भारत का इतिहास सिर्फ वो नहीं है, जो देश को गुलाम बनाने वालों और गुलामी की मानसिकता के साथ इतिहास लिखने वालों ने लिखा है : प्रधानमंत्री मोदी
उत्तर प्रदेश में बेहतर होती आधारभूत सुविधाओं का सीधा लाभ किसानों, गरीबों, ग्रामीणों को हो रहा है : प्रधानमंत्री मोदी
यूपी के करीब 2.5 करोड़ किसानों के बैंक खाते में पीएम किसान सम्मान निधि के माध्यम से रुपए जमा किए जा चुके हैं : प्रधानमंत्री मोदी
विदेशी पर्यटकों को भी आकर्षित करने में उत्तर प्रदेश देश के टॉप तीन राज्यों में आ चुका है : प्रधानमंत्री मोदी

नमस्‍कार!

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदी बेन पटेल जी, राज्य के लोकप्रिय और यशस्‍वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी, यूपी सरकार के अन्य मंत्रिगण, संसद में मेरे अन्य सहयोगी, विधायक गण और मेरे प्यारे भाइयों और बहनों!

अपने पराक्रम से मातृभूमि का मान बढ़ाने वाले राष्ट्रनायक महाराजा सुहेलदेव की जन्मभूमि और ऋषि मुनियों ने जहां तप किया, बहराइच की ऐसी पावन धरा को मैं आदरपूर्वक नमन करता हूं! वसंत पंचमी कीआप सभी को, संपूर्ण देश को बहुत-बहुत मंगलकामनाएं!! मां सरस्वती भारत के ज्ञान-विज्ञान को और समृद्ध करें। आज का दिन, विद्या आरंभ और अक्षर ज्ञान के लिए बहुत शुभ दिन माना जाता है। हमारे यहां कहा गया है:-

सरस्वति महाभागे विद्ये कमललोचने।

विद्यारूपे विशालाक्षि विद्यां देहि नमोऽस्तु ते॥

अर्थात, हे महाभाग्यवती, ज्ञानरूपा, कमल के समान विशाल नेत्र वाली, ज्ञानदात्री सरस्वती, मुझको विद्या दीजिए, मैं आपको नमन करता हूं। भारत की, मानवता की सेवा के लिए रिसर्च और इनोवेशन में जुटे, राष्ट्र निर्माण में जुटे हर देशवासी को मां सरस्वती का आशीर्वाद मिले, उन्हें सफलता मिले, यही हम सभी की प्रार्थना है।

भाइयों और बहनों,

रामचरित मानस में गोस्वामी तुलसीदास जी कहते हैं, ऋतु बसंत बह त्रिबिध बयारी। यानि, बसंत ऋतु में शीतल, मंद सुगंध, ऐसी तीन प्रकार की हवा बह रही है, इसी हवा, इसी मौसम में खेत-खलिहान, बाग-बगान से लेकर जीवन का हर हिस्सा आनंदित हो रहा है। वाकई, हम जिस तरफ देखें तो फूलों की बहार है, हर जीव वसंत ऋतु के स्वागत में खड़ा है। ये वसंत महामारी की निराशा को पीछे छोड़कर आगे बढ़ते भारत के लिए नई उम्मीद, नई उमंग लेकर आया है। इस उल्लास में, भारतीयता, हमारी संस्कृति, हमारे संस्कारों के लिए ढाल बनकर खड़े होने वाले महानायक, महाराजा सुहेल देव जी का जन्मोत्सव हमारी खुशियों को और बढ़ा रहा है।

साथियों,

मुझे करीब 2 साल पहले गाज़ीपुर में महाराजा सुहेल देव की स्मृति में डाक टिकट जारी करने का अवसर मिला था। आज बहराइच में उनके भव्य स्मारक के शिलान्यास का सौभाग्य मिला है। ये आधुनिक और भव्य स्मारक, ऐतिहासिक चित्तोरा झील का विकास, बहराइच पर महाराजा सुहेलदेव के आशीर्वाद को बढ़ाएगा, आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरित करेगा।

साथियों,

आज महाराजा सुहेल देव के नाम पर बनाए गए मेडिकल कॉलेज को एक नया और भव्य भवन मिला है। बहराइच जैसे विकास के लिए आकांक्षी जिले में स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ना, यहां के लोगों के जीवन को आसान बनाएगा। इसका लाभ आसपास के श्रावस्ती, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर को तो होगा ही, नेपाल से आने वाले मरीजों को भी ये मदद करेगा।

भाइयों और बहनों,

भारत का इतिहास सिर्फ वो नहीं है जो देश को गुलाम बनाने वालों, गुलामी की मानसिकता के साथ इतिहास लिखने वालों ने लिखा। भारत का इतिहास वो भी है, जो भारत के सामान्य जन ने, भारत की लोक गाथाओं में रचा-बसा है, जो पीढ़ियों ने आगे बढ़ाया है। आज जब भारत अपनी आजादी के 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है ऐसे महापुरुषों का योगदान, उनकी त्‍याग, उनकी तपस्‍या, उनका संघर्ष, उनकी वीरता, उनकी शहादत, इन सब बातों का स्‍मरण करना, उनको आदरपूर्वक नमन करना, उनसे प्रेरणा पाना, इससे बड़ा कोई अवसर नहीं हो सकता है। ये दुर्भाग्य है कि भारत और भारतीयता की रक्षा के लिए जिन्होंने जीवन समर्पित कर दिया, ऐसे अनेक नायक-नायिकाओं को वो स्थान नहीं दिया गया, जिसके वो हकदार थे। इतिहास रचने वालों के साथ, इतिहास लिखने के नाम पर हेर-फेर करने वालों ने जो अन्याय किया, उसे अब आज का भारत सुधार रहा है। सही कर रहा है। गलतियों से देश को मुक्त कर रहा है। आप देखिए, नेताजी सुभाषचंद्र बोस, जो आज़ाद हिंद सरकार के पहले प्रधानमंत्री थे, क्या उनकी इस पहचान को, आज़ाद हिंद फौज के योगदान को वो महत्व दिया गया, जो महत्‍व नेताजी को मिलना चाहिए था?

आज लाल किले से लेकर अंडमान-निकोबार तक उनकी इस पहचान को हमने देश और दुनिया के सामने सशक्त किया है। देश की पांच सौ से ज्यादा रियासतों को एक करने का कठिन कार्य करने वाले सरदार पटेल जी के साथ क्या किया गया, देश का हर बच्‍चा इस बात को भलीभांति जानते हैं। आज दुनिया की सबसे बड़ी प्रतिमा स्टेच्यू ऑफ यूनिटी सरदार पटेल की है, जो हमें प्रेरणा दे रही है। देश के संविधान देने में अहम भूमिका देने वाले, वंचित, पीड़ित, शोषित की आवाज़, बाबा साहेब आंबेडकर को भी सिर्फ राजनीतिक चश्मे से देखा गया। आज भारत से लेकर इंग्लैंड तक डॉक्टर बाबा साहब आंबेडकर से जुड़े स्थानों को पंचतीर्थ के रूप में विकसित किया जा रहा है।

साथियों,

भारत के ऐसे अनेकों सेनानी हैं, जिनके योगदान को अनेक वजहों से मान नहीं दिया गया, पहचान नहीं दी गई। चौरी-चौरा के वीरों के साथ जो हुआ, वो क्या हम भूल सकते हैं? महाराजा सुहेल देव और भारतीयता की रक्षा के लिए उनके प्रयासों के साथ भी यही व्यवहार किया गया।

इतिहास की किताबों में भले ही महाराजा सुहेलदेव के शौर्य, पराक्रम, उनकी वीरता को वो स्थान नहीं मिला, लेकिन अवध और तराई से लेकर पूर्वांचल की लोकगाथाओं में, लोगों के हृदय में वो हमेशा बने रहे। सिर्फ वीरता ही नहीं, एक संवेदनशील और विकासवादी शासक के रूप में उनकी छाप अमिट है। अपने शासनकाल में जिस प्रकार उन्होंने बेहतर रास्तों के लिए, पोखरों-तालाबों के लिए, बाग-बगीचों और शिक्षा के क्षेत्र में काम किया, वो अभूतपूर्व था। उनकी यही सोच, इस स्मारक स्थली में भी दिखने वाली है।

साथियों,

पर्यटक महाराजा सुहेलदेव जी के जीवन से प्रेरित हो सकें, इसके लिए उनकी 40 फीट की कांस्य प्रतिमा स्थापित होगी। यहां पर बनने वाले संग्रहालय में महाराजा सुहेलदेव से जुड़ी ऐतिहासिक जानकारियां होंगी। इसके भीतर की और आसपास की सड़कों का चौड़ीकरण किया जाएगा। बच्चों के लिए पार्क बनेगा, सभागार होगा, पर्यटकों के लिए आवास गृह, पार्किंग, कैफेटीरिया जैसी अनेक सुविधाओं का निर्माण होगा। इसके साथ-साथ जो स्थानीय शिल्पकार हैं, कलाकार हैं, वो अपना सामान यहां आसानी से बेच पाएं, इसके लिए दुकानों का निर्माण किया जाएगा। इसी तरह चित्तौरा झील पर घाट और सीढ़ियों के निर्माण और सुंदरीकरण से इस ऐतिहासिक झील का महत्व और बढ़ जाएगा। ये सारे प्रयास, बहराइच की सुंदरता ही नहीं बढ़ाएंगे बल्कि यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या में भी वृद्धि करेंगे। ‘मरी मैय्या’ की कृपा से ये कार्य जल्द पूरे होंगे।

भाइयों और बहनों,

बीते कुछ सालों में देशभर में इतिहास, आस्था, आध्यात्म, संस्कृति से जुड़े जितने भी स्मारकों का निर्माण किया जा रहा है, उनका बहुत बड़ा लक्ष्य पर्यटन को बढ़ावा देने का भी है। उत्तर प्रदेश तो पर्यटन और तीर्थाटन, दोनों के मामले में समृद्ध भी है और इसकी क्षमताएं भी अपार हैं। चाहे वह भगवान राम का जन्म स्थान हो या कृष्ण का वृंदावन, भगवान बुद्ध का सारनाथ हो या फिर काशी विश्वनाथ, संत कबीर का मगहर धाम हो या वाराणसी में संत रविदास की जन्मस्थली का आधुनिकीकरण, पूरे प्रदेश में बड़े पैमाने पर काम चल रहा है। इनके विकास के लिए भगवान राम, श्रीकृष्ण और बुद्ध के जीवन से सम्बन्धित स्थलों जैसे अयोध्या, चित्रकूट, मथुरा, वृन्दावन, गोवर्धन, कुशीनगर, श्रावस्ती आदि तीर्थ स्थलों पर रामायण सर्किट, आध्यात्मिक सर्किट, बौद्ध सर्किटका विकास किया जा रहा हैं।

भाइयों और बहनों,

बीते कुछ वर्षों में जो प्रयास हुए हैं, उनका प्रभाव भी नजर आने लगा है। जिस राज्य में अन्य राज्यों से सबसे अधिक पर्यटक आते हैं, उस प्रदेश का नाम उत्तर प्रदेश है। विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने में भी यूपी देश के टॉप तीन राज्यों में आ चुका है। उत्तर प्रदेश में पर्यटकों के लिए ज़रूरी सुविधाओं के साथ-साथ आधुनिक कनेक्टिविटी के साधन भी बढ़ाए जा रहे हैं। भविष्य में अयोध्या का एयरपोर्ट और कुशीनगर का इंटरनेशनल एयरपोर्ट, देशी-विदेशी टूरिस्ट के लिए बहुत उपयोगी साबित होंगे। उत्तर प्रदेश में छोटे-बड़े दर्जनभर एयरपोर्ट्स पर काम चल रहा है, जिसमें से कई पूर्वांचल में ही हैं। उड़ान योजना के तहत यूपी के अनेक शहरों को कम कीमत वाली हवाई सेवा से जोड़ने का अभियान चल रहा है।

इसके अलावा पूर्वांचल एक्सप्रेस वे, बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस वे, गंगा एक्सप्रेस वे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे, बलिया लिंक एक्सप्रेस वे, ऐसी आधुनिक और चौड़ी सड़कें पूरे यूपी में बनाई जा रही हैं। और ये तो एक तरह से आधुनिक यूपी के आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर की शुरुआत है। एयर और रोड कनेक्टिविटी के अलावा यूपी की रेल कनेक्टिविटी भी अब आधुनिक हो रही है। यूपी दो बड़े डेडिकेटेड फ्रेड कॉरिडोर का जंक्शन है। हाल में ही Eastern Dedicated Freight Corridor के एक बड़े हिस्से का लोकार्पण यूपी में ही किया गया है। यूपी में जिस प्रकार आज आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर काम चल रहा है, उससे उत्तर प्रदेश में उद्योग लगाने के लिए देश और दुनिया के निवेशक उत्साहित हैं। इससे यहां नए उद्योगों के लिए तो बेहतर अवसर बन ही रहे हैं, यहां के युवाओं को रोजगार के नए अवसर भी उपलब्ध हो रहे हैं।

साथियों,

कोरोना काल में जिस प्रकार से उत्तर प्रदेश में काम हुआ है, वो बहुत महत्वपूर्ण है। कल्पना करिए, अगर यूपी में हालात बिगड़ते तो राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किस तरह की बातें की जातीं। लेकिन योगी जी की सरकार ने, योगी जी की पूरी टीम ने बेहतरीन तरीके से स्थिति को संभालकर दिखाया है। यूपी ना सिर्फ ज्यादा से ज्यादा लोगों का जीवन बचाने में सफल रहा, बल्कि बाहर से लौटे श्रमिकों को रोज़गार देने में भी यूपी ने प्रशंसनीय काम किया है।

भाइयों और बहनों,

कोरोना के खिलाफ यूपी की लड़ाई में पिछले 3-4 वर्षों में किए गए कार्यों का बहुत योगदान रहा है। पूर्वांचल को दशकों तक परेशान करने वाले दिमागी बुखार का प्रभाव, यूपी ने बहुत कम करके दिखाया है। यूपी में 2014 तक 14 मेडिकल कॉलेज थे, जो आज बढ़कर 24 हो चुके हैं। साथ ही गोरखपुर और बरेली में एम्स का भी काम चल रहा है। इनके अलावा 22 नए मेडिकल कॉलेज और बनाए जा रहे हैं। वाराणसी में आधुनिक कैंसर अस्पतालों की सुविधा भी अब पूर्वांचल को मिल रही है। यूपी जल जीवन मिशन यानि हर घर जल पहुंचाने के लिए भी प्रशंसनीय कार्य कर रहा है। जब शुद्ध पीने का पानी घर पर पहुंचेगा, तो इससे अनेक बीमारियां वैसे ही कम हो जाएंगी।

भाइयों और बहनों,

उत्तर प्रदेश में बेहतर होती बिजली, पानी, सड़क और स्वास्थ्य की सुविधाओं का सीधा लाभ गांव, गरीब और किसान को हो रहा है। विशेषतौर पर छोटे किसान जिसके पास बहुत कम जमीन होती है, वो इन योजनाओं के बहुत बड़े लाभार्थी हैं। उत्तर प्रदेश के ऐसे लगभग ढाई करोड़ किसान परिवारों के बैंक खाते में पीएम किसान सम्मान निधि के माध्यम से, सीधे पैसे जमा किए जा चुके हैं। ये वो किसान परिवार हैं, जो कभी बिजली का बिल या खाद की बोरी खरीदने के लिए भी दूसरों से कर्ज लेने के लिए मजबूर थे। लेकिन ऐसे छोटे किसानों को हमारी सरकार ने 27 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक सीधे ट्रांसफर किए हैं, उनके खाते में जमा कर दिए गए हैं। यहां किसानों को बिजली न होने की वजह से जो दिक्कतें आती थीं, रात-रात भर बोरिंग के पानी के लिए जागना पड़ता था, इंतजार करना पड़ता था कि मेरा नंबर कब आएगा, ऐसी तमाम दिक्कतें भी बिजली आपूर्ति सुधरने से अब दूर हो रही हैं।

साथियों,

देश की जनसंख्या बढ़ने के साथ, खेती की जमीन छोटी से छोटी होती जा रही है। इसलिए देश में किसान उत्पादक संघों का निर्माण बहुत आवश्यक है। आज सरकार छोटे किसानों के हजारों किसान उत्पादक संघ यानि FPOs बना रही है। 1-2 बीघा के 500 किसान परिवार जब संगठित होकर बाज़ार में उतरेंगे तो वो 500-1000 बीघा के किसान से भी ज्यादा ताकतवर होंगे। इसी प्रकार किसान रेल के माध्यम से सब्जियों, फलों, दूध, मछली और ऐसे अनेक व्यवसायों से जुड़े छोटे किसानों को अब बड़े बाज़ारों से जोड़ा जा रहा है। जो नए कृषि सुधार किए गए हैं, इनका लाभ भी छोटे और सीमांत किसानों को सबसे अधिक होगा। उत्तर प्रदेश में इन नए कानूनों के बनने के बाद जगह-जगह से किसानों के बेहतर अनुभव सामने आने भी लगे हैं। इन कृषि कानूनों को लेकर भांति-भांति का अपप्रचार करने की कोशिश की गई। ये पूरे देश ने देखा है कि जिन्होंने देश के कृषि बाज़ार में विदेशी कंपनियों को बुलाने के लिए कानून बनाया, वो आज देसी कंपनियों के नाम पर किसानों को डरा रहे हैं।

साथियों,

राजनीति के लिए झूठ और अपप्रचार की ये पोल अब खुल रही है। नए कानूनों के लागू होने के बावजूद यूपी में इस बार पिछले साल की तुलना में दोगुने किसानों का धान खरीदा गया।

इस बार करीब 65 लाख मीट्रिक टन की खरीद यूपी में हो चुकी है, जोबीते साल की तुलना में लगभग दोगुनी है। यही नहीं, योगी जी की सरकार गन्ना किसानों तक भी बीते सालों में 1 लाख करोड़ रुपए से अधिक पहुंचा चुकी है। कोरोना काल में भी गन्ना किसानों को दिक्कत ना आए, इसके लिए हर संभव मदद दी गई है। चीनी मिलें, किसानों को भुगतान कर पाएं इसके लिए केंद्र ने भी हजारों करोड़ रुपए राज्य सरकारों को दिए हैं। गन्ना किसानों का भुगतान समय पर होता रहे, इसके लिए योगी जी की सरकार के प्रयास जारी हैं।

भाइयों और बहनों,

सरकार की ये हर संभव कोशिश है कि गांव और किसान का जीवन बेहतर हो। किसान को, गांव में रहने वाले गरीब को परेशानी ना हो, उसको अपने मकान पर अवैध कब्ज़े की आशंका से मुक्ति मिले, इसके लिए स्वामित्व योजना भी आज पूरे उत्‍तर प्रदेश में चलाई जा रही है। इस योजना के तहत आजकल यूपी के करीब 50 जिलों में ड्रोन के माध्यम से सर्वे चल रहे हैं। लगभग 12 हज़ार गांवों में ड्रोन सर्वे का काम पूरा हो चुका है और अभी तक 2 लाख से ज्यादा परिवारों को प्रॉपर्टी कार्ड यानि घरौनी मिल चुका है। यानि ये परिवार अब हर प्रकार की आशंका से मुक्त हो चुके हैं।

साथियों,

आज गांव का गरीब, किसान देख रहा है कि उसके छोटे से घर को बचाने के लिए, उसकी जमीन को बचाने के लिए पहली बार कोई सरकार इतनी बड़ी योजना चला रही है। इतना बड़ा रक्षा कवच, हर गरीब को, हर किसान को, हर ग्रामवासी को दे रहा है। इसलिए जब कोई कृषि सुधारों के माध्यम से किसानों की ज़मीन छीने जाने का झूठ फैलाता है, तो उस पर कोई कैसे विश्वास कर सकता है? हमारा लक्ष्य देश के हर नागरिक को समर्थ बनाने का है। हमारा संकल्प देश को आत्मनिर्भर बनाने का है। इस संकल्प की सिद्धि के लिए समर्पित भाव से हम जुटे रहेंगे। मैं रामचरित मानस की एक चौपाई से ही अपनी बात समाप्त करूंगा-

प्रबिसि नगर कीजे सब काजा।

हृदयँ राखि कोसलपुर राजा॥

भावार्थ ये कि- हृदय में भगवान राम का नाम धारण करके हम जो भी कार्य करेंगे, उसमें निश्चित सफलता मिलेगी।

एक बार फिर महाराजा सुहेल देव जी को नमन करते हुए, आपको इन नई सुविधाओं के लिए बहुत-बहुत बधाई देते हुए योगी जी और उनकी पूरी टीम का अभिनन्‍दन करते हुए बहुत-बहुत धन्यवाद !!

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।