Quoteउत्तर प्रदेश में दूसरे चरण का मतदान भाजपा के फिर से सत्ता में लौटने की ओर इशारा करता है: पीएम मोदी
Quoteइस साल होली 10 मार्च को मनाई जाएगी, जब हम राज्य में सत्ता बरकरार रखेंगे: कानपुर देहात में पीएम मोदी
Quoteकानपुर देहात में चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यूपी में फिर परिवारवाद की हार होगी।

नमस्कार। भारत माता की… भारत माता की…

मैं सोच रहा था, इतने दिनों से आप सब चुनाव अभियान में लगे हैं, लेकिन मैं देख रहा हूं आपकी ऊर्जा भी बढ़ रही है, उत्साह भी बढ़ रहा है। दिसंबर के महीने में मैं कानपुर शहर में मेट्रो का लोकार्पण करने के लिए आया था। और मैंने देखा हजारों-हजार लोग, माताएं-बहनें, मुझे आशीर्वाद देने के लिए आए हुए थे। आज कानपुर देहात भी हम सभी पर ऐसा ही स्नेह दिखा रहा है। आपका ये प्यार ही मुझे निरंतर प्रेरित करता है कि आपके लिए दिन-रात मेहनत करूं, दिन-रात मैं आपके लिए खुद को खपाता रहूं।

साथियों, 

कानपुर, कानपुर देहात, बिठूर की इस पावन धरती में हमें गुरु परंपरा से लेकर आजादी तलक हर प्रकार का जीवन में एक ललक, जोश में कमिटमेंट हमें नजर आता है। आज हमारे साथ जालौन के भी लोग वर्चुअली जुड़े हुए हैं। हाथ से बने रंग-बिरंगे कागज़ों के लिए प्रसिद्ध जालौन की धरती को भी मैं प्रणाम करता हूं! मैं कानपुर देहात का एक और वजह से बहुत आभारी हूं। कानपुर देहात ने अपने सपूत को देश के सर्वोच्च पद पर भेजा है। मैं जब भी राष्ट्रपति जी से मिलने जाता हूं, तो वो मुझसे आप लोगों के बारे में, कानपुर देहात जिले के जीवन के बारे में बात इतनी बातें बताते है इतनी बातें बताते हैं। उनके दिल में आपके लिए जो प्यार है, वो उनकी बातों से आसानी से समझ में आता है। 

साथियों, 

आज उत्तर प्रदेश में दूसरे चरण और उत्तराखंड में और गोवा में मतदान हो रहा है। मैं सभी मतदाताओं, विशेषकर फर्स्ट टाइम वोटर्स से आग्रह करता हूं कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में वोट देने का उनका ये पहली बार मौका, उस मौके को  जाने न दें ताकि अपने जीवन में उनको याद रहेगा कि कितनी छोटी उम्र में वोट डाला था। आज उत्तराखंड में भी चुनाव हो रहा है, आज गोवा में भी चुनाव हो रहा है और अब जब गोवा में चुनाव हो रहा है तो मैं देश के मतदाताओं के सामने और विशेषकर जहां चुनाव चल रहा है वहां के मतदाताओं को भी एक बात से अवगत कराना चाहता हूं। मैंने कल गोवा के एक अखबार का इंटरव्यू देखा। देखिये चुनाव गोवा में चल रहा है और टीएमसी ममता बनर्जी की पार्टी उनके एक नेता उसने गोवा में वो चुनाव पहली बार लड़ रहे हैं और उनको पूछा गया कि यहां आपकी पार्टी का कोई वजूद तो है नहीं, आप यहां चुनाव लड़ने क्यों आए हो, तो उन्होंने क्या जवाब दिया वो जवाब देश के इलेक्शन कमीशन के लिए भी गौर करने जैसा है, हिंदूस्तान के मतदाताओं को भी गौर करने जैसा है और मेरे उत्तर प्रदेश के मतदाताओं को भी गौर करने जैसा है। बंगाल की टीएमसी पार्टी जो गोवा में चुनाव लड़ने गई है। वो कहती है हमनें तो उस पार्टी से इसलिए गठबंधन किया है क्योंकि हम गोवा में हिंदू वोटों को बांटना चाहते हैं। आप देखिेये ये हिम्मत क्या ये लोकतंत्र है, सेक्यूलरजिज्म है क्या? आप खुलेआम कहें हम हिंदू वोटों को बांटना चाहते हैं तो आप किसके वोट इकट्ठा करना चाहते हो ये भेदभाव, क्या ये भाषा लोकतंत्र की है क्या? मैं गोवा के मतदाताओं को कहना चाहता हूं। ये मौका है इस प्रकार की राजनीति को दफना देने का। 

मेरे प्यारे साथियों,  

उत्तर प्रदेश में दूसरे चरण का जो ट्रेंड आया है और पहले चरण की वोटिंग जो  हुई है, इसने चार बातें बहुत साफ कर दी है। पहला, भाजपा की सरकारयोगी जी की सरकार फिर से आ रही हैजोर-शोर से आ रही हैगाजे-बाजे के साथ आ रही है। दूसरा, हर जातिहर विरादरी के लोग और हर वर्ग के लोग बिना बंटे गांव हो या शहर बिना बंटे, आज बिना किसी भ्रम में पड़े एकजुट होकर यूपी के तेज विकास के लिए वोटिंग करके पहले फेज में बीजेपी को बहुत आगे बढ़ा दिया है और दूसरा फेज भी बढ़ रहा है। तीसरा, हमारी माताओं-बहनों ने हमारी बेटियों ने बीजेपी की जीत का झंडा खुद उठा लिया है।  माताओं और बहनों ने सुरक्षा के नाम परसम्मानपूर्वक जो जिंदगी मिल रही है उसके लिए माताओं और बहनों ने बीजेपी को जिताने का झंडा उठा लिया है। चौथा, ये पहले दो चरण के आधार पर मैं विश्वास से कह रहा हूं। चौथा, मेरी मुस्लिम बहनेंचुपचाप बिना किसी शोर-सराबे के मन बनाकर मोदी को आशीर्वाद देने के लिए घर से निकल रही है। हमारी मुस्लिम महिलाएंहमारी मुस्लिम बहनें-बेटियां जानती हैं कि जो सुख-दुख में काम आता है वही अपना होता है। इन चार बातों ने इन घोर परिवारवादी लोगों को चारों खाने पर चित्त कर दिया है भाइयों। उनको पराजित कर दिया है। यूपी के लोगों ने इन्हें 2014 में हराया है, सत्रह में फिर से हराया है, उन्नीस में फिर एक बार हराया, और अब बाइस में भी घोर परिवारवादी फिर से हारेंगे। इस बार उत्तर प्रदेश में रंगों वाली होली 10 दिन पहले ही मनाई जाएगी, 10 मार्च को ही जब चुनाव नतीजे आएंगे धूमधाम से रंगों वाली होली शुरू हो जाएगी, भाजपा की प्रचंड जीत की खुशी में मनेगी। हर बार ये लोग चुनाव में आते हैं तो नया पार्टनर लेकर के आते हैं, नया साथी लेकर के आते हैं। नए साथी के कंधों के भरोसे चलने की कोशिश करते हैं। आप ऐसे लोगों पर विश्वास करेंगे। ये हर चुनाव में जिस साथी को लाते हैं उसको भी धक्का मारकर निकाल देते हैं। दूसरे चुनाव में दूसरा साथी लाते हैं तीसरे चुनाव में तीसरा साथी लाते हैं। जो साथी बदलते हैं वो आपका साथ देंगे क्या? वो आपका साथ देंगे क्या? जो चुनाव में साथ जीएंगे साथ मरेंगे के वायदे करते हैं चुनाव समाप्त होते ही लात मार देते हैं वो आपका भला करेंगे क्या? अरे जो अपने साथियों पर भरोसा नहीं करते वो आप पर भरोसा करेंगे क्या? आपका भला करेंगे क्या? आपका साथ देंगे क्या? ऐसे लोगों पर हम भरोसा कर सकते हैं क्या? ऐसे लोगों के साथ हम चल सकते हैं क्या? जो सिर्फ घोर परिवार का भला करना चाहते हैं वो यहां के युवाओं का भला करेंगे क्या? यहां की माताओं-बहनों का भला करेंगे क्या? यहां की बेटियों का भला करेंगे क्या? और इसलिए भाइयों-बहनों मैं आपसे आग्रह करने आया हूं। सारी समस्याओं का समाधान विकास में ही है। हमें विकास के रास्ते पर चलना है। मतदाताओं को गुमराह करते हैं और पराजय के बाद में, हार का ठीकरा, जिसको साथ में ले आए हैं उन्हीं के गले पर मढ़ देते हैं जी। आप देखिए, 10 मार्च के बाद कैसे ये लोग अपने नए साथी को कोसना शुरू करेंगे। दोनों एक-दूसरे को, तू-तू मैं-मैं करेंगे।  

साथियों,

पहले की सरकारों ने यूपी के सामर्थ्य के साथ इंसाफ नहीं किया। उन लोगों ने यूपी को लूटा, दिन रात लूटा और यहां के लोगों को अपराधियों-दंगाइयों-माफियाओं के हवाले कर दिया। ऐसा हुआ था कि नहीं हुआ था? आप ऐसी मुसीबतों में जीते थे कि नहीं जीते थे? असुरक्षा थी कि नहीं थी? इन लोगों ने तरीका ऐसा बनाया था कि परिवार के हर सदस्य को इनके राज करने का तरीका मालूम है न आपको, घोर परिवारवादी जब राज करते थे परिवार के सदस्यों को अलग-अलग इलाका बांट देते थे। भतीजा इस जिसे में से रुपये कमाएगा, भांजा यहां से लूटेगा, बहन उस इलाके की मालिक, चाचा उस इलाके का मालिक। उन्होंने इलाके बांट दिए थे कि नहीं? लूटने के तरीके खोज लिए थे कि नहीं? लोगों का भला करने के लिए नहीं, लूट करने की व्यवस्था बनाई थी कि नहीं बनाई थी? वो आपका एरिया लूट लो। भाइयों-बहनों, इन लोगों का बस चलता तो कानपुर और कानपुर की तरह ही यूपी के और शहरों में एक-एक मोहल्ला, माफियागंज के नाम से बना देंगे। क्या हर शहर में माफियागंज मोहल्ला चाहिए क्या? हर नगर में माफियागंज मोहल्ला चाहिए क्या? इन माफियाओं से मुक्ति चाहिए कि नहीं चाहिए? याद करिए, पहले किस तरह गरीब के, मध्यम वर्ग के, व्यापारी-कारोबारी के घरों पर, जमीनों पर अवैध कब्जा हो जाता था। योगी जी की सरकार ने इन भूमाफियाओं पर ऐसी सख्ती दिखाई है ऐसी सख्ती दिखाई कि उनकी माफियागिरी आखिरी सांसे गिन रही है। अगर उनको सपा जैसा डॉक्टर मिल गया, तो फिर से सांसें दौड़ने लग जाएगी। अब ये परिवारवादी इन माफियाओं को नई ताकत देने का बहाना ढूंढ रहे हैं। इसलिए उनको सरकार चाहिए। आपने देखा कि बीते कुछ दिनों में कितने ही वीडियो निकले, आपने देखा होगा वो वीडियो! इनके गुंडों ने, उनकी जो वीडियो आई है, उन्होंने पत्रकारों को भी छोड़ा नहीं है, भाइयों-बहनो, पत्रकारों को भी बुरी तरह से पीटा है क्योंकि उन पत्रकारों ने सच्च दिखाने की हिम्मत दिखाई है। यूपी के लोगों को इनसे सतर्क रहना है, इन लोगों को सरकार में लौटने नहीं देना है।

भाइयों और बहनों, 

गरीब का कल्याण, उसका सशक्तिकरण भाजपा की सर्वोच्च प्राथमिकता है। आप याद करिए, 2017 से पहले जब इन घोर परिवारवादियों की सरकारें थीं, तब आए दिन यूपी में राशन घोटाले की खबरें आती थीं कि नहीं आती थी? राशन घोटाला होता था कि नहीं होता था?। गरीब का राशन मार लिया जाता था कि नहीं मार लिया जाता था?  इन लोगों ने लाखों फर्ज़ी राशन कार्ड बनाकर, राशन माफिया का दानव ऐसा पैदा कर दिया था, जो गरीब को भूखे रहने को मजबूर करता था। डबल इंजन सरकार ने फर्ज़ी राशन कार्डों के इस खेल को खत्म कर दिया। आज यूपी के करोड़ों नागरिकों को मुफ्त राशन का डबल बेनिफिट मिल रहा है, पूरा बेनिफिट मिल रहा है। यही कारण है कि 100 साल के बाद इतने बड़े संकट में, इतनी बड़ी दुनिया की इतनी बड़ी महामारी में भी गरीब का चूल्हा जलता रहा। और मेरी माताओं-बहनों अगर संकट आ भी गए हैं, ये मोदी है मेरी गरीब मां-बहन का चूल्हा कभी बुझने नहीं देगा। वन नेशन वन राशन कार्ड योजना भी उनकी मदद कर रही है। अगर यूपी का कोई परिवार, किसी दूसरे राज्य में जाए, अगर उत्तर प्रदेश से मानो गुजरात चला गया, महाराष्ट्र चला गया, कर्नाटक चला गया, पंजाब चला गया तो उसको अब, उसके राशन कार्ड भले ही यूपी का होगा उसको पंजाब में भी राशन मिलेगा महाराष्ट्र में भी राशन मिलेगा और मुंबई में भी मिलेगा। एक राज्य से दूसरे राज्य जाएगा गरीब आदमी भूखआ नहीं मरेगा। 

भाइयों और बहनों,

डबल इंजन की सरकार का काम कैसा होता है, ये गरीबों के पक्के आवास की योजना में भी दिखता है। पहले की सरकार ने पूरे कार्यकाल में, गरीबों के लिए घर बनाने में कितनी उदासीनता रखी। मुझे बताइए…भारत सरकार पैसे भेजे, गरीब को घर चाहिए, मोदी घर बनाना चाहता है, लेकिन 2014 में यहां ऐसी सरकार थी वो गरीबों के लिए घर बनाने के लिए तैयार नहीं थीं। योगी जी की सरकार बनने के बाद काम हुआ और मुझे खुशी है कि हम जो पैसा दिल्ली से भेजा, पाई-पाई का उपयोग हुआ और उत्तर प्रदेश में 34 लाख, आंक़ड़ा सुन लीजिए भैय्या  34 लाख पक्के घर गरीब को बना के दिए गए। 34 लाख, कितने.. कितने भइया… कितने… 34 लाख, और आज एक घर की कीमत कितनी होती है, लाखों में होती है कि नहीं होती है? इसका मतलब उत्तर प्रदेश में 34 लाख गरीब जिनको घर मिला वे लखपति हुए कि नहीं हुए? मोदी ने आकर के 34 लाख गरीबों को लखपति बनाया कि नहीं बनाया? योगी जी ने लखपति बनाया कि नहीं बनाया? इसमें से भी 13 लाख घर, हमारे दलित भाई-बहनों को मिले हैं, भाइयों कोई भेदभाव नहीं। 

भाइयों बहनों, 

घोर परिवारवादियों ने उत्तर प्रदेश की महिलाओं की कभी इज्जत नहीं की, कभी उनका दुख-दर्द नहीं समझा। किसी भी मजहब की महिलाएं हों, किसी भी पंथ की बेटियां हों, हमारी सरकार बिना भेदभाव, उनके हितों की रक्षा में जुटी है। जनधन बैंक खाते खुले, सबसे ज्यादा लाभ बेटियों को हुआ। मुद्रा योजना हो, सबसे अधिक लोन बेटियों को मिले। स्वयं सहायता समूहों को बिना गारंटी ज्यादा पैसा देना हो, सबसे अधिक लाभ हमारी मां-बहन-बेटियों को मिला। नल से जल हो, बेटियों की सुविधा सबसे अधिक बढ़ी। घर-घर शौचालय बने, इज्जत घर बने, तो बहनों-बेटियों को अपमान से, पीड़ा से मुक्ति दिलाने का काम भी मोदी और योगी सरकार ने किया। जिस पीएम आवास योजना के बारे में मैंने अभी बताया, उसमें जो घर दिए जा रहे हैं, उसमें से ज्यादातर महिलाओं के ही नाम हैं। और सबसे बड़ी बात, योगी जी सरकार की सख्ती से मनचलों, गुंडों, दबंगों, दंगाइयों में जो डर पैदा हुआ है, वो हमारी बहन-बेटियों के हौसलों को बुलंद करने में बहुत उपयोगी है। और इसलिए यूपी की हर बहन-बेटी कह रही है कि यूपी के लिए योगी उपयोगी हैं ! और साथियों, महिलाओं के लिए जो काम हमारी सरकार ने किया है, उसकी बहुत बड़ी लाभार्थी मुस्लिम बहनें-बेटियां भी हैं। हमारी मुस्लिम बेटियों को भी पढ़ाई के लिए जाते समय रास्ते के मनचलों की वजह से बहुत दिक्कत होती थी। जब यूपी में अपराधी कंट्रोल में आए, तो इसका लाभ मुस्लिम बहनों-बेटियों को भी मिला। मुझे खुशी है कि पिछले पांच-सात सालों में स्कूल में, कॉलेजों में मुस्लिम बेटियों की संख्या भी बढ़ रही है। मेरा निरंतर प्रयास रहा है कि कैसे अपनी मुस्लिम बहनों-बेटियों के जीवन को आसान बना सकूं। आप कल्पना कर सकते हैं, आप जरा कल्पना करिए, हर पुरुष कल्पना करे, मैं जो बात बताता हूं, मुसलमान पुरुषों से भी कहता हूं आप जरा कल्पना कीजिए, मायके से अगर औरत खाली हाथ लौटती है तो फटाक से तीन तलाक दे दिया जाए, ससुराल से पत्नी बाइक लेकर के नहीं आई तो तीन तलाक दे दी जाए, ससुराल से अपनी पत्नी सोने की चेन लेकर के नहीं आई तो तीन तलाक दे दो, घड़ी नहीं आई तीन तलाक दे दो, मोबाइल मंगवाया, मोबाइल नहीं आया तीन तलाक दे दो। कोई भी छोटी सी बात पर तलाक-तलाक-तलाक कहकर मुस्लिम महिलाओं का पूरा जीवन बर्बाद हो जाता था। और सिर्फ उस मुस्लिम महिला का ही नहीं, आप उस बेटी के पिता का दर्द समझिए उस बेटी की मां का दर्द समझिए। जब बेटी वापस चली आए तो उनके मन पर कितनी गुजरती होगी, वो हमेशा इस डर में जीती थी कि कहीं बेटी का तीन तलाक ना हो जाए।

साथियों,

आज देश की हर मुस्लिम बहन-बेटी के पास तीन तलाक के खिलाफ कानून की सुरक्षा हमने दी है। एक रिपोर्ट में सामने आया है कि तीन तलाक का कानून बनने के बाद, यूपी की हजारों बेटियों का घर टूटने से बचा है, तबाह होने से बचा है। मेरी बहन-बेटियां बच गई हैं और उनके मायके वाले भी बच गए हैं। घोर परिवारवादियों ने किसानों और खासकर छोटे किसानों को भी हमेशा धोखा ही दिया है। ऐसे छोटे किसानों की चिंता पूरे देश में सिर्फ और सिर्फ भारतीय जनता पार्टी ही कर रही है। हमने छोटे किसानों के लिए पीएम किसान सम्मान निधि शुरू की, उसके बैंक खाते में सीधे पैसा भेजना शुरू किया। हमने फसल बीमा के नियमों में बदलाव किया, उनके लिए विशेष पेंशन योजना शुरू की। हम किसान क्रेडिट कार्ड के दायरों को बढ़ाकर के पशुपालकों को और मछली पालन करने वालों को हमने किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ दिया। हम उत्तर प्रदेश में डेयरी सेक्टर का भी तेज़ी से विस्तार कर रहे हैं। ये डेयरी प्लांट अपनी बिजली की ज़रूरत गोबर से बनी बायोगैस से पूरी कर सकें, इसकी भी व्यवस्था की जा रही है। इससे किसान को आय का एक और अतिरिक्त विकल्प मिलेगा और दूध ना देने वाले पशुओं का उनको गोबर बेचकर के कमाई का एक नया विकल्प हम पूरे उत्तर प्रदेश में देने जा रहे हैं। पशु भी किसान को पशुपालक को आय कराएगा। योगी जी की सरकार पहले ही ऐसे बेसहारा पशुओं के लिए गोशालाओं के निर्माण पर पूरी ईमानदारी से काम कर रही है। 10 मार्च को दोबारा सरकार बनने के बाद इस अभियान को और गति दी जाएगी ताकि किसानों को कोई दिक्कत न हो।

भाइयों और बहनों,  

गन्ना किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए हमारी सरकार बायोफ्यूल के इस्तेमाल को भी लगातार बढ़ा रही है। यूपी के किसानों को हज़ारों सोलर पंप हम मुहैया करा रहे हैं। जब खेत में ही सोलर पावर से बिजली पैदा होगी, तो आप अंदाज कर सकते हैं कि किसान का कितना लाभ होने वाला है कितना पैसा बचने वाला है। हमारी कोशिश है, हमारा अन्नदाता ऊर्जा दाता भी बने इसके लिए हम काम कर रहे हैं। इस बार  भाजपा ने संकल्प पत्र जारी किया है, उसमें भी बिजली से लेकर खेती किसानी से जुड़े बड़े संकल्प लिए गए हैं। 10 मार्च को सरकार बनने के बाद इन संकल्पों पर तेजी से काम किया जाएगा। भाजपा सरकार गंगा जी के किनारे बसे गांवों में प्राकृतिक खेती, केमिकल फ्री खेती को भी प्रोत्साहन  दे रही है।

भाइयों और बहनों, 

आज भाजपा की डबल इंजन की सरकार, यूपी को आधुनिक सुविधाएं देने में भी जी जान से जुटी हुई है। आप सोचिए, अगर इनकी सरकार होती तो यहां से गुजरने वाले डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर इतनी तेजी से आगे बढ़ता क्या? अगर इनकी सरकार होती तो क्या पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर इतनी तेज़ी से काम कर पाता क्या? कोरोना काल में भी कानपुर मेट्रो पर जितनी तेजी से काम किया गया, ये आपने भी देखा है। इनके रहते क्य़ा यहां डिफेंस कॉरिडोर के निर्माण संभव हो पाते? इन लोगों ने जो फिरौती का, गुंडागर्दी का, कर्फ्यू का माहौल यहां बनाया था, दंगों का माहौल बनाया था उसमें कौन यहां निवेश करने आता ?

साथियों, 

माफियावादियों ने कानपुर के उद्योगों को तालाबंदी की तरफ धकेला, डबल इंजन सरकार कानपुर में मेगा लेदर पार्क बना रही है। जो पहले सरकारों में थे इन्होंने विदेशी आयात को प्राथमिकता देकर जालौन के कागज़ उद्योग को भी बर्बाद कर दिया था। लेकिन योगी जी की सरकार ने कागज़ उद्योग के साथ-साथ जालौन के मटर को भी वैश्विक पहचान दिलाने के लिए कदम उठाए है। आज जब मोदी देश में वोकल फॉर लोकल, लोकल के लिए वोकल होने की अपील करता है, तो उसके पीछे आप जिस उद्योगों से जुड़े हैं आपके उद्योगों को ताकत देने का हम काम कर रहे हैं, कुटीर उद्योगों का समर्थ बनाने का काम हम कर रहे हैं। सबका साथ-सबका विकास यही हमारा मंत्र है, यही हमारा संकल्प है। लेकिन इसके लिए सबका प्रयास भी आवश्यक है, आपके एक एक वोट का योगदान बहुत आवश्यक है। इसलिए याद रखिए, भाइयों-बहनों आज इस सभा के बाद आप घर-घर जाएंगे… आप इस सभा के बाद घर-घर जाएंगे… घर-घऱ जाएंगे… घर-घर जाएंगे… हर परिवार को मतदान के लिए समझाएंगे… ज्यादा से ज्यादा मतदान करवाएंगे….भाजपा के कमल पर वोट डलवाएंगे। योगी जी की सरकार बनाएंगे… पक्का करेंगे…कमल निशान… कमल निशान… कमल निशान… ये घर-घऱ पहुचाएंगे… पहले मतदान, फिर जलपान, और कोई काम पहले नहीं करेंगे पहले मतदान करेंगे… आप सबका बहुत-बहुत आभार, बहुत-बहुत धन्यवाद…

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स्कूल ऑफ अल्टीमेट लीडरशिप से निकलने वाले लीडर, हर क्षेत्र में अपना परचम लहराएंगे: पीएम
February 21, 2025
QuoteThe School of Ultimate Leadership (SOUL) will shape leaders who excel nationally and globally: PM
QuoteToday, India is emerging as a global powerhouse: PM
QuoteLeaders must set trends: PM
QuoteIn future leadership, SOUL's objective should be to instill both the Steel and Spirit in every sector to build Viksit Bharat: PM
QuoteIndia needs leaders who can develop new institutions of global excellence: PM
QuoteThe bond forged by a shared purpose is stronger than blood: PM

His Excellency,

भूटान के प्रधानमंत्री, मेरे Brother दाशो शेरिंग तोबगे जी, सोल बोर्ड के चेयरमैन सुधीर मेहता, वाइस चेयरमैन हंसमुख अढ़िया, उद्योग जगत के दिग्गज, जो अपने जीवन में, अपने-अपने क्षेत्र में लीडरशिप देने में सफल रहे हैं, ऐसे अनेक महानुभावों को मैं यहां देख रहा हूं, और भविष्य जिनका इंतजार कर रहा है, ऐसे मेरे युवा साथियों को भी यहां देख रहा हूं।

साथियों,

कुछ आयोजन ऐसे होते हैं, जो हृदय के बहुत करीब होते हैं, और आज का ये कार्यक्रम भी ऐसा ही है। नेशन बिल्डिंग के लिए, बेहतर सिटिजन्स का डेवलपमेंट ज़रूरी है। व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण, जन से जगत, जन से जग, ये किसी भी ऊंचाई को प्राप्त करना है, विशालता को पाना है, तो आरंभ जन से ही शुरू होता है। हर क्षेत्र में बेहतरीन लीडर्स का डेवलपमेंट बहुत जरूरी है, और समय की मांग है। और इसलिए The School of Ultimate Leadership की स्थापना, विकसित भारत की विकास यात्रा में एक बहुत महत्वपूर्ण और बहुत बड़ा कदम है। इस संस्थान के नाम में ही ‘सोल’ है, ऐसा नहीं है, ये भारत की सोशल लाइफ की soul बनने वाला है, और हम लोग जिससे भली-भांति परिचित हैं, बार-बार सुनने को मिलता है- आत्मा, अगर इस सोल को उस भाव से देखें, तो ये आत्मा की अनुभूति कराता है। मैं इस मिशन से जुड़े सभी साथियों का, इस संस्थान से जुड़े सभी महानुभावों का हृदय से बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं। बहुत जल्द ही गिफ्ट सिटी के पास The School of Ultimate Leadership का एक विशाल कैंपस भी बनकर तैयार होने वाला है। और अभी जब मैं आपके बीच आ रहा था, तो चेयरमैन श्री ने मुझे उसका पूरा मॉडल दिखाया, प्लान दिखाया, वाकई मुझे लगता है कि आर्किटेक्चर की दृष्टि से भी ये लीडरशिप लेगा।

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साथियों,

आज जब The School of Ultimate Leadership- सोल, अपने सफर का पहला बड़ा कदम उठा रहा है, तब आपको ये याद रखना है कि आपकी दिशा क्या है, आपका लक्ष्य क्या है? स्वामी विवेकानंद ने कहा था- “Give me a hundred energetic young men and women and I shall transform India.” स्वामी विवेकानंद जी, भारत को गुलामी से बाहर निकालकर भारत को ट्रांसफॉर्म करना चाहते थे। और उनका विश्वास था कि अगर 100 लीडर्स उनके पास हों, तो वो भारत को आज़ाद ही नहीं बल्कि दुनिया का नंबर वन देश बना सकते हैं। इसी इच्छा-शक्ति के साथ, इसी मंत्र को लेकर हम सबको और विशेषकर आपको आगे बढ़ना है। आज हर भारतीय 21वीं सदी के विकसित भारत के लिए दिन-रात काम कर रहा है। ऐसे में 140 करोड़ के देश में भी हर सेक्टर में, हर वर्टिकल में, जीवन के हर पहलू में, हमें उत्तम से उत्तम लीडरशिप की जरूरत है। सिर्फ पॉलीटिकल लीडरशिप नहीं, जीवन के हर क्षेत्र में School of Ultimate Leadership के पास भी 21st सेंचुरी की लीडरशिप तैयार करने का बहुत बड़ा स्कोप है। मुझे विश्वास है, School of Ultimate Leadership से ऐसे लीडर निकलेंगे, जो देश ही नहीं बल्कि दुनिया की संस्थाओं में, हर क्षेत्र में अपना परचम लहराएंगे। और हो सकता है, यहां से ट्रेनिंग लेकर निकला कोई युवा, शायद पॉलिटिक्स में नया मुकाम हासिल करे।

साथियों,

कोई भी देश जब तरक्की करता है, तो नेचुरल रिसोर्सेज की अपनी भूमिका होती ही है, लेकिन उससे भी ज्यादा ह्यूमेन रिसोर्स की बहुत बड़ी भूमिका है। मुझे याद है, जब महाराष्ट्र और गुजरात के अलग होने का आंदोलन चल रहा था, तब तो हम बहुत बच्चे थे, लेकिन उस समय एक चर्चा ये भी होती थी, कि गुजरात अलग होकर के क्या करेगा? उसके पास कोई प्राकृतिक संसाधन नहीं है, कोई खदान नहीं है, ना कोयला है, कुछ नहीं है, ये करेगा क्या? पानी भी नहीं है, रेगिस्तान है और उधर पाकिस्तान है, ये करेगा क्या? और ज्यादा से ज्यादा इन गुजरात वालों के पास नमक है, और है क्या? लेकिन लीडरशिप की ताकत देखिए, आज वही गुजरात सब कुछ है। वहां के जन सामान्य में ये जो सामर्थ्य था, रोते नहीं बैठें, कि ये नहीं है, वो नहीं है, ढ़िकना नहीं, फलाना नहीं, अरे जो है सो वो। गुजरात में डायमंड की एक भी खदान नहीं है, लेकिन दुनिया में 10 में से 9 डायमंड वो है, जो किसी न किसी गुजराती का हाथ लगा हुआ होता है। मेरे कहने का तात्पर्य ये है कि सिर्फ संसाधन ही नहीं, सबसे बड़ा सामर्थ्य होता है- ह्यूमन रिसोर्स में, मानवीय सामर्थ्य में, जनशक्ति में और जिसको आपकी भाषा में लीडरशिप कहा जाता है।

21st सेंचुरी में तो ऐसे रिसोर्स की ज़रूरत है, जो इनोवेशन को लीड कर सकें, जो स्किल को चैनेलाइज कर सकें। आज हम देखते हैं कि हर क्षेत्र में स्किल का कितना बड़ा महत्व है। इसलिए जो लीडरशिप डेवलपमेंट का क्षेत्र है, उसे भी नई स्किल्स चाहिए। हमें बहुत साइंटिफिक तरीके से लीडरशिप डेवलपमेंट के इस काम को तेज गति से आगे बढ़ाना है। इस दिशा में सोल की, आपके संस्थान की बहुत बड़ी भूमिका है। मुझे ये जानकर अच्छा लगा कि आपने इसके लिए काम भी शुरु कर दिया है। विधिवत भले आज आपका ये पहला कार्यक्रम दिखता हो, मुझे बताया गया कि नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के effective implementation के लिए, State Education Secretaries, State Project Directors और अन्य अधिकारियों के लिए वर्क-शॉप्स हुई हैं। गुजरात के चीफ मिनिस्टर ऑफिस के स्टाफ में लीडरशिप डेवलपमेंट के लिए चिंतन शिविर लगाया गया है। और मैं कह सकता हूं, ये तो अभी शुरुआत है। अभी तो सोल को दुनिया का सबसे बेहतरीन लीडरशिप डेवलपमेंट संस्थान बनते देखना है। और इसके लिए परिश्रम करके दिखाना भी है।

साथियों,

आज भारत एक ग्लोबल पावर हाउस के रूप में Emerge हो रहा है। ये Momentum, ये Speed और तेज हो, हर क्षेत्र में हो, इसके लिए हमें वर्ल्ड क्लास लीडर्स की, इंटरनेशनल लीडरशिप की जरूरत है। SOUL जैसे Leadership Institutions, इसमें Game Changer साबित हो सकते हैं। ऐसे International Institutions हमारी Choice ही नहीं, हमारी Necessity हैं। आज भारत को हर सेक्टर में Energetic Leaders की भी जरूरत है, जो Global Complexities का, Global Needs का Solution ढूंढ पाएं। जो Problems को Solve करते समय, देश के Interest को Global Stage पर सबसे आगे रखें। जिनकी अप्रोच ग्लोबल हो, लेकिन सोच का एक महत्वपूर्ण हिस्सा Local भी हो। हमें ऐसे Individuals तैयार करने होंगे, जो Indian Mind के साथ, International Mind-set को समझते हुए आगे बढ़ें। जो Strategic Decision Making, Crisis Management और Futuristic Thinking के लिए हर पल तैयार हों। अगर हमें International Markets में, Global Institutions में Compete करना है, तो हमें ऐसे Leaders चाहिए जो International Business Dynamics की समझ रखते हों। SOUL का काम यही है, आपकी स्केल बड़ी है, स्कोप बड़ा है, और आपसे उम्मीद भी उतनी ही ज्यादा हैं।

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साथियों,

आप सभी को एक बात हमेशा- हमेशा उपयोगी होगी, आने वाले समय में Leadership सिर्फ Power तक सीमित नहीं होगी। Leadership के Roles में वही होगा, जिसमें Innovation और Impact की Capabilities हों। देश के Individuals को इस Need के हिसाब से Emerge होना पड़ेगा। SOUL इन Individuals में Critical Thinking, Risk Taking और Solution Driven Mindset develop करने वाला Institution होगा। आने वाले समय में, इस संस्थान से ऐसे लीडर्स निकलेंगे, जो Disruptive Changes के बीच काम करने को तैयार होंगे।

साथियों,

हमें ऐसे लीडर्स बनाने होंगे, जो ट्रेंड बनाने में नहीं, ट्रेंड सेट करने के लिए काम करने वाले हों। आने वाले समय में जब हम Diplomacy से Tech Innovation तक, एक नई लीडरशिप को आगे बढ़ाएंगे। तो इन सारे Sectors में भारत का Influence और impact, दोनों कई गुणा बढ़ेंगे। यानि एक तरह से भारत का पूरा विजन, पूरा फ्यूचर एक Strong Leadership Generation पर निर्भर होगा। इसलिए हमें Global Thinking और Local Upbringing के साथ आगे बढ़ना है। हमारी Governance को, हमारी Policy Making को हमने World Class बनाना होगा। ये तभी हो पाएगा, जब हमारे Policy Makers, Bureaucrats, Entrepreneurs, अपनी पॉलिसीज़ को Global Best Practices के साथ जोड़कर Frame कर पाएंगे। और इसमें सोल जैसे संस्थान की बहुत बड़ी भूमिका होगी।

साथियों,

मैंने पहले भी कहा कि अगर हमें विकसित भारत बनाना है, तो हमें हर क्षेत्र में तेज गति से आगे बढ़ना होगा। हमारे यहां शास्त्रों में कहा गया है-

यत् यत् आचरति श्रेष्ठः, तत् तत् एव इतरः जनः।।

यानि श्रेष्ठ मनुष्य जैसा आचरण करता है, सामान्य लोग उसे ही फॉलो करते हैं। इसलिए, ऐसी लीडरशिप ज़रूरी है, जो हर aspect में वैसी हो, जो भारत के नेशनल विजन को रिफ्लेक्ट करे, उसके हिसाब से conduct करे। फ्यूचर लीडरशिप में, विकसित भारत के निर्माण के लिए ज़रूरी स्टील और ज़रूरी स्पिरिट, दोनों पैदा करना है, SOUL का उद्देश्य वही होना चाहिए। उसके बाद जरूरी change और रिफॉर्म अपने आप आते रहेंगे।

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साथियों,

ये स्टील और स्पिरिट, हमें पब्लिक पॉलिसी और सोशल सेक्टर्स में भी पैदा करनी है। हमें Deep-Tech, Space, Biotech, Renewable Energy जैसे अनेक Emerging Sectors के लिए लीडरशिप तैयार करनी है। Sports, Agriculture, Manufacturing और Social Service जैसे Conventional Sectors के लिए भी नेतृत्व बनाना है। हमें हर सेक्टर्स में excellence को aspire ही नहीं, अचीव भी करना है। इसलिए, भारत को ऐसे लीडर्स की जरूरत होगी, जो Global Excellence के नए Institutions को डेवलप करें। हमारा इतिहास तो ऐसे Institutions की Glorious Stories से भरा पड़ा है। हमें उस Spirit को revive करना है और ये मुश्किल भी नहीं है। दुनिया में ऐसे अनेक देशों के उदाहरण हैं, जिन्होंने ये करके दिखाया है। मैं समझता हूं, यहां इस हॉल में बैठे साथी और बाहर जो हमें सुन रहे हैं, देख रहे हैं, ऐसे लाखों-लाख साथी हैं, सब के सब सामर्थ्यवान हैं। ये इंस्टीट्यूट, आपके सपनों, आपके विजन की भी प्रयोगशाला होनी चाहिए। ताकि आज से 25-50 साल बाद की पीढ़ी आपको गर्व के साथ याद करें। आप आज जो ये नींव रख रहे हैं, उसका गौरवगान कर सके।

साथियों,

एक institute के रूप में आपके सामने करोड़ों भारतीयों का संकल्प और सपना, दोनों एकदम स्पष्ट होना चाहिए। आपके सामने वो सेक्टर्स और फैक्टर्स भी स्पष्ट होने चाहिए, जो हमारे लिए चैलेंज भी हैं और opportunity भी हैं। जब हम एक लक्ष्य के साथ आगे बढ़ते हैं, मिलकर प्रयास करते हैं, तो नतीजे भी अद्भुत मिलते हैं। The bond forged by a shared purpose is stronger than blood. ये माइंड्स को unite करता है, ये passion को fuel करता है और ये समय की कसौटी पर खरा उतरता है। जब Common goal बड़ा होता है, जब आपका purpose बड़ा होता है, ऐसे में leadership भी विकसित होती है, Team spirit भी विकसित होती है, लोग खुद को अपने Goals के लिए dedicate कर देते हैं। जब Common goal होता है, एक shared purpose होता है, तो हर individual की best capacity भी बाहर आती है। और इतना ही नहीं, वो बड़े संकल्प के अनुसार अपनी capabilities बढ़ाता भी है। और इस process में एक लीडर डेवलप होता है। उसमें जो क्षमता नहीं है, उसे वो acquire करने की कोशिश करता है, ताकि औऱ ऊपर पहुंच सकें।

साथियों,

जब shared purpose होता है तो team spirit की अभूतपूर्व भावना हमें गाइड करती है। जब सारे लोग एक shared purpose के co-traveller के तौर पर एक साथ चलते हैं, तो एक bonding विकसित होती है। ये team building का प्रोसेस भी leadership को जन्म देता है। हमारी आज़ादी की लड़ाई से बेहतर Shared purpose का क्या उदाहरण हो सकता है? हमारे freedom struggle से सिर्फ पॉलिटिक्स ही नहीं, दूसरे सेक्टर्स में भी लीडर्स बने। आज हमें आज़ादी के आंदोलन के उसी भाव को वापस जीना है। उसी से प्रेरणा लेते हुए, आगे बढ़ना है।

साथियों,

संस्कृत में एक बहुत ही सुंदर सुभाषित है:

अमन्त्रं अक्षरं नास्ति, नास्ति मूलं अनौषधम्। अयोग्यः पुरुषो नास्ति, योजकाः तत्र दुर्लभः।।

यानि ऐसा कोई शब्द नहीं, जिसमें मंत्र ना बन सके। ऐसी कोई जड़ी-बूटी नहीं, जिससे औषधि ना बन सके। कोई भी ऐसा व्यक्ति नहीं, जो अयोग्य हो। लेकिन सभी को जरूरत सिर्फ ऐसे योजनाकार की है, जो उनका सही जगह इस्तेमाल करे, उन्हें सही दिशा दे। SOUL का रोल भी उस योजनाकार का ही है। आपको भी शब्दों को मंत्र में बदलना है, जड़ी-बूटी को औषधि में बदलना है। यहां भी कई लीडर्स बैठे हैं। आपने लीडरशिप के ये गुर सीखे हैं, तराशे हैं। मैंने कहीं पढ़ा था- If you develop yourself, you can experience personal success. If you develop a team, your organization can experience growth. If you develop leaders, your organization can achieve explosive growth. इन तीन वाक्यों से हमें हमेशा याद रहेगा कि हमें करना क्या है, हमें contribute करना है।

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साथियों,

आज देश में एक नई सामाजिक व्यवस्था बन रही है, जिसको वो युवा पीढी गढ़ रही है, जो 21वीं सदी में पैदा हुई है, जो बीते दशक में पैदा हुई है। ये सही मायने में विकसित भारत की पहली पीढ़ी होने जा रही है, अमृत पीढ़ी होने जा रही है। मुझे विश्वास है कि ये नया संस्थान, ऐसी इस अमृत पीढ़ी की लीडरशिप तैयार करने में एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। एक बार फिर से आप सभी को मैं बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।

भूटान के राजा का आज जन्मदिन होना, और हमारे यहां यह अवसर होना, ये अपने आप में बहुत ही सुखद संयोग है। और भूटान के प्रधानमंत्री जी का इतने महत्वपूर्ण दिवस में यहां आना और भूटान के राजा का उनको यहां भेजने में बहुत बड़ा रोल है, तो मैं उनका भी हृदय से बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं।

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साथियों,

ये दो दिन, अगर मेरे पास समय होता तो मैं ये दो दिन यहीं रह जाता, क्योंकि मैं कुछ समय पहले विकसित भारत का एक कार्यक्रम था आप में से कई नौजवान थे उसमें, तो लगभग पूरा दिन यहां रहा था, सबसे मिला, गप्पे मार रहा था, मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला, बहुत कुछ जानने को मिला, और आज तो मेरा सौभाग्य है, मैं देख रहा हूं कि फर्स्ट रो में सारे लीडर्स वो बैठे हैं जो अपने जीवन में सफलता की नई-नई ऊंचाइयां प्राप्त कर चुके हैं। ये आपके लिए बड़ा अवसर है, इन सबके साथ मिलना, बैठना, बातें करना। मुझे ये सौभाग्य नहीं मिलता है, क्योंकि मुझे जब ये मिलते हैं तब वो कुछ ना कुछ काम लेकर आते हैं। लेकिन आपको उनके अनुभवों से बहुत कुछ सीखने को मिलेगा, जानने को मिलेगा। ये स्वयं में, अपने-अपने क्षेत्र में, बड़े अचीवर्स हैं। और उन्होंने इतना समय आप लोगों के लिए दिया है, इसी में मन लगता है कि इस सोल नाम की इंस्टीट्यूशन का मैं एक बहुत उज्ज्वल भविष्य देख रहा हूं, जब ऐसे सफल लोग बीज बोते हैं तो वो वट वृक्ष भी सफलता की नई ऊंचाइयों को प्राप्त करने वाले लीडर्स को पैदा करके रहेगा, ये पूरे विश्वास के साथ मैं फिर एक बार इस समय देने वाले, सामर्थ्य बढ़ाने वाले, शक्ति देने वाले हर किसी का आभार व्यक्त करते हुए, मेरे नौजवानों के लिए मेरे बहुत सपने हैं, मेरी बहुत उम्मीदें हैं और मैं हर पल, मैं मेरे देश के नौजवानों के लिए कुछ ना कुछ करता रहूं, ये भाव मेरे भीतर हमेशा पड़ा रहता है, मौका ढूंढता रहता हूँ और आज फिर एक बार वो अवसर मिला है, मेरी तरफ से नौजवानों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

बहुत-बहुत धन्यवाद।