Quoteरेलवे ने सभी भारतीयों को जोड़ा है, गरीब से गरीब जनता को इससे फायदा होता है: प्रधानमंत्री मोदी
Quoteएनडीए सरकार ने रेलवे को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है: प्रधानमंत्री मोदी
Quoteहम अपने रेल नेटवर्क को आधुनिक बनाना चाहते हैं: प्रधानमंत्री
Quoteहम चाहते हैं कि रेलवे नागरिकों को जीवन में गुणात्मक परिवर्तन लेकर आए: प्रधानमंत्री मोदी
Quoteबजट आवंटन बढ़ा दिया गया है, काम दोगुना हो गया है और तेजी से गॉज परिवर्तन का काम हो रहा है: नरेंद्र मोदी
Quoteरेलवे ने देश को 'गति' और 'प्रगति' दिया है: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

प्यारे भाईयों और बहनों,

हमारे देश में रेलवे, देश के सामान्‍य जन से जुड़ी हुई व्‍यवस्‍था है। गरीब से गरीब परिवार को भी रेलवे एक सहारा रही है। लेकिन दुर्भाग्‍य से रेलवे को उसके नसीब पर छोड़ दिया गया है। और गत 30 वर्ष में खास करके जबकि दिल्‍ली में मिली-जुली सरकारें रहती थीं और उसमें एक प्रकार से जो साथी दल रहते थे, वे तब मंत्रिपरिषद में जुड़ते थे या सरकार को समर्थन देते थे अगर उनको रेल मंत्रालय मिले तो। यानी एक प्रकार से रेल मंत्रालय सरकारें बनाने के लिए रेवड़ी बांटने के लिए काम आता था। ये कड़वा सत्‍य है और उसका परिणाम ये आया कि जिस भी राजनीतिक दल के व्‍यक्ति के पास रेलवे गई उसे रेलवे की चिंता कम रही; बाकी क्‍या रहा होगा मुझे कहने की जरूरत नहीं है।

इस सरकार ने रेलवे को प्राथमिकता दी है, रेलवे का विस्‍तार हो; रेलवे का विकास हो; रेलवे आधुनिक बने और रेलवे जन-सामान्‍य की जिंदगी में एक qualitative change के साथ मददगार कैसे बने? और आपने पिछले ढाई साल में रेलवे के कार्यकलाप को देखा होगा तो आपको ये ध्‍यान में आता होगा पहले की तुलना में बजट double कर दिया गया ये छोटी बात नहीं है। और रेलवे का उपयोग गरीब से गरीब को भी होता है इसलिए इतना बड़ा बजट रेलवे के लिए खर्च करने का तय किया। पहले अगर दिन में doubling का काम सालभर कुछ किलोमीटर होता था तो आज doubling का काम पहले से दो गुना, तीन गुना हो रहा है।

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पहले रेलवे में gaze conversion का काम Meter Gaze  से Broad Gaze  बनाना, Narrow Gaze से  Broad Gaze बनाना; ये काम आखिरी तबके में रहता था, उसको priority दी गई। पहले की तुलना में उसको अनेक गुना अधिक सफलता पाई। रेलवे डीजल इंजन से चले, कोयले से चले, environment के प्रश्‍न, डीजल से चले तो दुनिया भर से विदेश से डीजल import करना पड़े। Environment की भी रक्षा हो; विदेशी मुद्रा भी न जाए; डीजल से रेलवे को जल्‍दी से जल्‍दी Electrification की तरफ कैसे ले जाया जाए; बहुत बड़ी मात्रा में, तेज गति से आज रेल लाइनों का Electrification हो रहा है, रेल इंजन Electric इंजन बनाने का काम हो रहा है। आजाद हिन्‍दुस्‍तान में सबसे बड़ा Foreign Direct Investment रेलवे के क्षेत्र में आया है और दो बड़े Loco Engineering Manufacture के काम के लिए वो काम आने वाला है। भविष्‍य में वो पूरे रेलवे की गति बदलने वाले इंजन बनाने का काम होने वाला है।

इन सारी बातों के साथ-साथ सफाई से ले करके रेलवे में सुविधा उसको बल दिया गया, Bio-Toilet; वरना हम जानते हैं कि स्‍टेशन पर रेल की पटरियां गंदगी से भरी रहती हैं। बहुत तेजी से उस पर काम, बल दिया, बहुत बड़ा खर्चा है। लेकिन ये तत्‍काल न दिखे लेकिन लम्‍बे अर्से तक बड़ा लाभ करने वाला है।

स्‍वास्‍थ्‍य की दृष्टि से एक परिवर्तन का प्रयास, उस दिशा में बड़ा बल दिया है। रेल की गति कैसे बढ़े? वरना पहले से चल रहा है चलती थी, चलती थी; बैठे हैं उतर जा सकते हैं फिर दौड़ करके चढ़ जा सकते हैं; ये सब बदला जा सकता है। Special Mission Mode में काम चल रहा है कि Exiting जो व्‍यवस्‍थाएं हैं उसमें क्‍या सुधार करें ताकि रेल की गति बढ़ाई जाए। Technology में परिवर्तन ला रहे हैं, विश्‍व भर से Technology की दृष्टि से लोगों को जोड़ रहे हैं कि safety एक बहुत बड़ी चिन्‍ता का विषय है और चुनौती भी है।

विश्‍व में Technological परिवर्तन इतना हुआ है कि रेलवे को सुरक्षित बनाया जा सकता है। बहुत बड़ी मात्रा में बजट खर्च करके compartment हो तो उसको भी किस प्रकार से सुरक्षा दी जाए उसके लिए चिन्‍ता और व्‍यवस्‍थाएं आगे बढ़ रही हैं। Freight Corridor, रेल दुनिया में 70 प्रतिशत cargo, माल-सामान रेल से जाता है, 30 प्रतिशत रोड से जाता है। हमीं एक ऐसे देश हैं कि जहां 15-20% रेल से जाता है, 70-80% रोड से जाता है। और जब रोड से Cargo जाता है तो बहुत महंगा हो जाता है। अगर कोई सोचे कि गुजरात में पैदा होने वाला नमक जम्‍मू-कश्‍मीर तक जाएं और By Road जाएं तो वो इतना महंगा हो जाएगा कोई खरीद नहीं सकता। और इसलिए रेल के माध्‍यम से जितना ज्‍यादा Cargo Transport होगा, गरीब से गरीब व्‍यक्ति को सस्‍ता मिलेगा। और इसलिए Cargo को बढ़ाने की दिशा में काम चल रहा है।

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मैंने रेलवे के लोगों को काम दिया था आते ही, मैंने कहा नमक जो रेलवे का Container होता है उसकी अपना weight 16 टन होता है और फिर उसमें मुश्किल से दो टन, तीन टन नमक आता है, मैंने कहा 16 टन का Container 6 टन का हो जाता है क्‍या? अगर वो 6 टन का हो जाए तो 12 टन नमक जाएगा और नमक जाएगा तो नमक जहां पहुंचेगा वहां मुफ्त में मिलना शुरू हो जाएगा और नमक पैदा करने वालों का नमक भी बहुत जल्‍दी पहुंच पाएगा। रेलवे ने design तैयार की है, नमक ले जाने के लिए कैसे Container हों ताकि weight कम हो। यानी एक-एक चीज को बारीकी से बदलाव करने की दिशा में रेलवे कार्यरत है।

और मुझे विश्‍वास है कि बहुत तेज गति से रेल बदल जाएगी। सामान्‍य मानवी को सुविधा तो बढ़ेगी, दूर-सुदूर इलाकों में रेलवे पहुंचेगी, भारत के बंदरों (बंदरगाहों) के साथ रेल जुड़ेगी, भारत की खदानों के साथ रेल जुड़ेगी, भारत के उपभोक्‍ता के साथ रेल जुड़ेगी लेकिन साथ-साथ आर्थिक दृष्टि से भी। रेलवे स्‍टेशन जो भी हैं, Heart of the City में हैं। वो जमीन इतनी valuable है लेकिन आसमान खाली पड़ा है। तो बड़ी समझदारी का विषय है कि भले ही नीचे रेल जाए अरे ऊपर एक दस मंजिला, 25 मंजिला चीजें बना दो, वहां पर Mall हो, Theater हो, Hotel हो, बाजार हो, रेल के ऊपर चलता रहेगा; नीचे रेल चलती जाएगी। जगह का double उपयोग होगा, रेल को Income बढ़ेगी, Investment करने वाले Investment करने आएंगे। गुजरात में हम लोगों ने सफल प्रयोग किया, Bus station का Public private partnership Model के आधार पर development किया। आज गरीब से गरीब बस अड्डे पर जाता है, उसको वही सुविधा मिलती है जो अमीर लोग Airport पर जाते हैं, वो गुजरात ने करके दिखाया है।

आने वाले दिनों में हिन्‍दुस्‍तान में हजारों रेलवे स्‍टेशन हैं, जिसका इस प्रकार का Development हो सकता है। आप सबको याद होगा जिस दिन ये महात्‍मा मन्दिर का शिलान्‍यास किया था, Golden Jubilee Year था गुजरात का, 2010 में; और पहली मई के दिन इसी जगह पर बोलते हुए मैंने कहा था कि महात्‍मा मन्दिर आज जो नींव डाली गई है और मैं साफ देख रहा हूं एक दिन ऐसा आएगा जब इसी महात्‍मा मन्दिर में विश्‍व के दिग्‍गज लोग बैठ करके विश्‍व शांति की चर्चा करते होंगे।

महात्‍मा गांधी के नाम से जुड़ा हुआ महात्‍मा मंदिर, लेकिन उस महात्‍मा मंदिर को तो हमने बना दिया इतना तेजी से बना दिया, अब उन व्‍यवस्‍थाओं की जरूरत है कि इस प्रकार के दुनिया के दिग्‍गज आ करके ठहरें, ये रेलवे स्‍टेशन पर जो होटल बन रहा है इसमें आने वाले लोग स्‍वाभाविक रूप से महात्‍मा मंदिर के Convention Centre का उपयोग करेंगे; रुकेंगे यहां meeting करेंगे वहां और Helipad Ground पर प्रदर्शनी होगी। यानी एक प्रकार से पूरा Corridor, रेलवे हो, महात्‍मा मंदिर हो, Helipad का इलाका हो, ये पूरा का पूरा एक पूरे हिन्‍दुस्‍तान की business activity का एक magnetic centre की संभावना मैं देख रहा हूं। और इसलिए रेलवे स्‍टेशन पर बन रहा Infrastructure रेलवे तो जा ही रही थी, जमीन पड़ी थी लेकिन उसका इसके साथ जोड़ करके उपयोग करना और जिसके कारण महात्‍मा मंदिर पर 365 दिन में 300 दिन तक busy रहे, ऐसी उसके साथ सीधी-सीधी संभावना बनी है। विश्‍व स्‍तर के कोई कार्यक्रम बनने हैं उसके लिए भी संभावना इसके साथ पैदा हो रही है और रेलवे के विकास का भी ये आधार बनती है।

ये हिन्‍दुस्‍तान का पहला प्रकल्‍प आज गांधीनगर शुरू हो रहा है। आने वाले दिनों में हिन्‍दुस्‍तान के और स्‍थान पर भी आगे बढ़ेगा। हमारे सुरेश प्रभु जी ने रेलवे स्‍टेशनों पर Wi-Fi की सुविधा दी है। Digital India का जो सपना है उसका पूरा करने की दिशा में काम हो रहा है। कुछ लोगों को ये हिन्‍दुस्‍तान के गरीब लोग हैं उनको क्‍या समझ और आपको हैरानी होगी भारत की रेलवे में 60-70 प्रतिशत लोग Online Ticket Purchase करते हैं, Sixty-Seventy Percent हुआ? Online Ticket Purchase करते हैं, ये हिन्‍दुस्‍तान की ताकत है।

सामान्‍य मानवी जो रेल जाता है वो भी आज Online Railway की Ticket booking करा रहा है और ले रहा है। Wi-Fi के कारण अनुभव है कि आज हिन्‍दुस्तान में और विश्‍व के सब लोगों का analyze है, Google के लोग आए तो वो चर्चा कर रहे थे, भारत के रेलवे स्‍टेशन पर Wi-Fi की जो capacity है वो शायद दुनिया में सबसे ज्‍यादा है, स्‍टेशन के इलाके में। और उसका परिणाम ये हुआ है कि बहुत सारे Students जो Online पढ़ाई करना पसंद करते हैं, चीजें download कर-करके education के लिए उपयोग करते हैं, वो कोशिश करते हैं कि रेलवे स्‍टेशन पर पहुंचा जाए और अपने Computer, Laptop पर बैठ करके वो मुफ्त का काम हो जाता है और उसको दुनिया की जो चीज चाहिए, उपलब्‍ध हो जाती है। यानी एक व्‍यवस्‍था कैसे बदलाव ला सकती है इसका उदाहरण ढाई साल के अंदर हिन्‍दुस्‍तान की रेलवे ने करके दिखाया है।

उसी के तहत आज गुजरात में पूरे देश के लिए उपयोगी ऐसा एक प्रकल्‍प का प्रारम्‍भ हो रहा है जो आने वाले दिनों में हिन्‍दुस्‍तान के और शहरों में भी होगा और रेलवे को नई ऊंचाइयों पर ले जाना, रेलवे को सामान्‍य मानवी की सुविधा का एक माध्‍यम बनाना और रेलवे है जो देश को गति भी देती है, रेलवे है जो देश को प्र‍गति भी देती है। मुझे मैं गुजरात के लोगों को, गांधीनगर के लोगों को और आज Vibrant Summit की पूर्व संध्‍या पर ये नजराना देते हुए बहुत गर्व और संतोष का भाव अनुभव करता हूं।

बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

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हमारी सरकार कनेक्टिविटी पर बल दे रही है और गरीब कल्याण व सामाजिक न्याय भी सुनिश्चित कर रही है: हिसार, हरियाणा में पीएम मोदी
April 14, 2025
QuoteToday, being the birth anniversary of the architect of our Constitution, Baba Saheb Ambedkar, is a very important day for all of us, for the entire country: PM
QuoteToday flights have started from Haryana to Ayodhya Dham, meaning now the holy land of Shri Krishna, Haryana, is directly connected to the city of Lord Ram: PM
QuoteOn one hand, our government is emphasizing on connectivity and on the other hand, we are also ensuring welfare of the poor and social justice: PM

मैं कहूंगा बाबासाहेब आंबेडकर, आप सब दो बार बोलिए, अमर रहे! अमर रहे!

बाबासाहेब आंबेडकर, अमर रहे! अमर रहे!

बाबासाहेब आंबेडकर, अमर रहे! अमर रहे!

बाबासाहेब आंबेडकर, अमर रहे! अमर रहे!

हरियाणा के मुख्यमंत्री श्रीमान नायब सिंह सैनी जी, केन्द्रीय मंत्रिमंडल के मेरे साथी श्रीमान मुरलीधर मोहोल जी, हरियाणा सरकार के सभी मंत्रीगण, सांसद और विधायकगण और मेरे प्यारे भाइयों और बहनों,

म्हारे हरयाणे के धाकड़ लोगां ने राम राम!

ठाडे जवान, ठाडे खिलाड़ी और ठाडा भाईचारा, यो सै हरयाणे की पहचान!

लावणी के इस अति व्‍यस्‍त समय में आप इतनी विशाल संख्या में हमें आशीर्वाद देने पहुंचे हैं। मैं आप सभी जनता जनार्दन का अभिनंदन करता हूं। गुरु जंभेश्वर, महाराजा अग्रसेन और अग्रोहा धाम को भी श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं।

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साथियों,

हरियाणा से हिसार से मेरी कितनी ही यादें जुड़ी हुई हैं। जब भारतीय जनता पार्टी ने मुझे हरियाणा की जिम्मेदारी दी थी, तो यहां अनेक साथियों के साथ मैंने लंबे समय तक मिलकर काम किया था। इन सभी साथियों के परिश्रम ने भारतीय जनता पार्टी की हरियाणा में नींव को मजबूत किया है। और आज मुझे ये देखकर गर्व होता है कि भाजपा विकसित हरियाणा, विकसित भारत के लक्ष्य को लेकर पूरी गंभीरता से काम कर रहा है।

साथियों,

आज का दिन हम सभी के लिए, पूरे देश के लिए और खासकर के दलित, पीड़ित, वंचित, शोषित, उन सबके लिए बहुत महत्वपूर्ण दिवस है। उनके जीवन में तो ये दूसरी दिवाली होती है। आज संविधान निर्माता बाबासाहेब आंबेडकर की जयंती है। उनका जीवन, उनका संघर्ष, उनका जीवन संदेश, हमारी सरकार की ग्‍यारह साल की यात्रा का प्रेरणा स्तंभ बना है। हर दिन, हर फैसला, हर नीति, बाबासाहेब आंबेडकर को समर्पित है। वंचित, पीड़ित, शोषित, गरीब, आदिवासी, महिलाएँ, इनके जीवन में बदलाव लाना, इनके सपनों को पूरा करना, ये हमारा मकसद है। इसके लिए निरंतर विकास, तेज विकास और यही भाजपा सरकार का मंत्र है।

साथियों,

इसी मंत्र पर चलते हुए आज हरियाणा से अयोध्या धाम के लिए फ्लाइट शुरू हुई है। यानी अब श्रीकृष्‍ण जी की पावन भूमि, प्रभु राम की नगरी से सीधे जुड़ गई है। अग्रसेन हवाई अड्डे से वाल्‍मीकि हवाई अड्डे, अब सीधी उड़ान भरी जा रही है। बहुत जल्दी यहां से दूसरे शहरों के लिए भी उड़ानें शुरू होंगी। आज हिसार एयरपोर्ट की नई टर्मिनल बिल्डिंग का शिलान्यास भी हुआ है। ये शुरुआत हरियाणा की आकांक्षाओं को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाने की उड़ान है। मैं हरियाणा के लोगों को इस नई शुरुआत के लिए ढेर सारी बधाई देता हूं।

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साथियों,

मेरा आपसे वादा रहा है, हवाई चप्पल पहनने वाला भी हवाई जहाज में उड़ेगा और ये वादा हम देश में चारों तरफ पूरा होता देख रहे हैं। बीते दस सालों में करोड़ों भारतीयों ने जीवन में पहली बार हवाई सफर की है। हमने वहां भी नए एयरपोर्ट बनाए, जहां कभी अच्छे रेलवे स्टेशन तक नहीं थे। 2014 से पहले देश में 74 एयरपोर्ट थे। सोचिए, 70 साल में 74, आज देश में एयरपोर्ट की संख्या 150 के पार हो गई है। देश के करीब 90 एरोड्रम उड़ान योजना से जुड़ चुके हैं। 600 से अधिक रूट पर उड़ान योजना के तहत हवाई सेवा चल रही है। इनमें बहुत कम पैसों में लोग हवाई यात्रा कर रहे हैं और इसलिए आज हर साल हवाई यात्रा करने वालों का नया रिकॉर्ड बन रहा है। हमारी एयरलाइन कंपनियों ने भी रिकॉर्ड संख्या में दो हजार नए जहाजों का, हवाई जहाजों का ऑर्डर दिया है। और जितने नए जहाज आएंगे, उतनी ही ज्यादा नौकरियां, पायलट के रूप में हो, एयर होस्टेस के रूप में हो, सैकड़ों नई सेवाएं भी होती हैं, एक हवाई जहाज जब चलता है तब, ग्राउंड स्टाफ होता है, न जाने कितने काम होते हैं। ऐसी अनेक सेवाओं के लिए नौजवानों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। इतना ही नहीं, हवाई जहाज के मेंटेनेंस से जुड़ा एक बड़ा सेक्टर भी अनगिनत रोजगार बनाएगा। हिसार का ये एयरपोर्ट भी हरियाणा के नौजवानों के सपनों को नई ऊंचाई देगा।

साथियों,

हमारी सरकार एक तरफ कनेक्टिविटी पर बल दे रही है, दूसरी तरफ गरीब कल्‍याण और सामाजिक न्‍याय भी सुनिश्चित कर रही है और यहीं तो बाबासाहेब आंबेडकर का सपना था। हमारे संविधान निर्माताओं की यही आकांक्षा थी। देश के लिए मरने-मिटने वालों का भी यही सपना था, लेकिन हमें ये कभी भूलना नहीं है कि कांग्रेस ने बाबासाहेब आंबेडकर के साथ क्‍या किया। जब तक बाबासाहेब जीवित थे, कांग्रेस ने उन्हें अपमानित किया। दो-दो बार उन्हें चुनाव हरवाया, कांग्रेस की पूरी सरकार उनको उखाड़ फेंकने में लगी थी। उनको सिस्‍टम से बाहर रखने की साजिश की गई। जब बाबासाहेब हमारे बीच नहीं रहे, तो कांग्रेस ने उनकी याद तक मिटाने की कोशिश की। कांग्रेस ने बाबासाहेब के विचारों को भी हमेशा के लिए खत्म कर देना चाहा। डॉक्टर आंबेडकर संविधान के संरक्षक थे। कांग्रेस संविधान की भक्षक बन गई है। डॉक्टर आंबेडकर समानता लाना चाहते थे, लेकिन कांग्रेस ने देश में वोट बैंक का वायरस फैला दिया।

साथियों,

बाबासाहेब चाहते थे कि हर गरीब, हर वंचित, गरिमा से जी सके, सर ऊंचा करके जीये, वो भी सपने देखे, अपने सपने पूरे कर सके। लेकिन कांग्रेस ने एससी, एसटी, ओबीसी को सेकंड क्‍लास सिटीजन बना दिया। कांग्रेस के लंबे शासनकाल में, कांग्रेस के नेताओं के घर में स्विमिंग पूल तक पानी पहुंच गया, लेकिन गांव में नल से जल नहीं पहुंचा। आजादी के 70 साल बाद भी गांवों में सिर्फ 16 प्रतिशत घरों में नल से जल आता था। सोचिए, 100 घर में से 16 घर में! इससे सबसे ज्यादा प्रभावित कौन थे? इससे एससी, एसटी, ओबीसी सबसे ज्यादा प्रभावित थे। अरे उनकी इतनी ही चिंता थी, आज जो गली-गली में जाकर भाषण झाड़ रहे हैं, अरे कम से कम मेरे एससी, एसटी, ओबीसी भाइयों के घर तक अरे पानी तो पहुंचा देते। हमारी सरकार ने 6-7 साल में 12 करोड़ से ज़्यादा ग्रामीण घरों में नल कनेक्शन दिए हैं। आज गांव के 80 प्रतिशत घरों में यानी पहले 100 में से 16, आज 100 में से 80 घरों में नल से जल आता है। और बाबासाहेब का आशीर्वाद है, हम हर घर तक नल से जल पहुंचाएंगे। शौचालय के अभाव में भी सबसे बुरी स्थिति एससी, एसटी, ओबीसी समाज की ही थी। हमारी सरकार ने 11 करोड़ से ज्यादा शौचालय बनवाकर, वंचितों को गरिमा का जीवन दिया।

साथियों,

कांग्रेस के ज़माने में एससी, एसटी, ओबीसी के लिए बैंक का दरवाजा तक नहीं खुलता था। बीमा, लोन, मदद, ये सारी बातें, सब सपना था। लेकिन अब, जनधन खातों के सबसे बड़े लाभार्थी मेरे एससी, एसटी, ओबीसी के भाई-बहन हैं। हमारे एससी, एसटी, ओबीसी भाई-बहन आज गर्व से जेब में से रुपे कार्ड निकाल कर के दिखाते हैं। जो अमीरों के जेबों में कभी रुपे कार्ड हुआ करते थे, वो रुपे कार्ड आज मेरा गरीब दिखा रहा है।

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साथियों,

कांग्रेस ने हमारे पवित्र संविधान को, सत्ता हासिल करने का एक हथियार बना दिया। जब-जब कांग्रेस को सत्ता का संकट दिखा, उन्होंने संविधान को कुचल दिया। कांग्रेस ने आपातकाल में संविधान की स्पिरिट को कुचला, ताकि जैसे-तैसे सत्ता बनी रहे। संविधान की भावना है कि सबके लिए एक जैसी नागरिक संहिता हो, जिसे मैं कहता हूं सेक्‍युलर सिविल कोड, लेकिन कांग्रेस ने इसे कभी लागू नहीं किया। उत्तराखंड में, भाजपा सरकार आने के बाद सेक्‍युलर सिविल कोड, समान नागरिक संहिता, ये लागू हुई, डंके की चोट पर लागू हुई और देश का दुर्भाग्य देखिए, संविधान को जेब में लेकर के बैठे हुए लोग, संविधान पर बैठ गए हुए लोग, ये कांग्रेस के लोग उसका भी विरोध कर रहे हैं।

साथियों,

हमारे संविधान ने एससी, एसटी, ओबीसी के लिए आरक्षण का प्रावधान किया। लेकिन कांग्रेस ने उनको आरक्षण पहुंचा की नहीं पहुंचा, उनके बच्‍चों को शिक्षा के लिए सुविधा प्रारंभ मिलना शुरू हुआ कि नहीं हुआ, एससी, एसटी, ओबीसी के कोई व्यक्ति अधिकार से वंचित तो नहीं रहे गए, उसकी कभी परवाह नहीं की, लेकिन राजनीतिक खेल खेलने के लिए कांग्रेस ने बाबासाहेब आंबेडकर ने जो सपना देखा था, सामाजिक न्‍याय के लिए संविधान में जो व्यवस्था की थी, उसको भी पीठ में छुरा घोंपकर उस संविधान के उस प्रावधान को तुष्टिकरण का माध्यम बना दिया। अभी आपने भी समाचारों में सुना होगा, कर्नाटका की कांग्रेस सरकार ने टेंडर में अब एससी, एसटी, ओबीसी के अधिकार छीनकर के धर्म के आधार पर आरक्षण दे दिया। जबकि संविधान में बाबासाहेब आंबेडकर ने साफ-साफ शब्दों में चर्चा में कहा था कि इस संविधान में कतई धर्म के आधार पर आरक्षण की व्यवस्था नहीं की जाएगी और हमारे संविधान ने धर्म के आधार पर आरक्षण के लिए प्रतिबंध लगाया हुआ है।

साथियों,

कांग्रेस की तुष्टिकरण की इस नीति का बहुत बड़ा नुकसान, मुस्लिम समाज को भी हुआ है। कांग्रेस ने सिर्फ कुछ कट्टरपंथियों को ही खुश किया। बाकी समाज, बेहाल रहा, अशिक्षित रहा, गरीब रहा। कांग्रेस की इस कुनीति का सबसे बड़ा प्रमाण, वक्फ कानून है। देश आजाद होने के बाद, 2013 तक वक्‍फ का कानून चलता था, लेकिन चुनाव जीतने के लिए तुष्टिकरण की राजनीति के लिए, वोटबैंक की राजनीति के लिए, 2013 के आखिर में, आखिरी सत्र में कांग्रेस ने इतने सालों तक चल रहे वक्फ कानून में आनन-फानन संशोधन कर दिया, ताकि चुनाव में वोट पा सकें। वोट बैंक को खुश करने के लिए, इस कानून को ऐसा बना दिया कि बाबासाहेब आंबेडकर के संविधान की ऐसी की तैसी, संविधान से ऊपर कर दिया। ये बाबासाहेब का सबसे बड़ा अपमान का काम था।

साथियों,

ये कहते हैं कि इन्होंने ये मुसलमानों के हित में किया। मैं जरा ऐसे सभियों से पूछना चाहता हूं, वोट बैंक के भूखे इन राजनेताओं से कहना चाहता हूं, अगर सच्चे अर्थ से आपके दिल में मुसलमानों के लिए थोड़ी भी हमदर्दी है, तो कांग्रेस पार्टी अपने पार्टी के अध्यक्ष मुसलमान को बनाए, क्यों नहीं बनाते भई? संसद में टिकट देते हैं, 50 परसेंट मुसलमानों को दो। जीत करके आएंगे तो अपनी बात बताएंगे। लेकिन ये नहीं करना है, कांग्रेस में तो कुछ नहीं देना है। देश की, देश के नागरिकों के अधिकारों को छीनना और देना, इनकी नीयत किसी का भी भला करने की कभी नहीं रही, मुसलमानों का भला करने की भी नहीं रही। यही कांग्रेस की अच्छी सच्चाई है।

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साथियों,

वक्फ के नाम पर लाखों हेक्टेयर जमीन पूरे देश में है। इस जमीन, इस प्रॉपर्टी से गरीब का, बेसहारा महिलाओं-बच्चों का भला होना चाहिए था और आज ईमानदारी से उसका उपयोग हुआ होता, तो मेरे मुसलमान नौजवानों को साइकिल के पंक्चर बनाकर के जिंदगी नहीं गुजारनी पड़ती। लेकिन इससे मुट्ठी भर भू-माफिया का ही कुछ भला हुआ। पसमांदा मुस्लिम, इस समाज को कोई फायदा नहीं हुआ। और ये भूमाफिया, किसकी जमीन लूट रहे थे? ये दलित की जमीन लूट रहे थे, पिछड़े की जमीन लूट रहे थे, आदिवासी की जमीन लूट रहे थे, विधवा महिलाओं की संपत्ति जमीन लूट रहे थे। सैकड़ों विधवा मुस्लिम महिलाओं ने भारत सरकार को चिट्ठी लिखी, तब जाकर के ये कानून की चर्चा आई है। वक्फ कानून में बदलाव के बाद अब ये गरीबों से जो लूटा जा रहा है, वो बंद होने वाला है। और सबसे बड़ी बात, हमने एक बहुत बड़ा जिम्मेदारी पूर्ण, महत्वपूर्ण काम किया है। हमने इस वक्फ कानून में एक और प्रावधान कर दिया है। अब नए कानून के तहत, वक्‍फ के कानून के तहत, किसी भी आदिवासी की जमीन को हिन्‍दुस्‍तान के किसी भी कोने में, आदिवासी की जमीन को, उसके घर को, उसकी संपत्ति को ये वक्फ बोर्ड हाथ भी नहीं लगा पाएगा। ये आदिवासी के हितों की रक्षा करने का, संविधान की मर्यादाओं का पालन करने का हमने बहुत बड़ा काम किया है। मैं ये प्रावधानों से वक्फ की भी पवित्र भावना का सम्मान होगा। मुस्लिम समाज के गरीब और पसमांदा परिवारों, मुस्लिम महिलाओं खास करके मुस्लिम विधवाओं को, मुस्लिम बच्चों को उनका हक भी मिलेगा और भविष्य में उनका हक सुरक्षित रहेगा। और यही तो बाबासाहेब आंबेडकर ने संविधान की स्पिरिट में हमें काम दिया हुआ है। यही असल स्पिरिट है, यही असली सामाजिक न्याय है।

साथियों,

हमारी सरकार ने 2014 के बाद, बाबासाहेब आंबेडकर की प्रेरणा को आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाने के लिए अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाए। बाबासाहेब देश और दुनिया में जहां-जहां रहे, वे सभी स्थान उपेक्षित थे। जो संविधान के नाम पर अपनी राजनीतिक रोटी सेकने के लिए निकले हैं, उन्होंने बाबासाहेब से जुड़े हुए हर स्थान का अपमान किया, इससे इतिहास से मिटाने का प्रयास किया। स्थिति ये थी कि मुंबई के इंदु मिल में बाबासाहेब आंबेडकर का स्मारक बनाने के लिए भी देशभर में लोगों को आंदोलन करने पड़े। हमारी सरकार ने आते ही इंदु मिल के साथ-साथ, बाबासाहेब आंबेडकर की महू की जन्मभूमि हो, बाबासाहेब आंबेडकर जी की लंदन की शिक्षाभूमि हो, दिल्ली में उनकी महापरिनिर्वाण स्थली हो या फिर नागपुर की दीक्षाभूमि हो, हमने सभी का विकास किया। इनको पंचतीर्थ के रूप में विकसित किया है। मेरा सौभाग्य है कि कुछ दिन पहले ही मुझे दीक्षाभूमि में जाकर, नागपुर जाकर बाबासाहेब को नमन करने का अवसर मिला।

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साथियों,

कांग्रेस के लोग सामाजिक न्याय की बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, लेकिन हमें ये भी याद रखना है कि कांग्रेस ने बाबासाहेब आंबेडकर और चौधरी चरण सिंह जी, इन दोनों महान सपूतों को भारत रत्न नहीं दिया था। बाबासाहेब आंबेडकर को भारत रत्न तब मिला, जब केंद्र में भाजपा के समर्थन वाली सरकार बनी। वहीं हमें गर्व है कि भाजपा की ही सरकार ने चौधरी चरण सिंह जी को भी भारत रत्न दिया है।

साथियों,

सामाजिक न्याय के, गरीब कल्याण के पथ को, हरियाणा की भाजपा सरकार भी निरंतर सशक्त कर रही है। सरकारी नौकरियों की भी हरियाणा में क्या हालत थी, आप सबको पता है। यूं किया करते, जे नौकरी लागणि है, तो किसी नेता के गैल हो ले और नि तो रुपया ले आ। बापू की जमीन और मां के तो जेवर भी बिक जाया करते। मुझे खुशी है कि नायब सिंह सैनी जी की सरकार ने कांग्रेस की इस बीमारी का इलाज कर दिया है। बिना खर्ची-बिना पर्ची के नौकरियां देने का जो ट्रैक रिकॉर्ड हरियाणा का है, वो अद्भुत है। और मुझे गर्व है कि मुझे ऐसे साथी मिले हैं, ऐसी साथी-सरकार मिली है। यहां के 25 हज़ार नौजवानों को सरकारी नौकरी ना मिले, इसके लिए कांग्रेस ने एड़ी-चोटी का ज़ोर लगा दिया था। लेकिन इधर मुख्यमंत्री नायब सैनी जी ने शपथ ली, उधर हजारों युवाओं को नियुक्ति-पत्र जारी कर दिये गए! ये है, भाजपा का, सरकार का सुशासन। और अच्छा ये है कि नायब सिंह सैनी जी की सरकार आने वाले वर्षों में हजारों नई नौकरियों का रोडमैप बनाकर के चल रही है।

साथियों,

हरियाणा वो प्रदेश है, जहां बहुत बड़ी संख्या में युवा सेना में जाकर देश की सेवा करते हैं। कांग्रेस ने तो वन रैंक वन पेंशन को लेकर भी दशकों तक धोखा ही दिया। ये हमारी सरकार है जिसने वन रैंक वन पेंशन योजना लागू की। अब तक हरियाणा के पूर्व फौजियों को भी OROP के, वन रैंक वन पेंशन के 13 हजार 500 करोड़ रुपए, 13 हजार 500 करोड़ रुपए दिए जा चुके हैं। आपको याद होगा, इसी योजना पर झूठ बोलते हुए कांग्रेस सरकार ने पूरे देश के फौजियों के लिए सिर्फ 500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया था। अब आप सोचिए अखिल हरियाणा में, 13 हजार 500 करोड़ और कहां 500 करोड़, कैसी आंख में धूल डालने की प्रवृत्ति थी। कांग्रेस किसी की सगी नहीं है, वो सिर्फ सत्ता की सगी है। वो ना दलितों की सगी है, ना पिछड़ों की सगी है, ना मेरे देश की माता, बहन, बेटियों की सगी है, ना ही वो मेरे फौजियों की सगी है।

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साथियों,

मुझे पूरा विश्वास है कि हरियाणा, विकसित भारत के संकल्प को मजबूती देगा। खेल हो या फिर खेत, हरियाणा की मिट्टी की खुशबू दुनियाभर में महक बिखेरती रहेगी। मुझे हरियाणा के अपने बेटे-बेटियों पर बहुत भरोसा है। ये नया एयरपोर्ट, ये नई उड़ान, हरियाणा को पूरा, हरियाणा के सपनों को पूरा करने की प्रेरणा बने और इतनी विशाल संख्या में आप आशीर्वाद देने आए, ये मेरा सौभाग्य है, मैं आपको सर झुकाकर के नमन करता हूं। और अनेक सफलताओं के लिए, अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं, बहुत-बहुत बधाई देता हूं! मेरे साथ बोलिए भारत माता की जय! भारत माता की जय! भारत माता की जय!

बहुत-बहुत धन्यवाद!