Quoteपूर्वोत्तर के लिए मेरा विज़न है ‘ट्रांसपोर्टेशन से ट्रांसफॉर्मेशन’: नागालैंड में प्रधानमंत्री मोदी 
Quoteपूर्वोत्तर के विकास के बिना भारत का विकास संभव नहीं है: पीएम मोदी 
Quoteनौकरशाही, संगीत, कला, खेल, वस्त्र, जैसे विभिन्न क्षेत्रों में नागालैंड के लोगों ने हमारे देश के लिए काफी योगदान दिया है: प्रधानमंत्री 
Quoteनागालैंड को मजबूत और स्थिर सरकार की जरूरत है: प्रधानमंत्री मोदी 
Quoteहम नागालैंड में सड़क, हवाई और रेल संपर्क बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं: पीएम मोदी 
Quoteहम किसानों को जैविक खेती की ओर बढ़ने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी: नागालैंड में प्रधानमंत्री 
Quoteहम युवाओं को मुद्रा और स्किल इंडिया जैसी योजनाओं के जरिये अपने पैरों पर खड़ा करने का काम कर रहे हैं: प्रधानमंत्री मोदी

किशोर लाला नागतेय सब मानुष के सलाम दिला छे, बीजेपी एनडीडीपी पावरते आए छे  कोय ने डवलपमेंट आपनी नागा बोस्ती पंचायती दिवो। मंच पर विराजमान भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्रीमान विसासोली लहोनगु, सांसद और मेरे मित्र श्रीमान नेफियू रियो जी, मंच पर विराजमान सभी वरिष्ठ महानुभाव, सभी उम्मीदवार और दूर-दूर से आए हुए मेरे प्यारे भाइयो और बहनो।

हमारा देश कितना विविध है, कितना विस्तृत है फिर भी कितना एकजुट है, उसका इस ताकत का अहसास नागालैंड में आकर होता है। अलग-अलग जनजाति, समुदाय लेकिन जन गण मन का गान सभी एक स्वर में होकर करते हैं। एक भारत श्रेष्ठ भारत का विहंगम दृश्य मैं अपने सामने आज मैं देख रहा हूं। देश के इस सुदूर कोने में त्वेनसांग में हमारे गठबंधन की लहर, दिल्ली में बैठे हुए हमारे कई मित्रों को इससे संकट जरूर नजर आएगी। जब सबका साथ और सबका साथ और इसी एक मंत्र को लेकरके हिन्दुस्तान के हर कोने को, हिन्दुस्तान के हर राज्य को, हिन्दुस्तान के हर समाज को साथ लेकर के प्रयास होता है और ईमानदारी से होता है तब इतनी बड़ी संख्या में आकर जाकरके लोग हमें आशीर्वाद देते हैं। जो लोग वोट बैंक की राजनीति करते हैं, जिनको समाज को बांटना, तोड़ना, एक-दूसरे के साथ लड़ाते रहने की आदत है। आज आपने अपनी उपस्थिति से उन सबको एक करारा जवाब दिया है। आपने इतनी बड़ी संख्या में आकर के मुझे आशीर्वाद दिये। आपने प्रेम बरसाया। इसलिए मैं आपका ह्रदय से बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं। इस भूमि को प्रणाम करता हूं। यहां की महान परंपराओं को प्रणाम करता हूं। यहां के एक-एक नागरिक बंधु भगिनी को प्रणाम करता हूं।

साथियों।

नागालैंड के प्रतिभावान लोगों ने देश के विकास में अपना अमूल्य योगदान दिया है। ब्यूरोक्रेसी हो, सेना हो, स्पोर्ट्स सेक्टर हो, टैक्सटाइल सेक्टर हो, म्यूजिक हो, नागालैंड के लोगों ने हमेशा अपने भारत का मान बढ़ाया है। मैं नागालैंड के लोगों के कठिन परिश्रम उनकी निष्ठा और उनकी बहादुरी, नागा समाज के समृद्ध सांस्कृतिक का मैं हमेशा प्रशंसक रहा हूं। अब ये देश न्यू इंडिया के संकल्प को पूरा करने के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है। अब नागालैंड के लोगों का विकास, यहां के लोगों का संकल्प न्यू इंडिया के सपने को पूरा करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। आप सभी के योगदान से ही राष्ट्र का निर्माण का कार्य तेज गति से आगे बढ़ेगा। न्यू इंडिया का सपना, न्यू नागालैंड का सपना भी साकार होगा।

साथियों।

मैं नागालैंड के लोगों की  इस बात के लिए प्रशंसा करना चाहता हूं कि उन्होंने शांति और स्थायीत्व के लिए सामूहिक प्रयास किया है। नागालैंड की प्रगति और विकास की ये यात्रा तब और तेज होगी। जब हम सभी सबको साथ लेकरके आगे बढ़ेंगे। और इसलिए बीते कुछ वर्षों में जिस तरह राजनीतिक अस्थिरता इस क्षेत्र के लोगों ने देखी है। उससे अब आगे बढ़ने का समय है। चार साल में चार-चार बार कैबिनेट शपथ ग्रहण करे, ये स्थिति विकास को अवरूद्ध करने वाली है। इसलिए बहुत आवश्यक है कि नागालैंड में स्थिर और मजबूत सरकार बने। जो सिर्फ और सिर्फ नागालैंड के विकास को समर्पित हो, विकास के लिए काम करती हो।

साथियों।

विकास के रास्ते में एक बड़ा चैलेंज हमेशा रहेगा - करप्शन। बहुत आवश्यक है कि सरकार जिन योजनाओं पर जितनी राशि खर्च करना तय करती है, उसका पूरा लाभ सामान्य मानवी को मिले। ये भी बहुत जरूरी है कि केंद्र सरकार नागालैंड के विकास के लिए भेजती है, उसका पाई-पाई आपके विकास के लिए खर्च होनी चाहिए। हमारे देश में, एक बार एक प्रधानमंत्री ने कहा था कि दिल्ली से एक रुपया जाता है और वो गांव जाते-जाते 15 पैसा रह जाता है। ये स्थिति बदलने का हम संकल्प लेकर काम कर रहे हैं। नागालैंड में भारतीय जनता पार्टी की सरकार ये सुनिश्चित करेगी कि आपके विकास के लिए दिल्ली से भेजी गई राशि आप तक अवश्य पहुंचे। हम आधुनिक तकनीक के माध्यम से पूरे देश में वो लोप होल्स खत्म कर रहे हैं, लीकेज खत्म कर रहे हैं, जिनकी वजह से सरकारी पैसों की लूट हो रही थी। उसमें धीरे-धीरे कमी आना शुरू हो गया है।

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साथियों।

यहां पर जो राजनीतिक समस्या है, उसके समाधान के लिए भी हमारी सरकार गंभीरता से प्रयास कर रही है। मुझे उम्मीद है कि अगले कुछ महीनों में नागालैंड के लोगों के लिए सम्मानजनक और  उनके राजनीतिक अधिकारों का आदर करने वाला समाधान प्राप्त कर सकेंगे। इसके लिए हम सबको साथ चलना होगा, सबको साथ लेकर चलना है। नागालैंड के लोगों की इस चिंता का समाधान हमारे देश के लोकतंत्र को और मजबूत करेगा। एक परिवार के तौर पर हम सभी देश के विकास के लिए खुद को खपा सके, इस मार्ग को प्रशस्त करेगा। हमारी सरकार नागालैंड की भलाई के लिए उठ रही हर आवाज का सम्मान करती है। देश की लोकतंत्र में आस्था रखने वाले हर व्यक्ति के साथ हमारी सरकार ने बातचीत का रास्ता हमेशा खुला रखा है। यहां के त्वेसांग में जो कुछ संगठन है, यहां की सिविल सोसायटी है, उसकी चिंताओं पर उनसे बातचीत के लिए हमारी सरकार हमेशा तैयार है। ईस्टर्न नागालैंड, ईएनपीओ एरिया बहुत ही पिछड़ा क्षेत्र है। नागालैंड के साथ-साथ ईएनपीओ एरिया का हम विशेष ध्यान देंगे।

साथियों।

हमारा संविधान देश के हर के नागरिक के अधिकारों की सुरक्षा करता है। अपने शास्त्रों की विविधता के लिए, सबको साथ में लेकरके चलने का भाव, पूरे विश्व में अलग पहचान बनाता है। नागालैंड के अधिकारों की सुरक्षा करना हमारा कर्तव्य है। आपकी अनूठी जीवन शैली भारत का राष्ट्रीय गौरव है। और उसकी रक्षा के लिए केंद्र सरकार और मैं स्वयं भी पूरी तरह प्रतिबद्ध है। भारत की विकास गाथा तब तक पूरी नहीं हो सकती है, जब तक हमारे देश का संतुलित विकास न हो। पूर्वी भारत का विकास पश्चिमी भारत के बराबर न हो। इसलिए हमारी सरकार ने अष्टलक्ष्मी यानि पूर्वोत्तर के 8 राज्यों के विकास पर विशेष बल दिया है। सरकार एक्ट ईस्ट पॉलिसी पर काम कर रही है। जिस कारण पूर्वोत्तर के साथ भारत के पूर्व में स्थित देशों विशेषकर आसियान देशों और बांग्लादेश के बीच पीपुल टू पीपुल संबंध बढ़ता है। लोगों के बीच बढ़ते संपर्क से संपूर्ण पूर्वोत्तर क्षेत्र में आर्थिक समृद्धि बढ़ेगी। म्यांमार के साथ बेहतर संबंधों को बेहतर सीमा पार व्यापार के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। केंद्र सरकार ने इस क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार लाने पर बहुत जोर दिया है।

पूर्वोत्तर के लिए मेरा विजन है - ट्रांसफोरमेशन बॉय ट्रांसपोर्टेशन। सरकार ने हाल ही में नोर्थ ईस्ट स्पेशल इंफ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट को मंजूरी दी है। इसके तहत इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण में होने वाली निधि की कमी को पूरा करने के लिए  शत-प्रतिशत फंडिंग करती है। सरकार तीन वर्षों में लगभग पांच हजार तीन सौ करोड़ रुपए देगी। नई योजना में मोटे तौर पर वाटर सप्लाय, पॉवर, कनेक्टिविटी और विशेष रूप से पर्यटन, शिक्षा, स्वास्थ्य तथा सामाजिक क्षेत्रों की इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने वाली परियोजनाओं से संबंधित इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण शामिल है। सरकार अलग से पूर्वोत्तर क्षेत्र की विशेष जरूरतों को पूरा करने के लिए विशेष ध्यान दे रही है। जिससे कि इस क्षेत्र का विकास अन्य क्षेत्रों के बराबर लगे। इस दिशा में विभिन्न मंत्रालय अपने तमाम योजनाओं के तहत पूर्वोत्तर को विशेष छूट दे रहे हैं। सभी केंद्रीय मंत्रालयों के लिए अपने बजट के लिए 10 प्रतिशत पूर्वोत्तर क्षेत्र पर खर्च करना अनिवार्य किया।

भाइयो बहनो।

नागालैंड में कनेक्टिविटी एक बहुत बड़ी समस्या है। चाहे वो सड़क हो, रेल हो या एयर कनेक्टिविटी हो या फिर पॉवर की कनेक्टिविटी। कनेक्टिविटी से जुड़ी इस परेशानी को खत्म करने के लिए केंद्र सरकार लगातार प्रयास कर रही है। जब केंद्र में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनी थी। तब नागालैंड में 1000 किमी के नेशनल हाईवे थे। चार साल से भी कम समय में हमने नागालैंड में 500 नेशनल हाइवे की वृद्धि कर दी। हजार से हमने 1500 किमी पहुंचा दिया। इस समय नागालैंड में छह हजार करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। अगले तीन-चार सालों में केंद्र सरकार 10 हजार करोड़ से ज्यादा नागालैंड में सड़कों के पीछे निवेश करने वाली है।

इसी तरह रेल कनेक्टिविटी की बात करें। पूरे पूर्वोत्तर में नई रेल लाइनों के निर्माण के लिए केंद्र सरकार 5500 करोड़ रुपए से ज्यादाखर्च कर रही है। सरकार पूर्वोत्तर के हर राज्य को, हर राज्य की राजधानी को ब्रॉड गेज लाइन से जोड़ने का काम कर रही है। 3000 करोड़ रुपए की लागत से दीमापुर-कोहिमा नई रेललाइन का काम शुरू हो चुका है। देश के दूर-दराज वाले क्षेत्रों को हवाई संपर्क से जोड़ने के लिए केंद्र सरकार ने उड़ान नाम की योजना शुरू की है। इस योजना का मकसद है - उड़े देश का आम नागरिक। मैं चाहता हूं कि हवाई चप्पल पहनने वाला भी आसानी से हवाई जहाज से यात्रा कर सके। मुझे बताया गया कि उड़ान योजना के तहत दीमापुर से शिलांग एयरपोर्ट तक के बीच उड़ान योजना के तहत सरकार के पास प्रस्ताव आया है। ये सेवा शुरू होने के बाद यहां के लोगों को शिलांग तक सीधी फ्लाइट की सुविधा मिल जाएगी।

नागालैंड में पॉवर कनेक्टिविटी और पॉवर इंस्टीट्यूशन सुधारने के लिए भी केंद्र सरकार करीब-करीब 800 करोड़ रुपए खर्च कर रही है। ये केंद्र सरकार के प्रयास का ही परिणाम है कि पिछले तीन सालों में नागालैंड के उन गांवों में बिजली पहुंचाई जा चुकी है जहां आजादी के इतने सालों के बाद भी बिजली नहीं थी। अब भारत के हर गांव में बिजली पहुंचाने का काम, नागालैंड के हर गांव में बिजली पहुंचाने का काम ...। अब अगला हमारा कदम है हर घर में बिजली पहुंचाने का काम। सौभाग्य योजना के तहत नागालैंड में आज भी एक लाख परिवार ऐसे हैं, जिनके पास बिजली नहीं है। हमारा लक्ष्य है उन सभी परिवारों के पास बिजली पहुंचे। और ये बिजली का कनेक्शन मुफ्त में दिया जाएगा।

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साथियों।

नागालैंड की आबादी करीब 20 लाख है। 20 लाख वाली आबादी वाले राज्य में 60 प्रतिशत घरों में बिजली कनेक्शन है। राज्य के करीब 40 प्रतिशत घरों में बिजली कनेक्शन न होना, इस बात को दिखाता है कि किस प्रकार से राज्य और देश में सरकारों को चलाया गया है। भारत सरकार ने हर परिवार में बिजली बचे, उजाला ज्यादा हो और बिजली का खर्च कम हो। इसलिए एलईडी बल्ब करीब-करीब 10 लाख एलईडी बल्ब नागालैंड में हर घर में पहुंचे हैं। इस कारण जिन घर में एलईडी बल्ब पहुंचा है। पूरे नागालैंड में करीब-करीब 50 करोड़ रुपए का बिजली बिल कम हुआ है। ऐसे परिवारों का बिजली खर्चा बच गया है।

आप जानते हैं देश में चैलेजिंग रूप से स्मार्ट सिटी बनाने का अभियान चल रहा है। यहां कोहिमा को स्मार्ट सिटी के लिए उसको नंबर मिला है। भारत सरकार 1800 करोड़ रुपये कोहिमा मे स्मार्ट सिटी बनाने के लिए खर्च करने के लिए आगे आई है। हमारी योजना है, गरीब से गरीब परिवार को अपना घर मिले। 2022, जब आजादी के 75 साल होंगे, हिन्दुस्तान में एक भी परिवार ऐसा न हो, जिसको रहने के लिए अपना घर न हो। अभी नागालैंड में 8500 घरों के निर्माण के लिए हमने स्वीकृति दे दी है। नए घरों और पुरानी योजनाओं के तहत अलग से घर के निर्माण के लिए केंद्र द्वारा 160 करोड़ रुपए राशि देना तय हुआ है।

भाइयो बहनो।

नागालैंड में हेल्थ इंश्योरेंस, हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधारने के लिए केंद्र सरकार लगातार काम कर रही है। यहां पर किस तरह इंस्टीट्यूशनल डेलिवरी में दिक्कतें आती है, इसकी जानकारी केंद्र सरकार को है। इसलिए पिछले चार साल में नागालैंड को नेशनल हेल्थ मिशन के तहत 400 करोड़ रुपए दिया गया है। इस बार बजट में भारत सरकार ने बहुत ही दुनिया की सबसे बड़ी एक योजना लेकरके आए हैं। इस योजना के 10 करोड़ ऐसे परिवार, अगर उन परिवारों में बीमारी आ जाए, दवाई कराने के लिए पैसे नहीं होते, ऑपरेशन कराने के लिए पैसे नहीं होते हैं। गंभीर बीमारी होती है। हमने आयुष्मान भारत योजना के तहत तय किया है कि ऐसे परिवारों में अगर बीमारी आ गई और दवाई का खर्च करना पड़ा, ऑपरेशन का खर्च करना पड़ा। एक साल में 5 लाख रुपए तक का खर्च होगा, वो 5 लाख रुपए का खर्च इंश्योरेंस के माध्यम से भारत सरकार चुकाएगी। इस महत्वपूर्ण योजना को, आयुष्मान भारत योजना को आज हिन्दुस्तान में मोदी केयर, मोदी केयर के नाम से लोग पुकारने लगे हैं।

साथियों।

हमारे देश में नोर्थ ईस्ट ऐसा क्षेत्र है, जहां पर भारत सरकार ऑर्गेनिक खेती पर अपना बल देना चाहती है। यहां इतनी ताकत है कि हम पूरी दुनिया में यहां के खेतों में जो पैदा होती है, उसके लिए पूरी दुनिया को खरीदने के लिए मजबूर कर सकें। ऐसा काम यहां हो सकता है। और इसलिए शत-प्रतिशत हमारा राज्य ऑर्गेनिक स्टेट कैसे बने, उस दिशा में हम काम कर रहे हैं। इससे किसान को खर्चा भी कम होगा और उसको लाभ भी ज्यादा मिलेगा। सिक्किम ने हमारे नोर्थ ईस्ट के एक राज्य सिक्किम ने अपने आपको शत-प्रतिशत आर्गेनिक स्टेट बना दिया है। और नोर्थ ईस्ट के अन्य राज्य ऑर्गेनिक राज्य बनने के लिए प्रतिस्पर्द्धा कर रहे हैं। इसके लिए हमने देशभर में दस हजार से ज्यादा ऑर्गेनिक क्लस्टर विकसित करने के लिए सारे कदम उठाया है। नोर्थ-ईस्ट में भी 100 फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन बनाए गए हैं। इनसे 50 हजार से ज्यादा किसानों को जोड़ा जा चुका है।

भूतकाल में दिल्ली में बैठी हुई सरकारें, इस इलाके के मनोस्थिति से, मनोभाव से इतनी दूर थी, इतनी दूर थी कि उन्हें यहां की मूलभूत ताकत का पता नहीं था। इसी के कारण बांस, बंबू अब तक हमारे देश में ट्री माना गया, पेड़ माना गया। और इसके कारण देखते थे, लेकिन काट नहीं सकते थे, बेच नहीं सकते थे। अब भारत सरकार ने फैसला कर लिया कि मेरे नोर्थ-ईस्ट के भाई-बहन, मेरे नागालैंड के भाई-बहनजहां इतनी बड़ी मात्रा में बंबू की संभावना है। बंबू की खेती कर सकते हैं। क्यों न उनको काटने का, बेचने का अधिकार दिया जाए इसलिए हमने बंबू को ट्री की कैटेगरी से निकालकर ग्रास की कैटेगरी में ला दिया है। जो यहां के भविष्य को बदलने वाला है। हमने नेशनल बंबू मिशन को फिर से एक बार जीवंत किया, इसके लिए इंनिशिएटिव शुरू किए। और पहली बार 1000 करोड़ रुपया सिर्फ बंबू के लिए खर्च करना तय किया है। इसका सबसे ज्यादा फायदा नोर्थ-ईस्ट को मिलेगा, यहां के किसान को मिलेगा।

मेरे प्यारे भाइयो और बहनो।

नागालैंड के इनर्जेटिक नौजवान, यहां की क्रिएटिव महिलाएं, यहां के इनोवेटिव किसान, यहां का डेमोग्राफिक ..., राज्य को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकता है। नागालैंड में स्पोर्ट्स का टैलेंट है, जो राज्य को नई पहचान दिलाने में सक्षम है। नागालैंड में शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में जो प्रगति की है, उसकी वजह से और ज्यादा संभावनाएं बनी है, जिसको आगे बढ़ाने के लिए भारत सरकार, भारतीय जनता पार्टी श्रीमान रियो हम सब मिलकरके आपके भविष्य के सपने को दिनरात जुटा देंगे।

नागालैंड के युवा अंग्रेजी भाषा से भली-भांति काम्फरटेबल हैं। इस वजह से आईटी, आउटसोर्सिंग, बीपीओ विदेश में, यहां के लोगों के लिए बहुत सारे अवसर हैं। यहां के नौजवानों को अपने पैरों पर खड़े रहने के लिए सामर्थ्य मिले, और देश के विकास में वो योगदान कर सके। इसके लिए स्किल इंडिया, स्टैंड अप इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्टार्ट अप इंडिया जैसी अनेक योजनाओं के तहत यहां के नौजवानों को भारत सरकार सहायता कर रही है। और मुद्रा योजना के तहत बिना कोई गारंटी बैंकों से ऐसे नौजवानों को लोन देकर के, उन्हें अपने पैरों पर खड़े होने और आगे बढ़ने के लिए हम प्रेरित कर रहे हैं। इतने छोटे से राज्य में ये मुद्रा योजना को आए हुए ज्यादा समय नहीं हुआ है। इतने कम समय में 27 हजार से ज्यादा हमारे नागा वासियों को मुद्रा योजना से पैसे मिले हैं और वो अपने पैरों पर खड़े होकरके काम कर रहे हैं।

इस वर्ष बजट मे हमारी सरकार ने आदिवासी इलाके में रहने वाले बच्चों की शिक्षा से जुड़ा भी एक बहुत बड़ा ऐलान किया है। ऐसे ब्लॉक जहां पर 50 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या अनुसूचित जनजाति की होगी, 20 हजार से ज्यादा आदिवासी लोग हैं, वहां पर नवोदय विद्यालय की तर्ज पर एकलव्य मोर्डन रेसिडेंसियल स्कूल खोले जाएंगे।

मेरे लिए खुशी की बात है, जब मैंने दिल्ली में सुना कि नागालैंड की कई संगठनों ने, नागालैंड की सिविल सोसायटी ने, नागालैंड के जागरूक प्रबुद्ध नागरिकों ने मिलकरके यहां पर पारदर्शी और शांतिपूर्ण चुनाव के लिए एक बीड़ा उठाया है, जागृति पैदा करने का काम किया है। मैं ऐसे सभी संगठनों का, ऐसे सभी व्यक्तियों का, ऐसे सभी महानुभावों का जो लोकतंत्र को ताकत देने के लिए आगे आए हैं। उनका मैं ह्रदय से अभिनंदन करता हूं, उनका बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं।

27 तारीख को मतदान होगा। मैं आप सबसे आग्रह करता हूं कि 27 तारीख को बीजेपी और एनडीडीपी गठबंधन को आप भारी मात्रा में वोट देकरके एक स्थिर, मजबूत और पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनाइए और बीजेपी और एनडीपीपी को रियो के नेतृत्व में विजयी बनाइए। ये मैं आग्रह करता हूं।

मैं विश्वास दिलाता हूं कि बीजेपी और एनडीपीपी की नई सरकार बनेगी। तो यहां के विकास के लिए एक आपकी पसंद का इंजन लगेगा। और उसको आगे बढ़ाने के लिए दूसरा इंजन दिल्ली की भारत सरकार पूरी तरह लग जाएगी। आप कल्पना कर सकते हैं कि हमारा नागालैंड कितना आगे बढ़ेगा।

मोई इराम दूर भा आहे छे। मोई इराम दूर भा आहे छे। नागा लागे नेओम आरा मोईके खाली हाथ ना पाठावी। मोरोन धारा बीजेपी एनडीडीपी एलायंस के वोट दिवी। कुकनाएम। जय नागालैंड।

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नमः पार्वती पतये, हर-हर महादेव!

मंच पर विराजमान उत्तर प्रदेश के राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री श्रीमान योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक, उपस्थित मंत्रीगण, अन्‍य जनप्रतिनिधिगण, बनास डेयरी के अध्यक्ष शंकर भाई चौधरी और यहां इतनी बड़ी संख्या में आशीर्वाद देने के लिए आए मेरे सभी परिवार जन,

काशी के हमरे परिवार के लोगन के हमार प्रणाम। आप सब लोग यहां हमें आपन आशीर्वाद देला। हम ए प्रेम क कर्जदार हई। काशी हमार हौ, हम काशी क हई।

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साथियों,

कल हनुमान जन्मोत्सव का पावन दिन है और आज मुझे संकट मोचन महाराज की काशी में आपके दर्शन का सौभाग्य मिला है। हनुमान जन्मोत्सव से पहले, काशी की जनता आज विकास का उत्सव मनाने यहां इकट्ठी हुई है।

साथियों,

पिछले 10 वर्षों में बनारस के विकास ने एक नई गति पकड़ी है। काशी ने आधुनिक समय को साधा है, विरासत को संजोया है और उज्ज्वल बनाने की दिशा में मजबूत कदम भी रखे हैं। आज काशी, सिर्फ पुरातन नहीं, प्रगतिशील भी है। काशी अब पूर्वांचल के आर्थिक नक्शे के केंद्र में है। जौने काशी के स्वयं महादेव चलाव लन… आज उहे काशी पूर्वांचल के विकास के रथ के खींचत हौ!

साथियों,

कुछ देर पहले काशी और पूर्वांचल के अनेक हिस्सों से जुड़ी ढेर सारी परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास हुआ है। कनेक्टिविटी को मजबूती देने वाले अनेक इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स, गांव-गांव, घर-घर तक नल से जल पहुंचाने का अभियान, शिक्षा, स्वास्थ्य और खेल सुविधाओं का विस्तार और हर क्षेत्र, हर परिवार, हर युवा को बेहतर सुविधाएं देने का संकल्प ये सारी बातें, ये सारी योजनाएं, पूर्वांचल को विकसित पूर्वांचल बनाने की दिशा में मील का पत्थर बनने वाली हैं। काशी के हर निवासी को इन योजनाओं से खूब लाभ मिलेगा। इन सभी विकास कार्यों के लिए, बनारस के लोगों को, पूर्वांचल के लोगों को मैं ढेर सारी बधाई देता हूं।

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साथियों,

आज सामाजिक चेतना के प्रतीक महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती भी है। महात्मा ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले जी ने जीवन भर, नारी शक्ति के हित, उनके आत्मविश्वास और समाज कल्याण के लिए काम किया। आज हम उनके विचारों को, उनके संकल्पों को नारी सशक्तिकरण के उनके आंदोलन को आगे बढ़ा रहे हैं, नई ऊर्जा दे रहे हैं।

साथियों,

आज मैं एक बात और भी कहना चाहूंगा, महात्मा फुले जी जैसे त्यागी, तपस्वी, महापुरुषों से प्रेरणा से ही देश सेवा का हमारा मंत्र रहा है, सबका साथ, सबका विकास। हम देश के लिए उस विचार को लेकर के चलते हैं, जिसका समर्पित भाव है, सबका साथ, सबका विकास। जो लोग सिर्फ और सिर्फ सत्ता हथियाने के लिए, सत्ता पाने के लिए, दिन रात खेल खेलते रहते हैं, उनका सिद्धांत है, परिवार का साथ, परिवार का विकास। आज मैं सबका साथ, सबका विकास के इस मंत्र को साकार करने की दिशा में पूर्वांचल के पशुपालक परिवारों को, विशेष रूप से हमारी मेहनतकश बहनों को विशेष बधाई देता हूं। इन बहनों ने बता दिया है, अगर भरोसा किया जाए, तो वो भरोसा नया इतिहास रच देता है। ये बहनें अब पूरे पूर्वांचल के लिए नई मिसाल बन चुकी हैं। थोड़ी देर पहले, उत्तर प्रदेश के बनास डेयरी प्लांट से जुड़े सभी पशुपालक साथियों को बोनस वितरित किया गया है। बनारस और बोनस, ये कोई उपहार नहीं है, ये आपकी तपस्या का पुरस्कार है। 100 करोड़ रुपये से ज़्यादा का ये बोनस, आपके पसीने का, आपके परिश्रम का तोहफा है।

साथियों,

बनास डेयरी ने काशी में हजारों परिवारों की तस्वीर और तक़दीर दोनों बदल दी है। इस डेयरी ने आपकी मेहनत को इनाम में बदला और सपनों को नई उड़ान दी और खुशी की बात ये, कि इन प्रयासों से, पूर्वांचल की अनेकों बहनें अब लखपति दीदी बन गई हैं। जहाँ पहले गुज़ारे की चिंता थी, वहाँ अब कदम खुशहाली की तरफ बढ़ रहे हैं। और ये तरक्की बनारस, यूपी के साथ ही पूरे देश में दिखाई दे रही है। आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है। 10 साल में दूध के उत्पादन में करीब 65 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, डबल से भी ज्यादा। ये सफलता आप जैसे देश के करोड़ों किसानों की है, मेरे पशुपालक भाइयों और बहनों की है। और ये सफलता एक दिन में नहीं मिली है, बीते 10 सालों से, हम देश के पूरे डेयरी सेक्टर को मिशन मोड में आगे बढ़ा रहे हैं।

हमने पशुपालकों को किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा से जोड़ा है, उनके लिए लोन की सीमा बढ़ाई है, सब्सिडी की व्यवस्था की है और सबसे बड़ा महत्वपूर्ण एक काम, जीव दया का काम भी है। खुरपका-मुंहपका, Foot and Mouth Disease से पशुधन को बचाने के लिए मुफ्त वैक्सीन प्रोग्राम चलाया जा रहा है। कोविड की मुफ्त वैक्सीन की तो सबको चर्चा करनी याद आती है, लेकिन ये सरकार ऐसी है, जिसके सबका साथ, सबका विकास में मेरे पशुओं को भी मुफ्त में टीकाकरण हो रहा है।

दूध का संगठित कलेक्शन हो इसके लिए देश की 20 हजार से ज्यादा सहकारी समितियों को फिर से खड़ा किया गया है। इसमें लाखों नए सदस्य जोड़े गए हैं। प्रयास ये है कि डेयरी सेक्टर से जुड़े लोगों को एक साथ जोड़कर आगे बढ़ाया जा सके। देश में गाय की देसी नस्लें विकसित हों, उनकी क्वालिटी अच्छी हो। गायों की ब्रीडिंग का काम साइंटिफिक अप्रोच से हो। इसके लिए राष्ट्रीय गोकुल मिशन चल रहा है। इन सारे कामों का मूल यही है कि देश में जो पशुपालक भाई बहन हैं, वो विकास के नए रास्ते से जुड़ें। उन्हें अच्छे बाजार से, अच्छी संभावनाओं से जुड़ने का अवसर मिले। और आज बनास डेरी का काशी संकुल, पूरे पूर्वांचल में इसी प्रोजेक्ट को, इसी सोच को आगे बढ़ा रहा है। बनास डेयरी ने यहां गिर गायों का भी वितरण किया है और मुझे बताया गया है कि उनकी संख्या लगातार बढ़ रही है। बनास डेयरी ने यहां बनारस में पशुओं के चारे की व्यवस्था भी शुरू कर दी है। पूर्वांचल के करीब-करीब एक लाख किसानों से आज ये डेयरी दूध कलेक्ट कर रही है, किसानों को सशक्त कर रही है।

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साथियों,

अभी कुछ देर पहले मुझे यहां कई बुजुर्ग साथियों को आयुष्मान वय वंदना कार्ड सौंपने का अवसर मिला है। मैंने उन साथियों के चेहरे पर जो संतोष का भाव देखा, मेरे लिए वो इस योजना की सबसे बड़ी सफलता है। इलाज को लेकर घर के बुजुर्गों की जो चिंता रहती है, वो हम सब जानते हैं। 10-11 साल पहले इस क्षेत्र में, पूरे पूर्वांचल में, इलाज को लेकर जो परेशानियां थीं, वो भी हम सब जानते हैं। आज स्थितियां बिल्कुल अलग हैं, मेरी काशी अब आरोग्य की राजधानी भी बन रही है। दिल्ली-मुंबई के बड़े-बड़े जो अस्पताल, ये अस्पताल अब आज आपके घर के पास आ गए हैं। यही तो विकास है, जहाँ सुविधाएं लोगों के पास आती हैं।

साथियों,

बीते 10 वर्षों में हमने सिर्फ अस्पतालों की गिनती ही नहीं बढ़ाई है, हमने मरीज की गरिमा भी बढ़ाई है। आयुष्मान भारत योजना मेरे गरीब भाई-बहनों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। ये योजना सिर्फ इलाज नहीं देती, ये इलाज के साथ-साथ विश्वास देती है। उत्तर प्रदेश के लाखों और वाराणसी के हजारों लोग इसका लाभ उठा चुके हैं। हर इलाज, हर ऑपरेशन, हर राहत, जीवन की एक नई शुरुआत बन गई है। आयुष्मान योजना से यूपी में ही लाखों परिवारों के करोड़ों रुपये बचे हैं, क्योंकि सरकार ने कहा, अब आपके इलाज की जिम्मेदारी हमारी है।

और साथियों,

जब आपने हमें तीसरी बार आशीर्वाद दिया, तो हमने भी आपको सेवक के रूप में स्नेह स्वरूप अपने कर्तव्य को निभाया है और कुछ लौटाने का नम्र प्रयास किया है। मेरी गारंटी थी, बुजुर्गों का इलाज मुफ्त होगा, इसी का परिणाम है, आयुष्मान वय वंदना योजना! ये योजना, बुजुर्गों के इलाज के साथ ही उनके सम्मान के लिए है। अब हर परिवार के 70 वर्ष से ऊपर के बुजुर्ग, चाहे उनकी आय कुछ भी हो, मुफ्त इलाज के हकदार हैं। वाराणसी में सबसे ज़्यादा, करीब 50 हज़ार वय वंदना कार्ड यहां के बुजुर्गों तक पहुंच गए हैं। ये कोई आंकड़ा नहीं, ये सेवा का, एक सेवक का नम्र प्रयास है। अब इलाज के लिए जमीन बेचने की जरूरत नहीं! अब इलाज के लिए कर्ज लेने की मजबूरी नहीं! अब इलाज के लिए दर-दर भटकने की बेबसी नहीं! अपने इलाज के पइसा क चिंता मत करा, आयुष्मान कार्ड से आपके इलाज के पइसा अब सरकार देई!

साथियों,

आज काशी होकर जो भी जाता है, वो यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर की, यहां की सुविधाओं की बहुत प्रशंसा करता है। आज हर दिन लाखों लोग बनारस आते हैं। बाबा विश्वनाथ का दर्शन करते हैं, मां गंगा में स्नान करते हैं। हर यात्री कहता है, बनारस, बहुत बदल गया है। कल्पना कीजिए, अगर काशी की सड़कें, यहां की रेल और एयरपोर्ट की स्थिति 10 साल पहले जैसी ही रहती, तो काशी की हालत कितनी खराब हो गई होती। पहले तो छोटे-छोटे त्योहारों के दौरान भी जाम लग जाता था। जैसे किसी को चुनार से आना हो और शिवपुर जाना हो। पहले उसको पूरा बनारस घूम कर, जाम में फंसकर, धूल-धूप में तपकर जाना पड़ता था। अब फुलवरिया क फ्लाईओवर बन गइल हो। अब रास्ता भी छोटा, समय भी बचत हो, जीवन भी राहत में हौ! ऐसे ही जौनपुर और गाजीपुर के ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को आने-जाने में और बलिया, मऊ, गाजीपुर जिलों के लोगों को एयरपोर्ट जाने के लिए वाराणसी शहर के भीतर से जाना होता था। घंटों लोग जाम में फंसे रहते थे। अब रिंग रोड से कुछ ही मिनट में, लोग इस पार से उस पार पहुंच जाते हैं।

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साथियों,

केहू के गाजीपुर जाए के हौ त पहिले कई घंटा लगत रहल। अब गाजीपुर, जौनपुर, मिर्जापुर, आजमगढ़ हर शहर में जाने का रास्ता, पहुंचने का रास्ता चौड़ा हो गया है। जहां पहले जाम था, आज वहाँ विकास की रफ्तार दौड़ रही है! बीते दशक में वाराणसी और आस-पास के क्षेत्रों की कनेक्टिविटी, उस पर करीब 45 हज़ार करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। ये पैसा सिर्फ कंक्रीट में नहीं गया, ये विश्वास में बदला है। इस निवेश का लाभ आज पूरी काशी और आसपास के जिलों को मिल रहा है।

साथियों,

काशी के इंफ्रास्ट्रक्चर पर हो रहे इस निवेश को आज भी विस्तार दिया गया है। हजारों करोड़ के प्रोजेक्टस का आज शिलान्यास किया गया है। हमारा जो लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट है, उसके विस्तारीकरण का काम तेजी से चल रहा है। जब एयरपोर्ट बड़ा हो रहा है, तो उसको जोड़ने वाली सुविधाओं का विस्तार भी ज़रूरी था। इसलिए अब एयरपोर्ट के पास 6 लेन की अंडरग्राउंड टनल बनने जा रही है। आज भदोही, गाजीपुर और जौनपुर के रास्तों से जुड़े प्रोजेक्ट्स पर भी काम शुरु हुआ है। भिखारीपुर और मंडुवाडीह पर फ्लाईओवर की मांग लंबे समय से हो रही थी। हमके खुशी हौ कि इहो मांग पूरा होए जात हौ। बनारस शहर और सारनाथ को जोड़ने के लिए नया पुल भी बनने जा रहा है। इससे एयरपोर्ट और अन्य जनपदों से सारनाथ जाने के लिए शहर के अंदर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

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साथियों,

अगले कुछ महीनों में, जब ये सारे काम पूरे हो जाएंगे, जो बनारस में आवाजाही और भी आसान होगी। रफ्तार भी बढ़ेगी और कारोबार भी बढ़ेगा। इसके साथ-साथ, कमाई-दवाई के लिए बनारस आने वालों को भी बहुत सुविधा होगी। और अब तो काशी में सिटी रोपवे का ट्रायल भी शुरू हो गया है, बनारस अब दुनिया के चुनिंदा ऐसे शहरों में होगा, जहां ऐसी सुविधा होगी।

साथियों,

वाराणसी में विकास का, इंफ्रास्ट्रक्चर का कोई भी काम होता है, तो इसका लाभ पूरे पूर्वांचल के नौजवानों को होता है। हमारी सरकार का बहुत जोर इस पर भी है कि काशी के युवाओं को स्पोर्ट्स में आगे बढ़ने के लगातार मौके मिलें। और अब तो 2036 में, ओलंपिक भारत में हो, इसके लिए हम लगे हुए हैं। लेकिन ओलंपिक में मेडल चमकाने के लिए मेरे काशी के नौजवानों आपको अभी से लगना पड़ेगा। और इसलिए आज, बनारस में नए स्टेडियम बन रहे हैं, युवा साथियों के लिए अच्छी फैसिलिटी बन रही है। नया स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स खुल गया है। वाराणसी के सैकड़ों खिलाड़ी उसमें ट्रेनिंग ले रहे हैं। सांसद खेल प्रतियोगिता के भी प्रतिभागियों को इस खेल के मैदान में अपना दम दिखाने का अवसर मिला है।

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साथियों,

भारत आज विकास और विरासत, दोनों एक साथ लेकर चल रहा है। इसका सबसे बढ़िया मॉडल, हमारी काशी बन रही है। यहां गंगा जी का प्रवाह है और भारत की चेतना का भी प्रवाह है। भारत की आत्मा, उसकी विविधता में बसती है और काशी उसकी सबसे सुंदर तस्वीर है। काशी के हर मोहल्ले में एक अलग संस्कृति, हर गली में भारत का एक अलग रंग दिखता है। मुझे खुशी है कि काशी-तमिल संगमम् जैसे आयोजन से, एकता के ये सूत्र निरंतर मजबूत हो रहे हैं। अब तो यहां एकता मॉल भी बनने जा रहा है। इस एकता मॉल में भारत की विविधता के दर्शन होंगे। भारत के अलग-अलग जिलों के उत्पाद, यहां एक ही छत के नीचे मिलेंगे।

साथियों,

बीते वर्षों में, यूपी ने अपना आर्थिक नक्शा भी बदला है, नजरिया भी बदला है। यूपी, अब सिर्फ संभावनाओं की धरती नहीं रहा, अब ये सामर्थ्य और सिद्धियों की संकल्प भूमि बन रहा है! अब जैसे आजकल ‘मेड इन इंडिया’ की गूंज हर तरफ है। भारत में बनी चीजें, अब ग्लोबल ब्रांड बन रही हैं। आज यहां कई उत्पादों को GI टैग दिया गया है। GI टैग, ये सिर्फ एक टैग नहीं है, ये किसी जमीन की पहचान का प्रमाण पत्र है। ये बताता है कि ये चीज़, इसी मिट्टी की पैदाइश है। जहां GI टैग पहुंचता है, वहां से बाजारों में बुलंदियों का रास्ता खुलता है।

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साथियों,

आज यूपी पूरे देश में GI टैगिंग में नंबर वन है! यानी हमारी कला, हमारी चीजें, हमारे हुनर की अब तेजी से अंतरराष्ट्रीय पहचान बन रही है। अब तक वाराणसी और उसके आसपास के जिलों में 30 से ज्यादा उत्पादों को GI टैग मिला है। वाराणसी का तबला, शहनाई, दीवार पर बनने वाली पेंटिंग, ठंडाई, लाल भरवां मिर्च, लाल पेड़ा, तिरंगा बर्फी, हर चीज़ को मिला है पहचान का नया पासपोर्ट, GI टैग। आज ही, जौनपुर की इमरती, मथुरा की सांझी कला, बुंदेलखंड का कठिया गेहूँ, पीलीभीत की बांसुरी, प्रयागराज की मूंज कला, बरेली की ज़रदोज़ी, चित्रकूट की काष्ठ कला, लखीमपुर खीरी की थारू ज़रदोज़ी, ऐसे अनेक शहरों के उत्पादों को GI टैग वितरित किए गए हैं। यानी यूपी की मिट्टी में जो खुशबू है, अब वो सिर्फ हवा में नहीं, सरहदों के पार भी जाएगी।

साथियों,

जो काशी को सहेजता है, वह भारत की आत्मा को सहेजता है। हमें काशी को निरंतर सशक्त करते रहना है। हमें काशी को, सुंदर और स्वप्निल बनाए रखना है। काशी की पुरातन आत्मा को, आधुनिक काया से जोड़ते रहना है। इसी संकल्प के साथ, मेरे साथ एक बार फिर, हाथ उठाकर कहिए। नमः पार्वती पतये, हर हर महादेव। बहुत बहुत धन्यवाद।