कांग्रेस हो, सपा हो, बसपा हो, इनका सिर्फ एक ही मंत्र है - जात-पात जपना - जनता का माल अपना: प्रधानमंत्री मोदी
जो लोग बाबा साहेब का अपमान करने का एक भी मौका नहीं छोड़ते थे, वो अब बहन जी के लिए माननीय-सम्माननीय हो गए हैं: पीएम मोदी
बुआ और बबुआ की दुकान पर ताला लग गया तो इस बार नया काउंटर खोल दिया, महामिलावट का काउंटर, मुझे पता है कि आप ये काउंटर भी बंद करने वाले हैं, आप आश्वस्त रहिए, गरीब को लूटने वालों से पाई-पाई वसूल की जाएगी: प्रधानमंत्री

भारत माता की जय, भारत माता की जय।

कन्नौज की महक देश और दुनिया में पहुँची हुई है, कन्नौज अपनी महक के लिए जाना जाता है लेकिन कुछ नवजवानों से मैं एक प्रार्थना करना चाहता हूं, मेरी प्रार्थना सुनेंगें क्या नवजवान? सुनेंगें ? तो सबसे पहले ये जो खंभे पे चढ़ गए हैं वो कृपया करके नीचे आ जाइये , शाबाश! देखिये, आपको कुछ भी हो गया तो मुझे चुनाव जीतने का आनंद नहीं आएगा, मुझको जीवन भर जब भी कन्नौज आऊंगा ये बच्चे याद आएंगे इनको अगर चोट लग गई तो , नीचे आओ भाई ओह्ह मेहरबान, देखिए अभी ओलंपिक की देर है, प्रैक्टिस यहाँ नहीं करो, उधर पीछे भी आप समझदार लोग हो भाई, और कभी-कभी इन उत्साहित लोगों से टेंट इधर-उधर हो गया तो कितने लोगों को चोट आ जाएगी , ज़रा पीछे जो भी हैं मेरी मदद करें उन बच्चों को उतारो, उनको समझाओ…. भारत माता की जय।

कन्नौज, इटावा और फर्रुखाबाद के सभी साथियों को मेरा नमस्कार। परसों काशी वालों ने अवसरवादियों महमिलावटियों के होश उड़ा दिए और आज आपने तो उनका हाल ही बेहाल कर दिया है, मैं कल्पना नहीं कर सकता भैया, इतनी गर्मी में इतनी भारी संख्या में वो भी प्रचार का आखिरी दिन, 5 बजे तो प्रचार पूरा हो जाएगा,।

भाइयो-बहनो, ऐसा लग रहा है आप सब विजयी डंका बजाने के लिए यहाँ आये हैं। इतनी बड़ी संख्या में आपका यहां आना ये दिखाता है कि 2014 का रिकॉर्ड तोड़ना आपने तय कर लिया है, तीसरे चरण के चुनाव के बाद ही जनता ने तय कर दिया है की फिर एक बार मोदी सरकार ? फिर एक बार मोदी सरकार? आज इसलिए ये महमिलावटी अब बौखलाए हुए हैं, साथियो, इन्होंने महाविलावट की, इन्होंने चौकीदार को गालियाँ दी, इन्होंने राम भक्तों को गालियाँ दी, लेकिन हुआ क्या इनका खेल खत्म हो गया, ये लोग अपने लिए प्रचार कर रहे थे, और उधर आप लोग देश की जनता सड़कों पर उतर आयी। आपके इस चौकीदार का प्रचार करने के लिए, मैं जब हेलीपैड पे उतरा तो वहां जो हमारे सीनियर लोग रिसीव करने आये थे मैंने ऐसे ही उनको पूछा कि भाई चुनाव का क्या हाल है, तो उन्होंने कहा साहब हम चुनाव लड़ ही नहीं रहे हैं। मैंने कहा मतलब, बोले भाजपा ना चुनाव लड़ रही है ना भाजपा का उम्मीदवार चुनाव लड़ रहा ना भाजपा का कार्यकर्ता चुनाव लड़ रहा है यह चुनाव तो उत्तर प्रदेश की जनता लड़ रही है। साथियो, आज मोदी का प्रचार वो बहन कर रही है जिसने पूरी ज़िंदगी चूल्हे में निकलने वाले धुएँ में गुजारी थी और उज्ज्वला योजना के तहत जिसे मुफ्त में गैस कनेक्शन मिला है। आज मोदी का प्रचार वो बेटी कर रही है जिसके घर में स्वच्छ भारत अभियान के तहत अब शौचालय बन गया। जवान बेटी के लिए एक इज्ज़त घर मिल गया। आज मोदी का प्रचार वो गरीब मेरा भाई बहन कर रहा है जिसे प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्का घर उसकी चाभी मिल गई और रहने चला गया। आज मोदी का प्रचार तो वो बूढ़े माँ-बाप कर रहे हैं जिसके बच्चे का आयुष्मान भारत योजना के तहत शहर के बड़े अस्पताल में ऑपरेशन हुआ और उसकी जिंदगी बच गई इलाज हुआ वो ताजा तैयार हो गया।

आज मोदी का प्रचार वो किसान कर रहा है जिसे पीएम किसान सम्मान योजना के तहत खाते में सीधे पैसे मिलना सुनिश्चित हुआ है। आज मोदी का प्रचार वो दिव्यांग जन कर रहे हैं जिन्हें सरकार ने दोबारा उपकरण उपलब्ध कराये गए हैं। पुरानी सरकारें कभी उनको अपंग कहती थी कभी अपाहिज़ कहती थीं मोदी ने उनको दिव्यांग जन कह कर के बहुत बड़ा सम्मान कर दिया। आज मोदी का प्रचार वो परिवार कर रहा है जिसके बेटे मातृभूमि की रक्षा के लिए खड़े हैं, जिन्हें बुलेटप्रूफ की जरूरत थी, मोदी ने पहुँचा दिया जिसे हथियार की जरूरत थी मोदी ने पहुंचा दिया। उस जवान बेटे के माँ बाप मोदी के लिए आज दुआ मांग रहे हैं। आज सभी एक मत होकर कह रहे हैं कि महमिलावटी लोगों, सारी कोशिश कर लो लेकिन आएगा तो मोदी ? आयेगा तो मोदी? आएगा तो मोदी? भाइयों और बहनों ये बलिदानियों का देश है तपस्वियों का देश है भारत के लोग जिस भी स्थिति में रहे लेकिन देश के स्वाभिमान और सुरक्षा से समझौता नहीं करते। आज हम ऐसी दुनिया में रह रहे हैं जहां आतंकवाद सबसे बड़ी समस्या है। भारत के लिए तो ये सबसे बड़ा खतरा है भारत तो आतंकवाद का सबसे बड़ा टारगेट रहा है और आज भी आतंक फैक्टरियाँ पाकिस्तान में चल रही है। आतंकवाद से देश की रक्षा होनी चाहिए कि नहीं होनी चाहिए? देश की रक्षा होनी चाहिए? इससे कैसे निपटेंगे? सपा-बसपा के पास कोई फार्मूला है क्या? सपा-बसपा के लोग इस पूरे चुनाव में एक बार भी आतंकवाद बोले हैं? मोदी को सौ गाली दी, आतंकवाद के खिलाफ दस गाली बोले हैं क्या ? क्यों भाई जरा सपा-बसपा वाले बताएं की आप आतंकवादियों से आप डरते हैं कि उनको बचाने के लिए चुप बैठे हैं? आज जितने भी लोग खुद को भावी प्रधानमंत्री बता रहे हैं जरा ये समझिये आप आज लोग प्रधानमंत्री बनने के पहले कतार लगा कर के बैठ गए हैं और घोषणाएं कर रहे हैं एक कहता है तुम बनोगे, दूसरा कहता है तुम बनोगे अहो रूपम अहो ध्वनि वाला चल रहा है।

भाइयो-बहनो, ये आज प्रधानमंत्री बनने के सपने देख रहें हैं इन्होंने देश को मजबूत बनाने की हमारे जवानों के रक्षा की कोई योजना रखी है क्या? जो सिर्फ और सिर्फ मोदी को हराने के लिए पाकिस्तान के झूठ को सच मानते हों पाकिस्तान के हीरो बनने का ख्वाब पालते हों सर्जिकल स्ट्राइक करने वाले एयर स्ट्राइक करने वाले हमारे सपूतों से सबूत मांगते हो, ऐसे लोगों से क्या उम्मीद की जा सकती है क्या? मत भूलिए ये वही लोग है जो दिल्ली के बाटला हॉउस के आतंकी के मारे जाने पर आंसू बहाते हैं आतंकियों के साथ हमदर्दी जताते हुए ये लोग यूपी में लोगों से वोट मांगने आ रहे हैं क्या इन लोगों से कोई उम्मीद की जा सकती है। भाइयो और बहनो, ये महमिलावटी सिर्फ अपने ही वंश की अपने परिवारों का ही भविष्य सोच सकते हैं। देश के भविष्य की चिंता इनको नहीं है। आप आश्वस्त रहिये नया हिंदुस्तान अब डरेगा नहीं आपको भरोसा है ना? आपको मोदी पर भरोसा है ना ? अब नया हिंदुस्तान डरेगा नहीं, नया हिंदुस्तान आतंकियों के घर में घुस के मारेगा। जब देश सुरक्षित रहेगा तभी सामान्य मानव का जीवन सही से चलेगा। ये बात देश के युवा साथियों को, जो पहली बार दिल्ली में केंद्र सरकार चुनने जा रहें हैं वो भली-भांति समझते हैं। यही कारण है कि 23 मई को इतिहास बनने वाला है, नई पीढ़ी सपा-बसपा के अवसरवाद को भी अच्छी तरह पहचानती है। याद कीजिये, वो भूलना मत, पीरवा में समाजवादी पार्टी ने कैसे बाबा साहब अंबेडकर का अपमान किया था, ये बसपा ने भूला दिया है। 

साथियो, याद करिये बसपा ने बाबा साहब के नाम पर मेडिकल कालेज का नाम रखा था लेकिन समाजवादी सरकार आयी तो उसके बाबा साहब के नाम की पट्टी को उखाड़कर फेंक दिया था। अब आज बहन जी उसी समाजवादी पार्टी के लिए खुशी-खुशी वोट मंगा रही हैं। सत्ता के लिए कुर्सी के लिए, सिर्फ मोदी को हराने के लिए, बाबा साहब को अपमानित करने वाले लोगों को आप गले लगा रही हो। भाइयो और बहनो, इनकी यही सच्चाई है अपने स्वार्थ के लिए ये अपमान भी कुर्सी के नीचे छिपा देते हैं और कुर्सी पर चिपक जाते हैं। साथियो, मैं आज आपके बीच आया हूं, 2022 में आजादी के 75 साल होने वाले हैं हमारे देश के वीर शहीदों ने तिरंगे झंडे को लेकर के आजादी की लड़ाई लड़ी थी, स्वराज्य के लिए लड़े थे। हमें स्वराज्य के लिए लड़ना है। हम उस समय संकटों से निकलना चाहते थे अब हम समृद्धि की ऊंचाइयों को छूना चाहते हैं और इसीलिए तिरंगा झंडा ही हमारे आगे के काम की प्रेरणा है। आपको लगेगा ये मोदी तिरंगा झंडे वाली बात क्यों बता रहा है। मैं जरा समझता हूं, ज़रा ध्यान से सुनिए। हमारा तिरंगा उसमें 3 मुख्य रंग से हमारा झंडा बना है, केसरिया है, सफेद है, हरा है और बीच में नीले रंग का अशोक चक्र है। 4 हो गए और पांचवां मजबूत डंडा है जिस पर तिरंगा झंडा लहरता है। पांच चीजें हैं, पांच चीजें हैं तो भाईयो-बहनो, इन पांचों को लेकर के हम देश को आगे बढ़ाना चाहते हैं। एक, हम केसरिया क्रांति करना चाहते हैं और जब मैं केसरिया क्रांति कहता हूं तो जो अपने आप को हिंदू विरोध में ही सेक्युलरिज्म दिखता है उनके तो रोंगटे खड़े हो जाएंगे और पता नहीं आज रात तक मेरे बाल नोच लेंगे। लेकिन मैं केसरिया क्रान्ति का मेरा मतलब है, केसरी रंग ऊर्जा का रंग है देश में ऊर्जा की क्रांति चाहिए, चाहे कोयले से हो चाहे पानी से हो, चाहे हवा से हो, या सूरज की गर्मी से हो। हमें ऊर्जा के क्षेत्र में देश को बहुत आगे बढ़ाना है तो हमारा तिरंगे झंडे का एक केसरिया रंग हमें ऊर्जा क्रांति की प्रेरणा देता है। दूसरा है सफेद रंग, सफेद हमें श्वेत क्रांति की प्रेरणा देता है, ये हमारा श्वेत रंग दूध की क्रान्ति, अंडे हो, कॉटन हो, चीनी हो, इन सारे क्षेत्र में हमें एक नई क्रान्ति लाने की प्रेरणा देता है। तीसरा हरा रंग है, हरा रंग ग्रीन रेवोल्यूशन की प्रेरणा देता है, हमें कृषि क्रान्ति की प्रेरणा देता है और कृषि क्रान्ति अब आधुनिकता वाली कृषि, वैल्यू एडिशन वाली कृषि, टपक सिंचाई वाली कृषि, उसको हम बल देना चाहते हैं। और चौथा रंग है नीला, ब्लू रेवोल्यूशन हमारे मछवारे भाई बहन, हमारे नदी तट के मछवारे भाई बहन, हमारे पानी की ताकत, हमारे समुद्र तट की ताकत, हमारे नदियों की ताकत, इसको हम बल देकर के देश को आगे बढ़ाना चाहते है और ये झंडा आसमान में कब लहराएगा और ऊँचा कब जाएगा? जब डंडा मजबूत होगा, अगर डंडा ऐसा ही है तो कुछ नहीं होगा और ये मेरे लिए डंडे का मतलब है इंफ्रास्ट्रक्चर इतना ऊंचा हो इतना मजबूत हो दुनिया को भी मेरा तिरंगा झंडा दिखाई दे, रोड का इंफ्रास्ट्रक्चर, रेल का इंफ्रास्ट्रक्चर, हवाई अड्डों का इंफ्रास्ट्रक्चर, रेलवे का इंफ्रास्ट्रक्चर, डिजिटल इंडिया का इंफ्रास्ट्रक्चर, गैस पाइप लाइन का इंफ्रास्ट्रक्चर, पाइप लाइन पानी का इंफ्रास्ट्रक्चर, हर प्रकार से ये डंडा आधुनिक भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर की पहचान है। तो ये पंच पथ पर 2022, आजादी के 75 साल इसी तिरंगे झंडे से प्रेरणा ले कर के हम देश को आगे बढ़ाना चाहते हैं। 

साथियो, ये बाल गोपाल नंद लाल की धरती है ये गो पालकों की धरती है और ये आपका चौकीदार द्वारिकाधीश के यहां से आया है, द्वारिका की नगरी से आया है। अरे एक गो पालक ने ही तो द्वारका बनाई थी, एक गो पालक था जिसने द्वारका बनाई थी और द्वारका जहां है उस गुजरात से मैं पैदा होकर के आपके बीच आया हं भाइयो, और गो पालकों की धरती पर आया हूं। मैं उस धरती से आया हूँ जहाँ कृष्ण भगवान ने अपना शरीर छोड़ दिया और आज उस धरती की सेवा करने आया हूँ जिसने कृष्ण भगवान को जन्म दिया। आपको पशु धन से और धन मिले, इसके लिए हम लगातार प्रयास कर रहे हैं। भाजपा एनडीए सरकार ने पशु पालकों के लिए बैंक के दरवाजे खोल दिए हैं, अब किसानों की तरह पशु पालकों को भी किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा दी जा रही है। अब आप को गाय ख़रीदनी हो डेयरी से जुड़ा छोटा मोटा व्यवसाय शुरू करना हो तो किसी दूसरे से ज्यादा ब्याज पर कर्ज लेने की जरूरत नहीं है। गो वंश और दूसरे पशु धन की देख भाल के लिए सरकार द्वारा एक राष्ट्रीय कामधेनु आयोग बनाया जा रहा है। इस आयोग की ज़िम्मेदारी गो वंश की रक्षा सुरक्षा से लेकर गोशालाओं की देख रेख की होगी। हमारे पशुओं को तकलीफ ना हो और किसानों को भी समस्या ना हो यह सुनिश्चित करने का काम ये आयोग करने वाला है।

साथियो, पशु धन के साथ-साथ किसान परिवार के जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए निरंतर प्रयास किए गये हैं। सिंचाई की परियोजना हों मण्डियों में सुधार की प्रकिया हो, यूरिया या दूसरे खाद से जुड़े कारखाने हो, कोल्डस्टोरेज हो हर मोर्चे पे बड़े पैमाने पर काम किया जा रहा है। आलू, प्याज और टमाटर जैसी सब्जियों में किसानों को नुकसान ना हो इसके लिए भी क्लस्टर भी बनाये जा रहे हैं। यहीं कन्नौज में, फर्रुखाबाद में, फिरोजाबाद में, हाथरस और अलीगढ़ में आलू के क्लस्टर बनाने का बीड़ा हमने उठाया है। कुछ महीने पहले ही कृषि उत्पादकों को निर्यात करने से जुड़ी एक नई नीति हमने बनाई है, इसी नीति को लागू करने पर काम चल रहा है। नई नीति के प्रभाव से यहाँ का आलू और आलू से बने उत्पाद, निर्यात करने में बहुत आसानी होगी और भाइयो-बहनो, हम ऐसे वादे नहीं करते कि जिसके कारण जानता हमारी बेचारी बेचैन हो जाए। वरना ऐसे भी लोग देश में हैं, ऐसे बुद्धिमान ऐसे तेजस्वी लोग हैं जो आलू से सोना बनाते हैं। वो काम हम नहीं कर सकते भाई, माफ करना। मैं आलू से सोना नहीं बना सकता, ना मेरी पार्टी बना सकती है और इसलिए जिसका मन करता है आलू से सोना बनाना वो जरूर उनके पास चले जाएं। हम आपको ये वादा नहीं दे सकते और ना ही हम ये वादा निभा सकते हैं। हम झूठ नहीं बोल सकते जी, हम तो जो कर सकते है उतना बताते हैं कि हम कोल्ड स्टोरेज बनाएंगे आलू का वेल्यू एडीशन करने के लिए काम करेंगे, आलू से चिप्स बन जाये, बाज़ार में बिक जाए। हम ऐसे काम करेंगे भाई जो आप भी समझते हैं मैं भी समझता हूं। आपको उपज का सही दाम भी मिलेगा और देश को विदेशी मुद्रा भी मिलेगी।

भाइयो और बहनो, आपके इस चौकीदार की नीयत और नीति बिल्कुल साफ है। हम किसानों को हर वो सुविधा देना चाहते हैं जिससे उनकी आय दो गुनी हो सके। इसी कड़ी में हमने पी एम किसान योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत यूपी में सवा करोड़ से अधिक परिवारों के खाते में पहली किश्त के पैसे आ भी चुके हैं, जिनको अभी तक नहीं मिले हैं उनको जल्द ही मिलने वाले हैं और एक बात मैं स्पष्ट करना चाहता हूं ये पैसे आपके हैं, ये पैसे आपके हैं, ये पैसे आपके हक के हैं, ये आपको लौटाने नहीं पढ़ेंगे। कुछ लोग अफवाह फैला रहे हैं की चुनाव के बाद मोदी ले लेगा, ये अफवाह फैलाने में, एक बात है ये तो मान लिया है की 23 मई को फिर से मोदी की सरकार बनेगी। यह तो मान लिया है इन लोगों ने, अब मैं वादा ये करता हूं ये पैसा जो दिया है ये आपका है आपकी मालिकी का है, कोई सरकार गांव का प्रधान हो या देश का प्रधान कोई भी वो रुपया ले नहीं सकता है। इतना ही नहीं ये एक बार नहीं है ये हर साल मिलेगा आपको, हर साल 3 बार, हर वर्ष 3 बार मिलेगा भाइयो।

साथियो, अब तो हमने इसको विस्तार देने का फैसला लिया है 23 मई को जब फिर एक बार मोदी सरकार, फिर एक बार मोदी सरकार, फिर एक बार मोदी सरकार। 23 मई को जब फिर एक बार मोदी सरकार आप बनाएंगे, तब यूपी के सभी किसानों को इसका लाभ दिया जाएगा। अभी जो नियम है वो 5 एकड़ तक का ही है, हमने नई सरकार बनने के बाद वो 5 एकड़ नियम वाला भी हटा देंगे, सब किसानों को मिलेगा। भाइयो और बहनो, किसानों के साथ-साथ इत्र और जरदोजी जैसे हमारे पुश्तैनी व्यवसाय भी देश की ताकत है। देश भर में यूपी सहित करीब 100 ऐसे स्थान हैं जहाँ इस तरह के व्यवसाय होते हैं। लिहाजा इनके विकास पर विशेष बल दिया जा रहा है। यहाँ भी योगी जी की एक जनपद-एक उत्पाद नाम से बढ़िया योजना चला रहे हैं, जिसका लाभ इत्र व्यवसाय करने वालों को भी होना सुनिश्चित हुआ है। साथियो, सबका साथ-सबका विकास हमारा मंत्र है और सबको सुरक्षा-सबको सम्मान ये हमारा प्रण। इसी सोच के साथ हमने काम किया है। साथियो, दिव्यांगजनों के बारे में आजादी के बाद पहली बार किसी सरकार ने गंभीरता से काम किया है तो वो भाजपा की सरकार है। सरकार ने सरकारी सेवाओं में अधिक भागीदारी तो सुनिश्चित की ही है, उनको असुविधा ना हो इसका भी ध्यान रखा है। दफ्तर से ले कर रेल के डिब्बों तक दिव्यागों के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं। इसी तरह देश भर में दिव्यांगों को सहायता उपकरण आवंटित करने के लिए करीब आठ हजार शिविर बीते पांच वर्षों में लगाए गए हैं। आठ हजार की संख्या इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि पहले की सरकार ने सिर्फ कुछ दर्जन कैंप लगाकर अपनी जिम्मेदारी पूरी करना मान लिया था।

भाइयो-बहनो, ये तभी संभव हो सकता है जब नेक नीयत वाली सरकार हो, संवेदनशील सरकार हो वरना फर्रुखाबाद वाले तो भली-भांति जानते हैं की दिव्यांगों के नाम पर कैसे-कैसे खेल हुए। याद है ना कि याद कराऊं, दिव्यांग उपकरण घोटाला। कांग्रेस की करप्शन की किताब का एक और काला अध्याय है ये। भाइयो-बहनो, कांग्रेस हो, सपा हो, बसपा हो इनका सिर्फ एक ही मंत्र है, जात-पात जपना, जनता का माल अपना। पूरी ताकत से बोलिए। जात-पात जपना, जनता का माल अपना। जात-पात जपना, जनता का माल अपना। इतना बता दो लोगों को ये धंधा ये करते हैं और इसलिए उनको दिल्ली में एक ऐसी सरकार चाहिए जो मजबूर है। ताकी ये मन मर्जी कर सकें, लूट चला सकें, ठीक वैसे ही जैसे 2014 से पहले ये करते थे। लेकिन तीन चरणों के चुनाव के बाद आधा देश इनका ये सपना तोड़ चुका है, अब आप सभी चौकीदारों की बारी है। कमल के फूल के सामने जब आप बटन दबाएंगे तो आपका हर वोट मोदी के खाते में जाएगा। भाइयो-बहनो, आप ने देखा होगा, ये लोग जब चुनाव हारने की कगार पर आते हैं तब गाली-गलौज करने में इतने नीचे उतर आते हैं और आपने पिछले कई चुनाव देखे होंगे की एक, दो, तीन चरण पूरे चरण होने के बाद वो शुरू कर देते हैं, मोदी कौन जात का है। कोई कह देता है ये तो नीच जात का है, कोई कहता है ये तो नीच है, मैं हैरान हूं। मैं कभी जाति के नाम पर राजनीति के पक्ष का नहीं हूं। इस देश को जब तक मुझे मेरे विरोधियों ने गाली नहीं दी तब तक पता ही नहीं था की मेरी जाति कौन सी है लेकिन अब मैं बहन जी का आभारी हूं, अखिलेश जी का आभारी हूं, कांग्रेस का आभारी हूं, महामिलावटियों का आभारी हूं की अब वो खुल कर के मेरे पिछड़ेपन की चर्चा कर रहे हैं।

आपके लिए पिछड़ी जाति में पैदा होना राजनीति का खेल होगा, मेरे लिए पिछड़ी जाती में पैदा होना मां भारती की सेवा करने का सौभाग्य है और कुछ नहीं। और बहन जी, महामिलावटी लोग मेरी जाति तो इतनी छोटी है, गांव में एक-आध घर भी नहीं होता है और मैं तो पिछड़ा नहीं अति पिछड़े में पैदा हुआ हूं, आप मेरे मुंह से बुलवा रही हो इसलिए बोल रहा हूं। मैं कभी भी अगले-पिछड़े की राजनीति का पक्षकार नहीं हूं, जब मेरा देश पिछड़ा है तो अगड़ा क्या होता है, मुझे तो पूरे देश को अगड़ा बनाना है। लेकिन भाइयो-बहनो, जब आप अगड़े-पिछड़े की बात कर रही हो, मेरी जाति को लेकर प्रमाणपत्र बांट रहे हो। जो खेल मैंने कभी खेला नहीं लेकिन मैं बता देता हूं, मेरी जाति अति पिछड़ी जाति है और इतनी छोटी है। मुझे याद है अहमदाबाद में हमारे समाज के लोग बच्चों के लिए एक हॉस्टल बनाना चाहते थे तो पूरा समाज इकट्ठा हुआ था और दोनेशन के लिए कह रहे थे तो दोनेशन क्या आ रहा था? कोई 1 हजार रुपए देने के लिए आगे हुआ, ज्यादा से ज्यादा देने वाला कितना था, एक सज्जन निकले बोले मैं 51 हजार दूंगा। तो मेरे बगल में जिस जगह पर कार्यक्रम था उस स्कूल के एक सीनियर व्यक्ति बैठे थे, उन्होंने कहा मेरे समाज की मीटिंग हुई होती तो 10 मिनट में 10 करोड़ रुपया आ जाता। हम इतने सामान्य समाज से आए हैं लेकिन आप जाति पर हमें बोल रही हो। और देख लीजिए भाई नमक कितना भी कम क्यों ना हो लेकिन खाने में जब नमक आ जाता है ना तो खाने का स्वाद बढ़ जता है और जब इतना ही क्यों ना हो लेकिन जब खाने में नमक नहीं होता है तो बढ़िया से बढ़िया खाना खाने का मन नहीं करता है। और ये मोदी तो ऐसी अति पिछड़ी जाती का है, नमक का काम कर रहा है ताकी इस देश के हर गरीब का खाना स्वादिष्ट बने इसलिए काम कर रहा है। कृपा करके, मैं हाथ जोड़ क विनती करता हूं, ये जाति की राजनीति में मुझे मत घसीटिए, मैं मां भारती को, ये 130 करोड़ लोग मेरा परिवार है।

भाइयो-बहनो, आज चुनाव का आखिरी दिन है, चौथे चरण के मतदान का प्रचार ये आखिरी चरण है। मैं आज कन्नौज की जो महक है उसके इत्र से दुनिया महकती है उसी कन्नौज से चौथे चरण के मतदाताओं को, देश भर के मतदाताओं को आग्रह करता हूं। कन्नौज के इत्र की तरह मेरी बात भी आप तक पहुंच जाए। ज्यादा से ज्यादा मतदान कीजिए, कितनी भी गर्मी क्यों ना हो मतदान के रिकार्ड तोड़ दीजिए और जब कमल के फूल पर बटन दबाओगे ना तो आपका वोट सीध-सीधा मोदी के खाते में जाएगा। भाइयो-बहनो, आप मुझे बताइए, देश मजबूत होना चाहिए कि नहीं? मजबूत सरकार होना चाहिए कि नहीं? चौकीदार मजबूत होना चाहिए कि नहीं? तो हाथ ऊपर कर के मेरे साथ संकल्प लीजिए, दोनों हाथ ऊपर करके आपके बोलना है चौकीदार। क्या बोलेंगे? चौकीदार।

मेरे साथ बोलिए, गांव-गाव है चौकीदार, शहर-शहर है चौकीदार, बच्चा-बच्चा चौकीदार, बड़े-बुजुर्ग भी चौकीदार, माता-बहनें चौकीदार, घर-घर में चौकीदार, खेत-खलिहान में चौकीदार, बाग-बगान में चौकीदार, देश के अंदर चौकीदार, सरहद पर भी चौकीदार, डॉक्टर-इंजीनियर चौकीदार, शिक्षक-प्रोफेसर चौकीदार, लेखक-पत्रकार चौकीदार, कलाकार भी चौकीदार, किसान-कामगार चौकीदार, दुकानदार भी चौकीदार, वकील-व्यापारी भी चौकीदार, छात्र-छात्राएं भी चौकीदार।

भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय। बहुत-बहुत धन्यवाद।
 

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PM Modi visits the Indian Arrival Monument
November 21, 2024

Prime Minister visited the Indian Arrival monument at Monument Gardens in Georgetown today. He was accompanied by PM of Guyana Brig (Retd) Mark Phillips. An ensemble of Tassa Drums welcomed Prime Minister as he paid floral tribute at the Arrival Monument. Paying homage at the monument, Prime Minister recalled the struggle and sacrifices of Indian diaspora and their pivotal contribution to preserving and promoting Indian culture and tradition in Guyana. He planted a Bel Patra sapling at the monument.

The monument is a replica of the first ship which arrived in Guyana in 1838 bringing indentured migrants from India. It was gifted by India to the people of Guyana in 1991.