कैंपस से निकलकर विद्यार्थियों को नया जीवन ही स्टार्ट नहीं करना है, बल्कि देश के करोड़ों लोगों के जीवन में बदलाव लाने वाला एक स्टार्ट अप भी बनना है : प्रधानमंत्री
कोरोना के बाद बनी वैश्विक परिस्थितियों को भारत एक अवसर के रूप में देख रहा है : आईआईटी खड़गपुर के दीक्षांत समारोह में प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री ने स्टूडेंट्स को Self-awareness, Self-confidence और Selflessness के तीन मंत्र दिए।

नमस्कार जी,

केंद्रीय मंत्रिमंडल में मेरे सहयोगी श्री रमेश पोखरियाल निशंक जी, श्री संजय धोत्रे जी, IIT खड़गपुर के चेयरमैन श्री संजीव गोयनका जी, डायरेक्टर श्री वी. के तिवारी जी, अन्य फैकल्टी मेंबर्स, सभी कर्मचारी साथी, पैरेंट्स और मेरे युवा साथियों !! आज का दिन IIT खड़गपुर के सिर्फ उन Students के लिए अहम नहीं है, जिनको डिग्री मिल रही है। आज का दिन नए भारत के निर्माण के लिए भी उतना ही अहम है। आप सभी से सिर्फ आपके पैरेंट्स और आपके प्रोफेसर्स की ही उम्मीदें नहीं जुड़ीं हैं बल्कि 130 करोड़ भारतवासियों की आकांक्षाओं के भी आप प्रतिनिधि हैं।इसलिए, इस संस्थान से देश को 21वीं सदी के आत्मनिर्भर भारत में बन रहे नए इकोसिस्टम के लिए नई लीडरशिप की भी उम्मीद है। नया इकोसिस्टम, हमारे स्टार्टअप्स की दुनिया में, नया इकोसिस्टम, हमारे इनोवेशन रिसर्च की दुनिया में, नया इकोसिस्टम, हमारे कॉरपोरेट वर्ल्ड में, और नया इकोसिस्टम, देश की प्रशासनिक व्यवस्था में, इस कैंपस से निकलकर आपको सिर्फ अपना नया जीवन ही स्टार्ट नहीं करना है, बल्कि आपको देश के करोड़ों लोगों के जीवन में बदलाव लाने वाले स्वयं में एक स्टार्ट अप भी बनना हैं। इसलिए ये जो डिग्री, ये जो मेडल आपके हाथ में है, वो एक तरह से करोड़ों आशाओं का आकांक्षा पत्र है, जिन्हें आपको पूरा करना है। आप वर्तमान पर नजर रखते हुए फ्यूचर को भी एंटीसिपेट करें। हमारी आज की ज़रूरतें क्या हैं और 10 साल बाद क्या ज़रूरतें होने वाली हैं, उनके लिए आज काम करेंगे तो, कल के Innovations भारत आज बनाएगा।

साथियों,

इंजीनियर होने के नाते एक क्षमता आपमें सहज रूप विकसित होती है और वो है चीजों को Pattern से Patent तक ले जाने की क्षमता। यानि एक तरह से आपमें विषयों को ज्यादा विस्तार से देखने की, एक नए vision की, आपमें एक क्षमता होती है। इसलिए आज हमारे आसपास information का जो भंडार है उसमें से प्रोबलम्स और उनके पैटर्न को आप बहुत बारीकी से देख पाते हैं। हर problem के साथ patterns जुड़े होते हैं। समस्याओं के Patterns की समझ हमें उनके long term solutions की तरफ ले जाती है। ये समझ भविष्य में नई discoveries, नए breakthroughs उसका एक आधार बनती है। आप सोचिए, आप कितने जीवन में बदलाव ला सकते हैं, कितने जीवन बचा सकते हैं, देश के संसाधनों को बचा सकते हैं, अगर आप पैटर्न को समझें और उसे समझकर समाधान निकालें। और इस बात की भी पूरी संभावना है कि भविष्य में यही समाधान आपको commercial Success भी दें।

साथियों,

जीवन के जिस मार्ग पर अब आप आगे बढ़ रहे हैं, उसमें निश्चित तौर पर आपके सामने कई सवाल भी आएंगे। ये रास्ता सही है, या गलत है, नुकसान तो नहीं हो जाएगा, समय बर्बाद तो नहीं हो जाएगा? ऐसे बहुत से सवाल आपके दिल दिमाग को जकड़ लेंगे। इन सवालों का उत्तर है- Self Three, मैं सेल्फी नहीं कह रहा हूं, Self Three. यानि Self-awareness, Self-confidence और जो सबसे बड़ी ताकत होती है वो है Selfless-ness. आप अपने सामर्थ्य को पहचानकर आगे बढ़ें, पूरे आत्मविश्वास से आगे बढ़ें और निःस्वार्थ भाव से आगे बढ़ें। हमारे यहां कहा गया है- शनैः पन्थाः शनैः कन्था शनैः पर्वतलंघनम । शनैर्विद्या शनैर्वित्तं पञ्चतानि शनैः शनैः ॥ यानि जब रास्ता लंबा हो, चादर की सिलाई हो, पहाड़ की चढ़ाई हो, पढ़ाई हो या जीवन के लिए कमाई हो, इन सभी के लिए धैर्य दिखाना होता है, धीरज रखना होता है। विज्ञान ने सैकड़ों साल पहले की इन समस्याओं को आज काफी सरल कर दिया है। लेकिन नॉलेज और साइंस के प्रयोग, इनको लेकर ये कहावत धीरे-धीरे धीरज से, ये कहावत आज भी उतनी ही शाश्वत है। आप सभी, साइंस, टेक्नॉलॉजी और इनोवेशन के जिस मार्ग पर चले हैं, वहां जल्दबाज़ी के लिए कोई स्थान नहीं है। आपने जो सोचा है, आप जिस इनोवेशन पर काम कर रहे हैं, संभव है उसमें आपको पूरी सफलता ना भी मिले। लेकिन आपकी उस असफलता को भी सफलता ही माना जाएगा, क्योंकि आप उससे भी कुछ सीखेंगे। आपको याद रखना है कि हर वैज्ञानिक और टेक्नॉलॉजिकल असफलता से एक नया रास्ता निकलता है, मैं आपको सफलता के रास्ते पर जाते हूए देखना चाहता हूं। ये विफलता ही सफलता का आपका रास्ता बना सकती है।

साथियों,

21वीं सदी के भारत की स्थिति भी बदल गई है, ज़रूरतें भी बदल गई हैं और Aspirations भी बदल गई हैं। अब IITs को इंडियन इंस्टीट्यूट्स ऑफ टेक्नॉलॉजी ही नहीं, Institutes of Indigenous Technologies के मामले में Next Level पर ले जाने की जरूरत है। हमारी IITs जितना ज्यादा भारत की चुनौतियों को दूर करने के लिए रिसर्च करेंगी, भारत के लिए समाधान तैयार करेंगी, उतना ही वो Global Application का भी माध्यम बनेंगी। हमारी इतनी बडी जनसंख्या के बीच आपको जो एक्सपेरिमेंट सफल होकर निकलेगा, वो दुनिया में कहीं पर भी असफल नहीं होगा।

साथियों,

आप ये जानते हैं कि ऐसे समय में जब दुनिया क्लाइमेट चेंज की चुनौतियों से जूझ रही है, भारत ने International Solar Alliance- ISA का विचार दुनिया के सामने रखा और इसे मूर्त रूप दिया। आज दुनिया के अनेकों देश, भारत द्वारा शुरू किए गए अभियान से जुड़ रहे हैं। अब हम पर दायित्व है कि हम इस अभियान को और आगे ले जाएं। क्या हम दुनिया को सस्ती, अफोर्डेबल, इनवायर्नमेंट फ्रेंडली टेक्नोलॉजी दे सकते हैं जो भारत की इस पहल को और आगे ले जाए, भारत की पहचान को और मजबूत करे। आज भारत उन देशों में से है जहां सोलर पावर की कीमत प्रति यूनिट बहुत कम है। लेकिन घर-घर तक सोलर पावर पहुंचाने के लिए अब भी बहुत चुनौतियां हैं। मैंने तो एक बार कहा भी था मैं आईआईटी के स्टूडेंट्स के सामने जरूर कहुंगा कि अगर मान लीजिए हम क्लीन कूकिंग की movement चलाएं और सोलर के आधार पर ही घर में चुल्हा जलता हो और सोलर के आधार पर ही घर के लिए आवश्यक एनर्जी स्टोरेज की बैटरी की व्यवस्था हम बना सकते हैं। आप देखिए हिन्दुस्तान में 25 करोड़ चुल्हे हैं। 25 करोड़ घरों में चुल्हे हैं। 25 करोड़ का मार्केट है। अगर इसमें सफलता मिल गई तो जो इलैक्ट्रानिक व्हीकल के लिए सस्ती बैटरी की जो खोज हो रही है वो उसको क्रॉस सब्सीडाईज कर देगा। अब ये काम आई आई टी के नौजवानों से बढ़कर के कोन कर सकता है। भारत को ऐसी टेक्नोलॉजी चाहिए जो एनवायर्नमेंट को कम से कम नुकसान पहुंचाए, ड्यूरेबल हो और लोग ज्यादा आसानी से उसका इस्तेमाल कर पाएं।

साथियों,

डिजास्टर मैनेजमेंट भी एक ऐसा विषय है जिस पर भारत ने दुनिया का ध्यान आकर्षित किया है। बड़े डिजास्टर में जीवन के साथ ही सबसे ज्यादा इंफ्रास्ट्रक्चर को नुकसान पहुंचता है। इसे समझते हुए भारत ने दो वर्ष पूर्व, संयुक्त राष्ट्र में, Coalition for Disaster Resilient Infrastructure- CDRI का आह्वान किया था। दुनिया के अनेक देश भी इससे जुड़ रहे हैं, डिजास्टर मैनेजमेंट को लेकर भारत की चिंता, भारत की पहल को समझ रहे हैं, आज दुनिया उसका स्वागत कर रही हैं। ऐसे समय में भारत के टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट्स उनपर भी नजरें ही स्वाभाविक हैं कि डिजास्टर रिजिलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण में दुनिया को क्या सॉल्यूशन दे सकते हैं। देश में आज जो छोटे-बड़े घरों का निर्माण होता है, इमारतों का निर्माण होता है, उसे हम टेक्नोलॉजी की मदद से डिजास्टर प्रूफ कैसे कर सकते हैं, इस बारे में हमें सोचना होगा। बड़े – बड़े ब्रिज बनते हैं। एक तूफान आ जाए सब तबाह हो जाता है। हमने अभी देखा उत्तराखंड में क्या हुआ। हम ऐसी व्यवस्थाएं कैसे विकसित करें।

साथियों,

गुरुदेव टैगोर ने कहा था- “Getting your nation means realising your own soul in an extended way. When we start recreating our nation through thought, work and service, then only can we see our own soul in our nation”. आज खड़गपुर सहित देश के पूरे IIT नेटवर्क से देश की ये अपेक्षा है कि वो अपनी भूमिका का विस्तार करे। आपके यहां तो पहले से ही इसके लिए एक समृद्ध इकोसिस्टम है। बल्कि इंडस्ट्री 4.0 के लिए भी यहां महत्वपूर्ण इनोवेशन पर बल दिया जा रहा है। AI से जुड़ी एकेडेमिक रिसर्च को इंडस्ट्रियल लेवल पर परिवर्तन करने के लिए आप काफी प्रयास कर रहे हैं। इंटरनेट ऑफ थिंग्स हो या फिर मॉडर्न कंस्ट्रक्शन टेक्नॉलॉजी, IIT खड़गपुर प्रशंसनीय काम कर रहा है। कोरोना से लड़ाई में भी आपके सॉफ्टवेयर समाधान देश के काम आ रहे हैं। अब आपको हेल्थ टेक के फ्यूचरिस्टिक सोल्यूशंस को लेकर भी तेज़ी से काम करना ही है। जब मैं हेल्थ टेक की बात करता हूं तो सिर्फ Data, Software और Hardware यानि गैजेट्स की ही बात नहीं करता, बल्कि एक इकोसिस्टम की बात करता हूं। Prevention से लेकर Cure तक के आधुनिक समाधान हमें देश को देने हैं। कोरोना के इस समय में हमने देखा है कि कैसे पर्सनल हेल्थकेयर Equipments एक बहुत बड़ा मार्केट बनकर उभरे हैं।लोग पहले थर्मामीटर और जरूरी दवाइयां तो घरों में रखते थे, लेकिन अब ब्लड प्रेशर चेक करने के लिए, शुगर चेक करने के लिए, ब्लड ऑक्सीजन चेक करने के लिए Equipments घर में रखते हैं। हेल्थ और फिटनेस से जुड़ी Equipments भी घरों में बढ़ रहे हैं। भारत में पर्सनल हेल्थकेयर Equipments, अफोर्डेबल हों, सटीक जानकारी देने वाले हों, इसके लिए भी हमें टेक्नोलॉजी की मदद से नए समाधान विकसित करने होंगे।

साथियों,

कोरोना के बाद बनी वैश्विक परिस्थितियों में साइंस, टेक्नॉलॉजी, रिसर्च और इनोवेशन में भारत एक बड़ा ग्लोबल प्लेयर बन सकता है। इसी सोच के साथ इस वर्ष के साइंस और रिसर्च के लिए बजट में भी बड़ी वृद्धि की गई है। पीएम रिसर्च फैलो स्कीम के माध्यम से भी आप जैसे टैलेंटेड साथियों के लिए रिसर्च का नया माध्यम उपलब्ध हुआ है। आपके आइडिया के Incubation के लिए Start up India मिशन से भी आपको मदद मिलेगी। कुछ दिन पहले ही एक और महत्वपूर्ण पॉलिसी रिफॉर्म किया गया है, जिसके बारे में मैं विशेष तौर पर आपको बताना चाहता हूं। सरकार ने मैप और Geospatial Data को कंट्रोल से मुक्त कर दिया है। इस कदम से Tech Startup Ecosystem को बहुत मजबूती मिलेगी। इस कदम से आत्मनिर्भर भारत का अभियान भी और तेज होगा। इस कदम से देश के युवा Start-ups और Innovators को नई आजादी मिलेगी।

साथियों,

मुझे बताया गया है कि जिमखाना में आप लोग कई सामाजिक, सांस्कृतिक, स्पोर्ट्स और दूसरी एक्टिविटीज़ में एक्टिव रूप से पार्टिसिपेट करते हैं। ये बहुत ज़रूरी है। हमारा ध्यान सिर्फ अपनी ही विशेषज्ञता तक सीमित नहीं रहना चाहिए। हमारे ज्ञान और नज़रिए का व्यापक विस्तार होना चाहिए। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी इसके लिए एक मल्टी-डिसिप्लीनरी अप्रोच का विजन रखा गया है। मुझे खुशी है कि IIT खड़गपुर इसमें पहले ही बेहतर काम कर रहा है। मैं IIT खड़गपुर को एक और बात के लिए भी बधाई दूंगा। आप अपने अतीत को, अपने पुरातन ज्ञान-विज्ञान को जिस प्रकार भविष्य के अपने इनोवेशन की ताकत के रूप में एक्स्प्लोर कर रहे हैं, वो वाकई प्रशंसनीय है। अपने वेदों से लेकर उपनिषदों और दूसरी संहिताओं में जो ज्ञान का खजाना है, उस पर आप एमपिरिकल स्टडी को भी प्रोत्साहित कर रहे हैं। मैं इसकी बहुत सराहना करता हूं।

साथियों,

इस साल भारत आज़ादी के 75वें वर्ष में प्रवेश करने वाला है। IIT खड़गपुर के लिए ये वर्ष इसलिए भी विशेष है क्योंकि ये स्थान, जहां आप साधना करते हैं, जहां आप जीवन को नया आयाम देते हैं। ये स्थान स्वतंत्रता आंदोलन के महान अतीत से जुड़ा रहा है। ये भूमि आंदोलन के युवा शहीदों की, टैगोर और नेताजी सुभाष चंद्र बोस की नैतिकता की साक्षी रही है। मेरा आपसे आग्रह है कि बीते सालों में जो 75 बड़े इनोवेशन, बड़े समाधान आईआईटी खड़गपुर से निकले हैं, उनका संकलन करें। उनको देश और दुनिया तक पहुंचाएं। अतीत की इन प्रेरणाओं से आने वाले वर्षों के लिए, देश को नया प्रोत्साहन मिलेगा, नौजवानों को नया आत्मविश्वास मिलेगा। आप आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ते रहेंगे, देश की अपेक्षाओं को कभी भुलेंगे नहीं। देश की आकांक्षाएं ही आज का आपका प्रमाणपत्र है। ये प्रमाणपत्र दीवार पर टिकाने के लिए या कैरियर के लिए सिर्फ भेजने के लिए नहीं है। ये जो आपको आज सर्टिफिकेट मिल रहा है। वो 130 करोड़ देश की आकांक्षाओं का एक प्रकार का मांग पत्र है, विश्वास पत्र है, आश्वासन पत्र है। मैं आपको आज के इस शुभ अवसर पर अनेक अनेक शुभकामनाएं देता हूं। आपके माता – पिता की आपके प्रति जो अपेक्षा है, आपके अध्यापकों ने जो आपके लिए मेहनत की है। ये सब कुछ आपके पुरुषार्थ से, आपके सपनों से, आपके संकल्प से, आपकी यात्रा से संतोष प्राप्त करेंगे। इसी अपेक्षा के साथ बहुत – बहुत शुभकामनाएं, बहुत - बहुत धन्यवाद !!

 

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November 23, 2024
आज महाराष्ट्र ने विकास, सुशासन और सच्चे सामाजिक न्याय की जीत देखी है: पीएम मोदी
महाराष्ट्र की जनता ने भाजपा को कांग्रेस और उसके सहयोगियों की कुल सीटों से कहीं ज़्यादा सीटें दी हैं: पीएम मोदी
महाराष्ट्र ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। यह पिछले 50 सालों में किसी भी पार्टी या चुनाव-पूर्व गठबंधन की सबसे बड़ी जीत है: पीएम मोदी
‘एक हैं तो सेफ हैं’ देश का ‘महामंत्र’ बन गया है: पार्टी मुख्यालय में भाजपा कार्यकर्ताओं से पीएम मोदी
महाराष्ट्र देश का छठा राज्य बन गया है जिसने लगातार तीसरी बार भाजपा को जनादेश दिया है: पीएम मोदी

जो लोग महाराष्ट्र से परिचित होंगे, उन्हें पता होगा, तो वहां पर जब जय भवानी कहते हैं तो जय शिवाजी का बुलंद नारा लगता है।

जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...

आज हम यहां पर एक और ऐतिहासिक महाविजय का उत्सव मनाने के लिए इकट्ठा हुए हैं। आज महाराष्ट्र में विकासवाद की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सुशासन की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सच्चे सामाजिक न्याय की विजय हुई है। और साथियों, आज महाराष्ट्र में झूठ, छल, फरेब बुरी तरह हारा है, विभाजनकारी ताकतें हारी हैं। आज नेगेटिव पॉलिटिक्स की हार हुई है। आज परिवारवाद की हार हुई है। आज महाराष्ट्र ने विकसित भारत के संकल्प को और मज़बूत किया है। मैं देशभर के भाजपा के, NDA के सभी कार्यकर्ताओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, उन सबका अभिनंदन करता हूं। मैं श्री एकनाथ शिंदे जी, मेरे परम मित्र देवेंद्र फडणवीस जी, भाई अजित पवार जी, उन सबकी की भी भूरि-भूरि प्रशंसा करता हूं।

साथियों,

आज देश के अनेक राज्यों में उपचुनाव के भी नतीजे आए हैं। नड्डा जी ने विस्तार से बताया है, इसलिए मैं विस्तार में नहीं जा रहा हूं। लोकसभा की भी हमारी एक सीट और बढ़ गई है। यूपी, उत्तराखंड और राजस्थान ने भाजपा को जमकर समर्थन दिया है। असम के लोगों ने भाजपा पर फिर एक बार भरोसा जताया है। मध्य प्रदेश में भी हमें सफलता मिली है। बिहार में भी एनडीए का समर्थन बढ़ा है। ये दिखाता है कि देश अब सिर्फ और सिर्फ विकास चाहता है। मैं महाराष्ट्र के मतदाताओं का, हमारे युवाओं का, विशेषकर माताओं-बहनों का, किसान भाई-बहनों का, देश की जनता का आदरपूर्वक नमन करता हूं।

साथियों,

मैं झारखंड की जनता को भी नमन करता हूं। झारखंड के तेज विकास के लिए हम अब और ज्यादा मेहनत से काम करेंगे। और इसमें भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता अपना हर प्रयास करेगा।

साथियों,

छत्रपति शिवाजी महाराजांच्या // महाराष्ट्राने // आज दाखवून दिले// तुष्टीकरणाचा सामना // कसा करायच। छत्रपति शिवाजी महाराज, शाहुजी महाराज, महात्मा फुले-सावित्रीबाई फुले, बाबासाहेब आंबेडकर, वीर सावरकर, बाला साहेब ठाकरे, ऐसे महान व्यक्तित्वों की धरती ने इस बार पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। और साथियों, बीते 50 साल में किसी भी पार्टी या किसी प्री-पोल अलायंस के लिए ये सबसे बड़ी जीत है। और एक महत्वपूर्ण बात मैं बताता हूं। ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा के नेतृत्व में किसी गठबंधन को लगातार महाराष्ट्र ने आशीर्वाद दिए हैं, विजयी बनाया है। और ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

साथियों,

ये निश्चित रूप से ऐतिहासिक है। ये भाजपा के गवर्नंस मॉडल पर मुहर है। अकेले भाजपा को ही, कांग्रेस और उसके सभी सहयोगियों से कहीं अधिक सीटें महाराष्ट्र के लोगों ने दी हैं। ये दिखाता है कि जब सुशासन की बात आती है, तो देश सिर्फ और सिर्फ भाजपा पर और NDA पर ही भरोसा करता है। साथियों, एक और बात है जो आपको और खुश कर देगी। महाराष्ट्र देश का छठा राज्य है, जिसने भाजपा को लगातार 3 बार जनादेश दिया है। इससे पहले गोवा, गुजरात, छत्तीसगढ़, हरियाणा, और मध्य प्रदेश में हम लगातार तीन बार जीत चुके हैं। बिहार में भी NDA को 3 बार से ज्यादा बार लगातार जनादेश मिला है। और 60 साल के बाद आपने मुझे तीसरी बार मौका दिया, ये तो है ही। ये जनता का हमारे सुशासन के मॉडल पर विश्वास है औऱ इस विश्वास को बनाए रखने में हम कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेंगे।

साथियों,

मैं आज महाराष्ट्र की जनता-जनार्दन का विशेष अभिनंदन करना चाहता हूं। लगातार तीसरी बार स्थिरता को चुनना ये महाराष्ट्र के लोगों की सूझबूझ को दिखाता है। हां, बीच में जैसा अभी नड्डा जी ने विस्तार से कहा था, कुछ लोगों ने धोखा करके अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की, लेकिन महाराष्ट्र ने उनको नकार दिया है। और उस पाप की सजा मौका मिलते ही दे दी है। महाराष्ट्र इस देश के लिए एक तरह से बहुत महत्वपूर्ण ग्रोथ इंजन है, इसलिए महाराष्ट्र के लोगों ने जो जनादेश दिया है, वो विकसित भारत के लिए बहुत बड़ा आधार बनेगा, वो विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि का आधार बनेगा।



साथियों,

हरियाणा के बाद महाराष्ट्र के चुनाव का भी सबसे बड़ा संदेश है- एकजुटता। एक हैं, तो सेफ हैं- ये आज देश का महामंत्र बन चुका है। कांग्रेस और उसके ecosystem ने सोचा था कि संविधान के नाम पर झूठ बोलकर, आरक्षण के नाम पर झूठ बोलकर, SC/ST/OBC को छोटे-छोटे समूहों में बांट देंगे। वो सोच रहे थे बिखर जाएंगे। कांग्रेस और उसके साथियों की इस साजिश को महाराष्ट्र ने सिरे से खारिज कर दिया है। महाराष्ट्र ने डंके की चोट पर कहा है- एक हैं, तो सेफ हैं। एक हैं तो सेफ हैं के भाव ने जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्र के नाम पर लड़ाने वालों को सबक सिखाया है, सजा की है। आदिवासी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, ओबीसी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, मेरे दलित भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, समाज के हर वर्ग ने भाजपा-NDA को वोट दिया। ये कांग्रेस और इंडी-गठबंधन के उस पूरे इकोसिस्टम की सोच पर करारा प्रहार है, जो समाज को बांटने का एजेंडा चला रहे थे।

साथियों,

महाराष्ट्र ने NDA को इसलिए भी प्रचंड जनादेश दिया है, क्योंकि हम विकास और विरासत, दोनों को साथ लेकर चलते हैं। महाराष्ट्र की धरती पर इतनी विभूतियां जन्मी हैं। बीजेपी और मेरे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज आराध्य पुरुष हैं। धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज हमारी प्रेरणा हैं। हमने हमेशा बाबा साहब आंबेडकर, महात्मा फुले-सावित्री बाई फुले, इनके सामाजिक न्याय के विचार को माना है। यही हमारे आचार में है, यही हमारे व्यवहार में है।

साथियों,

लोगों ने मराठी भाषा के प्रति भी हमारा प्रेम देखा है। कांग्रेस को वर्षों तक मराठी भाषा की सेवा का मौका मिला, लेकिन इन लोगों ने इसके लिए कुछ नहीं किया। हमारी सरकार ने मराठी को Classical Language का दर्जा दिया। मातृ भाषा का सम्मान, संस्कृतियों का सम्मान और इतिहास का सम्मान हमारे संस्कार में है, हमारे स्वभाव में है। और मैं तो हमेशा कहता हूं, मातृभाषा का सम्मान मतलब अपनी मां का सम्मान। और इसीलिए मैंने विकसित भारत के निर्माण के लिए लालकिले की प्राचीर से पंच प्राणों की बात की। हमने इसमें विरासत पर गर्व को भी शामिल किया। जब भारत विकास भी और विरासत भी का संकल्प लेता है, तो पूरी दुनिया इसे देखती है। आज विश्व हमारी संस्कृति का सम्मान करता है, क्योंकि हम इसका सम्मान करते हैं। अब अगले पांच साल में महाराष्ट्र विकास भी विरासत भी के इसी मंत्र के साथ तेज गति से आगे बढ़ेगा।

साथियों,

इंडी वाले देश के बदले मिजाज को नहीं समझ पा रहे हैं। ये लोग सच्चाई को स्वीकार करना ही नहीं चाहते। ये लोग आज भी भारत के सामान्य वोटर के विवेक को कम करके आंकते हैं। देश का वोटर, देश का मतदाता अस्थिरता नहीं चाहता। देश का वोटर, नेशन फर्स्ट की भावना के साथ है। जो कुर्सी फर्स्ट का सपना देखते हैं, उन्हें देश का वोटर पसंद नहीं करता।

साथियों,

देश के हर राज्य का वोटर, दूसरे राज्यों की सरकारों का भी आकलन करता है। वो देखता है कि जो एक राज्य में बड़े-बड़े Promise करते हैं, उनकी Performance दूसरे राज्य में कैसी है। महाराष्ट्र की जनता ने भी देखा कि कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल में कांग्रेस सरकारें कैसे जनता से विश्वासघात कर रही हैं। ये आपको पंजाब में भी देखने को मिलेगा। जो वादे महाराष्ट्र में किए गए, उनका हाल दूसरे राज्यों में क्या है? इसलिए कांग्रेस के पाखंड को जनता ने खारिज कर दिया है। कांग्रेस ने जनता को गुमराह करने के लिए दूसरे राज्यों के अपने मुख्यमंत्री तक मैदान में उतारे। तब भी इनकी चाल सफल नहीं हो पाई। इनके ना तो झूठे वादे चले और ना ही खतरनाक एजेंडा चला।

साथियों,

आज महाराष्ट्र के जनादेश का एक और संदेश है, पूरे देश में सिर्फ और सिर्फ एक ही संविधान चलेगा। वो संविधान है, बाबासाहेब आंबेडकर का संविधान, भारत का संविधान। जो भी सामने या पर्दे के पीछे, देश में दो संविधान की बात करेगा, उसको देश पूरी तरह से नकार देगा। कांग्रेस और उसके साथियों ने जम्मू-कश्मीर में फिर से आर्टिकल-370 की दीवार बनाने का प्रयास किया। वो संविधान का भी अपमान है। महाराष्ट्र ने उनको साफ-साफ बता दिया कि ये नहीं चलेगा। अब दुनिया की कोई भी ताकत, और मैं कांग्रेस वालों को कहता हूं, कान खोलकर सुन लो, उनके साथियों को भी कहता हूं, अब दुनिया की कोई भी ताकत 370 को वापस नहीं ला सकती।



साथियों,

महाराष्ट्र के इस चुनाव ने इंडी वालों का, ये अघाड़ी वालों का दोमुंहा चेहरा भी देश के सामने खोलकर रख दिया है। हम सब जानते हैं, बाला साहेब ठाकरे का इस देश के लिए, समाज के लिए बहुत बड़ा योगदान रहा है। कांग्रेस ने सत्ता के लालच में उनकी पार्टी के एक धड़े को साथ में तो ले लिया, तस्वीरें भी निकाल दी, लेकिन कांग्रेस, कांग्रेस का कोई नेता बाला साहेब ठाकरे की नीतियों की कभी प्रशंसा नहीं कर सकती। इसलिए मैंने अघाड़ी में कांग्रेस के साथी दलों को चुनौती दी थी, कि वो कांग्रेस से बाला साहेब की नीतियों की तारीफ में कुछ शब्द बुलवाकर दिखाएं। आज तक वो ये नहीं कर पाए हैं। मैंने दूसरी चुनौती वीर सावरकर जी को लेकर दी थी। कांग्रेस के नेतृत्व ने लगातार पूरे देश में वीर सावरकर का अपमान किया है, उन्हें गालियां दीं हैं। महाराष्ट्र में वोट पाने के लिए इन लोगों ने टेंपरेरी वीर सावरकर जी को जरा टेंपरेरी गाली देना उन्होंने बंद किया है। लेकिन वीर सावरकर के तप-त्याग के लिए इनके मुंह से एक बार भी सत्य नहीं निकला। यही इनका दोमुंहापन है। ये दिखाता है कि उनकी बातों में कोई दम नहीं है, उनका मकसद सिर्फ और सिर्फ वीर सावरकर को बदनाम करना है।

साथियों,

भारत की राजनीति में अब कांग्रेस पार्टी, परजीवी बनकर रह गई है। कांग्रेस पार्टी के लिए अब अपने दम पर सरकार बनाना लगातार मुश्किल हो रहा है। हाल ही के चुनावों में जैसे आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, हरियाणा और आज महाराष्ट्र में उनका सूपड़ा साफ हो गया। कांग्रेस की घिसी-पिटी, विभाजनकारी राजनीति फेल हो रही है, लेकिन फिर भी कांग्रेस का अहंकार देखिए, उसका अहंकार सातवें आसमान पर है। सच्चाई ये है कि कांग्रेस अब एक परजीवी पार्टी बन चुकी है। कांग्रेस सिर्फ अपनी ही नहीं, बल्कि अपने साथियों की नाव को भी डुबो देती है। आज महाराष्ट्र में भी हमने यही देखा है। महाराष्ट्र में कांग्रेस और उसके गठबंधन ने महाराष्ट्र की हर 5 में से 4 सीट हार गई। अघाड़ी के हर घटक का स्ट्राइक रेट 20 परसेंट से नीचे है। ये दिखाता है कि कांग्रेस खुद भी डूबती है और दूसरों को भी डुबोती है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ी, उतनी ही बड़ी हार इनके सहयोगियों को भी मिली। वो तो अच्छा है, यूपी जैसे राज्यों में कांग्रेस के सहयोगियों ने उससे जान छुड़ा ली, वर्ना वहां भी कांग्रेस के सहयोगियों को लेने के देने पड़ जाते।

साथियों,

सत्ता-भूख में कांग्रेस के परिवार ने, संविधान की पंथ-निरपेक्षता की भावना को चूर-चूर कर दिया है। हमारे संविधान निर्माताओं ने उस समय 47 में, विभाजन के बीच भी, हिंदू संस्कार और परंपरा को जीते हुए पंथनिरपेक्षता की राह को चुना था। तब देश के महापुरुषों ने संविधान सभा में जो डिबेट्स की थी, उसमें भी इसके बारे में बहुत विस्तार से चर्चा हुई थी। लेकिन कांग्रेस के इस परिवार ने झूठे सेक्यूलरिज्म के नाम पर उस महान परंपरा को तबाह करके रख दिया। कांग्रेस ने तुष्टिकरण का जो बीज बोया, वो संविधान निर्माताओं के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है। और ये विश्वासघात मैं बहुत जिम्मेवारी के साथ बोल रहा हूं। संविधान के साथ इस परिवार का विश्वासघात है। दशकों तक कांग्रेस ने देश में यही खेल खेला। कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए कानून बनाए, सुप्रीम कोर्ट के आदेश तक की परवाह नहीं की। इसका एक उदाहरण वक्फ बोर्ड है। दिल्ली के लोग तो चौंक जाएंगे, हालात ये थी कि 2014 में इन लोगों ने सरकार से जाते-जाते, दिल्ली के आसपास की अनेक संपत्तियां वक्फ बोर्ड को सौंप दी थीं। बाबा साहेब आंबेडकर जी ने जो संविधान हमें दिया है न, जिस संविधान की रक्षा के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। संविधान में वक्फ कानून का कोई स्थान ही नहीं है। लेकिन फिर भी कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए वक्फ बोर्ड जैसी व्यवस्था पैदा कर दी। ये इसलिए किया गया ताकि कांग्रेस के परिवार का वोटबैंक बढ़ सके। सच्ची पंथ-निरपेक्षता को कांग्रेस ने एक तरह से मृत्युदंड देने की कोशिश की है।

साथियों,

कांग्रेस के शाही परिवार की सत्ता-भूख इतनी विकृति हो गई है, कि उन्होंने सामाजिक न्याय की भावना को भी चूर-चूर कर दिया है। एक समय था जब के कांग्रेस नेता, इंदिरा जी समेत, खुद जात-पात के खिलाफ बोलते थे। पब्लिकली लोगों को समझाते थे। एडवरटाइजमेंट छापते थे। लेकिन आज यही कांग्रेस और कांग्रेस का ये परिवार खुद की सत्ता-भूख को शांत करने के लिए जातिवाद का जहर फैला रहा है। इन लोगों ने सामाजिक न्याय का गला काट दिया है।

साथियों,

एक परिवार की सत्ता-भूख इतने चरम पर है, कि उन्होंने खुद की पार्टी को ही खा लिया है। देश के अलग-अलग भागों में कई पुराने जमाने के कांग्रेस कार्यकर्ता है, पुरानी पीढ़ी के लोग हैं, जो अपने ज़माने की कांग्रेस को ढूंढ रहे हैं। लेकिन आज की कांग्रेस के विचार से, व्यवहार से, आदत से उनको ये साफ पता चल रहा है, कि ये वो कांग्रेस नहीं है। इसलिए कांग्रेस में, आंतरिक रूप से असंतोष बहुत ज्यादा बढ़ रहा है। उनकी आरती उतारने वाले भले आज इन खबरों को दबाकर रखे, लेकिन भीतर आग बहुत बड़ी है, असंतोष की ज्वाला भड़क चुकी है। सिर्फ एक परिवार के ही लोगों को कांग्रेस चलाने का हक है। सिर्फ वही परिवार काबिल है दूसरे नाकाबिल हैं। परिवार की इस सोच ने, इस जिद ने कांग्रेस में एक ऐसा माहौल बना दिया कि किसी भी समर्पित कांग्रेस कार्यकर्ता के लिए वहां काम करना मुश्किल हो गया है। आप सोचिए, कांग्रेस पार्टी की प्राथमिकता आज सिर्फ और सिर्फ परिवार है। देश की जनता उनकी प्राथमिकता नहीं है। और जिस पार्टी की प्राथमिकता जनता ना हो, वो लोकतंत्र के लिए बहुत ही नुकसानदायी होती है।

साथियों,

कांग्रेस का परिवार, सत्ता के बिना जी ही नहीं सकता। चुनाव जीतने के लिए ये लोग कुछ भी कर सकते हैं। दक्षिण में जाकर उत्तर को गाली देना, उत्तर में जाकर दक्षिण को गाली देना, विदेश में जाकर देश को गाली देना। और अहंकार इतना कि ना किसी का मान, ना किसी की मर्यादा और खुलेआम झूठ बोलते रहना, हर दिन एक नया झूठ बोलते रहना, यही कांग्रेस और उसके परिवार की सच्चाई बन गई है। आज कांग्रेस का अर्बन नक्सलवाद, भारत के सामने एक नई चुनौती बनकर खड़ा हो गया है। इन अर्बन नक्सलियों का रिमोट कंट्रोल, देश के बाहर है। और इसलिए सभी को इस अर्बन नक्सलवाद से बहुत सावधान रहना है। आज देश के युवाओं को, हर प्रोफेशनल को कांग्रेस की हकीकत को समझना बहुत ज़रूरी है।

साथियों,

जब मैं पिछली बार भाजपा मुख्यालय आया था, तो मैंने हरियाणा से मिले आशीर्वाद पर आपसे बात की थी। तब हमें गुरूग्राम जैसे शहरी क्षेत्र के लोगों ने भी अपना आशीर्वाद दिया था। अब आज मुंबई ने, पुणे ने, नागपुर ने, महाराष्ट्र के ऐसे बड़े शहरों ने अपनी स्पष्ट राय रखी है। शहरी क्षेत्रों के गरीब हों, शहरी क्षेत्रों के मिडिल क्लास हो, हर किसी ने भाजपा का समर्थन किया है और एक स्पष्ट संदेश दिया है। यह संदेश है आधुनिक भारत का, विश्वस्तरीय शहरों का, हमारे महानगरों ने विकास को चुना है, आधुनिक Infrastructure को चुना है। और सबसे बड़ी बात, उन्होंने विकास में रोडे अटकाने वाली राजनीति को नकार दिया है। आज बीजेपी हमारे शहरों में ग्लोबल स्टैंडर्ड के इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। चाहे मेट्रो नेटवर्क का विस्तार हो, आधुनिक इलेक्ट्रिक बसे हों, कोस्टल रोड और समृद्धि महामार्ग जैसे शानदार प्रोजेक्ट्स हों, एयरपोर्ट्स का आधुनिकीकरण हो, शहरों को स्वच्छ बनाने की मुहिम हो, इन सभी पर बीजेपी का बहुत ज्यादा जोर है। आज का शहरी भारत ईज़ ऑफ़ लिविंग चाहता है। और इन सब के लिये उसका भरोसा बीजेपी पर है, एनडीए पर है।

साथियों,

आज बीजेपी देश के युवाओं को नए-नए सेक्टर्स में अवसर देने का प्रयास कर रही है। हमारी नई पीढ़ी इनोवेशन और स्टार्टअप के लिए माहौल चाहती है। बीजेपी इसे ध्यान में रखकर नीतियां बना रही है, निर्णय ले रही है। हमारा मानना है कि भारत के शहर विकास के इंजन हैं। शहरी विकास से गांवों को भी ताकत मिलती है। आधुनिक शहर नए अवसर पैदा करते हैं। हमारा लक्ष्य है कि हमारे शहर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शहरों की श्रेणी में आएं और बीजेपी, एनडीए सरकारें, इसी लक्ष्य के साथ काम कर रही हैं।


साथियों,

मैंने लाल किले से कहा था कि मैं एक लाख ऐसे युवाओं को राजनीति में लाना चाहता हूं, जिनके परिवार का राजनीति से कोई संबंध नहीं। आज NDA के अनेक ऐसे उम्मीदवारों को मतदाताओं ने समर्थन दिया है। मैं इसे बहुत शुभ संकेत मानता हूं। चुनाव आएंगे- जाएंगे, लोकतंत्र में जय-पराजय भी चलती रहेगी। लेकिन भाजपा का, NDA का ध्येय सिर्फ चुनाव जीतने तक सीमित नहीं है, हमारा ध्येय सिर्फ सरकारें बनाने तक सीमित नहीं है। हम देश बनाने के लिए निकले हैं। हम भारत को विकसित बनाने के लिए निकले हैं। भारत का हर नागरिक, NDA का हर कार्यकर्ता, भाजपा का हर कार्यकर्ता दिन-रात इसमें जुटा है। हमारी जीत का उत्साह, हमारे इस संकल्प को और मजबूत करता है। हमारे जो प्रतिनिधि चुनकर आए हैं, वो इसी संकल्प के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें देश के हर परिवार का जीवन आसान बनाना है। हमें सेवक बनकर, और ये मेरे जीवन का मंत्र है। देश के हर नागरिक की सेवा करनी है। हमें उन सपनों को पूरा करना है, जो देश की आजादी के मतवालों ने, भारत के लिए देखे थे। हमें मिलकर विकसित भारत का सपना साकार करना है। सिर्फ 10 साल में हमने भारत को दुनिया की दसवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी से दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी बना दिया है। किसी को भी लगता, अरे मोदी जी 10 से पांच पर पहुंच गया, अब तो बैठो आराम से। आराम से बैठने के लिए मैं पैदा नहीं हुआ। वो दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर रहेगा। हम मिलकर आगे बढ़ेंगे, एकजुट होकर आगे बढ़ेंगे तो हर लक्ष्य पाकर रहेंगे। इसी भाव के साथ, एक हैं तो...एक हैं तो...एक हैं तो...। मैं एक बार फिर आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, देशवासियों को बधाई देता हूं, महाराष्ट्र के लोगों को विशेष बधाई देता हूं।

मेरे साथ बोलिए,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय!

वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम ।

बहुत-बहुत धन्यवाद।