जो जेल में हैं, जो जेल के दरवाजे पर हैं, जो बेल पर हैं, जो बेल के लिए कोर्ट कचहरी के चक्कर काट रहे हैं, वो केंद्र में एक मजबूत सरकार को एक मिनट भी बर्दाश्त नहीं करना चाहते: प्रधानमंत्री मोदी
चाहे देश के भीतर हो या फिर सीमा के पार, आतंक और हिंसा फैलाने वाली फैक्ट्री जहां भी होगी, इस चौकीदार के निशाने पर है, भारत को जहां से भी खतरा होगा, हम घर में घुसकर मारेंगे, ये तय है: पीएम मोदी
हमने गांव-गांव में गरीब बहनों के घर इज्जत घर शौचालय देने का काम किया है, हमने उस गरीब बहन तक मुफ्त गैस कनेक्शन पहुंचाने का काम किया है, जो पूरी उम्र धुएं में जीने को मजबूर थी: प्रधानमंत्री

भारत माता की जय, भारत माता की जय

यहां वैशाली और हाजीपुर से भी भारी संख्या में सब साथी आए हैं। मैं उनका भी बहुत-बहुत आभारी हूं। भाइयो-बहनो, मैं नीतीश कुमार जी को सुन रहा था, और जिस प्रकार से हमारी माताएं और बहनें उनकी बात का स्वागत कर रही थीं। ये दृश्य शायद बिहार में ही देखने को मिल सकता है। मैं इन माताओं और बहनों को विशेष प्रणाम करता हूं। भाइयो-बहनो लीची और आम मिठास घोलने वाली स्वीट सिटी में आप जितनी बड़ी संख्या में हम सभी को आशीर्वाद देने आए हैं, वो कई लोगों के मुंह में कड़वाहट पैदा करने वाला है। चार चरणों के चुनाव के बाद ये लोग चारों खाने चित्त हो चुके हैं। अब अगले चरणों में तय होना है कि इनकी हार कितनी बड़ी होगी, और एनडीए की जीत की कितनी भव्य होगी। जब हर बूथ पर बीजेपी एनडीए कार्यकर्ता मजबूती से डटे हुए हो, जब लोग खुद घरों से बाहर निकलकर अपने इस सेवक का प्रचार कर रहे हो। एनडीए की विजय निश्चित देखकर भी जब हर व्यक्ति उस विजय में अपना योगदान देने के लिए बेताब हो, तो समझ सकते हैं कि हवा का रुख किधर है। भाइयो-बहनो, ये लहर नहीं ललकार है। ये लहर नहीं ललकार है, फिर एक बार मोदी सरकार है।

साथियो, नीतीश जी, पासवान जी, सुशील जी, एनडीए के इन हमारे सभी लीडर के प्रयत्नों से एनडीए के लगातार प्रयासों से बहुत मुश्किल से बिहार ने अपने पुराने दौर को पीछे छोड़ा है। जिन लोगों ने इस महान भूमि की पहचान बदल दी। वो ये चुनाव में केंद्र सरकार बनाने के लिए नहीं लड़ रहे हैं। वो छटपटा रहे हैं किसी भी तरह से अपने कुछ मेंबर की संख्या बढ़ाने के लिए, इसलिए मैं बिहार के लोगों को सावधान कर रहा हूं। उनकी ताकत बढ़ाने का मकसद है, बिहार में फिर से लूटपाट के दिन उस दौर को वापस लाना। उनकी ताकत बढ़ाने का मतलब है बेटियों का अपहरण, गुंडागर्दी, हत्याएं, हर योजना में भ्रष्टाचार। उनकी ताकत बढ़ाने का मतलब है सूरज ढलने के बाद अपने ही घर में कैद हो जाना। घुट-घुट के जीना, पलायन के लिए मजबूर हो जाना। बिहार को इन लोगों ने यहीं दिया है, आज फिर से ये लोग अपनी गिद्ध दृष्टि जमाए हुए बिहार पर। ये बिहार को जाति में बांटकर, समाज को बांटकर अपना स्वार्थ सिद्ध करना चाहते हैं। वो अपने भ्रष्टाचार, अपने काले कारनामे को छिपाना चाहते हैं। उनका लक्ष्य है कि किसी भी प्रकार से दिल्ली में एक कमजोर ढीली-ढाली कमजोर सरकार बने, ताकी वो मनमानी कर सके। जो जेल में हैं, जो जेल के दरवाजे पर है, जो बेल पर है, जो बेल के लिए कोर्ट-कचहरी के चक्कर काट रहे हैं। वो सब केंद्र में एक मजबूत सरकार को एक मिनट भी बर्दाश्त नहीं करना चाहते। लेकिन साथियो, ये चाहे कितनी भी कोशिश कर लें, कालेधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ जो अभियान हमने चलाया हुआ है। उसकी रफ्तार धीमी नहीं पड़ेगी। जो बड़े-बड़े शॉपिंग मॉल, फॉर्म हाऊस खड़े हुए हैं, उसका भी हिसाब देना होगा। इनको गरीब का लूटा एक-एक पैसा लौटाना ही पड़ेगा। जिस तरह से मिशेल मामा को उठा कर लाएं हैं। इनके बाकी चाचाओं को भी भारत आना ही पड़ेगा।

बीते पांच वर्ष में इन लोगों को बेल लेने के लिए मजबूर किया है। बेल तक पहुंचाया है। अब जेल भी भिजवाने की पूरी तैयारी है। भाइयो-बहनो, स्वार्थ और सिर्फ अपने हित के लिए समर्पित इन सारे महामिलावट करने वालों की मंशा को समझना बहुत जरूरी है। अगर आप ध्यान दें तो जितने भी ये महामिलावटी के दल हैं, उनमें से ज्यादातर इतनी सीटों पर भी नहीं लड़ रहे हैं कि वो लोकसभा में नेता विपक्ष का पद हासिल कर पाएं। यानी नेता विपक्ष बनने के लिए जो नियम है कि लोकसभा की 10 प्रतिशत सीटें जीतनी पड़ेगी। 2014 में देश की जनता ने कांग्रेस को भी नेता विपक्ष बन सके, इतनी सीटें नहीं दी थी, और इनदिनों अब इनके बीच में लड़ाई चल रही है। कांग्रेस वाले सोचते थे कि हम तो पांच साल विपक्ष के नेता भी नहीं बन पाए और कोई बनना नहीं चाहिए, इसलिए वो महामिलावटी लोगों की भी टांग खींचने में लगे हैं। भाइयो- बहनो, जिनके नसीब में विपक्ष के नेता का पद नहीं है, वो प्रधानमंत्री बनने के सपने देख रहे हैं। साथियो, इनके लिए सत्ता से ऊपर कुछ भी नहीं है, देश भी नहीं है। इन लोगों को सिर्फ इपनी शानो-शौकत और सुरक्षा की चिंता रहती है, देश की नहीं। याद करिए वो दिन जब देश के बड़े बड़े शहरों में, कभी ट्रेन में, कभी बाजार में, कभी बस में, कभी मंदिर में, कभी रेलवे स्टेशन पर बम धमाके हुआ करते थे। बम धमाके के उस दौर में कांग्रेस और उसके साथी कैसे कमजोरों की तरह बर्ताव करते थे। ये भी याद रखिए आतंकवाद जब फलता है, फूलता है तब कोई बचता नहीं है, कोई सुरक्षित रहता नहीं है। किसी भी जाति का हो, किसी की भी पंथ का हो, कोई भी व्यक्ति सुरक्षित नहीं रहता।

 

बीते पांच वर्षों में बहुत मेहनत से हमारी सुरक्षा एजेंसियों ने हमारे सपूतों ने इन गलत इरादे वालों को रोक कर रखा है। लेकिन उनके इरादे तो वैसे ही है, वो मौके की तलाश में हैं, मौका मिलेगा तो फिर हमला करने के लिए वो अपने प्लान करते ही रहते हैं, और हम उनके प्लान खत्म करने में लगे रहते हैं। ये रोज की लड़ाई है। सिर्फ भारत नहीं दुनिया पर से भी आतंकी खतरा टला नहीं है। कौन सोच सकता था कि श्रीलंका में 300 लोगों को मार देंगे। आय दिन और इसलिए देश में एक ऐसी सरकार चाहिए, जो आतंकवाद को, देश में हिंसा फैलाने वाली हर ताकत को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए प्रतिबद्ध हो। भाइयो-बहनो, आप बताइए, आप बताइए, ये आतंकवाद को कौन खत्म कर सकता है? माताएं-बहनें जो बताएंगी वो सच्चा आशीर्वाद होगा। कौन कर सकता है? आतंकवाद और नक्सलवाद पर सबसे बड़ा प्रहार करके ये ताकत किसने दिखाई है? किसने दिखाई है? साथियो, चाहे देश के भीतर हो या फिर सीमा के उस पार आतंक और हिंसा फैलाने वाली फैक्ट्री जहां भी होगी इस चौकीदार के निशाने पर है। भारत को जहां से भी खतरा होगा। हम घर में घुसकर के मारेंगे। ये तय है, साथियो, एनडीए की नीति स्पष्ट है। लेकिन महामिलावटी दलों की देश की रक्षा और सुरक्षा के लिए क्या नीति है, क्या आपको पता है क्या? कभी उन्होंने बताया क्या ? क्या इन्होंने अपनी रैली में इस पर एक शब्द बोला है क्या ? उनको आपकी सुरक्षा की चिंता है क्या? भाइयो-बहनो, इनका इतिहास ऐसा है कि आतंकवाद पर कुछ भी नहीं कह सकते। पाकिस्तान का नाम सुनते ही इनके पैर कांपने लगते हैं। इनकी सरकार डोलने लगती है। यहीं कारण है कि सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्टाइक के नाम पर इनको एलर्जी होती है, और उनकी नींद हराम हो जाती है। उनको चिंता है कि ये मोदी ने कैसे कर दिया। ये सवाल उनको सोने नहीं देता है। और इसलिए ये राष्ट्र रक्षा की बात करने से भी कतरा रहे हैं। भाइयो-बहनो, इनकी जमीन इसलिए भी खिसक रही है, क्योंकि पांच वर्ष में सबका साथ सबका विकास को हमने जमीन पर उतारा है। गांव-गांव गरीब के घर तक ले गए हैं। सामान्य वर्ग के गरीब युवाओं को 10% आरक्षण सामाजिक सद्भाव का एक बहुत बड़ा प्रयास है। क्योंकि इसमें किसी दूसरे वर्ग का हक बिल्कुल नहीं छीना गया। यहीं नहीं हमने महामिलावटियों के तमाम विरोध के बावजूद ओबीसी कमीशन को भी संवैधानिक दर्जा दे दिया है। और मैं गर्व से कह सकता हूं जब आज मुजफ्फरपुर की धरती पर आया हूं। मैं गर्व से कह सकता हूं कि इसी पवित्र धरती से यहीं के संतान भगवान लाल साहनी इसके सबसे पहले चेयरमैन हमने बनाए है।

 

 

साथियो, हमने देश को लाल बत्ती की संस्कृति से निकाला है, और गांव-गांव गरीब-गरीब को एलईडी बल्ब दूधिया बत्ती से रौशन कर दिया है। हम लोगों की सबकी लाल बत्ती चली गई, लेकिन गरीब के घर में बत्ती जल रही है। ये हमारे लिए पूंजी है। हमने उस गरीब को पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज देने का काम किया है। जिसको इलाज के लिए अपना घरबार कभी बेचना पड़ता था। हमने गांव-गांव में गरीब बहनों के घर उनको इज्जत घर देने शौचालय देने का काम किया। हमने उस गरीब बहन तक मुफ्त रसोई गैस का कनेक्शन पहुंचाने का काम किया। जो गरीब मां पूरी उम्र धुएं में जिंदगी गुजारती थी, उन माताओं को बहनो को हमने धुएं से मुक्ति दिलाई है। मेरी मां वहां से मुझे आशीर्वाद दे रही है। हमने उस गरीब को पक्का घर देने का बीड़ा उठाया है। जिसने सपने में भी कभी अपने घर के बारे में नहीं सोचा था। साथियो, जिनको ये सुविधाएं मिल चुकी है, उनको मैं ह्रदय से बहुत-बहुत बधाई देता हूं। जिनको नहीं मिला है उनको भी मैं विश्वास देता हूं ये मोदी है, वादों का पक्का है, ये मैं सबको देकर के ही रहने वाला हूं। हमने संकल्प लिया है कि 2022 तक हर गरीब के पास अपना पक्का घर हो, इतना ही नहीं जो हमारे किसान परिवार हैं, उनके खाते में सीधे पैसे जमा होने शुरू हो चुके हैं, और 23 मई को चुनाव के नतीजे आएंगे। 23 मई को चुनाव के नतीजे आएंगे, और फिर एक बार मोदी सरकार। फिर एक बार मोदी सरकार। चुनाव नतीजे के बाद फिर से एक बार मोदी सरकार आएगी। तब हम बिहार के सभी किसानों को ये सुविधा देने वाले हैं। 5 एकड़ की सीमा जो आज है, उसे हटा दिया जाएगा। सब किसानों को उसका लाभ मिलेगा। इसी तरह जो हमारे मछली के व्यवसाय से जुड़े साथी है। उनके लिए हमने किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा पहले ही दी जा चुकी है। अब मछली पालन के लिए एक अलग से मंत्रालय होगा। अलग डिपार्टमेंट बनाने का हमने फैसला किया है। जो हमारे लीची उत्पादक किसान है उनकी सुविधा के लिए यहां लीची ट्रीटमेंट प्लांट भी बनाया गया है। 

साथियो, हमारे छोटे किसान हो, खेत मजदूर हो, छोटे दुकानदार हो। सबको 60 वर्ष की आयु की बाद नियमित पेंशन मिले। इसका इंतजाम भी हम करने वाले हैं। व्यापारियों के लिए तो हमने पहली बार एक राष्ट्रीय आयोग बनाने का फैसला लिया है। जो जीएसटी रजिस्टर्ड व्यापारी और कारोबारी हैं, उनको 10 लाख रुपये तक का दुर्घटना बीमा देने का संकल्प भी हमने लिया है। भाइयो–बहनो, मुजफ्फरपुर और वैशाली के इन्फ्रास्टकचर को मजबूत करने के लिए भी गंभीर प्रयास हम कर रहे हैं। सड़क, रेल और हवाई यातायात से जुड़े अनेक प्रोजेक्ट यहां चल रहे हैं। पताही एयरपोर्ट भी जल्द ही आप सभी को नियमित सेवाएं देना शुरू कर देगा। भाइयो -बहनो, ऐसे सभी काम तभी पूरे हो पाएंगे जब दिल्ली में एक ईमानदार और मजबूत सरकार बनेगी। मजबूत सरकार तभी बनेगी जब यहां के सभी मेरे साथी मुजफ्फरपुर के लोग कमल छाप पर, वैशाली के लोग बांग्ला छाप पर, और सीतामढ़ी के लोग तीर छाप पर वोट डालेंगे। हम थ्री इन वन है। आप कमल छाप को वोट डालोगे कहां जाएगा, मोदी के खाते में जाएगा। आप बांग्ला छाप पर वोट डालोगे, कहां जाएगा मोदी को जाएग। आप तीर छाप को वोट डालोगे, कहां जाएगा, मोदी को जाएगा। आपका हर वोट मोदी के खाते में जाएगा। भाइयो-बहनो, फिर एक बार मैं इतनी बड़ी तादाद में आप आए, हमें आशीर्वाद दिया, मेरा आग्रह है कि पहले से मतदान ज्यादा करें, और जैसा नीतीश जी ने बताया कि पहले मतदान फिर जलपान... हम लोग इस मंत्र को लेकर के जाएं। मेरे साथ बोले- भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय

बहुत बहुत धन्यावाद...

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प्रधानमंत्री 23 दिसंबर को नई दिल्ली के सीबीसीआई सेंटर में कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित क्रिसमस समारोह में शामिल होंगे
December 22, 2024
प्रधानमंत्री कार्डिनल और बिशप सहित ईसाई समुदाय के प्रमुख नेताओं से बातचीत करेंगे
यह पहली बार होगा, जब कोई प्रधानमंत्री भारत में कैथोलिक चर्च के मुख्यालय में इस तरह के कार्यक्रम में भाग लेंगे

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 23 दिसंबर को शाम 6:30 बजे नई दिल्ली स्थित सीबीसीआई सेंटर परिसर में कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया (सीबीसीआई) द्वारा आयोजित क्रिसमस समारोह में भाग लेंगे।

प्रधानमंत्री ईसाई समुदाय के प्रमुख नेताओं के साथ बातचीत करेंगे, जिनमें कार्डिनल, बिशप और चर्च के प्रमुख नेता शामिल होंगे।

यह पहली बार होगा, जब कोई प्रधानमंत्री भारत में कैथोलिक चर्च के मुख्यालय में इस तरह के कार्यक्रम में भाग लेंगे।

कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया (सीबीसीआई) की स्थापना 1944 में हुई थी और ये संस्था पूरे भारत में सभी कैथोलिकों के साथ मिलकर काम करती है।