आज त्रिपुरा पुरानी सरकार के 30 साल और डबल इंजन की 3 साल की सरकार में आए बदलाव को स्पष्ट अनुभव कर रहा है : प्रधानमंत्री
त्रिपुरा में HIRA डेवलपमेंट यानि हाईवे, आईवे, रेलवे और एयरवेज दिख रहा है: प्रधानमंत्री
कनेक्टिविटी न केवल भारत और बांग्लादेश के बीच दोस्ती को मजबूत कर रही है, बल्कि व्यापार के लिए भी एक मजबूत कड़ी साबित हो रही है : प्रधानमंत्री
"मैत्री पुल" बांग्लादेश में भी आर्थिक अवसर को गति देगा : प्रधानमंत्री

नमस्कार! खुलुमखा!

त्रिपुरा के राज्यपाल श्री रमेश बैस जी, जनप्रिय मुख्यमंत्री श्री बिप्लब देव जी, उप-मुख्यमंत्री श्री जिष्णु देव वर्मा जी, राज्य सरकार के सभी मंत्री, सांसद और विधायकगण और त्रिपुरा के मेरे प्यारे भाइयों और बहनों! आप सभी को परिवर्तन के, त्रिपुरा की विकास यात्रा के 3 साल पूरे होने पर बहुत-बहुत बधाई! बहुत-बहुत शुभकामनाएं!

भाइयों और बहनों,

आज से तीन वर्ष पूर्व आप लोगों ने, त्रिपुरा के लोगों ने एक नया इतिहास रचा था और पूरे देश को एक बहुत मजबूत संदेश दिया था। दशकों से राज्य के विकास को अवरुद्ध करने वाली नकारात्मक शक्तियों को हटाकर, त्रिपुरा के लोगों ने एक नई शुरुआत की थी। जिन बेड़ियों में त्रिपुरा, त्रिपुरा का सामर्थ्य जकड़ा हुआ था, आपने वो बेड़ियां तोड़ दी हैं। वो बेड़ियां टूट चुकी हैं। मुझे संतोष है कि मां त्रिपुरा सुंदरी के आशीर्वाद से, बिप्लब देब जी के नेतृत्व में चल रही सरकार अपने संकल्पों को तेज़ी से सिद्ध कर रही है।

साथियों,

2017 में आपने त्रिपुरा में विकास का डबल इंजन लगाने का फैसला किया। एक इंजन त्रिपुरा में, एक इंजन दिल्ली में। और इस डबल इंजन के फैसले के कारण जो परिणाम निकले, जो प्रगति को मार्ग प्रशस्त हुआ वो आज आपके सामने हैं। आज त्रिपुरा पुरानी सरकार के 30 साल और डबल इंजन की 3 साल की सरकार में आए बदलाव को स्पष्ट अनुभव कर रहा है। जहां कमीशन और करप्शन के बिना काम होने मुश्किल थे, वहां आज सरकारी लाभ लोगों के बैंक खाते में, डायरेक्ट पहुंच रहा है। जो कर्मचारी समय पर सैलरी पाने के लिए भी परेशान हुआ करते थे, उनको 7वें पे कमीशन के तहत सैलरी मिल रही है। जहां किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए अनेक मुश्किलें उठानी पड़तीं थीं, वहीं पहली बार त्रिपुरा में किसानों से MSP पर खरीद सुनिश्चित हुई। मनरेगा के तहत काम करने वाले साथियों को जहां पहले 135 रुपए मिलते थे, वहीं अब 205 रुपए प्रतिदिन दिए जा रहे हैं। जिस त्रिपुरा को हड़ताल कल्चर ने बरसों पीछे कर दिया था, आज वो Ease of Doing Business के लिए काम कर रहा है। जहां कभी उद्योगों में ताले लगने की नौबत आ गई थी, वहां अब नए उद्योगों, नए निवेश के लिए जगह बन रही है। त्रिपुरा का Trade Volume तो बढ़ा ही है, राज्य से होने वाला निर्यात भी करीब – करीब 5 गुणा तक बढ़ गया है।

साथियों,

त्रिपुरा के विकास के लिए केंद्र सरकार ने हर आवश्यकता का ध्यान रखा है। बीते 6 साल में त्रिपुरा को केंद्र सरकार से मिलने वाली राशि में बड़ी वृद्धि की गई है। वर्ष 2009 से 2014 के बीच केंद्र सरकार से त्रिपुरा को केंद्रीय विकास परियोजनाओं के लिए 3500 करोड़ रुपए की मदद मिली थी। पैंतीस सौ करोड़ की। जबकि साल 2014 से 2019 के बीच हमारे आने के बाद 12 हजार करोड़ रुपए से अधिक की मदद दी गई है। आज त्रिपुरा उन बड़े राज्यों के लिए भी एक उदाहरण बनता जा रहा है जहां डबल इंजन की सरकार आज जहां नहीं है और जो सरकारे दिल्ली से झगड़ा करने में भी अपना टाइम बर्बाद करती है। उनको भी पता चल रहा है। त्रिपुरा जो कभी पावर डेफिसिट स्टेट हुआ करता था, वो आज डबल इंजन की सरकार की वजह से पावर सरप्लस हो गया है। 2017 से पहले त्रिपुरा के सिर्फ 19 हजार ग्रामीण घरों में नल से जल आता था। आज दिल्ली और त्रिपुरा की डबल इंजन की सरकार की वजह से करीब 2 लाख ग्रामीण घरों में नल से जल आने लगा है।

2017 से पहले त्रिपुरा के 5 लाख 80 हजार घरों में गैस कनेक्शन था। 6 लाख से भी कम। आज राज्य के साडे आठ लाख घरों में गैस कनेक्शन है। 8 लाख 50 हजार घरो में। डबल इंजन की सरकार बनने से पहले त्रिपुरा में सिर्फ 50 प्रतिशत गांव खुले में शौच से मुक्त थे, आज त्रिपुरा का करीब-करीब हर गांव खुले में शौच से मुक्त है। सौभाग्य योजना के तहत त्रिपुरा में शत-प्रतिशत बिजलीकरण हो, उज्जवला योजना के तहत ढाई लाख से ज्यादा मुफ्त गैस कनेक्शन देना हो, या फिर 50 हज़ार से ज्यादा गर्भवती महिलाओं को मातृवंदना योजना का लाभ हो, दिल्ली की और त्रिपुरा की डबल इंजन की सरकार के ये काम त्रिपुरा की बहनों-बेटियों को सशक्त करने में मदद कर रहे हैं। त्रिपुरा में पीएम किसान सम्मान निधि और आयुष्मान भारत योजना का भी लाभ किसानों और गरीब परिवारों को मिल रहा है। जबकि देश ये भी देख रहा है कि जहां डबल इंजन की सरकार नहीं है, आपके पडोस में ही गरीबों, किसानों और बेटियों को सशक्त करने वाली ये योजनाएं या तो लागू ही नहीं की गईं, या फिर बहुत ही धीमी गति से चल रही हैं।

साथियों,

डबल इंजन की सरकार का सबसे बड़ा असर गरीबों को अपने पक्के घर देने की गति में दिख रहा है। आज जब त्रिपुरा की सरकार चौथे साल में प्रवेश कर रही है तो राज्य के 40 हज़ार गरीब परिवारों को भी अपना नया घर मिल रहा है। जिन गरीब परिवारों के अपने घर का सपना आज पूरा हो रहा है, वो भली भांति अपने एक वोट की ताकत क्या होती है। अपना एक वोट अपने सपनों को पूरा करने का सामर्थ्य केसे दिखाती है। वो आज जब आपको अपना घर मिल रहा है। तो आप महसूस कर रहे हैं। मेरी कामना है कि ये नया घर आपके सपनों को और आपके बच्चों की आकांक्षाओं को नई उड़ान देने वाला सिद्ध होगा।

भाइयों और बहनों,

ये डबल इंजन की सरकार की ही ताकत है कि प्रधानमंत्री आवास योजना चाहे वो ग्रामीण हो या शहरी, इसमें त्रिपुरा बहुत तेजी से काम कर रहा है। त्रिपुरा के छोटे-बड़े शहरों में गरीबों के लिए 80 हज़ार से ज्यादा पक्के घर स्वीकृत हो चुके हैं। त्रिपुरा देश के उन 6 राज्यों में भी शामिल है जहां नई टेक्नॉलॉजी से तैयार होने वाले आधुनिक घरों का निर्माण हो रहा है।

भाइयों और बहनों,

हमने आपसे वादा किया था कि त्रिपुरा में HIRA वाला विकास हो, ऐसा डबल इंजन लगाएंगे। और अभी में वीडियो देख रहा था, बढ़िया ढंग से बताया था। HIRA यानि Highways, I-ways, Railways और Airways. त्रिपुरा की कनेक्टिविटी के इंफ्रास्ट्रक्चर में बीते 3 साल में तेजी से सुधार हुआ है। एयरपोर्ट का काम हो या फिर समंदर के रास्ते त्रिपुरा को इंटरनेट से जोड़ने का काम हो, रेल लिंक हो, इनमें तेज़ी से काम हो रहा है। आज भी 3 हज़ार करोड़ रुपए से ज्यादा के जिन प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण और शिलान्यास किया गया है, वो हमारे उसी HIRA Model का ही हिस्सा हैं। बल्कि अब तो Waterways, Port Infrastructure भी इसमें जुड़ गया है।

साथियों,

इसी कड़ी में आज गांव के लिए सड़कें, हाईवे का चौड़ीकरण, ब्रिज, पार्किंग, एक्सपोर्ट के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर, स्मार्ट सिटी से जुड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर, इनका उपहार आज त्रिपुरा को मिला है। आज कनेक्टिविटी की जो सुविधाएं त्रिपुरा में विकसित हो रही हैं, वो दूर-दराज के गांवों में लोगों का जीवन आसान बनाने के साथ ही लोगों की आय बढ़ाने में भी मदद कर रही हैं। ये कनेक्टिविटी, बांग्लादेश के साथ हमारी मैत्री, हमारे व्यापार की भी मज़बूत कड़ी सिद्ध हो रही है।

साथियों,

इस पूरे रीजन को, पूर्वी, उत्तर-पूर्वी भारत और बांग्लादेश के बीच एक प्रकार से ट्रेड कॉरीडोर के रूप में विकसित किया जा रहा है। अपने बांग्लादेश दौरे के दौरान मैंने और प्रधानमंत्री शेख हसीना जी ने मिलकर त्रिपुरा को बांग्लादेश से सीधे जोड़ने वाले ब्रिज का शिलान्यास किया था और आज इसका लोकार्पण किया गया है। आज भारत और बांग्लादेश की मैत्री और कनेक्टिविटी कितनी सशक्त हो रही है, इसको लेकर हमने बांग्लादेश की माननीय प्रधानमंत्री शेख हसीना जी की भी बात सुनी। सबरूम और रामगढ़ के बीच सेतु से हमारी मैत्री भी मजबूत हुई है और भारत- बांग्लादेश की समृद्धि का कनेक्शन भी जुड़ गया है। बीते कुछ वर्षों में भारत-बांग्लादेश के बीच लैंड, रेल और वॉटर कनेक्टिविटी के लिए जो समझौते ज़मीन पर उतरे हैं, इस सेतु से वो और मज़बूत हुए हैं। इससे त्रिपुरा के साथ-साथ दक्षिणी असम, मिज़ोरम, मणिपुर की बांग्लादेश और साउथ ईस्ट एशिया के दूसरे देशों से कनेक्टिविटी सशक्त होगी। भारत में ही नहीं, बांग्लादेश में भी इस सेतु से कनेक्टिविटी बेहतर होगी और Economic Opportunities बढ़ेंगी। इस सेतु के बनने से भारत-बांग्लादेश के लोगों में संपर्क बेहतर होने के साथ-साथ टूरिज्म और ट्रेड के लिए, पोर्ट लेड डेवलपमेंट के लिए नए अवसर पैदा हुए हैं। सबरूम और इसके आसपास का क्षेत्र पोर्ट से जुड़ी हर कनेक्टिविटी का, इंटरनेशनल ट्रेड का बहुत बड़ा सेंटर बनने वाला है।

साथियों,

मैत्री सेतु के अलावा दूसरी सुविधाएं जब बन जाएंगी तो नॉर्थ-ईस्ट के लिए किसी भी प्रकार की सप्लाई के लिए हमें सिर्फ सड़क के रास्ते पर निर्भर रहना नहीं पड़ेगा। अब समंदर के रास्ते, नदी के रास्ते, बांग्लादेश के कारण रास्ते बंद होने से प्रभावित नहीं होगी। दक्षिण त्रिपुरा के इसी महत्व को देखते हुए अब सबरूम में ही Integrated Check Post का निर्माण भी आज से शुरु हो गया है। ये ICP, एक full-fledged logistic hub की तरह काम करेगा।यहां Parking Lots बनेंगे, warehouses बनेंगे, container trans-shipment facilities तैयार की जाएंगी।

साथियों,

फेनी ब्रिज के खुल जाने से अगरतला, इंटरनेशनल सी पोर्ट से भारत का सबसे नज़दीक का शहर बन जाएगा। NH-8 और NH-208 के चौड़ीकरण से जुड़े जिन प्रोजेक्ट्स का आज लोकार्पण और शिलान्यास किया गया है, उनसे नॉर्थ ईस्ट की पोर्ट से कनेक्टिविटी और सशक्त होगी। इससे अगरतला, पूरे नॉर्थ ईस्ट के Logistics का भी अहम सेंटर बनकर उभरेगा। इस रूट से ट्रांसपोर्ट की Cost बहुत कम हो जाएगी और पूरे नॉर्थ ईस्ट को आसानी से सामान मिलेगा। त्रिपुरा के किसानों को अपने फल-सब्जी, दूध, मछली और दूसरे सामान के लिए देश-विदेश के नए बाज़ार मिलने वाले हैं। यहां जो पहले से उद्योग लगे हैं उनको लाभ होगा और नए उद्योगों को बल मिलेगा। यहां बनने वाला औद्योगिक सामान, विदेशी बाज़ारों में भी बहुत Competitive होगा। बीते वर्षों में यहां के Bamboo Products के लिए, अगरबत्ती उद्योग के लिए, Pineapple से जुड़े व्यापार के लिए जो प्रोत्साहन दिया गया है, उसको इन नई सुविधाओं से और बल मिलेगा।

भाइयों और बहनों,

अगरतला जैसे शहरों में आत्मनिर्भर भारत के नए सेंटर्स बनने का सामर्थ्य है।आज अगरतला को बेहतर शहर बनाने के लिए अनेक प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण और शिलान्यास ऐसे ही प्रयासों का हिस्सा है। नया बना इंटिग्रेटेड कमांड सेंटर, शहर की व्यवस्थाओं को एक जगह से स्मार्ट टेक्नॉलॉजी के माध्यम से हैंडल करने में मदद करेगा। ट्रैफिक से जुड़ी समस्याओं से लेकर क्राइम रोकने के लिए, ऐसी अनेक प्रकार की उपयोगिता के लिए तकनीकी सहयोग मिलेगा। इसी तरह मल्टीलेवल पार्किंग, कमर्शियल कॉम्प्लेक्स और एयरपोर्ट को कनेक्ट करने वाली रोड के चौड़ीकरण से, अगरतला में Ease of Living और Ease of Doing Business में बहुत सुधार आएगा।

भाइयों और बहनों,

जब ऐसे काम होते हैं तो, उनको सबसे अधिक लाभ होता है जिनको बरसों तक भुलाया गया, जिनको अपने हाल पर जीने के लिए मजबूर कर दिया गया उनको छोड़ दिया गया। विशेषरूप से हमारे जनजातीय क्षेत्रों में रहने वाले हमारे सभी साथियों और ब्रू शरणार्थियों को सरकार के ऐसे अनेक कदमों से लाभ मिल रहा है। त्रिपुरा के ब्रू शरणार्थियों की समस्याओं को दूर करने के लिए दशकों बाद समाधान ही सरकार के प्रयासों से मिला। हज़ारों ब्रू साथियों के विकास के लिए दिए गए 600 करोड़ रुपए के विशेष पैकेज से उनके जीवन में बहुत सकारात्मक परिवर्तन आएगा।

साथियों,

जब घर-घर जल पहुंचता है, बिजली पहुंचती है, स्वास्थ्य की सुविधाएं पहुंचती हैं, तो हमारे जनजातीय क्षेत्रों को इसका विशेष लाभ होता है।यही काम केंद्र और त्रिपुरा की सरकारें मिलकर आज कर रही हैं। आगिनी हाफांग, त्रिपुरा हास्तेनी, हुकूमु नो सीमी या, कुरुंग बोरोक बो, सुकुलूगई, तेनिखा। त्रिपुरानी गुनांग तेई नाईथोक, हुकूमु नो, चुंग बोरोम याफरनानी चेंखा, तेई कुरुंग बोरोक- रोकनो बो, सोई बोरोम याफारखा। अगरतला एयरपोर्ट को महाराजा बीर बिक्रम किशोर मानिक्या जी का नाम देना त्रिपुरा के विकास के लिए उनके विजन का सम्मान है।त्रिपुरा की समृद्ध संस्कृति और साहित्य की सेवा करने वाले सपूतों, श्री थंगा डॉरलॉन्ग जी, श्री सत्यराम रियांग जी और बेनीचंद्र जमातिया जी को पद्मश्री से अलंकृत करने का सौभाग्य भी हमें ही मिला है।संस्कृति और साहित्य के इन साधकों के योगदान के हम सभी ऋणी हैं। बेनी चंद्र जमातिया जी अब हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनका काम हम सभी को हमेशा प्रेरित करता रहेगा।

साथियों,

जनजातीय हस्तकला को, बैंबू आधारिक कला को, प्रधानमंत्री वन धन योजना के तहत प्रोत्साहित करने से जनजातीय भाई-बहनों को कमाई के नए साधन मिल रहे हैं।मुझे बताया गया है कि 'मुली Bamboo Cookies' को पहली बार पैकेज्ड प्रोडक्ट के रूप में लॉन्च किया गया है। ये प्रशंसनीय काम है। ऐसे कार्यों का विस्तार लोगों की और मदद करेगा। इस वर्ष के केंद्रीय बजट में भी जनजातीय क्षेत्रों में एकलव्य मॉडल स्कूल और अन्य आधुनिक सुविधाओं के लिए व्यापक प्रावधान किया गया है। मुझे विश्वास है कि आने वाले साल में त्रिपुरा सरकार ऐसे ही त्रिपुरा वासियों की सेवा करती रहेगी। मैं फिर बिप्लब जी और उनकी पूरी टीम को, प्रशासन के सभी अधिकारियों को जनता की सेवा के लिए तीन साल जो उन्होंने मेहनत की है। आने वाले समय में उससे भी ज्यादा मेहनत करेंगे, ज्यादा सेवा करेंगे। त्रिपुरा का भाग्य बदल के रहेंगे। इसी विश्वास के साथ में फिर एक बार आप सब को बहुत- बहुत बधाई देता हूं। बहुत- बहुत शुभकामनाएं देता हूं।

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November 23, 2024
आज महाराष्ट्र ने विकास, सुशासन और सच्चे सामाजिक न्याय की जीत देखी है: पीएम मोदी
महाराष्ट्र की जनता ने भाजपा को कांग्रेस और उसके सहयोगियों की कुल सीटों से कहीं ज़्यादा सीटें दी हैं: पीएम मोदी
महाराष्ट्र ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। यह पिछले 50 सालों में किसी भी पार्टी या चुनाव-पूर्व गठबंधन की सबसे बड़ी जीत है: पीएम मोदी
‘एक हैं तो सेफ हैं’ देश का ‘महामंत्र’ बन गया है: पार्टी मुख्यालय में भाजपा कार्यकर्ताओं से पीएम मोदी
महाराष्ट्र देश का छठा राज्य बन गया है जिसने लगातार तीसरी बार भाजपा को जनादेश दिया है: पीएम मोदी

जो लोग महाराष्ट्र से परिचित होंगे, उन्हें पता होगा, तो वहां पर जब जय भवानी कहते हैं तो जय शिवाजी का बुलंद नारा लगता है।

जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...

आज हम यहां पर एक और ऐतिहासिक महाविजय का उत्सव मनाने के लिए इकट्ठा हुए हैं। आज महाराष्ट्र में विकासवाद की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सुशासन की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सच्चे सामाजिक न्याय की विजय हुई है। और साथियों, आज महाराष्ट्र में झूठ, छल, फरेब बुरी तरह हारा है, विभाजनकारी ताकतें हारी हैं। आज नेगेटिव पॉलिटिक्स की हार हुई है। आज परिवारवाद की हार हुई है। आज महाराष्ट्र ने विकसित भारत के संकल्प को और मज़बूत किया है। मैं देशभर के भाजपा के, NDA के सभी कार्यकर्ताओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, उन सबका अभिनंदन करता हूं। मैं श्री एकनाथ शिंदे जी, मेरे परम मित्र देवेंद्र फडणवीस जी, भाई अजित पवार जी, उन सबकी की भी भूरि-भूरि प्रशंसा करता हूं।

साथियों,

आज देश के अनेक राज्यों में उपचुनाव के भी नतीजे आए हैं। नड्डा जी ने विस्तार से बताया है, इसलिए मैं विस्तार में नहीं जा रहा हूं। लोकसभा की भी हमारी एक सीट और बढ़ गई है। यूपी, उत्तराखंड और राजस्थान ने भाजपा को जमकर समर्थन दिया है। असम के लोगों ने भाजपा पर फिर एक बार भरोसा जताया है। मध्य प्रदेश में भी हमें सफलता मिली है। बिहार में भी एनडीए का समर्थन बढ़ा है। ये दिखाता है कि देश अब सिर्फ और सिर्फ विकास चाहता है। मैं महाराष्ट्र के मतदाताओं का, हमारे युवाओं का, विशेषकर माताओं-बहनों का, किसान भाई-बहनों का, देश की जनता का आदरपूर्वक नमन करता हूं।

साथियों,

मैं झारखंड की जनता को भी नमन करता हूं। झारखंड के तेज विकास के लिए हम अब और ज्यादा मेहनत से काम करेंगे। और इसमें भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता अपना हर प्रयास करेगा।

साथियों,

छत्रपति शिवाजी महाराजांच्या // महाराष्ट्राने // आज दाखवून दिले// तुष्टीकरणाचा सामना // कसा करायच। छत्रपति शिवाजी महाराज, शाहुजी महाराज, महात्मा फुले-सावित्रीबाई फुले, बाबासाहेब आंबेडकर, वीर सावरकर, बाला साहेब ठाकरे, ऐसे महान व्यक्तित्वों की धरती ने इस बार पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। और साथियों, बीते 50 साल में किसी भी पार्टी या किसी प्री-पोल अलायंस के लिए ये सबसे बड़ी जीत है। और एक महत्वपूर्ण बात मैं बताता हूं। ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा के नेतृत्व में किसी गठबंधन को लगातार महाराष्ट्र ने आशीर्वाद दिए हैं, विजयी बनाया है। और ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

साथियों,

ये निश्चित रूप से ऐतिहासिक है। ये भाजपा के गवर्नंस मॉडल पर मुहर है। अकेले भाजपा को ही, कांग्रेस और उसके सभी सहयोगियों से कहीं अधिक सीटें महाराष्ट्र के लोगों ने दी हैं। ये दिखाता है कि जब सुशासन की बात आती है, तो देश सिर्फ और सिर्फ भाजपा पर और NDA पर ही भरोसा करता है। साथियों, एक और बात है जो आपको और खुश कर देगी। महाराष्ट्र देश का छठा राज्य है, जिसने भाजपा को लगातार 3 बार जनादेश दिया है। इससे पहले गोवा, गुजरात, छत्तीसगढ़, हरियाणा, और मध्य प्रदेश में हम लगातार तीन बार जीत चुके हैं। बिहार में भी NDA को 3 बार से ज्यादा बार लगातार जनादेश मिला है। और 60 साल के बाद आपने मुझे तीसरी बार मौका दिया, ये तो है ही। ये जनता का हमारे सुशासन के मॉडल पर विश्वास है औऱ इस विश्वास को बनाए रखने में हम कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेंगे।

साथियों,

मैं आज महाराष्ट्र की जनता-जनार्दन का विशेष अभिनंदन करना चाहता हूं। लगातार तीसरी बार स्थिरता को चुनना ये महाराष्ट्र के लोगों की सूझबूझ को दिखाता है। हां, बीच में जैसा अभी नड्डा जी ने विस्तार से कहा था, कुछ लोगों ने धोखा करके अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की, लेकिन महाराष्ट्र ने उनको नकार दिया है। और उस पाप की सजा मौका मिलते ही दे दी है। महाराष्ट्र इस देश के लिए एक तरह से बहुत महत्वपूर्ण ग्रोथ इंजन है, इसलिए महाराष्ट्र के लोगों ने जो जनादेश दिया है, वो विकसित भारत के लिए बहुत बड़ा आधार बनेगा, वो विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि का आधार बनेगा।



साथियों,

हरियाणा के बाद महाराष्ट्र के चुनाव का भी सबसे बड़ा संदेश है- एकजुटता। एक हैं, तो सेफ हैं- ये आज देश का महामंत्र बन चुका है। कांग्रेस और उसके ecosystem ने सोचा था कि संविधान के नाम पर झूठ बोलकर, आरक्षण के नाम पर झूठ बोलकर, SC/ST/OBC को छोटे-छोटे समूहों में बांट देंगे। वो सोच रहे थे बिखर जाएंगे। कांग्रेस और उसके साथियों की इस साजिश को महाराष्ट्र ने सिरे से खारिज कर दिया है। महाराष्ट्र ने डंके की चोट पर कहा है- एक हैं, तो सेफ हैं। एक हैं तो सेफ हैं के भाव ने जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्र के नाम पर लड़ाने वालों को सबक सिखाया है, सजा की है। आदिवासी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, ओबीसी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, मेरे दलित भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, समाज के हर वर्ग ने भाजपा-NDA को वोट दिया। ये कांग्रेस और इंडी-गठबंधन के उस पूरे इकोसिस्टम की सोच पर करारा प्रहार है, जो समाज को बांटने का एजेंडा चला रहे थे।

साथियों,

महाराष्ट्र ने NDA को इसलिए भी प्रचंड जनादेश दिया है, क्योंकि हम विकास और विरासत, दोनों को साथ लेकर चलते हैं। महाराष्ट्र की धरती पर इतनी विभूतियां जन्मी हैं। बीजेपी और मेरे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज आराध्य पुरुष हैं। धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज हमारी प्रेरणा हैं। हमने हमेशा बाबा साहब आंबेडकर, महात्मा फुले-सावित्री बाई फुले, इनके सामाजिक न्याय के विचार को माना है। यही हमारे आचार में है, यही हमारे व्यवहार में है।

साथियों,

लोगों ने मराठी भाषा के प्रति भी हमारा प्रेम देखा है। कांग्रेस को वर्षों तक मराठी भाषा की सेवा का मौका मिला, लेकिन इन लोगों ने इसके लिए कुछ नहीं किया। हमारी सरकार ने मराठी को Classical Language का दर्जा दिया। मातृ भाषा का सम्मान, संस्कृतियों का सम्मान और इतिहास का सम्मान हमारे संस्कार में है, हमारे स्वभाव में है। और मैं तो हमेशा कहता हूं, मातृभाषा का सम्मान मतलब अपनी मां का सम्मान। और इसीलिए मैंने विकसित भारत के निर्माण के लिए लालकिले की प्राचीर से पंच प्राणों की बात की। हमने इसमें विरासत पर गर्व को भी शामिल किया। जब भारत विकास भी और विरासत भी का संकल्प लेता है, तो पूरी दुनिया इसे देखती है। आज विश्व हमारी संस्कृति का सम्मान करता है, क्योंकि हम इसका सम्मान करते हैं। अब अगले पांच साल में महाराष्ट्र विकास भी विरासत भी के इसी मंत्र के साथ तेज गति से आगे बढ़ेगा।

साथियों,

इंडी वाले देश के बदले मिजाज को नहीं समझ पा रहे हैं। ये लोग सच्चाई को स्वीकार करना ही नहीं चाहते। ये लोग आज भी भारत के सामान्य वोटर के विवेक को कम करके आंकते हैं। देश का वोटर, देश का मतदाता अस्थिरता नहीं चाहता। देश का वोटर, नेशन फर्स्ट की भावना के साथ है। जो कुर्सी फर्स्ट का सपना देखते हैं, उन्हें देश का वोटर पसंद नहीं करता।

साथियों,

देश के हर राज्य का वोटर, दूसरे राज्यों की सरकारों का भी आकलन करता है। वो देखता है कि जो एक राज्य में बड़े-बड़े Promise करते हैं, उनकी Performance दूसरे राज्य में कैसी है। महाराष्ट्र की जनता ने भी देखा कि कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल में कांग्रेस सरकारें कैसे जनता से विश्वासघात कर रही हैं। ये आपको पंजाब में भी देखने को मिलेगा। जो वादे महाराष्ट्र में किए गए, उनका हाल दूसरे राज्यों में क्या है? इसलिए कांग्रेस के पाखंड को जनता ने खारिज कर दिया है। कांग्रेस ने जनता को गुमराह करने के लिए दूसरे राज्यों के अपने मुख्यमंत्री तक मैदान में उतारे। तब भी इनकी चाल सफल नहीं हो पाई। इनके ना तो झूठे वादे चले और ना ही खतरनाक एजेंडा चला।

साथियों,

आज महाराष्ट्र के जनादेश का एक और संदेश है, पूरे देश में सिर्फ और सिर्फ एक ही संविधान चलेगा। वो संविधान है, बाबासाहेब आंबेडकर का संविधान, भारत का संविधान। जो भी सामने या पर्दे के पीछे, देश में दो संविधान की बात करेगा, उसको देश पूरी तरह से नकार देगा। कांग्रेस और उसके साथियों ने जम्मू-कश्मीर में फिर से आर्टिकल-370 की दीवार बनाने का प्रयास किया। वो संविधान का भी अपमान है। महाराष्ट्र ने उनको साफ-साफ बता दिया कि ये नहीं चलेगा। अब दुनिया की कोई भी ताकत, और मैं कांग्रेस वालों को कहता हूं, कान खोलकर सुन लो, उनके साथियों को भी कहता हूं, अब दुनिया की कोई भी ताकत 370 को वापस नहीं ला सकती।



साथियों,

महाराष्ट्र के इस चुनाव ने इंडी वालों का, ये अघाड़ी वालों का दोमुंहा चेहरा भी देश के सामने खोलकर रख दिया है। हम सब जानते हैं, बाला साहेब ठाकरे का इस देश के लिए, समाज के लिए बहुत बड़ा योगदान रहा है। कांग्रेस ने सत्ता के लालच में उनकी पार्टी के एक धड़े को साथ में तो ले लिया, तस्वीरें भी निकाल दी, लेकिन कांग्रेस, कांग्रेस का कोई नेता बाला साहेब ठाकरे की नीतियों की कभी प्रशंसा नहीं कर सकती। इसलिए मैंने अघाड़ी में कांग्रेस के साथी दलों को चुनौती दी थी, कि वो कांग्रेस से बाला साहेब की नीतियों की तारीफ में कुछ शब्द बुलवाकर दिखाएं। आज तक वो ये नहीं कर पाए हैं। मैंने दूसरी चुनौती वीर सावरकर जी को लेकर दी थी। कांग्रेस के नेतृत्व ने लगातार पूरे देश में वीर सावरकर का अपमान किया है, उन्हें गालियां दीं हैं। महाराष्ट्र में वोट पाने के लिए इन लोगों ने टेंपरेरी वीर सावरकर जी को जरा टेंपरेरी गाली देना उन्होंने बंद किया है। लेकिन वीर सावरकर के तप-त्याग के लिए इनके मुंह से एक बार भी सत्य नहीं निकला। यही इनका दोमुंहापन है। ये दिखाता है कि उनकी बातों में कोई दम नहीं है, उनका मकसद सिर्फ और सिर्फ वीर सावरकर को बदनाम करना है।

साथियों,

भारत की राजनीति में अब कांग्रेस पार्टी, परजीवी बनकर रह गई है। कांग्रेस पार्टी के लिए अब अपने दम पर सरकार बनाना लगातार मुश्किल हो रहा है। हाल ही के चुनावों में जैसे आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, हरियाणा और आज महाराष्ट्र में उनका सूपड़ा साफ हो गया। कांग्रेस की घिसी-पिटी, विभाजनकारी राजनीति फेल हो रही है, लेकिन फिर भी कांग्रेस का अहंकार देखिए, उसका अहंकार सातवें आसमान पर है। सच्चाई ये है कि कांग्रेस अब एक परजीवी पार्टी बन चुकी है। कांग्रेस सिर्फ अपनी ही नहीं, बल्कि अपने साथियों की नाव को भी डुबो देती है। आज महाराष्ट्र में भी हमने यही देखा है। महाराष्ट्र में कांग्रेस और उसके गठबंधन ने महाराष्ट्र की हर 5 में से 4 सीट हार गई। अघाड़ी के हर घटक का स्ट्राइक रेट 20 परसेंट से नीचे है। ये दिखाता है कि कांग्रेस खुद भी डूबती है और दूसरों को भी डुबोती है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ी, उतनी ही बड़ी हार इनके सहयोगियों को भी मिली। वो तो अच्छा है, यूपी जैसे राज्यों में कांग्रेस के सहयोगियों ने उससे जान छुड़ा ली, वर्ना वहां भी कांग्रेस के सहयोगियों को लेने के देने पड़ जाते।

साथियों,

सत्ता-भूख में कांग्रेस के परिवार ने, संविधान की पंथ-निरपेक्षता की भावना को चूर-चूर कर दिया है। हमारे संविधान निर्माताओं ने उस समय 47 में, विभाजन के बीच भी, हिंदू संस्कार और परंपरा को जीते हुए पंथनिरपेक्षता की राह को चुना था। तब देश के महापुरुषों ने संविधान सभा में जो डिबेट्स की थी, उसमें भी इसके बारे में बहुत विस्तार से चर्चा हुई थी। लेकिन कांग्रेस के इस परिवार ने झूठे सेक्यूलरिज्म के नाम पर उस महान परंपरा को तबाह करके रख दिया। कांग्रेस ने तुष्टिकरण का जो बीज बोया, वो संविधान निर्माताओं के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है। और ये विश्वासघात मैं बहुत जिम्मेवारी के साथ बोल रहा हूं। संविधान के साथ इस परिवार का विश्वासघात है। दशकों तक कांग्रेस ने देश में यही खेल खेला। कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए कानून बनाए, सुप्रीम कोर्ट के आदेश तक की परवाह नहीं की। इसका एक उदाहरण वक्फ बोर्ड है। दिल्ली के लोग तो चौंक जाएंगे, हालात ये थी कि 2014 में इन लोगों ने सरकार से जाते-जाते, दिल्ली के आसपास की अनेक संपत्तियां वक्फ बोर्ड को सौंप दी थीं। बाबा साहेब आंबेडकर जी ने जो संविधान हमें दिया है न, जिस संविधान की रक्षा के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। संविधान में वक्फ कानून का कोई स्थान ही नहीं है। लेकिन फिर भी कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए वक्फ बोर्ड जैसी व्यवस्था पैदा कर दी। ये इसलिए किया गया ताकि कांग्रेस के परिवार का वोटबैंक बढ़ सके। सच्ची पंथ-निरपेक्षता को कांग्रेस ने एक तरह से मृत्युदंड देने की कोशिश की है।

साथियों,

कांग्रेस के शाही परिवार की सत्ता-भूख इतनी विकृति हो गई है, कि उन्होंने सामाजिक न्याय की भावना को भी चूर-चूर कर दिया है। एक समय था जब के कांग्रेस नेता, इंदिरा जी समेत, खुद जात-पात के खिलाफ बोलते थे। पब्लिकली लोगों को समझाते थे। एडवरटाइजमेंट छापते थे। लेकिन आज यही कांग्रेस और कांग्रेस का ये परिवार खुद की सत्ता-भूख को शांत करने के लिए जातिवाद का जहर फैला रहा है। इन लोगों ने सामाजिक न्याय का गला काट दिया है।

साथियों,

एक परिवार की सत्ता-भूख इतने चरम पर है, कि उन्होंने खुद की पार्टी को ही खा लिया है। देश के अलग-अलग भागों में कई पुराने जमाने के कांग्रेस कार्यकर्ता है, पुरानी पीढ़ी के लोग हैं, जो अपने ज़माने की कांग्रेस को ढूंढ रहे हैं। लेकिन आज की कांग्रेस के विचार से, व्यवहार से, आदत से उनको ये साफ पता चल रहा है, कि ये वो कांग्रेस नहीं है। इसलिए कांग्रेस में, आंतरिक रूप से असंतोष बहुत ज्यादा बढ़ रहा है। उनकी आरती उतारने वाले भले आज इन खबरों को दबाकर रखे, लेकिन भीतर आग बहुत बड़ी है, असंतोष की ज्वाला भड़क चुकी है। सिर्फ एक परिवार के ही लोगों को कांग्रेस चलाने का हक है। सिर्फ वही परिवार काबिल है दूसरे नाकाबिल हैं। परिवार की इस सोच ने, इस जिद ने कांग्रेस में एक ऐसा माहौल बना दिया कि किसी भी समर्पित कांग्रेस कार्यकर्ता के लिए वहां काम करना मुश्किल हो गया है। आप सोचिए, कांग्रेस पार्टी की प्राथमिकता आज सिर्फ और सिर्फ परिवार है। देश की जनता उनकी प्राथमिकता नहीं है। और जिस पार्टी की प्राथमिकता जनता ना हो, वो लोकतंत्र के लिए बहुत ही नुकसानदायी होती है।

साथियों,

कांग्रेस का परिवार, सत्ता के बिना जी ही नहीं सकता। चुनाव जीतने के लिए ये लोग कुछ भी कर सकते हैं। दक्षिण में जाकर उत्तर को गाली देना, उत्तर में जाकर दक्षिण को गाली देना, विदेश में जाकर देश को गाली देना। और अहंकार इतना कि ना किसी का मान, ना किसी की मर्यादा और खुलेआम झूठ बोलते रहना, हर दिन एक नया झूठ बोलते रहना, यही कांग्रेस और उसके परिवार की सच्चाई बन गई है। आज कांग्रेस का अर्बन नक्सलवाद, भारत के सामने एक नई चुनौती बनकर खड़ा हो गया है। इन अर्बन नक्सलियों का रिमोट कंट्रोल, देश के बाहर है। और इसलिए सभी को इस अर्बन नक्सलवाद से बहुत सावधान रहना है। आज देश के युवाओं को, हर प्रोफेशनल को कांग्रेस की हकीकत को समझना बहुत ज़रूरी है।

साथियों,

जब मैं पिछली बार भाजपा मुख्यालय आया था, तो मैंने हरियाणा से मिले आशीर्वाद पर आपसे बात की थी। तब हमें गुरूग्राम जैसे शहरी क्षेत्र के लोगों ने भी अपना आशीर्वाद दिया था। अब आज मुंबई ने, पुणे ने, नागपुर ने, महाराष्ट्र के ऐसे बड़े शहरों ने अपनी स्पष्ट राय रखी है। शहरी क्षेत्रों के गरीब हों, शहरी क्षेत्रों के मिडिल क्लास हो, हर किसी ने भाजपा का समर्थन किया है और एक स्पष्ट संदेश दिया है। यह संदेश है आधुनिक भारत का, विश्वस्तरीय शहरों का, हमारे महानगरों ने विकास को चुना है, आधुनिक Infrastructure को चुना है। और सबसे बड़ी बात, उन्होंने विकास में रोडे अटकाने वाली राजनीति को नकार दिया है। आज बीजेपी हमारे शहरों में ग्लोबल स्टैंडर्ड के इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। चाहे मेट्रो नेटवर्क का विस्तार हो, आधुनिक इलेक्ट्रिक बसे हों, कोस्टल रोड और समृद्धि महामार्ग जैसे शानदार प्रोजेक्ट्स हों, एयरपोर्ट्स का आधुनिकीकरण हो, शहरों को स्वच्छ बनाने की मुहिम हो, इन सभी पर बीजेपी का बहुत ज्यादा जोर है। आज का शहरी भारत ईज़ ऑफ़ लिविंग चाहता है। और इन सब के लिये उसका भरोसा बीजेपी पर है, एनडीए पर है।

साथियों,

आज बीजेपी देश के युवाओं को नए-नए सेक्टर्स में अवसर देने का प्रयास कर रही है। हमारी नई पीढ़ी इनोवेशन और स्टार्टअप के लिए माहौल चाहती है। बीजेपी इसे ध्यान में रखकर नीतियां बना रही है, निर्णय ले रही है। हमारा मानना है कि भारत के शहर विकास के इंजन हैं। शहरी विकास से गांवों को भी ताकत मिलती है। आधुनिक शहर नए अवसर पैदा करते हैं। हमारा लक्ष्य है कि हमारे शहर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शहरों की श्रेणी में आएं और बीजेपी, एनडीए सरकारें, इसी लक्ष्य के साथ काम कर रही हैं।


साथियों,

मैंने लाल किले से कहा था कि मैं एक लाख ऐसे युवाओं को राजनीति में लाना चाहता हूं, जिनके परिवार का राजनीति से कोई संबंध नहीं। आज NDA के अनेक ऐसे उम्मीदवारों को मतदाताओं ने समर्थन दिया है। मैं इसे बहुत शुभ संकेत मानता हूं। चुनाव आएंगे- जाएंगे, लोकतंत्र में जय-पराजय भी चलती रहेगी। लेकिन भाजपा का, NDA का ध्येय सिर्फ चुनाव जीतने तक सीमित नहीं है, हमारा ध्येय सिर्फ सरकारें बनाने तक सीमित नहीं है। हम देश बनाने के लिए निकले हैं। हम भारत को विकसित बनाने के लिए निकले हैं। भारत का हर नागरिक, NDA का हर कार्यकर्ता, भाजपा का हर कार्यकर्ता दिन-रात इसमें जुटा है। हमारी जीत का उत्साह, हमारे इस संकल्प को और मजबूत करता है। हमारे जो प्रतिनिधि चुनकर आए हैं, वो इसी संकल्प के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें देश के हर परिवार का जीवन आसान बनाना है। हमें सेवक बनकर, और ये मेरे जीवन का मंत्र है। देश के हर नागरिक की सेवा करनी है। हमें उन सपनों को पूरा करना है, जो देश की आजादी के मतवालों ने, भारत के लिए देखे थे। हमें मिलकर विकसित भारत का सपना साकार करना है। सिर्फ 10 साल में हमने भारत को दुनिया की दसवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी से दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी बना दिया है। किसी को भी लगता, अरे मोदी जी 10 से पांच पर पहुंच गया, अब तो बैठो आराम से। आराम से बैठने के लिए मैं पैदा नहीं हुआ। वो दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर रहेगा। हम मिलकर आगे बढ़ेंगे, एकजुट होकर आगे बढ़ेंगे तो हर लक्ष्य पाकर रहेंगे। इसी भाव के साथ, एक हैं तो...एक हैं तो...एक हैं तो...। मैं एक बार फिर आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, देशवासियों को बधाई देता हूं, महाराष्ट्र के लोगों को विशेष बधाई देता हूं।

मेरे साथ बोलिए,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय!

वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम ।

बहुत-बहुत धन्यवाद।