भारत आज परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है: प्रधानमंत्री मोदी
पिछले 4 वर्षों में सरकार ने एक विकसित और समावेशी भारत के निर्माण के लिए पूरा प्रयास किया: पीएम मोदी
चाहे अंतराष्ट्रीय योग दिवस हो या आयुर्वेद हमारा प्रयास और आपका सहयोग भारत को फिर से विश्व में एक ‘Thought Leader’ के रूप में स्थापित कर रहा हैं: प्रधानमंत्री
पूरा विश्व आज भारत को एक विश्वसनीय साथी, एक भरोसेमंद मित्र के रूप में देख रहा है: प्रधानमंत्री मोदी
प्रौद्योगिकी से प्रशासन में जवाबदेही और पारदर्शिता लाने में मदद मिल रही है: पीएम मोदी
सरकार ‘ईज ऑफ लिविंग’ पर ध्यान केंद्रित कर रही है; हम आयुष्मान भारत योजना लेकर आए हैं, जो विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य एवं कल्याण योजना है: प्रधानमंत्री

मेरे मित्र स्वीडन के सम्माननीय प्रधानमंत्री श्री लवैन,

भारतीय मूल के मेरे ऊर्जावान सभी दोस्तों,

स्वीडन-निवासी अन्य सभी मित्रगण,

Good Evening!

आप सभी भाइयों और बहनों को मेरा नमस्कार।

स्वीडन में मेरे और मेरे डेलीगेशन के स्वागत-सत्कार के लिए यहां की जनता और सरकार का, विशेष रूप से His Majesty King of Sweden और स्वीडन के प्रधानमंत्री श्रीमान लवैन का, मैं हृदय से आभार व्यक्त करना चाहता हूं।

प्रधानमंत्री लवैन जी ने अभी अपने संबोधन में जो गर्मजोशी भरे शब्द कहे, उन्होंने मेरे मन को छू लिया। कल रात उन्होंने स्वयं airport आ कर मेरा स्वागत किया। इतना ही नहीं मुझे hotel तक छोड़ने भी आए।

ये सिर्फ़ मेरा नहीं, आप सबका, और सवा सौ करोड़ भारतीयों का भी सम्मान है। इन्हीं भावनाओं के चलते वे 2016 में Make in India कार्यक्रम में भाग लेने भारत आए थे। और पिछले वर्ष स्वीडन में उसी तरह के आयोजन में स्वयं हिस्सा लिया।

स्वीडन में बसने वाले भारतीयों के लिए उनके मन में जो स्नेह है, और भारत के प्रति उनके प्यार और passion के लिए, मैं उनका कोटि-कोटि अभिनन्दन करता हूँ।

मैं आप सब से आग्रह करता हूँ स्वीडेन के प्रधानमंत्री के लिए खड़े होकर के उनका सम्मान करें तालियों के साथ।

साथियों, अपनी Innovative Skills से, Professional Attitude से, Cultural Integration की भावना से और Indian Values के माध्यम से आपने यहां एक अलग पहचान बनाई है।

भारत के बाहर रहते हुए भी आपने जिस प्रकार भारतीयता को, भारत की आत्मा को अपने भीतर संजो कर रखा है, उसके लिए मैं आपका बहुत बहुत अभिनन्दन करता हूँ.

आप में से कोई तमिल बोलता है,कोई तेलगु। कोई कन्नड़ में बात करता है तो कोई मलयालम में। कोई बांगला में तो कोई मराठी में। भारत में करीब करीब 100 भाषाये है 1700 बोलियाँ है अगर मैं सब की सूची बोलने लगूंगा तो शयद सुबह तक मेरा भाषण ही शुरू नहीं होगा।

भाषा अलग हो सकती है, स्थितियां-परिस्थितियां अलग हो सकती हैं, लेकिन एक बात है जो हम सभी को एक सूत्र में पिरोती है। और वो बात है भारतीय होने का गर्व।

यही वो भावना है, जो हमें एक दूसरे से बांधती है, जोड़ती है, मुश्किल समय में साथ खड़े होने की प्रेरणा देती है, नयी ऊर्जा देती है, नया संकल्प देती है।

यही वो भावना है, जिसके चलते जब कहीं से भी वंदे मातरम और भारत माता की जय का उद्घोष कानों में पड़ता है, हम सब के सब उठ खड़े होते हैं।

यही वो भावना है जिसकी वजह से भारत की हर सफलता पर, Mary Kom और Saina Nehwal जैसे भारतीयों की सफलता पर हर भारतीय का सीना गर्व से फूल जाता है।

साथियों, आज देश परिवर्तन के बड़े दौर से गुजर रहा है। आज भारत में एक ऐसी सरकार है जो भारत की साख के लिए, भारत के स्वाभिमान के लिए, भारत को 21वीं सदी में नई ऊँचाई पर पहुंचाने के लिए दिन रात एक कर रही है।

चार साल पहले भारत की जनता ने हमें ‘सबका साथ सबका विकास’का अभूतपूर्व मैंडेट दिया था.

पिछले चार वर्षों में हमने विकसित और समावेशी भारत के निर्माण के लिए, न्यू इंडिया के निर्माण के लिए पूरा प्रयास किया है. हमने स्वतन्त्र भारत के 75 साल होने तक, यानी सन 2022 तक, ‘संकल्प से सिद्धि’ का व्रत लिया है.

साथ ही हमने विश्व में भारत की सम्रद्ध परंपरा के लिए, और भारतीयता के लिए सम्मान बढाया है. चाहे अंतराष्ट्रीय योग दिवस हो या आयुर्वेद. चाहे ‘वसुधैव कुटुम्बकमका प्राचीन भारतीय विज़न हो, या प्रक्रति के साथ संतुलन और समन्वय का दर्शन. हमारे प्रयास और आपका सहयोग भारत को फिर से विश्व में एक ‘Thought Leader’ के रूप में स्थापित कर रहे हैं।

साथियों, यही नहीं, अफ्रीका हो या Pacific Ocean के छोटे देश, या फिर आसियान या यूरोप या एशिया, सभी आज भारत को एक विश्वसनीय साथी, एक भरोसेमंद मित्र के रूप में देख रहे हैं।

नेपाल में भूकंप हो या श्री लंका में बाढ़ - जब संकट आता है तो मानवता भारत की ओर देखती है. यमन में युद्ध के बीच से हमने ना सिर्फ चार हज़ार से अधिक भारतियों को, बल्कि लगभग दो हज़ार विदेशियों को भी सुरक्षित निकला।

पिछले 4 वर्षों में हमारे द्वारा एक के बाद एक ऐसे कदम उठाए गए हैं, जिनसे भारत में दुनिया की आशा और विश्वास बढे हैं।

कुछ दिन पहले आपने देखा होगा कि दिल्ली में International Solar Alliance Summit का आयोजन किया गया। Green Earth के लिए भारत के इस बड़े Initiative से छोटे से समय में60 से अधिक देश जुड़ चुके हैं।

Missile Technology Control Regime हो, Australia Group हो, या फिर Wassenaar Arrangement, इन तीनों Regimes में भारत की सदस्यता अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में भारत के बढ़ते प्रभाव और स्वीकार्यता का संकेत है।

साथियों, हमारी Technological Capability का दुनिया लोहा मान रही है। भारत का Space Program दुनिया के Top 5 Exploration Programs में से एक है। भारत का Space Program उच्चतम quality का तो है ही cost effective भी है। यही वजह है कि हम दुनिया के कई ऐसे देशों की उम्मीद भी बन गए हैं जिनका अपना Space Program नहीं है। पिछले वर्ष ही हमने South Asia Satellite को Launch किया, जो हमारे पड़ोसी मित्र देशों के काम आ रहा है।

साथियों, देश के भीतर हम Technology का प्रयोग Accountability और Transparency सुनिश्चित करने के लिए कर रहे हैं।

Digital Infrastructure से अब सरकार और Citizens के बीच Engagement का तरीका बदल गया है। सरकार तक पहुंच अब Privilege नहीं बल्कि Practice हो गई है। सामान्य से सामान्य व्यक्ति भी सीधे सरकार से संवाद कर रहा है।

सरकार के काम करने के तरीकों की जो तस्वीर पहले आपके दिमाग में थी वो अब बदल चुकी है। अब सरकारी दफ्तरों में File रोककर रखने का Culture नहीं है, बल्कि जो काम सालों से अटका पड़ा है, उसे पूरा करने पर जोर है।

आज भारत में Business करना आसान हो गया है। 42 ranks की छलांग लगा कर भारत Ease of Doing Business में पहली बार Top 100 में आया है।

देश की Indirect Tax Regime में किए गए ऐतिहासिक Reform – GST को उद्योग जगत अपने जीवन का हिस्सा बना रहा है। देश के Tax Base में अभूतपूर्व वृद्धि हो रही है, औरBusinessmen जो पहले तरह-तरह के चेक-नाकों से परेशान रहते थे, अब Tension Free हो गए हैं।

Social Welfare के लिए JAM, यानि जनधन का बैंक खाता, आधार की पहचान और मोबाइल technology की व्यवस्था के बारे में आपने सुना होगा। इन तीनों को मिलाकर Direct Benefit Transfer व्यवस्था बनाई गई है।

इससे Welfare Schemes का सीधा लाभ उनको मिल रहा है जिनको मिलना चाहिए। इससे सरकार ने गरीबों के हक़ के ये आप को जान कर के ख़ुशी होगी पहले जमाना था ऐसा, कभी कभी जो बेटी पैदा नहीं हुई वो विडो जो जाती थी और विडो का पेंशन निकलता था समझ गए क्या लेकिन आज स्थिति बदली है और गरीबो के हक़ का पैसा उनको सीधा मिल रहा है और जो ये घोस्ट थे इनके नाम निकल जाने से आप को जान कर के ख़ुशी होगी इस एक मात्र योजना से लगभग 83 हज़ार करोड़ रूपए, यानि 12 billion dollars से भी ज़्यादा, गलत हाथों में जाने से बचाए हैं।

साथियों, गरीबी हटाने की जो पहले सिर्फ बातें और नारे होते थे, अब उस Culture को भी हम पीछे छोड़ आए हैं। देश के गरीब का जीवन ऊपर उठाने के लिए Empowerment को Tool बनाया गया है।

Empowerment चाहे Society के Weaker Section का हो या फिर महिलाओं का, ‘सबका साथ-सबका विकास’ का मूल मंत्र सच्चाई में बदल रहा है।

उज्ज्वला योजना के अंतर्गत हम देश भर में ग़रीब महिलाओं को मुफ़्त gas सिलेंडर दे रहे हैं। हमने 2020 तक 80 million connections का target रखा है, और 2 साल से भी कम समय में लगभग 36 million connections दे भी दिए हैं।

हमारी माताओं और बहनों को जहाँ पहले खाना पकाते हुए दिनभर में 400 सिगरेट का धुआं फूंकना पड़ता था, आज उन्हें clean cooking fuel मिल रहा है।

Cooking gas की उपलब्धता भी सुधर गई है। आपमें से कई लोग कई वर्षों पहले भारत से निकले होंगे। आपको याद होगा उस समय gas सिलेंडर तक black market में मिलता था। उसके लिए भी मिन्नतें करनी पड़ती थी। या फ़िर पड़ोसियों से सिलेंडर मांगने पड़ते थे। तब जा कर घर में खाना पकता था। आज ये हाल है, कि gas agency वाला आपके mobile पर कॉल करके बोलता है. “बहुत time हो गया, सिलेंडर ले आऊँ क्या?”

MUDRA जैसी Micro-finance Scheme के माध्यम से देश के कोने-कोने में Entrepreneurs को नए अवसर दिए जा रहे हैं। जिन लोगों को कोई लोन नहीं देता था, जिनके छोटे-छोटेbusiness plans के लिए कोई financial support नहीं था, उनके लिए हमने मुद्रा योजना बनाई। और परिणाम यह है कि इस योजना से अब तक कुल मिला कर लगभग 5.3 लाख करोड़ रूपए, यानि लगभग 90 billion dollars, के 12 करोड़ (120 million) लोन दिए जा चुके हैं। ये 120 million लोन नहीं है, ये 120 million सपने हैं, जिन्हें साकार करने के लिए हमने व्यवस्था खड़ी की है। ये Job Creation का भी बड़ा ज़रिया साबित हो रहा है। इन Entrepreneurs में से 74 प्रतिशत महिलाएं हैं।

Atal Innovation Mission, Skill India और Start Up India के माध्यम से भविष्य की आर्थिक प्रगति के लिए ecosystem तैयार किया जा रहा है।

इस साल Smart India Hackathon में एक लाख से अधिक छात्रों ने हिस्सा लिया। और हजारों की संख्या में उन्होंने देश के सामने की चुनौतियों के बारे में अपने सुझाव दिए। मैंने भी video conference के माध्यम से देश भर की इन युवा प्रतिभाओं के साथ समय बिताया।

इस प्रकार के प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए हम international partnerships भी create कर रहे हैं। आज हमने स्वीडन के साथ Innovation Partnership की है। January में Israel के साथ इनोवेशन और entrepreneurship के लिए iCreate Centre का उद्घाटन किया।

Innovation हो, Skill Development हो या फिर Entrepreneurship हो, ये तभी काम आते हैं जब देश के नागरिक का जीवन स्तर अच्छा हो।

आज सरकार का Focus Ease Of Living पर है। कुछ दिन पहले ही दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थकेयर एश्योरेंश स्कीम – ‘आयुष्मान भारत’ शुरू करने का ऐलान किया गया है। और ये दुनियाँ की सबसे बड़ी स्कीम है दोस्तों इसकी बराबरी दुनियां में कही न कही संभव ही नहीं है और अभी इसके एक चरण को लॉन्च किया गया है।

इसके दो Components हैं। पहला देशभर में Health and Wellness centers का जाल बिछाना और दूसरा देश की 40 प्रतिशत सबसे गरीब आबादी को 5 लाख रुपए का Health Insurance Cover देना।

भाइयों-बहनों, यह सब महज़ reform नहीं है. यह transformation है। और हमारा संकल्प है कि हम भारत को ट्रांसफॉर्म करके रहेंगे.

साथियों, इस साल 2 अक्टूबर से भारत ही नहीं बल्कि विश्व महात्मा गाँधी के जन्म का 150-वाँ साल मनायेगा. हमने तय किया है कि हम इस महामानव को सच्ची श्रद्धांजलि के तौर पर भारत के ट्रांसफॉर्मेशन का महायज्ञ रचेंगे. हमारे आगे रास्ता लंबा भले हो, लेकिन हमारी राह सही है, और मंज़िल पर पहुँचाने का हमारा संकल्प अडिग है.

Friends, इस transformed India, New India के निर्माण के लिए स्वीडन के साथ अपनी मजबूत साझेदारी को भी हम बहुत अहम मानते हैं। स्वीडन ही नहीं, दूसरी Nordic Countries के साथ भी अपनी साझेदारी को हम नए स्तर पर ले जाना चाहते हैं।

स्वीडन के अलावा आज मुझे डेनमार्क, नॉर्वे, आइसलैंड और फ़िनलैंड के प्रधानमंत्रियों के साथ भी विचार-विमर्श का अवसर मिला। द्विपक्षीय बातचीत के अलावा पहली बार Nordic देशों और भारत के नेताओं के बीच India-Nordic Summit अभी कुछ देर पहले संपन्न हुआ। Innovation, Skills और Technological Cooperation के लिए हमने आपसी साझेदारी को और मजबूती से आगे बढ़ाने का निर्णय लिया।

Friends, India की Growth Story और International Standing में आपका भी बहुत बड़ा योगदान है। स्वीडन में हमारी Embassy भले ही एक है, लेकिन हमारे Ambassador एक अकेले नहीं हैं - आप सभी भारत के Ambassadors हैं।

लेकिन आज मैं यहां आप से एक आग्रह करना चाहता हूँ। आप भारत के साथ सिर्फ Emotional Connect तक सीमित न रहें। आप में से जो Innovate, Trade और Invest करना चाहते हैं उनके लिए आज उभरते हुए New India में अवसरों का भंडार है।

New India आपका इंतजार कर रहा है। और अब तो भारत और स्वीडन की direct flight भी शुरू हो गई है। तो फिर देर किस बात की?

भाइयों-बहनों, समय की कमी है, मुझे आगे के कार्यक्रम के लिए London पहुँचना है। लेकिन इतने कम समय में भी आपने मुझे अपने साथ जुड़ने का, आपसे बातचीत करने का अवसर दिया,मुझे बहुत अच्छा लगा, बहुत आनंद आया।

आप यहां आए, New India की बात बताने का मौका मुझे दिया. आपके सत्कार और आशीर्वाद के लिए एक बार फिर बहुत-बहुत आभार। मैं प्रधानमंत्री जी का भी हृदय से आभार ब्यक्त करता हूँ के भारतीय समुदाय के प्रति जो उनका प्रेम है भारत के प्रति उनका प्रेम है आज रूबरू हमारे बीच आकर के उस अटूट नाते को उन्होंने प्रकट किया और इसलिए मैं प्रधानमंत्री जी का भी हृदय से बहुत बहुत धन्यबाद करता हूँ ।

Thank you!

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।