सरकार अकेले परिवर्तन नहीं ला सकती, सहभागिता से जुड़े शासन से ही परिवर्तन आता है: प्रधानमंत्री मोदी
किसी भी देश की सबसे बड़ी ताकत उसकी श्रम शक्ति और इच्छा शक्ति है, एक बार लोग परिवर्तन लाने की ठान लें, तो असंभव कुछ भी नहीं है: पीएम मोदी
नवाचार और कुछ अलग करने की सोच से ही नए भारत का सपना सच होगा: प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री मोदी ने युवाओं को दिया IPPP यानी Innovate, Patent, Produce और Prosper का मंत्र
उच्च शिक्षा क्षेत्र को अधिक स्वायत्तता देना हमारी प्राथमिकता: पीएम मोदी
नवाचार से हम चुनौतियों का सामना कर सकते हैं: प्रधानमंत्री

देश के अलग-अलग कोने में रात के आठ साढ़े आठ बजे भी देश की तरक्‍की के लिए मेरे देश का नौजवान देश के लिए इतने बड़े यज्ञ में जुटा हुआ है, मेरा देश बदल रहा, आगे बढ़ रहा है।

देश के अलग-अलग केंद्रों में उपस्थित मेरे नौजवान साथियों को मैं बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं, बहुत-बहुत बधाई देता हूं। Smart India Hackathon, इस आयोजन के लिए मानव संसाधन विकास मंत्री श्री प्रकाश जावडेकर जी और उनकी पूरी टीम को मैं विशेष रूप से अभिनंदन करता हूं।

Smart India के Smart Innovators के बीच आना मेरे लिए हमेशा से एक सुखद अनुभव रहा है। अलग-अलग समस्याओं का technology के जरिए solution ढूंढने का जो प्रयास आप सभी कर रहे हैं, वह बहुत ही प्रशंसनीय है।

पिछले कुछ घंटों से आप सभी अपने मिशन में जुटे हुए हैं, लेकिन मैं मेरे सामने स्‍क्रीन पर देख रहा हूं कि आपका उत्‍साह, उमंग, आपका जज्‍बा, ऐसा लग रहा है आपको थकान ही नहीं लग रही है, न आपको कोई तनाव महसूस हो रहा है। ऐसा लग रहा है कि आपको देख करके मेरी भी थकान कम हो जाती हैद। आज की Generation जब Nation Building के लिए इस तरह के प्रयास में जुटती है, तो New India का इरादा और मजबूत हो जाता है।

Friends, मैं पिछली बार भी Smart India Hackathon में आया था। जब मुझसे पूछा गया कि क्या आप फिर जाएंगे, तो मैंने कहा, क्यों नहीं, मैं जरूर इन नौजवानों से मिलना चाहूंगा, आपसे मिलूंगा, आपकी बातें सुनुंगा, आपसे कुछ सीखने का प्रयास करूंगा।

अगर कोई ये सोच ले कि वही सर्वज्ञानी है, उसे सब कुछ आता है, तो मैं समझता हूं जिंदगी में उससे बड़ी कोई गलती नहीं हो सकती। अगर कोई सरकार भी ये सोच ले और मन में हवा भरके बैठ जाएं कि जो भी करना है, सरकार ही करेगी, सरकार अकेले अपने दम पर करेगी; अगर सरकार भी ये सोचती है तो मैं समझता हूं सरकार की ये सबसे बड़ी गलती होगी। और इसलिए मैं बहुत जोर देता हूं Participation पर, Participative Governance पर।

दुनिया की कोई भी चुनौती, इस देश के सवा सौ करोड़ लोगों की इच्छाशक्ति और श्रमशक्ति से कतई बड़ी नहीं है। जहां 65 प्रतिशत जनसंख्या 35 वर्ष से कम उम्र की हो, जहां पर Demographic Dividend का इतना विस्तार हो; उस देश के लोग ठान लें तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है।

मैं विशेषकर नौजवानों की बात करूं तो आप सभी में जो जोश, जो उत्साह, जो उम्मीद मैं New India के लिए देखता हूं, वो मेरे अपने भरोसे को कई गुना और बढ़ा देती है। हां, हम 21वीं सदी में भारत को उसका वो स्थान दिला पाएंगे, जिसका हिन्‍दुस्‍तान अधिकारी है।

ये एक बहुत बड़ी वजह है कि मैं Young Professionals, Young CEO’s, Young Scientists, Young Bureaucrats से मिलने का कभी भी कोई अवसर जाने नहीं देता। आपका ये उत्साह, ये ऊर्जा ही New India को साकार करने का सबसे बड़ा driving force है।

लेकिन सवाल ये भी है कि New India का ये transformation क्या कुछ सीमित प्रयासों से संभव है? तो जवाब मिलेगा, जी नहीं। इसके लिए आवश्यक है समस्याओं की जड़ तक जाकर समाधान के लिए out of box नए-नए तौर तरीके, नए-नए रास्ते खोजना।

हमारी सरकार की यही कोशिश हमें Smart India Hackathon Initiative तक लाई है।

मुझे बताया गया है कि पिछली बार के Hackathon में जो लगभग 60 प्रोजेक्ट फाइनल हुए थे उनमें से आधे पूरे होने वाले हैं और बाकी अगले दो – तीन महीने में पूरे हो जाएंगे।

मुझे खुशी है कि पिछले साल जहां 40 हजार से ज्यादा युवाओं ने इसमें हिस्सा लिया था, वहीं इस साल ये संख्या बढ़कर 1 लाख से ज्यादा हो गई है। इस साल केंद्र सरकार के 27 मंत्रालयों के साथ ही राज्य सरकारें भी इस Hackathon का हिस्सा बनी हैं। मुझे बताया गया है कि Hackathon में software edition के साथ ही, अगले कुछ महीनों में hardware edition को भी जोड़ा जा रहा है।

इस प्रयास के लिए आप सभी नौजवान और अलग-अलग मंत्रालयों को और प्रदेश की सरकारों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

मुझे बताया गया है कि इस बार आप फ्लड मैनेजमेंट और जंगल की आग जैसी कई बड़ी चुनौतियों का समाधान खोजने वाले हैं। मुझे विश्वास है कि Technology से Transformation के जिस रास्ते पर हम चल रहे हैं वो हमें जरूर लक्ष्य तक ले जाएगा।

साथियों, In the era where knowledge is power, innovation is the driver of growth यानि ज्ञान हमारे लिए पावर की तरह काम करता है, लेकिन उस ज्ञान को विस्तार देने के लिए हम जितना innovative होंगे, उतना ही देश का विकास ज्‍यादा होगा।

जब हम Innovation की बात करते हैं तो ये सिर्फ एक शब्द नहीं है। Innovation एक event भी नहीं है कि कुछ competitions हुए, judgment आए, इनाम बंटे और फिर celebrate करने के बाद सब अपने-अपने घर चले गए। Innovation एक प्रक्रिया है जो निरंतर चलती है। आप तभी Innovate कर पाएंगे जब आप समस्या को समझेंगे, कुछ सवाल करेंगे, नए ideas सामने रखेंगे और फिर उन ideas को अमल में लाने के लिए भरकस प्रयास करेंगे।

इसलिए मैं कहता हूं – I ट्रिपल P (IPPP) इसमें अपना भी आई जुड़ जाता है, I ट्रिपल P यानि Innovate, Patent, Produce and Prosper. ये चार सीढ़ियां हैं जिन पर चलते हुए हमारे देश का विकास और तेजी से हो सकता है। जितना हम Innovate करेंगे, जितना जल्दी उन Innovations को पेटेंट कराएंगे, उनके Production की राह आसान बनाएंगे; जितना जल्दी उसे लोगों तक पहुंचाएंगे, उतना ही Prospers भी होंगे।

इसलिए हमारी सरकार लगातार Innovation को प्रोत्साहित कर रही है। अटल इनोवेशन मिशन ए आई एम - AIM के माध्यम से देश में Innovation एवं Entrepreneurship का कल्चर तैयार किया जा रहा है। हमारा मकसद एक ऐसा Eco System तैयार करने का है जो छात्रों को कम आयु में ही भविष्य की तकनीकों से परिचित कराए। हमारा प्रयास है कि Internet of Things, Artificial Intelligence, Block chain Technology, 3D और Robotics का अनुभव छात्रों को लेने के लिए इंजीनियरिंग कॉलेज तक पहुंचने का इंतजार न करना पड़े।

कम उम्र में ही Innovation का Mind Set तैयार करने की दिशा में हमने देशभर के करीब-करीब 2400 two thousand four hundred स्कूलों को चुना है। भविष्य में इन स्कूलों की संख्या को बढ़ाकर हमारी सरकार 30 हजार तक ले जाना चाहती है। Atal Tinkering Labs में छठी से 12वीं कक्षा के छात्रों पर Focus किया जा रहा है। इन Labs में Educational and Learning के concept पर अमल करते हुए बच्चों को आधुनिक तकनीक introduce कराई जा रही है।

Teen Age में एक बार Innovative Mind Set बना, तो समझ लीजिए कि आपका आधा काम हो चुका। इसके बाद बात आती है research के रास्ते को मजबूत करने की। और इसलिए Higher Technical Education के दौरान Research को प्रोत्साहित करने के लिए एक अहम फैसले का ऐलान इस बजट में किया गया है।

सरकार ने PMRF यानि Prime Minister Research Fellowship की घोषणा की है और मैं चाहूंगा कि आप सब इसका फायदा उठाएं। इसके तहत IIT, IISC, NIT जैसे संस्थानों के B Tech, M tech और M SC के Best Students को Prime Minister Fellowship दी जाएगी। हर साल एक हजार छात्रों को इसके लिए चुना जाएगा। इन छात्रों को पाँच साल तक हर महीने 70 से 80 हजार रुपए तक की आर्थिक सहायता भी दी जाएगी। अंतर्राष्ट्रीय conferences और seminars में वो अपने रिसर्च पेपर रख सकें इसके लिए 2 लाख रुपए की research grant भी सरकार द्वारा दी जाएगी।

साथियों, Second World War के बाद जिन देशों ने बहुत तेज गति से प्रगति की, उनमें एक बात common थी। उन देशों में Higher Educational Institutions के विकास पर बहुत जोर दिया गया, उनको प्राथमिकता दी गई। बड़े संस्थानों में हुए Innovations, Economic Growth का भी बड़ा आधार बनते हैं।

यही वजह है कि सरकार का जोर देश में Higher Educational Institutions को ज्यादा से ज्यादा स्वायत्तता यानी कि Autonomy देने का है। सरकार देश में world class 20 Institutions Of Eminence बनाने पर भी काम कर रही है। इनमें से चुने गए पब्लिक सेक्टर के 10 Institutes को कुल 10 हजार करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता भी सरकार द्वारा दी जाएगी।

एक तरफ हम भविष्य के लिए eco system तैयार कर रहे हैं, वहीं Start-up India जैसी स्कीम के तहत नए Start-up और entrepreneurs तैयार करने का काम किया जा रहा है। आपको बता दूं कि जबसे ये स्कीम लॉन्च हुई है तब से 6 हजार start-up को मंजूरी दी जा चुकी है। इन start-up को सरकार आर्थिक मदद दे रही है।

Friends, Innovation के कल्चर के साथ ही World Challenges को देखते हुए खुद को ढालना भी बहुत आवश्यक है। मुझे याद है जब हल्दी, नीम, बासमती जैसे पेटेंट भी दूसरे देशों ने करा लिए थे तो कितना कष्टकारी समय था। इसलिए हमारी सरकार ने Patenting और Copyright की व्यवस्था को भी सुधारने के लिए कई फैसले लिए।

इसका परिणाम है कि वर्ष 2013-14 में जहां 4 हजार के करीब patents register होते थे वहीं इस वर्ष फरवरी तक 11 हजार 300 से ज्यादा patents register हुए हैं। और मुझे विश्‍वास है कि ये सुन करके आपको गर्व होता होगा आपको खुशी होती होगी। यानि पहले की सरकार के मुकाबले करीब-करीब तीन गुना ज्यादा patent registration इस सरकार के समय हो रहा है। trade mark registration भी तीन साल में तीन गुना बढ़ गया है। 2013-14 में लगभग sixty eight thousand trade mark रजिस्टर होते थे और अब ये आंकड़ा ढाई लाख से ऊपर जा चुका है।

Innovation और Patenting के साथ ही Production पर भी हमारी सरकार का पूरा जोर है। Make in India एक ऐसा ब्रांड बन गया है जिसकी चर्चा पूरी दुनिया में है। आपको सिर्फ एक सेक्टर का उदाहरण दूं, तो आप पूरी तस्वीर समझ जाएंगे। Friends, 4 साल पहले हमारे देश में मोबाइल फोन बनाने वाली सिर्फ और सिर्फ दो फैक्टरियां थीं। और आप सब नौजवान इस फील्‍ड में हैं, आपको खुशी होनी चाहिए कि चार साल पहले हमारे देश में मोबाइल फोन बनाने वाली सिर्फ और सिर्फ दो फैक्‍टरी थीं, वहीं आज चार साल के भीतर-भीतर जो देश ने गति पकड़ी है, Make In India ने गति पकड़ी है, दो फैक्‍टरी से निकल करके आज हिन्‍दुस्‍तान में मोबाइल फोन बनाने वाली 120 factories आज देश में काम कर रही हैं।

जब Innovation, Patent और Production अपनी पूरी गति पकड़ते हैं तभी Prosperity – समृद्धि आने की गति भी तेज हो जाती है। लेकिन साथियों, इसमें एक और महत्वपूर्ण सवाल भी जुड़ा हुआ है। आखिर Innovation किसके लिए? क्‍या हमारे स्‍वयं के लिए कि हमारे देश के लिए या हमारे देश के गरीब-दुखी बंधुओं के लिए? अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए या देश की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए?

मैं मेरे नौजवान साथियों के सामने ये सवाल जान-बूझ करके रख रहा हूं। International Gadget के अंदर, मैगेजीन के अंदर, Scientific technology की दुनिया में हमारा पेपर छप जाएगा लेकिन संतोष तो तब मिलेगा कि मेरी कोई चीज अगर देश के काम आने वाली बने, और इसलिए इस बारे में भी विचार किया जाना चाहिए कि ऐसे innovations क्‍या हों , जो देश के लिए काम आएं। इस देश की समस्‍याओं का समाधान करें।

इस देश में Multiple Hackathons भी एक कदम हो सकता है। जैसे Health-Hackathon, Law-Hackathon, Architecture-Hackathon, Agriculture-Hackathon और Rural Hackathon. अनेक ऐसी चीजें हम निकाल सकते हैं। हमारे देश को अलग सोचने वाले, Innovative सोचने वाले agriculturists, architects हों,, doctors हों, lawyers हों, managers हों, इनक आवश्यकता है।

मुझे उम्‍मीद है ये Hakathone नई प्रतिभाओं को भी प्‍लेटफॉर्म देने का एक बड़ा माध्‍यम बन सकते हैं। इनके जरिए Public transportation से जुड़े हुए, Sanitation और Waste management से जुड़े हुए, स्वच्छता से जुड़े हुए, नए innovations को भी हम सामने ला पाएंगे।

इससे देश के लोगों के सामने रोजमर्रा की चुनौतियां तो कम होंगी ही, उनकी जिंदगी भी आसान बनेगी। इसके अलावा आपके Innovations देश की सेवा करने का काम भी करेंगे।

जैसे मुझे बताया गया है कि आप सभी इस Hackathon में high resolution images के लिए Drones का कैसे इस्तेमाल किया जाए; इस पर भी कार्य कर रहे हैं। अब इससे जुड़ा कोई भी Innovations देश की बहुत बड़ी सेवा होगा।

आप जानकर हैरान होंगे कि Drones द्वारा ली जा रही तस्वीरों को कैसे हमारी सरकार ने योजनाओं की मॉनीटरिंग से जोड़ दिया है। आज प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जो घर बनते हैं, प्रधानमंत्री सिंचाई परियोजना के तहत जिन अधूरी योजनाओं को पूरा किया जा रहा है, मनरेगा के तहत जो कार्य किया जा रहा है, उसकी Geo-Tagging और Mapping में इनकी बहुत बड़ी भूमिका है।

पिछले महीने की बात है जब प्रगति की बैठक के दौरान हमने ड्रोन कैमरा के माध्यम से Live समीक्षा की थी, कि केदार घाटी में निर्माण का काम कितना पूरा हो गया है। खैर वहां बर्फ-वर्षा चल रही थी, टेक्‍नोलॉजी कनेक्टिीविटी में कुछ कठिनाई भी हो रही थी लेकिन फिर भी एक चित्र मेरे सामने प्रस्‍तुत हुआ। दिल्‍ली में बैठकर मैं पूरा उसको खुद उसको मॉनीटर कर पाया। अब आप सभी कुछ Innovate करेंगे तो आने वाले दिनों में ऐसी चीजों का इस्‍तेमाल करना भी बहुत सामान्‍य हो जाएगा।

मेरे जिन नौजवान साथियों को प्रगति की बैठकों के बारे में नहीं पता है, उन्हें मैं बताना चाहता हूं कि हमारी सरकार ने मॉनीटरिंग का ये आधुनिक सिस्टम develop प किया है। इसमें प्रधानमंत्री कार्यालय में हम लोग बैठते हैं, राज्यों के संबंधित अफसर सैटेलाइट से हमारे साथ जुड़ते हैं और योजनाओं की real time monitoring की जाती है। योजना पूरी होने में क्यों देर हो रही है, क्या दिक्कत हो रही है, कितना काम हुआ है, कितना अधूरा है, ये सब हमारे सामने होता है।

साथियों, बदलते समय में अब किसी भी देश की आर्थिक प्रगति अब उसके Innovation Quotient पर निर्भर करती है। हमारे देश में साधनों की कमी नहीं है, संसाधनों की कमी नहीं है; सामर्थ्य आप नौजवानों में भरपूर है। मेरा एक आग्रह जरूर है। जितने सपने आप देखना चाहें, वो देखिए, लेकिन उन्हें पूरा करने के लिए कदम भी अवश्य उठाइए। किसी भी सपने को मरने मत दीजिए। जब हौसला सपने पूरे करने के लिए कुछ भी कर गुजरने का होगा, तभी आप लक्ष्य को प्राप्त भी कर पाएंगे।

याद रखिए- मैं जिस पीढ़ी से हूं, आप जिस पीढ़ी से हैं, हम वो लोग हैं जिन्‍हें स्वतंत्रता के लिए लड़ने का अवसर नहीं मिला, जेलों में जिंदगी गुजारने का अवसर नहीं मिला, अपनी जवानी देश के लिए खपाने का अवसर नहीं मिला, देश के लिए मरने का मौका नहीं मिला, लेकिन हम सभी को देश के लिए जीने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। मरने का मौका न मिला लेकिन जीने का अवसर मिला है। देश के लिए जीने का अवसर मिला है। गरीब, सामान्‍य व्‍यक्ति की जिंदगी के लिए जीने का अवसर मिला है। और इसलिए अपनी प्रतिभा, अपना सामर्थ्‍य देश पर लगाइए। टेक्नोलॉजी का बेहतर इस्तेमाल कैसे देश के लिए हो सकता है, इस बारे में निरंतर सोचते रहिए, प्रयास करते रहिए।

दोस्‍तों, मैं देख रहा हूं कि आप सुबह से बैठे हैं और कल रात तक बैठने वाले हैं, 36 घंटे बहुत होते हैं। मैं भी आज का आपका अनुभव सुनना चाहूंगा। आपको इतने तनावपूर्ण में वहां शायद आपको कुछ relax करने के लिए कुछ प्राणायाम भी कर लेते होंगे जरा गहरी सांस भी ले लेते होंगे या हाथ-पैर ऊपर करके थोड़ा योगा का भी स्‍वाद लेते होंगे। ताकि थोड़ा मानसिक एक खुलापन आ जाए तो तेज गति से नए-नए विचार आते हैं और आप जिस task को कर रहे हैं उस task की seeding मैं भी आपके बीच कर रहा हूं।

सबसे पहले मैं जब मैं आपके बीच आया हूं तो मैं चाहूंगा कि कुछ आपके भी अनुभव सुनूं। अलग-अलग क्षेत्र में जाऊंगा। मुझे बताया गया था, शायद मुझे सबसे पहले पानीपत के नौजवानों से बात करने का मौका मिल रहा है-

चलें दोस्तों, मुझे काफी आपसे बातचीत करने का मौका मिला। आप लोगों से विस्तार से बातचीत करने का अवसर मिला और मुझे विश्वास है कि आप लोग जो कुछ भी यह कर रहे हैं ये देश को बहुत काम आने वाला है। इससे कई लाभ हैं, एक सरकार की जो बनी बनाई एक structure है उसके अंदर आपके विचार inject होते हैं; सरकारी व्यवस्था, जो कि बहुत पुरानी होती है उसमें एक नए विचार के कारण एक नया thought process शुरू होता है, उसको बड़े झटके भी लगते हैं, लेकिन उससे एक नए परिवर्तन का प्रयास होता है। सरकार की सीमाओं के बाहर रहते हुए भी आप एक larger prospective में जब चीज देखते हैं तो उसकी अपनी एक ताकत है। और मुझे विश्वास है कि ये participative gorvernance जो है जनभागीदारी से सुशासन, ये जनभागीदारी से सुशासन का जो प्रयास है उसमें आपका ये योगदान बहुत बड़ी अहमियत रखता है। एक लाख नौजवानों का 36 घंटे, 36 लाख man hour, मैं समझता हूं Guinness Book Of World Records वालों को इसमें आकर अब ढूंढ़ना पड़ेगा कि इतना बड़ा काम कैसे हुआ। ये आप कर रहे हैं और मैं ये देख रहा हूं कि सिर्फ students नहीं, professors भी, coaches भी, even technology में interested लोग भी मुझे कई सामने दिख रहे हैं। मैं उनको भी अभिनंदन देता हूं, professionals लोगों को अभिनंदन देता हूं कि उन्होंने नौजवानों को प्रोत्साहित करने के लिए अपना समय दिया। 36 घंटे उनके साथ रह करके उनको प्रेरित करके solution में वो मदद कर रहे हैं। ये आप सबका सामूहिक प्रयास, आप जो solution देंगे, सरकार वर्षों से जिन चीजों को एक पुराने ढर्रे में चला रही है, व्यवस्थाओं में speed नहीं आ रही है, आपके कारण वो पद्धतियां बदलेंगी, व्यवस्थाएं बदलेंगी, परिणाम उत्तम मिलेंगे। उसी एक अपेक्षा के साथ मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि आपके इन प्रयासों के पीछे सरकार पूरी तरह लगी रहेगी। आपके हर solution को हर department नापेगा, परखेगा और उसमें से रास्ता निकालने का कोशिश करेगा। आपको अभी और 24 घंटे काम करना है। मेरी तरफ से आप सबको बहुत-बहुत शुभकामनाएं और मुझे अच्छा लगा, मेरी युवा पीढ़ी के साथ गप्पे-गोष्ठी करने का chance मिल गया, बहुत-बहुत धन्यवाद।

 

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।