1857 में अंग्रेजो के खिलाफ आज़ादी की पहली जंग की शुरुआत मेरठ से ही हुई थी और अब गरीबी के खिलाफ जंग की शुरुआत भी यहीं से होगी:  प्रधानमंत्री
बीजेपी उत्तर प्रदेश के युवाओं के प्रति गंभीर है और उनकी समृद्धि के लिए रोजगार के अवसर मुहैया कराना चाहती है: प्रधानमंत्री
अब 'स्कैम'- समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, अखिलेश यादव और मायावती के खिलाफ लड़ने की बारी उत्तर प्रदेश की है: प्रधानमंत्री
सपा सरकार से प्रधानमंत्री का सवाल, क्यों उत्तर प्रदेश में मासूम लोगों का कत्ल और व्यापारियों को अगवा कर लिया जाता है
जिस सपा के खिलाफ कांग्रेस लड़ा करती थी उसी के साथ गठबंधन कर लिया: प्रधानमंत्री मोदी
केंद्र में एक ऐसी सरकार है जो सेना के लिए सब कुछ करेगी। 40 सालों के बाद ओआरओपी को लागू किया गया: प्रधानमंत्री

भारत माता की जय। भारत माता की जय।

मंच पर विराजमान उत्तर प्रदेश के भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष मेरे नौजवान साथी श्रीमान केशव प्रसाद मौर्य, प्रदेश के पूर्व अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत जी वाजपेयी, केंद्र में मेरे मंत्रिपरिषद के साथी डा. संजीव बाल्यान जी, संसद में मेरे साथी राजेंद्र अग्रवाल, श्रीमान सत्यपाल सिंह, कुमार भारतेंद्र सिंह, प्रदेश के महासचिव स्वतंत्रदेव सिंह, उपाध्यक्ष अश्विनी त्यागी जी, श्रीमान भूपेंद्र सिंह, श्रीमति कांता कदरम जी, करुणेश नंदन गर्ग जी, भाजपा के उम्मीदवार श्रीमान संगीत सोम, सांसद श्रीमान ओम बिरला जी, श्रीमान जसवंत सैनी जी, विजय पाल जी तोमर, रविंद्र भडाना जी, देवेंद्र सिंह जी, श्री सत्यप्रकाश अग्रवाल, श्री जितेंद्र पाल सिंह, शिवकुमार राणा जी, श्रीमान सोमेंद्र तोमर, श्रीमान हरिकांत अहलुवालिया जी, श्रीमान विजय पाल कश्यप जी, योगेश धामा जी, सत्येंद्र तोमर जी, मंजू सिवाच जी, विजय पाल जी, केपी मलिक जी, कपिलदेव अग्रवाल जी, उमेश मलिक जी, प्रमोद उन्तवाल जी, सतबीर त्यागी जी, दिनेश खटीक जी और विशाल संख्या में पधारे हुए मेरे प्यारे भाइयों और बहनों।

मुझे आज फिर से एक बार मेरठ की इस पवित्र धरती पर आने का सौभाग्य मिला है। देश की आजादी के आंदोलन को देखा जाए तो 1857 का स्वतंत्रता संग्राम इतिहास में स्वर्णिम पृष्ठ से अंकित है। ... और जिस 1857 के स्वतंत्रता संग्राम का बिगुल इसी मेरठ की धरती पर से बजा था। मेरा सौभाग्य है कि उत्तर प्रदेश के चुनाव का बिगुल बजाने के लिए मुझे भी मेरठ की धरती से आरंभ करने का अवसर मिला है। उस समय अंग्रेजों से मुक्ति की लड़ाई थी। इस समय गरीबी से मुक्ति की लड़ाई है। उस समय विदेशी ताकतों के खिलाफ लड़ाई थी। इस समय भ्रष्ट ताकतों के खिलाफ लड़ाई है। उस समय गैरकानूनी तरीके पर कब्जा करने वालों के खिलाफ लड़ाई थी। इस समय निर्दोष किसानों की जमीन कब्जाने वाले माफियाओं के खिलाफ लड़ाई है भाइयों।

... और इसलिए ये लड़ाई, भ्रष्टाचार कर करके, माफियागिरी करके, गुंडा राज चलाकरके, बहन-बेटियों को इज्जत लुटने वालों को राजनीतिक आश्रय देने के खिलाफ ये लड़ाई है।

भाइयों बहनों।

उत्तर प्रदेश के पास हिन्दुस्तान का अव्वल दर्जे का राज्य बनने का सारी ताकत बनी हुई है। यहां पर प्राकृतिक संसाधन है। गंगा यमुना जैसे पवित्र धाराएं हैं। हमारे मेहनतकश किसान हैं, संकल्पबद्ध नौजवान हैं। कुछ कर गुजरने का मादा रखने वाला ... ये उत्तर प्रदेश।  

भाइयों बहनों।

अब उत्तर प्रदेश को ऐसा रख करके देश का भला नहीं कर सकते। क्या कारण है उत्तर प्रदेश के नौजवान को रोजी रोटी कमाने के लिए उत्तर प्रदेश छोड़कर के, बूढ़े मां-बाप को छोड़कर के, अपने खेत खलिहान छोड़कर के, गांव परिवार यार दोस्त को छोड़कर के, शहरों में गंदी नालियों के पास जिंदगी गुजारने के लिए मजबूर करना, ये कितना बड़ा पाप ये उत्तर प्रदेश में हुआ है।  

इसलिए भाइयों बहनों।

आप उत्तर प्रदेश के लोग, आपने मुझे प्रधानमंत्री बनाया। ... और आपने मुझे जो काम दिया है। मेरे प्यारे उत्तर प्रदेश के भाइयों और बहनों। ढाई साल हो गए। ढाई साल हो गए मोदी के नाम पर कोई कलंक है क्या ... कोई कलंक है क्या ... देश का नुकसान हुआ हो, ऐसा कोई काम किया है क्या ... देश को सर झुकाना पड़े, ऐसा कोई काम किया है क्या ...

भाइयों बहनों।

उत्तर प्रदेश ने मुझे जो भरोसा दिया, उत्तर प्रदेश ने मुझे जो प्यार दिया। मैंने उत्तर प्रदेश की इज्जत को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए, मुझसे जो हो सकता है करने में कोई कमी नहीं रखी है।

लेकिन भाइयों बहनों।

उत्तर प्रदेश का मुझे अभी भी कर्ज चुकाना शेष है। ढाई साल में दिल्ली में आपने मुझे बिठाया। बहुत सारे गरीबों के, मध्यम वर्ग के, नौजवानों के, दलित, पीड़ित, शोषितों के, किसानों के, महिलाओं के ढेर सारे काम किए।

लेकिन भाइयों बहनों।

मुझे उत्तर प्रदेश के लिए कुछ और करना बाकी है। मैं उत्तर प्रदेश में कितना ही चाहूं अच्छा करने के लिए लेकिन अगर यहां रूकावटें पैदा करने वाली सरकारें बैठी रही तो जो दिल्ली से लाभ पहुंचाना है, वो लखनऊ में अटक जाएगा कि नहीं अटक जाएगा ... ये लोग जिन्होंने अब तक उत्तर प्रदेश का भला होने नहीं दिया। उनके पास अटक जाएगा कि नहीं अटक जाएगा ... ये जब तक लखनऊ में बैठी हुई सरकार को घर नहीं भेजते हैं, दिल्ली से जो भेज रहा हूं वो आप तक पहुंचेगा नहीं। इसलिए इनको हटाना बहुत आवश्यक है।  

भाइयों बहनों।

ये हमारा मेरठ, आजादी के दीवानों को जन्म देने वाली धरती। स्वातंत्र्य सेनानियों को जन्म देने वाली धरती। यहां जो खेलकूद के साधन बनते हैं। हिन्दुस्तान का नौजवान मेरठ के खेलकूद के साधन पर जिंदगी लगा देता है, जूझता है। भारत को विजयी बनाता है। यही तो मेरठ की धरती है। वहां पर बजने वाला बैंड हिन्दुस्तानभर के लोगों को झूमने की ताकत देता है। ये मेरा मेरठ है। यही मेरठ पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विकास का प्रवेश द्वार है। उद्योगिक नगरी के रूप में पूरे उत्तर प्रदेश में आन बान शान पैदा करे, इतनी ताकत मेरठ में है। लेकिन मेरठ का हाल क्या है? कोई सामान्य नागरिक शाम को जिंदा घर लौटेगा इसकी कोई गारंटी है क्या? क्या कारण है कि आए दिन हत्याएं हो रही है। निर्दोष व्यापारियों को मार दिया जा रहा है। निर्दोष नागरिकों को मार दिया जा रहा है। ये मामला सिर्फ मेरठ का नहीं है। हत्या करने वालों पर कोई कानूनी कार्रवाई नहीं होती। उत्तर प्रदेश में गुंडागर्दी वो राजनीतिक आश्रय से पली बढ़ी है। गुंडागिरी को आश्रय देने वाले, ऐसी सत्ता को हटाना है कि हटाना है ... सुख चैन की जिंदगी जीना है या नहीं जीना है ... निर्दोषों को बचाना है कि नहीं बचाना है ... मां बहन की इज्जत बचानी है कि नहीं बचानी है ...  

भाइयों बहनों।

आपने देखा होगा कुछ दिन पहले कांग्रेस पार्टी गांव-गांव जाकरके, यात्राएं निकालकर के, उत्तर प्रदेश को कैसे लूटा जा रहा है। उस पर भाषण दे रहे थे। दे रहे थे कि नहीं दे रहे थे ... ये कांग्रेस वाले रथ यात्रा निकाल कर के, गांव-गांव जा जाकर के, ये सपा को गालियां दे रहे थे कि नहीं दे रहे थे ... उत्तर प्रदेश सरकार को बदनाम कर रहे थे कि नहीं कर रहे थे ... उत्तर प्रदेश की सरकार गुंडागर्दी करती है वो कहते थे कि नहीं कहते थे ... ये लोग बेइमान हैं ऐसा कहते थे कि नहीं कहते थे ... इन लोगों ने उत्तर प्रदेश को बर्बाद किया ये कहते थे कि नहीं कहते थे ... रातों रात ऐसा क्या हो गया कि आप उनके गले लग गए।

... भाइयों बहनों।

राजनीति में गठबंधन तो हमने देखे हैं। लेकिन ऐसा गठबंधन पहली बार देखा, जो सुबह शाम एक-दूसरे के खिलाफ और आज से नहीं पिछले कई दशकों से एक-दूसरे को खत्म करने के लिए कोई मौका नहीं छोड़ते थे। आज गले लग के बचाओ, बचाओ, बचाओ।

भाइयों बहनों।

जो खुद को बचा नहीं सकते वो उत्तर प्रदेश को क्या बचा पाएंगे। देश की जनता ने जिन्हें हिन्दुस्तान में से साफ कर दिया। उत्तर प्रदेश में भी कहीं देखने के लायक नहीं रखा है। वो कैसे बचा सकते हैं? ये मुझे समझ नहीं आता है। उत्तर प्रदेश के लोग तो भली भांति जानते हैं। आप मुझे बताइए भाइयों बहनों। इनको उत्तर प्रदेश के भाग्य से कोई लेना देना है क्या ...

भाइयों बहनों।

ये चुनाव स्कैम के खिलाफ भाजपा की लड़ाई है। ये चुनाव स्कैम के खिलाफ लड़ाई है। स्कैम ... घोटाले ... स्कैम ... स्कैम के खिलाफ भाजपा की लड़ाई है। SCAM स्कैम से मेरा मतलब है SCAM ये स्कैम के खिलाफ भाजपा से लड़ाई है। एस समाजवादी, सी कांग्रेस, अखिलेश, एम मायावती। उत्तर प्रदेश तय करे। आपको स्कैम चाहिए कि भाजपा चाहिए ... आपको स्कैम चाहिए कि कमल चाहिए ... आपको स्कैम चाहिए कि यूपी का विकास चाहिए ... आपको स्कैम चाहिए या नौजवानों को रोजगार चाहिए ...

भाइयों बहनों।

भाजपा की लड़ाई स्कैम के खिलाफ है। स्कैम का मेरा मतलब है - एस समाजवादी, सी कांग्रेस, अखिलेश, एम मायावती। इनके खिलाफ भाजपा की लड़ाई है। जब तक उत्तर प्रदेश को स्कैम से मुक्त नहीं करोगे, उत्तर प्रदेश में सुख चैन के दिन लौटकर नहीं आएंगे।

और इसलिए भाइयों बहनों।

मैं आपके पास विशेष आग्रह करने के लिए आया हूं। मैं जरा सपा के नेताओं से पूछना चाहता हूं। उसके साथ गठबंधन करने वालों से पूछना चाहता हूं। और मैं उत्तर प्रदेश के लोगों से कहना चाहता हूं। दिल्ली से मैं उत्तर प्रदेश की कितनी ही मदद करना चाहूं लेकिन अगर इस सरकार में दम नहीं होगा, इस सरकार में इरादा नहीं होगा या तो रुपए कहीं और चले जाएंगे या तो रुपए ऐसे ही रखे रखे सड़ जाएंगे। क्योंकि इनको उत्तर प्रदेश का भला नहीं करना है। उनको तो गोटी बिठाकर के अपनी सरकार बचानी है। आपने दो महीने पहले देखा होगा कि ये सपा के नेता कह रहे थे। फलाना भ्रष्टाचारी है, फलाना एंटी सोशल है, फलाना खनन माफिया है। इसलिए उनको निकालना चाहता हूं और इस चुनाव में आपने देखा होगा। दो महीने पहले जिनको उन्होंने खनन माफिया कहा, गुंडागर्दी की सरदारी करने वाला कहा, जमीनों का माफिया कहा। ये सपा वालों को उनको टिकट क्यों देनी पड़ी। इस चुनाव में ऐसे लोगों को टिकट देने के लिए क्यों मजबूर होना पड़ा।

... इसलिए भाइयों और बहनों।

इनके इरादे नेक नहीं है। मैं आपको बताना चाहता हूं। गरीबों को बीमारी में सरकार की तरफ से मदद मिले, माताओं बहनों को बीमारी में मदद मिले इसलिए भारत सरकार ने करीब 4 हजार करोड़ रुपए ये यूपी सरकार को आरोग्य की सेवा के लिए अगर बुजुर्ग लोग बीमार होते हैं तो उनको मदद करने के लिए दिए हैं। मुझे बड़े दुख के साथ कहना पड़ेगा कि 2014-15 में 4 हजार करोड़ रुपए में से ढाई हजार भी खर्च नहीं कर पाए। उसका भी हिसाब अब तक देने से कतराते रहते हैं। 2015-16 में हमने सोचा। उत्तर प्रदेश इतना बड़ा है। बीमारी के कारण मध्यम वर्ग का इंसान भी आर्थिक संकट में जाता है। तो हमने मदद 4 हजार करोड़ से बढ़ाकर के करीब-करीब 7 हजार करोड़ कर दी। मुझे दुख के साथ कहना है कि 7 हजार करोड़ करने के बाद भी साल बीत गया, 2017 गया।

... लेकिन भाइयो बहनों।

7 हजार में से भी 28 सौ करोड़ से भी ज्यादा पैसे गरीबों के लिए खर्च नहीं कर पाए। जरा उत्तर प्रदेश सरकार बताएं। क्या लोग बीमार हो, दिल्ली में बैठी सरकार पैसे देती हो। कौन सी राजनीति थी कि आप इन पैसों को गरीबों की दवाओं के लिए भी खर्च नहीं करते थे। आप देखते थे कि हमारी वोट बैंक वाला आएगा तो ये पैसे देंगे। लेकिन हमारी वोट बैंक वाला नहीं आएगा तो भले बीमार रहे, भले वो सड़ता रहे, उसको पैसे नहीं दिये जाएंगे। इसके कारण ये पैसे पड़े।

आप मुझे बताइए भाइयों बहनों। क्या बीमारी की भी जात होती है क्या ... क्या बीमारी का वोट बैंक होता है क्या ... कोई भी बीमार हो, उसको मदद मिलनी चाहिए कि नहीं चाहिए ... बीमारी में उसका हाथ बंटाना चाहिए कि नहीं चाहिए ... लेकिन ये उत्तर प्रदेश की सरकार हर चीज को वोट बैंक की तराजू से तौलती रही है। और उसका नतीजा ये है कि भाइयो बहनों। उत्तर प्रदेश के भाग्य के लिए ये लोग रूकावट बने हुए हैं।

भाइयों बहनों।

अमृत मिशन। शहरों में मेरठ जैसे नगरों में सुविधाएं बढ़ाने के लिए, पानी पहुंचाने के लिए, रोड अच्छे बनाने के लिए, लाइट अच्छी लगाने के लिए, ड्रेनेज के व्यवस्था करने के लिए भारत सरकार ने अमृत योजना बनाई। इस अमृत योजना के तहत उत्तर प्रदेश सरकार को करीब-करीब 7 हजार 2 सौ करोड़ रुपए दिया गया। कितना ... जरा जोर से बोलिए। सात हजार दो सौ करोड़। कितना ... कितना ... कितना ... 7 हजार 2 सौ करोड़। साल पूरा हो गया। खर्चा कितना किया 400 करोड़। कितना किया ... कितना किया ... आप मुझे बताइए। दिल्ली में आपने मोदी को बिठाया। वो 72 सौ करोड़ रुपया भेजता है लेकिन उत्तर प्रदेश में, लखनऊ में ऐसी सरकार बैठी है जो 400 करोड़ से ज्यादा खर्च करने की समझ नहीं है। इसका मतलब ये नहीं है कि पैसे निकालने का इरादा नहीं था। ... लेकिन ये मोदी है। पाई-पाई का हिसाब मांग रहा था। हर बारीक चीज पूछ रहा था। उत्तर प्रदेश सरकार का पसीना छूट रहा था। उनको लग रहा था कि मोदी से पैसे तो लेने हैं लेकिन हिसाब देना नहीं है, वो दिन चले गए। 72 सौ करोड़ रुपया, उत्तर प्रदेश के नगरों के लिए दिल्ली सरकार अपने खजाने से दे और 400 करोड़ से ज्यादा खर्च हो। इससे ज्यादा जनता के साथ धोखा क्या हो सकता है भाइयों बहनों। और इसलिए मैं कहता हूं। ये सरकार रूकावट है। ये रूकावट को हटाना है, तब जाकर के विकास की संभावना है।

भाइयों बहनों।

आप मुझे बताइए। स्वच्छ भारत के लिए आप सहमत हैं कि नहीं हैं ... स्वच्छ मेरठ के लिए आप सहमत हैं कि नहीं हैं ... स्वच्छ उत्तर प्रदेश के लिए आप सहमत हैं कि नहीं हैं ... ये स्वच्छता काम आगे बढ़ना चाहिए कि नहीं बढ़ना चाहिए ... अगर गंदगी जाएगी तो बीमारी जाएगी कि नहीं जाएगी ... अगर गंदगी है तो सबसे ज्यादा तकलीफ गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को होती है कि नहीं होती है ... तो साफ सफाई होनी चाहिए कि होनी चाहिए ... होनी चाहिए ... आपको मैं बताता हूं। भारत सरकार ने सफाई अभियान के लिए 950 करोड़ रुपए .. कितना ... कितना ... जोर से बोलिए कितना ... साढ़े नौ सौ करोड़। कितना ... कितना ... ये 40 करोड़ रुपए भी खर्च नहीं कर पाए भाइयों बहनों। वो पूरे दिन कभी चाचा तो कभी पापा, कभी चाची तो कभी भतीजा, कभी मामा तो कभी मामा का साला, तो कभी भतीजे की बहू, जाने कहां कहां। क्या हाल करके रखा है उत्तर प्रदेश का।

... क्या हाल करके रखा है भाइयों बहनों।

और इसलिए मैं कहने आया हूं कि दिल्ली सरकार आज उत्तर प्रदेश का जीवन बदलने के लिए सबकुछ करने को तैयार है। क्योंकि उत्तर प्रदेश ने मुझे प्रधानमंत्री बनाया है। लेकिन ऐसी सरकार जो रूकावटें डाल रही है और इसलिए मैं कहने आया हूं। भाइयों बहनों। अगर उत्तर प्रदेश का भाग्य बदलना है तो पहले उत्तर प्रदेश की सरकार बदलो। भाग्य बदलना शुरू हो जाएगा।

भाइयों बहनों।

इन दिनों मैं चाहता हूं। हर परिवार को अपना घर हो। होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए ... आजादी के 70 साल के बाद हर परिवार को अपना घर होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए ... गरीब को भी अपना घर होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए ... मध्यम वर्ग को भी अपना घर होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए ... सुख चैन से परिवार जी सके, ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए कि नहीं होनी चाहिए ... मैंने सपना संजोया है। मैंने बीड़ा उठाया है कि 2022 जब भारत की आजादी के 75 साल होंगे, हिन्दुस्तान के हर इंसान को रहने के लिए अपना घर होगा। ये काम मैंने उठाया है। अब राज्य सरकारों को क्या करना था। राज्य सरकारों को सिर्फ इस कैटेगरी में जो लोग आते हैं, उनसे अर्जी लेनी थी। उसकी छानबीन करनी थी। और वो सूची भारत सरकार को भेजनी थी। आज मुझे दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि भारत सरकार बार-बार उत्तर प्रदेश सरकार को चिट्ठी लिखती रही कि मकान के लिए लाभार्थियों की सूची दीजिए।

भाइयों बहनों।

महीनों तक चिट्ठी का जवाब भी नहीं दिया। काम की बात तो छोड़िए। एक भी नाम नहीं दे पाए। आखिरकार हमने फैसला किया कि भारत सरकार के गांव-गांव में जो कम्युनिटी सर्विस सेंटर हैं, वहां जो लड़के काम करते हैं, उनको बताया जाए कि आप अर्जियां लेना शुरू कर दीजिए। जब भारत सरकार ने सीधी अर्जियां लेना शुरू कर दिया। हजारों लोग अर्जियां देने लेगे। तब उत्तर प्रदेश की सरकार डर गई। उसको लगा ये मोदी तो सीधा काम कर रहा है। लोगों तक सीधा पहुंच रहा है तो फिर सोते हुए जाग गए और सूची तैयार करने लगे। आप मुझे बताइए। क्या चौबिसो घंटे राजनीति करते रहोगे क्या ... उठा पटक करते रहोगे ... किसको गिराओगे, किसको गले लगाओगे। यही करते रहोगे क्या ...  

भाइयों बहनों।

ऐसे लोग पहले परिवार का सोचते थे, फिर खुद का सोचने लगे। अब सिर्फ कुर्सी का सोच रहे हैं। ऐसे लोगों से उत्तर प्रदेश का भाग्य नहीं बदलेगा।

और इसलिए भाइयों बहनों।

मैं आज आपसे आग्रह करने आया हूं। ये इलाका हिन्दुस्तान में, सबसे ज्यादा गन्ने की खेती करने वाला मेरा किसान ... मैं श्रीमान केशव प्रसाद मौर्य और उत्तर प्रदेश के भारतीय जनता पार्टी के सभी नेता, सभी उम्मीदवार, उनको ह्रदय से बहुत-बहुत बधाई देता हूं। एक बहुत बड़ा फैसला उन्होंने किया है। उन्होंने कहा है कि उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनते ही, सबसे पहला काम, जो लघु एवं सीमांत किसान हैं, उनके फसल का जो कर्ज है, वो माफ करने का वादा ये मेरे उत्तर प्रदेश के लोगों ने किया है। सरकार बनने के बाद पहला काम करने का वादा किया है। और मैं आपको वचन देता हूं कि मैं दिल्ली से बराबर देखूंगा कि मेरे किसानों का वादा पूरा किया कि नहीं किया, ये मैं पूरा देखूंगा। हमने दूसरा वादा किया हमारे उत्तर प्रदेश के लोगों ने। उन्होंने कहा है कि आज गन्ना किसान। इस गन्ना किसान को भाइयों बहनों। गन्ना चला जाए। मिल में उसमें से चीनी बन जाए। चीनी खा खाकर के लोग मोटे हो जाए। चीनी बेचने वाले मोटे हो जाए। लेकिन मेरा गन्ने का किसान वो तो वैसा का वैसा ही रह जाए। ये स्थिति अब नहीं चलेगी। उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी ने वादा किया कि अब गन्ना किसानों को 14 दिन में भुगतान कर दिया जाएगा। 14 दिन में भुगतान कर दिया जाएगा।

भाइयों बहनों।

अगर इरादे नेक हो तो काम पूरा किया जा सकता है। आपको पता है कि इसी मैदान में मैंने सभा की थी और मैंने गन्ना किसानों को 2014 के चुनाव के पहले वादा किया था कि एक बार दिल्ली में हमारी सरकार बनेगी। गन्ना किसानों के बकाया, उस मामले को मैं हाथ में लूंगा और समाधान करूंगा। जब दिल्ली में हम बैठे तो 22 हजार करोड़ रुपया गन्ना किसानों का बकाया था। ये 22 हजार करोड़ रुपया कोई छोटी रकम नहीं है। बहुत बड़ी रकम है। 22 हजार करोड़ का भुगतान ... आप बताइए किसानों का क्या हुआ होगा। किसानों के नाम पर राजनीति करने वाले, किसानों के नाम पर यात्राएं करने वाले, किसानों के नाम पर घड़ियाली आंसू बहाने वाले। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि क्या कारण था 2014-15 तक। हमारे आने से पहले इन गन्ना किसानों का 22 हजार करोड़ रुपया क्यों बकाया था। कभी उसका तो जवाब दो।

भाइयों बहनों।

हम आए। एक के बाद एक कदम उठाए। और जो 22 हजार करोड़ रुपया बाकी था। 99 फीसदी रकम चुकता करने का काम आते ही करने में हम सफल हो और गन्ना किसानों के खाते में सीधे पैसे उनके बैंक एकाउंट में डाल दिया। 32 लाख किसानों के खाते में सीधे पैसे डाल दिया। कोई बिचौलिया नहीं रहा। कोई मिल वाला नहीं रहा। ये सीधा-सीधा कर दिया। मैं उत्तर प्रदेश की सरकार से पूछता हूं। आप जरा बताइए। ये चीनों मिलों से आपका क्या रिश्ता है? ये चीनी मिलों से आपका क्या प्यार है? क्या कारण है? ये छह चीनी मिलें आज भी इस इलाके गन्ना किसानों को पैसा नहीं देती है। और आपकी सरकार चुपचाप बैठी है। मैं गन्ना किसानों को कहना चाहता हूं। ऐसी सरकार जिसने आपके पैसे दबोच कर बैठे। ऐसी सरकार को एक मिनट रहने नहीं दीजिए। एक मिनट मत रहने नहीं दीजिए।

भाइयों बहनों।

उत्तर प्रदेश में भी धान की खेती होती है। उत्तर प्रदेश में गेहूं की खेती होती है। सरकार किसानों से जहां भाजपा की सरकारें हैं। मेरे किसान भाई जरा समझिए। जहां - जहां भारतीय जनता पार्टी की सरकारें हैं। वहां किसान जो पैदावार करता है, जो सरकार खरीदती है। चाहे धान की खरीदी हो या चाहे गेहूं की खरीदी करती हो।  चाहे हरियाणा हो, छत्तीसगढ़ हो, गुजरात हो, महाराष्ट्र हो, किसान जो पैदा करता है, करीब-करीब 60 फीसदी से भी ज्यादा सरकार खुद उसको लेकर के किसानों को पूरा दाम देती है। क्या कारण है? क्या कारण है कि उत्तर प्रदेश की सरकार किसानों से सिर्फ 3 प्रतिशत लेती है? 97 प्रतिशत किसानों को उनके भाग्य पर छोड़करके बाजार अगर टूट जाए तो मुफ्त के दाम पर बेच देना पड़ता है। ये पाप उत्तर प्रदेश की सरकार करती है।

इसलिए भाइयों बहनों।

मैं आज आपसे आग्रह करने आया हूं। उत्तर प्रदेश में जो स्कैम का खेल चल रहा है, उसको पहचानिए। और स्कैम का खेल हमेशा-हमेशा के लिए उत्तर प्रदेश में नेस्तानाबूद हो जाए। उसके लिए आप लोगों को अपने वोट का सही इस्तेमाल करके परिवर्तन लाना होगा।

भाइयों बहनों।

2014 में जिन लोगों का पराजय हुआ। सत्ता के सपने चूर-चूर हो गए। हंग पार्लियामेंट होगी तो उनकी दुकान चलेगी। ये जो सोच रहे थे। उन सबकी नैया डूब गई। और इसलिए। हर चीज का विरोध करना। आप बताइए साहब ... 40 साल से, हमारे देश में 40 साल से वन रैंक वन पैंशन। हमारे फौजी भाई बहन। वन रैंक वन पैंशन। इसके लिए मांग कर रहे थे। ये दिल्ली में कांग्रेस के नेता, फौजियों की मीटिंग करते थे, फोटू निकलवाते थे। टीवी पर लाइव शो करते थे। फौजियों को गुमराह करते थे। वन रैंक वन पैंशन के नाम पर 40 साल से झूठ बोला गया। 40 साल तक फौजियों के आंखों में धूल झोंकी गई।

भाइयों बहनों।

हमने वादा किया था। हम हमारे फौजियों को वन रैंक वन पैंशन देंगे। आज मुझे गर्व से मुझे कहना है। 11-12 हजार करोड़ रुपए का बोझ हर वर्ष हिन्दुस्तान की तिजौरियों पर आएगा। उसके बावजूद भी वन रैंक वन पैंशन लागू कर दिया गया। मैं देश के फौजियों से कहना चाहता हूं। आजादी के बाद आज पहली बार देश में सरकार आई है, जो फौजियों के लिए जीना मरना भी जानती है। ... जो फौजी देश के लिए जीना मरना जानती है।

भाइयों बहनों।

आज तक हमने हमारी फौजियों की ताकत को कम आंका। उनकी बहादुरी को कम आंका। और दुश्मन लोग आकरके अंधेरी रात में हमारे फौजियों को मारकरके भाग जाए। देश के फौजी चुपचाप हाथ पर हाथ रखकरके बैठे रहना पड़ता था। बगल में बंदूक हो तो भी बंदूक चलाने की इच्छा हो तो भी नहीं कर पाता था। वातावरण ऐसा बना दिया गया। फौजियों को मारा जा रहा था।

भाइयों बहनों।

मैंने फौजियों से बात की। समझने का प्रयास किया। उनके मन के इरादे को जानने की कोशिश की। और जब हमारी फौज ने सर्जिकल स्ट्राइक की। दुनिया के बड़े-बड़े देश अभी अध्ययन कर रहे हैं। ये कैसे हुआ? इतना बड़ा ऑपरेशन और पाकिस्तान की धरती पर जा जाकर के ... पाई-पाई का हिसाब चुकता कर दिया। पाई-पाई का हिसाब कर दिया। देश की सेना दुर्बल नहीं है। देश की सेना दुर्बल नहीं है। अगर फैसले मजबूत होंगे तो देश की सेना पराक्रम दिखा सकती है। ये हमने सर्जिकल स्ट्राइक में देखा है।

भाइयों बहनों।

आप जानते हैं, हमारे देश में नेता लोग दिवाली कहां-कहां मनाते हैं? जन्मदिन कहां-कहां मनाते हैं, कहां-कहां जाते हैं?

भाइयों बहनों।

जब दिवाली का दिन होता है। मैं सीमा पर जाकरके देश के जवानों के साथ दिवाली मनाता हूं। इस दिवाली में मैं चीन की सरहद पर गया था। हमारे सुरक्षा बलों के साथ दिवाली मना रहा था, चाय पान कर रहा था। गप्पे गोष्ठी कर रहा था। एक बड़ी आयु के सरदार मेरे पास आए। बोले, साहब मेरा एक काम करिए। मैंने कहा - क्या? मेरी उमर हो गई है। बहुत साल फौज में काम किया, अब निवृत्त होने वाला हूं। मुझे लगा कि शायद वो कहेंगे, निवृत्ति के बाद मेरे लिए सोचना या मेरे बच्चे बड़े हो गए, उनके लिए सोचना। मैंने उनसे कहा, बताइए साहब क्या कहना है आपको? क्या कहना चाहते हैं? उन्होंने कहा कि मेरी एक इच्छा है। देखिए मेरे देश के फौज का मिजाज देखिए। उन्होंने कहा कि मेरी एक इच्छा है। मैंने कहाक्या? बोले मुझे भी पाकिस्तान की सीमा पर ड्यूटी दे दो। एक और सर्जिकल स्ट्राइक का मौका दे दो। निवृत्त होने से पहले मैं मां भारती के लिए कुछ करके जाना चाहता हूं। मुझे मौका दे दो।

भाइयों बहनों।

जिस देश के पास ऐसी फौज हो, ऐसे फौजी हो, उनके लिए वन रैंक वन पैंशन देना हम अपना कर्तव्य मानते हैं। वो कर्तव्य हमने पूरा किया।

लेकिन भाइयों बहनों।

ये देश का दुर्भाग्य देखिए। देश की सेनाओं के पराक्रम पर भी राजनीति के चश्मे से देखने वाले लोग, उस पर भी शक करने लग गए। सेना पर सवाल करने लग गए। सर्जिकल स्ट्राइक हुआ था कि नहीं हुआ था। आप अंदर गए थे कि नहीं गए थे। अंदर जाकरके किसी को मारा था कि नहीं मारा था। कुछ लोगों को इस बात का दुख था कि भई सर्जिकल स्ट्राइक हुई लेकिन ऐसा क्या कारण है कि हिन्दुस्तान का कोई जवान मरा ही नहीं। ऐसा क्या कारण है कि हिन्दुस्तान का कोई जवान मरा ही नहीं। उनको दुख इस बात का था कि मेरे सारे जवान जिंदा वापस आए। इसका दुख था। क्या ऐसे लोगों को देश की राजनीति करने का हक है क्या... देश का जवान जिंदा क्यों वापस आया, इसकी जिनको पीड़ा होती है। ऐसे लोगों को देश के नाम पर राजनीति करने का हक है क्या ...

भाइयों बहनों। राजनीति इतनी नीचे ले गए हैं।

और इसलिए भाइयों बहनों।

मैं आज मेरठ की धरती से ये अनुरोध करने आया हूं। उत्तर प्रदेश को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाना है। हर खेत को पानी पहुंचाना है। हर नौजवान को हाथ में हुनर देना है। माताओं बहनों को सुरक्षा देनी है। ...और इसलिए मेरे भाइयों बहनों। उत्तर प्रदेश में परिवर्तन जरूरी है।

भाइयों बहनों।

उत्तर प्रदेश के चुनाव में कुछ लोग बहुत परेशान हैं। टिकटें बेच बेच के इतने रुपए जमा किए थे। इतने रुपए जमा किए थे। कमरे के कमरे नोटों के बंडलों से भरे पड़े थे। बेईमानी करने वालों ने भी बड़ी-बड़ी नोटों के बंडल रखे थे। 8 नवंबर को रात 8 बजे। ये 70 साल का जमा किया हुआ माल, बैंकों में जाने को मजबूर हो गया। बड़े-बड़े लोग रुपए ठिकाने लगाने में लगे हुए थे। अब परेशान हो रहे हैं। ...और मैंने कहा था। देशवासियों से कहा था कि 50 दिन तक देशवासियों को तकलीफ होगी। 50 दिन के बाद देश को लुटने वालों की तकलीफ की शुरुआत हो जाएगी। ये मैंने कहा था। अब उनको पता चल रहा है। बैंक में जमा कर दिया लेकिन फंस गए। सारा पता चल रहा है, कहां से आया, कहां गया? बैंक के अफसर जेल जा रहे हैं। बैंक के मुलाजिम जेल जा रहे हैं। ये कांग्रेस पार्टी जरा जवाब दे कांग्रेस पार्टी। नोटबंदी का विरोध करने वाली कांग्रेस पार्टी से मैं सवाल पूछना चाहता हूं। कर्नाटक में उनके एक मंत्री के घर से 150 करोड़ रुपए पकड़ा गया है। क्या कारण है? क्या कारण है, अभी तक वो मंत्री पड़ा हुआ है? क्या कारण है कि मंत्री पद से हटाया नहीं गया है? क्या कारण है कि ये काले धन वाले खुलेआम घूम रहे हैं? आप मुझे बताइए। देश का चोरी का माल गरीबों के काम आना चाहिए कि नहीं आना चाहिए ... जो लूटा है, वो निकलना चाहिए कि नहीं निकलना चाहिए ... गांव-गांव गरीब को मिलना चाहिए कि नहीं मिलना चाहिए ... गांवों में विकास होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए ... गरीब के बच्चों को शिक्षा मिलनी चाहिए कि नहीं मिलना चाहिए ... ये बेईमानी का पैसा गरीबों की भलाई के लिए काम आने चाहिए कि नहीं चाहिए ...

भाइयों बहनों।

मैं 8 नवंबर को जानता था कि निर्णय सरल नहीं है। जिसके पास पैसे हैं, वो सारे मेरे दुश्मन हो जाएंगे। ये मुझे उसी दिन पता था। जिन्होंने लुटा है। वो सारे मिल जाएंगे। आज मैं देख रहा हूं, ये सारे मिलकर के तूफान खड़ा कर रहे हैं। ये मोदी ने हमें लूट लिया और मोदी को गिराकरके रहेंगे।

भाइयों बहनों।

उत्तर प्रदेश की जनता को मैं मेरठ की धरती से कहना चाहता हूं। आइए ... देश को भ्रष्टाचार से मुक्त करने की इस इस लड़ाई में मेरा साथ दीजिए। देश को भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में मेरा साथ दीजिए। दोनों हाथ ऊपर करके मुझे बताइए ... भ्रष्टाचार के खिलाफ मेरे साथ हैं आप। भ्रष्टाचार खत्म होना चाहिए ... भ्रष्टाचार खत्म होना चाहिए ... भ्रष्टाचार खत्म होना चाहिए ... काला धन खत्म होना चाहिए ... ये बदमाशी जो की गई है, उसे खत्म होना चाहिए ... लूट का पैसा वापस आना चाहिए ...

भाइयों बहनों।

इस एक काम को मैं करके रहूंगा। जब तक मैं हूं, मैं चैन से बैठूंगा नहीं। और मैं लुटेरों को, लुटेरों को चैन से बैठने नहीं दूंगा। कितनी ही शक्तियां इक्टठी हो जाए, कितने ही गठबंधन हो जाए, कितने ही मेल मिलाप हो जाए। ये लड़ाई, ये लड़ाई बंद होने वाला नहीं है। मोदी रूकने वाला नहीं है। इस बजट में भी देखा आपने। हमने सारी शक्ति मध्यम वर्ग के परिवारों की भलाई के लिए, गरीब परिवार की भलाई के लिए पूरा बजट, 10 लाख करोड़ रुपया किसानों के लिए, कोई सोच सकता है। ये काम इस बजट में हमने किया है। ...और कोई सोचता होगा कि हम बच जाएंगे। अभी भी मैं कहता हूं। जिन-जिन लोगों ने लोगों को लूटा है। उनको जवाब देना ही पड़ेगा। ये मैं बिलकुल साफ कहता हूं। मैं सरकार के अधिकारियों से कहता हूं कि उनको छोटे-छोटे व्यापारियों को परेशान करने का हक नहीं दिया है। ...और कोई भी व्यापारी को, छोटे व्यक्ति को अगर सरकार का मुलाजिम परेशान करता है तो मेरे कान में लाइए। आपकी रक्षा करने के लिए मैं मैदान में जाउंगा। मुझे बड़े-बड़े बेईमानों से लड़ना है। ताकतवर बेईमानों से लड़ना है। मुझे मोहल्ले की कुश्ती नहीं करनी है। मुझे तो बड़े-बड़े ताकतवरों को जेल भेजना है। तभी सफाई होगी। मुझे ऊपर सफाई करना है। उस पर मैं लगा हुआ हूं। और इसलिए छोटे-छोटे गांव के व्यापारियों को परेशान करना, ये मेरी सरकार को मंजूर नहीं है। यह हमें मंजूर नहीं है।

...और इसलिए भाइयों बहनों।

आप मुझे आशीर्वाद दीजिए। देश को भ्रष्टाचार से मुक्त करने के लिए आशीर्वाद दीजिए। देश को काले धन से मुक्त करने के लिए आशीर्वाद दीजिए। देश को बेईमानों से मुक्त करने का आशीर्वाद दीजिए। देश को माफियाओं से मुक्त करने के लिए आशीर्वाद दीजिए। देश को जमीन हड़पने वालों से मुक्त करने का आशीर्वाद दीजिए। उत्तर प्रदेश को बचाने के लिए आशीर्वाद दीजिए। उत्तर प्रदेश को बनाने के लिए आशीर्वाद दीजिए। उत्तर प्रदेश को नई ऊंचाईयों पर ले जाने के लिए आशीर्वाद दीजिए। और भारतीय जनता पार्टी को भारी बहुमत से विजयी बनाइए। यही आपसे प्रार्थना है। दोनों हाथ ऊपर करके मेरे साथ बोलिए। भारत माता की जय. भारत माता की जय। भारत माता की जय। धन्यवाद।

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।