कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी सबने जम्मू के साथ छल किया है, भेदभाव किया है: प्रधानमंत्री मोदी
आपका ये चौकीदार राष्ट्र रक्षा के लिए भी पूरी तरह समर्पित है और जम्मू कश्मीर के संतुलित विकास के प्रति भी उतना ही सजग है: पीएम मोदी
अगर जम्मू के लोगों को चौकीदार पर विश्वास है तो महामिलावटी लोगों महागिरावट तय है: प्रधानमंत्री

भारत माता की...जय, भारत माता की...जय।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्रीमान रविन्द्र रैना जी, केंद्र में मंत्री परिषद के मेरे साथी और उधमपुर से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार डॉ जितेंद्र सिंह जी, जम्मू पुंछ के सांसद और फिर यहां से भाजपा के उम्मीदवार श्रीमान जुगल कुमार शर्मा जी, जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ निर्मल सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमान कवींद्र गुप्ता जी, मंच पर उपस्थित अन्य महानुभाव और मेरे प्यारे भाइयो और बहनो।

वीरों डोगरो की इस धरती को आपके इस चौकीदार का प्रणाम। मिट्ठी जाए डोगरे थे बोली, पे खंड मीठे लोग डोगरे, ये कहावत मैं तब अक्सर सुना करता था जब संगठन मंत्री के रूप में यहां आपके बीच में काम करता था। डोगरों की शौर्य गाथाएं यहां के कण-कण में रची बसी है और हम भाजपा के लोगों की तो रगों में प्रेमनाथ डोगरा जी की त्याग-तपस्या आज भी हमें प्रेरणा और ऊर्जा दे रही है। ये मेरा सौभाग्य है कि 2019 के चुनाव के लिए जब मैं पूरे देश से आशीर्वाद मांगने निकला हूं तो पहले दिन मुझे जम्मू आने का अवसर मिला है। माता वैष्णो देवी का आशीर्वाद मुझे प्राप्त हुआ है। साथियों, जम्मू शौर्य की भूमि है। श्रम और श्रद्धा की नगरी है। आप सभी एक प्रकार से मां भारती की ढाल हैं। मां भारती के वो रक्षक हैं जो दुश्मन के गोलों और साजिशों का सबसे पहले सामना कर रहे हैं। आप सभी के बुलंद हौसले को मैं आदरपूर्वक नमन करता हूं। भाइयो एवं बहनो, आने वाली 11 अप्रैल को आप जब ईवीएम का बटन कमल के फूल के सामने दबाएंगे तो उसकी आवाज देश के भीतर जमे आतंकियों और आतंकियों के साथियों में खलबली मचाएंगी ही, लेकिन बात यहां अटकेगी नहीं, सीमा पार भी उसकी गूंज सुनाई देगी। सीमा पार आतंकियों की फैक्ट्री चलाने वाले आज खौफ में हैं, डर के साए में जी रहे हैं, ऐसा पहली बार हुआ है, जब भारत को दहलाने के लिए सीमा पार से आने वाले आतंकी भी सौ बार सोच रहे हैं। लेकिन साथियों, मैं तो हैरान हूं, देश के दुश्मनों को सबक सिखाने के इस अभियान के बीच ये कांग्रेस और उसके साथियों को आखिर हो क्या गया है? समझ ही नहीं आता है कि क्या ये वही सरदार पटेल की कांग्रेस है जिसने राष्ट्र की एकता और अखंडता के लिए दिन-रात एक कर दिया था। मुझे समझ नहीं आता कि क्या ये वही कांग्रेस है जिसमें रहकर नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने आजाद हिंदुस्तान की कल्पना की थी। साथियों, मेरी आत्मा तो यही कहती है, नहीं ये वो कांग्रेस नहीं है। आपका क्या कहना है?...आप कल्पना कर सकते हैं? जम्मू-कश्मीर के मेरे प्यारे भाइयो और बहनो, आप कल्पना कर सकते हैं कि मोदी विरोध की जिद्द में कांग्रेस के नेताओं को देश का हित दिखाई देना ही बंद हो गया है? पूरा देश, हर देशवासी एक स्वर में बात कर रहा है, एक सुर में बात कर रहा है और ये कांग्रेस के नेता दूसरी बात कर रहे हैं, दूसरा सुर अलाप रहे हैं।

 

भाइयो और बहनो, बालाकोट में आतंकियों पर भारत ने जो प्रहार किया उसके बाद एक के बाद एक कांग्रेस के नेता ऐसी बात कर रहे हैं जो भारत के पक्ष में नहीं है। इतना ही नहीं यहां जम्मू कश्मीर में भी सालों तक जो राज करते रहे वो भी ऐसी बातें बोल रहे हैं जो भारत के गांवों का अनपढ़ व्यक्ति भी कभी स्वीकार नहीं कर सकता है। आप मुझे बताइए क्या आपको कांग्रेस की यह भाषा मंजूर है? पीडीपी की भाषा मंजूर है? एनसी की भाषा मंजूर है? अरे किसी भी देशवासी को ऐसी भाषा कैसे मंजूर हो सकती है, जिसकी बातों से तालियां पाकिस्तान में बजती हों। आज आतंकी और आतंक के सरपरस्त यह दुआएं मांग रहे हैं, अगर आप पाकिस्तान का टीवी देखोगे तो पता लग जाएगा। सोशल मीडिया में भरपूर आ रहा है, वहां पर यही है, वो दुआएं मांग रहे हैं कि कुछ भी हो जाए, चौकीदार से जैसे-तैसे छुटकारा मिले और ये महामिलावटी दिल्ली में आकर बैठ जाएं। क्या देश को ये मंजूर है? आपको यह मंजूर है? साथियों, कांग्रेस के नामदार के गुरु जो देश विदेश में उनके साथ रहते हैं, कांग्रेस की नीति निर्धारण करते हैं और वे बिना कोई संकोच, बिना कोई लाज शर्म, बिना कोई लाग लपेट हिंदुस्तान की धरती पर, टीवी मीडिया के सामने आतंकियों को क्लीन चिट दे रहे हैं, पाकिस्तान को क्लीन चिट दे रहे हैं।

मेरे जम्मू के भाईयो-बहनो, जरा बताइए कि जब गुरु ही ऐसा होगा तो चेले कैसे होंगे? और चेले के साथी कैसे होंगे? 2-3 दिन पहले जो कुछ हुआ, वह तो और शर्मनाक है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के एक उम्मीदवार द्वारा अनाप शनाप बयानबाजी की गई, ये पूरे देश ने देखा है। देश यह भी देख रहा है कि कैसे कांग्रेस ने इन लोगों से हाथ मिलाया हुआ है। क्या कांग्रेस का हाथ ऐसे ही लोगों के काम के लिए है क्या, जो भारत के लिए अनाप-शनाप बोले, जो पाकिस्तान का जय-जयकार करे और कांग्रेस इनको कंधे पर बिठा दे? ये आपको मंजूर है क्या? कोई देश इसको स्वीकार कर सकता है क्या? इनको भारत माता की जय कहने में समस्या है, लेकिन आतंकवाद को बढ़ावा देने वालों की जय कहने में उन्हें गर्व हो रहा है।

साथियो, आज कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी की साझेदारी में एक चक्र पूरा कर दिया है। जम्मू-कश्मीर की स्थिति जो आज है, इसके लिए ये तीनों जिम्मेदार हैं। हैं कि नहीं हैं? कांग्रेस जिम्मेदार है कि नहीं है? नेशनल कॉन्फ्रेंस जिम्मेदार है कि नहीं है? पीडीपी जिम्मेदार है कि नहीं है? इन्ही की साझेदारी का परिणाम है कि इतने वर्षों तक कश्मीरी पंडितों को इतना कुछ सहना पड़ा। आतंक का जो जहर जम्मू कश्मीर में घुला है, उसके बड़े जिम्मेदार भी यही तीन दल हैं। इनके लिए सत्ता जरूरी है, परिवार की आकांक्षाएं जरूरी हैं, वंश और विरासत को बचाना जरूरी है। देश की सुरक्षा, देश का मान-सम्मान इनके लिए प्राथमिकता नहीं है, ये मायने नहीं रखता है।
साथियो, कांग्रेस के विचारकों का, कांग्रेस के नीति निर्धारकों का यही रवैया है, जिसने आतंक के पनाहगारों का हौसला बढ़ाया है। जिसके कारण जम्मू-कश्मीर सहित पूरे देश को दशकों से भुगतना पड़ रहा है, अपनों को खोना पड़ा है। ये वो लोग हैं जिन्होंने भारत के, हमारे सामर्थ्य पर कभी भरोसा नहीं किया। इनके पास बड़े और कड़े फैसले लेने की हिम्मत ही नहीं है। ये मरे पड़े लोग हैं जी।

साथियो, मैं जम्मू कश्मीर के एक-एक नागरिक को ये विश्वास दिलाने आया हूं, ये कितनी भी ताकत लगा लें, ये चौकीदार इनके रास्ते पर मजबूती से खड़ा रहेगा। आप लोगों ने मुझे बहुत निकट से देखा है, आपके बीच में देखा है और वो दिन आपको भी याद होगा, ढाई दशक पहले लाल चौक पर तिरंगा फहराते हुए जो मैंने कहा था, आज भी वही जज्बा और आचरण लेकर चल रहा हूं। सत्ता के मोह में ना तो मैंने अपने रुख को बदला है और आपको भरोसा है आगे भी ऐसी कोई गुंजाइश नहीं बची है। आतंक के साथी चाहे सीमा पार हों या फिर देश के भीतर, एक बात कान खोलकर सुन लें भारत के हितों, भारत की सुरक्षा के विरुद्ध उठाया गया एक भी कदम भारी पड़ेगा। आज सुरक्षा एजेंसियां अपना काम कर रही हैं। आतंकियों की फंडिंग से लेकर उनसे जुड़े लिंक को खंगाल रही है। ऐसे संगठन जो आतंकियों को बढ़ावा देते हैं, उन पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है।
भाइयो और बहनो, आज जब पुरानी रीति-नीति को बदल रहा हूं तो कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी के नेताओं को नींद नहीं आती है, तकलीफ हो रही है। ये आए दिन चौकीदार को गाली देने में जुटे हैं। आप मुझे बताइए, आपका ये चौकीदार जो कर रहा है वो सही है या नहीं? जम्मू कश्मीर के हित में जो फैसले लिए जा रहे हैं वो आपको सही लगते हैं या नहीं लगते हैं? मैं ठीक दिशा में जा रहा हूं। अगर जम्मू के लोगों को चौकीदार पर विश्वास है, पक्का है, हर गांव में है! हर गली में है! घर में है? अगर आपका इतना विश्वास है चौकीदार पर तो पक्का लिखकर रखिए, ये महामिलावटी लोगों की महागिरावट तय है।

साथियो, एलओसी और सीमा से सटे अनेक गांवों को पाकिस्तान की नापाक हरकतों के चलते दिक्कत हो रही है, इसका मुझे पूरा अहसास है। अपनी बौखलाहट, इस बौखलाहट में वो हमारे गांवों को, रिहायशी बस्तियों को, हमारे पशुओं को निशाना बना रहे हैं। लेकिन आप आश्वस्त रहिए ये लंबे समय तक नहीं चलेगा। जिस सामर्थ्य के साथ, जितनी शक्ति से हमारी सेना जवाब दे रही है, उसके सामने ज्यादा दिन वो टिक नहीं पाएंगे। आपको क्या लगता है? टिक पाएंगे? नहीं टिक पाएंगे। एक तरफ हमारी सेना सही जवाब दे रही है तो दूसरी तरफ सरकार आपकी सुरक्षा और सुविधा का भी इंतजाम कर रही है। इसके लिए सीमा पर करीब 20 हजार बंकर बनाए गए हैं। साथियो, जीवन अमूल्य होता है, उसे पैसों से नहीं तौला जा सकता लेकिन अगर दुर्भाग्य से, नापाक गोलीबारी से किसी की जान चली जाती है तो उसका मुआवजा भी पांच गुना बढ़ा दिया गया है। साथियों, हिंसा और साजिश के प्रति अपनी लड़ाई को लेकर मेरी शक्ति और मेरा विश्वास इसलिए भी बढ़ रहा है क्योंकि मुझे जम्मू कश्मीर के युवा चौकीदारों का समर्थन मिल रहा है। माताओं, बहनों के आशीर्वाद मिल रहे हैं। यहां के नौजवान, सेना और दूसरे सुरक्षाबलों में भर्ती होने के लिए भारी संख्या में आगे आ रहे हैं। हमारी सरकार ने यहां के युवा साथियों की भावनाओं का सम्मान करते हुए अवसरों में भारी वृद्धि की है। सेना और केंद्रीय बलों में एक विशेष भर्ती अभियान के तहत 20 हजार से अधिक युवा साथियों को हमने भर्ती कराया है। साथियो, आपका ये चौकीदार राष्ट्र रक्षा के लिए भी पूरी तरह समर्पित है और जम्मू कश्मीर के संतुलित विकास के प्रति भी उतना ही सजग है। फोर लेन की सड़के हों, एम्स, मेडिकल कॉलेज, आईआईएम, आईआईटी हो, शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़े ऐसे अनेक प्रोजेक्ट जम्मू को मिले हैं। किश्तवार में बड़े हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट का शिलान्यास तो मैंने पिछले महीने ही किया है। इसके अलावा जम्मू का रिंग रोड हो, चेनाव नदी पर बना इंद्री पत्तन परगवाल पुल हो, चेनानी नाशरी टनल हो, चेनानी गोहा सड़क हो, जम्मू अखनूर फोर लेन सड़क हो, सुंदरवनी, नौशेरा, राजौरी और सुंदरवनी के रास्ते पहुंचता यहां का नेशनल हाइवे हो, ऐसे अनेक प्रोजेक्ट थे, यहां की कनेक्टिविटी का सुदृढ़ होना सुनिश्चित हुआ है।

साथियो, इन सभी कार्यों के बीच आप याद रखिएगा कि कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी सबने जम्मू के साथ छल किया है, भेदभाव किया है। विकास के तमाम प्रोजेक्ट्स को लटकाने और भटकाने का काम किया है। जम्मू में विक्रमचौक से गांधीनगर तक के फ्लाईओवर की मांग कितने साल से अटकी थी, हमने उसे पूरा किया है। साथियो, आपका ये चौकीदार विकास की पंचधारा यानी बच्चों को पढ़ाई, बुजुर्गों को दवाई, युवा को कमाई, किसान को सिंचाई और जन-जन की सुनवाई ये सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी सोच के साथ हमने बड़े कदम उठाए हैं जिनका लाभ पूरे जम्मू कश्मीर को भी मिला है। पीएम किसान सम्मान निधि के तहत जम्मू कश्मीर के लगभग 14 लाख किसान परिवारों को सीधी मदद मिलना तय हुआ है। इसमें से साढ़े 4 लाख को पहली किश्त मिल चुकी है, बाकियों के खाते में भी बहुत जल्द मदद पहुंच जाएगी। आयुष्मान भारत योजना के तहत यहां के 6 लाख गरीब परिवारों को 5 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज की सुविधा सुनिश्चित हुई है। ऐसे ही 9 लाख से अधिक गरीब बहनों को मुफ्त गैस कनेक्शन दिया जा चुका है। 25 हजार से अधिक गरीबों के पक्के घर बनाए जा चुके हैं। अभी जिनको गैस कनेक्शन और घर नहीं मिला है, उनको भी मैं विश्वास दिलाना चाहता हूं, उनको भी बहुत जल्द उनका हक मिल जाएगा। साथियो, गरीब परिवारों के लिए हमने ऐसे अनेक काम तो किए ही हैं, मध्यम वर्ग के लिए भी बहुत बड़ा कदम इस बजट में उठाया है। 5 लाख रुपए तक की कर योग्य आय पर टैक्स हमने पूरी तरह से माफ कर दिया है।

भाइयो और बहनो, देश के साधनों और संसाधनों में हमारे युवा साथियों को अवसरों की समानता मिले, सरकारी सेवाओं और शिक्षण संस्थानों में सबको भागीदारी मिले, इसके लिए हमने अनेक बड़े कदम उठाए हैं। 2 फैसले हैं जो भाजपा की और कांग्रेस की नीति और नीयत को साफ-साफ उजागर करते हैं। अंतराष्ट्रीय सीमा पर बसे लोग लंबे समय से आरक्षण की मांग कर रहे थे, कई सरकारें आईं और चली गईं लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। पिछले महीने ही हमारी सरकार ने बड़ा फैसला लिया और राज्य सरकार की सेवाओं में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बसे लोगों को तीन प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान कर दिया। इसी तरह पहाड़ी लोगों के लिए भी तीन प्रतिशत का आरक्षण दिया गया और दूसरा फैसला भी आरक्षण से जुड़ा है। यह मांग भी दशकों से हो रही थी लेकिन कांग्रेस की वोट बैंक की राजनीति आड़े आती थी। सामान्य वर्ग के गरीब परिवारों को आरक्षण की मांग दशकों से हो रही थी लेकिन किसी में संविधान संशोधन की हिम्मत नहीं थी। हमने इच्छाशक्ति दिखाई और गरीबों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण लागू हो चुका है। यही सबका साथ सबका विकास का हमारा मंत्र है और इसी पर हम आगे बढ़ रहे हैं।

साथियो, इसके साथ ही पाकिस्तान से आए शरणार्थी परिवारों और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से आकर यहां बसे बहन, भाइयों का भी ध्यान रखा जा रहा है। भाइयो और बहनो, ये सारे काम इसलिए हो पा रहे हैं…क्यों हो पा रहे हैं भई? ये सब क्यों हो पा रहा है? ये सब क्यों हो रहा है? क्या कारण है? ...कारण मोदी नहीं है, ये मोदी के कारण नहीं हो रहा है, ये आपके एक वोट के कारण हो रहा है। आपके वोट की ताकत है, 2014 में आपने आपका एक वोट देकर मेरा हौसला बढ़ाया था। आपने जो पिछला वोट दिया था, उसका नतीजा आप देख रहे हैं। दिख रहा है या नहीं दिख रहा है? आपका वोट काम में आया या नहीं आया? आपके लिए उपयोगी हुआ या नहीं हुआ? अब इस बार आपका वोट जम्मू कश्मीर के विकास को नई ऊंचाईयों पर ले जाएगा। समृद्ध और सुरक्षित राज्य बनाएगा। आपके चौकीदार के ऐसे ही अनेक प्रयासों की रोशनी में 11 अप्रैल के दिन आपको पोलिंग बूथ पर भारी संख्या में जाना है। आप सब वोट देने जाएंगे? औरो को भी वोट देने के लिए कहेंगे? आपकी मेरी बात घर-घर पहुंचाएंगे? एक-एक मतदाता को समझाएंगे? आपका एक वोट नए भारत की नीति और नेतृत्व को मजबूत करेगा। आपका वोट मजबूत सरकार और मजबूत भारत की राह तय करेगा। आप यहां हम सभी को अपना आशीर्वाद देने के लिए आए, इसके लिए आपका बहुत बहुत आभार व्यक्त करता हूं। मेरे साथ बोलिए..भारत माता की...जय, भारत माता की...जय, भारत माता की...जय।
एक और नारा बोलेंगे... मैं भी चौकीदार, मैं भी चौकीदार, मैं भी चौकीदार।
सभी चौकीदारों को नमस्कार। धन्यवाद।

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।