आज भारत आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रतिबद्ध है। बिहार आत्मनिर्भरता के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है : भागलपुर की जनसभा में पीएम मोदी
आज के बिहार में लालटेन की जरूरत खत्म हो गई है। आज बिहार के हर गरीब के घर में बिजली का कनेक्शन है, उजाला है : प्रधानमंत्री मोदी
बिहार ने अब सुधार की राह में रफ्तार पकड़ ली है। इसे धीमा नहीं होने दिया जाएगा : गया की जनसभा में पीएम मोदी
प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत बिहार के 74 लाख किसान परिवारों के खाते में करीब 6 हज़ार करोड़ रुपए सीधे जमा कराए गए हैं : सासाराम की जनसभा में पीएम मोदी

भारत माता की जयभारत माता की जय। 

बिहार के स्वाभिमानी अउर मेहनती भाई-बहिन आप सभे के परनाम।

अन्नदातामेहनतकष किसान भाई लोग के ई धान के कटोरा कहल जायेगौरवषाली धरती के हम नमन करअ तानी !

मां मुण्डेष्वरीतारा चण्डी माता के ई पावन भूमि पर रऊआ सब के अभिनंदन करअ तानी !!

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जीकेंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे साथी आर के सिंह जीअश्विनी चौबे जीबिहार भाजपा के अध्यक्ष डॉक्टर संजय जायसवाल जीवीआईपी पार्टी के अध्यक्ष भाई मुकेश साहनी जीभाजपा सांसद भाई छेदी पासवान जीऔर मेरे प्यारे भाइयो और बहनो

साथियोहाल ही में बिहार ने अपने दो सपूतों को खोया है जिन्होंने यहां के लोगों की दशकों तक सेवा की है।

मेरे करीबी मित्र,गरीबों-दलितों के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले और आखिरी समय तकआखिरी सांस तक मेरे साथ रहने वाले रामविलास पासवान जीउन्हें मैं अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।

उसी प्रकार से बाबू रघुवंश प्रसाद सिंह जी ने भी गरीबों के उत्थान के लिए निरंतर काम किया। वो भी अब हमारे बीच नहीं हैं। मैं उन्हें भी अपनी आदरपूर्वक श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।   

साथियोआज रोहतास के साथ-साथआसपास के अन्य जिलों के साथी भी यहां आए हैंतकनीक के माध्यम से भी काफी साथी और एनडीए के उम्मीदवार हमारे साथ जुड़े हैं। 

मैं आप सभी का अभिनंदन करता हूं। 

भाइयो और बहनोसबसे पहले तो मैं बिहार के लोगों को बधाई देना चाहता हूं।

बधाई इस बात के लिएकि बिहार के लोग इतनी बड़ी आपदा का डटकर मुकाबला कर रहे हैं। कोरोना महामारी से बचने के लिए तेजी से जो फैसले लिए गए हैंजिस तरह बिहार के लोगों ने काम कियानीतीश जी के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने काम कियाउसके नतीजे आज दिख रहे हैं।

दुनिया के बड़े-बड़े अमीर देशों की हालत किसी से छिपी नहीं है। अगर बिहार में तेजी से काम न हुआ होता तो ये महामारी न जाने कितने साथियो कीहमारे परिवारजनों की जान ले लेतीकितना बड़ा हाहाकार मचताइसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता।

लेकिन आज बिहार कोरोना का मुकाबला करते हुए सारी सावधानियों के साथ लोकतंत्र का पर्व मना रहा है।

साथियोमैंने बिहार के बहुत से लोगों के साथ करीब से काम किया है। उनसे बहुत कुछ सीखा भी है। एक बात जो बिहार के लोगों में बहुत अच्छी होती हैवो है उनकी स्पष्टता। कभी बिहार के लोग कन्फ्यूजन में नहीं रहतेकिसी भ्रम में नहीं रहते।

मैं और एक बधाई भी देना चाहता हूंबिहार के लोगों को इसलिए देना चाहता हूं क्योंकि चुनाव से इतने दिन पहले ही उन्होंने अपना स्पष्ट संदेश सुना दिया है।

जितने सर्वे हो रहे हैंजितनी रिपोर्टें आ रही हैंसब में यही 

आ रहा है बिहार में फिर एक बार एनडीए सरकार बनने जा रही है। लेकिन मेरे बिहार के प्यारे भाइयो-बहनो हर चुनाव में ऐसा भी होता है जब कुछ लोग भ्रम फैलाने के लिए एक दो चेहरों को अचानक बड़ा दिखाने लग जाते हैं। कभी किसी नई शक्ति के उभरने की बातें फैलाई जाती हैं। लेकिन इसका मतदान पर कोई असर नहीं पड़ता। बिहार का मतदाता तो इतना समझदार है कि वो भ्रम फैलाने वालों की हर कोशिश को खुद ही नाकाम कर रहा है। 

बिहार के लोगों ने मन बना लिया हैठान लिया है कि जिनका इतिहास बिहार को बीमारू बनाने का हैउन्हें आसपास भी नहीं फटकने देंगे।

भाई-बहिनी लोगनभारत के दिल बाटे बिहार। भारत के सम्मान बा बिहारभारत के स्वाभिमान बा बिहारभारत के संस्कार बा बिहारआजादी के जयघोष बा बिहारसंपूर्ण क्रांति के शंखनाद बा बिहारआत्मनिर्भर भारत के परचम बा बिहार।

देश के सुरक्षा हो या देश के विकासबिहार के लोगन सबसे आगे रहेलन। बिहार के सपूत गलवान घाटी में तिरंगा के खातिर शहीद हो गइलें लेकिन भारत माता के माथा ना झुके देलें। पुलवामा हमले में भी बिहार के जवान शहीद भइलें। हम उनके चरणन में शीश झुकावतानीश्रद्धांजलि देवतानी। 

बिहार अब विकास की ओर तेजी से बढ़त बाटे। अब बिहार के कोई बीमारू-बेबस राज्य नाहीं कह सकत। लालटेन के जमाना गईलपिछले छह सालन में बिजली के खपत तीन गुना बढ़ गईल बाटे।

भाइयो और बहनोअंधेरे से उजाले की ओर बढ़ना इसी को कहते हैं। बिहार के लोग भूल नहीं सकते वो दिन जब सूरज ढलते का मतलब होता थासब कुछ बंद हो जानाठप्प पड़ जाना।

आज बिजली हैसड़के हैंलाइटें हैं और सबसे बड़ी बात वो माहौल है जिसमें राज्य का सामान्य नागरिक बिना डरे रह सकता हैबिना डरे जी सकता है।

वो दिन जब सरकार चलाने वालों की निगरानी में दिन-दहाड़े डकैती होती थीहत्याएं होती थींरंगदारी वसूली जाती थी

वो दिन जब घर की बिटियाघर से निकलती थीतो जब तक वापस न आ जाए माता-पिता की सांस अटकी रहती थी। जिन लोगों ने एक-एक सरकारी नौकरी को हमेशा लाखों-करोड़ों रुपए कमाने का जरिया मानाजिन लोगों ने सरकारी नियुक्तियों के लिए बिहार के नौजवानों से लाखों की रिश्वत खाईवो फिर बढ़ते हुए बिहार को ललचाई नजरों से देख रहे हैं।

आज बिहार में पीढ़ी भले बदल गई हो लेकिन बिहार के नौजवानों को ये याद रखना है कि बिहार को इतनी मुश्किलों में डालने वाले कौन थे।

साथियों2014 में केंद्र में सरकार बनने के बादजितने समय बिहार को डबल इंजन की ताकत मिलीराज्य के विकास के लिए और ज्यादा तेजी से काम हुआ है। बिहार को जो प्रधानमंत्री पैकेज मिला था उस पर काम की रफ्तार भी तेज गति से आगे बढ़ रही है।

कोरोना के इस समय में भी गरीबों को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए एनडीए सरकार ने काम किया है। जहां कभी गरीब का राशनराशन की दुकान में ही लुट जाता थावहां कोरोना काल में गरीबों को मुफ्त राशन घर पहुंचाया गया है।

गरीब भूखा ना सोएत्योहार ठीक से मना सकेदीवाली और छठ पूजा ठीक से मना सकेइसके लिए मुफ्त अनाज की व्यवस्था की गई है। इसी कोरोना के दौरान करोड़ों गरीब बहनों के खाते में सीधी मदद भेजी गईमुफ्त गैस सिलेंडर की व्यवस्था की गई। शहरों में जो रेहड़ीठेलाचलाने वाले साथी हैं

उनके लिए भी बैंकों से आसान ऋण सुनिश्चित कराया जा रहा है ताकि वो अपना काम फिर शुरु कर सकेंआगे बढ़ सकें। 

साथियोदेश जहां संकट का समाधान करते हुए आगे बढ़ रहा हैये लोग देश के हर संकल्प के सामने रोड़ा बनकर खड़े हैं। देश ने किसानों को बिचौलियों और दलालों से मुक्ति दिलाने का फैसला लिया तो ये बिचौलियों और दलालों के पक्ष में खुलकर मैदान में हैं। मंडी और MSP का तो बहाना हैअसल में दलालों और बिचौलियों को बचाना है।

याद कीजिएलोकसभा चुनाव से पहले जब किसानों के बैंक खाते में सीधे पैसे देने का काम शुरु हुआ थातब इन्होंने कैसे-कैसे भ्रम फैलाया था। जब देश की रक्षा के लिए राफेल विमानों को खरीदा गयातब भी ये बिचौलियों और दलालों की भाषा बोल रहे थे। 

साथियोआज देश की जनतादेश के किसानदेश के नौजवान देख रहे हैं कि इन लोगों के लिए देशहित नहींदलालों का हित ज्यादा महत्वपूर्ण है।

इसलिए जब-जबबिचौलियों और दलालों पर चोट की जाती हैतब-तब ये तिलमिला जाते हैंबौखला जाते हैं। आज हालत ये हो गई है कि ये लोग भारत को कमजोर करने की साजिश रच रहे लोगों का साथ देने से भी नहीं हिचकिचाते।

आप मुझे बताइएजम्मू कश्मीर से आर्टिकल-370 हटने का इंतजार देश बरसों से कर रहा था या नहीं। ये फैसला हमने लियाएनडीए की सरकार ने लिया। लेकिन आज ये लोग इस फैसले को पलटने की बात कर रहे हैं।

ये कह रहे हैं कि सत्ता में आए तो आर्टिकल-370 फिर लागू कर देंगे। और इनका दुस्साहस देखिए। इतना कहने के बाद भी ये लोग बिहार के लोगों से वोट मांगने की हिम्मत दिखा रहे हैं।

जो बिहार अपने बेटे-बेटियों को सीमा पर देश की रखवाली के लिए भेजता है क्या ये उसकी भावना का अपमान नहीं है?

मैं जवानों और किसानों की भूमि बिहार से इन लोगों को एक बात एकदम स्पष्ट कहना चाहता हूं। ये लोग जिसकी चाहें मदद ले लेंदेश अपने फैसलों से पीछे नहीं हटेगाभारत अपने फैसलों से पीछे नहीं हटेगा।

भाइयो और बहनोइन लोगों को आपकी जरूरतों से कभी सरोकार नहीं रहा। इनका ध्यान रहा है अपने स्वार्थों परअपनी तिजोरी पर। यही कारण है कि भोजपुर सहित पूरे बिहार में लंबे समय तक बिजलीसड़कपानी जैसी मूल सुविधाओं का विकास नहीं हो पाया।

हालत ये थी कि कैमूर में जिस दुर्गावती सिंचाई परियोजना का शिलान्यास, आप याद रखिए ये सारी बातें। कैमूर में जिस दुर्गावती सिंचाई परियोजना का शिलान्यास बाबू जगजीवन राम जी ने 70 के दशक में किया थावो इतने वर्षों में भी पूरी नहीं हुई थी। इस काम को NDA सरकार ही पूरा कर रही है।

साथियोबिहार के विकास की हर योजना को अटकाने और लटकाने वाले ये वो लोग हैं जिन्होंने अपने 15 साल के शासन में लगातार बिहार को लूटाबिहार का मान-मर्दन किया।

आपने बहुत विश्वास के साथ इन्हें सत्ता सौंपी थीलेकिन इन्होंने सत्ता को अपनी तिजोरी भरने का माध्यम बना लिया। जब बिहार के लोगों ने इन्हें सत्ता से बेदखल कर दियानीतीश जी को मौका दिया तो ये बौखला गए।

जो बात मैं बता रहा हूं इसको जरा बारीकी समझने की कोशिश कीजिएजब उनको सत्ता से बेदखल किया गया तो ये लोग बौखला गए। उनके अंदर एक गुस्सा आयाजहर भर गया। इसके बाद दस साल तक इन लोगों ने दिल्ली में यूपीए की सरकार में रहते हुए बिहार परबिहार के लोगों पर अपना गुस्सा निकाला। 

और मुझे याद हैमैं भी गुजरात का मुख्यमंत्री थानितीश जी बिहार के मुख्यमंत्री थे और जब हम भारत सरकार की मीटिंगो में जाया करते थेनितीश जी बार-बार उनको कहते थे कि आप बिहार के काम में रोड़े मत अटकाइए। बिहार का राजनीतिक अखाड़ा दिल्ली को मत बनाइए। लेकिन 10 साल तक यूपीए सरकार में बैठे लोगों नेजिसको टाइट चाबी करने के लिए बिहार के लोग पहुंचे हुए थे वे पराजय के गुस्से में नितीश जी को एक काम नहीं करने देते थेदस साल बर्बाद कर दिए नितीश जी के। बाद में 18 महीने क्या हुआये मुझे कहने की जरूरत नहीं है। आप भली-भांति जानते हैं।

इन 18 महीनों में परिवार ने क्या-क्या कियाकैसे-कैसे खेल किएकौन सी बातें अखबारों में छाई रहती थींकौन सी बातें टीवी वालों को भाती थींये बातें मुझे कहने की जरूरत नहीं है। बिहार और देश के लोगों से ये छिपा नहीं है। 

जब नीतीश जी इस खेल को भांप गएये समझ गए कि इन लोगों के साथ रहते हुए बिहार का भला तो छोड़िएबिहार और 15 साल पीछे चला जाएगा तो उन्हें सत्ता छोड़ने का फैसला लेना पड़ा।

साथियोबिहार के लिएबिहार के उज्जवल भविष्य के लिए हम फिर एक बार नितीश जी के साथ आए हैं। साथियो2014 में प्रधानसेवक बनने के बादये आंकड़ा लोगों को याद नहीं आ रहा है बिहार मेंलोगों को याद कराना पड़ेगा।  

मुझे नीतीश जी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने के लिए सिर्फ तीन-चार साल ही मौका मिला है। बाकी तो यूपीए के साथ संघर्ष करने में बिहार का टाइम गया है। 

लेकिन इन तीन-चार वर्षों में भी कहीं तीन-चार गुना काम कियाकहीं पर पांच गुना तेजी से काम किया गया है।

साथियोआज एनडीए के सभी दल मिलकर आत्मनिर्भरआत्मविश्वासी बिहार के निर्माण में जुटे हैं। बिहार को अभी भी विकास के सफर में मीलों आगे जाना हैनई बुलंदी की तरफ उड़ान भरनी है।

बीते वर्षों में बिहार के गरीबदलितवंचितपिछड़ेअतिपिछड़ेआदिवासी उन सब तक वो सुविधाएं पहुंचाने का प्रयास किया गया हैजिन्हें पाना कभी बहुत मुश्किल होता था।

आज उसको अपना पक्का घर बिना किसी भेदभाव के मिल रहा है। आज वो भी संपन्न परिवारों की ही तरह गैस चूल्हे पर खाना बना रहा है। आज उसके घर में भी शौचालय की सुविधा है। आज उसके बच्चे भी बिजली की रोशनी में पढ़ाई कर पा रहे हैं। आज वो बीमार होता है तो उसके पास 5 लाख रुपए तक मुफ्त इलाज की सुविधा है।

साथियोशुद्ध पीने के पानी की क्या स्थिति थीये बिहार की बहनो-बेटियो से बेहतर कौन समझ सकता है। आज जल जीवन मिशन से हर घर जल पहुंचाने का काम तेज़ी से चल रहा है। इस मिशन का लाभ यहां इस क्षेत्र में रहने वाले हमारे आदिवासी भाई-बहनों को भी होगा। उनके घर में भी पाइप से पानी पहुंचेगा।

साथियोहमारे यहां गांवों के घरों के स्वामित्व कोघर का मालिक कौन हैउसका स्वामित्व किसके पास हैइन बातों को लेकर हमेशा बहुत बड़ा सवाल रहा है।

गांव की जमीनइन जमीनों पर घरपुरखों के बनाए घरइनमें बरसों से लोग रह तो रहे हैंलेकिन सरकारी दस्तावेजों में इनका अस्तित्व ही नहीं रहता। ऐसे में अक्सर दो फुट-चार फुट को लेकर हर घर के साथ दूसरे का विवाद चलता रहता हैरिश्तेदारों में विवाद चलता रहता है। गांव में झगड़े होते रहते हैं। मार-पिटाई होती हैकभी-कभी मौतें हो जाती हैं।   

इन जमीनों परइन घरों परमैं बिहार के हर गांव के नागरिक से ये बात विशेष रूप से कहना चाहता हूं। इन घरों परआज आपको बैंकों से कोई कर्ज भी नहीं मिलता है।

भारत के गांवों में रहने वालों की इस दिक्कत को दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने ‘स्वामित्व योजना’ की शुरुआत की है। इस योजना में सब कुछ टेक्नोलॉजी कर रही है। ड्रोन की मदद से गांव के घर-घर की मैपिंगउसको नापा जा रहा हैमैंपिंग कराई जा रही है।

सारी कार्रवाई के बादगांव के लोगों कोहर एक नागरिक को उनके घर काउनकी जमीन का स्वामित्व कार्ड दिया जा रहा है। भारत के 6 राज्यों में ये योजना पायलेट के रूप में शुरू हो गई है। 

कुछ दिन पहलेबाबू जय प्रकाश नारायण जी की जयंती के दिनएक लाख लोगों को स्वामित्व कार्ड दिए गए हैं। बिहार में चुनाव के बादएनडीए की सरकार बनने के बाद बहुत जल्द इस योजना को यहां भी शुरू किया जाएगा। बिहार के गांव के हर नागरिक को इसका बहुत बड़ा लाभ मिलने वाला है। 

यहां के नौजवानों को लाभ होने वाला है। घर के स्वामित्व कार्ड पर गांव का नागरिक भी बैंकों से बहुत आसानी से ऋण ले सकेगाकोई दिक्कत नहीं होगी।

ये स्वामित्व कार्ड आपके जीवन में एक नई निश्चिंचता लेकर आएगा।

साथियोंसुविधा के साथ-साथ बिहार के सभी वर्गों को अधिक से अधिक अवसर देने के लिए ठोस प्रयास किए जा रहे हैं। दलितोंपिछड़ोंआदिवासियों को मिलने वाले आरक्षण को अगले 10 साल तक के लिए बढ़ा दिया गया है। उसी प्रकार से सवर्ण समाज में जो आरक्षण से वंचित थे उसमें जो गरीब है उनको दस प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय भी हमारी सरकार ने किया है। यही नहींसरकारी भर्ती प्रक्रिया में जो सुधार किए गए जा रहे हैंउसका भी लाभ बिहार को मिलना तय है। इस क्षेत्र के भी बहुत से युवा इंट्रेंस एक्जाम के लिए बड़े शहरों का रुख करते हैं। बार-बार होने वाली परीक्षाओं के कारण युवा साथियो का समयऊर्जा और धनतीनों बर्बाद होता था।

अब देश में अधिकतर प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कॉमन एंट्रेंस टेस्ट की सुविधा मिलने से युवा साथियो की परेशानी कम होगी। एक ही एग्जाम से सरकार के अनेक नौकरी के दरवाजे खुलेंगे। 

साथियोएक और बड़ा प्रयास किया जा रहा है मातृभाषा में शिक्षा को लेकर। अभी हमारे डॉक्टर जयसवाल जीजब मैं आया बड़े विस्तार से इसका वर्णन कर रहे थे और ये काम जब मैं कह रहा हूं। मैं कहता हूं मनबुद्धीकर्म से मैं स्वर्गीय आदरणीय करपूरी साहब को आदरपूर्वक श्रद्धांजलि भी देता हूं। आज वो जहां भी होंगेहमारी इस कल्पना से वो हम पर आशीर्वाद बरसाते होंगे। 

भाइयो-बहनोदेश की शिक्षा व्यवस्था में तो बिहार का गौरवशाली इतिहास रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति से प्रेरणा लेते हुएअब कोशिश होगीमेडिकलइंजीनियरिंग समेत सभी तकनीकि कोर्सेस को भी मातृभाषा में पढ़ाने की शुरुआत की जाएगी। उसके कारणअंग्रेजी के अभाव के कारण गांव कागरीब कादलित कापीड़ित का बच्चाउसका अब डॉक्टर बनने का सपना पूरा होगा। इंजीनियर बनने का सपना पूरा होगा। ये बहुत बड़ा निर्णय हम करने जा रहे हैं। और मैं बिहार भाजपा को बधाई देता हूं कि उन्होंने अपने चुनावी मेनिफेस्टो में इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम की घोषणा की है   

साथियो,बिहार में स्वरोज़गार के अवसरों के लिए भी निरंतर प्रयास किया जा रहा है। आज मुद्रा योजना से गरीबों कोमहिलाओं कोयुवा उद्यमियों कोदुकानदारों को बिना गारंटी का ऋण मिल रहा है। 

गांवों में जो उद्यमी दीदियों के समूह हैंउनको भी बैंकों से मिलने वाली सुविधा अब बढ़ाई गई है। आज छोटे किसानोंमछुआरोंपशुपालकोंसभी को किसान क्रेडिट कार्ड दिया जा रहा है। 

पीएम किसान योजना के तहत बिहार के 74 लाख किसान परिवारों के खाते में करीब 6 हज़ार करोड़ रुपए सीधे जमा कराए गए हैंकोई बिचौलिया नहीं कोई कट नहीं। 

साथियोकनेक्टिविटी, NDA की डबल इंजन की सरकार की प्राथमिकता रही है,पहचान रही है। आज बिहार के करीब-करीब हर गांव तक सड़क पहुंच रही है। नेशनल हाईवे चौड़े हो रहे हैं। बिहार की नदियों पर आज एक के बाद एक नए और आधुनिक पुल बन रहे हैं। 

यहां सोन नदी पर ही ना जाने कितने दशकों से अनेक पुल सिर्फ हवा में ही बन रहे थे। अब इस दिशा में पूरी ईमानदारी से काम चल रहा है। 

सोन नदी पर कोईल-वर पुल के समानंतर फोर लेन पुल का काम अंतिम चरणों में है। बिहार को झारखंड से कनेक्ट करने के लिए भी सोन नदी पर पुल बनाया जा रहा है। इस क्षेत्र में भीऔर विशेषकर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में हज़ारों करोड़ रुपए खर्च करके लंबी सड़कों और दर्जनों पुलों के निर्माण पर काम चल रहा है।

रेल लाइनों का बिजलीकरण और रेलवे स्टेशनों का सुंदरीकरण तेज़ी से चल रहा है। सासाराम सहित अनेक शहरों में बाइपास भी बन रहे हैं। कनेक्टिविटी के साथ-साथ बक्सर के चौसा में 

10 हज़ार करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले पावर प्रोजेक्ट पर भी काम शुरू हो रहा है। 

साथियोकनेक्टिविटी सुधारने का बहुत बड़ा लाभ यहां के किसानोंनौजवानोंउद्यमियोंव्यापारियोंकारोबारियों को मिलेगा। इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर होने की बहुत बड़ी क्षमता है।

कैमूर का सोनाचुर चावल हो या आदिवासी साथियों की वन-उपज होफल-सब्जियां होइन सबसे अब ज्यादा आय होने की संभावना बढ़ी है।

अब केंद्र सरकार गांवों में भंडारण और दूसरी सुविधाएं बनाने के लिए लाखों करोड़ रुपए खर्च करने जा रही है। इससे इस क्षेत्र में भी फूड पार्क जैसी सुविधाएं विकसित होंगी। हाल में कृषि क्षेत्र से जुड़े जितने भी सुधार किए गए हैंउनका लक्ष्य ये भी है कि गांव के पास ही ज्यादा से ज्यादा कृषि से जुड़े उद्योग लगें।

भाइयो और बहनोआत्मनिर्भरता के संकल्प को मजबूत करने के लिए फिर नीतीश जी की अगुवाई में सरकार बनाना ज़रूरी है।

बिहार में भाजपाजेडीयूहम पार्टी और VIP के गठबंधन 

यानी NDA की सरकार ज़रूरी है। बिहार को आत्मनिर्भर बनाने के लिएदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एनडीए की जीत जरूरी है। 

मुझे खुशी है कि बूथ लेवल पर भी एनडीए के सभी कार्यकर्तासभी राजनीतिक दलों केघटक दलों के साथी एक जुट हो कर के पूरी ताकत से जुटे हुए हैंएक दूसरे के साथी बने हुए हैं।

इस बार तो मैं देख रहा हूं कि मतदाताबिहार की महिलाएं-बहनें-बेटियां एनडीए को जिताने के लिए पूरी ताकत झोंक रही हैं। जो भी एनडीए का हैउसकी जीत के लिए ये साझा संकल्पसभी की बहुत बड़ी ताकत है।

आप सभी समय निकालकर हम सभी को आशीर्वाद देने आएइसके लिए आपका फिर से बहुत-बहुत धन्यवाद।

भारत माता की जयभारत माता की जयभारत माता की जय।

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Prime Minister Shri Narendra Modi paid homage today to Mahatma Gandhi at his statue in the historic Promenade Gardens in Georgetown, Guyana. He recalled Bapu’s eternal values of peace and non-violence which continue to guide humanity. The statue was installed in commemoration of Gandhiji’s 100th birth anniversary in 1969.

Prime Minister also paid floral tribute at the Arya Samaj monument located close by. This monument was unveiled in 2011 in commemoration of 100 years of the Arya Samaj movement in Guyana.