Quoteभारत के पूर्ण सदस्य बनने के साथ ही, एससीओ की सीमा पैसिफिक से लेकर यूरोप तक, और ऑर्कटिक से लेकर हिंद महासागर तक फैल जाएंगी :प्रधानमंत्री
Quoteऊर्जा, प्राकृतिक संसाधनों और इंडस्ट्री में एससीओ की ताकत का निसंदेह भारत को लाभ मिलेगा : प्रधानमंत्री मोदी
Quoteभारत की मजबूत अर्थव्यवस्था और इसका विशाल बाजार एससीओ क्षेत्र में आर्थिक विकास को बढ़ावा दे सकता है: प्रधानमंत्री
Quoteएससीओ में कारोबार, ट्रांसपोर्ट, ऊर्जा, डिजिटल और पीपुल टू पीपुल लिंक को मजबूत बनाने के लिए भारत लाभदायक साझेदार साबित होगा: प्रधानमंत्री
Quoteभारत की साझेदारी घृणा, हिंसा और आतंक की कट्टरपंथी विचारधारा से हमारे समाज को बचाएगी: प्रधानमंत्री
Quoteभारत आतंकवाद से लड़ने के लिए जीरो टॉलरेंस और एक व्यापक दृष्टिकोण को अपनाएगा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
महामहिम मिस्टर इस्माइल करिमोव, प्रेसिडेंट ऑफ़ द रिपब्लिक ऑफ़ उज्बेकिस्तान,
शंघाई कोऑपरेशन आर्गेनाइजेशन के नेतागण; 
आमंत्रित नेतागण,
महामहिमों, देवियों और सज्जनों.
 
|
 
लगभग एक वर्ष पहले, मैंने ताशकंद से मध्य एशियाई देशों की अपनी यात्रा शुरू की थी। 
मुझे महामहिम कारिमोव और उज़बेक लोगों का शानदार स्वागत अभी तक याद है। आपकी मेहमाननवाजी और इस अधिवेशन की शानदार व्यवस्थाओं पर मै अपने साथियों के साथ-साथ महामहिम कारिमोव को धन्यवाद देता हूं। पिछले वर्ष राष्ट्रपति पुतिन के कुशल नेतृत्व में उफ़ा शिखरवार्ता के दौरान भारत को एससीओ के पूर्ण सदस्य के रूप मे स्वीकार किया गया था। 
भारत-एससीओ व्यापक संबंधों में यह एक ऐतिहासिक घटना थी। 
आज, हम मेमोरेंडम ऑफ़ ऑब्लीगेशन्स पर हस्ताक्षर करेंगे। 
इसी के साथ एससीओ में भारत की सदस्यता की औपचारिक प्रक्रिया समापन की और बढ़ेगी। 
यही नहीं, भारत के इस क्षेत्र के साथ सदियों पुराने संबंध को आगे बढ़ाते हुए, मानवता का छठा भाग आज एससीओ परिवार का हिस्सा बन रहा है।
भारत की सदस्यता के स्पष्ट समर्थन के लिए मै तथा पूरा भारत एससीओ के सदस्य राज्यों और इसके नेताओं के अत्यन्त आभारी है। 
मैं पाकिस्तान का एससीओ के सदस्य के रुप में, तथा बेलारूस का इस संस्था मे पहली मर्तबा पर्यवेक्षक के रूप में स्वागत करता हूं।
 
एक्सीलेंसीस,
भारत इस क्षेत्र में नया नहीं है।
आपके साथ हमारे सदियों पुराने ऐतिहासिक संबंध हैं। 
हम केवल भौगोलिक रूप से ही नहीं जुड़े हैं।
बल्कि, हमारे समाज सांस्कृतिक, खान-पान और व्यापारिक संबंधों से समृद्ध हुए हैं। 
यही पुराने संबंध, रशिया, चाइना और मध्य एशियाई देशों के साथ हमारे आधुनिक काल के संबंधों का एक महत्वपूर्ण आधार है। 
भारत की एससीओ की सदस्यता के बाद, एससीओ की सीमाएं पसिफ़िक से यूरोप तक; और आर्कटिक से हिन्द महासागर तक फैल जाएंगी।
एससीओ का बढ़ता परिवार चालीस प्रतिशत मानवता और एक बिलियन से ज्यादा युवाओं का प्रतिनिधित्व करेगा।
एससीओ मे भारत ऐसे सिद्धांत लेकर आयेगा जो एससीओ की सिद्धांतों से लय में होंगे। 
यूरेशिएन भू-भाग के साथ तो भारत के संबंध सदैव काफी अच्छे रहे हैं। 
साथ ही साथ, एशिया-पसिफ़िक में स्थिरता, सुरक्षा तथा खुशहाली के उद्देश्यों का भी हम समर्थन करते हैं।
 
एक्सीलेंसीस,
निसंदेह, एससीओ से भारत को उर्जा, प्राकृतिक संसाधनों और उद्योग में लाभ मिलेगा।
लेकिन, बदले में भारत की आर्थिक उन्नति और विशाल मार्केट भी एससीओ क्षेत्र के आर्थिक विकास के लिए लाभकारी सिद्ध होगी।
मुझे विश्वास है कि व्यापार निवेश, सूचना और संपर्क प्रौद्योगिकी, अन्तरिक्ष, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, कृषि, स्वास्थ्य सेवाओं, छोटे और मंझोले स्तर के उद्योगों में भारत की क्षमताओं से एससीओ की अर्थव्यवस्थाओं को काफी फायदा मिलेगा।
हम एससीओ क्षेत्र में मानव संसाधन और संस्थागत क्षमताओं के विकास पर भी काम करने को तैयार हैं।
हमारी प्राथमिकताएं समान हैं।
इसलिए हमारे विकास के अनुभवों को आप अपनी राष्ट्रीय आवश्यकताओं के अनुरूप पायेंगे।
 
|
 
एक्सीलेंसीस,
21वीं सदी का एक दूसरे पर आधारित विश्व आर्थिक अवसरों से भरा हुआ है।
किन्तु इसमे भू-राजनीतिक जटिलताएँ और अनेक सुरक्षा चुनौतियाँ भी हैं। 
इसी कारण, हमारी आर्थिक समृद्धि के लिये इस क्षेत्र के देशों का एक दूसरे से जुड़ा होना बेहद जरूरी है।
लेकिन, मात्र भौतिक संयोजन ही पर्याप्त नहीं होगा।
हमें एससीओ देशों के बीच वस्तुओं, सेवाओं, पूँजी और मानव संसाधनों के सहज आवागमन को सुनिश्चित करना होगा।
लेकिन, केवल यही काफी नहीं होगा।
एससीओ क्षेत्र का रेल, सड़क और हवाई रास्तों के जरिए शेष दुनिया से जुड़ना भी आवश्यक है।
यह स्पष्ट है कि एससीओ में व्यापार, यातायात, उर्जा, डिजिटल तथा लोगों के बीच पारस्परिक संबंधों को बनाने में भारत एक उपयोगी साझेदार सिद्ध होगा।
भारत का इंटरनेशनल नार्थ साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर, चाबहार समझौते एवं अश्गाबात समझौते से जुड़ने का निर्णय इसी इच्छा और इरादे का प्रतीक है।
 
एक्सीलेंसीस,
एससीओ मे भारत की सदस्यता खुशहाली का रास्ता बनेगी।
साथ ही साथ यह सुरक्षा भी सुनिश्चित करेगी।
इस क्षेत्र मे नफरत, हिंसा और आतंकवाद की अतिवादी विचारधाराओं के खिलाफ लड़ाई हमारा साँझा उद्देश्य है।
हम इस मे एससीओ देशों के साथ एकजुट होकर काम करेंगे।
और, आतंकवाद से लड़ने में पूर्ण असहिष्णुता और एक विषद द्रष्टिकोण अपनायेंगे।
इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए स्थिर, स्वतंत्र और शांत अफगानिस्तान न केवल हर अफगान की इच्छा है।
बल्कि, इससे एससीओ क्षेत्र को भी सुरक्षा और स्थिरता मिलेगी।
 
|
 
अंत में मिस्टर चेयरमैन,
भारत की एससीओ मे सदस्यता एससीओ को एक ऐसा क्षेत्र बनाने में मददगार सिद्ध होगी :
जोकि विश्व के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा;
जोकि आंतरिक रूप से सुरक्षित और स्थिर होगा; और
जो पूरे विश्व से मजबूती से जुड़ा होगा।
 
एक्सीलेंसीस,
अगले साल, हम असताना की एससीओ बैठक में सम-सहयोगी के रूप में भाग लेने के लिए उत्सुक हैं।
कजाकस्थान को उनकी अध्यक्षता में होने वाली एससीओ की 2017 की शिखरवार्ता की सफलता के लिए मेरी शुभकामनाएं।
मैं पुनः रिपब्लिक ऑफ़ उजबेकिस्तान की सरकार की मेजबानी का धन्यवाद करता हूं।
और, आज इस सफल सम्मलेन के आयोजन के लिए एक्सीलेंसी कारिमोव को बधाई देता हूँ।
धन्यवाद।
Explore More
140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी
A chance for India’s creative ecosystem to make waves

Media Coverage

A chance for India’s creative ecosystem to make waves
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
सोशल मीडिया कॉर्नर 26 अप्रैल 2025
April 26, 2025

Bharat Rising: PM Modi’s Policies Fuel Jobs, Investment, and Pride