago. At that time, I held no official position. I came to Guyana as a traveller, full of curiosity. Now, I have returned to this land of many rivers as the Prime Minister of India. A lot of things have changed between then and now. But the love and affection of my Guyanese brothers and sisters remains the same! My experience has reaffirmed - you can take an Indian out of India, but you cannot take India out of an Indian.

Friends,

Today, I visited the India Arrival Monument. It brings to life, the long and difficult journey of your ancestors nearly two centuries ago. They came from different parts of India. They brought with them different cultures, languages and traditions. Over time, they made this new land their home. Today, these languages, stories and traditions are part of the rich culture of Guyana.

I salute the spirit of the Indo-Guyanese community. You fought for freedom and democracy. You have worked to make Guyana one of the fastest growing economies. From humble beginnings you have risen to the top. Shri Cheddi Jagan used to say: "It matters not what a person is born, but who they choose to be.”He also lived these words. The son of a family of labourers, he went on to become a leader of global stature.

President Irfan Ali, Vice President Bharrat Jagdeo, former President Donald Ramotar, they are all Ambassadors of the Indo Guyanese community. Joseph Ruhomon, one of the earliest Indo-Guyanese intellectuals, Ramcharitar Lalla, one of the first Indo-Guyanese poets, Shana Yardan, the renowned woman poet, Many such Indo-Guyanese made an impact on academics and arts, music and medicine.

Friends,

Our commonalities provide a strong foundation to our friendship. Three things, in particular, connect India and Guyana deeply. Culture, cuisine and cricket! Just a couple of weeks ago, I am sure you all celebrated Diwali. And in a few months, when India celebrates Holi, Guyana will celebrate Phagwa.

This year, the Diwali was special as Ram Lalla returned to Ayodhya after 500 years. People in India remember that the holy water and shilas from Guyana were also sent to build the Ram Mandir in Ayodhya. Despite being oceans apart, your cultural connection with Mother India is strong.

I could feel this when I visited the Arya Samaj Monument and Saraswati Vidya Niketan School earlier today. Both India and Guyana are proud of our rich and diverse culture. We see diversity as something to be celebrated, not just accommodated. Our countries are showing how cultural diversity is our strength.

Friends,

Wherever people of India go, they take one important thing along with them. The food! The Indo-Guyanese community also has a unique food tradition which has both Indian and Guyanese elements. I am aware that Dhal Puri is popular here! The seven-curry meal that I had at President Ali’s home was delicious. It will remain a fond memory for me.

Friends,

The love for cricket also binds our nations strongly. It is not just a sport. It is a way of life, deeply embedded in our national identity. The Providence National Cricket Stadium in Guyana stands as a symbol of our friendship.

Kanhai, Kalicharan, Chanderpaul are all well-known names in India. Clive Lloyd and his team have been a favourite of many generations. Young players from this region also have a huge fan base in India. Some of these great cricketers are here with us today. Many of our cricket fans enjoyed the T-20 World Cup that you hosted this year.

Your cheers for the ‘Team in Blue’ at their match in Guyana could be heard even back home in India!

Friends,

This morning, I had the honour of addressing the Guyanese Parliament. Coming from the Mother of Democracy, I felt the spiritual connect with one of the most vibrant democracies in the Caribbean region. We have a shared history that binds us together. Common struggle against colonial rule, love for democratic values, And, respect for diversity.

We have a shared future that we want to create. Aspirations for growth and development, Commitment towards economy and ecology, And, belief in a just and inclusive world order.

Friends,

I know the people of Guyana are well-wishers of India. You would be closely watching the progress being made in India. India’s journey over the past decade has been one of scale, speed and sustainability.

In just 10 years, India has grown from the tenth largest economy to the fifth largest. And, soon, we will become the third-largest. Our youth have made us the third largest start-up ecosystem in the world. India is a global hub for e-commerce, AI, fintech, agriculture, technology and more.

We have reached Mars and the Moon. From highways to i-ways, airways to railways, we are building state of art infrastructure. We have a strong service sector. Now, we are also becoming stronger in manufacturing. India has become the second largest mobile manufacturer in the world.

Friends,

India’s growth has not only been inspirational but also inclusive. Our digital public infrastructure is empowering the poor. We opened over 500 million bank accounts for the people. We connected these bank accounts with digital identity and mobiles. Due to this, people receive assistance directly in their bank accounts. Ayushman Bharat is the world’s largest free health insurance scheme. It is benefiting over 500 million people.

We have built over 30 million homes for those in need. In just one decade, we have lifted 250 million people out of poverty. Even among the poor, our initiatives have benefited women the most. Millions of women are becoming grassroots entrepreneurs, generating jobs and opportunities.

Friends,

While all this massive growth was happening, we also focused on sustainability. In just a decade, our solar energy capacity grew 30-fold ! Can you imagine ?We have moved towards green mobility, with 20 percent ethanol blending in petrol.

At the international level too, we have played a central role in many initiatives to combat climate change. The International Solar Alliance, The Global Biofuels Alliance, The Coalition for Disaster Resilient Infrastructure, Many of these initiatives have a special focus on empowering the Global South.

We have also championed the International Big Cat Alliance. Guyana, with its majestic Jaguars, also stands to benefit from this.

Friends,

Last year, we had hosted President Irfaan Ali as the Chief Guest of the Pravasi Bhartiya Divas. We also received Prime Minister Mark Phillips and Vice President Bharrat Jagdeo in India. Together, we have worked to strengthen bilateral cooperation in many areas.

Today, we have agreed to widen the scope of our collaboration -from energy to enterprise,Ayurveda to agriculture, infrastructure to innovation, healthcare to human resources, anddata to development. Our partnership also holds significant value for the wider region. The second India-CARICOM summit held yesterday is testament to the same.

As members of the United Nations, we both believe in reformed multilateralism. As developing countries, we understand the power of the Global South. We seek strategic autonomy and support inclusive development. We prioritize sustainable development and climate justice. And, we continue to call for dialogue and diplomacy to address global crises.

Friends,

I always call our diaspora the Rashtradoots. An Ambassador is a Rajdoot, but for me you are all Rashtradoots. They are Ambassadors of Indian culture and values. It is said that no worldly pleasure can compare to the comfort of a mother’s lap.

You, the Indo-Guyanese community, are doubly blessed. You have Guyana as your motherland and Bharat Mata as your ancestral land. Today, when India is a land of opportunities, each one of you can play a bigger role in connecting our two countries.

Friends,

Bharat Ko Janiye Quiz has been launched. I call upon you to participate. Also encourage your friends from Guyana. It will be a good opportunity to understand India, its values, culture and diversity.

Friends,

Next year, from 13 January to 26 February, Maha Kumbh will be held at Prayagraj. I invite you to attend this gathering with families and friends. You can travel to Basti or Gonda, from where many of you came. You can also visit the Ram Temple at Ayodhya. There is another invite.

It is for the Pravasi Bharatiya Divas that will be held in Bhubaneshwar in January. If you come, you can also take the blessings of Mahaprabhu Jagannath in Puri. Now with so many events and invitations, I hope to see many of you in India soon. Once again, thank you all for the love and affection you have shown me.

Thank you.
Thank you very much.

And special thanks to my friend Ali. Thanks a lot.