हम 2025 तक देश से टीबी को खत्म करने की दिशा में काम कर रहे हैं: प्रधानमंत्री मोदी 
मुझे विश्वास है कि अगले वर्ष तक देश में टीकाकरण 90 फीसदी हो जाएगा: पीएम मोदी
टीबी से मुक्ति का ये मिशन भले ही भारत में हो या किसी भी देश में, फ्रंटलाइन टीबी फिजिशियन और वर्कर्स की इसमे महत्तवपूर्ण भूमिका होती है: प्रधानमंत्री 
राज्यों की तरफ से आए मंत्रिगण और संबंधित पदाधिकारियों का इतनी बड़ी संख्या में उपस्थित होना, इस बात का संकेत है कि कैसे हम टीम इंडिया की तरह अपने देश को टीबी से मुक्ति दिलाने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं: प्रधानमंत्री मोदी

भारत के स्वास्थ्य मंत्री,   

स्वास्थ्य राज्यमंत्री,

नाइजीरिया के स्वास्थ्य मंत्री,

इंडोनेशिया के स्वास्थ्य मंत्री,

विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक,

मंच पर उपस्थित अन्य महानुभाव,

विश्व भर से आए अतिथिगण,

देवियों और सज्जनों,

‘End TB SUMMIT’ में सम्मिलित होने के लिए आप सभी भारत आए, इसके लिए मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं और हृदय से आप सभी का स्वागत करता हूं।

साथियों,

ट्यूबरकलोसिस- TB को अब से करीब 25 वर्ष पूर्व विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा इमरजेंसी घोषित किया गया था। तब से लेकर अलग-अलग देशों में TB की रोकथाम के लिए अलग-अलग तरह से प्रयास किए गए हैं। निश्चित तौर पर हम सभी ने काफी लंबा रास्ता तय किया है, TB की रोकथाम के लिए व्यापक स्तर पर काम किया है, लेकिन एक Ground Reality ये भी है कि TB को रोकने में हम अब भी पूरी तरह सफल नहीं हो पाए हैं।

साथियों,

मेरा मानना है कि जब कोई कार्य दस साल बीस साल से किया जा रहा है, और उसके नतीजे वैसे नहीं आते हैं जैसी की अपेक्षा की गई थी, तो हमें अपनी अप्रोच बदलकर देखना चाहिए। जिस तरह से कार्य किया जा रहा है, जिस तरह की योजनाओं को लागू किया गया है, जमीन पर जिन तरह से काम हो रहा है, उसे बहुत व्यापक तरीके से analyze करने की आवश्यकता होती है। जब आप गंभीरता से पुरानी प्रक्रियाओं को analyze करते हैं, तभी नई अप्रोच का रास्ता खुलता है।

मुझे खुशी है कि इसी सोच के साथ भारत की Health और Family Welfare Ministry, WHO South East Asia Region और Stop TB Partnership मिलकर एशिया, अफ्रीका और दुनिया के अनेक देशों के प्रतिनिधियों को आज एक मंच पर लाए हैं। इसी साल सितंबर में United Nations में General Assembly की महत्वपूर्ण बैठक भी होने जा रही है। इस बैठक से पहले की तैयारी के तौर पर आज का ये आयोजन, पूरी मानवता के लिए बहुत अहम है। मुझे उम्मीद है कि “Delhi End TB Summit” TB को धरती से हमेशा के लिए खत्म करने की दिशा में एक landmark event के तौर पर जाना जाएगा।

साथियों,

अभी हाल ही में इसी दिशा में भारत की एक और पहल को एक वर्ष पूरे हुए हैं।  पिछले वर्ष “Delhi Call for Action to end TB in the WHO South East Asia Region by 2030” के प्रस्ताव को सर्व सहमति से स्वीकारा गया था। इस प्रस्ताव के बाद शुरु हुई प्रक्रियाएं South East Asia region में TB को समाप्त करने की दिशा में बहुत सकारात्मक पहल के तौर पर सामने आ रही हैं। TB जिस तरह लोगों के जीवन पर, समाज के स्वास्थ्य पर, देश की अर्थव्यवस्था पर और देश के भविष्य पर असर डालती है, उसे देखते हुए अब तय समय के भीतर TB से मुक्ति पाना बहुत आवश्यक हो गया है। भारत में तो वैसे भी किसी भी communicable disease से TB का प्रभाव सबसे ज्यादा है और इसका सबसे ज्यादा शिकार भी गरीब होते हैं। इसलिए TB खत्म करने के लिए उठाया गया हर कदम, सीधे-सीधे गरीबों के जीवन से जुड़ा हुआ है।

साथियों,

दुनिया भर में TB को खत्म करने के लिए वर्ष 2030 तक का समय तय किया गया है।

लेकिन आज मैं इस मंच से ये घोषणा कर रहा हूं कि भारत ने वर्ष 2030 से पाँच साल और पहले, यानि 2025 तक TB को खत्म करने का लक्ष्य अपने लिए तय किया है। हमारी सरकार एक नई अप्रोच, नई रणनीति के साथ भारत से TB समाप्त करने के मिशन में जुट गई है। भारत सरकार द्वारा जो नए strategic initiatives शुरू किए गए हैं, उसकी एक झलक आपने अभी यहां प्रस्तुत किए गए presentation में भी देखी है। TB खत्म करने के लिए जितने भी stake-holders उत्तरदायी हैं, उन्हें हमारी सरकार एकजुट होकर कार्य करने के लिए प्रेरित कर रही है।

भाइयों और बहनों,

भारत में TB को 2025 तक खत्म करने के लिए जो National Strategic Plan बनाया गया था, वो अब पूरी तरह operational है। सरकार द्वारा TB से जुड़ी योजनाओं पर बजट लगातार बढ़ाया जा रहा है। इस वर्ष के बजट में ही हमारी सरकार ने इस बीमारी के मरीजों को पौष्टिक सहायता देने के लिए अतिरिक्त 100 मिलियन डॉलर प्रतिवर्ष खर्च करने का प्रावधान किया है। मरीजों को nutritional support खरीदने में दिक्कत न हो, इसके लिए उनके बैंक अकाउंट में सरकार की तरफ से सीधे आर्थिक सहायता ट्रांसफर की जा रही है। TB के मरीजों की सही पहचान हो, Active Cases के बारे में समय पर पता चले, जो दवाइयां दी जा रही हैं, वो प्रभावी हैं भी या नहीं, drug-resistant TB तो नहीं है, इन विषयों को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा व्यापक स्तर पर कार्य किया जा रहा है। ‘Treat every TB patient best at the very first opportunity’ के सिद्धांत के साथ सरकार इन योजनाओं में private sector को भी engage कर रही है। इसके अलावा हमारा जोर टेक्नोलॉजी औऱ नए Innovations के ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल पर भी है। Internet-of-Things को आधार बनाते हुए state-of-the-art, Information Communication Technology सिस्टम और उससे जुड़े प्लेटफॉर्म डवलप किए जा रहे हैं। प्रोग्राम के management के लिए, disease surveillance के लिए, treatment monitoring के mobile-health solutions देने के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जा रहा है।

हमने Digital X-Ray reading के लिए स्वदेशी molecular diagnostic machine भी विकसित की है। Artificial Intelligence आधारित इस मशीन को True NAAT नाम दिया गया है। ये मशीन Make in India की मुहिम को भी बल देती है।TB से जुड़े विभिन्न विषयों, जैसे वैक्सीन, बेहतर दवाइयां, diagnostics and implementation इन सभी को और मजबूत करने के लिए India TB Research Consortium की भी स्थापना की गई है।

TB को भारत से मिटाने के लिए राज्य सरकारों की भी बड़ी भूमिका है। Cooperative Federalism की भावना को मजबूत करते हुए, इस मिशन में राज्य सरकारों को अपने साथ लेकर चलने के लिए मैंने खुद देश के सभी मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिखकर इस अभियान से जुड़ने का आग्रह किया है।यहां इस आयोजन में राज्यों की तरफ से आए मंत्रिगण और संबंधित पदाधिकारियों का इतनी बड़ी संख्या में उपस्थित होना, इस बात का संकेत है कि कैसे हम Team India की तरह अपने देश को TB से मुक्ति दिलाने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं।

साथियों,

TB से मुक्ति का ये मिशन भले ही भारत में हो या किसी भी देश में, frontline TB physicians और workers की बड़ी भूमिका होती है। इसके साथ ही हर वो व्यक्ति जो TB से ग्रसित होने के बाद रेग्यूलर दवा लेता है, अपना इलाज कराता है और इस बीमारी को हराकर ही दम लेता है, वो भी प्रशंसा का पात्र है। TB का मरीज, अपनी इच्छा-शक्ति से जिस तरह इस बीमारी पर विजय प्राप्त करता है, वो दूसरों के लिए भी प्रेरणा का काम करता है। मेरा दृढ़ विश्वास है कि मरीजों की इच्छा-शक्ति और अपने passionate TB workers के सहयोग से भारत के साथ ही दुनिया का हर देश अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल होगा। यहां हेल्थ सेक्टर के जो लोग, भारत से हैं, उन्हें मैं विशेष तौर पर अपना best effort करने के लिए कहूंगा क्योंकि आपके लिए TB Free India का लक्ष्य 2030 नहीं, 2025 है। सही रणनीति के साथ, सही तरीके से Ground पर हम नीतियों को लागू करते चलेंगे, तो इस लक्ष्य को प्राप्त करने से हमें कोई रोक नहीं पाएगा।

साथियों,

ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़कर, स्थानीय स्तर पर लोगों को जागरूक करके, TB की जांच के तरीकों, TB के इलाज, यानि multi-sectoral engagement के माध्यम से हम अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए सरकार और प्रशासन के हर स्तर, पंचायत, म्यूनिसिपैलिटी, जिला प्रशासन, राज्य सरकार, सभी को अपने-अपने स्तर पर ‘TB Free गांव, पंचायत, जिला या राज्य बनाने के लिए अपनी पूरी शक्ति लगा देनी होगी।

साथियों,

भारत को 2025 तक TB से मुक्त करने का लक्ष्य कुछ लोगों को मुश्किल भले लग रहा हो, लेकिन ये असंभव नहीं है। पिछले चार साल से जिस तरह हमारी सरकार नई अप्रोच के साथ काम कर रही है, उससे इस लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।

भाइयों और बहनों,

हम समस्याओं को, चुनौतियों को टुकड़ों-टुकड़ों में नहीं देखते। जब एक Holistic तरीके से इन चुनौतियों से निपटने का प्रयास किया जाता है तो उसके नतीजे भी मिलते हैं। मैं आलोचना में नहीं जाना चाहता लेकिन आपको अपने यहां के immunization कार्यक्रम के बारे में बताना चाहता हूं। भारत में immunization 30-35 साल से चल रहा है। बावजूद इसके 2014 तक हम संपूर्ण कवरेज का लक्ष्य प्राप्त नहीं कर पाए थे। जिस रफ्तार से immunization का दायरा बढ़ रहा था, अगर वैसे ही चलता रहता तो भारत को संपूर्ण कवरेज तक पहुंचने में 40 साल और लग जाते।

साथियों,

पहले हमारा immunization coverage सिर्फ एक प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ रहा था। सिर्फ तीन-साढ़े तीन साल में अब ये 6 प्रतिशत प्रतिवर्ष से ज्यादा हो गया है और अगले एक वर्ष में हम 90 प्रतिशत immunization coverage का लक्ष्य हासिल करने जा रहे हैं। दूसरे देशों से आए हमारे अतिथि सोच रहे होंगे कि आखिर ये कैसे संभव हुआ ?

साथियों,

मैं जब नई अप्रोच की बात करता हूं, तो उसके पीछे यही वजह है। हमने पहले देश के उन जिलों, उन क्षेत्रों को चिह्नित किया जो बरसों से चल रहे immunization coverage से बाहर थे या जहां टीकाकरण के नाम पर सिर्फ खानापूरी हो रही थी। इन क्षेत्रों को Target करके हमारी सरकार ने मिशन इंद्रधनुष शुरू किया, वैक्सीनेशन के लिए नई दवाइयां जोड़ीं और ग्राउंड लेवल पर जाकर काम करना शुरू किया। आज इसका परिणाम हम सभी देख रहे हैं।

साथियों,

ऐसी ही नई अप्रोच के साथ हमारी सरकार स्वच्छ भारत मिशन के लिए भी काम कर रही है। इसी का नतीजा है कि 2014 में देश के ग्रामीण इलाकों में स्वच्छता का जो दायरा लगभग 40 प्रतिशत था अब वो बढ़कर लगभग 80 प्रतिशत तक पहुंच गया है। इतने कम समय में हमने दोगुनी कवरेज हासिल की है। हम बहुत तेजी के साथ अक्तूबर 2019 में open defecation free India की तरफ बढ़ रहे हैं। मैं ये दो उदाहरण आज इस अंतरराष्ट्रीय मंच पर इसलिए दे रहा हूं क्योंकि मैं हर देश के बीच इस बात पर फिर जोर देना चाहता हूं कि बड़े और मुश्किल लक्ष्य हासिल किए जा सकते हैं। हां, उसके लिए पहली आवश्यकता है कि कोई लक्ष्य तय तो किया जाए। जब लक्ष्य ही तय नहीं होगा, तो फिर न रफ्तार रहेगी, न दिशा रहेगी और न ही आप मंजिल तक पहुंच पाएंगे।

साथियों,

इसी हौसले के साथ, इसी तरह तय लक्ष्य और तय रणनीति पर चलते हुए भारत भी 2025 तक TB मुक्त होने के अपने संकल्प को पूरा करेगा, ऐसा मेरा दृढ़ विश्वास है। साथियों, आप सभी Health Sector के एक्सपर्ट्स हैं। ये भी भली-भांति समझते हैं कि कोई भी बीमारी को खत्म करने के लिए multi-sectoral interventions की आवश्यकता होती है। TB के विषय में मैंने दवाइयों, इलाज की मॉनीटरिंग, रीसर्च, पौष्टिक आहार के लिए आर्थिक सहायता जैसे अनेक interventions के बारे में आपको बताया। लेकिन इसके साथ ही भारत में कुछ और भी चीजें हो रही हैं जो TB के प्रभाव को, इस बीमारी को कम करने में बहुत सहायक हैं। इनमें से एक स्वच्छ भारत मिशन है, जिसके बारे भी में मैंने आपको विस्तार से बताया है। इसी तरह भारत सरकार की उज्ज्वला योजना भी TB कम करने में बड़ी भूमिका निभा रही है। इस योजना के तहत सरकार 8 करोड़ गरीब महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन देने का काम कर रही है। घर में LPG आने के बाद महिलाएं, उनके बच्चे, उनका परिवार लकड़ी के धुएं से मुक्त हो रहा है और साथ ही साथ खुद पर TB का खतरा भी कम कर रहा है। चार दिन पहले अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर हमारी सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर पोषण मिशन भी शुरू किया है। इस मिशन का मकसद भी सिर्फ लोगों को पौष्टिक भोजन देना नहीं है। हमारा लक्ष्य वो Eco-system तैयार करना है जिसमें कुपोषण की संभावना कम से कम हो।

साथियों,

इस साल के बजट में भारत ने दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ एश्योरेंस स्कीम भी शुरू करने का ऐलान किया है। ये योजना है आयुष्मान भारत यानि “Long Live India”. इसके माध्यम से हमारी सरकार देश में primary, secondary and tertiary care-system को और मजबूत करने का काम करेगी। सरकार द्वारा देशभर में डेढ़ लाख Health and Wellness Centres की स्थापना की जा रही है। ये वेलनेस सेंटर primary health care का काम करेंगे जहां पर diagnostic services भी होंगी और लोगों को सस्ती दवा भी दी जाएगी। इसके अलावा 10 करोड़ गरीब परिवारों को गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए 5 लाख रुपए प्रतिवर्ष का हेल्थ एश्योरेंस भी दिया जाएगा।

भाइयों और बहनों,

हमारा भारतीय दर्शन और भारतीय पुरातन विज्ञान स्वास्थ्य को लेकर हमेशा से बहुत स्पष्ट रहा है। हमारे यहां कहा गया है-

सर्वे भवन्तु सुखिनः,

सर्वे सन्तु निरामयाः

सर्वे भद्राणि पश्यन्तु, मा कश्चिद्दुःखभाग्भवेत् ।

यानि

May All become Happy, May All be Free from Illness.

May All See what is Auspicious, May no one Suffer.

इसी दर्शन की वजह से भारत भूमि पर आयुर्वेद और योग जैसी वैज्ञानिक पद्धतियों का जन्म हुआ। सैकड़ों वर्षों से ये भारतीय जनमानस में रचा-बसा हुआ है। Curative, Promotive और Preventive हेल्थ केयर के इन तरीकों को अब अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिल रही है। हमारी सरकार भी पुरातन भारतीय पद्धियों और आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों को साथ लेकर चल रही है। मैं स्वास्थ्य मंत्रालय से आज ये भी आग्रह करूंगा कि TB के निदान में आयुर्वेद के योगदान को लेकर रीसर्च का दायरा बढ़ाया जाए और उसके जो भी नतीजे आएं, वो हमारे साथी देशों से भी साझा किया जाए। सबका साथ-सबका विकास का हमारा मंत्र, क्षेत्रीय सीमाओं में बंधा हुआ नहीं है। TB Free World बनाने के लिए भारत हर देश के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने के लिए सहर्ष तैयार है। TB से लड़ाई में जिन भी देशों को first line drugs, commodities और technical support की जरूरत होगी, हम पूरी तत्परता के साथ उस देश का साथ देंगे।

साथियों,

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था कि कोई भी योजना सफल है या असफल, ये इस बात पर निर्भर करता है कि उससे last needy person को कितना लाभ हो रहा है। हमारी सरकार इस बात के लिए प्रतिबद्ध है कि हमारी योजनाएं, उस last needy person तक पहुंचें और उसकी Ease of Living बढ़ाएं।

आज इस अवसर पर मैं हर व्यक्ति, हर सरकार, हर संस्था, सिविल सोसायटी से जुड़े हर प्रतिनिधि से भी ये संकल्प लेने का आग्रह करता हूं कि वो TB के उस last person तक पहुंचने में, TB Free India बनाने में सक्रिय भूमिका निभाए।

TB Free India का संकल्प, TB Free World के संकल्प को भी पूरा करने में सहयोग करेगा।

इस बड़े लक्ष्य के लिए, बहुत-बहुत शुभकामनाओं के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं। आप सभी का इस आयोजन में आने के लिए एक बार फिर बहुत-बहुत आभार। धन्यवाद

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।