Quoteपश्चिम बंगाल में हुए पंचायत चुनावों के दौरान हिंसा लोकतंत्र की हत्या है: पीएम मोदी
Quoteपश्चिम बंगाल में हुए पंचायत चुनावों के दौरान हिंसा से टीएमसी को छोड़ सभी दल पीड़ित थे, यह दुर्भाग्यपूर्ण है: प्रधानमंत्री
Quoteप्रधानमंत्री मोदी ने भाजपा अध्यक्ष और कर्नाटक भाजपा के कार्यकर्ताओं को उनकी कड़ी मेहनत के लिए सराहना की
Quoteपीएम मोदी ने कर्नाटक के लोगों को आश्वस्त किया कि बीजेपी राज्य की प्रगति के लिए काम करेगी

जिनके अथक परिश्रम से और उत्तम से उत्तम रणनीति के कारण भारतीय जनता पार्टी लगातार विजयी होती चली जा रही है, नए-नए विक्रम प्रस्थापित करते जा रहे हैं, वैसे हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष आदरणीय अमित भाई शाह। मंच पर विराजमान भारतीय जनता पार्टी के सभी वरिष्ठ नेतागण और कार्यकर्ता भाइयो और बहनो।

मैं आपके बीच खड़ा हूं। एक तरफ खुशी समाती नहीं है। दूसरी तरफ मन एक भारी बोझ में भी दबा हुआ है। अभी कुछ ही समय पहले वाराणसी मेरे लोकसभा क्षेत्र में एक फ्लाईओवर का हादसा होने के कारण अनेक लोग जो बस में यात्रा कर रहे थे, गाड़ी लेके जा रहे थे, वे उसके नीचे दब गए हैं। कई की मृत्यु हुई है। मुख्यमंत्री जी से भी मेरी बात हुई, अधिकारियों से भी बात हुई। मदद की जितनी भी साधनों को मोबलाइज किया जा सकता है, किया है। बचाने के लिए भरपूर कोशिश हो रही है। लेकिन एक तरफ कर्नाटक की विजय की खुशी और दूसरी तरफ मन पर यह भारी बोझ ...।

बहुत स्वभाविक है कि हिन्दुस्तान के किसी भी कोने में इस प्रकार का हादसा बेचैन बना देता है। जिन परिवारों ने स्वजन खोए हैं, उनके प्रति संवेदना प्रकट करता हूं। और मुख्यमंत्री जी को मैंने कहा है कि भारत सरकार की तरफ से तत्काल जो भी मदद की आवश्यकता हैं, हम पहुंचा रहे हैं। वहां जो भी व्यवस्था है, आर्मी समेत सबको मोबलाइज किया है।

भाइयो बहनो।

कर्नाटक का विजय असामान्य विजय है। अभूतपूर्व विजय है। क्योंकि देश में ऐसी छवि बना दी गई कि भारतीय जनता पार्टी याने उत्तर भारत की पार्टी, हिन्दी भाषी पार्टी। न गुजरात हिन्दी भाषी है, न महाराष्ट्र हिन्दी भाषी है, न गोवा हिन्दी भाषी है, न असम हिन्दी भाषी है, न नोर्थ ईस्ट का राज्य हिन्दी भाषी है। लेकिन एक परसेप्शन क्रिएट कर दिया जाता है। एक झूठ फैलाने वाले बार-बार ऐसा झूठ फैलाते हैं कि कोई फिर सोचने के लिए तैयार नहीं होता है। इस प्रकार विकृत सोच रखने वाले लोगों को कर्नाटक की जनता बड़ा झटका दिया है। यह हिन्दुस्तान के हर कोने में फैली हुई, हर क्षेत्र की लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए समर्पित पार्टी है। एक भारत श्रेष्ठ भारत को लेकरके चलने वाली पार्टी है।

इस चुनाव में ये देश कभी नहीं सोच सकता है कि आजादी के इतने सालों तक आजादी के बाद, जो दल केंद्रवर्ती पार्टी रहा, इतने वर्षों तक राज किया, देश को चलाया। अनेक दिग्गज नेता पैदा हुए। कोई सोच नहीं सकता था कि ये दल सिर्फ और सिर्फ चुनावी राजनीति के लिए, अपने क्षुद्र स्वार्थ के लिए भारत के संविधान को, भारत के फेडरल स्ट्रक्चर को, भारतीय फेडरलिज्म की भावना को चोट पहुंचाने की हीन कृत्य करे। नोर्थ और साउथ की लड़ाई लड़वाना, केंद्र और राज्य के बीच तनाव पैदा करने वाली बातें करना, चुनाव तो आते जाएंगे। जीत हार चलती रहती है लेकिन देश के मूलभूत अधिष्ठानों पर गांठ होना, बहुत बड़ी चिंता का विषय है।

इस चुनाव ने मेरे मन को भी बहुत प्रभावित किया है। क्योंकि मुझे हिन्दुस्तान में हर राज्य में जब संगठन का काम करता था तब भी जाने का अवसर मिलता था। मुख्यमंत्री के नाते गुजरात में था, तब भी देश का भ्रमण करने का अवसर मिल रहा था। 2014 लोकसभा के चुनाव के समय भी जाने का अवसर मिला ज्यादातर। हमेशा कुछ राज्यों में मन पर एक बोझ रहता था कि मुझे उस राज्य की भाषा नहीं आती है। भाषा का ज्ञान का मेरा अभाव ...। मुझे हमेशा रहता है कि मैं अपनी बात कैसे बताऊंगा। लेकिन कर्नाटक की जनता ने मुझे इतना प्यार दिया, इतना प्यार दिया कि भाषा कहीं बीच में आई ही नहीं। ये एक अद्भूत अनुभव था, अद्भूत अनुभव।

और मैं भी चाहता हूं इस देश में, इस तरह की विघटन करने वाली प्रवृत्तियां, उसको मोदी पसंद हो या न हो, छोड़ दो। लेकिन देश की जनता की मिजाज को समझो। वो हिन्दुस्तान के लिए जी जान से जीने मरने वाले हर कोने में लोग हैं। हर भाषा-भाषी लोग हैं। ये मेरे देश के लिए गर्व की बात है। कर्नाटक के लोग, गांव के लोग, सुनने के लिए तैयार नहीं। जो भाषा बोल सकते हो, बोलिए आप। हम बैठे हैं। 40-45 डिग्री का टेम्पेरचर, लोग जाने का नाम नहीं। ये जनता जनार्धन भगवान का रूप होता है। जब आशीर्वाद दे तो एक नई ऊर्जा पैदा होती है। मैं कर्नाटक की जनता को बहुत बधाई देता हूं।

जो लोग हर चुनाव में ...। हर चुनाव 2019 का चुनाव माना जाता है हमारे देश में। हमारे हर कार्यक्रम को 2019 का बिगुल बजाने आए हैं, ऐसा बताया जाता है। ये लगातार सुनता रहता हूं। कितने बिगुल बजते हैं, कहां-कहां बजते हैं, पता नहीं चलता है। लेकिन शायद उनकी मर्यादाएं हैं सोचने की, वो सीमित भाषा में बोलते रहते हैं, लिखते रहते हैं। लेकिन मैं ये कहूंगा कि कर्नाटक के अंदर जिस प्रकार से कार्यकर्ताओं ने परिश्रम किया है, मेहनत की है, उनको सौ-सौ सलाम है दोस्तों।

और संगठन की शक्ति से, संगठन की शक्ति से किस प्रकार से चुनाव लड़ा जाता है। और राष्ट्रीय अध्यक्ष जी का कार्यक्रम देखेंगे तो कैसे उन्होंने कर्नाटक में काम किया है। मैं नहीं मानता हूं कि कार्यकर्ता के रूप में हमें कैसे कार्य करना चाहिए। इसको सीखने के लिए किसी अभ्यास वर्ग में जाने की जरूरत पड़ेगी। केवल इतना हम अध्ययन करें फिजिकली हमने कितना काम किया है। बारीकियां न समझो तो न समझो। अपने आप में एक बड़ा रिकॉर्ड है जी। आखिरकार परिश्रम रंग लाता है। पसीने की एक महक होती है, वो महक भी कमल को खिलाती है जी।

मैं कर्नाटक की जनता को, वहां के कार्यकर्ता को ह्रदयपूर्वक बधाई देता हूं और कर्नाटक के उज्ज्वल भविष्य में भारतीय जनता पार्टी कहीं पीछे नहीं रहेगी। ये मैं कर्नाटक की जनता को विश्वास दिलाना चाहता हूं।

आज मैं एक और बात भी करना चाहता हूं। मैंने काशी की बात की। मेरे मन पर एक बोझ है। दूसरी तरफ विजय का आनंद है। लेकिन और एक घटना, जिसको इस देश को गंभीरता से देखना पड़ेगा। कल पूरा दिन देशभर ने टीवी पर देखा होगा ...। पश्चिम बंगाल के पंचायत के चुनाव में लोकतंत्र की जिस प्रकार से हत्या की गई है। नामांकन से लेकर मतदान तक कहीं लोकतंत्र को स्वीकृति नहीं। कोई नामांकन न भर पाए, निर्विरोध चुनाव के लिए प्रबंध हो। बैलेट बॉक्स तालाब में से निकले।

बहुत बड़ी तादात में निर्दोष कार्यकर्ताओं की हत्याएं हो। सिर्फ बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्या हुई है ऐसा नहीं है। वहां के शासक दल को छोड़कर सबको मुसीबतें झेलनी पड़ी है। कोई बाकी नहीं है। ये लोकतंत्र के खिलाफ जो कुछ भी हुआ है। बहुत चिंता का विषय है। और बंगाल पूरी पिछली शताब्दी देख लीजिए। देश को हर मोड़ पर मार्गदर्शन करने का काम बंगाल की धरती से हुआ है। बंगाल कहते ही गर्व की अनुभूति करते हैं। ऐसे महान लोगों की धरती ...। राजनीतिक स्वार्थ के लिए लहुलूहान कर दिया गया है।

भाइयो बहनो।

चुनाव कौन जीतता है, कौन हारता है। ये बाद की चीज है। लोकतंत्र के सीने में जो घाव पड़े हैं। उससे उबरने के लिए सभी राजनीतिक दलों ने, सिविल सोसाइटी को, देश की ज्यूडिशरी को कोई न कोई सक्रिय भूमिका अदा करनी ही होगी। ऐसा मुझे साफ नजर आ रहा है। मैं किसी दल पर आरोप लगाने के लिए खड़ा नहीं हुआ हूं। मेरी चिंता लोकतंत्र है।

जैसा अमित भाई ने बताया कि वहां कर्नाटक में दूसरे तरीके अपनाए गए। नए तरीके अपनाए गए। कुछ पकड़ा गया, कुछ नहीं पकड़ाया। ये तौर तरीके चिंता का विषय है।

लेकिन इन सबके बावजूद भी आज देश गर्व कर सकता है कि भारतीय जनता पार्टी एक पार्टी है जो भीतर से लोकतांत्रिक प्रक्रिया से चलती है। जो लोकतंत्र के लिए समर्पित है जो लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए हर कोशिश कर रही है।

मैं फिर एक बार कर्नाटक के लोगों को विश्वास दिलाता हूं कि ये देश कर्नाटक की विकास यात्रा में कंधे से कंधा मिलाकरके साथ चलेगा। भारतीय जनता पार्टी कर्नाटक की विकास यात्रा को रौंदने नहीं देगी, ये मैं कर्नाटक की जनता को विश्वास दिलाता हूं। मैं फिर एक बार अमित भाई, राष्ट्रीय पदाधिकारी, देशभर से कार्यकर्ताओं ने जो कुछ योगदान दिया, वो सब, राष्ट्रीय नेतृत्व, पार्टी के सभी कार्यकर्ता, हर किसी को अंत:करण पूर्वक बहुत-बहुत बधाई देता हूं। बहुत-बहुत धन्यवाद।

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PM to participate in YUGM Conclave on 29th April
April 28, 2025
QuoteIn line with Prime Minister’s vision of a self-reliant and innovation-led India, key projects related to Innovation will be initiated during the Conclave
QuoteConclave aims to catalyze large-scale private investment in India’s innovation ecosystem
QuoteDeep Tech Startup Showcase at the Conclave will feature cutting-edge innovations from across India

Prime Minister Shri Narendra Modi will participate in YUGM Conclave on 29th April, at around 11 AM, at Bharat Mandapam, New Delhi. He will also address the gathering on the occasion.

YUGM (meaning “confluence” in Sanskrit) is a first-of-its-kind strategic conclave convening leaders from government, academia, industry, and the innovation ecosystem. It will contribute to India's innovation journey, driven by a collaborative project of around Rs 1,400 crore with joint investment from the Wadhwani Foundation and Government Institutions.

In line with Prime Minister’s vision of a self-reliant and innovation-led India, various key projects will be initiated during the conclave. They include Superhubs at IIT Kanpur (AI & Intelligent Systems) and IIT Bombay (Biosciences, Biotechnology, Health & Medicine); Wadhwani Innovation Network (WIN) Centers at top research institutions to drive research commercialization; and partnership with Anusandhan National Research Foundation (ANRF) for jointly funding late-stage translation projects and promoting research and innovation.

The conclave will also include High-level Roundtables and Panel Discussions involving government officials, top industry and academic leaders; action-oriented dialogue on enabling fast-track translation of research into impact; a Deep Tech Startup Showcase featuring cutting-edge innovations from across India; and exclusive networking opportunities across sectors to spark collaborations and partnerships.

The Conclave aims to catalyze large-scale private investment in India’s innovation ecosystem; accelerate research-to-commercialization pipelines in frontier tech; strengthen academia-industry-government partnerships; advance national initiatives like ANRF and AICTE Innovation; democratize innovation access across institutions; and foster a national innovation alignment toward Viksit Bharat@2047.