प्रधानमंत्री ने सेना को अर्जुन मेन बैटल टैंक (एमके-1ए) सौंपा
उन्‍होंने पुलवामा हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की
भारत को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया
ये परियोजनाएं नवाचार और स्वदेशी विकास की प्रतीक हैं- ये परियोजनाएं तमिलनाडु की प्रगति को बढ़ावा देंगी: प्रधानमंत्री
बजट में भारत के तटीय क्षेत्रों के विकास को विशेष महत्व दिया गया है: प्रधानमंत्री
देवेंद्रकुला वेल्लालर समुदाय अब अपने पारंपरिक नाम से जाना जाएगा;काफी समय से लंबित पड़ी मांग को पूरा किया गया
सरकार ने हमेशा ही श्रीलंका में अपने तमिल भाइयों और बहनों के कल्याण व आकांक्षाओं का ध्यान रखा है: प्रधानमंत्री
तमिलनाडु की संस्कृति को संरक्षित करने और उत्‍सव मनाने की दिशा में काम करना हमारे लिए सम्मान की बात है; तमिलनाडु की संस्कृति विश्व स्तर पर बहुत लोकप्रिय है: प्रधानमंत्री

वणक्कम चेन्नई!

वणक्कम तमिलनाडु!

तमिलनाडु के राज्यपाल श्री बनवारीलाल पुरोहित जी, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री श्री पलानीस्वामी जी, उपमुख्यमंत्री श्री पन्नीरसेल्वम जी, तमिलनाडु विधानसभा के अध्यक्ष श्री धनपाल जी, उद्योग मंत्री श्री सम्पत जी, गणमान्य व्यक्तियों, देवियों और सज्जनों।

मेरे प्रिय मित्रों,

मुझे आज चेन्नई आने पर प्रसन्नता का अनुभव हो रहा है। मेरा गर्मजोशी से स्वागत करने के लिए चेन्नई शहर के लोगों का धन्यवाद। यह शहर ऊर्जा और उत्साह से परिपूर्ण है। यह ज्ञान और रचनात्मकता का शहर है। चेन्नई से आज, हम प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का शुभारंभ करते हैं। यह परियोजनाऐं नवाचार और स्वदेशी विकास की प्रतीक हैं। ये परियोजनाएं तमिलनाडु के विकास को आगे बढ़ाएंगी।

मित्रों,

यह कार्यक्रम इसलिए भी विशेष है क्योंकि हमने छह सौ छत्तीस किलोमीटर लंबी ग्रैंड एनीकट नहर प्रणाली के आधुनिकीकरण की नींव रखीं हैं। इसका व्यापक रूप से प्रभाव होने वाला है। इससे 2.27 लाख एकड़ भूमि के लिए सिंचाई सुविधाओं में सुधार होगा। तंजावुर और पुदुक्कोट्टई जिले विशेष रूप से लाभान्वित होंगे। मैं खाद्यान्न उत्पादन और जल संसाधनों के बेहतर उपयोग के लिए तमिलनाडु के किसानों की सराहना करना चाहता हूँ। हजारों सालों से, ग्रैंड एनीकट और इसकी नहर प्रणाली, तमिलनाडु की जीवन-रेखा रही है। ग्रैंड एनीकट हमारे गौरवशाली अतीत का जीवंत प्रमाण है। यह हमारे राष्ट्र के "आत्मनिर्भर भारत" लक्ष्यों के लिए एक प्रेरणा भी है। प्रसिद्ध तमिल कवि अवइयार के शब्दों में:

वरप्पु उयरा नीर उयरूम

नीर उयरा नेल उयरूम

नेल उयरा कुड़ी उयरूम

कुड़ी उयरा कोल उयरूम

कोल उयरा कोण उयरवान

जब जल की उपलब्धता में वृद्धि होती है, तो खेती बढ़ती है, लोग और राज्य समृद्ध होते हैं। हम जल के संरक्षण के लिए जो भी कर सकते हैं उसे करना चाहिए। यह केवल एक राष्ट्रीय मुद्दा नहीं है। यह एक वैश्विक विषय है। सदैव प्रति बूंद अधिक फसल के मंत्र को याद रखें, इससे भविष्य की पीढ़ियों को सहायता मिलेगी।

मित्रों,

यह हर किसी के लिए प्रसन्नता का विषय होगा कि हम चेन्नई मेट्रो रेल के पहले चरण एक के नौ किलोमीटर हिस्से का उद्घाटन कर रहे हैं। यह वाशरमैनपेट से विम्को नगर तक जाएगी। वैश्विक महामारी के बावजूद इस परियोजना को निर्धारित समय पर पूरा किया गया है। इसकी सभी नागरिक निर्माण गतिविधियों का कार्य भारतीय अनुबंधकों द्वारा किया गया है। रोलिंग स्टॉक की खरीद स्थानीय स्तर पर की गई है। यह आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने की अवधारणा के अनुरूप है। चेन्नई मेट्रो का तेजी से विस्तार हो रहा है। इस वर्ष के बजट में, परियोजना के चरण दो के लिए एक सौ उन्नीस किलोमीटर के लिए तिरसठ हजार करोड़ से अधिक धनराशि निर्धारित की गई है। यह किसी भी शहर के लिए एक बार में स्वीकृत सबसे बड़ी परियोजनाओं में से एक है। शहरी परिवहन पर ध्यान देने से यहां के नागरिकों के लिए ‘ईज ऑफ लिविंग’ को बढ़ावा मिलेगा।

मित्रों,

बेहतर कनेक्टिविटी से सुविधा मिलती है। यह वाणिज्य में भी मदद करता है। चेन्नई समुद्रतट स्वर्णिम चतुर्भुज का एन्नोर-एट्टिपट्टू भाग एक भारी यातायात वाला मार्ग है। चेन्नई पोर्ट और कामराजार पोर्ट के बीच तेजी से माल ढुलाई सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। चेन्नई समुद्रतट और एट्टिपट्टू के बीच चौथी लाइन इस संबंध में मदद करेगी। विल्लुपुरम-तंजावुर-थिरुवरुर परियोजना का विद्युतीकरण डेल्टा जिलों के लिए एक बड़ा वरदान होगा। दो सौ अट्ठाईस किलोमीटर की इस परियोजना की सबसे प्रमुख बात यह है कि इसके माध्यम से से खाद्यान्नों की तेजी से आवाजाही को सुनिश्चित किया जाना है।

मित्रों,

कोई भी भारतीय इस दिन को नहीं भूल सकता। दो वर्ष पहले पुलवामा हमला हुआ था। हम उन सभी शहीदों को श्रद्धांजलि देते हैं, जो इस हमले में शहीद हो गए थे। हमें अपने सुरक्षा बलों पर गर्व है। उनकी बहादुरी से पीढ़ियों को प्रेरणा मिलती रहेगी।

मित्रों,

दुनिया की सबसे प्राचीन भाषा में लेखन करते हुए

तमिल, महाकवि सुब्रह्मण्य भारती ने कहा:

 

आयुथम सेयवोम नल्ला काकीतम सेयवोम

आलेकल वाईप्पोम कल्वी सालाइकल वाईप्पोम

नडेयुम परप्पु मुनर वंडीकल सेयवोम

ग्न्यलम नडुनका वरुं कप्पलकल सेयवोम

इसका अर्थ है:-

आओं हम हथियार बनाऐं; हम कागज बनाऐं।

हम कारखानें बनाऐं; हम स्कूल बनाऐं ।

हम ऐसे वाहन बनाऐं जो आगे बढ़ सकें और उड़ सकें।

आइए हम ऐसे जहाज बनाऐं जो दुनिया को हिला सकते हैं।

इस दूरदृष्टि से प्रेरित होकर, भारत ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के लिए व्यापक स्तर पर प्रयास किया है। दो रक्षा गलियारों में से एक तमिलनाडु में है। इस गलियारे को पहले ही आठ हज़ार एक सौ करोड़ रुपये से अधिक की निवेश प्रतिबद्धताएँ प्राप्त हो चुकी हैं। अपनी सीमाओं की रक्षा के लिए देश के लिए एक और युद्धक को समर्पित करने पर आज भी मुझे गर्व हो रहा है। मुझे स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित किए गए "प्रमुख युद्धक टैंक अर्जुन मार्क 1 ए" को देश को सौंपने पर गर्व का अनुभव हो रहा है। इसमें स्वदेशी गोला-बारूद का ही इस्तेमाल होता है। तमिलनाडु पहले से ही भारत का एक प्रमुख ऑटोमोबाइल विनिर्माण केंद्र है।

अब, मैं तमिलनाडु को भारत के टैंक निर्माण केंद्र के रूप में विकसित होते हुए देख रहा हूं। तमिलनाडु में बने एक टैंक का उपयोग हमारी उत्तरी सीमाओं में राष्ट्र को सुरक्षित रखने के लिए किया जाएगा। यह भारत की एकता की भावना को दर्शाता है- भारत एकता दर्शन। हम अपने सशस्त्र बलों को दुनिया की सबसे आधुनिक ताकतों में से एक बनाने का कार्य करना जारी रखेंगे। साथ ही, रक्षा क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने पर ध्यान पूर्ण गति से जारी है। हमारे सशस्त्र बल भारत के साहस का प्रतीक हैं। उन्होंने बार-बार दिखाया है कि वे हमारी मातृभूमि की रक्षा करने में पूरी तरह से सक्षम हैं। उन्होंने हर बार यह भी दिखाया है कि भारत शांति में विश्वास रखता है। लेकिन, भारत हर कीमत पर अपनी संप्रभुता की रक्षा करेगा। धीर भी है, वीर भी है, और हमारे सुरक्षा बलों की सैन्य शक्ति और धैर्य शक्ति उल्लेखनीय हैं।

मित्रों,

आईआईटी मद्रास का डिस्कवरी कैंपस, 2 लाख वर्ग मीटर के बुनियादी ढांचे के साथ वैश्विक स्तर के अनुसंधान केंद्रों में से एक होगा। मुझे विश्वास है कि बहुत जल्द, आईआईटी मद्रास का डिस्कवरी कैम्पस अन्वेषण का एक प्रमुख केंद्र होगा। यह पूरे भारत की सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं को आकर्षित करेगा।

मित्रों,

एक बात निश्चित है- कि दुनिया भारत को बेहद उत्साह और सकारात्मकता के साथ देख रही है। यह दशक भारत का होने जा रहा है और इसका कारण 130 करोड़ भारतीयों की कड़ी मेहनत और पसीना है। भारत सरकार आकांक्षा और नवाचार के इस भाव का समर्थन करने हेतु हर संभव प्रयास करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस वर्ष के बजट ने एक बार फिर सरकार की सुधार प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया है। आपको प्रसन्नता होगी कि इस वर्ष के बजट में, भारत के तटीय क्षेत्रों के विकास को विशेष महत्व दिया गया है।

भारत को अपने मछुआरा समुदायों पर गर्व है। वे परिश्रम और सरलता के प्रतीक हैं। बजट में उनके लिए अतिरिक्त ऋण व्यवस्था सुनिश्चित करने के प्रावधान हैं। मछली पकड़ने से संबंधित बुनियादी ढांचे को उन्नत किया जा रहा है। आधुनिक फिशिंग हार्बर अब चेन्नई सहित पांच केंद्रों में होंगे। हम समुद्री कृषि के प्रति आशान्वित हैं। इससे तटीय समुदायों का जीवन बेहतर होगा। समुद्री शैवाल की खेती के लिए, एक बहुउद्देश्यीय समुद्री वनस्पति पार्क का विकास तमिलनाडु में किया जाएगा।

मित्रों,

भारत तीव्र गति से फिजिकल और सामाजिक बुनियादी ढाँचे का विकास रहा है। आज भारत में दुनिया की सबसे व्यापक बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर काम हो रहा है। अभी हाल ही में हमने अपने सभी गांवों को इंटरनेट कनेक्टिविटी के माध्यम से जोड़ने का अभियान प्रारंभ किया है। इसी तरह, भारत में दुनिया का सबसे बड़ा स्वास्थ्य सेवा कार्यक्रम है। भारत सामान्य से हटकर सीखने और प्रौद्योगिकी को महत्व देने के साथ शिक्षा क्षेत्र में भी बदलाव कर रहा है। ये विकासक्रम युवाओं के लिए अनगिनत अवसर लेकर आएंगे।

मित्रों,

तमिलनाडु की संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन की दिशा में कार्य करना हमारे लिए सम्मान का विषय है। तमिलनाडु की संस्कृति वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय है। तमिलनाडु के देवेंद्रकुला वेल्लार समुदाय की बहनों और भाइयों के लिए मेरे पास एक सुखद संदेश है। देवेंद्रकुला वेल्लार के रूप में पहचान की उनकी मांग को केंद्र सरकार ने माना है। उन्हें अब संविधान की अनुसूची में सूचीबद्ध छह से सात नामों से नहीं अपितु उनके एक ही विरासत नाम से जाना जाएगा। केंद्र सरकार द्वारा देवेंद्रकुला वेल्लार के रूप में उनके नाम को सही करने के लिए संवैधानिक अनुसूची में संशोधन करने का मसौदा मंजूर कर लिया गया है। इसे अगले सत्र के शुभारंभ से पहले ही संसद के समक्ष रखा जाएगा। मैं इस मांग पर किए गए विस्तृत अध्ययन के लिए तमिलनाडु सरकार को विशेष रूप से धन्यवाद देना चाहता हूं। इस मांग का समर्थन देने का प्रयास उन्होंने भी लंबे समय से किया है।

मित्रों,

मैं 2015 में दिल्ली में देवेंद्र प्रतिनिधियों के साथ अपनी बैठक को कभी नहीं भूल सकता। उनकी उदासी देखी जा सकती थी। औपनिवेशिक शासकों ने उनका गौरव और सम्मान छीन लिया था। दशकों तक कुछ नहीं हुआ। उन्होंने मुझसे कहा- उन्होंने हर सरकार से निरंतर गुहार लगाई लेकिन कुछ नहीं बदला। मैंने उन्हें एक बात बताई। मैंने कहा कि उनका नाम देवेंद्र मेरे ही नाम- नरेंद्र के साथ मेल खाता है। मैं उनकी भावनाओं को समझता हूं। इस निर्णय का महत्व नाम परिवर्तन से कहीं अधिक है। यह न्याय, गरिमा और अवसर से जुड़ा है। हम सभी को देवेंद्र कुला समुदाय की संस्कृति से बहुत कुछ सीखना है। वे सद्भाव, मित्रता और भाईचारे का समारोह मनाते हैं। उनकी एक सभ्यतावादी आंदोलन था। यह उनके आत्मविश्वास और आत्म गौरव को दर्शाता है।

मित्रों,

हमारी सरकार ने हमेशा श्रीलंका में हमारे तमिल भाइयों और बहनों के कल्याण और आकांक्षाओं का ध्यान रखा है। यह मेरे लिए सम्मान का विषय है कि मैं जाफना का दौरा करने वाला एकमात्र भारतीय प्रधानमंत्री रहा हूँ। विकास कार्यों के माध्यम से हम श्रीलंका के तमिल समुदाय का कल्याण सुनिश्चित कर रहे हैं। तमिलों के लिए हमारी सरकार द्वारा दिए गए संसाधन अतीत की तुलना में बहुत अधिक हैं। इन परियोजनाओं में उत्तर-पूर्वी श्रीलंका में विस्थापित तमिलों के लिए पचास हजार घर, वृक्षारोपण क्षेत्रों में चार हजार घर में शामिल हैं। स्वास्थ्य के क्षेत्र में, हमने एक निःशुल्क एम्बुलेंस सेवा का वित्त पोषण किया जो कि तमिल समुदाय द्वारा व्यापक रूप से उपयोग की जाती है। डिकोया में एक अस्पताल का निर्माण किया गया है। कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए, जाफना और मन्नार के लिए रेलवे नेटवर्क को फिर से निर्मित किया जा रहा है। चेन्नई से जाफना तक उड़ानें शुरू की गई है। मुझे आपसे यह यह जानकारी साझा करने में प्रसन्नता का अनुभव हो रहा है कि भारत ने जाफना सांस्कृतिक केंद्र का निर्माण किया है जिसका हम शीघ्र ही उद्घाटन होने की आशा करते हैं। तमिल अधिकारों का मुद्दा भी श्रीलंका के नेताओं के साथ हमने लगातार उठाया है। हम हमेशा यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि वे समानता, न्याय शांति और सम्मान के साथ जीवन-यापन करें।

मित्रों,

हमारे मछुआरे लंबे समय से समस्याओं का सामना कर रहे हैं। मैं समस्या के अतीत में जाने नहीं चाहता, लेकिन मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि मेरी सरकार हमेशा उनके सभी हितों की रक्षा करेगी। जब भी मछुआरों को पकड़ा जाता है, तो हमने जल्द ही उनकी रिहाई को सुनिश्चित किया है। श्रीलंका में, हमारे कार्यकाल में सोलह सौ से अधिक मछुआरों को रिहा किया गया है। वर्तमान में, श्रीलंका की हिरासत में कोई भारतीय मछुआरा नहीं है। इसी तरह, तीन सौ तेरह नावें भी छोड़ी गई हैं और हम बाकी नौकाओं की वापसी के लिए कार्य कर रहे हैं।

मित्रों,

एक मानव केंद्रित दृष्टिकोण से प्रेरित होकर, भारत कोविड-19 के खिलाफ दुनिया की लड़ाई को और मजबूत बना रहा है। हमें अपने राष्ट्र का विकास करने और दुनिया को एक बेहतर स्थल बनाने के लिए जो कुछ भी हो सकता है, वह करते रहना होगा। हमारे संविधान के निर्माता यही चाहते थे कि हम ऐसा करें। मैं आज उद्घाटिक किए गए विकास कार्यों के लिए तमिलनाडु के लोगों को फिर से बधाई देता हूं।

 

Vanakkam !

 

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