सपा, बसपा और कांग्रेस ने कभी जनता की भलाई के बारे में नहीं सोचा और हमेशा राजनीतिक फायदे में लगी रहीं: प्रधानमंत्री
पूरे देश में अपराध के मामले में उत्तर प्रदेश नंबर एक है, इसे छवि को बदलना होगा: प्रधानमंत्री
हमारी सरकार अबतक की सबसे व्यापक फसल बीमा योजना लेकर आई: प्रधानमंत्री
हमने श्रेणी III और IV की नौकरी में होने वाले इंटरव्यू की प्रक्रिया को हटा दिया, इससे भ्रष्टाचार में कमी आई: प्रधानमंत्री

भारत माता की जय। भारत माता की  जय। मंच पर विराजमान भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सचिव श्रीमान महेंद्र सिंह जी। जिलाध्यक्ष श्री कृष्ण शास्त्री जी। श्रीमान नीरज सिंह। संसद में हमारे साथी श्री शिव प्रताप शुक्ला जी। श्रीमान इंद्रेश्वर नाथ गुप्ता जी। डॉ अरुण मौर्य जी। श्रीमान अजय वाजपेयी भुल्लन जी। संसद में हमारे साथी और हमेशा मुस्कुराता हुआ ही रहना ... मेरी छोटी बहन श्रीमती अंशुल वर्मा जी। सामाजिक न्याय मोर्चा के अध्यक्ष डॉ जीवन अर्कवंशी जी। सांसद श्रीमती अंजु बाला जी। जिला महासचिव श्री कर्म सिंह। श्री राजेश अग्निहोत्री। श्री रामचंद्र सिंह। जगन्नाथ सिंह। विधायक अनिल वर्मा जी। और इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार  सवायजपुर से श्रीमती रजनी तिवारी जी। स्वराजपुर से श्रीमान माधवेंद्र प्रताप सिंह जी। हरदोई से श्रीमान राज बख्श सिंह। गोपामो मऊ से श्रीमान श्याम प्रकाश जी। सण्डी से श्रीमान प्रभाष कुमार जी। बालीराम से श्रीमान आशीष जी। बालामी से श्रीमान रामपाल वर्मा जी। सण्डीला से श्री राजकुमार रजिया जी। और, विशाल संख्या में पधारे हुए मेरे प्यारे भाइयों और बहनों। दोनों मुट्ठी बंद करके पूरी ताकत से बोलिए ...  भारत माता की जय... भारत माता की जय... भारत माता की जय । बहुत बहुत धन्यवाद।

... मैं 2014 में भी हरदोई आया था। लेकिन तब एक छोटे से मैदान में सभा रखी गई थी। और आज ये विशाल मैदान भी छोटा पड़ गया। उधर भी फैंसिंग के उस पार लोग खडे हैं। यहां पर सारे छत भरे पड़े हैं। भाइयों बहनों इतनी बड़ी संख्या में आप हमारे सभी उम्मीदवारों को भारतीय जनता पार्टी को और मुझे आशीर्वाद देने के लिए आए हैं इसके लिए मैं आपका हृदय से बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं। ये भक्त प्रहलाद से जुड़ा हुआ हमारा हरदोई... और ऐसी धरती जहां दो दो बार हरि पधारते हैं... ऐसा हरदोई। लेकिन इस हरदोई के लिए मेरी शिकायत है। करूं... लेकिन आप बुरा मान जाएंगे तो ... नाराज हो जाएंगे तो... अरे चुनाव के दिनों में नाराज करना अच्छा होता है क्या... बुरा नहीं मानोगे न... करूं शिकायत करूं... पक्का ... लेकिन अभी भी लगता है कि थोड़ा है... उधर वालों को तो बुरा नहीं लगेगा न... इधर वालों को... बिल्कुल नहीं लगेगा... मेरी शिकायत है। 2014 में मैं खुद प्रधानमंत्री के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहा था... लोकसभा का चुनाव था.. तब मैं यहां आया था, लेकिन इससे एक चौथाई लोग भी नहीं आए थे... और आज पूरा ऐसा लग रहा है कि केसरिया समंदर है मेरे सामने। भाइयों बहनों...

भाइयों बहनों

सवा सौ करोड़ देशवासियों का प्यार बोलता है... प्यार बोलता है। मैं आज उत्तर प्रदेश के जिन दो चरण में मतदान पूरा हुआ उन दो चरण में भारी मतदान हुआ ... और सब प्रकार के अनुमान लगाने वालों ने कह दिया है कि भारतीय जनता पार्टी का घोड़ा तेज गति से आगे बढ़ रहा है। प्रथम दो चरण में भारतीय जनता पार्टी को जो भारी जन समर्थन दिया उत्तर प्रदेश ने... मैं इसके लिए उत्तर प्रदेश के भाइयों बहनों का हृदय से बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं।

भाइयों बहनों

हमारे देश के वैज्ञानिकों ने कल एक बहुत बड़ा इतिहास बना दिया। आज दुनिया के ...  हर हिंदुस्तानी को गर्व होगा। आज दुनिया का कोई अखबार ऐसा नहीं है... कोई टीवी चैनल ऐसा नहीं है... सारी दुनिया की,  जिसने भारत के वैज्ञानिकों ने जो कल 104 सेटेलाइट एक साथ छोड़े... उसकी तारीफ न हुई हो। आप को गर्व होता है कि नहीं होता है? कि नहीं होता है? आपको गर्व होता है कि नहीं होता है? सारा हिंदुस्तान गर्व अनुभव करता है। भाइयों बहनों देश को नई ऊंचाईयों पर ले जाने का लगातार हर कोई प्रयास कर रहा है। देश आगे बढ़ जाए लेकिन उत्तर प्रदेश अगर पीछे रह जाएगा तो चलेगा क्या? … और उत्तर प्रदेश आगे न बढ़े तो देश कभी आगे बढ़ सकता है क्या?

अगर उत्तर प्रदेश बिहार से गरीबी गई तो मान लीजिए हिंदुस्तान से गरीबी गई। मान लीजिए हिंदुस्तान से गरीबी गई। अगर उत्तर प्रदेश के नौजवान को रोजगार मिल गया। तो मान लीजिए हिंदुस्तान से बेरोजगारी गई। इतना बड़ा प्रदेश है। इस प्रदेश के करोड़ों-करोड़ों लोग सामर्थ्यवान लोग, गंगा-यमुना की धरती। उपजाऊ भूमि, मेहनतकश लोग, क्या कारण है… कि उत्तर प्रदेश से गरीबी जाने का नाम नहीं ले रही है? क्या कारण है? भाइयों बहनों लोगों में कमी नहीं है। पैसों की भी कमी नहीं है। संसाधनों की भी कमी नहीं है। सामर्थ्य की भी कमी नहीं है। संकल्प की कमी नहीं है। अगर कमी है तो यहां की सरकारों के इरादों की। चाहे कांग्रेस हो। चाहे सपा हो। चाहे बसपा हो। पूरे उत्तर प्रदेश का विकास कैसे हो, इसपर कभी सोचा नहीं गया। जो भी आया अपनी वोट बैंक संभालने में ही लगा रहा। अपनी जो वोट बैंक है उसका भला हो जाए, उसके झोले में कुछ डाल दो, खुशियां आती रहेंगी।

भाइयों बहनों

उत्तर प्रदेश को इस सपा, बसपा, कांग्रेस के चक्कर से मुक्त किए बिना उत्तर प्रदेश का  भाग्य नहीं बदलेगा। आपने मुझे सांसद बनाया। उत्तर प्रदेश इतनी ताकत दे गया। कि देश को स्थिर सरकार मिली। ये उत्तर प्रदेश के आशीर्वाद  थे कि एक गरीब मां का बेटा देश का प्रधानमंत्री बन गया। भाइयों बहनों भगवान कृष्ण उत्तर प्रदेश की धरती  पर पैदा हुए... और गुजरात में आकर कर्मभूमि बनाई। मैं गुजरात में पैदा हुआ उत्तर प्रदेश ने मुझे गोद ले लिया। कैसा बड़ा मेरा सद्भाग्य है। उत्तर प्रदेश ने मुझे गोद लिया है। और जिन्होंने मुझे गोद लिया है, वो उत्तर प्रदेश तो मेरा माईबाप  है। और मैं ऐसा बेटा नहीं हूं… जो माई बाप को छोड़ दूं। ये गोद लिया हुआ बेटा भी उत्तर प्रदेश की चिंता करेगा। ये मैं कहने आया हूं आपको। आपने मुझे गोद लिया है । ये उत्तर प्रदेश मेरा माई बाप है। यहां की स्थिति बदलना... गोद लिया हूं बेटा हूं तो भी ये मेरा कर्तव्य बनता है। और, इस कर्तव्य को निभाने के लिए मुझे आपका आशीर्वाद चाहिए ।  भारी बहुमत से उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनाइये। भारी बहुमत से बनाइये। मैं आपको वादा करतता हूं पांच साल के भीतर भीतर जिन समस्याओं से आप जूझ रहे हैं रास्ते खोज करके दे दूंगा। भाइयो रास्ते  खोज करके दे दूंगा।

आप मुझे बताइये पुलिस थाना ... ये पुलिस थाना होना चाहिए कि सपा का कार्यालय होना चाहिए? आप मुझे बताइये... पुलिस थाना होना चाहिए कि सपा का कार्यालय होना चाहिए? किसी राजनीतिक दल का कार्यालय पुलिस थाना हो सकता है क्या? पुलिस थाना कानून नियम से चलना चाहिए कि नहीं चलना चाहिए? पुलिस की जिम्मेवारी तय होनी चाहिए कि नहीं चाहिए? राजनेताओं की दखल बंद होनी चाहिए कि नहीं चाहिए? भाइयों बहनों ये उत्तर प्रदेश में ऐसी भयंकर बीमारी हो गई है... थानेदार  को भी  गुना  रजिस्टर करने से पहले इलाके  के  सपा के नेता को पूछना पड़ता है कि ये शिकायत दर्ज करूं या न करूं। ये मेरी जानकारी सही है या कि नहीं है? ये मेरी जानकारी सही है कि नहीं है? इससे मुक्ति दिलानी है कि नहीं दिलानी है? अगर सपा कार्यकर्ता तय करेंगे कि किसका गुना रजिस्टर हो किसका न हो तो फिर गुंडागर्दी करने  वालों को कोई रोक पाएगा क्या? खुला मैदान मिलेगा की नहीं मिलेगा? ये परिस्थिति… भाइयों बहनों, शांति अगर चाहिए तो कानून व्यवस्था का जिम्मेवारी से पालन होना चाहिए। इसमें राजनीति नहीं होनी चाहिए। अपने-पराए नहीं होने चाहिए। गुनहगार… गुनहगगार होता है, जब तक इस प्रकार से काम नहीं होगा… तब तक उत्तर प्रदेश को गुंडागर्दी से नहीं बचा पाएंगे। और, इसलिए भाइयों बहनों मैं आपसे आग्रह करने आया हूं, हमारे देश में राजनीतिक जो हत्याएं होती हैं। पूरे देश में उन राजनीतिक हत्याओं में सबसे ज्यादा देश में अगर हत्याएं कहीं होती है… तो वो प्रदेश का नाम है- उत्तर प्रदेश । अब ये उनका काम बोलता है कि कारनामा बोलता है? काम बोलता है कि कारनामा बोलता है? लोकतंत्र में अगर कोई उनको लगता है कि ये उभर रहा है तो साल भर के भीतर-भीतर उसका पत्ता साफ कर दिया जाता है भाइयों । क्या ये लोकतंत्र है? भाइयो बहनों अरे सरकारें आएंगी जाएंगी। ये जनता-जनार्दन अजर अमर होती है। उसकी सुरक्षा के बिना कभी किसी का भला नहीं हो सकता है।

 

भाइयों बहनों

हमारे देश में सबसे अधिक अगर गैंग रेप की घटनाएं कहीं होती है, तो उस प्रदेश का नाम है उत्तर प्रदेश । मैं उत्तर प्ररदेश की सरकार को पूछना चाहता हूं।  आप तो  परिवार वाले हैं, परिवारवाद वाले हो… परिवार का  हर व्यक्ति फले-फूले इसके लिए आप सब लोग लगे रहते हो। क्या आपको  उत्तर प्रदेश अपना परिवार नहीं लगता है क्या? क्या उत्तर प्रदेश की बहन बेटी आपके परिववार  की नहीं है क्या? और, गैंगरेप हो और ये परिवार के लिए इतने समर्पित नेता लोग  जो बयानबाजी करते हैं, आंख से पानी निकाल दे ऐसी बयानबाजी करके हमारी माताओं बहनों को अपमानित करते हैं। भाइयों बहनों उत्तर प्रदेश का ये चित्र बदला जा सकता है।

भाइयों बहनों

उत्तर प्रदेश में गैर कानूनी हथियारों के द्वारा फायरिंग से कट्टे... यहां कट्टे बोलते हैं न... मैं तो हैरान हूं जी... कट्टे का राज चलता है। भाइयों बहनों गैर कानूनी हथियारों की फायरिंग से तीन हजार लोग मरते हैं... यहां तीन हजार हत्याएं होती हैं। ये कट्टे कौन बनाता है? ये कट्टे के कारोबार कौन करते हैं? ये कट्टे बेचने वाले कौन हैं? बारूद पहुंचाने वाले कौन हैं? क्या  पुलिस कुछ नहीं कर सकती? भाइयों बहनों अगर सरकार सही हो... अगर घुड़सवार सही हो तो घोड़ा भी तो सही दिशा में चलता है  भाइयो।

भाइयों बहनों

हमारे देश में... देश में कुल आर्म्स एक्ट को लेकर के जो गुना रजिस्टर होते हैं... ये सिर्फ रजिस्टर वालों की बात करता हूं... अनरजिस्टर की तो बात ही छोड़ो... आर्म्स एक्ट,  हथियारों से संबंधित कानून... उसके विषय में जितने केसेज होते हैं... करीब-कीरब पचास प्रतिशत... अकेले उत्तर प्रदेश में होते हैं, और जो रजिस्टर नहीं होते हैं अगर वो संख्या जोड़ दी जाए तो पता नहीं हिंदुस्तान का कोई राज्य 100वें नंबर पर भी नहीं आयेगा। अकेला उत्तर प्रदेश एक से सौ में वही रहेगा जी। दलितों पर अत्याचार, भाइयों बहनों...

दलित हो, पीड़ित हो, शोषित हो, वंचित हो, महिला हो, इनकी सुरक्षा ये राज्य की पहली जिम्मेवारी होती है। लेकिन दुख के साथ कहना पड़ेगा... इनके कारनामे देखो... पूरे हिंदुस्तान में दलितों पर जो अत्याचार की जो घटनाएं होती हैं... उसमें बीस प्रतिशत से ज्यादा अकेले उत्तर प्रदेश में होती हैं। और सजा का तो नामो निशान नहीं है।

भाइयों बहनों

समाज का सामान्य से सामान्य व्यक्ति उसके जीवन पर इस प्रकार के संकट और इसके लिए सीधी जिम्मेवारी सरकार की है। कानून भी है, पुलिस भी है, थाने भी हैं, फिर भी स्थिति बेहाल है। कारण सरकार में बैठे हुए लोगों में कोई कमी है, कोई दोष है।

भाइयो बहनों  

आपके खेत की बाड़ भी काटके कोई ले जाए ... तो जीवन भर उस परिवार से अनबन हो जाती है कि नहीं हो जाती है? आपके खेत से कोई चुरा ले तो उससे अनबन होती है  कि नहीं होती है? प्राकृतिक संपदा ये समाज की संपत्ति होती है, देश की संपत्ति होती है। बालू ही क्यों न हो। वो संपत्ति देश की होती है। राज्य की होती है। अवैध खनन, खनन माफियाओं का बोलबाला हरदोई में है कि नहीं है? गैर कानूनी  खनन यहां का मुख्य कारोबार  हो गया है कि नहीं हो गया है? ये किसके आशीर्वाद से चलता है भाई? ये किसके आशीर्वाद  चलता है? किसके आशीर्वाद से चलता है? किसके आशीर्वाद से चलता  है? राज्य का नुकसान हो रहा है कि नहीं हो रहा  है? प्रकृति का नुकसान हो रहा है कि नहीं हो रहा है? इलाके का नुकसान हो रहा है कि नहीं हो रहा है? ये नदियों में कटाई के कारण जमीनें जाती हैं। कौन जिम्मेवार है इस के लिये?   भाइयों बहनों और कोई भी जागरूक नागरिक कोई संगठन, अगर कोई पत्रकार भी अखबार में छाप दे वो जिंदा रहेगा कि नहीं इसकी कोई गारंटी नहीं साहब। कोई पत्रकार एक  खबर छाप दे यहां अवैध खनन होता है, तो उसको मौत की धमकियां दी जाती हैं साहब। और, कभी कभी तो पुलिस थाने में से फोन जाता है। इससे  बड़ा दुर्भाग्य क्या हो सकता है भाइयो बहनों। और, इसलिए हम सत्ता के लिए जीने मरने वाले लोग नहीं है,  हम उत्तर प्रदेश की जनता की भलाई के लिए जिंदगी लगाने वाले लोग हैं। भाइयों बहनों ये जो इन्होंने स्थिति बनाई है, इस स्थिति के खिलाफ हमारा लड़ना बहुत जरूरी हो गया है। 

मैं उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के सभी नेताओं को हृदय से बधाई देता हूं, इस बार उन्होंने चुनाव का संकल्प पत्र निकाला है। उत्तर प्रदेश के विकास के लिए उत्तर प्रदेश की समस्याओं के समाधान के लिए, इतना स्पष्ट टाइम बाउंड अगर किसी ने प्रस्तुत किया है तो वो भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश के संकल्प पत्र में दिखा है। उन्होंने उत्तर प्रदेश के व्यापारियों के लिए ‘व्यापार कल्याण बोर्ड’ की रचना करने की घोषणा की है। व्यापार उद्योग के लिए सीएमओ में, सीएम ऑफिस में सिंगल विंडो क्लियरेंस की उन्होंने व्यवस्था करके रखी है। ये जो वादे किए हैं ये वादे उत्तर प्रदेश के सामान्य मानवी को सामान्य तौर पर होने वाली कठिनाइयों से मुक्त कराने का एक सरल रास्ता खोजा है। भाइयों बहनों यहां के नौजवानों के लिए आधुनिक रोजगार  उपलब्ध कराने के लिए छह आइटी पार्क निर्माण करने का उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी ने अपने संकल्प पत्र में घोषित किया है। भाइयों बहनों एक मौलिक रूप से महत्वपूर्ण निर्णय हमारे उत्तर प्रदेश के लोगों ने कहा है… और उन्होंने कहा है कि एक ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना’ 1000 करोड़ रुपये से लागू की जाएगी। विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के तहत बढ़ई हो, दर्जी हो, सुनार हो, टोकरी हो, बुनकर हो, मोची हो, हलवाई हो, छोटे-छोटे काम करने वाले लोग उनको आर्थिक मदद करके उनको शक्तिशाली बनाने की दिशा मे ये बोर्ड काम करेगा। पहली बार, पहली बार समाज के इस वर्ग को फलने फूलने के लिए सरकार की ओर से पूरी सहायता करने का विचार भारतीय जनता पार्टी के संकल्प पत्र में कहा गया है। ये हमारा हरदोई, कालीन के कारीगर… हजारों की तादाद में हमारे ये कालीन के कारीगर हैं। सपा-बसपा दोनों ने इन बुनकरों की भलाई के लिए न कोई योजना बनाई, न कोई व्यवस्था करी। भारत सरकार ने मार्केटिंग करके दुनिया में एक्सपोर्ट करने की दिशा में दुनिया के साथ समझौते करके व्यापार को बढ़ावा देने की ताकत दी है। सरकार खुद जिम्मेवारी लेती है। छोटा गांव होगा, छोटा घर होगा, उसमें भी बनी हुई चीज दुनिया के बाजार में बिक सकती है, इसकी चिंता हमने की है भाइयों बहनों। इस विश्वकर्मा योजना के तहत उनको भी इसका फायदा मिलेगा। 

मैं भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश को एक बात के लिए बधाई देना चाहता हूं कि उन्होंने चुनावी संकल्प पत्र में एक महत्वपूर्ण फैसला किया है। उन्होंने कहा है कि उत्तर प्रदेश में जो छोटे किसान हैं उनके फसल को लेकर के जो कर्ज हुआ है, भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनते ही वो कर्ज माफ कर दिया जाएगा। भाइयों बहनों जिस उत्तर प्रदेश ने मुझे गोद लिया है। जो उत्तर प्रदेश मेरा माई बाप है। उत्तर प्रदेश के संसद के नाते मैं आपको वादा करता हूं। यहां के सांसद के नाते वादा करता हूं कि इस उत्तर प्रदेश का गोद लिया हुआ बेटा वादा करता है। ग्यारह मार्च को नतीजे आएंगे। भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनेगी। शपथ समारोह होगा। उसके बाद जो पहली कैबिनेट की मीटिंग होगी, पहली मीटिंग में ही किसानों की कर्ज माफी का निर्णय कराउंगा। ये जिम्मेवारी मैं लेता हूं भाइयों बहनों।

 

भाइयों बहनों

हमारे देश में एक बार महंगाई बढ़े दाम बढ़े कभी कम होने का नाम नहीं लेती। धीरे धीरे लोगों को आदत भी हो जाती है। मैं आज मेरे किसान भाइयों को कहना चाहता हूं, चौधरी चरण सिंह जी जब इस देश में प्रधानमंत्री थे ये कुछ समय के लिए, सिर्फ वो एक समय था, एक मात्र चौधरी चरण सिंह जी का समय... जिसमें फर्टिलाइजर के खाद के दाम कम हुए थे। सत्तर साल में और कोई सरकार में कम नहीं हुई है। पहली बार ये उत्तर प्रदेश का गोद लिया हुआ बेटा, एक गरीब मां का बेटा, जब प्रधानमंत्री बना तो सालों बाद डीएपी में एक टन में तीन हजार आठ सौ रुपये का दाम कम कर दिया गया। और उसके कारण पचास केजी की बोरी में किसान को दो सौ रूपये की बचत हो गई। एमओपी एक टन में पांच हजार रुपया दाम कम किया। और उसके कारण पचास केजी की बोरी में किसान को ढाई सौ रूपया कम खर्चा हुआ। भाइयों बहनों मिश्रित एनपीके प्रति टन एक हजार रुपया कम हुआ, बोरी में किसान को पचास रुपये का मदद हुआ। करीब करीब पांच हजार करोड़ रुपया किसानों के जेब में बच गए भाइयों। हिंदुस्तान में चरण सिंह जी के बाद पहली बार किसानों के लिए काम करने वाली सरकार ने ये करके दिखाया।

भाइयों बहनों

जब में प्रधानमंत्री बना कुछ  ही दिनों में जो मुख्यमंत्रियों की चिट्ठियां आतीं थीं उसमें सबसे ज्यादा चिट्ठी इस बात की आती थी कि हमें यूरिया चाहिए। यूरिया की कमी है, किसान परेशान है हमें यूरिया दीजिए। भाइयों बहनों एक बार मुझे चिट्ठी आई, शुरू शुरू में जब मैं नया नया आया था, आज भाइयों बहनों मैं बड़े संतोष के साथ कहता हूं कि पिछले दो साल में यूरिया के लिए हिंदुस्तान के एक भी मुख्यमंत्री की मुझे चिट्ठी नहीं आई।  आप मुझे बताइये यूरिया के लिए आप लोग रात-रात भर कतार में खड़े रहते थे कि नहीं रहते थे? यूरिया कालाबाजार से लेना पड़ता था कि नहीं पड़ता था? जब जरुरत पड़े यूरिया मिलता था?... काले बाजार से लेना पडता था कि नहीं? दो साल हो गए न यूरिया के लिए कोई कतार लगी है, न यूरिया की कतार पर लाठीचार्ज हुआ है। न यूरिया ब्लैक मार्केट से लेना पड़ा है, क्यों... भाइयों बहनों हमने नीति बदल दी। यूरिया का नीम कोटिन किया, पहले यूरिया चोरी होकरके केमिकल के कारखानों में चला जाता था। और बड़े बड़े धन्नासेठ उसका उपयोग अपना अलग-अलग केमिकल बनाने के लिए करते थे। यूरिया किसान के खेत में नहीं पहुंचता था। सब्सिडी के पैसे किसान के नाम से बिल कटते थे, लेकिन मलाई खाता था कारखाने वाला... हमने जब नीम कोटिन कर दिया, 100 परसेंट नीम कोटिन कर दिया। उसकी स्थिति ये हुई कि आज नीम कोटिन किया हुआ यूरिया मुट्ठी भर यूरिया भी अब किसी फैक्ट्री वाले को काम नहीं आ सकता। पहले लोग यूरिया से सिंथेटिक दूध बनाकर के लोगों की हेल्थ पर खिलवाड़ करते थे। अब वो यूरिया से सिंथेटिक दूध भी बनाना बंद हो गया। अब वो नीम कोटिन यूरिया सिर्फ और सिर्फ जमीन और खेती के सिवा काम ही नहीं आ सकता। अब चोरी होगी क्या? चोरी होगी क्या? कालेबाजारी होगी क्या? ये काम पहले इतनी सरकारें आईं, कोई टेक्नॉलॉजी नहीं सिंपल काम है भाई, नीम के पेड़ की जो फली है उसके तेल को मिक्स करना होता है। कुछ करना नहीं होता है। इन्होंने नहीं किया। क्योंकि केमिकल फैकट्री वालों की भलाई करना चाहते थे। किसानों की भलाई करना नहीं चाहते थे। हमने इसको कर दिया। और, उसका परिणाम ये हुआ कि किसान के खेत को भी नीम कोटिन के कारण जमीन का लाभ हुआ है। फायदा हुआ है। बुआई बढ़ी लेकिन फर्टिलाइजर कम  उपयोग में  आया। किसानों का पैसा बच गया। जमीन की तबीयत भी ठीक होने लग गई भाईयों। इतना ही नहीं  अभी मैंने। उसका सर्वे करवाया तो उस सर्वे में भी सैंपल सर्वे करवाया। जिन्होंने पूरी तरह नीम कोटिन यूरिया समय पर डाला उनके गेहूं के उत्पादन में पांच प्रतिशत वृद्धि हुई, जिन्होंने धान की खेती की, गन्ने का उत्पादन किया, उनके उत्पादन में पंद्रह प्रतिशत की वृद्धि हुई। ये सीधा सीधा जमीन उतरी, मेहनत उतरी, ज्यादा कमाई हुई। भाइयों बहनों किसान के लिए कैसे काम करना, ये आपको ध्यान में आता है... 

हम प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लाए। ये प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना राजस्थान पचास प्रतिशत से ज्यादा किसानों को लाभ दे रहा है। मध्यप्रदेश पचास प्रतिशत से अधिक किसानों को लाभ मिल रहा है। छत्तीसगढ़, हरियाणा भाजपा की सरकारें हैं, पचास प्रतिशत से अधिक लोगों को लाभ मिल रहा है। लेकिन ये काम करने वाली सरकार। किसके लिए काम करते हो? उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए सिर्फ चौदह परसेंट किसानों को ये बीमा योजना का लाभ मिला, उन्होंने औरों को नहीं लेने दिया। क्यों भाई? भारत सरकार खर्चा कर रही है। दो प्रतिशत का बीमा दर। डेढ़ प्रतिशत का बीमा दर, 98 प्रतिशत सरकार दिल्ली से देती है। लेकिन अखिलेश जी को ये काम, काम नहीं लगता है भाइयों। और, किसानों का बीमा नहीं हुआ। और बीमा कैसा है। आप तक इन्होंने बात भी नहीं पहुंचाई होगी। ये बीमा कैसा है। अगर आफको जून महीने में बुआई करनी है। मान लीजिये बारिश नहीं आई... बुआई नहीं कर पाए। सब तैयारी कर के रखा है । खर्चा करके रखा है। खेत जोत करके रखा है। सब तैयार है जुलाई में बारिश नहीं हुई बुआई नहीं हो सकी। अगस्त में बारिश नहीं हुई, बुआई नहीं हुई । साल बर्बाद हुआ कि नहीं हुआ? किसान का सब लुट गया कि नहीं लुट गया? खर्चा किया तो था। बारिश का इंतजार था पानी का इंतजर था। नहीं कर पाया। हमने ऐसा बीमा दिया है कि बुआई  नहीं कर पाया तो भी अगर उसको नुकसान हुआ है तो भी उसको बीमा का पैसा मिलेगा, इतना ही नहीं मान लीजिए अच्छी बारिश हो गई। अच्छी फसल हो गई । अच्छी कमाई हो जाए ऐसी स्थिति बन गई। सारी फसल काटकरके सारा खेत में ढ़ेर पड़ा है... धान का, गेहूं का सब रेडी है। बस बाजार से ट्रैक्टर आने वाला है, बैलगाड़ी आने वाली है। मंडी में पहुंचाने की ही तैयारी चल रही है। अचानक ओले गिर गए। अचानक वर्षा गिर गई । आंधी आ गई । उसकी कटाई की हुई ढेर रखा है। एक प्रकार से रुपयों का ढेर है किसानों के लिए वो, सब बर्बाद हो गया। पहली बार हम प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना लाए, कि खेत में कटाई के बाद पंद्रह दिन के अंदर ऐसा नुकसान होता है तो उसको भी बीमा का पैसा मिलेगा भाइयों... ये काम हमने किया। आप मुझे बताइये क्या ऐसी स्थिति करे तो किसान को आत्महत्या करने की नौबत आएगी क्या? किसान को कभी संकट आया तो मदद मिलेगी कि नहीं मिलेगी? लेकिन भाइयों बहनों जिनका काम बोलता है उनका किसान नहीं बोलता है कि उसको बीमा मिला है भाइयों। भाइयों और बहनों और इसलिए मैं कहना  चाहता हूं कि लोगों का भला करने का उनका इरादा नहीं है।

भाइयों बहनों

कल आपने एक खबर अखबारों में देखी होगी। एक बहुत बड़ा फैसला मैंने किया है। और आप जानते हैं कि मेरा हर फैसला ऐसे ऐसे लोगों को जन्म देता है कि जो मोदी को सबक सिखाने का संकल्प कर लेते हैं। मैं एक निर्णय करता हूं, तो सामने पचास लोग तैयार हो जाते हैं।  अच्छा, ये मोदी कर रहा है... दिखा देंगे। ये हाल है मेरा। लेकिन क्या मुझे डरना चाहिए क्या? डरना चाहिए क्या? रुकना चाहिए क्या? और ऐसे लोगों के सामने झुकना चाहिए क्या? अरे झुकूंगा... तो सवा सौ करोड़ देशवासियों के सामने झुकूंगा। भाइयों बहनों मैंने अभी एक निर्णय किया ...मैं जानता हूं कि कैसे कैसे लोग नाराज होंगे, मुझपे कितने खतरे आएंगे, मैं जानता हूं। कैसी-कैसी तकलीफें पैदा करेंगे… मैं जानता हूं। लेकिन निर्णय किया है गरीबों के लिए किया है। मैंने निर्णय किया है सामान्य व्यक्ति के लिए किया है। हमारे देश मं हृदय रोग की बीमारी बढ़ती चली जा रही है। और डॉक्टर के पास जाओ आप तो कुछ जानते नहीं हो, अंदर ले जाते हैं अकेले को  ऑपरेशन थियेटर में सुला देते हैं, अंदर क्या करते हैं मालूम नहीं, बाहर आते हैं तो उसके पहले बिल आ जाता है। एक हार्ट की बीमारी होती है तो स्टैंट लगा देते हैं। और मुझे कि उत्तर प्रदेश में कहते हैं कि छल्ला लगवा देते हैं। हृदय की बीमारी हो तो छल्ला लगवा देते हैं। मुझे बड़ी पीड़ा होती है। सालों से ये हृदय रोग की बीमारी गरीब को होती है, मध्यम वर्ग को होती है, टीचर को होती है, दारोगा को होती है। सामान्य व्यक्ति को भी होती है। लेकिन जब उसको बीमारी होती है तो बिल लगता है 45 हजार रुपया। अगर देसी बनावट का छल्ला लगवाया तो 45 हजार रुपया। तो गरीब सोचता है कि चलो भाई संभल कर जिएंगे। भगवान ने जितना दिन रखा... जिएंगे। 45 हजार कहां से लाएंगे। वो बेचारा जीवन और मृत्यु के बीच गुजारा करता है। और विदेशी छल्ला लगाना है तो। डॉक्टर कहते हैं देसी छल्ला लगाओगे तो 10 साल जियोगे, ये वाला छल्ला लगाओगे तो 25 साल जियोगे, और ये वाला छल्ला लगाओगे तो जिंदगी भर कोई तकलीफ नहीं होगी। उसको भी लगता है कि ये वाला छल्ला लगवा लो। बड़े कर्ज कर लेंगे। भाइयों बहनों सवा दो लाख रूपयों में छल्ले लगते थे जो बाहर से आए। हमने एक नियम बनाया कल, जांच की पूरी। मैं दो साल से लगा था। बारीकी से पूछा बताओ तुम्हारा कितने पैसों में तैयार होता है बताओ... मुझे हर चीज का हिसाब आया। आखिरकार परसों रात को मैंने फैसला कर दिया। जो छल्ला 45  हजार में बिकता था वो अब 7 हजार रुपये में बिकेगा भाइयों। जो छल्ला दो-ढाई लाख में बिकता था वो 25-30 हजार में बिकेगा भाइयों बहनों। अब मुझे बताइये कि ये छल्ला बनाने वालों का दिमाग फटकेगा कि नहीं फटकेगा? ये छल्ला बनाने वालों का दिमाग फटकेगा कि नहीं फटकेगा?  वो मोदी पर गुस्सा करेंगे कि नहीं करेंगे? मोदी पर नाराज होंगे कि नहीं होंगे?  मेरे खिलाफ बवंडर खडा करेंगे कि नहीं करेंगे? अखबारों में लेख लिखवाएंगे कि नहीं लिखवाएंगे? मेरी बेइज्जती करवाएंगे कि नहीं करवाएंगे? लेकिन ये मैंने किया किसके लिए भाई? मुझे तो छल्ला लगवाना है नहीं है जी। किसके लिए किया? आप लोगों के लिए किया है। गरीब लोगों के लिए किया है। देशवासियों के लिए किया है भाइयों। और इसलिए ये करता हूं, इसलिये करता हूं कि मुझे विश्वास है कि देशवासियों का आशीर्वाद मेरे साथ है। बड़ों बड़ों को नाराज करने से मैं डरता नहीं हूं भाइयों, क्योंकि मुझे गरीब के लिए जीना है, गरीब के लिए जूझना है और मैं इसलिए नहीं कर रहा हूं। इस देश में पचास साल से गरीबी के नारे सुने हैं। मैं तो इसलिए कर रहा हूं कि मैं गरीबी में पैदा हुआ हूं। गरीबी को मैंने जिया है। एक गरीब की जिंदगी कितनी कठिन होती है वो डगर डगर पर मैं अनुभव करके आया हूं। और इसलिए भाइयो बहनो गरीबों के लए कुछ करना उनकी जिंदगी में बदलाव लाना, इसका मैंने बीड़ा उठाया है। आपका मुझे आशीर्वाद चाहिए भाइयो बहनों, आपका मुझे आशीर्वाद चाहिए। ये सपना पूरा हो करके रहेगा।

दवाइयां... भाइयों बहनों दवाइयां कैसे बिक रहीं थीं। मैं तो हैरान हूं साहब। तीन बीमारियां खास। कैंसर डायबिटीज, हृदय रोग । और ये बीमारी भी ऐसी है कि कोई भी आदमी चिंता करता है कि कोई भी खर्चा करना पड़े दवाई ले ले, पता तो है नहीं। हमने जन औषधि केंद्र खोले सैकड़ों की तादाद में। सबसे पहला काम किया।।  छह सौ सत्तर के करीब। छह सौ सत्तर के करीब दवाइयों की सूची बनाई, जो कैंसर डायबिटीज  और हृदय रोग के लिए जरुरत पड़ती है। अनाप-शनाप पैसे लेते थे, अनाप-शनाप । कोई पूछने वाला नहीं था। भाइयों बहनों हमने सात सौ दवाइयों की सूची बनाई। इसका दाम पक्का कर दिया और ये दवाई बनाने वालों को मजबूर कर दिया कि इससे ज्यादा पैसे नहीं लोगे। जिस दवाई का दो सौ रुपया लूटते थे। तीस चालीस रुपया  देने के लिए मजबूर कर दिया। भाइयों बहनों गरीब का भला कैसे होता है। अगर सरकार में दम हो... अगर सरकार में दम हो तो ।

 

भाइयों बहनों

गरीब को ध्यान में रखकर के चाहे शौचालय बनाने की बात हो, चाहे स्वच्छता का अभियान हो। अगर एक बार नेक इरादे हों तो ये भी काम कर सकते हैं भाइयों बहनों, हमने करके दिखाया है। आप मुझे बताइये शौचालय बनाना क्या उसके लिए बहुत बड़े इंजीनियरों की जरुरत थी क्या? आप मुझे बताइये भाइयों बहनों आज भी हमारी माताएं बहनें उनको खुले में शौच जाना पड़े… इसके लिए हमें चिंता होनी चाहिए कि नहीं होनी चाहिए ? आज भी करोड़ों करोड़ों हमारी मां बहनों को खुले में शौच जाना पड़ता है। और वे  सूरज उगने से पहले भागती हैं शौच के लिए। उसको डर रहता है कि कहीं सूरज निकल जाएगा तो कहीं जा नहीं पाऊंगी, वो चैन से सो नहीं सकती है। दिन में भी उसको जाना है । शरीर को पीड़ा हो रही है... वो इंतजार करती है कि सूरज ढलने के बाद जाऊंगी। और डर भी रहता है कि कोई सिरफिरा इज्जत लूट न ले। कितनी मुसीबत से हमारी माताएं बहनें जीवन गुजारा करती हैं। क्या उनको शौचालय जैसी व्यवस्था मिलनी चाहिए कि नहीं मिलनी चाहिए? मिलनी चाहिए कि नहीं मिलनी चाहिए? भाइयो बहनों मैंने इसका बीड़ा उठाया हुआ है। लगा हूं मैं। लोग कहते हैं हमनें फलाना बनाया हमने ठिकाना बनाया। जो बनाया है बनाओ मुझे तो मेरी गरीब मां के लिए शौचालय बनाना है। तुमको जो बनाना है बनाते रहो। और तुम उत्तर प्रदेश को भी बनाते हो। मूर्ख बनाते रहते हो। 

भाइयों बहनों

गरीब को ध्यान में रखकर के हम काम करते हैं। आप मुझे ये बताइये कि एलइडी बल्ब, ये एलइडी बल्ब कोई मोदी ने आकर के खोजा है क्या? भाइयों बहनों एलइडी बल्ब अगर लगाते हैं… गरीब के घर में अगर तीन चार लट्टू है तो उसका ढाई सौ तीन सौ रुपया बिजली का बिल बच जाता है, तो अगर ढाई सौ तीन सौ रुपया बिजली का बिल बच जाता है तो बच्चे को दूध पिला सकता है, सिर्फ एलइडी बल्ब लगाने से । पहले एलइडी बल्ब की कीमत होती थी तीन सौ चार सौ रूपया। हम आए... हिसाब लगाया, बुलाया तो बताओ भाई क्या है। हिसाब लगा तो साहब मामला सत्तर अस्सी पर आ गया। ये लूट है कि नहीं बताइये? ये लुटेरों के भागीदार सरकार में बैठे हैं कि नहीं बैठे हैं? मैंने कह दिया कि सत्तर अस्सी रुपये में एलइडी का बल्ब बेचना पड़ेगा। अब बताइये वो मुझे जिंदा रहने देंगे क्या? मेरा जितना नुकसान करना होगा… वो छोड़ेंगे क्या मुझे? अरे मेरा जो नुकसान करना है कर लीजिए। लेकिन आज बीस करोड़ से ज्यादा एलइडी बल्ब घरों में पहुंचा दिए। और भाइयों और बहनों ग्यारह हजार करोड़ रुपयों से ज्यादा बिजली का बिल गरीब आदमी का कम हो गया। उसके जेब में पैसा बच गया भाइयों । काम कैसे होता है ये हमने करके दिखाया है। इसलिए भाइयों बहनों अकेले हरदोई जिले में  सवा लाख एलइडी बल्ब लगे सवा लाख। लोगों को लगता है कि मोदी की योजना नीचे नहीं पहुंचती है। मैं हरदोई की बताऊं सवा लाख एलइडी बल्ब हरदोई जिले में पहुंच गई। 

मैं जरा उत्तर प्रदेश की सरकार कैसे काम करती है मैं बताता हूं जी। हमने गरीब परिवारों को बिजली का कनेक्शन मुफ्त में देने के लिए सवा लाख परिवार उनको मुफ्त में बिजली का कनेक्शन देने के लिए पैसा देने की घोषणा की। सवा लाख गरीब परिवारों में बिजली आएगी तो अखिलेश जी का कोई नुकसान होगा क्या?  नुकसान होगा क्या? सरकार पैसे दिल्ली की भाजपा की सरकार दे रही है। आपको दुख होगा सवा लाख लोगों के लिए पैसे देना तय किया... पैसे पड़े... ये सिर्फ तेरह हजार घरों में बिजली दे पाए । कौन जिम्मेवार है इसके लिए? ये काम बोलता है आपका? पैसे दिल्ली की सरकार दे रही है। लोगों को बिजली चाहिए। लेकिन आपकी सरकार नाकाम है । काम नहीं करती। उसके कारण उनको बिजली नहीं मिल रही है। भाइयों बहनों ऐसी  जिन्होंने सरकार चलाई है, ऐसे लोगों को एक पल रहने का अधिकार नहीं है। 

भाइयों बहनों

अभी हमने निर्णय किया। नोटबंदी का निर्णय किया है। 8 नवंबर रात को 8 बजे अच्छों अच्छों का पत्ता साप हो गया कि नहीं हो गया। लुटेरों को पता चल गया न कि कोई आया है। कोई उत्तर प्रदेश का लाल आया है, जो अब गरीबों को लूटने नहीं देगा। पता चल गया गया कि नहीं चल गया। भाइयों बहनों मैं आपको विश्वास दिलाता हूं जिन्होंने सत्तर साल तक गरीबों का लूटा है उनको लौटाना ही पड़ेगा। दस बार कहता हूं लौटाना ही पड़ेगा। ये भ्रष्टाचार कालेधन के खिलाफ ये मेरी लडाई है। और भ्रष्टाचार कालेधन की जुगलबंदी है भाइयों। ये भ्रष्टाचार खत्म होना चाहिए। आप मुझे बताइये सारी बुराइयों की जड़ में भ्रष्टाचार है कि नहीं है? नौकरी नहीं मिलती भ्रष्टाचार के कारण है कि नहीं है। घर नहीं मिलता है भ्रष्टाचार के कारण है कि नहीं है। अरे रेलवे में टिकट नहीं मिले ये भ्रष्टाचार के कारण होता है कि नहीं है। भाइयों बहनों बीमारी इतनी फैली हुई है कि सत्तर साल में कुछ भी नहीं बचने दिया। दीमक की तरह भ्रष्टाचार ने तबाही लाई है। उसके खिलाफ किसी ने तो लड़ना चाहिए कि नहीं भाइयों लड़ना चाहिए? नोटबंदी करके मैंने एक बड़ा अहम कदम उठाया है, भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए। जिन्होंने नोटों के  बंडल के बंडल घर में रखे थे, बिस्तर के नीचे रखकर के सोते थे। सब ठिकाने लग गए कि नहीं लग गए? पाई पाई बैकों में आई कि नहीं आई... आई कि नहीं आई?  अब वो बैंकों से पैसा देश के विकास में लगेगा कि नहीं लगेगा? जिन्होंने चोरी का माल इकट्ठा किया था उनको हिसाब देना पड़ेगा कि नहीं पड़ेगा? हिसाब पूरा करके रहने वाला हूं, मैं रुकने वाला नहीं हूं।

 

आप मुझे बताइये कैसे काम होता है। हमारा नौजवान। नौजवान को रोजगार चाहिए कि नहीं चाहिए। अपने जनपद में मिले ऐसी व्यवस्था चाहिए कि नहीं चाहिए। सरकारी नौकरी मिल सकती है क्या? आप मुझे बताइये भाई। सरकार में इंटरव्यू होता है इंटरव्यू । आप फर्स्ट क्लास फर्स्ट आए हो । 80 प्रतिशत मार्क्स लाए हो । फिर आपको सरकार बुलाती है टेस्ट देने के लिए। लिखित में टेस्ट देते हो उसमें भी 80 परसेंट मार्क्स आ जाए तो... फिर चिट्ठी आती है कि फलाने तारीख को को इंटरव्यू है । इंटरव्यू आने के बाद आपकी नींद उड जाती है। इंटरव्यू आने से खुशी नहीं होती है नींद उड़ जाती  है। आप खोजते हैं कि यार कोई जान पहचान वाला मिल जाए... ताकि इंटरव्यू से निकल जाउं। होता है कि नहीं होता है? आपके घर में इंटरव्यू पहुंचता है, दो दिन में बिचौलिया आ जाता है। अच्छा-अच्छा इंटरव्यू आ गया। आपको लगता है इस भाई ने मदद की होगी। फिर कहता है चिंता मत करो नौकरी पक्की है बस दो लाख दे दो। बिचौलिए घूमते हैं इंटरव्यू वालों के घर जाते हैं। दो लाख, पांच लाख, दस लाख और गरीब मां सुनती है तो बेटे को नौकरी लगने वाली  है, लेकिन बेटा बेचारा दुखी है रात को सो नहीं पा रहा है। तो मां कहती है बेटा चिंता मत कर ये तेरे बाप जाते-जाते मेरे लिए गहने छोड़ गए हैं... ये गिरवी रख दो, बेच दो, अगर दो लाख रुपया मिल जाता है तो किसी से कर्ज ले ले, लेकिन एक बार बेटा नौकरी ले लो... बेटा जिंदगी बन जाएगी। गरीब मां अपने गहने गिरवी रखकर के बेटे को इंटरव्यू पास करने के लिए पैसे देती है भाइयों बहनों। क्या ये स्थिति बंद होनी चाहिए कि होनी चाहिए? और क्या मुझे बताइये कि कोई दुनिया में ऐसा एक्सरे है क्या? ऐसा कोई विज्ञान है क्या? कोई तीसरा लोचन है क्या किसी के पास… कि तीन बाबू बैठे हों । एक कमरे से दरवाजे से इंटरव्यू देने वाला घुसता है 30 सेकेंड कमरे में रहता है, 30 सेकेंड में । एकाध पूछ लेता है कहां से आए। कहां के हो । बस में आए कि ट्रेन में आए । और वो दूसरे दरवाजे से निकल जाता है। ये होता है इंटरव्यू । बताइये भाइयो इतने से तीस सेकेंड में इंटरव्यू में पता चलता है कि अच्छा है कि बुरा है। तो इंटरव्यू किस चीज के लिए है...  मलाई खाने के लिए है कि नहीं है? है कि नहीं है बताओ भाइयो। है कि नहीं । दिल्ली में मुझे जब से आपने बिठाया मैंने पहला काम किया वर्ग तीन और चार, सरकार में 90 प्रतिशत जगह वर्ग तीन और चार की होती है । मैंने कहा कि कोई इंटरव्यू-इंटरव्यू नहीं होगा। वो अपना परीक्षा में जो मार्क्स आया है। वो कंप्यूटर में डाल देगा । कंप्यूटर तय करेगा कि सबसे ज्यादा पहले 200 कौन है । उन दो सौ को नौकरी का ऑर्डर चला जाएगा। गरीब विधवा मां के घर भी ऑर्डर सीधा सीधा चला जाएगा। भाइयों बहनों भ्रष्टाचार गया कि नहीं गया?  मैंने अखिलेश जी को कहा, मैंने दिल्ली में किया है आप उत्तर प्रदेश में करो न । नहीं किया। नहीं किया। भाइयों बहनों हमारी सरकार उत्तर प्रदेश में बनते ही ये भाई भतीजावाद तेरा-मेरा । और नौकरी में जिसका हक था उसको मिला नहीं है... उसको हक दिलाने का काम सबसे पहले करेंगे। नौकरी में वोट बैंक के आधार पर नौकरी देना। फलानी जाति के लोग वोट देते हैं उस जाति को नौकरी दे देना भाइयों बहनों ... तो बाकी लोग जाएंगे कहां? भाइयों बहनों  ये अन्याय है। ये अन्याय के खलाफ मुझे लड़ाई लड़नी है। और इसके लिए मुझे आपका आशीरर्वाद चाहिए। 

भाइयों बहनों

कल हमारे वैज्ञानिकों ने एक सौ चार सेटेलाइट छोड़े दुनिया के किसी देश ने हमसे सबूत नहीं मांगा है। लेकिन जब हमने सर्जिकल स्ट्राइक किया, सबूत मांग रहे थे सबूत। मैं तो कल सोच रहा था... मैंने वैज्ञानिकों को फोन किया, मैंने कहा कि सबूत-वबूत रेडी रखना... पता नहीं कोई निकल पड़ेगा। मोदी ने तो उत्तर प्रदेश में चुनाव चल रहा है, इसलिए एक सौ चार सेटेलेइट छोडे हैं। सबूत रेडी रखना मैंने कहा। सर्जिकल स्ट्राइक देश के फौज के लोग जान की बाजी लगा रहे थे और तुम सबूत मांग रहे थे। शर्म आनी चाहिए आप लोगों को शर्म आनी चाहिये। वन रैंक वन पेंशन। फौज के जवानों को  चालीस साल हुए भाइयों, वन रैंक वन पेंशन नहीं देते थे। हमने वादा किया था। बारह हजार करोड़ की लागत आई, वन वन रैंक वन पेंशन लागू कर दिया भाइयों। भाइयों बहनों मेरा कहने का तात्पर्य यही है कि हमें विकास के लिए वोट चाहिए। गुंडागर्दी को खत्मा करने के लिए वोट चाहिए। जिसका हक है उसको न्याय देने के लिए, विकास के लिए वोट चाहिए। आप भारतीय जनता पार्टी को वोट दीजिए। भारतीय जनता पार्टी को विजय बनाइये।  आप मुझे आशीर्वाद दीजिए। और, मेरे साथ मुट्ठी बंद करके पूरी ताकत से बोलिए भारत माता की जय। भारत माता की जय।  भारत माता की जय। बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Text of PM Modi's address to the Indian Community in Guyana
November 22, 2024
The Indian diaspora in Guyana has made an impact across many sectors and contributed to Guyana’s development: PM
You can take an Indian out of India, but you cannot take India out of an Indian: PM
Three things, in particular, connect India and Guyana deeply,Culture, cuisine and cricket: PM
India's journey over the past decade has been one of scale, speed and sustainability: PM
India’s growth has not only been inspirational but also inclusive: PM
I always call our diaspora the Rashtradoots,They are Ambassadors of Indian culture and values: PM

Your Excellency President Irfan Ali,
Prime Minister Mark Philips,
Vice President Bharrat Jagdeo,
Former President Donald Ramotar,
Members of the Guyanese Cabinet,
Members of the Indo-Guyanese Community,

Ladies and Gentlemen,

Namaskar!

Seetaram !

I am delighted to be with all of you today.First of all, I want to thank President Irfan Ali for joining us.I am deeply touched by the love and affection given to me since my arrival.I thank President Ali for opening the doors of his home to me.

I thank his family for their warmth and kindness. The spirit of hospitality is at the heart of our culture. I could feel that, over the last two days. With President Ali and his grandmother, we also planted a tree. It is part of our initiative, "Ek Ped Maa Ke Naam", that is, "a tree for mother”. It was an emotional moment that I will always remember.

Friends,

I was deeply honoured to receive the ‘Order of Excellence’, the highest national award of Guyana. I thank the people of Guyana for this gesture. This is an honour of 1.4 billion Indians. It is the recognition of the 3 lakh strong Indo-Guyanese community and their contributions to the development of Guyana.

Friends,

I have great memories of visiting your wonderful country over two decades ago. At that time, I held no official position. I came to Guyana as a traveller, full of curiosity. Now, I have returned to this land of many rivers as the Prime Minister of India. A lot of things have changed between then and now. But the love and affection of my Guyanese brothers and sisters remains the same! My experience has reaffirmed - you can take an Indian out of India, but you cannot take India out of an Indian.

Friends,

Today, I visited the India Arrival Monument. It brings to life, the long and difficult journey of your ancestors nearly two centuries ago. They came from different parts of India. They brought with them different cultures, languages and traditions. Over time, they made this new land their home. Today, these languages, stories and traditions are part of the rich culture of Guyana.

I salute the spirit of the Indo-Guyanese community. You fought for freedom and democracy. You have worked to make Guyana one of the fastest growing economies. From humble beginnings you have risen to the top. Shri Cheddi Jagan used to say: "It matters not what a person is born, but who they choose to be.”He also lived these words. The son of a family of labourers, he went on to become a leader of global stature.

President Irfan Ali, Vice President Bharrat Jagdeo, former President Donald Ramotar, they are all Ambassadors of the Indo Guyanese community. Joseph Ruhomon, one of the earliest Indo-Guyanese intellectuals, Ramcharitar Lalla, one of the first Indo-Guyanese poets, Shana Yardan, the renowned woman poet, Many such Indo-Guyanese made an impact on academics and arts, music and medicine.

Friends,

Our commonalities provide a strong foundation to our friendship. Three things, in particular, connect India and Guyana deeply. Culture, cuisine and cricket! Just a couple of weeks ago, I am sure you all celebrated Diwali. And in a few months, when India celebrates Holi, Guyana will celebrate Phagwa.

This year, the Diwali was special as Ram Lalla returned to Ayodhya after 500 years. People in India remember that the holy water and shilas from Guyana were also sent to build the Ram Mandir in Ayodhya. Despite being oceans apart, your cultural connection with Mother India is strong.

I could feel this when I visited the Arya Samaj Monument and Saraswati Vidya Niketan School earlier today. Both India and Guyana are proud of our rich and diverse culture. We see diversity as something to be celebrated, not just accommodated. Our countries are showing how cultural diversity is our strength.

Friends,

Wherever people of India go, they take one important thing along with them. The food! The Indo-Guyanese community also has a unique food tradition which has both Indian and Guyanese elements. I am aware that Dhal Puri is popular here! The seven-curry meal that I had at President Ali’s home was delicious. It will remain a fond memory for me.

Friends,

The love for cricket also binds our nations strongly. It is not just a sport. It is a way of life, deeply embedded in our national identity. The Providence National Cricket Stadium in Guyana stands as a symbol of our friendship.

Kanhai, Kalicharan, Chanderpaul are all well-known names in India. Clive Lloyd and his team have been a favourite of many generations. Young players from this region also have a huge fan base in India. Some of these great cricketers are here with us today. Many of our cricket fans enjoyed the T-20 World Cup that you hosted this year.

Your cheers for the ‘Team in Blue’ at their match in Guyana could be heard even back home in India!

Friends,

This morning, I had the honour of addressing the Guyanese Parliament. Coming from the Mother of Democracy, I felt the spiritual connect with one of the most vibrant democracies in the Caribbean region. We have a shared history that binds us together. Common struggle against colonial rule, love for democratic values, And, respect for diversity.

We have a shared future that we want to create. Aspirations for growth and development, Commitment towards economy and ecology, And, belief in a just and inclusive world order.

Friends,

I know the people of Guyana are well-wishers of India. You would be closely watching the progress being made in India. India’s journey over the past decade has been one of scale, speed and sustainability.

In just 10 years, India has grown from the tenth largest economy to the fifth largest. And, soon, we will become the third-largest. Our youth have made us the third largest start-up ecosystem in the world. India is a global hub for e-commerce, AI, fintech, agriculture, technology and more.

We have reached Mars and the Moon. From highways to i-ways, airways to railways, we are building state of art infrastructure. We have a strong service sector. Now, we are also becoming stronger in manufacturing. India has become the second largest mobile manufacturer in the world.

Friends,

India’s growth has not only been inspirational but also inclusive. Our digital public infrastructure is empowering the poor. We opened over 500 million bank accounts for the people. We connected these bank accounts with digital identity and mobiles. Due to this, people receive assistance directly in their bank accounts. Ayushman Bharat is the world’s largest free health insurance scheme. It is benefiting over 500 million people.

We have built over 30 million homes for those in need. In just one decade, we have lifted 250 million people out of poverty. Even among the poor, our initiatives have benefited women the most. Millions of women are becoming grassroots entrepreneurs, generating jobs and opportunities.

Friends,

While all this massive growth was happening, we also focused on sustainability. In just a decade, our solar energy capacity grew 30-fold ! Can you imagine ?We have moved towards green mobility, with 20 percent ethanol blending in petrol.

At the international level too, we have played a central role in many initiatives to combat climate change. The International Solar Alliance, The Global Biofuels Alliance, The Coalition for Disaster Resilient Infrastructure, Many of these initiatives have a special focus on empowering the Global South.

We have also championed the International Big Cat Alliance. Guyana, with its majestic Jaguars, also stands to benefit from this.

Friends,

Last year, we had hosted President Irfaan Ali as the Chief Guest of the Pravasi Bhartiya Divas. We also received Prime Minister Mark Phillips and Vice President Bharrat Jagdeo in India. Together, we have worked to strengthen bilateral cooperation in many areas.

Today, we have agreed to widen the scope of our collaboration -from energy to enterprise,Ayurveda to agriculture, infrastructure to innovation, healthcare to human resources, anddata to development. Our partnership also holds significant value for the wider region. The second India-CARICOM summit held yesterday is testament to the same.

As members of the United Nations, we both believe in reformed multilateralism. As developing countries, we understand the power of the Global South. We seek strategic autonomy and support inclusive development. We prioritize sustainable development and climate justice. And, we continue to call for dialogue and diplomacy to address global crises.

Friends,

I always call our diaspora the Rashtradoots. An Ambassador is a Rajdoot, but for me you are all Rashtradoots. They are Ambassadors of Indian culture and values. It is said that no worldly pleasure can compare to the comfort of a mother’s lap.

You, the Indo-Guyanese community, are doubly blessed. You have Guyana as your motherland and Bharat Mata as your ancestral land. Today, when India is a land of opportunities, each one of you can play a bigger role in connecting our two countries.

Friends,

Bharat Ko Janiye Quiz has been launched. I call upon you to participate. Also encourage your friends from Guyana. It will be a good opportunity to understand India, its values, culture and diversity.

Friends,

Next year, from 13 January to 26 February, Maha Kumbh will be held at Prayagraj. I invite you to attend this gathering with families and friends. You can travel to Basti or Gonda, from where many of you came. You can also visit the Ram Temple at Ayodhya. There is another invite.

It is for the Pravasi Bharatiya Divas that will be held in Bhubaneshwar in January. If you come, you can also take the blessings of Mahaprabhu Jagannath in Puri. Now with so many events and invitations, I hope to see many of you in India soon. Once again, thank you all for the love and affection you have shown me.

Thank you.
Thank you very much.

And special thanks to my friend Ali. Thanks a lot.