मंच पर विराजमान हमारे लोकप्रिय युवा मुख्यमंत्री श्रीमान प्रमोद जी, पार्टी के अध्यक्ष विनय जी, इस चुनाव में हमारे सभी प्रत्याशी, मंच पर विराजमान सभी वरिष्ठ नेतागण और विशाल संख्या में पधारे हुए मेरे प्यारे भाइयो-बहनो। मैं अंदर आने से पहले बाहर एक जन-सभा को प्रणाम करके आया। जितने लोग अंदर हैं, उससे ज्यादा बाहर हैं तो उनका आशीर्वाद लेने गया पहले फिर आपके बीच आया। आज ऐसे समय मैं आपके बीच आया हूं जब देश के एक महान सपूत, गोवा के विकास के लिए समर्पित और मेरे मित्र मनोहर परिकर जी हमारे बीच नहीं हैं। मैं गोवा कई वर्षों से आता हूं, पार्टी के अनेक कामों में आता हूं लेकिन शायद जीवन की यह पहली घटना है कि मनोहर जी उपस्थित नहीं हैं। अब इस सत्य को तो हमें स्वीकारना होगा ही की अब मनोहर जी हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनका काम, उनके संस्कार हमारे बीच बने रहेंगे।
साथियो, अपने समर्पण भाव से अपने परिश्रम से कैसे कोई व्यक्ति ईमानदारी से जनहित में काम कर सकता है ये पर्रिकर जी ने कर के दिखाया। समाज के हर वर्ग के लिए, सबका साथ-सबका विकास के मार्ग पर चलते हुए कैसे काम होता है ये पर्रिकर जी ने कर के दिखाया। भाइयो-बहनो, देश के रक्षा मंत्री रहते हुए देश के सैनिकों के प्रति, राष्ट्र रक्षा के लिए जरूरी फैसले लेकर जिस समर्पण भाव से मनोहर पर्रिकर जी ने रक्षा मंत्री के रूप में काम किया वो अतुलनीय था। उनके रहते हुई सर्जिकल स्ट्राइक ने नए भारत की नई रीति-नई नीति की नींव रखी है। हिंदुस्तान भी आतंकवादियों को घर में घुस कर मार सकता है, ये संदेश अब हर देश के सामने स्पष्ट है।
मुझे गर्व है की मनोहर जी जैसे साथी के साथ मिलकर भारत के डिफेंस डॉक्ट्रिन को नई दिशा देने का अवसर मिला। मैं आज गोवा की धरती पर आया हूं तो सभी मेरे गोवा के भाइयो-बहनो को विश्वास दिलाना चाहता हूं की हमारी पूरी टीम मनोहर जी के द्वारा शिक्षित-प्रशिक्षित, संस्कारित है और मनोहर जी ने जो रास्ता चुना है उस रास्ते पर गोवा को आगे ले जाने में ये हमारी टीम कोई कमी नहीं रखेगी। उसके साथ-साथ मैं आपको भी विश्वास दिलाना चाहता हूं जब भी आपको कमी महसूस हो मैं आपके साथ हूं क्योंकि मेरे सहित हम सबका सपना है, हम सब की जिम्मेवारी है की गोवा के लिए मनोहर जी के जो सपने थे उन सपनों को हमें पूरा करना है और मैं भी गोवावासियों की तरह आपका एक साथी हूं।
साथियो, कांग्रेस ने तो रक्षा मंत्रालय का हाल क्या कर दिया था। डिफेंस डील में ऐसे खेल खेले हैं की देश के वीर जवानों के पराक्रम को ही उन्होंने लाचार कर दिया। कांग्रेस के राज में ऐसा कोई रक्षा सौदा नहीं था जो संदेह के दायरे में नहीं था। साथियो, इन्होंने बोफोर्स में दलाली खाई और दलाल क्वात्रोची मामा को भगा दिया गया परिणाम ये हुआ की दशकों तक हमारी सेना को एक नई तोप तक नहीं मिल पाई क्योंकि कांग्रेस के पाप का हिस्सेदार कोई नहीं बनना चाहता था। जब राफेल के खरीद की बात सेना ने रखी, अटल जी के समय से बात आगे बढ़ी तो कांग्रेस के नामदार परिवारों के खासमखास दलाल इसमें भी लग गए। परिणाम ये हुआ की डील वर्षों से अटकी रही और सेना की शक्ति घटती रही, फिर 2014 से पहले घोटालों से भरे माहौल के बीच कांग्रेस ने राफेल डील की फाइलों का डिब्बा ही बंद कर दिया।
भाइयो-बहनो, हेलीकॉप्टर घोटाले में खूब दलाली चली, तरीका वही था, बोफोर्स वाला ही। मिशेल मामा जैसे दलालों को विदेश भगा दिया गया। इनको लगा था क्वात्रोची को जैसै भगाया था वैसे ही ये मामला भी दब जाएगा। इनको ये जरा सा भी एहसास नहीं था की कोई चौकीदार आएगा और इनके भगाए बिचौलियों को पाताल से भी ले आएगा। अब सच्चाई सामने आ रही है, दलाली के तार जुड़ रहे हैं। एपी और फैमिली कितना माल मिला ये अब खुलकर के सामने आ रहा है। साथियो, हाथ की सफाई को कैसे छिपाया जाए इसके ये बडे मास्टर रहे हैं, ‘जादूगर सरकार’ भी उनके सामने कुछ भी नहीं हैं ऐसी हाथ की सफाई करते हैं। ये अपने पूरे ईको-सिस्टम को एक्टिव करते हैं और पूरे तालाब को खराब बताने का एक माहौल खड़ा कर देते हैं, प्रयास करते हैं। तालाब के हर जीव को ये अपने जैसा सिद्ध करने की दिन-रात कोशिश करते हैं। आपको याद होगा, अटल जी की सरकार ने देश के शहीदों के लिए एक मानवीय फैसला लिया था। आज जो शहीदों के मृत शरीर, शव-ताबूत आज उसके घर तक वापस आते हैं, आपको याद होगा पहले ऐसा नहीं होता था।
पहले सिर्फ जवान का यूनिफार्म, उसकी कैप यही घर पर आता था तो घर के लोगों के पता चलता था कि वो शहीद हो गए। ये अटल जी की सरकार थी जिसने नियमों में परिवर्तन किया और शहीद को उसके गांव में उसके घर ले जाना और पूरे देश में त्याग, तपस्या, समर्पण करने वाले ऐसे वीरों का सम्मान करने का हर नागरिक को अवसर मिलने लगा। और उस समय हुआ क्या, जब इतना बड़ा महत्वपूर्ण निर्णय हुआ, मानवीय दृष्टिकोण से हुआ तो उस समय जॉर्ज फर्नांडीस की देख-रेख में इन शहीदों के लिए ताबूत खरीदे गए थे। लेकिन कांग्रेस ने अटल जी और जॉर्ज फर्नांडीस जैसे ईमानदार व्यक्तित्वों को भी नहीं छोड़ा लगातार झूठ बोलते रहे, पार्लियामेंट चलने नहीं दी। जॉर्ज फर्नांडीस की तो पार्लियामेंट में हाजिरी हो तो बहिष्कार करने लग गए, इतना उनको ह्यूमिलिएट करने की कोशिश की।
साथियो, ये इनकी पुरानी आदत है, यही कोशिश इन्होंने मनोहर पर्रिकर जी के साथ करने की कोशिश की। पूरे देश ने देखा की नामदार पूछने गए थे हाल-चाल और बाहर निकल कर ही ऐसा सफेद झूठ बोला, कोई कल्पना नहीं कर सकता है। आपने देखा होगा की बड़े शातिर जो जेब-कतरे होते हैं ना उनका बड़ी विशेषता होती है। वो शातिर जेबकतरे क्या करते हैं, मान लीजिए बस के अंदर किसी की जेब काटी या मेले के अंदर किसी की जेब काटकर बटवा काट लिया और पब्लिक को पता चल गया, पब्लिक दौड़ती है चोर-चोर करके तो ये जो बटवा मारने वाला है, शातिर चोर है वो भी दौड़ता है चोर-चोर करके और इसलिए ये 40-50-100 लोगों की भीड़ भी कन्फूज हो जाती है की कौन चोर होगा। भीड़ में आदमी चोरों को पकड़ने के लिए दौड़ रहा है, ऐसी खेल करते हैं जी। और उस स्थिति में, मनोहर जी मौत से मुकाबला कर रहे थे, गोवा के लिए जिंदगी से जूझ रहे थे।
जीवन का पल-पल गोवा के लिए खर्च करने में कोई कमी ना रह जाए इस भाव से समर्पित जीवन, ऐसी परिस्थिति में ये झूठ बोलने वालों को सफाई देने के लिए उनको निकलना पड़ा, बाहर आना पड़ा। इतना बड़ा झूठ पकड़ा गया लेकिन ऐसे भोला-भाला चेहरा बना दिया कि उनके चेहरे पर शिकन तक नहीं आई। यही असंवेदनशीलता है, यही झूठ है जिसके कारण ऐसे लोगों की बात पर जनता कभी भी नहीं विश्वास करती है। मैं कभी सोचता हूं की इतना झूठ क्यों चला रहे हैं। समझ तो आना नहीं मुझे लेकिन मैं अनुमान करता हूं, शायद उनके मन पर एक बोझ है अपने पिता जी के पाप का, बोफोर्स का और उसको धोने के लिए सारी दुनिया पर पाप मढ़ने का पाप कर रहे हैं। इनको एहसास नहीं है की वंश और विरासत से पार्टी की कमान तो मिल सकती है लेकिन सवा सौ करोड़ देशवासियों के दिल में क्रेडिबिलिटी कहां से लाओगे।
भाइयो-बहनो, कांग्रेस सत्ता के लिए किसी भी स्तर तक जा सकती है और गोवा से ज्यादा इस बात को और कौन जानता है। गोवा कांग्रेस के चरित्र को शायद इतनी बारीकी से जानता है शायद हिंदुस्तान में कोई जानता हो। मनोहर जी के स्वास्थ्य पर कैसे गोवा को अस्थिरता में ढकेलने के लिए कोशिश हुई है ये भी आप सभी ने देखा। एक इंसान सिर्फ और सिर्फ गोवा के लिए जी रहा है, अंतिम सांस भी गोवा के लिए ले रहा है उसी समय राजभवन जा कर के, मौका आया है लाओ, कितने सालों से बाहर हैं लाओ, शर्म आनी चाहिए ऐसे लोगों को। ऐसी परिस्थिति का भी वे विवेक भान नहीं रख सकते हैं। कांग्रेस के नेताओं ने जिस तरह के बयान दिए हैं ये कम से कम गोवा के, भारत के कल्चर का हिस्सा बिल्कुल नहीं है। सिर्फ सत्ता के लिए वो इतना नीचे जा सकता है ये कांग्रेस को देखकर बार-बार समझ आता है। साथियो, आप ध्यान दीजिए, कांग्रेस का पंजा दो कामों के लिए व्यस्त रहता है क्योंकि दो पंजे हैं और ज्यादा होते तो और करते। कांग्रेस का पंजा या तो सरकारी खजाने पर सफाई करना जानता है या फिर रिमोट कंट्रोल से दुबली-पतली सरकार चलाना जानता है। कांग्रेस वालों को मजबूर सरकार सूट करती है क्योंकि वहां ये मनमानी कर सकते हैं, पर्दे के पीछे बैठकर जो चाहिए वो करवा सकते हैं।
भाइयो-बहनो, कांग्रेस के शासनकाल के समय से ही गोवा ने एक मजबूर सरकार का एक लंबा दौर देखा है। ऐसी सरकारों, अस्थिर गठबंधनों, दल-बदल करने वाले विधायकों की वजह से गोवा के विकास पर भी प्रभाव पड़ा। सोचिए 1990 से 2000 तक के दस वर्षों में गोवा ने 13 मुख्यमंत्री देखे, इस दौरान आपसी झगड़ा, भ्रष्टाचार, परिवारवाद, इसकी वजह से गोवा सुर्खियों में रहता था। अब बीते वर्षों में बीजेपी बहुत मेहनत से गोवा के विकास को एक नए ट्रैक पर लाई है और उसका श्रेय मनोहर जी को और उनकी पूरी टीम को जाता है। ये बीजेपी ही है जिसने सरकार के विकास कार्यों को गोवा के घर-घर तक पहुंचाने का कार्य किया। ये बीजेपी ही है जिसने वेलफेयर और इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास को गोवा की राजनीति का हिस्सा बनाया। एक पटरी वेलफेयर की दूसरी पटरी आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर की और दो पटरी पर विकास की गाड़ी गोवा को नई ऊंचाइयों पर ले जा रही थी। ये भारतीय जनता पार्टी ही है जिसके नेतृत्व में भारत के छोटे-छोटे राज्य तेजी से विकास करने लगे और गोवा उन राज्यों में सबसे आगे निकल गया।
पहले छोटे राज्यों की गिनती ही नहीं होती थी आज भारतीय जनता पार्टी के कारण छोटे-छोटे राज्य देश की विकास यात्रा में अहम भूमिका अदा करने वाले बन गए हैं। गोवा ने एक मॉडल दिया था, परिकर जी के बाद यहां के युवा मुख्यमंत्री, भाई प्रमोद जी अब विकास की इस विरासत को आगे बढ़ाने में जुटे हैं और वो यशस्वी होंगे ये मेरा पूरा विश्वास है और दिल्ली हमेशा आपके साथ रहेगा ये मैं फिर से दोहराता हूं। केंद्र सरकार ने गोवा के विकास के लिए यहां के युवा साथियों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए पूरी निष्ठा ने काम किया है। विशेष तौर पर टूरिज्म प्रमोट करने के लिए और विदेशी टूरिस्ट को तकलीफ ना आए इसके लिए बहुत सारे काम हुए हैं। ई-वीजा और वीजा ऑनलाइन अराइवल जैसी अनेक सुविधाओं का लाभ टूरिज्म इंडस्ट्री को मिल रहा है। बीते पांच वर्षों में भारत में टूरिज्म में जबरदस्त ग्रोथ देखी गई है, गोवा को भी इसका लाभ हुआ है। यहां के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बने हैं।
भाइयो-बहनो, गोवा के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए हम तेजी से काम कर रहे हैं। मांडोवी का अटल सेतु हो, मोपा इंटरनेशनल एयरपोर्ट हो, डाबोलिम एयरपोर्ट का आधुनिकीकरण हो, मडगांव रत्नागिरी एक्सप्रेस, डबलडेकर ट्रेन और तेजस जैसी ट्रेन हर प्रकार की कनेक्टिविटी सुनिश्चित की जा रही है। पणजी को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है, इससे भी टूरिज्म को और बल मिलेगा। साथियो, टूरिज्म का कारोबार तभी बढ़ता है, जब मिडिल क्लास की जेब में पैसा बचता है। हमारी सरकार की एक बहुत बड़ी सफलता रही है की महंगाई को हमने नियंत्रण में रखा है और मध्यम वर्गीय परिवार के लिए महंगाई एक बहुत बड़ा मुद्दा होता है और अगर हमने भी कांग्रेस की तरह सरकार चलाई होती और कांग्रेस के समय जिस गति से महंगाई बढ़ रही थी अगर वैसी ही बढ़ती तो आज घूमना-फिरना तो दूर घर चलाना मुश्किल हो जाता। इतनी तेजी से बढ़ रही थी, डबल डिजिट को पार कर गई थी। हमने 10 प्रतिशत तक की महंगाई दर को नीचे लाकर 4 प्रतिशत पर खड़ा कर दिया है। इस बार के बजट में तो एक बहुत बड़ा और ऐतिहासिक फैसला हमने लिया है और ये वादे नहीं, हमने कर दिया और 1 अप्रैल से लागू कर दिया।
पांच लाख तक की टैक्सेबल इनकम को टैक्स फ्री कर दिया है। मध्यम वर्ग के करोड़ों परिवार को इसका सीधा-सीधा लाभ हुआ है इससे 7-8 लाख तक की कमाई वाले साथियों को सीधा लाभ मिल रहा है और इसमें विशेष तौर पर युवा साथी हैं जिन्होंने कैरियर शुरू किया है। गोवा के अधिकतर क्लाइंट्स भी यही युवा वर्ग ही है। भाइयो-बहनो, बीजेपी टैक्सपेयर के कंट्रीब्यूशन को बड़े आदर के साथ देखती है और इसलिए टैक्स कम से कम हो इसका प्रयास हमने किया है। पांच साल के शासन में हमने एक भी टैक्स बढ़ाया नहीं है, वहीं कांग्रेस ने देश के मिडिल क्लास पर टैक्सपेयर पर अतिरिक्त टैक्स का बोझ डालना तय किया है। अभी उनका ढकोसलपत्र आप देखोगे, उनका मेनिफेस्टो देखोगे तो उसमें साफ-साफ दिख रहा है की कांग्रेस मध्यम वर्ग के कंधे पर बोझ डाल कर के अपने वोट बैंक की तरफ आगे बढ़ रही है और कांग्रेस अब ये खुलकर कहने लगी है की वो देशके मध्यम वर्ग को लालची मानती है, सेल्फफिश मानती है, ये उनके बयान हैं।
साथियो, क्या देश का मध्यम वर्ग लालची है? क्या देश का मध्यम वर्ग स्वार्थी है? अरे आज तो मैं कह सकता हूं, सरकार में बैठने के बाद कि देश को आगे बढ़ाने में ईमानदारी से कोई मदद कर रहा है वो मध्यम वर्ग कर रहा है, उसका तो गौरवगान होना चाहिए। क्या कांग्रेस ने देश के मध्यम वर्ग का अपमान नहीं किया है? इनकी नीयत में कितना बड़ा खोट है, ये इसी से पता चलता है। मैं देश के युवा वोटर्स, देश के प्रोफेशनल्स को कहूंगा की कांग्रेस की सोच को समझने की कोशिश करें। कांग्रेस देश में बन रहे न्यू मिडिल क्लास की पूरी शक्ति खत्म कर देना चाहती है। पिछले पांच सालों के अनेक प्रयासों के परिणाम, देश में गरीबी तेज गति से कम हो रही है और गरीबी से निकला हुआ व्यक्ति न्यू मिडिल क्लास के रूप में उभर रहा है। अब कांग्रेस वाले उसी को खत्म करने लगे हैं। न्यू मिडिल क्लास जो ईमानदारी से कमा रहा है उस पर कांग्रेस की नजर है। साथियो, बीजेपी का मंत्र सबका साथ-सबका विकास का रहा है। इसी सोच के साथ हमने गरीबों को पक्के घर, घर-घर में एलपीजी कनेक्शन, पांच लाख तक के मुफ्त इलाज की आयुष्मान योजना।
भाइयो-बहनो, गोवा में माइनिंग को लेकर जो स्थिति है और जो आपकी चिंताएं हैं उससे मैं भली-भांति परिचित हूं। कुछ समय पूर्व मैंने यहां के माइनिंग सेक्टर से जुड़े लोगों को दिल्ली बुलाया था। हमारे सभी दोनों सांसदों ने काफी मेहनत की थी। बड़ी विस्तार से उनकी चर्चा हुई है, उनकी समस्या को किस प्रकार से, एक तरफ सुप्रीम कोर्ट है, एक तरफ पुराने कानून हैं, एक तरफ पुरानी सरकार की भ्रष्टाचार का बोझ है, ऐसे अनेक चीजों में उलझी हुई व्यवस्था है उसको पूरी तरह मैंने समझने का प्रयास किया है, मैं खुद बैठा हूं घंटों तक, कुछ लोग यहां शायद मौजूद भी होंगे जो यहां आए थे। मुझे पता है कि इसके कारण बड़ी संख्या में लोगों की आजीविका जो कि इस क्षेत्र पर निर्भर है। राज्य सरकार के साथ मिलकर, चाहे कानूनी रास्ता हो, चाहे सुप्रीम कोर्ट से आपकी बात पहुंचाने की बात हो, दिल्ली सरकार गोवा की सोच के अनुकूल ही सारी चीजें करेगी ये मैं आपको विश्वास दिलाता हूं और मैं इसके समाधान के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ूगा। हम निश्चित तौर पर माइनिंग एक्टिविटी से जुड़ी बाधाओं को दूर करने की पूरी कोशिश करेंगे।
साथियो, देश में हो रहे ब्लू रिवोल्यूशन की सबसे मजबूत और अहम कड़ी हमारे मछवारे साथी हैं। उनके लिए सरकार हर आवश्यक कदम उठा रही है। मछुआरों के लिए अलग विभाग का ऐलान, अलग मंत्रालय का ऐलान हमने इस बजट में ही घोषित कर दिया है। उसी प्रकार से हमारे ये जो फिशरमैन है, बैंक से लोन के लिए क्रेडिट कार्ड की सुविधा भी, जैसे किसान क्रेडिट कार्ड होता है और किसान क्रेडिट कार्ड में किसान को जो सुविधा मिलती है वैसा ही क्रेडिट कार्ड फिशरमैन को भी मिलेगा और उसको भी वो सुविधाएं मिलेंगी। इसी तरह डीप सी में जाना, फिशिंग करना, वो इकोनॉमिकल रहता है, फायदेमंद रहता है और इसलिए पोर्ट का आधुनिकीकरण और मछुआरों को समुद्र के अंदर गंभीर खतरों का सामना ना करना पड़े इसलिए सरकार ने सैटेलाइट व्यवस्था से एक नाविक डिवाइस तय किया है। उससे मौसम की समय पर जानकारी देने का काम भी हो रहा है और अच्छा कैच किस दिशा में है उसकी भी जानकारी मिलती है।
भाइयो-बहनो, गोवा का, देश का विकास, आतंक और भ्रष्टाचार से सुरक्षा हम सभी चौकीदारों की जिम्मेदारी है। आने वाली 23 अप्रैल को कमल के फूल का बटन जब आप दबाएंगे तो आपका हर वोट मोदी को मिलेगा। भाइयो-बहनो, मैं जब आपके बीच आया हूं तो गोवा मेरे लिए महत्वपूर्ण टर्निंग प्वाइंट भी है। पांच साल पहले भारतीय जनता पार्टी की वर्किंग कमेटी यहां चाहिए और उसी वर्किंग कमेटी में मुझे देश के चुनाव प्रबंधन का काम दिया गया था और कुछ ही समय बाद मुझे प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में घोषित किया गया था और इस अर्थ में मेरे जीवन में गोवा का बहुत बड़ा महत्व रहा है। एक प्रकार से मेरा इमोशनल नाता गोवा से जुड़ गया है और आज जब मैं गोवावासियों के बीच आया हूं तो इन पांच सालों में मैं जो कुछ भी कर पाया हूं, जितना भी कर पाया हूं उसका कारण आप सब के आशीर्वाद हैं, आप सब का साथ है, देशवासियों का साथ है। बड़े फैसले हों, कड़े फैसले हों, मेरे मन में विश्वास रहा की देश मेरे साथ है और देश को भी विश्वास रहा की मैं अपने लिए कुछ नहीं करता। एक चौकीदार की तरह मैंने अपनी भूमिका निभाई है और आप देखिए, कांग्रेस को सत्ता क्यों चाहिए ?
हम लोग दिन-रात जिंदगी खपा कर पद का उपयोग जनसेवा के लिए करते हैं, पद को एक तप में परिवर्तित कर देते हैं, कांग्रेस लूटने का मौका ढूंढने के लिए सत्ता ढूंढती है। 15 साल के बाद उनको मध्य प्रदेश में मौका मिला और अभी तो उंगली पर गिन सको इतने महीने हुए हैं सरकार को और इतने कम समय में जिस प्रकार से लूट चलाई और जिस प्रकार से नोटों के बंडल पकड़े गए और सीधा-सीधा तुगलक रोड चुनावी घोटाला। अनेक घोटालों में ये नया घोटाला इनके नाम जुड़ गया है। आप मुझे बताइए, अब भी हमें इनको देश लूटने का मौका देना चाहते हैं क्या? सामान्य मानवी से लूट करने का इरादा उनका अब तो प्रूफ हो गया है सिद्ध हो चुका है। भाइयो-बहनो, अब हम देश को लुटने नहीं देंगे और देश ईमानदारी को पसंद करता है, देश ईमानदारी के साथ चलना चाहता है और इस ईमानदारी की रक्षा करने का काम एक चौकीदार का है। आप मेरे साथ बोलेंगे? मैं कहूंगा… मैं भी, आप कहेंगे… चौकीदार।
मैं भी… चौकीदार, मैं भी… चौकीदार। गांव-गाव है चौकीदार, शहर-शहर है चौकीदार, बच्चा-बच्चा चौकीदार, बड़े-बुजुर्ग भी चौकीदार, माता-बहनें चौकीदार, घर-घर में चौकीदार, खेत-खलिहान में चौकीदार, बाग-बागान में चौकीदार, देश के अंदर चौकीदार, सरहद पर भी चौकीदार, डॉक्टर-इंजीनियर चौकीदार, शिक्षक-प्रोफेसर चौकीदार, लेखक-पत्रकार चौकीदार, कलाकार भी चौकीदार, किसान-कामगार चौकीदार, दुकानदार भी चौकीदार, वकील-व्यापारी भी चौकीदार।
मेरे साथ बोलें, भारत माता की… जय, भारत माता की… जय। बहुत-बहुत धन्यवाद।