जैसा संत रामानंद जी ने कहा कि जो हरि को भजे सो हरि का होई। इसीलिए जो गरीब को भजे, सो गरीब का होई, जो किसान को भजे, वो किसान का होई। जो पीड़ित, शोषित, वंचित को भजे, वो पीड़ित, शोषित, वंचित का होई: प्रधानमंत्री मोदी
भारतीय जनता पार्टी ने हमेशा हिंदुस्तान को जोड़ा है, लेकिन कांग्रेस ने हिंदुस्तान को तोड़ा है: पीएम मोदी
कांग्रेस पार्टी के लिए भारत माता से भी बड़ी कोई और ‘माता’ है ...हमारे लिए तो दल से बड़ा देश है: प्रधानमंत्री

 

मंच पर विराजमान राजस्थान प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष श्रीमान मदनलाल सैनी जी, राजस्थान की लोकप्रिय मुख्यमंत्री बहन वसुंधरा जी, मंच पर विराजमान सभी वरिष्ठ महानुभाव, भारतीय जनता पार्टी के सभी प्रत्याशी और विशाल संख्या में पधारे हुए अलवर के मेरे प्यारे भाइयो और बहनो….

राजस्थान का सिंहद्वार कही जानेवाली अलवर की पावन धरती पर भगवान भर्तृहरि को नमन जिन्होंने एक हिरण को जीवनदान देने के लिए राज-पाट को छोड़कर के वैराग्य लिया था। ये दिल्ली पर राज करने वाले सम्राट हेमू के शौर्य की भूमि है। ये महाराणा प्रताप के साहस की भूमि है। ये पृथ्वीराज चौहान के पुरुषार्थ की भूमि है। ये पन्ना धाय के त्याग की भूमि है। ये मीरा की भक्ति की भूमि है। ये भामाशाह के समर्पण की भूमि है। और, ये 6 करोड़ 80 लाख वीर, साहसी और दिल में हिंदुस्तान रखने वाले राजस्थानियों की भूमि है। माता नारायणी, शयन मुद्रा में विराजमान पांडुपोल के हनुमान जी, उनके शुभाशीष से आप सभी, अलवर का जन-जन, राजस्थान और देश को आगे बढ़ाने में जुटा है।

विशाल संख्या में पधारे हुए राजस्थान के मेरे प्यारे भाइयो-बहनो, आपको आज अलवर की धरती से मैं आदरपूर्वक नमन करता हूँ। 2013 में भी अलवर से यात्रा आरंभ हुई। आज फिर एक बार उसी धरती को नमन करते हुए चुनाव अभियान का मैं राजस्थान में आरंभ कर रहा हूँ। ये विराट जनसागर, ये छतों पर खड़े लोग... दिल्ली के एयर कंडीशन कमरों में बैठ करके जो सुबह एक को जिताते हैं, शाम को दूसरे को हराते हैं, फिर दूसरे दिन दूसरे को जिताते हैं, ये उनके लोगों के लिए, ये जरा नजारा देख लीजिए हवा का रुख क्या है। ये राजस्थान की धरती का मिजाज देख लीजिए।

भाइयो-बहनो, मुझे छत्तीसगढ़ जाने का मौका मिला, मध्य प्रदेश जाने का मौका मिला और आज ये राजस्थान की वीर भूमि का दर्शन करने का अवसर मिला है। और मैंने देखा है कि देश का नौजवान, देश का, गाँव का, गरीब का, किसान का बेटा, हमारी माताएँ-बहनें, हर कोई नागरिक एक ही मंत्र लेकर के इस चुनाव को देख रहा है और वो मंत्र है विकास कैसा होगा, विकास कौन करेगा और हर कोई पिछली सरकारों को याद करके भारतीय जनता पार्टी की विकास यात्रा को कोटि-कोटि आशीर्वाद दे रहे हैं। भाइयो-बहनो, आज जब मैं अलवर, राजस्थान के चुनाव प्रचार की शुरुआत कर रहा हूँ तो ये धरती, ये गौरव की धरती है, ये अहंकार को चूर-चूर करने वाली धरती है। और इसीलिए तो हनुमान जी की यहाँ पूजा होती है जिन्होंने अहंकार को नष्ट किया था। ये आपका मिजाज, ये भारी भीड़, जनसैलाब इस बात को साबित कर रहा है कि नामदारों का अहंकार ये अलवर चकनाचूर कर देगा।

आज कांग्रेस पार्टी दिन-ब-दिन इतनी नीचे गिरती चली जा रही है, इतनी नीचे गिरती जा रही है कि उन्होंने राजनीति के संस्कार छोड़ दिए हैं, शिष्टाचार भूल गए हैं और चुनाव में विकास के मुद्दों पर बहस करने के लिए वे अपनी हिम्मत भी खो चुके हैं। कांग्रेस पार्टी में हिम्मत हो तो वसुंधरा जी ने अपने कार्यकाल में जो काम किया है, जो दावे कर रही हैं, उसको चुनौती देकर के मैदान में आओ ना? लेकिन उनकी पिछली सरकार के 5 साल का हिसाब इतना बुरा है, इतना बुरा है कि वसुंधरा जी के 5 साल के कामों को याद करने की भी इनकी हिम्मत नहीं है। और जब न आपके खुद के कामों का कोई हिसाब देने के लिए कोई आपके पास हो, न आपके पास राजस्थान की भलाई के लिए कोई विजन हो और न ही आपकी पार्टी के भीतर चल रहे भीषण जंग का जवाब देने के लिए कोई तर्क हो तब फिर चुनाव का मुद्दा बन जाता है...मोदी की जात कौन सी है? आप मुझे बताइए भैया...ये मोदी की जात कौन सी है इसके आधार पे वोट देंगे क्या? अरे मोदी कहीं भी, जहां भी पैदा हुआ, हुआ। क्या उससे राजस्थान का भविष्य तय होगा क्या? क्या ये जातिवाद का जहर कांग्रेस पार्टी अभी भी छोड़ नहीं पाएगी क्या? क्या आप भी राजनीति को जातिवाद के तराजू से ही चलाना चाहेंगे?

भाइयो-बहनो, जब भी कांग्रेस पार्टी उसको कुछ कहने का मौका आया, आप लगातार देखिए इनके जो राग दरबारी हैं जो उनके गाजे-बाजे गाते रहते हैं, वो तो चुप रहेंगे लेकिन जनता इन चीजों को भूल नहीं सकती है। जब भी कांग्रेस का मूल स्वभाव प्रकट होता है तो उनकी वाणी में, व्यवहार में यही बातें झलकती है। ये जातिवाद में डूबे हुए हैं। दलित हो, पीड़ित हो, शोषित हो, वंचित हो, गरीब हो कमजोर हो, उनके प्रति नफरत का भाव कांग्रेस की रगों में भरा पड़ा है। भाइयो-बहनो, बाबासाहेब अम्बेडकर को चुनावों में पराजित करने के लिए कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता भी कैसे-कैसे खेल खेलते थे, कैसी-कैसी भाषा का प्रयोग करते थे...तब से लेकर आज तक कोई भी सामान्य वर्ग के व्यक्ति ने इन नामदारों को चुनौती दी, वे उसके पीछे पड़ जाते हैं। भाइयो-बहनो, बाबासाहेब अम्बेडकर को भारत रत्न मिलना चाहिए था लेकिन ये जातिवाद के जहर में डूबी हुई कांग्रेस को बाबासाहेब को भारत रत्न देने की याद नहीं आई। एक ही परिवार की चार पीढ़ी को चार भारत रत्न...एक ही घर में दीवारों पर चिपका दिए गए...बाबासाहेब की उनको याद नहीं आई थी, ये इनकी जातिवादी मानसिकता है। भाइयो-बहनो, बाबू जगजीवन राम ने...एक दलित समाज की मां के कोख से पैदा हुए थे...आपातकाल में नामदारों को उन्होंने चुनौती दी,  आपातकाल के खिलाफ आवाज उठाई...वो बाबू जग्गूबाबू का क्या कर दिया था इस परिवार ने, आप भलीभांति जानते हैं।

भाइयो-बहनो, पार्लियामेंट के अंदर मंडल कमीशन की चर्चा हो रही थी, ओबीसी के आरक्षण के संदर्भ में मंडल कमीशन की रिपोर्ट पर चर्चा हो रही थी और ये नामदार श्रीमान राजीव गांधी...जरा पार्लियामेंट की उस डिबेट को निकालकर के देख लीजिए मंडल कमीशन के खिलाफ राजीव गांधी ने जो जहर उगला था, जो भाषा का प्रयोग किया था, जो आलोचना की थी, वो आज भी हिन्दुस्तान की पार्लियामेंट की दीवारों के बीच में गूंज रही हैं। ये इनकी मानसिकता का प्रतिबिंब है। भाइयो-बहनो, हम जब पार्लियामेंट में ओबीसी कमीशन को संवैधानिक दर्जा देने का बिल लेकर के आए, यही कांग्रेस पार्टी दलित हो, पीड़ित हो, शोषित हो,  वंचित हो, पिछड़े हों, इनके प्रति उनके द्वेष भाव के कारण...ओबीसी कमीशन को पार्लियामेंट में पारित होने में जितने रोड़े अटका सकते हैं अटका लिए...जितनी कोशिश करनी है कर लिए...भाइयो-बहनो, हम अड़ गए, लड़ गए, बड़ी मुश्किल से उस बिल को पास करवा पाए। भाइयो-बहनो, कांग्रेस के नेता...कोई मेरी माँ को गाली दे, कोई मेरी जाति को लेकर के सवाल पूछे, मुझे आश्चर्य नहीं हो रहा है। ये बोलने वाला कोई भी हो लेकिन बुलवाने वाला तो नामदार ही होता है। उनके इशारे पर, उनके इरादे पर कुछ नहीं होता है, ऐसा कांग्रेस को सब मालूम है कि किसके कहने पर होता है। अरे कोई चूँ-चाँ नहीं कर सकता जिस पार्टी में। और भाई, जब गुजरात का चुनाव हो रहा था वहाँ पर भी मेरी जाति को लेकर के बहुत बड़ा हमला किया गया था। फिर लोगों का गुस्सा नजर आया तो उनको सस्पेंड किया और 2 महीने के बाद आ गले लग जा। क्यूँ? अरे क्यूँ लोगों की आँख में धूल झोंकते हो?

भाइयो-बहनो, मैं जरा पूछना चाहता हूँ, ये कांग्रेस पार्टी की जातिवादी मानसिकता उसी का परिणाम है दलितों के खिलाफ सबसे बड़े नरसंहार...ये कांग्रेस को जहां सरकारें चलाने का मौका मिला है, वहीं हुए हैं। भाइयो-बहनो, 2010 हरियाणा के मिर्चपुर में दलितों के खिलाफ जो हिंसा हुई इसको कौन भूल सकता है। 2005 में सोनीपत के गोहाना, हरियाणा में कांग्रेस की सरकार के समय जो दलितों के खिलाफ कांड हुआ, वो कौन भूल सकता है। 2000 में कर्नाटक में 11 दलितों को मौत के घाट उतार दिया गया, इसको कौन भूल सकता है। भाइयो-बहनो, समाज के पिछड़े लोगों को, दलितों को, पीड़ितों को, शोषितों को सिर्फ वोट बैंक मानने वाली कांग्रेस पार्टी, उनके लिए जाति का यही मोल और तोल रहता है। भाइयो-बहनो, हमारे संस्कार अलग हैं, हमारे देश की परंपरा अलग है, भारतीय जनता पार्टी के उसूल अलग हैं।   और हम... भारत के महान संतों ने, ऋषियों ने, मुनियों ने हिंदुस्तान को जोड़ा है, ये कांग्रेस वालों ने हिंदुस्तान को तोड़ा है।

भाइयो-बहनो, महान संत कबीरदास का संदेश क्या था? महान संत कबीरदास ने कहा था, “कबीरा कुआं एक है, पानी भरे अनेक। बर्तन में ही भेद है, पानी सबमें एक॥” अर्थात, ईश्वर आदमी-आदमी में कोई भेद नहीं करता है, वह न जाति देखता है, वह न रंग देखता है। आदमी की जो क्षमता होती है, जो उसकी सोच होती है, वो वैसा ही बन जाता है। सिख गुरुओं ने भी एक ही संदेश दिया है और सिख गुरु लगातार कहते रहे हैं और आज लंगर में जब जाते हैं तो अनुभव भी करते हैं...सिख गुरु यही कहते रहे हैं, मानस की जात समाई, एक पहचान भई। अर्थात, हर इंसान को बराबर समझो, सबके प्रति समान भाव रखो।

भाइयो-बहनो, कांग्रेस को ये पता होना चाहिए कि ये धरती संत शिरोमणि वाल्मीकि की धरती है, ये धरती वेदव्यास की है, ये धरती सूरदास की है, ये धरती कबीरदास जैसे महान संतों की है जिन्होंने अपनी महान रचनाओं के द्वारा एकता, समरसता, सामाजिक सद्भाव, उसी का संदेश दिया है। संत रविदास जी ने कहा है, ‘’जन्म जात मत पूछिए, का जात अरु पात। ‘रविदास’ पूत सभ प्रभु के, कोउ नहिं जात कुजात॥” संत रविदास जी महाराज कहते हैं कि नहीं पूछना चाहिए कि कौन किस जाति में पैदा हुआ है? जाति-पाति क्या होती है, अरे सभी ईश्वर की संतान हैं, कोई छोटी या बड़ी जाति का नहीं होता है। भाइयो-बहनो, संत कबीर के गुरु रामानन्द जी ने कहा था, जो हरि को भजै, सो हरि का होई। भारतीय जनता पार्टी का भी मंत्र है- सबका साथ सबका विकास। और हमने तो यही संस्कार पाए हैं, गरीब हो, दलित हो, शोषित हो, पीड़ित हो, वंचित हो, किसान हो, महिला हो, गाँव का हो, शहर का हो, पढ़ा-लिखा हो, अनपढ़ हो, हर कोई हमारे लिए हरि का रूप है, हरि का रूप है। और इसलिए, मैं तो यही कहूंगा जैसे संत रविदास जी ने कहा है जो हरि को भजै सो हरि का होई। जो गरीब को भजै सो गरीब का होई। जो किसान को भजै सो किसान का होई। जो पीड़ित, शोषित, वंचित को भजै वो पीड़ित, शोषित और वंचित का होई। जो युवा को भजै सो युवा का होई। जो जनता को भजै वो जनता का होई। जो भारत को भजै वो भारत का होई।

भाइयो-बहनो, 4-4 पीढ़ी तक जिस पार्टी ने भारत पर राज किया है, जो नामदार पार्टी पर कब्जा कर बैठे हुए हैं, मैं जरा उनसे पूछना चाहता हूँ। 5-5, 6-6 दशक राज किया। क्या दुनिया के किसी देश में भारत का मुखिया जाता है, तो क्या दुनिया उसे उसकी जात पूछती है? अरे जब भारत का मुखिया जाता है, तो दुनिया को मोदी नहीं दिखता है न मोदी की जात दिखती है, दुनिया को तो सवा सौ करोड़ हिन्दुस्तानी दिखते हैं, एक हिन्दुस्तानी दिखते हैं। भाइयो-बहनो, जो कल तक भारत पर बम दागने की धमकी देते थे, आज हमारी रणनीति ने उनको कटोरा पकड़ा दिया है, कटोरा। भाइयो-बहनो, इसके पीछे मोदी की जाति नहीं है, सवा सौ करोड़ हिन्दुस्तानी हैं। और इसलिए भाइयो-बहनो, ये कांग्रेस पार्टी का अहंकार, ये समस्या की जड़ में है। ये लोकतंत्र को स्वीकार नहीं करते। ये पराजय को स्वीकार नहीं करते। जनता-जनार्दन के आदेश को स्वीकार नहीं करते। वो तो मान के बैठे हैं कि ये गद्दी उनके परिवार के नाम लिखी हुई है, इस पर दूसरा कोई आ ही नहीं सकता, कोई बैठ ही नहीं सकता। और वो भी एक चाय वाला बैठ गया। हजम नहीं हो रहा है उनको। उनकी वो जो जातिवादी मानसिकता है न उसी जहर का परिणाम है कि इस प्रकार की हरकतें नजर आती हैं भाइयो-बहनो।

भाइयो-बहनो, राजस्थान का इतिहास साक्षी है, अभी वसुंधरा जी बता रही थीं... राजस्थान की जनता ने कुछ बातें जरूर की हैं। जब से भारतीय जनता पार्टी ने राजस्थान के दिलों में जगह बनाई है, ये भाजपा है...भैरो सिंह जी को लगातार दो बार सरकार बनाने का आशीर्वाद इस जनता ने दिया है। और यही राजस्थान है जो कभी कांग्रेस को पूर्ण बहुमत से आशीर्वाद नहीं देती है, कभी दिया भी तो आधा-अधूरा दिया क्यूंकि उनके प्रति उनका मन ही नहीं लगता है। वो जोड़-तोड़ की करते हैं और आजकल तो हर गली-मुहल्ले में मुख्यमंत्रियों को घुमा रहे हैं कि जहां जाएं ये हमारा मुख्यमंत्री, वहाँ जाएं वो हमारा मुख्यमंत्री...उधर जाएं वो हमारा मुख्यमंत्री। उनकी पूरी पार्टी मुख्यमंत्री पर इतनी कन्फ्यूज है, नेता इतना कन्फ्यूज है तो पार्टी फ्यूज नहीं होगी तो क्या होगा।

भाइयो-बहनो, इनका घमंड राजस्थान के जीवन में भली-भांति परिचित है। आप जानते हैं मेरे अलवर के भाई ये कांग्रेस पार्टी का अहंकार जिसने कुँवर प्रताप सिंह जी के साथ क्या किया था, क्या भूलेंगे यहाँ के लोग? कुँवर प्रताप सिंह जी के साथ ये कांग्रेस के अहंकार ने कैसी हरकतें की थी, वो बातें आज भी जिंदा हैं। अरे कुंवर छोड़ो, कांग्रेस का समर्पित जीवन जीने वाले पंडित नवल किशोर शर्मा, अरे उनके साथ भी आपने क्या किया था, ये यहाँ के लोग भूल जाएंगे क्या? अगर पंडित नवल किशोर शर्मा को मान-सम्मान, गौरव देने का सौभाग्य मिला तो गुजरात की धरती को मिला था। जब वो मेरे यहाँ गवर्नर के नाते आए तो मुख्यमंत्री और गवर्नर का संबंध उत्तम कैसे हो सकता है उसका एक उदाहरण हमने प्रस्तुत किया था। और आपने ऐसे व्यक्ति को जितना बदनाम कर सकते हो करने का, जितना किनारा कर सकते हो, करने का काम किया था।

भाइयो-बहनो, ये कांग्रेस का अहंकार इतना है कि विकास की बात करनी नहीं, जनता की भलाई के मुद्दों की चर्चा नहीं करनी। आपने देखा होगा कांग्रेस के एक नेता का वीडियो वायरल हुआ है। उस वीडियो में, वहाँ कोई नए-नए कार्यकर्ता होंगे वो बेचारे भारत माँ की जय बुलवा रहे हैं तो काँग्रेस नेता गए...मत बोलो, मत बोलो, सोनिया जी की जय बोलो। ये वायरल हुआ है, देखा होगा आपने। ये कांग्रेस पार्टी के लिए भारत माता से भी कोई और माता बड़ी है भाइयो। हमारे लिए तो दल से बड़ा देश है भाइयो, दल से बड़ा देश। अरे दल तो आएंगे, जाएंगे, ये देश अजर-अमर है, ये देश रहने वाला है, हमारी भावी पीढ़ियाँ देश का गौरव करने वाली हैं।

भाइयो-बहनो, ये कांग्रेस पार्टी के संस्कार देखिए। ये माओवादी, नक्सलवादी निर्दोष लोगों को मौत के घाट उतारते हैं। गाँव के स्कूलों को जला देते हैं, तोड़ देते हैं, बिजली के खंभे उखाड़ देते हैं ताकि गाँव अंधेरे में रहे, उनके अंदर गुस्सा पैदा हो। ऐसे माओवादियों को, ऐसे नक्सलवादियों को कांग्रेस के नेता क्रांतिकारी कह देते हैं, तब समझ नहीं आता है कि ये पार्टी का कन्फ्यूजन कहाँ-कहाँ विस्तार हो चुका है, कहाँ-कहाँ पहुंचा है। और इतना ही नहीं, अभी छत्तीसगढ़ में चुनाव की ड्यूटी पर हमारे भरतपुर का अर्धसैनिक बल का जवान वह वहाँ पर ड्यूटी पर तैनात था, लोकतन्त्र के काम के लिए गया था लेकिन ये माओवादी जिनको कांग्रेस वाले क्रांतिकारी कहते हैं, नक्सलवादी जिनको कांग्रेस के नेता क्रांतिकारी कहते हैं...उनको ये पता होना चाहिए भरतपुर का अर्धसैनिक बल का मेरा एक जवान उसको इन आतंकवादियों ने शहीद कर दिया मेरे भाइयो और बहनो। उनके प्रति सम्मान करोगे कि इन गोलियां चलाने वालों को क्रांतिकारी कह-कह कर उनका सम्मान करोगे?

भाइयो-बहनो, मुझे विश्वास है पहले की तरह फिर एक बार राजस्थान की जनता नया इतिहास बनाने वाली है, फिर एक बार भाजपा की सरकार बनने वाली है। और हमें वोट चाहिए विकास के मुद्दे पर, हमें वोट चाहिए हमारे काम के आधार पर। और आपको मेरा आग्रह है कि उनके 5 साल और हमारे 5 साल की तुलना कर लीजिए। कांग्रेस की राजस्थान की सरकार के 5 साल और वसुंधरा जी की सरकार के 5 साल, हर तराजू पर तौल दीजिए। हम जनता की ज्यादा सेवा कर पाए कि नहीं कर पाए, इसके आधार पर हमें वोट दीजिए, ये मैं दावा करने आया हूँ।

भाइयो-बहनो, ये कांग्रेस पार्टी आजकल एक नया खेल खेल रही है। और मैं बहुत गंभीरता से कहना चाहता हूँ कि कांग्रेस पार्टी ने एक नया खेल खेला है। लोकतन्त्र में आस्था न होने के कारण पार्लियामेंट को चलने नहीं देना, पार्लियामेंट में रोड़े अटका देना, न संवाद करना, न बात करना, न विवाद करना, पार्लियामेंट में कोई काम होने नहीं देना, ये तरीका उन्होंने अपनाया है। अब एक नया खेल शुरू किया है। मैं देश के बुद्धिजीवियों से आग्रह करूंगा कि इसका गंभीरता से विश्लेषण किया जाए, इसका एनालिसिस होना चाहिए। देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए गंभीरतापूर्वक इसको कसौटी पर कसना चाहिए।

कांग्रेस ने एक नया खेल शुरू किया है, हिंदुस्तान में उनको जो बड़े-बड़े सुप्रीम कोर्ट के वकील दिखते हैं, ऐसे सुप्रीम कोर्ट के वकीलों को ढूंढ़-ढूंढ़ करके वे राज्य सभा में बिठाते हैं, राज्य सभा का टिकट देते हैं, वे राज्य सभा में आते हैं। अब हमें मालूम है कि राज्य सभा में हमारा बहुमत नहीं है, वहाँ संख्या का संतुलन अलग सा है और इसलिए कांग्रेस ने एक नया दांव खेला है। ये वकील जो दिन-रात सुप्रीम कोर्ट में वकालत करते हैं, वो राज्य सभा में आते हैं और जो काम सुप्रीम कोर्ट में कानून के तहत, संविधान के तहत, अपनी तर्कशक्ति के तहत, अपने मुद्दों के तहत जो काम उनको सुप्रीम कोर्ट में करना चाहिए, अपने देश की भरपूर वकालत करके जीतने का प्रयास करना चाहिए, अब वो वहाँ हो नहीं पा रहा है क्यूंकि तर्क में दम नहीं, न्याय उनके साथ नहीं...और इसलिए, अब उन्होंने एक नया खेल खेला है। आप जानते हैं जब ये अयोध्या का केस चल रहा था, कांग्रेस के नेता, राज्य सभा के सदस्य सुप्रीम कोर्ट को कह रहे हैं कि 2019 तक ये केस मत चलाओ क्यूंकि 2019 तक ये चुनाव है। भाइयो-बहनो देश के न्यायतंत्र को इस प्रकार से घसीटना उचित है क्या? क्या देश की न्यायपालिका की स्वतन्त्रता को स्वीकार करना चाहिए कि नहीं करना चाहिए? उन पर इस प्रकार का दबाव डालना चाहिए क्या? लेकिन कांग्रेस के लोग बेशर्मी के साथ सुप्रीम कोर्ट में जाकर के ये कहने की हिम्मत करते हैं। फिर भी, जब उनकी बात नहीं चलती है तो मैं ये गंभीर आरोप लगाना चाहता हूँ। अब उन्होंने एक नया खेल शुरू किया है। और नया खेल ये शुरू किया है कि अगर सुप्रीम कोर्ट का कोई जज उनके राजनीतिक इरादों के अनुसार न्यायपालिका का समयपत्र नहीं बनाता है, टाइम टेबल नहीं बनाता है, अयोध्या जैसे गंभीर, संवेदनशील मसलों में सुप्रीम कोर्ट अगर संवेदनशीलता के साथ देश को न्याय दिलाने की दिशा में सबको सुनना चाहती है, तो उसमें रोड़े अटकाने के लिए जब कोर्ट में फेल हो जाते हैं...तो ये सुप्रीम कोर्ट के जो वकील कांग्रेस ने राज्य सभा में बिठाए हैं वे सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्तियों के खिलाफ इंपीचमेंट लाकर के उनको डराने-धमकाने का नया खेल शुरू किया है। भाइयो-बहनो, ये खतरनाक खेल है। ये कांग्रेस पार्टी देश के न्यायमूर्तियों के खिलाफ इंपीचमेंट के नाम पर डरा-धमका कर के न्याय की प्रक्रियाओं को dare करने का, संवेदनशील मुद्दों को सुनने से रोकने का पाप कर रही है। ऐसी कांग्रेस पार्टी जिसका न्याय में भरोसा नहीं, न्यायपालिका में भरोसा नहीं, न्यायमूर्ति में भरोसा नहीं, इंपीचमेंट लाकर के राज्य सभा की अपनी ताकत के बल पर देश को बंदी बनाने का काम कर रही है, इनको कभी माफ नहीं किया जा सकता। और मैं देश की न्यायपालिका को विश्वास दिलाना चाहता हूँ, देश के न्यायमूर्तियों को विश्वास दिलाना चाहता हूँ कि देश की जनता ने जब तक हमें देश की सेवा करने का मौका दिया है, हम कांग्रेस के काले कारनामों को लोकतन्त्र के मंदिर के भीतर नहीं होने देंगे, पूरी ताकत से रोकेंगे और न्यायपालिका भी स्वतन्त्रता से काम करेगी। मैं न्यायमूर्तियों से भी कहना चाहूंगा कि इंपीचमेंट की धमकियों से डरो मत, आप हिम्मत के साथ न्याय की राह पर चलो, देश उनके साथ चलेगा ये मैं उनको विश्वास दिलाना चाहता हूँ।

भाइयो-बहनो, मैं वसुंधरा जी को, उनकी सरकार को, उनकी टीम को बधाई देता हूँ... राजस्थान को जिस प्रकार से विकास की ऊंचाइयों पर ले गईं। चाहे किसान हो, गाँव हो, गरीब हो, इनफ्रास्ट्रक्चर के मुद्दे हों, जनकल्याण के काम हों, कोई क्षेत्र ऐसा नहीं है जिसमें समाज के हित में वसुंधरा जी की सरकार ने बढ़-चढ़ के काम न किया हो, लोगों की भलाई के लिए कदम न उठाया हो। भाइयो-बहनो, राजस्थान में विकास को एक नई गति दी है, नई दिशा दी है, व्यापक फलक पर विकास को ले जाने का काम किया है। इतना ही नहीं भाइयो-बहनो, कांग्रेस ने 50 साल में जितने हायर सेकेन्डरी स्कूल खोले थे...अब देखिए 50 साल में कांग्रेस पार्टी ने जितने हायर सेकेन्डरी स्कूल खोले थे, उससे करीब डेढ़ गुना 5 साल में वसुंधरा जी ने करके दिया है। जो काम 5 साल में वसुंधरा जी ने किया है, वो काम अगर कांग्रेस की गति से होना है तो और 75 साल लगते भाइयो-बहनो, 75 साल। हायर सेकेन्डरी स्कूल खोलने के लिए 75 साल इंतजार करना पड़ता, ये वसुंधरा जी के कारण वो काम 5 साल में हो गया। आप मुझे बताइए, आपको 5 साल में काम करने वाली सरकार चाहिए कि 75 साल तक इंतजार कराने वाली सरकार चाहिए?

भाइयो-बहनो, 50 साल में कांग्रेस सरकारों ने जितने मेडिकल कॉलेज खोले हैं, उतने ही मेडिकल कॉलेज 5 साल में वसुंधरा जी ने खोल दिए। जो काम इन्होंने 50 साल में किया, वो काम वसुंधरा जी ने 5 साल में कर दिया। अगर कांग्रेस पार्टी होती, यही मेडिकल कॉलेज का काम करने के लिए 50 साल और लग जाते। आप तय कीजिए, 50 साल इंतजार करना है कि 5 साल में काम पूरा करने वाली वसुंधरा जी चाहिए हमें। भाइयो-बहनो, दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। राजस्थान और हिंदुस्तान और दुनिया में फैला हुआ राजस्थानी भारत के विकास में बहुत बड़ा योगदान दे रहा है। राजस्थान के जवान सीमा पर सुरक्षा में बहुत बड़ा योगदान दे रहे हैं, उस राजस्थान के लिए जितना करें उतना कम है। जितना करें उतना कम है। लेकिन जब यूपीए की सरकार थी तो वो राजस्थान को सिर्फ 1 लाख करोड़ रुपया देती थी, भाइयो हमने आकर के ढाई लाख करोड़ रुपया कर दिया, ढाई लाख करोड़। इतना ही नहीं, और कुछ व्यवस्था, योजनाओं के विकास के लिए 36,000 करोड़ रुपया अतिरिक्त देकर के राजस्थान के विकास को हमने बल देने का काम किया है।

भाइयो-बहनो, 4 वर्ष पहले जब कांग्रेस की सरकार थी तो एक दिन में सिर्फ 12 किलोमीटर हाईवे बनते थे। आज लगभग 27 किलोमीटर हाईवे एक दिन में बनते हैं भाइयो-बहनो। यानि वो रहते तो आपको रास्तों के लिए कितना इंतजार करना पड़ता और राजस्थान में तो 4 गुना स्पीड से काम वसुंधरा जी ने करके दिखाया है। स्टेट हाईवे के क्षेत्र में 9,000 किलोमीटर से ज्यादा काम हुआ है और 25 किलोमीटर प्रतिदिन की सड़क बना करके राजस्थान ने अपने स्टेट में रास्तों के लिए भी एक अद्भुत काम करके दिखाया है। भाइयो-बहनो, 5 साल में 36,000 किलोमीटर नई सड़कें राजस्थान में जोड़ी गई हैं, 36,000 किलोमीटर। भाइयो-बहनो, ये कांग्रेस के 50 साल में नजर नहीं आता है जो 5 साल में वसुंधरा जी करके दिखा दी हैं।

और इसलिए भाइयो-बहनो, उज्ज्वला योजना गरीब माताओं को गैस का चूल्हा देना ...जो दिल्ली में बैठे हुए उनके राग दरबारी हैं, ये राग दरबारियों को ये बातें समझ में नहीं आती हैं। 2013 में जब चुनाव की तैयारियां चल रही थीं, उस समय कांग्रेस पार्टी में चर्चा क्या थी? कांग्रेस पार्टी में चर्चा ये थी कि गैस का सिलिंडर 9 देना चाहिए कि 12 देना चाहिए। एक परिवार को साल में 9 सिलिंडर मिले या 12 सिलिंडर। इसी पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन ने चर्चा की थी और बाहर निकलकर घोषणा की थी कि दुबारा हमारी सरकार बनेगी तो हम 9 के बजाए 12 सिलिंडर देंगे। ये कांग्रेस, ये इसकी सोच!

ये मोदी की सरकार बनी, हमने सपना देखा कि देश में 8 करोड़ परिवार ऐसे हैं जहां हमारी माताएं लकड़ी का चूल्हा जलाकर के खाना पकाती हैं और धुएँ में जिंदगी गुजारती हैं और एक माँ जब लकड़ी का चूल्हा जला करके खाना पकाती है तो उसके शरीर में 400 सिगरेट का धुआँ जाता है, 400 सिगरेट का। और घर में जो बच्चे खेलते हैं, उनका तो बचपन बीमारी से ग्रस्त हो जाता है। भाइयो-बहनो, मैंने गरीबी में बचपन गुजारा है। माँ धुएँ में खाना कैसे पकाती थी वो मैंने जीवन में बचपन में देखा है और तब से मन करता था कि जो अमीरों के घर में गैस का चूल्हा है, मेरे गरीब के घर में गैस का चूल्हा क्यूँ नहीं होना चाहिए। एक जमाना था, नामदारों का जमाना, वो राजशाही ठाठ, राजशाही सोच और उसके कारण एमपी को 25 कूपन देते थे। एमपी को कहते थे कि तुम साल भर में 25 गैस की कूपन बाँट सकते हो, 25 लोगों को oblige कर सकते हो। एक एमपी 25 कनेक्शन दे पाता था। मोदी ने कहा कि बदलो। हमें ये मानसिकता बदलनी होगी। भाइयो-बहनो, जब से गैस सिलिंडर देना शुरू हुआ करीब 60 साल में कांग्रेस पार्टी ने 13 करोड़ गैस के कनेक्शन दिए। कितने? जरा जोर से बोलिए। कितने? 60 साल में कितने? 60 साल में कितने?

भाइयो-बहनो, मोदी ने आकर के 4 साल में 12 करोड़ कनेक्शन दे दिए। 12 करोड़ कनेक्शन दे दिए और उसमें 6 करोड़ उन परिवारों को जिनको मुफ्त में हमने ये देने का काम किया है भाइयो-बहनो। गरीब माताओं को इस प्रकार से मदद की जाती है। अकेले राजस्थान में 50 लाख माताओं-बहनों को ये धुएँ की जिंदगी से मुक्ति दिलाने का काम हमारी सरकार ने किया है भाइयो-बहनो।

मैं जरा कांग्रेस वालों को पूछना चाहता हूँ, आजकल जहां भी जाते हैं फटी जेब से भांति-भांति के वादे निकालकर के बांटते रहते हैं, ये फटी जेब वाले कुर्ते में से वादे कहाँ से निकलते हैं समझ नहीं आता है। ये फटी जेब वाले कुर्ते से वादे निकालते हैं। जरा मैं पूछना चाहता हूँ इस देश की सेना के जवान 40 साल से वन रैंक वन पेंशन की मांग कर रहे थे। वन रैंक वन पेंशन की मांग कर रहे थे कि नहीं कर रहे थे? वन रैंक वन पेंशन की मांग कर रहे थे कि नहीं कर रहे थे? देश की सेना के जवान बार-बार कह रहे थे कि नहीं कह रहे थे? मैं जरा कांग्रेस पार्टी को पूछना चाहता हूँ, ये नामदार को पूछना चाहता हूँ कि आपने वन रैंक वन पेंशन इस देश की सेना के जवानों की इस मांग को लटका के क्यूँ रखा? ये हमारी सरकार है, हमने आकर के वन रैंक वन पेंशन का काम पूरा कर दिया। 11 हजार करोड़ रुपया सेना के जवानों के खातों में जमा करा दिया भाइयो-बहनो।

किसान हो, जवान हो, देश का भविष्य बनाने के लिए हर समाज के, हर वर्ग के कल्याण के लिए काम करने के इरादे से चलने वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार फिर एक बार राजस्थान में वसुंधरा जी की सरकार बनाइए। विकास के लिए बनाइए, आपकी समस्याओं के समाधान के लिए बनाइए, आधुनिक राजस्थान बनाने के लिए बनाइए और दिल्ली की ताकत राजस्थान में काम आए उस सोच के साथ राजस्थान की सरकार बनाइए। इसी अनुरोध के साथ हमारे सभी उम्मीदवारों को…जरा सभी उम्मीदवार यहाँ आ जाएं…हमारे इन सभी उम्मीदवारों को दोनों हाथ ऊपर करके भारत माता की जय बोलकर के आशीर्वाद दीजिए।

भारत माता की...जय। भारत माता की...जय। भारत माता की...जय। बहुत-बहुत धन्यवाद।  

 

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प्रधानमंत्री रोजगार मेले के अंर्तगत 23 दिसंबर को केंद्र सरकार के विभागों और संगठनों में नवनियुक्त भर्तियों के लिए 71,000 से अधिक नियुक्ति पत्रों का वितरण करेंगे
December 22, 2024

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 23 दिसंबर को सुबह करीब 10:30 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से नवनियुक्त भर्तियों के लिए 71,000 से अधिक नियुक्ति पत्रों का वितरण करेंगे। इस अवसर पर वे उपस्थित लोगों को संबोधित भी करेंगे।

रोजगार मेला रोजगार सृजन को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता को पूरा करने की दिशा में एक कदम है। यह युवाओं को राष्ट्र निर्माण और आत्म-सशक्तिकरण में उनकी भागीदारी के लिए सार्थक अवसर प्रदान करेगा।

रोजगार मेला देश भर में 45 स्थलों पर आयोजित किया जाएगा। केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के लिए भर्तियां हो रही हैं। देश भर से चयनित नए कर्मचारी गृह मंत्रालय, डाक विभाग, उच्च शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, वित्तीय सेवा विभाग सहित विभिन्न मंत्रालयों/विभागों में शामिल होंगे।