बिहार में ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के मंत्र की जीत हुई है: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
कल के नतीजों में देश की जनता ने फिर यह तय कर दिया है कि 21वी सदी में देश की राजनीति का मुख्य आधार- सिर्फ और सिर्फ विकास ही होगा: प्रधानमंत्री मोदी
आज भाजपा ही देश की एकमात्र राष्ट्रीय पार्टी है, जिसमें गरीब, दलित, पीड़ित, शोषित, वंचित, अपना प्रतिनिधित्व देखते हैं, अपना भविष्य देखते हैं: पीएम मोदी
21वीं सदी का भारत, एक नए मिजाज का भारत है। न हमें आपदाएं रोक सकती हैं और न ही बड़ी-बड़ी चुनौतियां। मैं एक नए भारत के उदय को देख रहा हूं: प्रधानमंत्री

 

भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय,नमस्कार..

मैं आज आभार व्यक्त करता हूं, महान देश की महान जनता का, मैं आज धन्यवाद अर्पित करता हूं देश के कोटि-कोटि नागरिकों का।
धन्यवाद इसलिए नहीं कि उन्होंने इन चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को इतनी बड़ी सफलता दी है, इसके लिए तो वो हकदार हैं ही।
धन्यवाद इसलिए, क्योंकि लोकतंत्र के इस महान पर्व को हम सभी ने मिलकर बहुत उत्साह से मनाया है। चुनाव भले ही कुछ सीटों पर हुआ हो, कुछ क्षेत्रों में हुआ हो, लेकिन कल सुबह से लेकर देर रात तक, पूरे देश की नजरें टीवी पर थीं, ट्विटर पर थीं, चुनाव आयोग की वेबसाइट पर थीं।

लोकतंत्र के प्रति हम भारतीयों की जो आस्था है, उसकी मिसाल पूरी दुनिया में कहीं नहीं मिलती। चुनाव नतीजों में हार-जीत अपनी जगह है लेकिन चुनाव की ये प्रक्रिया हर भारतीय के लिए गौरव का विषय है। इसलिए मैं पूरे देश को बधाई देता हूं, कोटि-कोटि देशवासियों का धन्यवाद करता हूँ। इन चुनावों को सफलतापूर्वक, शांतिपूर्वक, संपन्न कराने के लिए चुनाव आयोग, देश के सुरक्षाबल और स्थानीय प्रशासन भी बधाई के पात्र हैं।

कुछ चीजें तो हम देश में भूल गए हैं। आपको पता होगा, पहले जब चुनाव होते थे दूसरे दिन क्या खबर आती थी, हेडलाइन। इतने बूथ लूट लिए गए, इतने बूथ में रीपोलिंग होगा।
आज हेडलाइन होती है, पहले से इतना परसेंटेज वोटिंग बढ़ा, पुरुषों से महिलाओं का वोटिंग बढ़ा। यानी पुरानी चीजें, बिहार में चुनाव मतलब, इतने लोग मारे गए, इतने बूथ लूटे गए यही खबरें रहती थीं। एक भी बूथ में रीपोलिंग ना होना, शांतिपूर्ण मतदान होना और कोरोना के कारण मतदान कम होगा, ये सारी आशंकाओं को जहां-जहां चुनाव हुआ लोगों ने निरस्त कर दिया, यही तो देश की ताकत है।

कोरोना के इस संकट काल में ये चुनाव कराना आसान नहीं था। लेकिन हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्थाएं इतनी सशक्त हैं, पारदर्शी हैं, कि इस संकट के बीच भी उन्होंने इतना बड़ा चुनाव, कराकर के दुनिया को भी भारत की पहचान कराई है।

साथियो, इन चुनाव परिणामों में भाजपा को, एनडीए को अपार जन समर्थन मिला है, इसके लिए भारतीय जनता पार्टी के, एनडीए के लाखों कार्यकर्ता भाइयो-बहनो को जितनी बधाई दूं उतनी कम है। मैं हर कार्यकर्ता को, उनके परिवारजनों को हृदय से बधाई देता हूं। ये चुनावी नतीजे भारतीय जनता पार्टी के हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमान जेपीनड्डा जी की कुशलता और प्रभावी रणनीति का भी परिणाम है।
मैं कहूंगा नड्डा जी आगे बढ़ो, आप कहिएगा हम सब आपके साथ हैं।
नड्डा जी आगे बढ़ोहम सब आपके साथ हैं, नड्डा जी आगे बढ़ोहम सब आपके साथ हैं, नड्डा जी आगे बढ़ोहम सब आपके साथ हैं।

भाइयो और बहनो, कल जो चुनाव नतीजे आए, उसका निहितार्थ बहुत गहरा है, उसके मायने बहुत बड़े हैं। लोकसभा चुनाव में जो नतीजे आए थे, ये उसका और व्यापक विस्तार है।

भारतीय जनता पार्टी पूर्व में जीती, मणिपुर में कमल का झंडा फहरा दिया। भारतीय जनता पार्टी सुदूर पश्चिम में, कच्छ के रेगिस्तान में, अबडासा में, गुजरात की सभी की सभी सीटें जीत लीं। भाजपा को उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में विजय प्राप्त हुई और भाजपा को दक्षिण में कर्नाटका-तेलंगाना में सफलता मिली।

इन दिनों दो केंद्रशासित प्रदेशों में भी चुनाव हुआ, जैसे अभी नड्डा जी बता रहे थे लद्दाख में, उसी प्रकार दीव, दमन और सिलवास में भी, वहां भी भारतीय जनता पार्टी का जय-जयकार हो गया।

भाजपा ही एकमात्र ऐसी राष्ट्रीय स्तर की पार्टी है जिसका परचम देश के नागरिकों ने ही पूरे देश में फहराया है। आप याद कीजिए कभी हम दो सीट पर थे औरदो कमरों से पार्टी चला करती थी, आज हिंदुस्तान के हर कोने में हैं। हर किसी के दिल में है।
आखिर ऐसा क्यों हुआ, कैसे हुआ?
इसका उत्तर कल जो नतीजे आए हैं, उसी में मिल जाता है।

साथियो,भारत के लोग, 21वीं सदी के भारत के नागरिक, बार-बार अपना संदेश स्पष्ट कर रहे हैं।अब सेवा का मौका उसी को मिलेगा, जो देश के विकास के लक्ष्य के साथ ईमानदारी से काम करेगा।
हर राजनीतिक दल से देश के लोगों की यही अपेक्षा है कि देश के लिए काम करो, देश के काम से मतलब रखो।
कल जो नतीजे आए, उन्होंने साबित कर दिया है कि आप काम करेंगे, तो लोगों से आपको भरपूर आशीर्वाद भी मिलेगा।आप खुद को समर्पित करेंगे, चौबीसों घंटे देश के विकास के बारे में सोचेंगे, कुछ नया करने की चेष्टा करेंगे, तो आपको नतीजे भी मिलेंगे।
देश की जनता आपकी मेहनत को देख रही है, आपकी तपस्या को देख रही है, आपकी नीयत को देख रही है, और इसीलिए चुनाव के समय बिना किसी भ्रम में पड़े जनता-जनार्दन आपको वोट कठिनाई के बीच से निकलकर के देकर के आती है।
कल के नतीजों में देश की जनता ने फिर ये तय कर दिया है कि 21वीं सदी में देश की राजनीति का मुख्य आधार- सिर्फ और सिर्फ विकास ही होगा।

साथियो, हमारे यहां ये भी कई बार कहा जाता है कि बैंक खाते, गैस कनेक्शन, घर, स्वरोजगार के लिए सुविधाएं, अच्छी सड़कें, अच्छे रेलवे स्टेशन, बेहतर हवाई अड्डे, नदियों पर बनते आधुनिक पुल, इंटरनेट कनेक्टिविटी,ऐसे मुद्दे कोई अहमियत नहीं रखते। सुना होगा आपने ऐसा।
जनता ऐसे लोगों को बार-बार ये कह रही है कि असली मुद्दे यही हैं।
देश का विकास, राज्य का विकास, आज सबसे बड़ी कसौटी है और आने वाले समय में भी यही चुनाव का आधार रहने वाला है। जो लोग ये नहीं समझ रहे, इस बार भी, क्या हुआ मालूम है ना, जगह-जगह जमानत जब्त हो गई है।

साथियो,आज देश, भारतीय जनता पार्टी पर जो स्नेह दिखा रहा है, एनडीए पर जो स्नेह दिखा रहा है उसकी सबसे बड़ी वजह यही है कि भाजपा ने, एनडीए ने देश के विकास को, लोगों के विकास को अपना सर्वोपरि लक्ष्य बनाया हुआ है। और मैं देश वासियों को विश्वास दिलाना चाहता हूं और हम सभी कार्यकर्ता उसी संकल्प से बंधे हुए हैं।
हम हर वो काम करेंगे जो देश को आगे ले जाए।हम हर वो फैसला लेंगे जो देशहित में हो, देश के लोगों के हित में हो।
साथियो, आज भाजपा ही देश की एकमात्र राष्ट्रीय पार्टी है, जिसमें गरीब, दलित, पीड़ित, शोषित, वंचित, अपना प्रतिनिधित्व देखते हैं, अपना भविष्य देखते हैं।
आज भाजपा ही देश की एकमात्र राष्ट्रीय पार्टी है, जो समाज के हर वर्ग की आवश्यकताओं को समझती है, हर क्षेत्र की आवश्यकताओं को समझती है और उनके लिए काम कर रही है।आज भाजपा ही एकमात्र पार्टी है जो राष्ट्रीय आकांक्षाओं के साथ ही हर क्षेत्र के गौरव को भी उतने ही गर्व के साथ अपने साथ लेकर चलती है।
और इसलिए,
आज देश के नौजवानों को सबसे ज्यादा भरोसा किसी पर है तो वो भाजपा है।दलितों-पीड़ितों-शोषितों की अगर कोई आवाज है, तो वो भाजपा है।देश के मध्यम वर्ग के सपनों को पूरा करने के लिए कोई दिन-रात प्रयास अगर कोई कर रहा है, तो वो भाजपा है।
महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए, उनकी गरिमा-उनका गौरव सुनिश्चित करने के लिए जिस पार्टी पर भरोसा किया जा रहा है, तो वो भाजपा है।आर्थिक सुधार हों, कृषि सुधार हों या फिर देश की सुरक्षा, शिक्षा की बात हो, नई व्यवस्थाओं की बात हो या फिर किसानों-श्रमिकों का हित, ये भाजपा ही है जिस पर देश आज सबसे ज्यादा भरोसा कर रहा है।
ये भरोसा भाजपा के लिए, मेरे लिए, आपके प्रधानसेवक के लिए बहुत बड़ी पूंजी है।ये भरोसा, ये हमारी सबसे बड़ी पूंजी है।

साथियो,ये भाजपा ही है, जिसके लिए लोगों का आशीर्वाद और जनता-जनार्दन का स्नेह निरंतर बढ़ता जा रहा है।लोकसभा चुनाव में पार्टी ने पहले से और ज्यादा सीटें जीतकर सरकार में अपनी वापसी की।
बिहार में तीन बार सरकार में रहने के बाद भाजपा ही एकमात्र पार्टी है जिसकी सीटों में वृद्धि हुई है।
गुजरात में भाजपा 90 के दशक से है और वहां भी इन उपचुनावों में पार्टी ने सभी सीटें जीतकर दिखाई हैं।मध्य प्रदेश में भी भाजपा ने सीटें जोड़ी हैं जबकि वहां भी हमारी सरकार इतने वर्षों से सत्ता में है।
यानी, देश के लोग भाजपा को ही बार-बार मौका दे रहे हैं।भाजपा पर ही सबसे ज्यादा विश्वास कर रहे हैं।
साथियो,भाजपा की सफलता के पीछे उसका गवर्नेंसमॉडल है।जब लोग गवर्नेंसके बारे में सोचते हैं, तो भाजपा के बारे में भी सोचते हैं।
भाजपा सरकारों की पहचान ही गुड गवर्नेंस। गुड गवर्नेंससे कैसे स्थितियां बदल जाती हैं, बड़ी से बड़ी आपदाओं का सामना करने में इससे मदद मिलती है औरये हमने कोरोना के इस काल में भी देखा है।
जब कोरोना आया, तो ये संकट कितना बड़ा है, इसका अंदाजा बड़े-बड़े एक्सपर्ट और वैज्ञानिक भी नहीं लगा पाए थे।दुनिया में ऐसा कोई नहीं है जिसे कोरोना ने प्रभावित न किया हो।लेकिन कोरोना के खिलाफ जैसी लड़ाई भारत ने लड़ी, वैसी संभवत: कहीं नहीं लड़ी गई।
जनता कर्फ्यू से लेकर अभी तक जिस तरह इस महामारी का मुकाबला किया गया, इन चुनाव नतीजों ने, उसे भी अपना समर्थन दिया है।
कोरोना काल में गरीब को राशन से लेकर रोजगार तक के लिए, जिस स्तर पर भारत में प्रयास हुए हैं, ये उसको समर्थन है।कोरोना काल में बचाया गया एक-एक जीवन भारत की सफलता की कहानी है।

साथियो, मुझे पता है आप लोग और खासकर मीडिया के साथी बार-बार सोच रहे होंगे कि मोदी ये लंबा-लंबा बोल रहा है लेकिन बिहार पर भी तो कुछ बोलूं, बिहार पर भी जरा विस्तार से बात करूं, बिहार तो सबसे खास है।
अगर आज आप मुझे बिहार के चुनाव नतीजों के बारे में पूछेंगे तो मेरा जवाब भी जनता के जनादेश की तरह, जैसे बिहार की जनता ने जनादेश दिया है, जितना साफ-सुथरा जनादेश दिया है मेरा जवाब भी उतना ही साफ है और मेरा एक ही जवाब है, चुनाव जीतने का एक ही रहस्य है,सबका साथ-सबका विकास, सबका विश्वास, इस मंत्र की जीत हुई है।बिहार में विकास के कार्यों की जीत हुई है।
बिहार में सच जीता है, विश्वास जीता है। बिहार का युवा जीता है, बिहार कीमाताएं-बहनें-बेटियां जीती हैं,बिहार का गरीब जीता है, किसान जीता है। ये बिहार की आकांक्षाओं की जीत है, बिहार के गौरव की जीत है।
ये दिखाता है कि बिहार के जन-जन में NDA की परफॉर्मेंस, और भविष्य की संभावनाओं के प्रति कितना विश्वास है।
मैं बिहार के अपने भाइयों और बहनों से कहूंगा,
आपने एक बार फिर सिद्ध किया है कि बिहार क्यों लोकतंत्र की जमीन कहा जाता है।आपने फिर सिद्ध किया है कि वाकई, बिहारवासी पारखी भी हैं और जागरूक भी।
आत्मनिर्भर बिहार के जिस संकल्प के लिए आपने जो अपार प्यार दिया है, उससे भी मैं और हमारी पूरी टीम अभिभूत हैं।हम सभी भाजपा के कार्यकर्ता, नीतीश जी के नेतृत्व में NDA के कार्यकर्ता, हर बिहारवासी के साथ, इस संकल्प को सिद्ध करने में कोई कसर बाकी नहीं रखेंगे।

और साथियो,मैं कल से टीवी पर देख रहा हूं, अखबारों में चर्चा है साइलेंटवोटर्स, अब उनकी गूंज सुनाई देने लगी है। बीजेपीके पास साइलेंटवोटर्सका एक ऐसा वर्ग है जो उसे बार-बार वोट दे रहा है, निरंतर वोट दे रहा है।
ये साइलेंटवोटर्सहैं, देश की महिलाएं, देश की नारीशक्ति।
ग्रामीण इलाकों से लेकर शहरी इलाकों तक, महिला वोटर ही भाजपा की सबसे बड़ीसाइलेंटवोटर्स का समूह बन गया है।
आखिर ऐसा क्यों है?
क्योंकि ये भाजपा ही है, जिसके शासन में महिलाओं को सम्मान भी मिलता है और सुरक्षा भी मिलती है।
बैंक अकाउंट से लेकर बैंक लोन तक, गर्भावस्था के दौरान मुफ्त जांच से लेकर 6 महीने के अवकाश तक, रसोई को धुएं से मुक्त करना हो या फिर शौचालयों का निर्माण एक रुपए में सैनिटरीपैड की सुविधा हो याहर घर बिजली पहुंचाना हो या फिर हर घर जल के लिए अभियान हो,ये बीजेपी ही है जो भारत की महिलाओं के जीवन स्तर को सुधारने के लिए, उम्र के हर पड़ाव को देखते हुए विशेष प्रयास कर रही है।
इसलिए भाजपा पर ये साइलेंटवोटर्सहर बार अपना स्नेह दिखाती हैं, अपना आशीर्वाद देती हैं।मैं इस स्नेह, इस आशीर्वाद के लिए सभी माताओं-बहनों-बेटियों को नमन करता हूं।

साथियो,21वीं सदी का भारत, एक नए मिजाज का भारत है।न हमें आपदाएं रोक सकती हैं और न ही बड़ी-बड़ी चुनौतियां।
मैं एक नए भारत के उदय को देख रहा हूं।एक ऐसा भारत, जो आत्मविश्वास से भरा हुआ है, जो अपने सामर्थ्य को पहचानता है, जो अपने लक्ष्यों के प्रति सचेतभी है, गंभीर भी है। ये बात हमने इस कोरोना काल में भी देखी है।
जब दुनिया के अनेक देश थम गए थे, हमारे देश ने नई नीतियां भी बनाईं, नए निर्णय भी लिए।कृषि क्षेत्र में लिए गए ऐतिहासिक सुधार हुए वो भी कोरोना काल में।ऐतिहासिक श्रम सुधार हुए, कोरोना काल में।नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू किया गया, वोभीकोरोना काल में।स्पेस सेक्टर को सभी के लिए खोला गया, वोभीकोरोना काल में।
देश के सभी गांवों को ब्रॉडबैंड से जोड़ने का अभियान शुरू हुआ, वोभीकोरोना काल में,नेशनल डिजिटलहेल्थ मिशन शुरू हुआ, वोभीकोरोना काल में।
गांव की जमीन और घर के लिए प्रापर्टी कार्ड देने वाली स्कीम- स्वामित्व योजना ये भी तो कोरोना काल में शुरू हुई।
पिछले 7-8 महीने, कोरोना की मुश्किलों के बावजूद हम भारत के लोग, देश के लिए जी जान से जुटे रहे हैं, देश को आगे बढ़ाते रहे हैं।मुझे विश्वास है सभी देशवासियों का यही सामर्थ्य आत्मनिर्भर भारत का संकल्प भी पूरा करके रहेगा।

साथियो,भारत के लोकतंत्र में डगर-डगर पर, परिपक्वता के दर्शन होते हैं। हमारा लोकतंत्र हर पल नए आयामों को चूमता है। नई संभावनाओं को खोजता है, फलता है, फूलता है, खिलता है। ये हमारे लोकतंत्र की विशेषता है

भारत की युवा पीढ़ी, लोकतंत्र के प्रति सच्ची निष्ठा और श्रद्धा रखती है।मजबूत लोकतंत्र में ही देश के नौजवान को अवसर नजर आते हैं और अपने अधिकारों की रक्षा के प्रति वो ज्यादा आश्वस्त रहता है।
लेकिन दुर्भाग्य से कश्मीर से कन्याकुमारी तक परिवारवादी पार्टियों, परिवार की पार्टियों इसका जो जाल नजर आ रहा है, जरा नजर कीजिए कश्मीर से कन्याकुमारी तक फैमली पार्टियां। ये पार्टियों का जाल लोकतंत्र के लिए खतरा बनता जा रहा है। और ये देश का युवा भली-भांति जानता है।

परिवार की पार्टियां या परिवारवादी पार्टियां, लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा है।दुर्भाग्य से देश की एक राष्ट्रवादी पार्टी,अनेक दशकों तक देश का नेतृत्व करने वाली पार्टी, वो भी एक परिवार के चंगुल में फंस गई है, परिवार की पार्टी बनकर रह गई है।

ऐसे में भारतीय जनता पार्टी का दायित्व और बढ़ जाता है।हमें अपनी पार्टी में भीतर के लोकतंत्र को मजबूत बनाएं रखना है। हमें अपनी पार्टी को जीवंत लोकतंत्र का जीता-जागता उदाहरण बनाना है। और तभी तो देश का प्रधानमंत्री मंच से कह सकता है, नड्डा जी तुम आगे बढ़ो हम तुम्हारे साथ हैं। यही तो पार्टी के लोकतंत्र की ताकत है। पार्टी हर कार्यकर्ता और हर नागरिक के लिए अवसरों का एक बेहतरीन मंच बने। जहां प्रतिभा के साथ न्याय हो और परिश्रम को पुरस्कार मिले।

मैं देश के युवाओं को, जिनके दिल में राष्ट्रहित सर्वोपरि है, जिनमें लोकतंत्र के लिए प्रतिबद्धता है, ऐसे युवाओं को निमंत्रित करता हूं।
देश के युवाओं से मेरा आह्वान है, वो आगे आएं और बीजेपी के माध्यम से देश की सेवा में जुट जाएं।अपने सपनों को साकार करने के लिए, अपने संकल्पों को सिद्ध करने के लिए, कमल को हाथ में लेकर चल पड़ें।

साथियो, देश में हो रहे इन प्रयासों के बीच, भाजपा का कार्यकर्ता होने के नाते, मैं भाजपा के अपने कार्यकर्ता साथियों की मेहनत देखकर भी, मनबहुत खुश होता है, प्रसन्न होता है।
आज भाजपा का विस्तार हो रहा है इसकी वजह भाजपा के प्रत्येक कार्यकर्ता का तप, त्याग और तपस्या है।और सफलता के इन क्षणों में, हमें ये याद रखना है कि हमारा दायित्व भारत के जन-जन के प्रति है।
जीत का उन्माद नहीं, हार का अवसाद नहीं, यही हमारी परिपाटी रही है और यही हमारी पार्टी के विकास का मंत्र रहा है।देश का आशीर्वाद हमारे साथ है।इस आशीर्वाद को हमें अपना दायित्व पूरा करके निभानाही हमारी जिम्मेवारी है।
राष्ट्रनिर्माण का, आत्मनिर्भर भारत के निर्माण का हमारा मिशन अनवरत जारी है।समाज में अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति के जीवन को हम कैसे आगे बढ़ाएं, हमारे प्रयास इसी एकनिष्ठ लक्ष्य के लिए होने चाहिए।

साथियो, जो लोग लोकतांत्रिक तरीके से हमारा मुकाबला नहीं कर पा रहे हैं, हमें चुनौती नहीं दे पा रहे हैं ऐसे कुछ लोगों ने रास्ता अपनाया है भारत के कार्यकर्ताओं की हत्या करने का, देश के कुछ हिस्सों में। उनको लगता है कि भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं को मौत के घाट उतार करके वे अपने मंसूबे पूरे कर लेंगे। मैं उन सब से आग्रहपूर्वक समझाने का प्रयास भी करता हूं, मुझे चेतावनी देने की जरूरत नहीं है क्योंकि वो काम जनता जनार्दन करेगी।
चुनाव आते है, जाते हैं। जय-पराजय होता रहता है, कभी ये बैठेगा-कभी वो बैठेगा, ये मौत का खेल लोकतंत्र में कभी नहीं चल सकता है और मौत का खेल, खेल कर के कोई मत नहीं पा सकता है, ये जरा दीवार पर लिखे हुए शब्द पढ़ लेना।

और इसलिए मेरे साथियो, हम लोकतंत्र को समर्पित हैं, देश ने हम पर जो भरोसा रखा है उस भरोसे को पूर्ण करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। हमारी तरफ से हमारे इरादों पर कोई शक नहीं कर सकता, हमारे प्रयासों के प्रति कभी कोई निराश नहीं होता है। हम प्रयास करते रहेंगे, अविरत करते रहेंगे, जनता-जनार्दन के लिए करेंगे, मां भारती की एक-एक संतान के लिए करेंगे। और ये जो चुनाव में आशीर्वाद मिलते हैं, ये आशीर्वाद हमें अधिक काम करने की ताकत देते हैं। अधिक काम करने की ऊर्जा देते हैं, अधिक काम करने की प्रेरणा देते हैं। और उसी आशीर्वाद के लेकर के, मैं जनता-जनार्दन के चरणों में अपना शीष झुका करके उनके सपनों को पूरा करने के लिए प्रयास में कोई कमी नहीं रखेंगे ये विश्वास दिलाना चाहता हूं।

मैं फिर एक बार देश के सभी मतदाताओं को और मैं भारतीय जनता पार्टी को भी धन्यवाद करता हूं क्योंकि हमारे नड्डा जी ने इस कार्यक्रम को विजयोत्सव के बजाए धन्यवाद का कार्यक्रम बनाया। इसलिए मैं विशेष रूप से बधाई देता हूं, क्योंकि हम जनता-जनार्दन के ऋणी हैं इसलिए हम उनका जितना धन्यवाद करें उतना कम है।

साथियो, दीपावली एक प्रकार से दरवाजे पर दस्तक दे ही रही है, खूब धूम-धाम से मनाइए। अपना ध्यान रखिए और अपनों का भी ध्यान रखिए। कोरोना से भी सतर्क रहिए और एक बात हम भाजपा वाले करें ऐसा नहीं देश का हर व्यक्ति करे। और सिर्फ एक दीवाली के लिए नहीं, आने वाले हर समय के लिए अब हमारा मंत्र है, ‘वोकलफॉर लोकल’, ये गूंजना चाहिए।

हमें लोकल चीजों पर, हमारे लोगों का जिसमें पसीना है, जिसमें हमारे देश की मिट्टी की सुगंध है, जिसमें हमारे देश के नौजवान की टैलेंट है। जिसमें हमारे देश के उज्जवल भविष्य के सपने हैं, ऐसी हर भारत में बनी हुई चीज, इस पर हम आग्रही बनें, लोकल के लिए आग्रही बनें, देखिए देश में, दुनिया का कोई देश कोई हमें दबा नहीं पाएगा दोस्तो, आप मान के चलिए।

मेरे साथ पूरी ताकत से बोलिए, भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय, बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!