आज उद्घाटन किए गए कार्यों में विविध क्षेत्र शामिलहैं,ये भारत के विकास के मार्ग को ऊर्जा प्रदान करेंगे: प्रधानमंत्री
भारत सरकार केरल में पर्यटन संबंधी बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए अनेक प्रयास कर रही है: प्रधानमंत्री
खाड़ी में काम करने वाले भारतीयों को सरकार का पूरा समर्थन है : प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री ने उनकी अपील का जवाब देने और खाड़ीमें भारतीय समुदाय का विशेष ध्यान रखने के लिए खाड़ी देशों को धन्यवाद दिया

केरल के राज्यपाल श्री आरिफ मोहम्मद खान, केरल के मुख्यमंत्री श्री पिनाराई विजयन, मेरे कैबिनेट सहयोगी श्री धर्मेंद्र प्रधान, राज्य मंत्री श्री मनसुख मंडाविया जी, राज्य मंत्री श्री मुरलीधरन जी,

मंच पर उपस्थित गणमान्य व्यक्ति,

दोस्तों,

नमस्कारम कोच्चि। नमस्कारम केरल। अरब सागर की रानी हमेशा की तरह अद्भुत है। आप सभी के बीच होने से मुझे बहुत खुशी मिलती है। आज हम यहां विकास का जश्न मनाने के लिए एकत्र हुए हैं। केरल और भारत का विकास। आज उद्घाटन किए जा रहे कार्यों में कई प्रकार के क्षेत्र शामिल हैं। वे भारत के विकास पथ को सक्रिय करेंगे।

दोस्तों,

दो साल पहले मैं कोच्चि रिफाइनरी गया था। यह भारत की सबसे आधुनिक रिफाइनरियों में से एक है। आज, एक बार फिर कोच्चि से, हम राष्ट्र को समर्पित कर रहें हैं: कोच्चि रिफाइनरी के प्रोपलीन डेरिवेटिव पेट्रोकेमिकल्स कॉम्प्लेक्स। यह एक परियोजना आत्मानिर्भर होने की दिशा में हमारी यात्रा को मजबूत करने में मदद करेगी। इस परिसर के लिए धन्यवाद जिससे विदेशी मुद्रा को बचाया जाएगा। उद्योगों की एक विस्तृत श्रृंखला हासिल होगी और रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे।

दोस्तों,

कोच्चि व्यापार और वाणिज्य का एक शहर है। इस शहर के लोग समय के महत्व को समझते हैं। वे बेहतर कनेक्टिविटी के महत्व की भी सराहना करते हैं। इसीलिए, विशेष रूप से राष्ट्र के लिए रो-रो वेसल्स का समर्पण किया गया है। सड़क से लगभग तीस किलोमीटर की दूरी जलमार्ग के माध्यम से 3.5 किलोमीटर हो जाती है। इसका मतलब है कि सुविधा का विकास, व्यापार का विकास, क्षमता निर्माण और भीड़-भाड़ कम हो गया है। प्रदूषण घटी है और परिवहन लागत में कमी आई है।

दोस्तों,

केरल के अन्य हिस्सों में जाने के लिए पर्यटक न केवल ट्रान्जिट प्वाइंट के रूप में कोच्चि आते हैं। यहां की संस्कृति, भोजन, समुद्र तट, बाजार स्थान, ऐतिहासिक स्थान और आध्यात्मिक स्थान व्यापक रूप से जाने जाते हैं। भारत सरकार यहां पर्यटन से संबंधित बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए कई प्रयास कर रही है। सागरिका का उद्घाटन, कोच्चि में अंतर्राष्ट्रीय क्रूज टर्मिनल इसका एक उदाहरण है। सागरिका क्रूज टर्मिनल पर्यटकों के लिए आराम और सुविधा दोनों लाता है। यह एक लाख से अधिक क्रूज मेहमानों की क्षमता वहन कर सकता है।

दोस्तों,

मैं पिछले कुछ महीनों में कुछ देख रहा हूं। बहुत सारे लोग मुझे लिख रहे हैं और यहां तक कि स्थानीय रूप से अपनी यात्रा के बारे में सोशल मीडिया पर तस्वीरें साझा कर रहे हैं। चूंकि वैश्विक महामारी ने अंतरराष्ट्रीय यात्रा को प्रभावित किया है, इसलिए लोग आस-पास के स्थानों पर धूमने जा रहे हैं। यह हमारे लिए बेहतरीन मौका है। एक तरफ, इसका मतलब स्थानीय पर्यटन उद्योग में उन लोगों की आजीविका है। दूसरी ओर, यह हमारे युवाओं और हमारी संस्कृति के बीच संपर्क को मजबूत बनाता है। देखने, जानने और खोजने के लिए बहुत कुछ है। मैं अपने युवा स्टार्ट-अप दोस्तों से आग्रह करता हूं कि वे अभिनव पर्यटन से संबंधित उत्पादों के बारे में सोचें। मेरा आप सभी से आग्रह है कि इस समय का सदुपयोग करें और अधिक से अधिक आस-पास के क्षेत्रों की यात्रा करें। आपको यह जानकर खुशी होगी कि भारत में पर्यटन क्षेत्र पिछले पांच वर्षों में अच्छी तरह से विकसित हो रहा है। वर्ल्ड टूरिज्म इंडेक्स रैंकिंग में भारत 65वें स्थान से चौंतीसवें स्थान पर आ गया। लेकिन, अभी बहुत कुछ किया जाना है और मुझे विश्वास है कि हम और भी अधिक सुधार करेंगे।

दोस्तों,

आर्थिक विकास को आकार देने वाले दो महत्वपूर्ण कारक हैं: क्षमता निर्माण और भविष्य की जरूरतों के लिए बुनियादी ढांचे को आधुनिक बनाना। अगले दो विकास कार्य इन विषयों से संबंधित हैं। 'विज्ञान सागर', कोचीन शिपयार्ड का नया ज्ञान परिसर है। इसके माध्यम से हम अपनी मानव संसाधन विकास पूंजी का विस्तार कर रहे हैं। यह परिसर कौशल विकास के महत्व का प्रतिबिंब है। यह विशेष रूप से समुद्री इंजीनियरिंग का अध्ययन करने के इच्छुक लोगों की मदद करेगा। आने वाले समय में, मैं इस क्षेत्र के लिए एक प्रमुख स्थान देखता हूं। जिन युवाओं को इस डोमेन में ज्ञान है, उनके दरवाजे पर कई अवसर होंगे। जैसा कि मैंने पहले कहा था, आर्थिक विकास को मौजूदा क्षमताओं को बढ़ाने की आवश्यकता है। यहां, हम साउथ कोल बर्थ के पुनर्निर्माण की आधारशिला रख रहे हैं। इससे लॉजिस्टिक्स लागत में कमी आएगी और कार्गो क्षमता में सुधार होगा। व्यवसाय के समृद्ध होने के लिए दोनों महत्वपूर्ण हैं।

दोस्तों,

आज, बुनियादी ढांचे की परिभाषा और दायरा बदल गया है। यह केवल अच्छी सड़कों, विकास कार्यों और कुछ शहरी केंद्रों के बीच संपर्क से परे है। हम आने वाली पीढ़ियों के लिए उच्च मात्रा और उच्च गुणवत्ता वाले बुनियादी ढांचे को देख रहे हैं। नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन के जरिए, इन्फ्रा क्रिएशन के लिए दस लाख करोड़ का निवेश किया जा रहा है। इसमें तटीय भागों, पूर्वोत्तर और पर्वतीय क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। आज भारत हर गांव में ब्रॉड-बैंड कनेक्टिविटी के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम की शुरुआत कर रहा है। इसी तरह, भारत ब्लू इकोनॉमी को विकसित करने के लिए सर्वोच्च महत्व दे रहा है। इस क्षेत्र में हमारी दृष्टि और काम में शामिल हैं: अधिक बंदरगाह, वर्तमान बंदरगाहों में बुनियादी ढांचे में सुधार, ऑफसोर एनर्जी, सतत तटीय विकास, तटीय कनेक्टिविटी। प्रधानमंत्री आवास योजना योजना अपनी तरह की एक योजना है। यह योजना मछुआरा समुदायों की विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा करती है। इसमें अधिक क्रेडिट सुनिश्चित करने के प्रावधान हैं। मछुआरों को किसान क्रेडिट कार्ड से जोड़ा गया है। इसी तरह, भारत समुद्री खाद्य निर्यात का केंद्र बनाने के लिए काम कर रहा है। मुझे खुशी है कि समुद्री शैवाल की खेती लोकप्रियता हासिल कर रही है। मैं शोधकर्ताओं और नवप्रवर्तकों से मत्स्य पालन क्षेत्र को अधिक जीवंत बनाने पर अपने विचारों को साझा करने का आह्वान करूंगा। यह हमारे मेहनती मछुआरों के लिए एक बड़ी भेंट होगी।

दोस्तों,

इस वर्ष के बजट में महत्वपूर्ण संसाधनों और योजनाओं को समर्पित किया गया है जो केरल को लाभान्वित करेंगे। इसमें कोच्चि मेट्रो का अगला चरण भी शामिल है। यह मेट्रो नेटवर्क सफलतापूर्वक काम कर रहा है और प्रगतिशील कार्य प्रथाओं और व्यावसायिकता का एक अच्छा उदाहरण स्थापित किया है।

दोस्तों,

मानवता के सामने बीते साल वाली चुनौती पहले कभी नहीं आई। 130 करोड़ भारतीयों की सामूहिक शक्ति ने देश में कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई को उत्साही बनाया है। सरकार विशेषकर खाड़ी में भारतीय प्रवासी की जरूरतों के प्रति हमेशा संवेदनशील थी। भारत को खाड़ी में हमारे प्रवासी भारतीयों पर गर्व है। सऊदी अरब, कतर, यूएई और बहरीन की मेरी पिछली यात्राओं के दौरान उनके साथ समय बिताना मेरा सम्मान रहा है। मैंने उनके साथ भोजन साझा किया, उनके साथ बातचीत की। वंदे भारत मिशन के हिस्से के रूप में, पचास लाख से अधिक भारतीय अपने घर वापस आ गए। उनमें से कई केरल के थे। इतने संवेदनशील समय में उनकी सेवा करना हमारी सरकार का सम्मान था। पिछले कुछ वर्षों में, विभिन्न खाड़ी देशों की सरकारों ने भी बहुत से भारतीयों को रिहा किया है, जो वहां की जेलों में बंद थे। सरकार ऐसे लोगों के लिए हमेशा आवाज उठाती रहेगी। मैं इस विषय पर उनके संवेदनशील दृष्टिकोण के लिए विभिन्न खाड़ी देशों की सरकारों को धन्यवाद देना चाहता हूं। खाड़ी राज्यों ने मेरी व्यक्तिगत अपील का जवाब दिया और हमारे समुदाय का विशेष ध्यान रखा। वे इस क्षेत्र में भारतीयों की वापसी को प्राथमिकता दे रहे हैं। हमने उस प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए एयर बबल स्थापित किए हैं। खाड़ी देशों में काम करने वाले भारतीयों को पता होना चाहिए कि उनका कल्याण सुनिश्चित करने के लिए मेरी सरकार का पूरा समर्थन उन्हें प्राप्त हैं।

दोस्तों,

हम आज एक ऐतिहासिक बिंदु पर हैं। हमारे कार्य आज आने वाले वर्षों में हमारी विकास गति को आकार देंगे। भारत के पास इस अवसर पर उठने और वैश्विक स्तर पर योगदान देने की क्षमता है। हमारे लोगों ने दिखाया है कि सही अवसर के साथ वे चमत्कार कर सकते हैं। आइए हम उन अवसरों को बनाने के लिए काम करते रहें। हम सब मिलकर एक आत्मानिर्भर भारत का निर्माण करेंगे। एक बार फिर, मैं केरल के लोगों को उन विकास कार्यों के लिए बधाई देता हूं जिनका आज उद्घाटन किया गया है।

धन्यवाद। आपका बहुत बहुत धन्यवाद।

ओरायीराम नंदी

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।