Quoteभारत में सुरक्षा की बेहतर स्थिति कांग्रेस को पसंद नहीं आ रही, मसूद अजहर पर हुए फैसले पर वो खुशी मनाने के बजाय, कांग्रेस अपना मजाक उड़वाने में लग गई है: प्रधानमंत्री मोदी
Quoteकांग्रेस का पंजा हमेशा मलाई के चक्कर में रहता है, जहां मलाई नहीं, वहां कांग्रेस कभी गई नहीं: पीएम मोदी
Quoteदेश को सही दिशा देने के लिए, देश के तेज गति से विकास के लिए मजबूत सरकार बहुत जरूरी होती है: प्रधानमंत्री

भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय।

बदलते हुए मौसम में भी शेखावाटी का जोश चरम पर है। आपके इस उत्साह आपके इन भावनाओं का मैं अभिनंदन करता हूं। अब जब मैं आपकी भावनाओं का अभिनंदन करता हूं तो यहां के मुख्यमंत्री और यहां की कांग्रेस पार्टी आज इलेक्शन कमीशन को शिकायत करेगी कि मोदी ने सीकर में अभिनंदन का नाम दिया। अभिनंदन का नाम देकर मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट भंग किया। फिर उनका एक चेला सुप्रीम कोर्ट चला जाएगा। फिर सुप्रीम कोर्ट कहेगी कि एक हफ्ते में निर्णय करो, फिर इलेक्शन कमीशन कहेगा उन्होंने तो जनता को अभिनंदन कहा था कोई केस बनता नहीं है, तो फिर ये प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे कि मोदी को क्लीन चिट क्यों दिया? यही खेल चल रहा है, और इसलिए मैं आज फिर एक बार सीकर वासियों को बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं। साथियो, मैं आया हूं करीब तीन सवा तीन बजे। 12 बजे आता तो बता देता कि दाल बाटी चूरमा शेखावाटी के सूरमा। ये परंपरा यहां की रही है। साथियो, एक तरफ ये महान धरती, हम सभी राष्ट्र रक्षा के लिए सबको जोड़ने की बात करते हैं। वहीं कांग्रेस राष्ट्र रक्षा करने वालों का हर मौके पर अपमान करती है। आपका प्यार, आपका उत्साह मेरी सर आंखों पर। लेकिन मुझे बोलने तो दीजिए? आपका प्यार मुझे मंजूर है दोस्तों। अगर आप इजाजत दें तो बोलना शुरू करूं। अब इतना प्यार करोगे इतना प्यार करोगे, तो मैं ये शेखावाटी में रह जाऊं क्या? याद करिए कांग्रेस के एक नेता सेनाध्यक्ष को गली का गुंडा कहते हैं। कांग्रेस के और नेता देश के वायुसेना के अध्यक्ष को झूठा कहते हैं, और सबसे बड़ी बात जब हमारे सपूत जान हथेली पर रखकर आतंकियों को घर में घुसकर मारते हैं तो कांग्रेस के नेता सवाल उठाते हैं कि आतंकियों की लाशें कहां हैं? क्या इनका दफन करने के लिए कांग्रेस की तरफ से चदर भेजने का इरादा है क्या? ये क्या तरीका है, हमारे वीर साथियों के शौर्य पर कांग्रेस को विश्वास ही नहीं है। बालाकोट में भारत ने जो पराक्रम किया, वो पाकिस्तान दुनिया में जा जाकर के रो रहा है कि मोदी ने मारा, मोदी ने मारा। लेकिन कांग्रेस को ये भी मानने का इरादा नहीं है। आप वहां पर जो कैमरा वाले है सज्जन, वो कैमरा वाले हैं, नीचे उतर जाइए आप। आप कैमरा वहां बंद कर दीजिए।

भारत माता की जय, भारत माता की जय

|

एयर स्ट्राइक के हर सबूत के लिए कांग्रेस आंखों पर पट्टी बांधकर के बैठ गई है, और कांग्रेस का हाल ऐसा है कि इन दिनों उनको दिल्ली में प्रधानमंत्री की कुर्सी के सिवाय कुछ भी नहीं दिखता है। उन्होंने ऐसे चश्में पहने हैं कि उनको कुछ दिखता ही नहीं है। कांग्रेस के नेताओं को हमारे वीर सपूतों का पराक्रम दिखाई नहीं देता है। कांग्रेस के इस बर्ताव पर देश पहले, आप तय कीजिए भाई, मैं अपनी बात करूं या आप अपने नारे चालू रखेंगे। आपका प्यार, आपका उत्साह मेरे सर आंखों पर, लेकिन आप तय करें कि मैं बोलूं या न बोलूं? देखिए पंडाल छोटा पड़ गया है। लेकिन ईश्वर ने आपके लिए पंडाल बना दिया है। मौसम इतना बढ़िया बना दिया है, कि ये वहां बाहर तक भी जो लोग हैं। ये सब सुनने आए हैं। आपका प्यार मेरे सर आंखों पर दोस्तों, लेकिन आप इजाजत दें तो मैं बोलूं। भाइयो-बहनो, कांग्रेस के इस बर्ताव पर देश पहले चार चरणों में जो मतदान हुआ, कांग्रेस पार्टी और महामिलावटी लोग पहले चार चरण में देश की जनता ने उसे ठीक से सबक सिखा दिया है। यहां राजस्थान में भी 29 अप्रैल को जब वोट पड़े तो लोगों ने कांग्रेस को पानी पी-पी कर के सजा दी है।

लेकिन साथियो, मैं आपको सावधान कर रहा हूं। चुनाव के पहले चार चरणों में चारों खाने चित्त होने के बाद, अब कांग्रेस एक नया ड्रामा, नया पैंतरा चला रहा है। कल कांग्रेस के नामदारों ने अपना रिमोर्ट कंट्रोल ऑन किया, और उसके कुछ ही देर बाद कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने एक बयान दिया कि हमारे समय भी कई बार सर्जिकल स्ट्राइक की गई। ये बयान सामने आते ही कांग्रेस की तमाम नेता उछलने लगे। बस यहीं तो चाहिए था। इसी घड़ी का तो इतंजार था कांग्रेस को, अब कांग्रेस किसी भी तरह ये साबित करने पर तुली है कि हमने भी सर्जिकल स्ट्राइक की थी। साथियो, कल कांग्रेसी 6 तारीखें भी निकाल लाए और कहा कि ये वो तारीखें हैं जब उनकी सरकार में सर्जिकल स्ट्राइक हुई थी। सोचिए, कांग्रेस अब ये दावा कर रही है कि उसने तो 6-6 बार सर्जिकल स्ट्राइक की थी। भाई ये कैसी स्ट्राइक थी जिसके बारे में न आतंकियों को पता चला, न आतंकियों पर हमला करने वालों को पता चला, न ही पाकिस्तान को पता चला और न ही हिंदुस्तान में किसी को पता चला। आपको किसी को पता चला भाई? जब रिमोर्ट कंट्रोल वाली सरकार थी तब किसी अखबार में स्ट्राइक शब्द आपने पढ़ा था, स्ट्राइक शब्द सुना था। लेकिन अब शुरू में जब सर्जिकल स्ट्राइक हुआ तो इन्होंने ऐसा कुछ होता ही नहीं है, ये सेना तो रोज करती है। नाकार दिया, लेकिन जनता को मोदी पर भरोसा था जनता मेरे साथ खड़ी हो गई। पहले उन्होंने मजाक उड़ाया, पहले मजाक उड़ाया, जब देखा जनता मोदी के साथ खड़ी है तो विरोध करना शुरू किया। जैसा उन्होंने विरोध बढ़ाया तो जनता ने और प्रेम बढ़ा दिया। मोदी- मोदी करने लगे तो उनको और परेशानी हुई तो अब उन्होंने तीसरा रास्ता अपनाया कि ऐसा करो भाई कि हम भी बोल दें कि हमने भी किया था। ताकी जो प्रेम मोदी की तरफ बढ़ा है दो पांच प्रतिशत हमारी तरफ भी आ जाए। इसलिए पहले उपेक्षा, बाद में विरोध और अब हमने भी किया था। मीटू, मीटू। अरे तेरी मीटू। अरे, एयर कंडीशन कमरों में बैठकर कागज पर एयर स्ट्राइक करने का काम ये कांग्रेस कर सकती है। मैं पढ़ रहा था कि अभी चार महीने पहले एक और नेता ने दावा किया था कि कांग्रेस ने तीन बार सर्जिकल स्ट्राइक किए है।

मुझे लगता है कि ये ऐसे लोग है जो उम्र के किसी भी पड़ाव में वीडियो गेम खेलते रहते हैं, और शायद सर्जिकल स्ट्राइक कोई वीडियो गेम समझकर आनंद लेते होंगे। खैर साथियो, चुनाव के चार चरण बीतते-बीतते, चार महीने में ही ये कांग्रेस की सर्जिकल स्ट्राइक की संख्या जो चार महीने पहले तीन थी कल उनके एक बड़े नेता ने 6 कर दी, और शायद चुनाव पूरा होते-होते उनके गली मुहल्ले वाले कह देंगे अरे हम तो हर दिन स्ट्राइक करते थे। झूठ बोलने में क्या जाता है यार। अपने जेब से थोड़ी न जाता है, और आदत से मजबूर, आप देखिएगा 23 मई को जब नतीजे आएंगे तो उसके बाद कांग्रेस कहेगी हमने 6 नहीं 600 बार सर्जिकल स्ट्राइक की थी। जब कागज पर ही करनी हो। जब वीडियो गेम में ही स्ट्राइक करनी हो तो तीन हो या 6 हो 20 हो या 25 हो। ये झूठे लोगों को क्या फर्क पड़ता है। कांग्रेस को देश की सुरक्षा की परवाह नहीं है। देश की रक्षा करने वालों की परवाह नहीं है।

कांग्रेस की सोच क्या है इसका एक और उदाहरण दिखाई देता है कर्नाटक में, आप हैरान हो जाएंगे जो बात मैं बता रहा हूं, और आपके अगर कोई मीडिया के दोस्त हो तो उनको भी जरा फोन कर के पूछ लेना कि इतनी बड़ी बात आपने मीडिया में छापी क्यों नहीं? टीवी पर दिखाई क्यों नहीं? और वो भी किसी सामान्य व्यक्ति ने नहीं कहा है। मैं जो आपको बात बताने जा रहा हूं राजस्थान की हर मां का खून गर्म हो जाएगा। राजस्थान की हर मां ये कांग्रेस को कभी माफ नहीं करेगी। वो जानकारी मैं आपको दूंगा। भाइयो-बहनो, ये कांग्रेस कर्नाटक में एक सरकार चला रही है उस सरकार के मुख्यमंत्री जिस मुख्यमंत्री के पिता जी कभी भारत के प्रधानमंत्री थे कुछ समय के लिए। उन्होंने बयान दिया मुख्यमंत्री ने और मुख्यमंत्री तो जवान हैं सोते नहीं हैं, जागते हैं। उन्होंने बयान दिया माताएं-बहनें मेरी बात सब दूर पहुंचना। हर नौजवान से कहता हूं। हर मां-बहन से पानी हाथ में लेकर के उससे बात करना। उन्होंने क्या कहा? उन्होंने कहा ये मुख्यमंत्री के शब्द हैं। कांग्रेस पार्टी जिस सरकार को चलाती है उसके मुख्यमंत्री के शब्द हैं। कांग्रेस पार्टी जिस सरकार को चलाती है उसके मुख्यमंत्री के शब्द हैं। उन्होंने कहा कि सेना में वहीं लोग जाते हैं जिनके पास दो वक्त का खाना नहीं है, भूखे मरते हैं। पेट भरने के लिए सेना में जाते हैं।

आप मुझे बताइए मेरे भाइयो-बहनो, क्या राजस्थान के इस धरती के हजारों-लाखों सपूत क्या पेट भरने के लिए सेना में है। क्या राजस्थान की धरती उन्हें दो वक्त की रोटी नहीं दे पा रही है। ये हमारी वीर माताओं का अपमान है कि नहीं है? हमारे वीर बेटों का अपमान है कि नहीं है? साथियो, कांग्रेस के छोटे-बडे सब नेताओं का मौन, इस निंदनीय बयान का समर्थन करता है। ये मेरा कांग्रेस के नेताओं पर खुला आरोप है। ये राजस्थान के एक-एक बच्चों को पूछिए, क्या बात करते हो, जो सीने पर गोलियां खाने के लिए जाता है उसको कहते हो रोटी खाने निकला है। ऐसे लोगों को माफ करोगे क्या? ये वीरों की धरती है, क्या ये राजस्थान का अपमान नहीं है? यहां का कोई परिवार ऐसा नहीं है जिसका बेटा या तो सेना में जिंदगी गुजारी न हो, या आज अभी सीमा पर खड़ा न हो। ऐसा कोई परिवार नहीं। क्या ये देश के वीर माताओं का अपमान जो अपने लाडले को इसलिए सीमा पर भेजता है ताकी वो देश की रक्षा कर सके। जो अपनी मां से भारत मां को महान मानता है। वो बेटा मातृभूमि के लिए मरने के लिए निकलता है भाइयो। क्या देश के वीर जवानों का अपमान नहीं है। जो दुश्मन का मुकाबला करते हुए अपनी जान की बाजी लगा देते हैं। साथियो, कांग्रेस के मन में कभी देश की रक्षा करने वालों के लिए सम्मान नहीं रहा है। इसलिए कांग्रेस ने कभी उनके हितों के बारे में नहीं सोचा।

|

भाइयो-बहनो, ये वहीं कांग्रेस पार्टी है जिसने चार दशक तक हमारे लाखों सैनिक परिवारों का वन रैंक वन पेंशन के लिए उनको लटकाती रही, तरसाती रही, ठूकराती रही, और जब दवाब बना और जब मोदी ने रेवाड़ी में पूर्व सैनिकों के बीच में कह दिया कि हम ये कर के रहेंगे तो सेना के जवानों के आंख में धूल झोंकने के लिए कांग्रेस ने किया। 2013 के अंतरिम बजट में 2013-14 में इलेक्शन कमीशन का काम शुरू होने से पहले लिखने के लिए 500 करोड़ रुपया बजट में लिख दिया, और नाचने लगे पूरे चुनाव में नाचने लगे हमने वन रैंक पेंशन, वन रैंक पेंशन दे दिया। ये ऐसे झूठे लोग हैं भाइयो आप कल्पना नहीं कर सकते। जवानों से मालाएं पहनने लगे। फोटो निकलवाने लगे, और ये टीवी में भी कुछ ऐसे लोग बैठे हैं। जय-जयकार करने लगे कि भाई इन्होंने वन रैंक वन पेंशन दे दिया। भाइयो-बहनो, हुआ क्या था, ये काम भाजपा की जब सरकार बनी तब मोदी ने आकर के किया, और जो 500 करोड़ में वन रैंक वन पेंशन के नाम पर फोटो खिंचवाते थे। वो हमने लागू किया। अब तक हमने 35 हजार करोड़ रुपया ये निवृत्त सेना के परिवारों के खाते में जमा करवा दिया। कहां 500 करोड़ और कहां 35 हजार करोड़। इससे बड़ा कोई झूठ हो सकता है क्या? ये झूठ बोलने में माहिर है कि नहीं है? और आप ऐसे भले-भोले हो उनका झूठ भी सच लगता है फिर गलती करते हो, फिर रोते हो फिर मोदी मोदी करते हो। साथियो, सेना और हमारे शहीदों के प्रति कांग्रेस का बर्ताव हमेशा ऐसा ही रहा है। हमारे सैनिक देश आजाद हुआ तब से मांग कर रहे थे कि देश में शहीदों की याद में एक नेशनल वॉर मेमोरियल होना चाहिए। आप हैरान हो जाएंगे कि इतने साल कांग्रेस की सरकार रही वीर जवानों ने शहादत मोली। लेकिन इन्होंने नेशनल वॉर मेमोरियल नहीं बनाया। बहानेबाजी की और कहते रहे इंडिया गेट की शोभा खत्म हो जाएगी। अरे, मेरे देश के जवानों से इंडिया गेट बड़ा कि मेरे वीर जवानों की शहादत बड़ी। क्या तरीक है?

भाइयो-बहनो, आजादी के सात दशक बाद नेशनल वॉर मेमोरियल बनवाने का सौभाग्य इस चौकीदार को मिला। साथियो, कांग्रेस का पंजा हमेशा मलाई की चक्कर में रहता है, जहां मलाई नहीं वहां कांग्रेस कभी गई नहीं। लोगों को चाहे जितनी दिक्कतें हो कांग्रेस को फर्क नहीं पड़ता। भाइयो-बहनो, ये भी एक वजह है कि कांग्रेस जब भी आती है महंगाई आसमान छूने लगती है। यानी कांग्रेस आई महंगाई लाई। कांग्रेस की सरकार 70 के दशक में रही हो, या फिर 2014 से पहले तक महंगाई ने गरीब की, मिडिल क्लास की कमर तोड़ी है। जबकी एनडीए की सरकार ने बीते पांच वर्षों में महंगाई की दर को नियंत्रित रखा है। बीते पांच वर्षों में खाने-पीने के सामान से लेकर जूते कपड़े दवाई ऐसी हर सामान को हमने सस्ता किया। साथियो, ये पहली ऐसी सरकार है जिसने टैक्स कम करने के साथ-साथ विकास की गति डबल की है। दोगुनी की है, जो कर्मचारी, जो व्यापारी इनकम टैक्स भरते हैं उनको बहुत बड़ी राहत सरकार ने दी है। 

|

पांच लाख रुपये तक की कर योग्य आय को टैक्स के दायरे से बाहर कर दिया गया है। इससे सामान्य परिवार के पास अधिक पैसा बच रहा है। वो बच्चों की शिक्षा और अपना घर बनाने के लिए बचत कर पा रहा है। भाइयो-बहनो, हमारे युवा साथी सक्षम हो, साइंस और टेक्नोलॉजी में वो आगे बढ़े, स्टार्ट अप की दुनिया में भारत का नाम रौशन करें इसके लिए बहुत बड़ा अभियान हमने चलाया है। छठी क्लास से ही अटल टिंकरिंग लैब की सुविधाएं स्कूल में तैयार की जा रही है। और रिसर्च के लिए लाखों रुपये की मदद मेधावी छात्र छात्राओँ को दी जा रही है। इतना ही नहीं एजुकेशन लोन पर कांग्रेस के जमाने में जो ब्याज लगभग 15% था वो आज लगभग 11% है। इस तरह 5 वर्ष के लिए, लिए गए 10 लाख रुपये के लिए एजुकेशन लोन पर हर परिवार सीधे-सीधे सवा लाक रुपये की बचत कर सकता है। साथियो, कांग्रेस की सरकार ने समाज को वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किया है। यहीं कारण है कि सभी वर्गों को साथ लेकर चलना कांग्रेस की फितरत नहीं रही है। लेकिन बीजेपी के लिए समाज का हर व्यक्ति बहुत ही महत्वपूर्ण है। विकास हर व्यक्ति हर क्षेत्र तक पहुंचे इसके ले हम प्रयासरत है। यही कारण है कि ओबीसी कमीशन को संवैधानिक दर्जा देने का काम तनी दशकों के बाद हम कर पाए। सामान्य वर्ग के गरीब परिवार को भी दस प्रतिशत आरक्षण इसी सोच का परिणाम है। वो भी दूसरी वर्गों के हितों के नुकसान को पहुंचाए बिना हमने ये प्रावधान किया है।

भाइयो-बहनो, सीकर ने दीनदयाल उपाध्याय जी, भैरोंसिंह शेखावत, और जमनालाल बजाज जी जैसे अनेक समाज सेवी देश को दिए हैं। उनका एक ही मकसद था कि सामान्य से सामान्य मानवी का जीवन स्तर को ऊपर उठाया जाए। यहीं प्रयास आपके इस सेवक ने बीते पांच वर्षों में किया है। पिछली बार जो मजबूत सरकार आपने बनाई थी उसने शौचालय, गैस, बिजली जैसी मूल व्यवस्थाएं सुनिश्चित की थी। इस बार जो मजबूत सरकार आप बनाएंगे उसे 2022 ततक हर गरीब को अपना पक्का घर सुनिश्चित होगा। पानी से जुड़ी समस्याएं कम होगी। छोटे किसानों, खेत मजदूरों और छोटे दुकानदारों को परेशानी से मुक्ति दिलाकर के पेंशन की सुविधा मिलेगी। सबसे बड़ी बात देश को आतंक और नक्सलवाद से मुक्ति देने का विश्वास मिलेगा। गांव-गांव ढाणी-ढाणी में आप सभी को कमल खिलाना है। 

|

भाइयो-बहनो, मेरी बात पर भरोसा लोगों को क्यों होता है, मैं उदाहरण देता हूं, आज हिंदुस्तान में अगर दो राज्यों में नदी बहती है, पानी जाता है तो दोनों राज्यों के बीच में लड़ाई चल रही है, पूरे हिंदुस्तान में हो रहा है। पानी के लिए एक राज्य दूसरे राज्य से लड़ी लड़ रहा है। जब मैंने गुजरात में सरदार सरोवर डैम का काम किया, मुख्यमंत्री था। और नर्मदा का पानी सब लोग मानते थे कि ये मोदी सिरफिरा है। ये नर्मदा का पानी खुद ले जाएगा।

राजस्थान को कुछ नहीं मिलेगा, ऐसे कांग्रेस वाले अफवाह फैलाते थे, बड़ी बड़ी बातें करते थे। भाइयो-बहनो, नर्मदा का पानी जब हमने डैम का काम किया। मैं अनशन पर बैठा। ये रिमोर्ट कंट्रोल कांग्रेस की सरकार के सामने मैं मुख्यमंत्री था अनशन पर बैठा। मैंने कहा गुजरात पानी के बिना मर रहा है, राजस्थान पानी के बिना मर रहा है, और आप दिल्ली में बैठकर के हमें उपदेश दे रहे हो। मैं लड़ाई लड़ूंगा और मैंने लड़ाई लड़ी, नर्मदा के पानी का काम आगे बढ़ाया। भाइयो-बहनो, मेरे लिए आश्चर्य था एक दिन भैरोंसिंह शेखावत और जसवंत सिंह जी दोनों उस समय भारतीय जनता पार्टी का नेतृत्व करते थे। वो दिल्ली मेरे यहां मिलने के लिए आए। मुझे लगा ऐसे ही कुछ काम के लिए आएं होंगे। और बहुत सम्मान के साथ पगड़ी-वगड़ी लेकर आए थे। मैंने कहा कि भैरोंसिंह जी आप तो मेरे से बड़े हैं मुझे आपकी इज्जत करनी चाहिए। आप क्यों आए हैं? अरे भाई बोले- हम राजस्थान के लोग जानते हैं, पानी क्या होता है, पानी की कीमत क्या होती है, हम जानते हैं। और बोले तुम हो, न कोई झगड़ा न कोई विवाद और जैसे ही नर्मदा का काम हुआ तुमने हमारे हक का पानी जालौर को तुमने पहुंचा दिया। इसलिए हम तुम्हारा सम्मान करने आए हैं। भाइयो-बहनो, मोदी वचन का पक्का है, और मैं आज राजस्थान को कहता हूं कि ये ऐसी सरकारें थी इन्होंने भारत के हक का पानी भारत को देने के बजाय पाकिस्तान को दे रहे हैं। आप मुझे पांच साल और मौका देने वाले हैं मुझे मालूम है। 23 मई को चुनाव के नतीजे आएंगे। फिर एक मोदी सरकार। फिर एक बार मोदी सरकार। फिर एक बार मोदी सरकार, और मैं आपको वादा करता हूं जो पानी आज पाकिस्तान में जा रहा है, वो पानी हिंदुस्तान के खेतों में जाएगा। हम पानी के बिना तरसे और वहां पानी चला जाए। ऐसी सरकारें चली है भाइयो। ऐसी सरकारों को अब हिंदुस्तान में 100 साल तक कोई घुसने देने वाला नहीं है।

भाइयो-बहनो, आप आज तो मौसम अच्छा है। मौसम भी हमारा स्वागत करता रहता है। लेकिन आप 6 तारीख को कितनी ही गर्मी क्यों न हो। पहले मतदान फिर जलपान। पहले मतदान बाद में जलपान। और कमल के निशान पर आपको बटन दबाना है और आपका एक-एक वोट मोदी के खाते में जाएगा। और इसलिए भाइयो-बहनो कमल के निशान पर वोट दीजिए, यहां से कमल मोदी को भेज दीजिए और इस चौकीदार को मजबूत बनाइए ताकी देश मजबूत हो। मेरे साथ बोलिए, भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय। वो सारे नौजवान मुझे क्षमा करें। आपका उत्साह बड़ा जबरदस्त था, आपका प्यार जबरदस्त था। लेकिन मैंने आपको रोका और आपने मेरी बात मान ली, इसलिए मैं सबसे पहले आपका धन्यवाद करता हूं। और आपने जो मुझे प्यार दिखाया, उसे मैं कभी भूल नहीं सकता हूं। बोलिए- भारत मात की जय, भारत माता की जय।

Explore More
हर भारतीय का खून खौल रहा है: ‘मन की बात’ में पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

हर भारतीय का खून खौल रहा है: ‘मन की बात’ में पीएम मोदी
How The Indian Auto Sector Is Driving $5 Trillion Economy Dream

Media Coverage

How The Indian Auto Sector Is Driving $5 Trillion Economy Dream
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
भारत, दुनिया के लिए स्पेस की नई संभावनाओं के द्वार खोलने जा रहा है: पीएम मोदी
June 28, 2025
Quoteअंतरिक्ष में भारतीय ध्वज फहराने के लिए मैं आपको हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं: प्रधानमंत्री मोदी
Quoteविज्ञान और अध्यात्म, दोनों हमारे राष्ट्र की शक्ति हैं: प्रधानमंत्री
Quoteचंद्रयान मिशन की सफलता के साथ ही देश के बच्चों और युवाओं में विज्ञान के प्रति रुचि फिर से बढ़ी है, अंतरिक्ष में अन्वेषण का जुनून है, अब आपकी ऐतिहासिक यात्रा इस संकल्प को और शक्ति दे रही है: प्रधानमंत्री मोदी
Quoteहमें गगनयान मिशन को आगे ले जाना है, हमें अपना स्पेस स्टेशन बनाना है और चंद्रमा पर भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को भी उतारना है: प्रधानमंत्री
Quoteआज मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि ये भारत के गगनयान मिशन की सफलता का पहला अध्याय है, आपकी ऐतिहासिक यात्रा केवल अंतरिक्ष तक सीमित नहीं है, ये विकसित भारत की हमारी यात्रा को गति और नया जोश प्रदान करेगी: प्रधानमंत्री मोदी
Quoteभारत दुनिया के लिए अंतरिक्ष की नई संभावनाओं के द्वार खोलने जा रहा है: प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री: शुभांशु नमस्कार!

शुभांशु शुक्ला: नमस्कार!

प्रधानमंत्री: आप आज मातृभूमि से, भारत भूमि से, सबसे दूर हैं, लेकिन भारतवासियों के दिलों के सबसे करीब हैं। आपके नाम में भी शुभ है और आपकी यात्रा नए युग का शुभारंभ भी है। इस समय बात हम दोनों कर रहे हैं, लेकिन मेरे साथ 140 करोड़ भारतवासियों की भावनाएं भी हैं। मेरी आवाज में सभी भारतीयों का उत्साह और उमंग शामिल है। अंतरिक्ष में भारत का परचम लहराने के लिए मैं आपको हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। मैं ज्यादा समय नहीं ले रहा हूं, तो सबसे पहले तो यह बताइए वहां सब कुशल मंगल है? आपकी तबीयत ठीक है?

|

शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी! बहुत-बहुत धन्यवाद, आपकी wishes का और 140 करोड़ मेरे देशवासियों के wishes का, मैं यहां बिल्कुल ठीक हूं, सुरक्षित हूं। आप सबके आशीर्वाद और प्यार की वजह से… बहुत अच्छा लग रहा है। बहुत नया एक्सपीरियंस है यह और कहीं ना कहीं बहुत सारी चीजें ऐसी हो रही हैं, जो दर्शाती है कि मैं और मेरे जैसे बहुत सारे लोग हमारे देश में और हमारा भारत किस दिशा में जा रहा है। यह जो मेरी यात्रा है, यह पृथ्वी से ऑर्बिट की 400 किलोमीटर तक की जो छोटे सी यात्रा है, यह सिर्फ मेरी नहीं है। मुझे लगता है कहीं ना कहीं यह हमारे देश के भी यात्रा है because जब मैं छोटा था, मैं कभी सोच नहीं पाया कि मैं एस्ट्रोनॉट बन सकता हूं। लेकिन मुझे लगता है कि आपके नेतृत्व में आज का भारत यह मौका देता है और उन सपनों को साकार करने का भी मौका देता है। तो यह बहुत बड़ी उपलब्धि है मेरे लिए और मैं बहुत गर्व feel कर रहा हूं कि मैं यहां पर अपने देश का प्रतिनिधित्व कर पा रहा हूं। धन्यवाद प्रधानमंत्री जी!

प्रधानमंत्री: शुभ, आप दूर अंतरिक्ष में हैं, जहां ग्रेविटी ना के बराबर है, पर हर भारतीय देख रहा है कि आप कितने डाउन टू अर्थ हैं। आप जो गाजर का हलवा ले गए हैं, क्या उसे अपने साथियों को खिलाया?

शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी! यह कुछ चीजें मैं अपने देश की खाने की लेकर आया था, जैसे गाजर का हलवा, मूंग दाल का हलवा और आम रस और मैं चाहता था कि यह बाकी भी जो मेरे साथी हैं, बाकी देशों से जो आए हैं, वह भी इसका स्वाद लें और चखें, जो भारत का जो rich culinary हमारा जो हेरिटेज है, उसका एक्सपीरियंस लें, तो हम सभी ने बैठकर इसका स्वाद लिया साथ में और सबको बहुत पसंद आया। कुछ लोग कहे कि कब वह नीचे आएंगे और हमारे देश आएं और इनका स्वाद ले सकें हमारे साथ…

प्रधानमंत्री: शुभ, परिक्रमा करना भारत की सदियों पुरानी परंपरा है। आपको तो पृथ्वी माता की परिक्रमा का सौभाग्य मिला है। अभी आप पृथ्वी के किस भाग के ऊपर से गुजर रहे होंगे?

शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी! इस समय तो मेरे पास यह इनफॉरमेशन उपलब्ध नहीं है, लेकिन थोड़ी देर पहले मैं खिड़की से, विंडो से बाहर देख रहा था, तो हम लोग हवाई के ऊपर से गुजर रहे थे और हम दिन में 16 बार परिक्रमा करते हैं। 16 सूर्य उदय और 16 सनराइज और सनसेट हम देखते हैं ऑर्बिट से और बहुत ही अचंभित कर देने वाला यह पूरा प्रोसेस है। इस परिक्रमा में, इस तेज गति में जिस हम इस समय करीब 28000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रहे हैं आपसे बात करते वक्त और यह गति पता नहीं चलती क्योंकि हम तो अंदर हैं, लेकिन कहीं ना कहीं यह गति जरूर दिखाती है कि हमारा देश कितनी गति से आगे बढ़ रहा है।

प्रधानमंत्री: वाह!

शुभांशु शुक्ला: इस समय हम यहां पहुंचे हैं और अब यहां से और आगे जाना है।

प्रधानमंत्री: अच्छा शुभ अंतरिक्ष की विशालता देखकर सबसे पहले विचार क्या आया आपको?

शुभांशु शुक्ला: प्रधानमंत्री जी, सच में बोलूं तो जब पहली बार हम लोग ऑर्बिट में पहुंचे, अंतरिक्ष में पहुंचे, तो पहला जो व्यू था, वह पृथ्वी का था और पृथ्वी को बाहर से देख के जो पहला ख्याल, वो पहला जो thought मन में आया, वह ये था कि पृथ्वी बिल्कुल एक दिखती है, मतलब बाहर से कोई सीमा रेखा नहीं दिखाई देती, कोई बॉर्डर नहीं दिखाई देता। और दूसरी चीज जो बहुत noticeable थी, जब पहली बार भारत को देखा, तो जब हम मैप पर पढ़ते हैं भारत को, हम देखते हैं बाकी देशों का आकार कितना बड़ा है, हमारा आकार कैसा है, वह मैप पर देखते हैं, लेकिन वह सही नहीं होता है क्योंकि वह एक हम 3D ऑब्जेक्ट को 2D यानी पेपर पर हम उतारते हैं। भारत सच में बहुत भव्य दिखता है, बहुत बड़ा दिखता है। जितना हम मैप पर देखते हैं, उससे कहीं ज्यादा बड़ा और जो oneness की फीलिंग है, पृथ्वी की oneness की फीलिंग है, जो हमारा भी मोटो है कि अनेकता में एकता, वह बिल्कुल उसका महत्व ऐसा समझ में आता है बाहर से देखने में कि लगता है कि कोई बॉर्डर एक्जिस्ट ही नहीं करता, कोई राज्य ही नहीं एक्जिस्ट करता, कंट्रीज़ नहीं एक्जिस्ट करती, फाइनली हम सब ह्यूमैनिटी का पार्ट हैं और अर्थ हमारा एक घर है और हम सबके सब उसके सिटीजंस हैं।

प्रधानमंत्री: शुभांशु स्पेस स्टेशन पर जाने वाले आप पहले भारतीय हैं। आपने जबरदस्त मेहनत की है। लंबी ट्रेनिंग करके गए हैं। अब आप रियल सिचुएशन में हैं, सच में अंतरिक्ष में हैं, वहां की परिस्थितियां कितनी अलग हैं? कैसे अडॉप्ट कर रहे हैं?

शुभांशु शुक्ला: यहां पर तो सब कुछ ही अलग है प्रधानमंत्री जी, ट्रेनिंग की हमने पिछले पूरे 1 साल में, सारे systems के बारे में मुझे पता था, सारे प्रोसेस के बारे में मुझे पता था, एक्सपेरिमेंट्स के बारे में मुझे पता था। लेकिन यहां आते ही suddenly सब चेंज हो गया, because हमारे शरीर को ग्रेविटी में रहने की इतनी आदत हो जाती है कि हर एक चीज उससे डिसाइड होती है, पर यहां आने के बाद चूंकि ग्रेविटी माइक्रोग्रेविटी है absent है, तो छोटी-छोटी चीजें भी बहुत मुश्किल हो जाती हैं। अभी आपसे बात करते वक्त मैंने अपने पैरों को बांध रखा है, नहीं तो मैं ऊपर चला जाऊंगा और माइक को भी ऐसे जैसे यह छोटी-छोटी चीजें हैं, यानी ऐसे छोड़ भी दूं, तो भी यह ऐसे float करता रहा है। पानी पीना, पैदल चलना, सोना बहुत बड़ा चैलेंज है, आप छत पर सो सकते हैं, आप दीवारों पर सो सकते हैं, आप जमीन पर सो सकते हैं। तो पता सब कुछ होता है प्रधानमंत्री जी, ट्रेनिंग अच्छी है, लेकिन वातावरण चेंज होता है, तो थोड़ा सा used to होने में एक-दो दिन लगते हैं but फिर ठीक हो जाता है, फिर normal हो जाता है।

|

प्रधानमंत्री: शुभ भारत की ताकत साइंस और स्पिरिचुअलिटी दोनों हैं। आप अंतरिक्ष यात्रा पर हैं, लेकिन भारत की यात्रा भी चल रही होगी। भीतर में भारत दौड़ता होगा। क्या उस माहौल में मेडिटेशन और माइंडफूलनेस का लाभ भी मिलता है क्या?

शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी, मैं बिल्कुल सहमत हूं। मैं कहीं ना कहीं यह मानता हूं कि भारत already दौड़ रहा है और यह मिशन तो केवल एक पहली सीढ़ी है उस एक बड़ी दौड़ का और हम जरूर आगे पहुंच रहे हैं और अंतरिक्ष में हमारे खुद के स्टेशन भी होंगे और बहुत सारे लोग पहुंचेंगे और माइंडफूलनेस का भी बहुत फर्क पड़ता है। बहुत सारी सिचुएशंस ऐसी होती हैं नॉर्मल ट्रेनिंग के दौरान भी या फिर लॉन्च के दौरान भी, जो बहुत स्ट्रेसफुल होती हैं और माइंडफूलनेस से आप अपने आप को उन सिचुएशंस में शांत रख पाते हैं और अपने आप को calm रखते हैं, अपने आप को शांत रखते हैं, तो आप अच्छे डिसीजंस ले पाते हैं। कहते हैं कि दौड़ते हो भोजन कोई भी नहीं कर सकता, तो जितना आप शांत रहेंगे उतना ही आप अच्छे से आप डिसीजन ले पाएंगे। तो I think माइंडफूलनेस का बहुत ही इंपॉर्टेंट रोल होता है इन चीजों में, तो दोनों चीजें अगर साथ में एक प्रैक्टिस की जाएं, तो ऐसे एक चैलेंजिंग एनवायरमेंट में या चैलेंजिंग वातावरण में मुझे लगता है यह बहुत ही यूज़फुल होंगी और बहुत जल्दी लोगों को adapt करने में मदद करेंगी।

प्रधानमंत्री: आप अंतरिक्ष में कई एक्सपेरिमेंट कर रहे हैं। क्या कोई ऐसा एक्सपेरिमेंट है, जो आने वाले समय में एग्रीकल्चर या हेल्थ सेक्टर को फायदा पहुंचाएगा?

शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी, मैं बहुत गर्व से कह सकता हूं कि पहली बार भारतीय वैज्ञानिकों ने 7 यूनिक एक्सपेरिमेंट्स डिजाइन किए हैं, जो कि मैं अपने साथ स्टेशन पर लेकर आया हूं और पहला एक्सपेरिमेंट जो मैं करने वाला हूं, जो कि आज ही के दिन में शेड्यूल्ड है, वह है Stem Cells के ऊपर, so अंतरिक्ष में आने से क्या होता है कि ग्रेविटी क्योंकि एब्सेंट होती है, तो लोड खत्म हो जाता है, तो मसल लॉस होता है, तो जो मेरा एक्सपेरिमेंट है, वह यह देख रहा है कि क्या कोई सप्लीमेंट देकर हम इस मसल लॉस को रोक सकते हैं या फिर डिले कर सकते हैं। इसका डायरेक्ट इंप्लीकेशन धरती पर भी है कि जिन लोगों का मसल लॉस होता है, ओल्ड एज की वजह से, उनके ऊपर यह सप्लीमेंट्स यूज़ किए जा सकते हैं। तो मुझे लगता है कि यह डेफिनेटली वहां यूज़ हो सकता है। साथ ही साथ जो दूसरा एक्सपेरिमेंट है, वह Microalgae की ग्रोथ के ऊपर। यह Microalgae बहुत छोटे होते हैं, लेकिन बहुत Nutritious होते हैं, तो अगर हम इनकी ग्रोथ देख सकते हैं यहां पर और ऐसा प्रोसेस ईजाद करें कि यह ज्यादा तादाद में हम इन्हें उगा सके और न्यूट्रिशन हम प्रोवाइड कर सकें, तो कहीं ना कहीं यह फूड सिक्योरिटी के लिए भी बहुत काम आएगा धरती के ऊपर। सबसे बड़ा एडवांटेज जो है स्पेस का, वह यह है कि यह जो प्रोसेस है यहां पर, यह बहुत जल्दी होते हैं। तो हमें महीनों तक या सालों तक वेट करने की जरूरत नहीं होती, तो जो यहां के जो रिजल्‍ट्स होते हैं वो हम और…

प्रधानमंत्री: शुभांशु चंद्रयान की सफलता के बाद देश के बच्चों में, युवाओं में विज्ञान को लेकर एक नई रूचि पैदा हुई, अंतरिक्ष को explore करने का जज्बा बढ़ा। अब आपकी ये ऐतिहासिक यात्रा उस संकल्प को और मजबूती दे रही है। आज बच्चे सिर्फ आसमान नहीं देखते, वो यह सोचते हैं, मैं भी वहां पहुंच सकता हूं। यही सोच, यही भावना हमारे भविष्य के स्पेस मिशंस की असली बुनियाद है। आप भारत की युवा पीढ़ी को क्या मैसेज देंगे?

शुभांशु शुक्ला: प्रधानमंत्री जी, मैं अगर मैं अपनी युवा पीढ़ी को आज कोई मैसेज देना चाहूंगा, तो पहले यह बताऊंगा कि भारत जिस दिशा में जा रहा है, हमने बहुत बोल्ड और बहुत ऊंचे सपने देखे हैं और उन सपनों को पूरा करने के लिए, हमें आप सबकी जरूरत है, तो उस जरूरत को पूरा करने के लिए, मैं ये कहूंगा कि सक्सेस का कोई एक रास्ता नहीं होता कि आप कभी कोई एक रास्ता लेता है, कोई दूसरा रास्ता लेता है, लेकिन एक चीज जो हर रास्ते में कॉमन होती है, वो ये होती है कि आप कभी कोशिश मत छोड़िए, Never Stop Trying. अगर आपने ये मूल मंत्र अपना लिया कि आप किसी भी रास्ते पर हों, कहीं पर भी हों, लेकिन आप कभी गिव अप नहीं करेंगे, तो सक्सेस चाहे आज आए या कल आए, पर आएगी जरूर।

प्रधानमंत्री: मुझे पक्का विश्वास है कि आपकी ये बातें देश के युवाओं को बहुत ही अच्छी लगेंगी और आप तो मुझे भली-भांति जानते हैं, जब भी किसी से बात होती हैं, तो मैं होमवर्क जरूर देता हूं। हमें मिशन गगनयान को आगे बढ़ाना है, हमें अपना खुद का स्पेस स्टेशन बनाना है, और चंद्रमा पर भारतीय एस्ट्रोनॉट की लैंडिंग भी करानी है। इन सारे मिशंस में आपके अनुभव बहुत काम आने वाले हैं। मुझे विश्वास है, आप वहां अपने अनुभवों को जरूर रिकॉर्ड कर रहे होंगे।

शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी, बिल्कुल ये पूरे मिशन की ट्रेनिंग लेने के दौरान और एक्सपीरियंस करने के दौरान, जो मुझे lessons मिले हैं, जो मेरी मुझे सीख मिली है, वो सब एक स्पंज की तरह में absorb कर रहा हूं और मुझे यकीन है कि यह सारी चीजें बहुत वैल्युएबल प्रूव होंगी, बहुत इंपॉर्टेंट होगी हमारे लिए जब मैं वापस आऊंगा और हम इन्हें इफेक्टिवली अपने मिशंस में, इनके lessons अप्लाई कर सकेंगे और जल्दी से जल्दी उन्हें पूरा कर सकेंगे। Because मेरे साथी जो मेरे साथ आए थे, कहीं ना कहीं उन्होंने भी मुझसे पूछा कि हम कब गगनयान पर जा सकते हैं, जो सुनकर मुझे बहुत अच्छा लगा और मैंने बोला कि जल्द ही। तो मुझे लगता है कि यह सपना बहुत जल्दी पूरा होगा और मेरी तो सीख मुझे यहां मिल रही है, वह मैं वापस आकर, उसको अपने मिशन में पूरी तरह से 100 परसेंट अप्लाई करके उनको जल्दी से जल्दी पूरा करने की कोशिश करेंगे।

प्रधानमंत्री: शुभांशु, मुझे पक्का विश्वास है कि आपका ये संदेश एक प्रेरणा देगा और जब हम आपके जाने से पहले मिले थे, आपके परिवारजन के भी दर्शन करने का अवसर मिला था और मैं देख रहा हूं कि आपके परिवारजन भी सभी उतने ही भावुक हैं, उत्साह से भरे हुए हैं। शुभांशु आज मुझे आपसे बात करके बहुत आनंद आया, मैं जानता हूं आपकी जिम्मे बहुत काम है और 28000 किलोमीटर की स्पीड से काम करने हैं आपको, तो मैं ज्यादा समय आपका नहीं लूंगा। आज मैं विश्वास से कह सकता हूं कि ये भारत के गगनयान मिशन की सफलता का पहला अध्याय है। आपकी यह ऐतिहासिक यात्रा सिर्फ अंतरिक्ष तक सीमित नहीं है, ये हमारी विकसित भारत की यात्रा को तेज गति और नई मजबूती देगी। भारत दुनिया के लिए स्पेस की नई संभावनाओं के द्वार खोलने जा रहा है। अब भारत सिर्फ उड़ान नहीं भरेगा, भविष्य में नई उड़ानों के लिए मंच तैयार करेगा। मैं चाहता हूं, कुछ और भी सुनने की इच्छा है, आपके मन में क्योंकि मैं सवाल नहीं पूछना चाहता, आपके मन में जो भाव है, अगर वो आप प्रकट करेंगे, देशवासी सुनेंगे, देश की युवा पीढ़ी सुनेगी, तो मैं भी खुद बहुत आतुर हूं, कुछ और बातें आपसे सुनने के लिए।

|

शुभांशु शुक्ला: धन्यवाद प्रधानमंत्री जी! यहां यह पूरी जर्नी जो है, यह अंतरिक्ष तक आने की और यहां ट्रेनिंग की और यहां तक पहुंचने की, इसमें बहुत कुछ सीखा है प्रधानमंत्री जी मैंने लेकिन यहां पहुंचने के बाद मुझे पर्सनल accomplishment तो एक है ही, लेकिन कहीं ना कहीं मुझे ये लगता है कि यह हमारे देश के लिए एक बहुत बड़ा कलेक्टिव अचीवमेंट है। और मैं हर एक बच्चे को जो यह देख रहा है, हर एक युवा को जो यह देख रहा है, एक मैसेज देना चाहता हूं और वो यह है कि अगर आप कोशिश करते हैं और आप अपना भविष्य बनाते हैं अच्छे से, तो आपका भविष्य अच्छा बनेगा और हमारे देश का भविष्य अच्छा बनेगा और केवल एक बात अपने मन में रखिए, that sky has never the limits ना आपके लिए, ना मेरे लिए और ना भारत के लिए और यह बात हमेशा अगर अपने मन में रखी, तो आप आगे बढ़ेंगे, आप अपना भविष्य उजागर करेंगे और आप हमारे देश का भविष्य उजागर करेंगे और बस मेरा यही मैसेज है प्रधानमंत्री जी और मैं बहुत-बहुत ही भावुक और बहुत ही खुश हूं कि मुझे मौका मिला आज आपसे बात करने का और आप के थ्रू 140 करोड़ देशवासियों से बात करने का, जो यह देख पा रहे हैं, यह जो तिरंगा आप मेरे पीछे देख रहे हैं, यह यहां नहीं था, कल के पहले जब मैं यहां पर आया हूं, तब हमने यह यहां पर पहली बार लगाया है। तो यह बहुत भावुक करता है मुझे और बहुत अच्छा लगता है देखकर कि भारत आज इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पहुंच चुका है।

प्रधानमंत्री: शुभांशु, मैं आपको और आपके सभी साथियों को आपके मिशन की सफलता के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। शुभांशु, हम सबको आपकी वापसी का इंतजार है। अपना ध्यान रखिए, मां भारती का सम्मान बढ़ाते रहिए। अनेक-अनेक शुभकामनाएं, 140 करोड़ देशवासियों की शुभकामनाएं और आपको इस कठोर परिश्रम करके, इस ऊंचाई तक पहुंचने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूं। भारत माता की जय!

शुभांशु शुक्ला: धन्यवाद प्रधानमंत्री जी, धन्यवाद और सारे 140 करोड़ देशवासियों को धन्यवाद और स्पेस से सबके लिए भारत माता की जय!