भारत में सुरक्षा की बेहतर स्थिति कांग्रेस को पसंद नहीं आ रही, मसूद अजहर पर हुए फैसले पर वो खुशी मनाने के बजाय, कांग्रेस अपना मजाक उड़वाने में लग गई है: प्रधानमंत्री मोदी
कांग्रेस का पंजा हमेशा मलाई के चक्कर में रहता है, जहां मलाई नहीं, वहां कांग्रेस कभी गई नहीं: पीएम मोदी
देश को सही दिशा देने के लिए, देश के तेज गति से विकास के लिए मजबूत सरकार बहुत जरूरी होती है: प्रधानमंत्री

भारत माता की जय, भारत माता की जय।

मंच पर विराजमान भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री बहन वसुंधरा जी, मंच पर विराजमान सभी वरिष्ठ नेता गण, हमारे दोनों उम्मीदवार और विशाल संख्या में हमें आशीर्वाद देने के लिए आए हुए मेरे प्यारे भाइयो और बहनो। आप सबको मेरी नमस्कार। इतनी गर्मी में करौली के साथ ही भरतपुर के लोग भी हम सभी को आशीर्वाद देने पहुंचे हैं, आपका बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं।

साथियो, आज जब हम सभी यहां एकत्र हुए हैं तो उसी समय देश के पूर्वी और दक्षिणी तटीय इलाकों में रहने वाले हमारे लाखों परिवार एक भीषण चक्रवात का मुकाबला कर रहे हैं। उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, आन्ध्रप्रदेश, तमिलनाडू और पुदुच्चेरी की सरकारों के साथ केंद्र सरकार लगातार संपर्क में है। अब से कुछ देर पहले ही मैंने अफसरों से ताजा अपडेट लिया है। हालात से निबटने के लिए कल भी मैंने विस्तार से, चुनाव की अपनी आपा-धापी के बीच एक विस्तार से समीक्षा बैठक की गई थी। कल ही हमने संबंधित राज्य सरकारों को एक हजार करोड़ रुपए से ज्यादा एडवांस में राशि रिलीज कर चुके हैं। एनडीआरएफ, भारतीय कोस्ट गार्ड, भारतीय नौ-सेना पूरी मुस्तैदी के साथ प्रशासन के साथ जुटी हुई है। मैं चक्रवात प्रभावित सभी राज्य सरकारों को और वहां के लोगों को भरोसा देना चाहता हूं की पूरा देश, केंद्र सरकार, संकट के इस समय में हमारे उन सभी साथियों के साथ है, उन सभी परिवारों के साथ है, उन सभी राज्य सरकारों के साथ है, जहां चक्रवात की आपदा आई है।

साथियो, बड़ी से बड़ी मुश्किल में हम सभी भारतीयों का एकजुट होकर मुकाबला करना एक भारत- श्रेष्ठ भारत की ही पहचान है। भाइयो-बहनो, पांच वर्ष पहले आप सभी ने, पूरे देश ने एक भरोसे के साथ अपने इस सेवक को देश के लिए काम करने का अवसर दिया था। राष्ट्रवाद से ओत-प्रोत इस माटी के एक-एक जन ने ये सोचकर सभी की सभी सीटें भाजपा को दी थी की देश की धाक दुनिया में हो। आपकी उम्मीदों पर आज ये सेवक, मैं जरा आपसे पूछना चाहता हूं, जवाब देंगे, सब के सब जवाब देंगे? आप ने मुझे 25 की 25 सीटें दी थीं, ये राजस्थान का प्यार कम नहीं है भाई, गजब प्यार किया आपने, सेवक पर आपने भरोसा किया लेकिन आज पांच साल हो गए, तो आपका हक बनता है और मेरी जिम्मेदारी बनती है। आप मुझे बताइए, क्या ये आपका सेवक आपकी उम्मीदों पर खरा उतरा कि नहीं उतरा? आपको संतोष है, आप खुश हैं, पहले से ज्यादा आशीर्वाद मिलेगा, पूरी ताकत से मिलेगा? आज पूरी दुनिया भारत की आवाज सुन रही है कि नहीं सुन रही है? दुनिया में भारत का डंका बज रहा है कि नहीं बज रहा है, आप खुश हैं? 

 

साथियो, अभी दो दिन पहले ही भारत के बहुत बड़े दुश्मन आतंकवादियों के सरगना, मसूद अजहर को दुनिया की सबसे बड़ी संस्था ने अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित किया है। पाकिस्तान में बैठा आतंकियों का ये आका कई वर्षों से भारत को घाव पर घाव दे रहा था। मेरे राजस्थान की अनेक वीर माताओं ने अपने वीर बेटे खोए। राजस्थान के अनेक सपूत शहीद हुए, इन आतंकियों के पीठ पर घाव करने के कारण लेकिन अब इस आतंकी का पाकिस्तान में मौज करना मुश्किल हो गया है। साथियो, सर्जिकल स्ट्राइक, एयर स्ट्राइक और उसके बाद ये तीसरी, पाकिस्तान के मंसूबों पर, आतंकियों के मंसूबों पर, आतंकियों के सरगना पर ये तीसरी बड़ी अंतरराष्ट्रीय स्ट्राइक हुई है। आप मुझे बताइए, पाकिस्तान की हेकड़ी निकल गई है कि नहीं निकल गई है? आपको अच्छा लगा, यही होना चाहिए ना, मोदी यही रास्ते पर है? आपके आशीर्वाद है ना? 

साथियो, आतंक और आतंकियों से निपटने के कांग्रेस और भाजपा के तरीकों की तुलना नहीं हो सकती। कांग्रेस और भाजपा की कोई तुलना हो सकती है क्या? याद करिए, यही कांग्रेस थी जो कहती थी की हर एक आतंकी के हमले को रोकना मुमकिन नहीं है। कांग्रेस ये कहती थी की नहीं कहती थी? जब कि हमने ये साबित किया है की जम्मू-कश्मीर के दो या तीन जिले छोड़कर आतंकी अब अपनी मनमर्जी, सेना और नागरिकों पर कोई हमला नहीं कर सकते हैं। हमने आतंक के विरुद्ध अपने संकल्प को सिद्ध करके दिखाया है। भाइयो-बहनो, जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी तो आतंकी हमले रोजाना की बात हो गए थे। कोई भी शहर कांग्रेस के कार्यकाल में सुरक्षित नहीं था। हर व्यक्ति जानता है की किस तरह 2008 में मुंबई में आतंकवादियों ने हमला किया था। उस समय जो मुंबई में हुआ, वो ना तो पहला आतंकी हमला था और ना ही आखिरी। साथियो, याद करिए, ये बात मैं इसलिए बताता हूं की मीडिया के मित्रों को भी याद रहे, अकेले 2008 में, मैं एक साल की घटना याद करना चाहता हूं। 2008 में जनवरी में, उत्तर प्रदेश के रामपुर में, सीआरपीएफ कैंप पर हमला किया, उन्होंने मई में राजस्थान में, जयपुर में बम धमाके किए, बाद में उन्होंने जुलाई में बेंगलूरू में सीरियल बम धमाके किए। बेंगलूरू को दहलाने के अलगे ही दिन उन्होंने अहमदाबाद में बम धमाके किए, फिर उन्होंने दिल्ली में, सिर्फ सितंबर महीने में दो अलग-अलग आतंकी हमले किए। इसके बाद अक्टूबर में पूर्वोत्तर के तीन बड़े शहर, गुवाहाटी, अगरतला, इम्फाल, सीरियल ब्लास्ट किए, ये सारा 2008 का हिसाब मैंने बताया। इतना होने के बाद 2008 नवंबर में 26/11 को मुंबई में भयानक बड़ा हमला हुआ, होटल में रहे लोगों को मार दिया, ताज पर हमला हुआ, सैकड़ों लोग मारे गए। अब सोचिए, पूरे साल भर हमले होते रहे और 26/11 को इतनी बड़ी घटना हो गई, सोचिए उस समय स्थिति क्या थी और अब क्या है। 

आप बताइए, क्या कारण है की आतंकवादी अब हिम्मत नहीं करते हैं। क्या कारण है? जरा पीछे वाले बताइए, क्या कारण है? ये महिलाएं बताएं, क्या कारण है? अरे मोदी कारण नहीं है, आपका जवाब गलत है। कारण आपका एक वोट है, ये आपके वोट की ताकत है जिसने राजस्थान में मोदी को 25 की 25 सीट दीं, उसकी ताकत है की मोदी मुकाबला करता है। आप मेरे साथ नहीं होते, राजस्थान की वीर भूमि नहीं होती, राजस्थान की वीर-माताओं के आशीर्वाद नहीं होते तो भाई कांग्रेस और मेरे में फर्क क्या होता। अब हमारी माताएं-बहने निश्चित हो कर शापिंग कर सकती हैं और बच्चे बिना किसी डर के खेल-कूद सकते हैं, रिश्तेदारों के यहां जा सकते हैं। भाइयो-बहनो, ये भी याद रखिए की भारत में आज तक दो बार ही ऐसा हुआ है। जब आईपीएल की इतनी बड़ी मैच, जिसमें लोगों को मजा आता है, पूरी युवा पीढ़ी आईपीएल में इंटरेस्ट रखती है लेकिन दो बार आईपीएल, हिंदुस्तान का खेल, हिंदुस्तान में नहीं खेला गया, साउथ-अफ्रीका में खेला। ये दो साल थे 2009 और 2014 और दिल्ली में बैठी हुई सरकार इतनी डरी हुई थी, आतंकवादियों से इतनी कांपती थी, ये सरकार में दम ही नहीं था। उन्होंने क्या किया, 2009 और 2014 में की चुनाव हैं, चुनाव में हमारी पुलिस और सुरक्षा के काम होते हैं इसलिए हम आईपीएल नहीं करेंगे। भाइयो-बहनो, इस बार भी चुनाव चल रहा है कि नहीं चल रहा है, नवरात्री आया कि नहीं आया, रामनवमी आई कि नहीं आई, हनुमान जयंती आई कि नहीं आई, आने वाले दिनों में रमजान आने वाला है कि नहीं आने वाला है, चुनाव चल रहा है कि नहीं चल रहा है फिर भी आईपीएल हो रहा है कि नहीं हो रहा है? ये फर्क होता है, ये पूछ दबाकर के भाग जाने वाली सरकार में बैठे थे, ये मोदी सीना तान कर के जाता है। आईपीएल होगा, डट कर होगा, देखते हैं। अगर आप गोली चलाओगे तो मोदी गोला चलाएगा। हमने दिखा दिया है की लोकतंत्र का सबसे बड़ा उत्सव और घरेलू क्रिकेट का सबसे बड़ा उत्सव, दोनों एक साथ मना सकता है। लेकिन भाइयो-बहनो, भारत में सुरक्षा की बेहतर स्थिति कांग्रेस को पसंद नहीं आ रही है। मसूद अजहर पर हुए फैसले पर वे खुशी मनाने के बजाए कांग्रेस अपना ही मजाक उड़वाने में लग गई है। कांग्रेस अब सवाल उठा रही है की मसूद अजहर को चुनाव के समय ही आतंकी घोषित क्यों किया, बताओ। ये दिल्ली में मेरी कैबिनेट ने निर्णय किया है क्या, ये बीजेपी की वर्किंग कमेटी में निर्णय हुआ है क्या? कांग्रेस वालों को परेशानी है की चुनाव चल रहे हैं और अबूधाबी, यूएई मोदी को अवॉर्ड देता है। कांग्रेस को परेशानी है की चुनाव चल रहे हैं और रशिया मोदी को अवॉर्ड दे रहा है। कांग्रेस को परेशानी है की चुनाव चल रहे हैं की युनाइटेड नेशन और दुनिया के सब देश मिलकर के मसूद को आतंकवादी घोषित कर देते हैं, उनको बड़ी परेशानी है। भाइयो-बहनो, आप मुझे बताइए, क्या संयुक्त राष्ट्र संघ को ये घोषित करने से पहले कांग्रेस को पूछना चाहिए था क्या? मैडम जी को पूछना चाहिए था क्या, संयुक्त राष्ट्रसंघ को ये पूछना चाहिए था क्या, की आप जिनको कभी जी कह कर के बुलाते हो, कभी साहब कह कर के बुलाते हो क्या हम उसे अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करें कि ना करें। क्या ये इजाजत लेनी पड़ेगी क्या? क्या उनको पूछना जरूरी था की वो इनको पूछें की आपको कोई दिक्कत तो नहीं है ना, कांग्रेस को कोई तकलीफ तो नहीं हैं ना? कांग्रेस को लगता है की मोदी ये सब अपने फायदे के लिए करवा रहा है। सही में कांग्रेस अपने फायदे और नुकसान के अलावा और कुछ भी सोच नहीं सकती है। जिस हेलीकॉप्टर घोटाले में नामदार का परिवार फंसा है उसके सबसे बड़े राजदार मिशेल मामा को भारत रातों-रात उठवाकर अपने यहां ले आता है तो कांग्रेस कहती है की मोदी ये अपने फायदे के लिए कर रहा है। 

जब देश को लूटकर भागने वालों को ब्रिटेन की अदालत जमानत नहीं देती, जेल भेज देती है तो कांग्रेस चिल्लाती है की ये भी मोदी ने अपने फायदे के लिए करवाया। जब हजारों करोड़ लूटने वाले को ब्रिटेन की सरकार भारत भेजने के लिए तैयार हो जाती है तो भी कांग्रेस कहती है की ये मोदी ने अपने फायदे के लिए किया है। जब भारत अंतरिक्ष में सैटेलाइट को मारने वाली मिसाइल का परीक्षण करता है तो भी कांग्रेसी कहते हैं की मोदी ने अपने फायदे के लिए करवाया। जब इस परीक्षण के बाद दुनिया भारत का गौरव करने लगी, कोई निगेटिव निर्णय नहीं हुआ, बैन नहीं लगाती, समर्थन नहीं करती तो कांग्रेस कहती है की ये भी मोदी ने अपने फायदे के लिए मैनेज कर लिया। जब ईज ऑफ दूइंग बिजिनेस में, कारोबार में, रैंकिंग में भारत 65 प्रतिशत का छलांग लगाता है तब भी कांग्रेसी कहते हैं मोदी ने विश्व बैंक इस संस्थाओं को भी खरीद लिया है। अरे भाई, कांग्रेस वालों को दिन में और रात में दिखता है, यार ये मोदी कितना ताकत वाला है, सब कुछ करवा लेता है। अरे भाई, अगर भारत के पास दुनिया पर दबाव डालने की इतनी शक्ति आ गई है, मुझे बताइए, हर हिंदुस्तानी खुश होगा कि नहीं होगा? भारत चाहे, ऐसा अगर दुनिया में होता है तो आप खुश होंगे कि नहीं होंगे? आपको आनंद होगा कि नहीं होगा, आपका माथा ऊंचा होगा कि नहीं होगा, आपका सीना चौड़ा होगा कि नहीं होगा? कांग्रेस वालों को बुरा लग रहा है, ये सब हो क्यों रहा है। वो जो काम 70 साल तक नहीं कर पाए, एक चाय वाला कैसे करता है। जरा कांग्रेस वाले गलती से भी घर से निकल कर के आपके यहां वोट मांगने के लिए आएं तो उनको एक छोटा सा रुमाल का टुकड़ा दे देना, कांग्रेस वालों को भेंट में। और उनको कहना, अरे यार इतना रोते क्यों हो, ले लो रुमाल ले जाओ आंसू पोंछने के काम आएगा। ये करोगे आप? सारे कांग्रेसी रो रहे हैं, मोदी ने ये किया, मोदी ने वो किया। आपने मुझे 25 सीटें दी थीं, आप राजस्थान के लोग मुझे बताइए, क्या मौज करने के लिए दी हैं क्या? सोने के लिए दी हैं क्या, ऐश-आराम करने के लिए दी हैं क्या? जो कर रहा हूं, यही करने के लिए दी है ना? मैं तो सेवक हूं, आप मेरे मालिक हैं। जो आप चाहेंगे, वही मोदी करेगा।

मैं तो कांग्रेस के मित्रों से भी कहूंगा की वो भी अब यही नारा लगाएं, नामुमकिन भी अब मुमकिन है। अरे कांग्रेस के लोगों अब रोना बंद करो, मोदी क्या कर रहा है उसका अध्ययन करो और खुद भी अब नारा लगाओ। नामुमकिन भी अब मुमकिन है। अरे आप में भी हो सकता है एक परसेंट, दो परसेंट हिम्मत आ जाए, आप मरे पड़े हो। भाइयो-बहनो, कांग्रेस की नीति नकारात्मक है, नेतृत्व में भ्रम है और नीयत में खोट है। इसी कांग्रेस ने, मैं वीरों की धरती पर ये बात याद कराना चाहूंगा। इसी कांग्रेस ने आपको वन रैंक-वन पेंशन के नाम पर भी धोका दिया था। जनता से झूठ और विश्वासघात ही, ये कांग्रेस और उसके साथियों की राजनीति का आधार है। राजस्थान तो इसका ताजा-ताजा गवाह रहा है। भाइयो-बहनो, चार महीने पहले ही इन्होंने ये कहकर वोट मांगे थे की दस दिन के भीतर किसानों के कर्ज माफ कर देंगे। जरा मुझे बताइए, कर्ज माफ हुआ क्या? मुझे चारों तरफ से सुनना है, जो बाहर धूप में खड़े हैं उनसे भी सुनना है, कर्ज माफ हुआ क्या? क्या किसी के साथ ऐसा धोखा करना चाहिए क्या? कांग्रेस वालों समझ लो, ये मेरा देश गलती को तो माफ कर सकता है, कोई चूक हो जाए तो माफ कर सकता है लेकिन मेरा देश और खासकर के राजस्थान की धरती विश्वासघात को कभी माफ नहीं करती। आप ने विश्वासघात किया है, झूठ बोला है।

साथियो, स्थिति ये है की कांग्रेस को किसानों के फायदे में अपना नुकसान दिख रहा है। केंद्र सरकार किसानों के खाते में पैसा जमा करने के लिए यहां की सरकार से उनके नामों की लिस्ट मांग रही है लेकिन यहां की कांग्रेस सरकार आनाकानी कर रही है। क्या ये राजस्थान के किसानों के साथ अन्याय है कि नहीं है? साथियो, कांग्रेस पर दबाव बनाने के लिए, ये अन्याय खत्म करने के लिए आपको इस लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हर सीट पर अपना आशीर्वाद देना हो, ये मैं आपसे प्रार्थना करता हूं।

साथियो, इस क्षेत्र में पानी की जो समस्या है उससे भी मैं भली-भांति परिचित हूं। ऐसी चुनौतियों को दूर करने के लिए हमने तय किया है और खासकर के मेरी माताएं-बहने, जरूर मोदी को आशीर्वाद देंगी। हमने तय किया है, हमारे संकल्प-पत्र में घोषित किया है की अब भारत सरकार में पानी के लिए एक अलग मंत्रालय बनाएंगे, जल शक्ति मंत्रालय। और इसके माध्यम से देश की पानी की समस्या को हम प्राथमिकता देना चाहते हैं। पांच साल, मैं अपने, पानी के लिए खपा देने के लिए निर्णय करके बैठा हूं। इसके माध्यम से देश की जो नदियां हैं, उसके पानी का उपयोग कैसे हो, समंदर के खारे पानी को मीठा करके कैसे उपयोग किया जाए। बरसात के पानी का सही उपयोग कैसे हो और पानी हर घर में कैसे पहुंचे और खेत में कैसे पहुंचे इसके लिए अलग डेडीकेटेड मंत्रालय बनेगा और ये काम हिंदुस्तान में पहली बार होगा। इसके अलावा इस क्षेत्र में ईस्टर्न कैनाल प्रोजेक्ट का काम भी आगे बढ़ाया जाएगा।

भाइयो-बहनो, पिछली बार हमने जिस तरह शौचालय के काम किया, घर में बिजली पहुंचाने का काम किया, रसोई में गैस पहुंचाने का काम किया। इस बार ये मोदी जी-जान से पानी पहुंचाने पर अपना पसीना बहाएगा। इन संकल्पों को पूरा करने के लिए आपको फिर से, पूरी शक्ति से, पूरी ताकत से कमल खिलाना है। पिछले चरण में आपने जिस प्रकार से मतदान किया। भाइयो-बहनो, आपने पहले मतदान-बाद में जलपान, इस मंत्र को चरितार्थ किया, हर बूथ को जीतने के संकल्प के साथ भारी मतदान किया।

भाइयो-बहनो, प्रथम चरण में आपने जो कमल खिलाया है, हमारा साथ दिया है। मैं राजस्थान की धरती को प्रणाम करता हूं, अभिनंदन करता हूं। और अब 6 तारीख को, बीच में दो-तीन दिन बचे हैं। आप हैरान होंगे, ये कांग्रेस वालों की मोडेस ऑपरेंडी क्या है। ये 20वीं सदी में जिस तरीके से खेल खेलते थे, 21वीं सदी में भी उसी तरह से खेल, खेलते हैं। लेकिन उनको मालूम नहीं है, 20वी सदी में उनको मोदी नहीं मिला था 21वीं सदी में ये मोदी उनको मिला है। ये उनके सब खेल जानता है। मैं बताता हूं, वो क्या करते हैं। ये आपके लिए बड़ा इंटरेस्टिंग है, सुनने जैसा है और मीडिया को भी जरा इंट्रेस्ट आ जाए तो देखें, ये क्या कमाल करते हैं और मैं सारी सत्य घटना बताता हूं। मैं गुजरात में था, ये कांग्रेस वाले झूठ बोलने में कितने माहिर हैं, लोगों की आंख में धूल कैसे झोंकते हैं और कितने बेपरवाह हैं, इसका नमूना बताता हूं। उन्होंने गुजरात में एक चुनाव में क्या किया, आदिवासी बेल्ट में पहुंच गए और आदिवासियों से फार्म भरवाए की आप फार्म भर के दे दो और बदले में आदिवासियों से 100-100 रुपया मार लिया। नकली फार्म, नकली योजना, नकली काम, 100-100 रुपया मार लिया और रुपए कहां गए भगवान जाने और आदिवासियों को भड़का दिया की देखो मैं तुम्हे जमीन का पट्टा दे रहा हूं। जब आदिवासी सरकारी दफ्तर में गए की हमें ये फार्म दिया है 100 रुपया हमसे लिया है, हमें जमीन का पट्टा कब मिलेगा। जब सरकार ने देखा तो आश्चर्य हुआ, फार्म झूठा, लोग झूठे और पैसे मार कर आदिवासियों को लूट कर चले गए, अभी तक उनका अता-पता नहीं है। दूसरा चुनाव आया, उसमें क्या किया। उन्होंने एक बड़े मैदान में हार्ड बोर्ड के मकान बनाए तीन, चार। 3-4 मकान बना कर के उन्होंने बोर्ड लगाया की हमारी सरकार आएगी तो ये मकान देगी और लोगों को फार्म दिए और हर तहसील में बड़ी-बड़ी कतार लग गई, मकान लेने के लिए फार्म। बाद में पता चला 250 रुपया मार लिया। झूठे फार्म और हार्ड बोर्ड का एक मॉडल बना कर के रुपए मारते रहे। इस बार मैंने देखा राजस्थान में वो चालाकी करना शुरू किया है, लोगों के पास जाते हैं और 72 हजार रुपए का फार्म भरवाते हैं की आपको 72 हजार रुपए मिलेंगे। लोगों को फार्म मिला और यहां की कुछ महिलाएं सरकारी दफ्तर में पहुंच गईं, सरकारी दफ्तर में जा कर के पूछा की ये 72 हजार हमको कब मिलेंगे, हमको फार्म मिला है। सरकार ने जांच की, ये यहां की सरकार के लोग उन्होंने जांच की और बताया ये फार्म झूठा है, ये लेने वाले झूठे हैं तो लोग रोने लगे। ये तो हमारे से 100 रुपया ले गया है।

भाइयो-बहनो, राजस्थान में ये चालाकी चलती होगी, ये झूठे फार्म भरवाते होंगे, आपसे पैसे मारते होंगे और आपको भड़काते होंगे। भाइयो-बहनो, आपको मालूम है, कर्जमाफी झूठ बोल कर के वसुंधरा जी की सरकार जो जी-जान से पांच साल से विकास के काम कर रही थी, आपको भ्रमित करके किसानों के नाम पर वोट ले गए और चुप हो गए, अब कर्जमाफी का नाम नहीं लेते, ये झूठ बोलने वाले लोग हैं, इस बार गलती मत करना। पिछली बार जो झूठ बोला है ना इसकी सजा भी इस बार देना है। देंगे? पूरे दम से देंगे? पूरी ताकत से देंगे?

भाइयो-बहनो, आप चाहते हैं, हिंदुस्तान मजबूत बने? भारत मजबूत होना चाहिए, हिंदुस्तान मजबूत होना चाहिए? तो एक शर्त है पहले अपान बूथ मजबूत बनाओ। बूथ मजबूत बनाओगे? घर-घर जाओगे, मतदाताओं को मिलोगे? गर्मी हो तब भी वोट देने जाओगे, ज्यादा से ज्यादा वोट कराओगे? मैं चाहूंगा जो बूथ सबसे ज्यादा मतदान करवाए, वो मुझे चिट्ठी लिखें की आपकी लोकसभा में मेरे बूथ ने सबसे ज्यादा पोलिंग करवाया है। वो मुझे चिट्ठी लिखे, सरकार बनने के बाद मैं उसे मिलने के लिए बुलाऊंगा। कमल निशान पर बटन दबाना है और कमल निशान पर जो बटन दबेगा, जो वोट पड़ेगा आपको मैं विश्वास दिलाता हूं, कमल को दिया सारा वोट सीधे-सीधे मोदी के खाते में आएगा। आपका कमल जब मोदी को मिलेगा, ये चौकीदार और मजबूत होगा और चौकीदार देश को मजबूत बनाएगा। इतनी बड़ी संख्या में आपने आशीर्वाद दिए, हम सब हृदय से आपके बहुत आभारी हैं और आप हमारे दोनों उम्मीदवारों को दिल्ली भेजिए। मेरे साथ बोलिए…

भारत माता की… जय, भारत माता की… जय, बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!