परिवारवाद और परिवारवादी पार्टियां, देश के लोकतंत्र और देश के युवा, दोनों की सबसे बड़ी दुश्मन हैं: पीएम मोदी
भाजपा ने पिछले 8 सालों में ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, और सबका प्रयास’ के मंत्र के साथ देश की सेवा की है: पीएम मोदी
21वीं सदी का नया भारत ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ के सपनों को लेकर आगे बढ़ रहा है: हैदराबाद में पीएम मोदी


पट्टुदलकी पौरुषानिकी मारुपेरैन तेलंगाणा प्रजलकु नमस्कारमुलु
(दृढ़ संकल्प एवं पौरुष के लिए ख्यात तेलंगाना की जनता को मेरा नमष्कार।)

इतनी बड़ी संख्या में आप सब एयरपोर्ट पर आए हैं।

आपका ये प्यार, तेलंगाना का ये स्नेह, ये मेरी बहुत बड़ी ताकत है।

मैं जब भी तेलंगाना आता हूँ, मुझे लगता है कि तेलंगाना के स्नेह का ऋण मेरे ऊपर और ज्यादा बढ़ गया है।

मैं आप सबका इस अपनेपन के लिए धन्यवाद देता हूँ, आभार व्यक्त करता हूँ।

विशेष रूप से भाजपा कार्यकर्ता के रूप में आप जो श्रम कर रहे हैं;

आप जिस तरह गर्मी, धूप और हर मौसम में पसीना बहा रहे हैं;

तमाम चुनौतियों के साथ साथ जिस तरह आप अत्याचार और शोषण के खिलाफ जूझ रहे हैं उसे पूरा देश देख रहा है।

हमारे जिन कार्यकर्ताओं ने तेलंगाना की सेवा और विकास के संकल्प के साथ अपना बलिदान दिया है, मैं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ।


साथियों,

भारतीय जनता पार्टी का एक एक कार्यकर्ता सरदार पटेल के पदचिन्हों में आस्था रखता है।

हमारे लिए भारत की एकता और अखंडता सर्वोपरि है।

हमारे लिए माँ भारती की सेवा सर्वोपरि है।

भारत को तोड़ने का मंसूबा रखने वाले, जुल्म की बदौलत तेलंगाना पर हुकूमत का सपना देखने वाले आज़ादी के समय भी थे।

लेकिन वो सोच न तब कामयाब हुई थी, न आज कामयाब होगी।

भाजपा की लड़ाई इसी सोच के खिलाफ है।

वो तेलंगाना को तुष्टीकरण का हब बनाने में लगे हैं।

हम तेलंगाना को टेक्नोलॉजी का हब बनाना चाहते हैं।

वो तेलंगाना को परिवारवाद के जरिए चलाना चाहते हैं।

हम 21वीं सदी की सोच के साथ तेलंगाना को विकास की ऊंचाइयों तक ले जाना चाहते हैं।

साथियों,

दशकों तक चले तेलंगाना आंदोलन में हजारों लोगों ने अपना बलिदान दिया था।

ये बलिदान तेलंगाना के भविष्य़ के लिए थे।

ये बलिदान, तेलंगाना की आन-बान-शान के लिए था।

तेलंगाना आंदोलन इसलिए नहीं चला था कि कोई एक परिवार तेलंगाना के विकास के सपनों को लगातार कुचलता रहे।

तेलंगाना आंदोलन इसलिए नहीं चला था कि कोई एक परिवार साम-दाम-दंड-भेद ये रास्ता अपना करके तेलंगाना को तबाह करने में नई-नई साजिश करते रहें।

साथियों,

परिवारवादी पार्टियां भारत की केवल एक सियासी समस्या नहीं हैं।

परिवारवाद और परिवारवादी पार्टियां, देश के लोकतंत्र और देश के युवा, दोनों की सबसे बड़ी दुश्मन हैं।

देश ने देखा है, तेलंगाना के लोग देख रहे हैं कि एक परिवार को समर्पित पार्टियां जब सत्ता में आती हैं तो कैसे उस परिवार के सदस्य भ्रष्टाचार, उसका सबसे बड़ा चेहरा बन जाते हैं।

तेलंगाना के लोग देख रहे हैं कि परिवारवादी पार्टियां किस तरह सिर्फ अपना विकास करती हैं, अपने परिवार के सदस्यों की तिजोरियां भरती हैं।

इन परिवारवादी पार्टियों को गरीब के दर्द की, गरीब की तकलीफों की, न उनको कोई चिंता नहीं होती है, न परवाह होती है।

इनकी राजनीति सिर्फ इस बात पर केंद्रित होती है कि एक परिवार लगातार किसी भी तरह सत्ता पर कब्जा करके लूट सके तो लूटता रहे।

इसके लिए, ये लोग समाज को बांटने की साजिशें रचतें हैं, जनता के विकास में उनकी कोई रूची नहीं होती है। पिछड़ेपन, समाज पीछे रहे उसी में उनका भला देखते हैं।

साथियों,

परिवारवाद की वजह से देश के युवाओं को, देश की प्रतिभाओं को राजनीति में आने का अवसर भी नहीं मिलता।

परिवारवाद उनके हर सपनों को कुचलता है, उनके लिए हर दरवाजे बंद करता है।

इसलिए, आज 21वीं सदी के भारत के लिए परिवारवाद से मुक्ति, परिवारवादी पार्टियों से मुक्ति एक संकल्प भी है, और एक नैतिक आंदोलन भी है।

जहां जहां परिवारवादी पार्टियां हटी हैं, वहां वहां विकास के रास्ते भी खुले हैं।

अब इस अभियान को आगे बढ़ाने की ज़िम्मेदारी तेलंगाना के मेरे प्यारे भाइयों और बहनों की है, तेलंगाना की जनता की है।


साथियों,

एक ओर भाजपा की लड़ाई तेलंगाना के भविष्य के लिए है, तो दूसरी ओर ये लड़ाई तेलंगाना के सम्मान, स्वाभिमान और पहचान की भी है।

और, यहाँ एयरपोर्ट से बाहर आते ही तेलंगाना की जो हवा मैं महसूस कर रहा हूं, ये जो मैं दृश्य देख रहा हूं, ये तपती धूप में आपलोगों का उमंग देखता हूं, मैं इसके आधार पर कह सकता हूं कि हमारा संघर्ष रंग ला रहा है।

पिछले दिनों अलग-अलग चुनावों में भाजपा की जीत इस बात का स्पष्ट संकेत है कि तेलंगाना में अब लोगों ने मन बना लिया है। तेलंगाना में अब बदलाव पक्का है। तेलंगाना में अब भाजपा तय है।


साथियों,

भाजपा ने पिछले 8 सालों में ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, और सबका प्रयास’ के मंत्र के साथ देश की निरंतर सेवा की है।

गरीब, पिछड़ा, दलित, आदिवासी, हमारी माताएं-बहनें, हमारे अंत्योदय के सारे साथी, भारतीय जनता पार्टी के लिए उनका उत्कर्ष ये हमारी आस्था है।

देश का सम्मान देश के गरीब, मजदूर और किसान के सम्मान से जुड़ा है।

आज गरीब से गरीब व्यक्ति भी सपने देख सकता है, स्वाभिमान से जीवन जीने का प्रयास कर सकता है।

हमने हर गरीब को शौचालय देने का वायदा किया, उसे पूरा किया।

हमने गरीबों को देश की आर्थिक मुख्यधारा से जोड़ने का संकल्प लिया, जनधन योजना खातों के जरिए उसे पूरा किया।

हमने गरीब माताओं बहनों को धुएं से आजादी देने की बात कही, उनके नाम पर उन्हें पक्का घर देने की बात कही।

पूरे देश में आज करोड़ों गरीबों का ये सपना साकार हो रहा है।

आज किसानों को उनके खातों में और खास कर मेरे छोटे किसान भाई-बहनों को सम्मान निधि मिल कर, उन्हें एक नई ताकत मिल रही है।

मुद्रा योजना और स्वनिधि योजना जैसे प्रयासों से लाखों करोड़ों युवाओं के लिए स्वरोजगार के अवसर बन रहे हैं।

तेलंगाना के गरीब, दलित, पिछड़े, आदिवासी और महिलाओं को भी इन योजनाओं के लाभ का पूरा अधिकार है।

लेकिन दुर्भाग्य से यहां इन योजनाओं के नाम बदलकर इन पर भी सियासत हो रही है।

आप सियासत करिए, जनता के दिलों से न नाम हमारा हटा सकते हैं, न हमारा नाम मिटा सकते हैं। क्योंकि हम गरीबों के लिए जीने वाले लोग हैं, जी जान से गरीबों के कल्याण के लिए समर्पित लोगों की हमारी परंपरा है।

साथियों,

जब योजनाएं प्रचार और परिवार के भ्रष्टाचार का शिकार होने लगें तो उससे सबसे ज्यादा नुकसान हमारे गरीब का होता है। हमारे दलित, पीड़ित, शोषित और वंचित का होता है।

भाजपा के कार्यकर्ताओं का दायित्व है कि इस सच्चाई को तेलंगाना के हर एक नागरिक तक लेकर जाएं।

भाइयों और बहनों,

हम सब जानते हैं कि तेलंगाना का सामर्थ्य क्या है, यहां कितनी संभावनाएं हैं!

हम चाहते हैं कि तेलंगाना तेजी से विकास की रफ्तार पकड़े।

साथियों,

21वीं सदी का नया भारत ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ के सपनों को लेकर आगे बढ़ रहा है।

हमारे स्टार्टअप्स आज पूरी दुनिया में अपनी छाप छोड़ रहे हैं।

आज हम दुनिया के तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप ecosystem हैं।

अभी कुछ दिन पहले ही, भारत का सौंवां यूनिकॉर्न हमारे सामने आया है।

आज हम एक बार फिर से दुनिया की सबसे तेजी से आगे बढ़ रही अर्थव्यवस्थाओं में एक हैं।

हमारी इस ग्रोथ स्टोरी में सबसे बड़ी भूमिका टेक्नोलॉजी की है, टेक्नोलॉजी को नेतृत्व दे रहे हैं हमारे युवा-नौजवान साथी।

और, बात जब टेक्नोलॉजी की होती है तो तेलंगाना और तेलंगाना के युवाओं की क्षमताओं के बिना ये बात पूरी नहीं होती।

इस क्षमता के पूरे इस्तेमाल के लिए तेलंगाना को एक progressive और ईमानदार सरकार की जरूरत है।

ये सरकार केवल भाजपा ही दे सकती है।

साथियों,

आधुनिक ज्ञान-विज्ञान के इस युग में, मैं तेलंगाना के लोगों को एक और बात से सतर्क करना चाहता हूं।

आज के इस युग में अभी भी, 21वीं सदी में भी जो लोग अंधविश्वास के गुलाम बने हुए हैं, वो अपने अंधविश्वास में किसी का भी नुकसान कर सकते हैं।

ये अंधविश्वासी लोग तेलंगाना के सामर्थ्य के साथ कभी न्याय नहीं कर सकते।

साथियों,

मुझे याद है जब मैं गुजरात में मुख्यमंत्री था, तो वहां भी कुछ शहरों की पहचान बना दी गई थी कि उस शहर में कोई मुख्यमंत्री जा नहीं सकता है। अगर वहां जाएगा तो उसकी कुर्सी चली जाएगी।

भाइयों-बहनों,

मैं डंके की चोट पर वहीं पर जाता था, बार-बार जाता था। मैं विज्ञान में विश्वास करता हूं, मैं टेक्नोलॉजी में विश्वास करता हूं।

भाइयों-बहनों,

मैं तो आज तेलंगाना की इस धरती से उत्तर प्रदेश के हमारे मुख्यमंत्री श्रीमान योगी आदित्यनाथ जी को भी बधाई देता हूं। वो तो संत परंपरा से हैं, सन्यासी परंपरा से हैं। उनके कपड़े और भेषभूषा देखकर के कोई भी बात मान लेगा। जब उनके सामने आया कि फलानी जगह पर नहीं जाना है, ढिकानी जगह पर नहीं जाना चाहिए। योगी जी ने कहा, मैं विज्ञान में विश्वास करता हूं, वे चले गए और दोबारा जीतकर मुख्यमंत्री बने। अंधविश्वास को इस प्रकार से तवज्जो देने वाले लोग, उसके भविष्य को कभी संवार नहीं सकते हैं।

भाइयों-बहनों,

ऐसे अंधविश्वासी लोगों से हमारे तेलंगाना को हमें बचाना है। मैं आप सभी भाजपा कार्यकर्ताओं से कहूंगा- हमें पूरी मेहनत करनी है।

हमें तेलंगाना की जनता की सेवा में कोई कोर कसर नहीं छोड़नी है।

मुझे पूरा विश्वास है कि भाजपा का हर एक कार्यकर्ता इसी उत्साह और समर्पण के साथ आगे भी काम करता रहेगा।

तेलंगाना तेजी से विकास के रास्ते पर चलेगा,

तुष्टिकरण की राजनीति से मुक्त होगा,

परिवारवादी पार्टी के चंगुल से मुक्त होगा,

भाइयों-बहनों, मैं 2013 उस समय भूल नहीं सकता, मैं तो गुजरात का कार्यकर्ता था, पूरा देश न मुझे जानता था, लेकिन हैदराबाद ने एक ऐसा इतिहास रचा था। जिसने पूरे हिंदुस्तान की सोच में परिवर्तन लाया था। मैं आपको याद दिलाना चाहता हूं, हिंदुस्तान के सार्वजनिक जीवन में वो पहली घटना थी और हैदराबाद तेलंगाना के लोगों ने करके दिखाया था। जब मैं हैदराबाद आया तो मेरा भाषण सुनने के लिए टिकट रखी गई थी। पैसे देकर आइए सुनने के लिए और मैं देख रहा था, तेलंगाना के लोगों ने टिकट खर्च करके इतनी प्रेम वर्षा की थी, इतनी प्रेम वर्षा की थी, और वही एक टर्निंग प्वाइंट था कि आज मुझे देश की सेवा करने का मौका मिला है। यही हैदराबाद, यही तेलंगाना अब नया इतिहास बना करके तेलंगाना में झंडा गाड़ने वाला है।

साथियों,
मैं आपके परिश्रम की जितनी तारीफ करूं उतनी कम है। आपके जज्बे की जितनी तारीफ करूं उतनी कम है। लेकिन मुझे पूरा विश्वास है, न आप झुकने वाले हैं। न आप थकने वाले हैं। आप जूझने वाले भी हैं, जीतने वाले भी हैं।

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।