स्वच्छ भारत अभियान के लिए प्रधानमंत्री मोदी को मिला 'ग्लोबल गोलकीपर अवॉर्ड'
स्वच्छ भारत मिशन ने न सिर्फ भारत के करोड़ों लोगों के जीवन को बेहतर बनाया गया है, उनकी गरिमा की रक्षा की है बल्कि संयुक्त राष्ट्र के लक्ष्यों को भी प्राप्त करने में अहम भूमिका निभाई है: पीएम मोदी
गांधी जी कहते थे कि एक आदर्श गांव तभी बन सकता है, जब वो पूरी तरह स्वच्छ हो, आज हम गांव ही नहीं, पूरे देश को स्वच्छता के मामले में आदर्श बनाने की तरफ बढ़ रहे हैं: प्रधानमंत्री

Mrs and Mr Gates,
Excellencies,
Friend,

आप सभी ने जो सम्मान दिया है, उसके लिए मैं आपका हृदय से बहुत-बहुत आभारी हूं। ये सम्मान मेरा नहीं बल्कि उन करोड़ों भारतीयों का है जिन्होंने स्वच्छ भारत के संकल्प को न केवल सिद्ध किया बल्कि अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में ढाला भी है। बिल और मिलिंडा गेट् फाउंडेशन से पुरस्कार प्राप्त करना, मेरे लिए दो और वजहों से विशेष है। पहला, स्वच्छ भारत मिशन में ये फाउंडेशन एक अहम भागीदार के तौर पर भारत के दूर-दराज वाले इलाकों में काम कर रहा है। दूसरा, बिल और मिलिंडा गेट्स जिस तरह व्यक्तिगत जीवन में अनेक सफलताएं प्राप्त करने के बाद अब सामाजिक जीवन में अपना योगदान दे रहे हैं, उसे मैं बहुत प्रशंसा की दृष्टि से देखता हूं।

साथियों,

महात्मा गांधी की 150 जन्म जयंती पर मुझे ये अवार्ड दिया जाना मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से भी बहुत महत्वपूर्ण है। ये इस बात का प्रमाण है कि अगर 130 करोड़ लोगों की जनशक्ति, किसी एक संकल्प को पूरा करने में जुट जाए, तो किसी भी चुनौती पर जीत हासिल की जा सकती है। मुझे याद है कि जब पाँच साल पहले मैंने स्वच्छ भारत का जिक्र किया था तो किस तरह की प्रतिक्रिया आई थी। आज भी कई बार लोग मुझ पर ताने कसते हैं। लेकिन जब एक लक्ष्य को लेकर, एक मकसद को लेकर काम किया जाता है, अपने काम के लिए प्रतिबद्धता होती है, तो ऐसी बातें मायने नहीं रखतीं। मेरे लिए मायने रखता है, 130 करोड़ भारतीयों का, अपने देश को स्वच्छ बनाने के लिए एकजुट हो जाना। मेरे लिए मायने रखता है, 130 करोड़ भारतीयों में, स्वच्छता के लिए एक सोच विकसित होना। मेरे लिए मायने रखता है, 130 करोड़ भारतीयों का हर वो प्रयास जो उन्होंने स्वच्छ भारत के लिए किया है। और इसलिए, मैं ये सम्मान उन भारतीयों को समर्पित करता हूं जिन्होंने स्वच्छ भारत मिशन को एक जनआंदोलन में बदला, जिन्होंने स्वच्छता को अपनी दैनिक जिंदगी में सर्वोच्च प्राथमिकता देनी शुरू की। आज मुझे वो बुजुर्ग महिला याद आ रही है जिसने गांव में शौचालय बनाने के लिए अपनी बकरियां बेच दीं। आज मुझे वो रिटायर्ड शिक्षक याद आ रहे हैं जिन्होंने शौचालयों के निर्माण के लिए अपनी पूरी पेंशन दान कर दी। आज मुझे वो महिला याद आ रही है जिसने घर में शौचालय बनाने के लिए अपना मंगलसूत्र तक बेच दिया।

भाइयों और बहनों,

हाल-फिलहाल में किसी देश में, ऐसा अभियान सुनने और देखने को नहीं मिला। ये अभियान शुरू भले हमारी सरकार ने किया था, लेकिन इसकी कमान जनता ने खुद अपने हाथों में ले ली थी। इसी का नतीजा था कि बीते पाँच साल में देश में रिकॉर्ड 11 करोड़ से ज्यादा शौचालयों का निर्माण कराया जा सका। इसी का नतीजा है कि 2014 से पहले जहां ग्रामीण स्वच्छता का दायरा 40 प्रतिशत से भी कम था, आज वो बढ़कर करीब-करीब 100 प्रतिशत पहुंच रहा है। सोचिए, आजादी के बाद 70 साल में 40 प्रतिशत से कम और 5 साल में लगभग 100 प्रतिशत। लेकिन मैं मानता हूं कि स्वच्छ भारत मिशन की सफलता, किसी भी आंकड़े से ऊपर है। इस मिशन ने अगर सबसे ज्यादा लाभ किसी को पहुंचाया तो वो देश के गरीब को, देश की महिलाओं को। जो साधन संपन्न हैं, उनके लिए घरों में दो-दो तीन-तीन शौचालय बनवाना भी साधारण बात है। लेकिन शौचालय न होने का मतलब क्या होता था, इसे वो भली-भांति जानता था, जो इस सुविधा से वंचित था। खासकर, महिलाओं को, बेटियों-बहनों के लिए तो शौचालय न होना, उनके जीवन की सबसे बड़ी मुश्किलों में से एक था। ये उनकी गरिमा, उनकी इज्जत के खिलाफ था। ये मेरा व्यक्तिगत अनुभव है कि सारी स्थिति जानने के बावजूद, ये सोच ही नहीं थी कि घर में शौचालय का निर्माण कितना अहम है। आप कल्पना कर सकते हैं कि सुबह से लेकर पूरे दिन, महिलाएं शाम होने का इंतजार करती थीं। खुले में शौच से होने वाली बीमारियों के साथ ही, ये इंतजार उन्हें और बीमारियों की तरफ धकेल देता था।

शौचालय न होने की वजह से अनेक बच्चियों को अपनी स्कूल की पढ़ाई बीच में छोड़नी पड़ती थीं। हमारी बेटियां पढ़ना चाहती हैं, लेकिन शौचालय की कमी, उन्हें स्कूल छोड़कर घर बैठने के लिए मजबूर कर रही थी। देश की गरीब महिलाओं को, बेटियों को इस स्थिति से निकालना मेरी सरकार का दायित्व था और हमने इसे पूरी शक्ति से निभाया, पूरी ईमानदारी से निभाया। आज मेरे लिए ये बहुत संतोष की बात है कि स्वच्छ भारत मिशन, लाखों जिंदगियों के बचने का माध्यम बना है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की ही रिपोर्ट है कि स्वच्छ भारत की वजह से 3 लाख जिंदगियों को बचाने की संभावना बनी है। इसी तरह यूनिसेफ ने अनुमान लगाया है कि गांव में रहने वाला हर वो परिवार जो अपने घरों में शौचालय बनवा रहा है उसे कम से कम 50 हजार रुपए की बचत हो रही है।

मुझे बताया गया है कि बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन की एक रिपोर्ट में भी आया है कि भारत में Rural Sanitation बढ़ने से बच्चों में Heart Problem कम हुई हैं और महिलाओं के Body Mass Index में भी सुधार आया है। स्वच्छता के इन्हीं सब फायदों को देखते हुए महात्मा गांधी ने कहा था कि वो स्वतंत्रता से ज्यादा महत्वपूर्ण स्वच्छता को मानते हैं। आज मुझे इस बात की भी खुशी है कि महात्मा गांधी ने स्वच्छता का जो सपना देखा था, वो अब साकार होने जा रहा है। गांधी जी कहते थे कि एक आदर्श गांव तभी बन सकता है, जब वो पूरी तरह स्वच्छ हो। आज हम गांव ही नहीं, पूरे देश को स्वच्छता के मामले में आदर्श बनाने की तरफ बढ़ रहे हैं।

भाइयों और बहनों,

संयुक्त राष्ट्र की स्थापना के समय से ही इसका प्रमुख उद्देश्य लोगों के जीवन को बेहतर बनाना रहा है। स्वच्छ भारत मिशन ने न सिर्फ भारत के करोड़ों लोगों के जीवन को बेहतर बनाया गया है, उनकी गरिमा की रक्षा की है बल्कि संयुक्त राष्ट्र के लक्ष्यों को भी प्राप्त करने में अहम भूमिका निभाई है।

यूनिसेफ की एक और स्टडी के बारे में मैं आपको याद दिलाना चाहता हूं। इस रिपोर्ट में सामने आया है कि बीते पाँच साल में ग्राउंड वॉटर की क्वालिटी बहुत सुधरी है और मैं मानता हूं कि इसमें भी बहुत बड़ा योगदान स्वच्छ भारत मिशन का है। स्वच्छ भारत मिशन का एक और प्रभाव है जिसकी चर्चा बहुत कम हुई है। इस अभियान के दौरान बनाए गए 11 करोड़ से ज्यादा शौचालयों ने ग्रामीण स्तर पर economic activity का एक नया द्वार भी खोल दिया। शौचालय निर्माण के लिए जुटाए गए raw material ने, रानी मिस्त्री के तौर पर मिलने वाले महिलाओं के काम ने, बहुत जमीनी स्तर पर गरीबों को रोजगार के नए अवसर दिए।

साथियों,

लोकतंत्र का सीधा सा अर्थ है कि व्यवस्थाओं और योजनाओं के केंद्र में लोक यानि People रहने चाहिए। एक सशक्त लोकतंत्र वही होता है जो जनता की जरूरत को केंद्र में रखकर नीतियों का निर्माण करता है। और जहां जनता-जनार्दन की अपेक्षा और आवश्यकता, सरकार की नीतियां और निर्णय एक प्लेटफॉर्म होते हैं, तो जनता खुद योजनाओं को सफल बना देती है। स्वच्छ भारत अभियान में लोकतंत्र की इस शक्ति की भी झलक है। स्वच्छ भारत मिशन की सफलता, संविधान की एक व्यवस्था को भी जीवंत करने का उदाहरण है।

साथियों,

भारत ने दशकों तक सिर्फ Constitutional Federalism ही देखा था। हमारी सरकार ने इसे Co-Operative Federalism में बदलने का प्रयास किया और समय के साथ अब हम Competitive- Cooperative Federalism के मार्ग पर आगे बढ़ रहे हैं। इस अभियान में भारत के अलग-अलग राज्यों ने जिस तरह आगे बढ़कर हिस्सा लिया, लोगों को जागरूक किया, शौचालयों के निर्माण के लिए काम किया, वो भी प्रशंसनीय है। इस अभियान के दौरान केंद्र सरकार ने स्वच्छता से जुड़े हर विषय पर राज्य सरकारों को साझीदार और भागीदार बनाया। ट्रेनिंग से लेकर फंडिंग तक में कोई कमी नहीं छोड़ी गई। राज्यों को हर तरीके से मदद दी गई कि वो अपने स्तर पर, अपने तरीके से स्वच्छ भारत अभियान को गति दें, उससे जुड़े संकल्प पूरे करें। आज मुझे खुशी है कि स्वच्छता सर्वेक्षण के माध्यम से अब राज्यों में आपस में होड़ लगी है कि कौन का राज्य स्वच्छता रैंकिंग में सबसे ऊपर जगह बनाता है।

Friends & Excellencies

दुनिया के लिए भारत के इस योगदान से मुझे इसलिए भी खुशी होती है क्योंकि हमने विश्व को अपना परिवार माना है। हज़ारों वर्षों से हमें ये सिखाया गया है कि उदार चरितानाम तु वसुधैव कुटुम्बकम्। यानी बड़ी सोच वालों के लिए, बड़े दिल वालों के लिए पूरी धरती ही एक परिवार है। लिहाज़ा Sanitation और Hygiene के लिए International Cooperation में भारत मजबूत भूमिका निभाना चाहता है। हम अपने Experience को, अपनी Expertise को, दुनिया के दूसरे देशों के साथ शेयर करने के लिए तैयार हैं। भारत, स्वच्छता को लेकर अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के करीब है, लेकिन भारत दूसरे बड़े मिशन पर भी तेज़ी से काम कर रहा है। Fit India Movement के जरिए Fitness और Preventive Healthcare को Promote करने का अभियान चल रहा है। 2025 तक हमने भारत को टीबी से मुक्त करने का लक्ष्य रखा है और हम Universal Immunisation की तरफ भी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। National Nutrition Mission से अनीमिया और Stunting जैसी समस्या से भी भारत बहुत तेजी से काबू पाने वाला है। जल जीवन मिशन के तहत हमारा फोकस Water conservation और Recycling पर है, ताकि हर भारतीय को पर्याप्त और साफ पानी मिलता रहे।

और भारत ने साल 2022 तक सिंगल यूज़ प्लास्टिक से मुक्ति का अभियान भी चलाया है। आज जब मैं आपसे बात कर रहा हूं, तब भी भारत के अनेक हिस्सों में प्लास्टिक वेस्ट को इकट्ठा करने का काम चल रहा है। ऐसे अनेक जनआंदोलन आज भारत में चल रहे हैं। मुझे 1.3 बिलियन भारतीयों के सामर्थ्य पर पूरा विश्वास है। मुझे विश्वास है कि स्वच्छ भारत अभियान की तरह बाकी मिशन भी सफल होंगे। इसी उम्मीद के साथ बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन के तमाम साथियों को, इस अवॉर्ड के लिए और यहां मौजूद बाकी साथियों को फिर से धन्यवाद के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं।

बहुत-बहुत धन्यवाद !!!

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Prime Minister condoles passing away of former Prime Minister Dr. Manmohan Singh
December 26, 2024
India mourns the loss of one of its most distinguished leaders, Dr. Manmohan Singh Ji: PM
He served in various government positions as well, including as Finance Minister, leaving a strong imprint on our economic policy over the years: PM
As our Prime Minister, he made extensive efforts to improve people’s lives: PM

The Prime Minister, Shri Narendra Modi has condoled the passing away of former Prime Minister, Dr. Manmohan Singh. "India mourns the loss of one of its most distinguished leaders, Dr. Manmohan Singh Ji," Shri Modi stated. Prime Minister, Shri Narendra Modi remarked that Dr. Manmohan Singh rose from humble origins to become a respected economist. As our Prime Minister, Dr. Manmohan Singh made extensive efforts to improve people’s lives.

The Prime Minister posted on X:

India mourns the loss of one of its most distinguished leaders, Dr. Manmohan Singh Ji. Rising from humble origins, he rose to become a respected economist. He served in various government positions as well, including as Finance Minister, leaving a strong imprint on our economic policy over the years. His interventions in Parliament were also insightful. As our Prime Minister, he made extensive efforts to improve people’s lives.

“Dr. Manmohan Singh Ji and I interacted regularly when he was PM and I was the CM of Gujarat. We would have extensive deliberations on various subjects relating to governance. His wisdom and humility were always visible.

In this hour of grief, my thoughts are with the family of Dr. Manmohan Singh Ji, his friends and countless admirers. Om Shanti."