चाहे सर्जिकल स्ट्राइक, चाहे एयर स्ट्राइक हो, चाहे अंतरिक्ष में स्ट्राइक हो, हर क्षेत्र में आज नए भारत की ठोस नींव तैयार हो रही है और ये सबकुछ आपके वोट के कारण संभव हो सका है, आपके कारण नामुमकिन भी आज मुमकिन बना है: प्रधानमंत्री मोदी
गरीबों को घर देना गुनाह है क्या, अगर ये गुनाह है तो ये गुनाह मैने किया है, गरीबों को शौचालय देना गुनाह है, तो ये गुनाह मैने किया है, गरीबों को रसोई गैस देना गुनाह है, तो ये गुनाह मैने किया है, गरीबों को मुफ्त इलाज देना गुनाह है, तो ये गुनाह मैने किया है: पीएम मोदी
आपका ये चौकीदार कांग्रेस के ढकोसला पत्र और देश की सुरक्षा के बीच एक दीवार बन कर खड़ा है: प्रधानमंत्री

भारत माता की जय, भारत माता की जय।

बहुत ही कम समय में यहां के पूरे तंत्र की तमाम कोशिशों को बावजूद, क्रिकेट मैदान पर इतनी भारी संख्या में पहुंचे आप सभी के प्यार से मैं अभिभूत हूं। देश के पॉलिटिकल पंडितों को अगर 23 मई का अंदाजा लगाना है तो वो बंग भूमि से उठ रही इस लहर से अंदाजा लगा सकते हैं।

साथियो, बंगाल की कविता और क्रांति का रिश्ता दुनिया में अनूठा है। विद्यापति चंडीदास, जॉयदेव, ललन फकीर, नजरुल इस्लाम, बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय और गुरुदेव ने बंगालियों की आवाज को मधुरता दी तो खुदीराम बोस, सूर्य सेन, श्री अरबिंदो और नेता जी सुभाष चंद्र बोस सहित अनेक वीर-विरांगनाओं ने क्रांति को आत्मा दी। क्रांति और कविता का यही रिश्ता, नए भारत के सपनों को साकार करने में काम आने वाला है।

मेरी आप सब से प्रार्थना है, आगे आने की कोशिश मत कीजिए। ब्रिगेड मैदान ने इससे पहले कभी इतनी बड़ी भीड़ नहीं देखी। आप जहां हैं वहीं रहिए, आगे आने की कोशिश मत कीजिए। मैं आपका ज्यादा समय नहीं लूंगा, आप घंटों से यहां इंतजार कर रहे हैं। भारत माता की जय, भारत माता की जय। आपका ये प्यार मेरी सिर-आखों पर और मैं आपको विश्वास दिलाता हूं। आप जो ये प्यार दे रहे हैं ना, मैं विकास करके ब्याज सहित लौटाउंगा।

साथियो, कोलकाता हो, हावड़ा हो, दमदम हो, जादवपुर हो, बारासत सहित बंगाल के कोने-कोने से इस चौकीदार को जो बीते पांच वर्ष में समर्थन मिला है, जो शक्ति मिली है। उसी का परिणाम है कि आज आपके सामने नमृतापूर्वक अपना रिपोर्ट कार्ड लेकर आया हूं। साथियो, आपके मजबूत साथ का ही परिणाम है की भारत की जयजयकार हो रही है, आपकी भागीदारी का ही परिणाम है कि भारत वो कर रहा है जिसका हम कभी सपना देखा करते थे। सर्जिकल स्ट्राइक हो, एयर स्ट्राइक हो, अंतरिक्ष में सैटेलाइट पर स्ट्राइक हो, महाशक्ति की तरफ बढ़ते भारत के कदम को दुनिया गर्व पूर्वक देख रही है और दुनिया स्वीकार करने लगी है। डिजिटल इंडिया की रफ्तार हो, मेक इन इंडिया का उभार हो या फिर कोलकाता से बनारस तक गंगा जी पर इनलैंड वाटर-वे का विस्तार हो, हर क्षेत्र में नए भारत की नींव तैयार हो रही है। ये सब कुछ किसके कारण संभव हो पाया? मेरे कोलकाता के भाइयो-बहनो, अगर मैं आपसे कुछ सवाल पूछूं तो आप जवाब देंगे?  पूरी ताकत से देंगे? जहां आपकी आवाज पहुंचनी चाहिए वहां पहुंच जाएगी? आप मुझे बताइए, ये जितने अचीवमेंट मैंने बताए, चाहे सर्जिकल स्ट्राइक हो, चाहे एयर स्ट्राइक हो, चाहे अंतरिक्ष में स्ट्राइक हो, चाहे कोलकाता से बनारस तक वॉटर-वे की व्यवस्था हुई हो ये सब कुछ किसके कारण संभव हुआ है? पांच साल के भीतर-भीतर ये सब किसने किया है? जी नहीं ये सब मोदी ने नहीं किया है, ये सब आपके आशीर्वाद के कारण हुआ है, ये आपके कारण, नामुमकिन को भी मुमकिन बनाया है।

भाइयो-बहनो, ऐसे समय में जब स्वामी विवेकानंद के सपनों का भारत बनाने की तरफ हम आगे बढ़ रहे हैं तब हमारे ही देश में कुछ लोग हैं, जो मोदी का विरोध करते-करते, मां भारती का विरोध करने लग गए हैं। आप मुझे बताइए, एयर स्ट्राइक का सुबूत कौन मांग रहा था, एयर स्ट्राइक पर शक कौन कर रहा था? सेना को निराश कौन कर रहा था, आतंकियों की लाशें दिखाओ, ये किसने कहा था? सपूतों से सुबूत मांगने का काम कौन कर रहा था? ये पुलवामा में शहीद हुए भाई सुदीप विश्वास और भाई बबलू सांत्रा का अपमान है या नहीं है? भारत के वैज्ञानिकों ने मिसाइल से सैटेलाइट उड़ाने की तकनीक का परीक्षण किया, हम दुनिया की चौथी शक्ति हो गए। आपको गर्व हुआ कि नहीं हुआ? लेकिन इतनी बड़ी ऐतिहासिक घटना, इसको ड्रामा किसने कहा?

साथियो, आपका ये चौकीदार जो पांच वर्ष से कर रहा है, उसका सामर्थ्य हमारे पास इन पांच वर्षों में आया है, ऐसा नहीं है। हमारे वीर-जवानों के पास एयर-स्ट्राइक और सर्जिकल स्ट्राइक का हौसला पहले भी था, हमारे वैज्ञानिकों के पास अंतरिक्ष में सैटेलाइट को मार गिराने का सामर्थ्य पहले भी था अगर कुछ नहीं था तो तब की सरकार की नीयत नहीं थी, उनकी हिम्मत नहीं थी।

भाइयो-बहनो, जब देशहित के आगे अपना स्वार्थ रखा जाता है तो देश का हाल यही होता है। दीदी और उनके साथी आज-कल देश विरोधी बोल इसलिए बोल रहा हैं क्योंकि उनकी राजनीतिक जमीन डोल रही है। साथियो, कल आपने देखा है की कांग्रेस पार्टी ने अपना एक ढकोसलापत्र जारी किया है। इस ढकोसलापत्र में कांग्रेस में वादा किया है की सेना का सुरक्षा कवच हटा देंगे। जो कानून आतंक के प्रभाव वाले क्षेत्र में सेना के जवानों को मदद करता है, उसी कानून को हटा देंगे। ऐसी बात, जिन्होंने 60 साल तक देश पर राज किया वो कर रहे हैं। कांग्रेस ऐसा वादा कर रही है जो पाकिस्तान में बैठे आतंक के सरपरस्तों को मदद करेगा कि नहीं करेगा? क्यों कांग्रेस देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने पर, देश को अस्थिर करने पर तुली हुई है। और भाइयो-बहनो, जब से मैं चौकीदार-चौकीदार कहने लगा, सीमा पर चौकीदार है ये कहने लगा तो ये कांग्रेस के ऐसे नामदार हैं उनको हर चौकीदार पर गुस्सा आ गया। और इसलिए सेना के खिलाफ भी इस तरह का कदम उठाने जा रहे हैं।  भाइयो-बहनो, अपने वोट बैंक के लिए, तुष्टीकरण की अपनी नीति की वजह से कांग्रेस हमेशा आतंकवाद के प्रति सर झुकाती रही है, नरम रही है। याद है आपको, आतंकवाद के खिलाफ बना कानून टाडा किसने हटाया? कांग्रेस ने। पोटा का कानून किसने हटाया? कांग्रेस ने।

साथियो, मत भूलिए देश में नक्सली, माओवादियों के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर कांग्रेस ने हमेशा झूठे वादे किए हैं, अब सत्ता की भूख में आतंकवादियों और अगलगावादियों के समर्थन में खुलकर आती हुई दिख रही है। जब मैं कांग्रेस कहता हूं तो कांग्रेस से निकले तृणमूल वाले भी इस पापा के भागीदार हैं। चाहे तृणमूल कांग्रेस हो और उसकी पूर्व पार्टी कांग्रेस हो, सारे के सारे, नागरिकता संशोधन कानून के विरोध की भी यही वजह है। साथियो, कानून हमारी सरकार ने भी खत्म किए हैं लेकिन ऐसे कानून जिनके खत्म होने से लोगों की जिंदगी आसान बनी और ऐसे 10-20 नहीं, ऐसे 1400 से ज्यादा कानून हमारी सरकार ने पांच साल में खत्म किए हैं। जहां स्थिति सुधर रही है वहां पर अफ्स्पा को भी हटाने का काम हमारी सरकार ने किया लेकिन कांग्रेस जो कर रही है वो हमारे वीर-जवानों का मनोबल तोड़ता है, उसे कमजोर करता है।

साथियो, आपका ये चौकीदार कांग्रेस के ढकोसलापत्र और देश की सुरक्षा के बीच एक मजबूत दीवार बन के खड़ा है। कांग्रेस की साजिशों को ये मोदी कभी कामयाब नहीं होने देगा। साथियो, कांग्रेस के ढकोसलापत्र की एक्सपायरी डेट पहले से ही तय है, तारीख है 23 मई, कांग्रेस भी गई और उनका ढकोसलापत्र भी गया। देश की जनता पहले से ही इस पर अपना ठप्पा लगा चुकी है।

भाइयो-बहनो, कुछ समय पहले बंगाल में एक मंच पर कुछ लोगों को कहते सुना था, मोदी हटाओ, मोदी हटाओ। बड़ा मेला लगा था कि नहीं यहां पर, देश के कोने-कोने से एक-एक को इकट्ठा किया था। हाथ ऊपर कर-कर के गालियां दी थी ना, अलग-अलग राज्यों से नेता बंगाल आए सिर्फ इतना बताने के लिए कि मोदी हटाओ। कोलकाता में इतना बड़ा जलसा किया, मोदी हटाओ। अरे भाई क्यों हटाओ, ऐसा क्या गुनाह किया है मोदी ने। आप मुझे बताइए, गरीबों को घर देना गुनाह है क्या? अगर ये गुनाह है तो मैंने किया है। गरीबों को टॉयलेट देना गुनाह है क्या? अगर ये गुनाह है तो मैंने किया है। गरीबों को रसोई गैस देना गुनाह है तो ये गुनाह मैंने किया है। गरीबों को बिजली देना गुनाह है तो ये गुनाह मैंने किया है। गरीबों को मुफ्त इलाज देना गुनाह है तो ये गुनाह मैंने किया है। पिछले पांच साल गवाह हैं, ये देश ये सब कुछ कर के दिखा सकता है, नामुमकिन अब मुमकिन है। याद करिए पश्चिम बंगाल में जैसी स्थिति है वैसी ही कुछ समय पहले त्रिपुरा में थी। कम्यूनिस्टों की जंजीर में जकड़े त्रिपुरा ने खुद को इन लाल बेड़ियों से मुक्त किया और बीजेपी को अपनी जिम्मेदारी सौंपी, ये भी नामुमकिन था जो मुमकिन हुआ। अब आज त्रिपुरा तेजी से विकास की ओर बढ़ रहा है।

भाइयो-बहनो, जैसे बंगाल की सरकार ने अपने कर्मचारियों को आज तक सातवें वेतन आयोग का लाभ नहीं दिया है कुछ वैसी स्थिति त्रिपुरा के लेफ्ट शासन में भी थी। त्रिपुरा की लेफ्ट सरकार ने भी वहां के राज्य कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग का लाभ नहीं लेने दिया। कर्मचारी मांग कर रहे थे लेकिन लेफ्ट सरकार ने उनकी एक नहीं सुनी। त्रिपुरा में जब भाजपा की सरकार बनी तब सातवें वेतन आयोग का लाभ वहां के राज्य कर्मचारियों को मिलना शुरू हुआ। साथियो, हमारी सरकार जो संकल्प लेती है उसे सिद्ध करती है। पांच वर्ष पहले किसी ने सोचा था कि पांच लाख रुपए तक का इनकम टैक्स माफ हो जाएगा लेकिन नामुमकिन, मुमकिन हो गया। पांच वर्ष पहले किसी ने सोचा था कि सामान्य वर्ग के गरीबों को भी 10 प्रतिशत आरक्षण मिल सकता है आज उनको भी आरक्षण मिला क्योंकि नामुमकिन अब मुमकिन है। पांच वर्ष पहले किसी ने सोचा था कि खुद को भारत का भाग्य विधाता समझने वाले परिवार से करप्शन का हिसाब भी होगा, आज पूरा परिवार जमानत पर है क्योंकि नामुमकिन अब मुमकिन है।

भइयो-बहनो, बंगाल की जनता ने मन बना लिया है, अब बंगाल में ना तोलागिरी चलेगी ना गुंडागिरी चलेगी। अब हम और आप मिलकर के ऐसा बंगाल बनाएंगे जो लेफ्त और टीएमसी के गुंडाराज को खत्म करेगा। साथियो, 2014 में आपके वोट के कारण हम देश के अंदर 72 सालों के गड्ढों को भर पाए, 2019 में आपके वोट से हम विकास की नई ऊंचाइयों को पार करना चाहते हैं। 2014 में आपके वोट के कारण आतंकवाद को मुंहतोड़ जवाब मिला, 2019 में आपका वोट आतंकवाद को खत्म करने में एक बड़ी भूमिका निभाएगा। 2014 में आपके वोट के कारण सालों से लटकी-अटकी योजनाएं पुन: प्रारम्भ हो पाईं, 2019 में आपके वोट से वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण होगा। 2014 में आपके वोट के कारण सरकार की प्राथमिकता फैमिली फर्स्ट से बदल कर इंडिया फर्स्ट हुई, 2019 में आपके वोट से भारत वैश्विक स्तर पर फर्स्ट होने का प्रयास करेगा। 2014 में आपके वोट के कारण भ्रष्टाचारी जेल के दरवाजे तक पहुंचे, 2019 में आपके वोट से ये भ्रष्टाचारी जेल के अंदर जाएंगे। 2014 में आपके वोट के कारण हम देश की मजबूत बुनियाद का निर्माण कर पाए, 2019 में आपके वोट से एक नए भारत की दिव्य-भव्य इमारत का निर्माण होगा।

भाइयो-बहनो, स्वामी विवेकानंद ने इस देश के उद्धार के लिए आवाहन किया था, आने वाले 50 वर्षों तक सब-कुछ भूल जाओ और केवल राष्ट्ररूपी इस देवता की सेवा करो। आने वाले 50 वर्षों तक भारत मां को ही अपना आराध्य बना लो और इस देश ने बनाया, हमारे क्रांतिवीरों ने बनाया, देश के एक-एक नागरिक ने बनाया और ठीक 50 वर्ष बाद देश को आजादी मिल गई। आजादी के बाद 50 वर्ष और यदि यही देश स्वामी विवेकानंद के मंत्र पर चल पाया होता तो आज पूरी दुनिया में हिंदुस्तान सबसे आगे होता। मेरी ये भारत माता अपने नियत स्थान पर आरूढ़ होती लेकिन दुर्भाग्य, इस देश को आजादी मिली पर देश की जनता को इस देश के मूल चिंतन वाली बागडोर ना मिली। लोकतंत्र का बुर्का ओढ़कर परिवार तंत्र देश पर राज करने लगा। देश में 55 साल परिवार तंत्र था। लोकतंत्र की उम्र तो इस देश में मुश्किल से 15 साल ही रही है।

साथियो, ये कहना कि 72 साल में ये देश अपने टैलेंट, इनोवेशन, हार्डवर्क के बलबूते पर डेवलप्ड कंट्रीज के बीच में क्यों नहीं खड़ा है, बहुत बड़ा सवाल है। हमारे पास प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, हमारे पास देश के लिए जान देने वाले दीवानों की कोई कमी नहीं थी, कठिन परिश्रम करने वालों की कमी नहीं थी, हमारे पास प्राकृतिक संसाधन थे लेकिन 55 साल के परिवार तंत्र में युवा प्रतिभाओं ने वंशवाद के नीचे दम तोड़ दिया। 55 साल के परिवार तंत्र ने मेहनत का गला, भ्रष्टाचार ने घोंट दिया, 55 साल के परिवार तंत्र ने गरीब के सपनों को वोट बैंक ने कुचल दिया। 55 साल के परिवार तंत्र ने सौहार्द में जातिवाद का जहर घोल दिया। 55 साल के परिवार तंत्र ने सेना के शौर्य को दलाली का ग्रहण लगा दिया, 55 साल के परिवार तंत्र ने देश के लोगों को, त्याग और देशभक्ति को नजरअंदाज कर दिया। बंगाल भी आज परिवारतंत्र के बोझ तले दब रहा है। बुआ-भतीजा मिलकर बंगाल के संसाधनों को लूट रहे हैं, यहां के सामर्थ्य के साथ नाइंसाफी कर रहे हैं। साथियो, बंगाल की धरती देशभक्तों की धरती है। जैसे देश को एंग्रेजो से मुक्ति दिलाई, उसी तरह देश को इस परिवार तंत्र से मुक्ति दिलाकर, जनतंत्र को, लोकतंत्र को मजबूत करने का काम भी यह बंगाल करेगा, देश को दिशा देगा। इस बंगाल की धरती का मुझ पर बहुत ऋण है, जीवन के पड़ाव में मैं जब सारी दुनियादारी छोड़कर, कुछ सपने ले कर आगे बढ़ रहा था तो इसी बंगाल की धरती ने मुझे आदेश दिया कि इस देश की सेवा ही मेरी नियति है। रामकृष्ण मिशन में, पूज्य आत्मस्थानानंद जी, जो अब नहीं रहे, उन्होंने मेरा लालन-पालन किया। मेरे जीवन को बनाने में उनकी बहुत बड़ी भूमिका रही और उन्हीं के आदेश से मैं फिर से वापस इस सेवा की दुनिया की ओर चल पड़ा। देशवासियों की सेवा के लिए सब-कुछ खपा देने का साहस दिया और साथियो, जब तक मैं ये सपना पूरा नहीं कर लेता मैं चैन से बैठने वाला नहीं हूं। 72 साल की निराशा और जड़ता से देश को बाहर निकालना है। हर टैंलेट चाहे गरीब हो या देश के दूर-दराज वाले इलाके में, उसके लिए इस देश में अवसर पैदा करने हैं। देश के कोने-कोने में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करना है। हमारे किसान, अन्नदाता उनकी आय दोगुनी करनी है, सेना का आधुनिकरण कर उसे मजबूत बनाना है, आत्मनिर्भर बनाना है। स्पेस हो, साइंस या टेक्नोलॉजी, 72 साल की कमियों को पूरा कर दुनिया में सबसे आगे जाना है।

साथियो, आइए आने वाले पांच साल इन सब संकल्पों को पूरा करने के लिए खप जाएं, आने वाले पांच साल यही संकल्प दिन-रात हमारी रगों में दौड़ते रहें। सोते-जागते, उठते-बैठते हमारा एक ही चिंतन हो, बस इस देश का विकास, गरीबों का उत्थान। तब जाकर 72 सालों की भरपाई होगी, तब जाकर मेरे देश के स्वतंत्रता सेनानी हमें माफ कर पाएंगे, उनकी आत्मा को शांति मिल पाएगी। हमें और आपको मिलकर बंगाल की हर महान हस्ती के सपनों की चौकीदारी भी करनी है, उनके सपनों को भी पूरा करना है और इसलिए मेरे भाइयो-बहनो, मैं आपसे आग्रह करूंगा। ये तृणमूल ने लेफ्ट से बम-बंदूक का जो कल्चर उधारी लिया है, उसको परास्त करने का मौका है। आपका एक-एक वोट कीमती है, आपकी सुरक्षा ये बंगाल सरकार की भी जिम्मेदारी है, भारत सरकार की भी जिम्मेदारी है। हम, हमारी जिम्मेदारी पूरी तरह से निभाएंगे, ये विश्वास मैं दिलाने आया हूं। आपका चौकीदार, आपके सपनों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। भइयो-बहनो, मेरे साथ पूरी ताकत से बोलिए, मैं कहूंगा मैं भी, आप बोलिए चौकीदार।

मैं भी चौकीदार, मैं भी चौकीदार, गांव-गांव चौकीदार, गली-गली चौकीदार, शहर-शहर चौकीदार, घर-घर चौकीदार, डॉक्टर भी चौकीदार, शिक्षक भी चौकीदार, इंजीनियर भी चौकीदार, कलाकार भी चौकीदार, हर नागरिक चौकीदार, देश में भी चौकीदार, सीमा पर भी चौकीदार, देश हमारा चौकीदार।

भाइयो-बहनो, यही मिजाज देश को आगे ले जाएगा, मेरे साथ हाथ ऊपर करके पूरी ताकत से बोलिए…

भारत माता की जय, भारत माता की जय, वंदे मातरम, वंदे मातरम।

Explore More
140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी
Snacks, Laughter And More, PM Modi's Candid Moments With Indian Workers In Kuwait

Media Coverage

Snacks, Laughter And More, PM Modi's Candid Moments With Indian Workers In Kuwait
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
प्रधानमंत्री 23 दिसंबर को नई दिल्ली के सीबीसीआई सेंटर में कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित क्रिसमस समारोह में शामिल होंगे
December 22, 2024
प्रधानमंत्री कार्डिनल और बिशप सहित ईसाई समुदाय के प्रमुख नेताओं से बातचीत करेंगे
यह पहली बार होगा, जब कोई प्रधानमंत्री भारत में कैथोलिक चर्च के मुख्यालय में इस तरह के कार्यक्रम में भाग लेंगे

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 23 दिसंबर को शाम 6:30 बजे नई दिल्ली स्थित सीबीसीआई सेंटर परिसर में कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया (सीबीसीआई) द्वारा आयोजित क्रिसमस समारोह में भाग लेंगे।

प्रधानमंत्री ईसाई समुदाय के प्रमुख नेताओं के साथ बातचीत करेंगे, जिनमें कार्डिनल, बिशप और चर्च के प्रमुख नेता शामिल होंगे।

यह पहली बार होगा, जब कोई प्रधानमंत्री भारत में कैथोलिक चर्च के मुख्यालय में इस तरह के कार्यक्रम में भाग लेंगे।

कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया (सीबीसीआई) की स्थापना 1944 में हुई थी और ये संस्था पूरे भारत में सभी कैथोलिकों के साथ मिलकर काम करती है।