आज असम को 3 हजार करोड़ से ज्यादा के एनर्जी और एजुकेशन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स का एक नया उपहार मिला है: प्रधानमंत्री
आत्मनिर्भर बनते भारत के लिए लगातार अपने सामर्थ्य, अपनी क्षमताओं में वृद्धि करना भी आवश्यक है : प्रधानमंत्री मोदी
नीति सही हो, नीयत साफ हो तो नियति भी बदलती है : प्रधानमंत्री मोदी

भारत माता की – जय,

भारत माता की – जय,

भारत माता की – जय।

धेमाजिर हारुवा भूमिर परा अखमबाखीक एई बिखेख दिनटोट मइ हुभेच्छा आरु अभिनंदन जनाइछो !

मंच पर उपस्थित असम के गवर्नर प्रोफेसर जगदीश मुखी जी, यहां के जनप्रिय यशस्वी मुख्यमंत्री श्रीमान सर्वानंद सोनोवाल जी, केंद्रीय मंत्रिपरिषद के मेरे सहयोगी श्री धर्मेंद्र प्रधान जी, श्री रामेश्वर तेली जी, असम सरकार के मंत्री डॉक्टर हिमंता बिश्वा सरमा जी, राज्य सरकार के अन्य मंत्रीगण, सांसद गण, विधायक गण और विशाल संख्या में पधारे असम के मेरे प्यारे भाइयों और बहनों,

ये मेरा सौभाग्य है कि आज मुझे तीसरी बार धेमाजी आने का आप सब के दर्शन करने का सौभाग्य मिला है और हर बार यहां के लोगों की आत्मीयता, यहां के लोगों का अपनापन, यहां के लोगों का आर्शीवाद मुझे ज्यादा से ज्यादा मेहनत करने का असम के लिए, नार्थ ईस्ट के लिए कुछ न कुछ नया करने की प्रेरणा देता रहता है। जब मैं यहां गोगामुख में इंडियन एग्रीकल्चर रिसर्च इंस्टीट्यूट का शिलान्यास करने आया था, तो मैंने कहा था कि नॉर्थ ईस्ट भारत की ग्रोथ का नया इंजन बनेगा। आज हम इस विश्वास को हमारी आंखों के सामने धरती पर उतरते देख रहे हैं।

भाइयों और बहनों,

ब्रह्मपुत्र के इसी नॉर्थ बैंक से, आठ दशक पहले असमिया सिनेमा ने अपनी यात्रा, जॉयमती फिल्म के साथ शुरू की थी। इस क्षेत्र ने असम की संस्कृति का गौरव बढ़ाने वाले अनेक व्यक्तित्व दिए हैं। रूपकुंवर ज्योति प्रसाद अग्रवाल हों, कलागुरू बिश्नु प्रसाद राभा हों, नचसूर्य फणि सरमा हों, इन्होंने असम की पहचान को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। भारतरत्न डा. भुपेन हज़ारिका जी ने कभी लिखा था- लुइतुर पार दुटि जिलिक उठिब राति, ज्बलि हत देवालीर बन्ति। ब्रह्मपुत्र के दोनों किनारे दीवाली में जलने वाले दीपों से रोशन होंगे और कल मैंने खासकर के सोशल मीडिया में देखा भी, कि आपने इस क्षेत्र में कैसे दीवाली मनाई, कैसे हजारों दीए जलाए। दीयों का वो प्रकाश, शांति और स्थायित्व के बीच असम में होते विकास की तस्वीर भी है। केंद्र और असम सरकार मिलकर राज्य के संतुलित विकास में जुटी हुई हैं। और इस विकास का एक बड़ा आधार है असम का इंफ्रास्ट्रक्चर।

साथियों,

नॉर्थ बैंक में भरपूर सामर्थ्य होने के बावजूद पहले की सरकारों ने इस क्षेत्र के साथ सौतेला व्यवहार किया। यहां की कनेक्टिविटी हो, अस्पताल हों, शिक्षा के संस्थान हों, उद्योग हों, पहले की सरकारो की प्राथमिकता में नजर ही नहीं आ रहे थे। सबका साथ-सबका विकास और सबका विश्वास इस मंत्र पर काम कर रही हमारी सरकार ने, सर्वानंद जी की सरकार ने इस भेदभाव को दूर किया है। जिस बोगीबील ब्रिज का इस क्षेत्र को बरसों से इंतजार था, उसका काम हमारी ही सरकार ने तेजी से पूरा करवाया। नॉर्थ बैंक में ब्रॉड गेज रेलवे लाइन हमारी ही सरकार के आने के बाद पहुंच पायी। ब्रह्म्पुत्र पर दूसरा कलियाभुमुरा ब्रिज यहां की कनेक्टिविटी को और ज्यादा बढ़ा देगा। इसे भी तेजी से पूरा किया जा रहा है। नॉर्थ बैंक में चार-लेन के नेशनल हाईवे का काम भी तेजी से चल रहा है। पिछले हफ्ते ही महाबाहू ब्रह्मपुत्र से यहां जलमार्ग कनेक्टिविटी को लेकर नए कार्यों की शुरुआत हुई है। बोंगाइगांव के जोगीघोपा में एक बड़े टर्मिनल और लॉजिस्टिक्स पार्क पर काम भी शुरु हो चुका है।

साथियों,

इसी कड़ी में आज असम को 3 हज़ार करोड़ से ज्यादा के Energy और Education इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स का एक नया उपहार मिल रहा है। धेमाजी और सुआलकुची में इंजीनियरिंग कॉलेज हों, बोंगईगांव की रिफाइनरी के विस्तार का काम हो, डिब्रुगढ़ में सेकेंड्री टैंक फार्म हो या फिर तिनसुखिया में गैस कंप्रेसर स्टेशन, ये प्रोजेक्ट्स ऊर्जा और शिक्षा के हब के रूप में इस क्षेत्र की पहचान को सशक्त करेंगे। ये प्रोजेक्ट्स असम के साथ ही तेज गति से मजबूत होते पूर्वी भारत के भी प्रतीक हैं।

साथियों,

आत्मनिर्भर बनते भारत के लिए लगातार अपने सामर्थ्य, अपनी क्षमताओं में भी वृद्धि करना, ये अत्यंत आवश्यक है। बीते वर्षों में हमने भारत में ही, रिफाइनिंग और इमरजेंसी के लिए ऑयल स्टोरेज कैपेसिटी को काफी ज्यादा बढ़ाया है। बोंगइगांव रिफाइनरी में भी रिफाइनिंग कैपेसिटी बढ़ाई गई है। आज जिस गैस यूनिट का लोकार्पण किया गया है, वो यहां एलपीजी उत्पादन की क्षमता को बढ़ाने वाला है। इन सारे प्रोजेक्ट्स से असम और नॉर्थईस्ट में लोगों का जीवन आसान होगा और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

भाइयों और बहनों,

जब किसी व्यक्ति को मूलभूत सुविधाएं मिलती हैं, तो उसका आत्मविश्वास बहुत बढ़ जाता है। बढ़ता हुआ ये आत्मविश्वास क्षेत्र का भी विकास करता है और देश का भी विकास करता है। आज हमारी सरकार उन लोगों, उन क्षेत्रों तक पहुचने का प्रयास कर रही है जहां पहले सुविधाएं नही पहुंची थी। अब व्यवस्था ने उनको सुविधा देने पर बल दिया है। पहले लोगों ने सबकुछ उनके नसीब पर छोड़ दिया था। आप सोचिए, 2014 से पहले तक, देश के हर 100 परिवारों में से सिर्फ 50-55 परिवारों के यानी करीब- करीब आधे घरों में ही एलपीजी गैस कनेक्शन था। असम में तो रिफाइनरी और दूसरी सुविधाओं के बावजूद भी 100 में से 40 लोगों के पास ही गैस कनेक्शन उपलब्ध था। 60 लोगों के पास नहीं था। गरीब बहनों-बेटियों का रसोई के धुएं और बीमारियों के जाल में रहना, उनके जीवन की बहुत बड़ी मजबूरी थी। हमने उज्जवला योजना के माध्यम से इस स्थिति को बदल दिया है। असम में आज गैस कनेक्शन का दायरा करीब- करीब शत-प्रतिशत हो रहा है। यहां बोंगईगांव रिफाइनरी के इर्दगिर्द के जिलों में ही 2014 के बाद 3 गुना से ज्यादा एलपीजी कनेक्शन बढ़ गए हैं।अब इस बार के केंद्रीय बजट में 1 करोड़ और गरीब बहनों को उज्जवला के मुफ्त एलपीजी कनेक्शन देने का प्रावधान किया गया है।

साथियों,

गैस कनेक्शन हो, बिजली कनेक्शन हो, खाद उत्पादन हो, इसमें कमी का सबसे ज्यादा नुकसान हमारे देश के गरीब को, हमारे देश के छोटे किसान को ही होता है। आज़ादी के दशकों बाद भी जिन 18 हज़ार गांवों में बिजली नहीं पहुंची थी, उनमें से अधिकतर गांव असम के थे, नॉर्थ ईस्ट के थे। पूर्वी भारत के अनेक फर्टिलाइज़र कारखाने गैस के अभाव में या तो बंद हो गए या फिर बीमार घोषित कर दिए गए। भुगतना किसको पड़ा? यहां के गरीब को, यहां के मध्यम वर्ग को, यहां के नौजवान को, पहले की गलतियों को सुधारने का काम हमारी सरकार ही कर रही है। आज प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा योजना के तहत पूर्वी भारत को दुनिया की सबसे बड़ी गैस पाइपलाइन में से एक के ज़रिए जोड़ा जा रहा है। नीति सही हो, नीयत साफ हो तो नीयत भी बदल जाती है, नियति भी बदलती है। बुरी नीयत का खात्मा हो जाता है और नियति जन – जन का भाग्य भी बदलती है। आज देश में जो गैस पाइपलाइन का नेटवर्क तैयार हो रहा है, देश के हर गांव तक ऑप्टिकल फाइबर बिछाया जा रहा है, हर घर जल पहुंचाने के लिए पाइप लगाया जा रहा है, ये भारत मां की गोद में ये जो सारा इंफ्रास्ट्रक्चर बिछाया जा रहा है वो सिर्फ लोहे की पाईप या फाइबर नहीं है। ये तो भारत मां की नई भाग्य रेखाएं हैं।

भाइयों और बहनों,

आत्मनिर्भर भारत को गति देने में हमारे वैज्ञानिक, हमारे इंजीनियर, टेक्निशियंस के सशक्त टैलेंट पूल की बड़ी भूमिका है। बीते सालों में देश में एक ऐसा माहौल बनाने के लिए हम काम कर रहे हैं, जहां देश के नौजवान समस्याओं का समाधान नए – नए इनोवेटिव तरीके से करें स्टार्ट अप्स से दें। आज पूरी दुनिया भारत के इंजीनियर्स का, भारत के टेक्नोक्रैट्स का लोहा मान रही है। असम के युवाओं में तो अद्भुत क्षमता है। इस क्षमता को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार जी जान से जुटी है। असम सरकार के प्रयासों के कारण ही आज यहां 20 से ज्यादा इंजीनियरिंग कॉलेज हो चुके हैं। आज धेमाजी इंजीनियरिंग कॉलेज के लोकार्पण और सुआलकुची इंजीनियरिंग कॉलेज के शिलान्यास से ये स्थिति और मजबूत हो रही है। धेमाजी इंजीनियरिंग कॉलेज तो नॉर्थ बैंक का पहला इंजीनियरिंग कॉलेज है। मुझे बताया गया है कि ऐसे ही 3 और इंजीनियरिंग कॉलेज बनाने की प्रक्रिया चल रही है। बेटियों के लिए विशेष कॉलेज हों, पॉलिटेक्निक कॉलेज हों, या दूसरे संस्थान, असम की सरकार इसके लिए बड़े स्तर पर काम कर रही है।

भाइयों और बहनों,

असम सरकार यहां नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को भी जल्द से जल्द लागू करने की कोशिश कर रही है। इस नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का लाभ असम को, यहां के जनजातीय समाज को, चाय बगान में काम करने वाले मेरे श्रमिक भाई - बहनों के बच्चों को बहुत अधिक लाभ होने वाला है। वो इसलिए क्योंकि इसमें स्थानीय भाषा में पढ़ाई और स्थानीय व्यवसायों से जुड़े कौशल निर्माण पर बल दिया गया है। जब स्थानीय भाषा में मेडिकल की पढ़ाई होगी, जब स्थानीय भाषा में टेक्नीकल एजुकेशन दी जाएगी, तो गरीब से गरीब के बच्चे भी डॉक्टर बन सकेंगे, इंजीनियर बन सकेंगे और देश का कल्याण करेंगे। गरीब से गरीब मां बाप के सपने पूरे कर पाएंगे। असम जैसा राज्य जहां Tea, Tourism, Handloom और Handicraft, आत्मनिर्भरता की बहुत बड़ी ताकत है। ऐसे में यहां के युवा जब इन स्किल्स को स्कूल और कॉलेज में ही सीखेंगे तो इससे बहुत लाभ होने वाला है। आत्मनिर्भरता की नीव वहीं से जुड़ने वाली है। इस साल के बजट में भी जनजातीय क्षेत्रों में सैकड़ों नए एकलव्य मॉडल स्कूल खोलने का प्रावधान किया गया है, जिसका लाभ भी असम को मिलेगा।

साथियों,

ब्रह्मपुत्र के आशीर्वाद से, इस क्षेत्र की जमीन बहुत ही उपजाऊ रही है। यहां के किसान अपने सामर्थ्य को बढ़ा सकें, उन्हें खेती की आधुनिक सुविधाएं मिल सकें, उनकी आय बढ़े, इसके लिए राज्य और केंद्र सरकार मिलकर काम कर रही हैं। किसानों के बैंक खातों में सीधे पैसे ट्रांसफर करना हो, किसानों को पेंशन के लिए योजना शुरू करना हो, उन्हें अच्छे बीज देना हो, सॉयल हेल्थ कार्ड देना हो, उनकी हर जरूरत को सर्वोपरि रखते हुए काम किया जा रहा है। मछलीपालन पर विशेष जोर देते हुए हमारी सरकार मछलीपालन से जुड़ा एक अलग मंत्रालय काफी पहले ही बना चुकी है। मछलीपालन को बढ़ावा देने के लिए जितना आजादी के बाद से खर्च नहीं हुआ, उससे ज्यादा अब हमारी सरकार खर्च कर रही है। मछली व्यवसाय से जुड़े किसानों के लिए 20 हजार करोड़ रुपए की एक बहुत बड़ी योजना भी बनाई गई है जिसका लाभ असम के मेरे मच्छी उद्योग से जुड़े भाइयों को भी मिलेगा। सरकार का प्रयास है कि असम का किसान, देश का किसान जो पैदावार करता है, वो अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंचे। इसके लिए कृषि से जुड़े कानूनों में भी सुधार किया गया है।

साथियों,

असम की अर्थव्यवस्था में नॉर्थ बैंक के टी-गार्डन्स की भी बहुत बड़ी भूमिका है। इन टी गार्डन्स में काम करने वाले हमारे भाई-बहनों का जीवन आसान बने, ये भी हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। मैं असम सरकार की प्रशंसा करूंगा कि उसने छोटे चाय उत्पादकों को जमीन का पट्टा देने का भी अभियान चलाया हुआ है।

भाइयों और बहनों,

जिन लोगों ने दशकों तक देश पर राज किया, उन्होंने दिसपुर को दिल्ली से बहुत दूर मान लिया था। इस सोच की वजह से असम का बहुत नुकसान हुआ। लेकिन अब दिल्ली आपसे दूर नहीं है। दिल्ली आपके दरवाजे पर खड़ा है। बीते वर्षों में सैकड़ों बार केंद्र सरकार के मंत्रियों को यहां भेजा गया है ताकि वो आपकी मुश्किलें जानें, जमीन पर जो काम हो रहा है उसे देखें, और आपकी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए योजनाएं बननी चाहिए और उस दिशा में हमने प्रयास किया है। मैं भी अनेकों बार असम आया हूं ताकि आपके बीच आकर आपकी विकास यात्रा में भी एक सहभागी बन सकूं। असम के पास सबकुछ है, जो यहां के हर नागरिक को बेहतर जीवन देने के लिए चाहिए। अब ज़रूरत इस बात की है कि विकास का, प्रगति का जो डबल इंजन चल रहा है, जरा उस डबल इंजन को और मजबुत करने को मौका आपके पास आ रहा है। मैं असम के लोगों को विश्वास दिलाता हूं, आपके सहयोग से, आपके आशीर्वाद से असम के विकास में और तेज गति आएगी, असम विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचेगा।

भाइयों और बहनों,

मैं जानता हूं अब आप चुनाव का इंतजार करते होंगे। शायद मुझे याद है कि पिछली बार चुनाव जब घोषित हुआ था। वो शायद चौथी मार्च को हुआ था। इस बार भी मैं संभावना देखता हूं कि मार्च के प्रथम सप्ताह में कभी भी चुनाव की घोषणा हो जाएगी। इलेक्शन कमीशन का वो काम है वो करेंगे। लेकिन मेरी कोशिश रहेगी की चुनाव घोषणा से पहले जितनी बार असम आ सकूं, पश्चिम बंगाल जा सकूं, केरल जा सकूं, तमिलनाडू जा सकूं, पुडुचेरी जा सकूं। मैं पूरी कोशिश करुंगा मार्च 7 अगर मान लें हम चुनाव घोषणा की तो ये जो भी समय मिलेगा। क्योंकि पिछली बार 4 मार्च को हुंआ था। उसके आसपास इस बार भी भी हो सकता है। जो भी हो मैं आपके बीच आने का निरंतर प्रयास करता रहुंगा। और भाइयों बहनों आज इतनी बड़ी तादाद में आकर के आपने हमें आर्शीवाद दिये हैं। विकास की यात्रा के लिए आपने हमारे विश्वास को मजबूत किया है। इसके लिए मैं आपका हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। और इसी विश्वास के साथ मैं फिर एक बार इतनी सारी विकास की योजनाओं के लिए आत्मनिर्भर असम बनाने के लिए, भारत के निर्माण में असम के योगदान के लिए, असम की युवा पीड़ी के उज्जवल भविष्य के लिए, असम के मछुवारे हों, असम के किसान हों, असम की माताएं - बहनें हों, असम का मेरा आदिवासी भाई - बहन हो हर एक के कल्याण के लिए आज जो अनेक योजनाओं का लोकार्पण शिलान्यास हुआ है। इसके लिए भी मैं आप सबको हृदय से बहुत-बहुत बधाई देता हूं। बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। दोनो मुट्ठी बंद करके मेरे साथ पूरी ताकत से बोलिए भारत माता की – जय भारत माता की- जय, भारत माता की – जय।

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Prime Minister condoles passing away of former Prime Minister Dr. Manmohan Singh
December 26, 2024
India mourns the loss of one of its most distinguished leaders, Dr. Manmohan Singh Ji: PM
He served in various government positions as well, including as Finance Minister, leaving a strong imprint on our economic policy over the years: PM
As our Prime Minister, he made extensive efforts to improve people’s lives: PM

The Prime Minister, Shri Narendra Modi has condoled the passing away of former Prime Minister, Dr. Manmohan Singh. "India mourns the loss of one of its most distinguished leaders, Dr. Manmohan Singh Ji," Shri Modi stated. Prime Minister, Shri Narendra Modi remarked that Dr. Manmohan Singh rose from humble origins to become a respected economist. As our Prime Minister, Dr. Manmohan Singh made extensive efforts to improve people’s lives.

The Prime Minister posted on X:

India mourns the loss of one of its most distinguished leaders, Dr. Manmohan Singh Ji. Rising from humble origins, he rose to become a respected economist. He served in various government positions as well, including as Finance Minister, leaving a strong imprint on our economic policy over the years. His interventions in Parliament were also insightful. As our Prime Minister, he made extensive efforts to improve people’s lives.

“Dr. Manmohan Singh Ji and I interacted regularly when he was PM and I was the CM of Gujarat. We would have extensive deliberations on various subjects relating to governance. His wisdom and humility were always visible.

In this hour of grief, my thoughts are with the family of Dr. Manmohan Singh Ji, his friends and countless admirers. Om Shanti."