सरकार की पहली प्राथमिकता गरीबों, पिछड़ों और वंचितों के उत्थान के लिए काम करना होता है: प्रधानमंत्री
उत्तर प्रदेश की सपा सरकार गरीबों के सशक्तिकरण के खिलाफ है: प्रधानमंत्री मोदी
उत्तर प्रदेश के विकास के लिए भाजपा एकमात्र उम्मीद की किरण है: प्रधानमंत्री
उत्तर प्रदेश में ‘अप’ का मतलब अपराध, नौकरियों के लिए युवाओं का विस्थापन, भ्रष्टाचार, दंगे, मृत्यु दर और गरीबी है: प्रधानमंत्री मोदी

 

भारत माता की जय। भारत माता की जय।

मंच पर विराजमान केंद्र में मेरे साथी श्रीमान नरेंद्र सिंह तोमर, भाजपा के प्रदेश महासचिव श्रीमान विजय बहादुर पाठक जी, कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र के अध्यक्ष श्रीमान मानवेंद्र सिंह चौहान, भाजपा की प्रदेश सचिव व हमारी समर्पित कार्यकर्ता बहन गीता शाक्य जी, राज्य सरकार में पूर्व मंत्री श्रीमान हरिद्वार दूबे जी, संसद में मेरे साथी श्री मुकेश राजपूत जी, युवा मोर्चा के हमारे जुझारू नेता श्री सुब्रत पाठक जी, कन्नौज जिला के अध्यक्ष श्री नरेंद्र सिंह राजपूत, औरैया जिला के प्रभारी श्री राजेंद्र सिंह चौहान, कन्नौज जिला प्रभारी श्री दिनेश राय, फर्रुखाबाद के अध्यक्ष श्रीमान सत्यपाल सिंह जी, फर्रुखाबाद के प्रभारी श्री श्रीकांत पाठक जी, कानपुर के प्रभारी डॉ. राम शरण कटियार जी और इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार कायमगंज से श्रीमान अमर सिंह जी खटीक, फर्रुखाबाद से श्रीमान सुनील दत्त द्विवेदी जी, बिधुना से श्रीमान विजय शाक्य जी, अमृतपुर से श्रीमान सुशील शाक्य जी, डिबियापुर से श्रीमान लखन सिंह जी, भोजपुर से श्रीमान नागेंद्र सिंह जी, तीरवा से श्रीमान कैलाश सिंह ही, कन्नौज से श्रीमान बनवारी लाल दोहरे जी, औरैया से श्रीमान रमेश दिवाकर जी, छिबरामऊ से श्रीमती अर्चना पांडेय जी, बिल्लोर से श्रीमान भगवती प्रसाद सागर जी। आप सब हाथ ऊपर करके मेरे साथ बोलिये। भारत माता की जय। भारत माता की जय। भारत माता की जय।

भाइयों-बहनों।

इतनी विशाल संख्या में, मैं सबसे पहले आप सबसे क्षमा मांगता हूं भाइयों-बहनों। मैं सबसे पहले कन्नौजवासियों की क्षमा मांगता हूं। क्षमा इसलिए मांग रहा हूं कि इस जनसभा में इतना बड़ा मैदान तय किया। उसके बावजूद मैदान के बाहर छत पर हजारों लोगों को मैं देख रहा हूं। इस तरफ इस बड़े बिल्डिंग के पीछे कुछ लोग मुझे और दूर-दूर कर माथे नजर आ रहे हैं।

भाइयों-बहनों।

शायद उनको सुनाई भी नहीं देता होगा। आप लोगों के लिए मैदान छोटा पड़ गया, उसके कारण जो तकलीफ हुई है। मैं इसके लिए भारतीय जनता पार्टी की तरफ से आपसे क्षमा मांगता हूं,  लेकिन भाइयों-बहनों आप इतनी बड़ी मात्रा में आशीर्वाद देने के लिए आए। हमारे सभी उम्मीदवारों को आशीर्वाद देने के लिए आए, मैं आपका हृदय से बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं।

भाइयों-बहनों।

चुनाव की बात तो करूंगा, चुनाव सभा के लिए आया हूं लेकिन एक शिकायत भी करना चाहता हूं भाइयों-बहनों। मुझे ये तो बताओ कि आप इतना प्यार दे रहे हो, इतने आशीर्वाद दे रहे हो अगर 2014 में भी दे दिया होता तो मुझे कितना अच्छा लगता। पूरा उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी को विजय बनाया लेकिन कुछ सीटें जहां दो कुनबे के लोग लड़ रहे थे। आपने आंख की शर्म के कारण उन पर कृपा कर दी और वो दो कुनबे ही इस बार इकट्ठे होकर के आपके सपनों को कुचल-कुचल करके सत्ता हथियाने के लिए मैदान में आए हैं। और मैं देख रहा हूं, इस बार में कन्नौज की धरती पर देख रहा हूं कि जो 2014 में रह गया वो कसर पूरी करने का कन्नौजवासियों ने तय कर लिया है, और मेरे कन्नौज के भाइयों-बहनों मैं भी आपको वादा करता हूं। मैं भी आपको वादा करता हूं, आज जो मुझे प्यार दे रहे हैं। मैं ब्याज समेत विकास करके लौटाऊंगा, आपको ये वादा करता हूं भाइयों।

भाइयों-बहनों।

आज में सबसे पहले इस कन्नौज की धरती से जो इत्र की धरती है, जो हिंदुस्तान के हर कोने में सुगंध फैलाने वाला कन्नौज, उस कन्नौज की धरती से मैं देशवासियों के साथ अपनी खुशी बांटना चाहता हूं। कन्नौजवासियों से सवा सौ करोड़ देशवासियों की खुशी बांटना चाहता हूं। आप सबको पता चल गया होगा स्पेस में, आकाश में भारत बार-बार नये विकास के सीमा चिन्ह करता चला जा रहा है। आज सुबह करीब साढ़े नौ बजे हमारे देश के वैज्ञानिकों ने स्पेस प्रोग्राम में एक ऐसा काम किया, ऐसा काम किया। विश्व के स्पेस के कार्यक्रमों में आज हमारे वैज्ञानिकों की सिद्धी स्वर्णिम अक्षरों से लिखी जाएगी। आज भारत के वैज्ञानिकों ने एक साथ ये दुनिया का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है, एक साथ 104 सैलेटाइट लॉन्च किये। अरे आज मेरे देश के वैज्ञानिकों ने आज आकाश में भी सेंचुरी पार कर दी भाइयों। और उसमें तीन हमारे देश के हैं लेकिन 101 हमारे वैज्ञानिकों ने जो सैटेलाइट लॉन्च किये, वो दुनिया के और देशों के सैटलाइट थे जो हमारे वैज्ञानिकों नें हिंदुस्तान में से लॉन्च किया भाइयों-बहनों।

भाइयों-बहनों।

मैदान छोटा पड़ गया है। मेरी आपसे प्रार्थना है आप थोड़ी शांति रखिये। आगे आने की कोशिश मत कीजिए। इस सज्जन को क्या तकलीफ है भाई? क्या तकलीफ है इनको? मैदान छोटा पड़ गया है। आप लोग कृपा करके आगे आने की कोशिश मत कीजिए। जहां हो वहीं से भाजपा को जीताना यही हमारा संकल्प है।

भाइयों-बहनों।

आज जो 104 सैटेलाइट छोड़े गये। उसमें 3 हिंदुस्तान के हैं। 101 दुनिया के और देशों के हैं और वो भी अमेरिका का सैटेलाइट, आज हिंदुस्तान की धरती से हमारे वैज्ञानिकों ने छोड़े, इजराइल के, स्विट्जरलैंड के, नीदरलैंड के, यूएई के आप कल्पना कर सकते हो। भारत के वैज्ञानिकों ने भारत का नाम इतना ऊंचा किया है भाइयों। एक साथ भारत के वैज्ञानिकों के नाम मेरे साथ नारा बोलिये भारत माता की जय। भारत माता की जय। भारत माता की जय। ये मेरे वैज्ञानिकों के नाम है। मेरे देश के स्पेस के वैज्ञानिकों के नाम पर है, जिन्होंने इतना बड़ा करतब करके दिखाया है।

भाइयों-बहनों।

मैं आज कन्नौज की धरती से उड़ीसा प्रांत के नागरिकों का भी धन्यवाद करना चाहता हूं। नौजवानों का उत्साह इतना जोरदार है। मैं भाषण आगे बढ़ाऊं? मैं बोलना शुरू करूं? जरा इधर वाले बताइये मैं बोलना शुरू करूं? आप शांति रखोगे? मैं इन वालों को खास करता हूं शांति रखोगे? आपका प्यार मेरे सर-आंखों पर भाई।

भाइयों-बहनों।

मैं आज इस कन्नौज की धरती से, उत्तर प्रदेश की धरती से, एक गंगा-यमुना की धरती से उड़ीसा के नागरिकों का विशेष रूप से धन्यवाद करना चाहता हूं। उनका अभिनंदन करना चाहता हूं। मेरे उत्तर प्रदेश के भाइयों-बहनों सुन लीजिए। ये हमारे विरोधी न जाने कैसे-कैसे झूठ फैलाते हैं, लेकिन वो समझ नहीं पा रहे हैं कि हिंदुस्तान का मतदाता इतना समझदार हो गया है कि अब तुम्हारी झूठी बातें चलने वाली नहीं हैं। उड़ीसा ने दिखा दिया, उड़ीसा में पंचायतों के चुनाव थे, गांव के चुनाव थे। गांव के गरीब लोग मतदान करते हैं।

भाइयों-बहनों।

उड़ीसा में भारतीय जनता पार्टी बहुत कम ताकत वाली थी। हम पार्लियामेंट में भी बहुत कम लोग जीते थे लेकिन कल जब उड़ीसा में चुनाव के नतीजे आए भारतीय जनता पार्टी को अभूतपूर्व समर्थन उड़ीसा ने दिया है, मैं उड़ीसा का हृदय से धन्यवाद करता हूं।

भाइयों-बहनों।

कुछ लोग कहते थे कि मोदी की सर्जिकल स्ट्राइक ये तो चुनावी खेल है, नोटबंदी राजनीति है, न जाने कैसे-कैसे आरोप लगाए थे। तीन-तीन महीने तक चुप नहीं रहे। जितने खेल-खेल सकते थे, खेलते रहे लेकिन हिंदुस्तान के गरीब से गरीब मतदाता ने उनको धूल चाटने को मजबूर कर दिया भाइयों। अभी उत्तर प्रदेश में क्या हुआ ...? एमएलसी का चुनाव हुआ, एमएलसी का चुनाव हुआ तीन सीटें भारतीय जनता पार्टी भारी बहुमत से उत्तर प्रदेश में जीत गई। क्या हुआ? लोगों को ये साथ पसंद क्यों नहीं आया ...? एमएलसी के चुनाव में आपके सुपड़े-साफ क्यों हो गए ...?

भाइयों-बहनों।

ये बोलते साथ हैं लेकिन कारोबार स्वार्थ का है। ये जनता भली भांति जान गई है। भाइयों-बहनों पिछले दिनों नवंबर, दिसंबर महीने, जनवरी महीने में चंड़ीगढ़ कॉरपोरेशन का चुनाव हुआ, जहां भारतीय जनता पार्टी 20 साल से जीत नहीं पाई थी, चंड़ीगढ़ कॉरपरेशन में भारतीय जनता पार्टी दो-तिहाई बहुमत से चुनाव जीत गई भाइयों। महाराष्ट्र में नगर पालिकाओं के, पंचायतों के चुनाव हुए सारी विरोधियों की शक्ति को महाराष्ट्र की जनता ने साफ कर दिया। भारतीय जनता पार्टी को विजयी बनाया। 8 नवंबर नोटबंदी के बाद उड़ीसा में विजय, चंड़ीगढ़ में विजय, महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय में विजय, गुजरात में स्थानीय निकाय में विजय, राजस्थान के उपचुनावों में विजय जहां-जहां, मध्यप्रदेश में चुनाव हुए भारतीय जनता पार्टी विजयी हुई। ये बात हवा का रूख बताता है कि भारतीय जनता पार्टी के साथ इस देश का गरीब से गरीब इंसान जुड़ गया है।

भाइयों-बहनों।

ये समाजवाद की बातें करने वाले, इंदिरा गांधी के जमाने से गरीबी हटाओ के माला जपने वाले लोग कितने खोखले थे, कितने झूठ बोलते थे। भाइयों-बहनों सरकार गरीबों के लिए कैसे काम करती है। आप मुझे बताइये भाइयों-बहनों। आखिर सरकार किसके लिए होती है ...? क्या सरकार अमीरों के लिए होती है ...? जरा जवाब दीजिए क्या सरकार अमीरों के लिए होती है ...? क्या सरकार धन्ना सेठों के लिए होती है ...? क्या सरकार बड़े-बड़े लोगों के लिए होती है ...? क्या सरकार कुछ गिने-चुने कुनबों के लिए होती है ...?

भाइयों-बहनों।

सरकार गरीबों के लिए होती है। सरकार की पहली जिम्मेवारी गांव, गरीब, किसान, दलित, पीड़ित, शोषित, वंचित, महिला, युवा उनके लिए सरकार समर्पित होनी चाहिए। लेकिन भाइयों-बहनों ये चुनाव आते गरीब, गरीब, गरीब, गरीब करते रहते थे लेकिन कभी गरीबों के लिए न सोचा न कुछ किया। आपको जानकर के हैरानी होगी ये उत्तर प्रदेश में गरीब की थाली में जब गरीब खाता है, अगर 3 रुपया वह अपनी जेब से देता है तो 27 रुपया भारत सरकार उसमें लगाती है, तब गरीब का पेट भरता है। भारत सरकार हर गरीब को हर दिन अगर गरीब 3 रुपये का खाता है तो 27 रुपया भारत सरकार उसमें डालकर के उसका पेट भरती है भाइयों-बहनों। गरीब को भूखा नहीं रहने दिया जाता लेकिन ये उत्तर प्रदेश की सरकार कैसी गरीब विरोधी है। भारत सरकार ने अन्न सुरक्षा के तहत उत्तर प्रदेश सरकार को कहा कि हम आपको इतने पैसे देंगे, आपके यहां इतने गरीब परिवार हैं, इनको खाना खिलाने के लिए पैसे लगाइये, उनकी सूची बनाइये। आज मुझे कन्नौज की धरती पर बड़ी पीड़ा के साथ कहना पड़ता है जहां कभी मुलायम जी, कभी अखिलेश जी कभी उनकी श्रीमती जी यहां का प्रतिनिधित्व करने वाले लोग, मैं उनसे पूछना चाहता हूं। क्या कारण है कि गरीबों को खिलाने के लिए भारत सरकार पैसे दे रही है, अभी तक आप कौन गरीब है, किसको सस्ते में खाना मिलना चाहिए, उसकी सूची भी नहीं दे पाए, सूची भी। अभी भी 50 पचास हजार और लोगों को खिलाने के लिए साढ़े सात सौ करोड़ रुपया दिल्ली में हमने निकाल के रखा हुआ है लेकिन ये उत्तर प्रदेश की सरकार उसको लेने में ही इनट्रेस्टेड नहीं है। गरीबों का नाम लिखने में इनको रूचि नहीं है। क्यों? क्योंकि उनको तो वही गरीब गरीब लगते हैं जो उनके कुनबे के साथ जुड़े हुए हों, उनकी पसंद की किसी जाति के साथ जुड़े हुए हों। अगर उस जाति में वह नहीं हैं तो रुपया आएगा तो भी उसको देंगे नहीं, वह गरीब होगा तो भी भूखा मरने देंगे। दिल्ली सरकार पैसे देती है लेकिन उन गरीबों को देने का इनका इरादा नहीं है।

भाइयों-बहनों।

ये गरीबों के दुश्मन हैं कि नहीं हैं ...? ये गरीबों के दुश्मन हैं कि नहीं हैं ...? ये गरीबों के साथ अन्याय है कि नहीं है ...? ये गरीबों के साथ अन्याय है कि नहीं है ...?

भाइयों-बहनों।

उत्तर प्रदेश में, मैं हैरान हूं कुछ सामाजिक संस्थाएं जहां सरकारी सामाजिक संस्थानों में जो लोग रहते हैं, मजबूरन घर छोड़कर आना पड़ा है, उनको खिलाने के लिए भारत सरकार पैसे देती है। आप हैरान होंगे। ये उत्तर प्रदेश सरकार ऐसे सोई पड़ी है कि उन संस्थाओं में आकर के रह रहे अनाथ आश्रम जैसी जगह पर उन गरीबों को खाना खिलाने के लिए, दिल्ली में भारत सरकार पैसे लेकर के बैठी है लेकिन ये उन लोगों को पैसे नहीं देते। खर्च नहीं करते क्योंकि उनको चाहिए वैसे बिचौलिये नहीं मिल रहे, बिचौलिये।

इसलिए भाइयों-बहनों।

अनाथ आश्रम में भी गरीबों को खाना खिलाने में ये कोताही बरतते हैं। आप मुझे बताइये ये गरीबों की सरकार है क्या ...?  क्या से समाजवाद है क्या ...? अरे भाइयों-बहनों आप मेरा, मेरे खाते में एक कार नहीं हैं, एक गाड़ी नहीं है, मेरे पास कोई गाड़ी नहीं। अभी तो प्रधानमंत्री हूं तो सरकार की गाड़ी में बैठकर गुजारा कर लेता हूं और ये समाजवादी लोग उनके घर में 200 से ज्यादा तो गाड़ियां रखते होंगे। ये कौन सा समाजवाद ...? ये लोगों के साथ धोखाधड़ी करने वाले लोग हैं भाइयों-बहनों। ...और इसलिए मैं आज आपके साथ ये कहने आया हूं।

भाइयों-बहनों।

आज मैं आपके खबर देना चाहता हूं। हमारे देश में हृदय की बीमारी सिर्फ अमीर को होती है ऐसा नहीं, गरीब को भी होती है। गरीब को हृदय की बीमारी हो जाए तो वो कहां जाएगा भाई? उसकी सेवा कौन करेगा? सरकार नहीं करेगी तो इसकी जिन्दगी कौन बचाएगी? आप मुझे बताइये। कोई अमीर बीमार हो जाए तो उसको किसी अस्पताल में जाने के लिए सरकारी अस्पताल का इंतजार करेगा ...? सरकारी डॉक्टर का इंतजार करेगा क्या ...? वो तो हवाई जहाज लाकरके अच्छे से अच्छे अस्पताल जाएगा कि नहीं जाएगा ...? अमीर के बेटे को पढ़ना है तो उसको सरकारी स्कूल की जरूरत पड़ती है ...? वो तो अच्छे से अच्छे स्कूल में बच्चों को बढ़ाएगा, विदेशों में पढ़ाएगा और ट्यूशन के लिए लोग घर आएंगे, अगर स्कूल के लिए जरूरत पड़ती है तो गरीब के बच्चे के लिए पड़ती है वो गरीब के बच्चे के लिए स्कूल अच्छी चलनी चाहिए कि नहीं चलनी चाहिए ...? आधी स्कूलें ऐसी हैं, आधी स्कूलें 50 प्रतिशत से कम शिक्षक उसमें काम कर रहे हैं, 50 प्रतिशत अगर शिक्षक नहीं हैं तो बच्चों का भविष्य क्या होगा? क्या ये गरीबों के लिए काम करते हो आप ...?  

भाइयों-बहनों।

कल मेरी सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय किया। मैं सोच रहा था आज हमारे देश के अखबार इन खबरों से भरे हुए होंगे लेकिन मैं ढूंढ रहा था, मुझे नजर नहीं आया। हो सकता है जिन अखबारों में हो वो अखबार में देख न पाया हूं। आपको खुशी होगी जानकर के हमारे देश में हृदय रोग की बीमारी बढ़ती चली जा रही है। जब एनजीओ प्रयास करते हैं, पेसेंट को बचाना होता है तो डॉक्टर उसके हृदय की नली में एक स्टेंट लगा देते हैं जिसके कारण रक्त का प्रवाह ठीक चले, हृदय रोग की बीमारी न हो, हार्ट अटैक न हो और इंसान की जिंदगी बच जाए लेकिन भाइयों-बहनों सामान्य प्रकार का जो स्टेंट होता था। अगर गरीब को भी वो स्टेंट लगाना हो, 45 हजार रुपया लगता था, 45 हजार और विशिष्ट प्रकार का एक स्टेंट आता है जिसमें रक्त के साथ दवाईयां भी पहुंचाई जा सकती है, अगर वो लगाना है तो सवा लाख रुपया लगता था सवा लाख। अब मुझे बताइये और कितने ही सालों से यही होता था। ये गरीबों के नाम पर सरकार चलाने वाले, ये 10-10 साल दिल्ली में कांग्रेस की सरकार चलाने वाले लोग। मैं जरा आपको पूछना चाहता हूं कि क्या कारण था कि स्टेंट की कीमत पर सोचा नहीं गया।

भाइयों-बहनों।

मैंने एक कमेटी बिठाई, अध्यन किया। आखिरकर कानून बदला और कल हमने नियम बदलकरके ये स्टेंट को भी सरकार का जो ड्रग कन्ट्रोलर अथॉरिटी है। उसके अंदर डाल दिया और उसका परिणाम क्या हुआ मालूम है ...? ये गरीब को, सामान्य मानवी को, मध्यम वर्ग के मानवी को जिसके परिवार में किसी को हृदय रोग हो जाए तो उसको सीधा-सीधा लाभ मिलेगा और कितना मिलेगा जिस स्टेंट की कीमत 45 हजार रुपया थी। वो अब सिर्फ 8 हजार रुपये में बेचना पड़ेगा ताकि गरीब से गरीब व्यक्ति को भी मदद मिल सके। जिसकी कीमत सवा लाख थी उन सवा लाख के स्टेंट को अब सिर्फ 30 हजार रुपये में बेचना पड़ेगा, मध्यम वर्ग के व्यक्ति को बीमारी की स्थिति में कैसे मदद मिल सकती है? इसका ये उदाहरण है।

भाइयों-बहनों।

ये हमारा कन्नौज इत्र से भी जाना जाता है, आलू से भी जाना जाता है। हमारा किसान आलू की खेती करता है। भाइयों-बहनों आप मुझे बताइये मेरे किसान भाइयों-बहनों पिछले चुनाव में समाजवादी पार्टी की बहु ने आलू की फूड प्रोसेसिंग के लिए, आलू के चिप्स बनाने के लिए कारखाना लगाने के लिए वादा किया था कि नहीं किया था ...? जरा जोर से बोलिये वादा किया था ...? कारखाना लगा ...? आपके आलू खरीदे ...? चिप्स बनी ...? बाजार में बिकी ...? किसी के पेट में गई ...? लेकिन वो तो चुनाव जीत गए अब उनसे हिसाब मांगोगे कि नहीं मांगोगे ...? हिसाब चुकता करोगे कि नहीं करोगे ...? ऐसे वादे करने वालों को सजा दोगे कि नहीं दोगे ...?

भाइयों-बहनों।

मैं भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश को बधाई देता हूं कि उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी ने इस बार अपने घोषणा पत्र में एक महत्वपूर्ण वादा किया है और वो वादा किया है आलू, प्याज, लहसुन सरकार के मिनिमम सपोर्ट प्राइस एमएसपी से खरीदा जाएगा। आलू के किसान को मरने नहीं दिया जाएगा।

भाइयों-बहनों-

अगर किसान को बचाना है तो किसान जो पैदावार करता है उसकी मूल्य वृद्धि होनी चाहिए, वैल्यू एडिशन होना चाहिए और जब तक एग्रो प्रोडक्ट का प्रोसेसिंग नहीं होता है। हमारे किसान को पानी के मोल अपनी फसल बेच देनी पड़ती है। ...और इसलिए भारत सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय किया है कि जो कृषि पैदावार है, इस पर कोई प्रोसेस करने के लिए कारखाना लगाता है तो सौ प्रतिशत Foreign Direct Investment के लिए भारत सरकार ने आमंत्रित किया है। दुनिया के लोग यहां आएं, आलू से चिप्स बनाने के कारखाने लगाएं और आलू का किसान सफलतापूर्वक अपनी जिंदगी का गुजारा करें, लेकिन भाइयों-बहनों कांग्रेस पार्टी में एक ऐसा नेता है जो आपके पास वोट मांगने आए हैं, उनको इतना ज्ञान नहीं है कि आलू खेत में होता है कि आलू फैक्ट्री में होता है। वो उत्तर प्रदेश में किसानों की यात्रा निकाली और किसानों की यात्रा निकाल करके भाषण किया और किसानों के सामने। अब उन बेचारों को रोना है कि हंसना है, कुछ समझ ही नहीं आ रहा था और ये बोलते जा रहे थे। आलू की फैक्ट्री लगाने की बात बोलते थे। आप मुझे बताओ भाई आलू खेत में होता है कि फैक्ट्री में ...? आलू खेत में होता है कि फैक्ट्री में ...? आपको बराबर समझ है ना ...? आपको है ना समझ ...? उनको नहीं है। कैसे लोग किसानों के नाम पर बातें करते हैं, उनके मुंह से शोभा नहीं देती, शोभा नहीं देती।

भाइयों-बहनों।

कोई टमाटर की खेती करें लेकिन टमाटर सस्ते में बनता है लेकिन अगर टमाटर का कैचअप बनाएं, बढ़िया सी बोटल में पैकिंग करें तो दुनिया भर में अच्छे दाम से वो माल बिकता है। कोई दूध बेचे कम पैसा मिलता है लेकिन दूध से मिठाई बनाकर के बेचे तो ज्यादा पैसा मिलता है। कोई आम बेचे तो कम पैसा मिलता है लेकिन आम का अचार बनाकर के पैक करके बेचे तो ज्यादा कमाई होती है। किसान जो पैदा करता है, उसको अगर प्रोसेस किया जाए, उसमें से एक नई बनावट बनाई जाए तो किसान को कभी घाटा नहीं होता है। ...और इसलिए भाइयों-बहनों हमने किसान की भलाई के लिए अहम कदम भारत सरकार ने उठाए हैं लेकिन उत्तर प्रदेश की सरकार सिर्फ कुनबे के लिए चलती है इसलिए गरीबों की चिंता नहीं करती है। भारत की योजनाएं लागू नहीं करती है।

भाइयों-बहनों।

मैं उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को इस बात के लिए भी अभिनंदन करना चाहता हूं कि उन्होंने एक बहुत महत्वपूर्ण फैसला किया है। मेरे किसान भाई जरा गौर से सुनिये, भारतीय जनता पार्टी की उत्तर प्रदेश की ईकाई ने इस चुनाव घोषणा पत्र में एक महत्वपूर्ण वादा किया है। उन्होंने कहा है कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार बनेगी सबसे पहला काम छोटे किसानों का कर्ज माफ कर दिया जाएगा। कर्ज माफ कर दिया जाएगा और मेरे किसान भाइयों-बहनों। आपने मुझे उत्तर प्रदेश में से सांसद बनाया एमपी बनाया। उत्तर प्रदेश के भारी समर्थन से आपने मुझे पीएम बनने का अवसर दिया। मैं एक सांसद के नाते, यहां के उत्तर प्रदेश के जनप्रतिनिधि के नाते, किसानों की तरफ से आपको मैं वादा करता हूं ये जिम्मेवारी मेरी होगी। सुन लिया ...? ये जिम्मेवारी मेरी होगी कि उत्तर प्रदेश की सरकार बनते ही उनकी पहली मीटिंग में ही किसानों के कर्ज माफ करने का निर्णय में करा दूंगा।    

भाइयों-बहनों।

हमारे हिंदुस्तान की फिल्म आप देखते हैं, अलग-अलग प्रकार की मूवी आती हैं, सिनेमा देखते हैं आप लोग। हमारी फिल्मों की एक विशेषता होती है आपने देखा होगा कि इंटरवल तक दो जानी दुश्मन बराबर एक-दूसरे से भिड़ते हैं। भांति-भांति के खेल करते हैं, षड्यंत्र करते हैं और इंटरवल के बाद अचानक दोनों मिल जाते हैं, देखा है ना ...? ये उत्तर प्रदेश में भी राजनीति के मंच पर एक नई फिल्म चल रही है। इंटरवल के पहले दोनों लड़ रहे थे। 27 साल यूपी बेहाल नारे लगा रहे थे, यात्रा निकाल रहे थे, अखिलेश जी का कच्चा चिट्ठा खोल देते थे। जितने आरोप लगा सकते थे, लगाते थे लेकिन इंटरवल के बाद दोनों। ये कौन सी फिल्म है भाई?

भाइयों-बहनों।

ये चुनाव बड़ा कमाल का है। मैं हैरान हूं मीडिया के लोगों का इस बात पर ध्यान क्यों नहीं गया ...? क्योंकि हमारे देश का मीडिया बड़ा चतुर है, चीज को पकड़ लेता है। जब पहली पत्रकार परिषद हुई तो अखिलेश जी ने तो मायावती जी के खिलाफ बयान दिया लेकिन जब कांग्रेस पार्टी को पूछा गया कि आपको मायावती के खिलाफ क्या कहना है तो कांग्रेस ने ऑफिशियल कह दिया कि हमें उनके खिलाफ कुछ नहीं कहना है लेकिन मैं हैरान हूं कि इसके बाद कभी कांग्रेस को किसी ने प्रश्न ही नहीं पूछा कि आपका मायावती जी के लिए क्या कहना है। बीएसपी के लिए क्या कहना है, क्यों चुप हो भाई? ये इसलिए चुप हैं कि अखिलेश जी अभी अनुभव कम है, ये कांग्रेस वाले कितने चतुर हैं। ये उनको समझ नहीं आता है। मुलायम सिंह जी को तो आता है, इनको नहीं आता है। ये चुनाव में दो लोग साथ-साथ हैं, ऐसा नहीं है, इस चुनाव में त्रीपगी दौड़ चल रही है, त्रीपगी दौड़, तीन पैर वाली दौड़ चल रही है। एक सपा का पैर है, दूसरा सपा का पैर कांग्रेस के पैर के साथ बंधा हुआ है और कांग्रेस का दूसरा पैर बसपा के पैर के साथ बंधा हुआ है। ये कांग्रेस का कमाल है, एक पैर सपा के साथ, एक पैर बसपा के साथ और ये त्रीपगी दौड़ दौड़ रहे हैं लेकिन सपा, बसपा और कांग्रेस समझ लीजिए दो पैरे से दौड़ने वाले को तीन पगी दौड़ वाला कभी हरा नहीं सकता है, गिरा नहीं सकता है। अखिलेशजी चेत जाओ, चेत जाओ। मुलायम सिंह जी की बात तो तुम सुनने को तैयार नहीं हैं लेकिन लिख के रखो कांग्रेस ने एक पैर बीएसपी के साथ बांध कर के रखा हुआ है और एक पैर आपके साथ बांधकर के आपकी मदद ले रहे हैं। ये नया खेल हिंदुस्तान की राजनीति में पहली बार त्रीपगी दौड़ वाला खेल चल रहा है, उसे समझना पड़ेगा भाइयों।

भाइयों-बहनों।

इस उत्तर प्रदेश में आपने देखा। पांच साल मायावती जी की जब सरकार थी तो अखिलेश उनके भ्रष्टाचार के गीत गाते थे, जब अखिलेश जी की सरकार आई तो कांग्रेस और मायावती जी दोनों उनके भ्रष्टाचार के गीत गाते थे। दिल्ली में 10 साल कांग्रेस के राज में सारे देश ने भ्रष्टाचार देखा है। सुना है उसकी बदबू आज भी आ रही है। अब देखिये 5 साल उनका भ्रष्टाचार, 5 साल बसपा का, 5 साल सपा का और 10 साल का कांग्रेस का भ्रष्टाचार कैसे अनुभवी-अनुभवी लोग इकट्ठे हुए हैं। इतने बड़े खिलाड़ी भ्रष्टाचार के इकट्ठे आएंगे तो अब उत्तर प्रदेश में कुछ बचेगा क्या ...?  कुछ बचेगा क्या ...?  इसलिए भाइयों-बहनों उत्तर प्रदेश को बचाने के लिए, उत्तर प्रदेश को बनाने के लिए, उत्तर प्रदेश को आगे बढ़ाने के लिए भारतीय जनता पार्टी एक मात्र आशा बची है भाइयों, एक मात्र आशा बची है।

भाइयों-बहनों।

मैं आज कन्नौज की धरती पर आया हूं तो इतिहास के कुछ पन्ने खोलना चाहता हूं। भाइयों-बहनों ये बात याद रखिये और पूरे इलाके में घर-घर पहुंचाइये। मैं इतिहास का एक पन्ना याद कराना चाहता हूं और अगर आपको फुर्सत हो तो पुराने अखबार निकालकर के देख लेना 4 मार्च 1984। 4 मार्च 1984 जब मुलायम जी लोहिया के विचारों को लेकर के कांग्रेस के खिलाफ बड़ी कड़ी लड़ाई लड़ते थे, कांग्रेस की गभीर आलोचना करते थे। एमएलसी के नाते वे विपक्ष के नेता थे और कांग्रेस के नाक में दम ला दिया था और इस कारण कांग्रेस मुलायम सिंह जी से परेशान थी।

भाइयों-बहनों।

कांग्रेस इतनी तंग आ चुकी थी कि एक दिन  4 मार्च 1984 मुलायम सिंह पर गोलियां चलीं। उनकी हत्या करने का गंभीर प्रयास हुआ, वे बच गए। उसके बाद मुलायम सिंह के समर्थन में एक राष्ट्रीय लोकतांत्रिक मोर्चा मैदान में आया।  मुलायम सिंह जी के हत्या करने के षड्यंत्र के खिलाफ  चौधरी चरण सिंह जी, अटल बिहारी वाजपेयी जी उन्होंने एक बहुत बड़ा आंदोलन किया, मुलायम सिंह जी  की रक्षा के लिए आंदोलन किया। मुलायम सिंह जी पर गोलियां चलाने वालों को सजा दिलवाने के लिए आंदोलन चलाया। भाइयों-बहनों और वो आंदोलन कांग्रेस की सरकार के खिलाफ चला था, कांग्रेस पार्टी के खिलाफ चला था।

भाइयों-बहनों।

मैं जरा अखिलेश जी से पूछना चाहता हूं। ये कांग्रेस की गोद में बैठने से पहले जरा 4 मार्च, 1984 उन दिनों को याद कर लीजिए। जब आपके पिता जी पर कांग्रेस ने इतना गंभीर हमला करवाया था। 28 मार्च को बहुत बड़ी रैली हुई थी। क्या आपने कभी सुना है, कुर्सी के मोह में कोई ऐसा भी बेटा होता है जो अपने बाप की जिंदगी के साथ खेल-खेलने वाले लोग, मौत के घाट उतारने के लिए गोलियां चलाने वाले लोग और उनके पीछे जो लोग थे, उनकी गोद में बैठकर के राजनीति करना, इससे बड़ी शर्म की बात क्या हो सकती है? ये गंभीर बात में आज कह रहा हूं भाइयों-बहनों। क्या कभी हो सकता है …? आप मुझे बताइये, आपके पिता जी पर किसी ने हत्या का प्रयास किया हो आप कभी उससे दोस्ती करेंगे …? करेंगे दोस्ती …? कोई बेटा करेगा दोस्ती …? क्या राजनीति इतनी गिर गई है, इतनी    नीचे गई है कि कुर्सी के मोह में इस प्रकार के कांड किये जाएं। भाइयों-बहनों, ऐसे लोगों को कभी माफ नहीं किया जा सकता।

भाइयों-बहनों।

जब उत्तर प्रदेश की चर्चा आती है तो यूपी लिखते हैं, अंग्रेजी में UP, UP U और P लेकिन वैसे यूपी को देखो अप होता है उपर जाना, अप। यूपी का मतलब होता है अप लेकिन भाइयों-बहनों। आज में अगर यूपी का खाका खोलूं तो कहीं अप नजर नहीं आता है, सब कुछ डाउन नजर आता है, डाउन नजर आता है। आज यूपी में जनता का भरोसा डाउन है। विकास का ग्राफ डाउन है। कानून व्यवस्था डाउन है। माताओं-बहनों की बेटियों की सुरक्षा का मसला डाउन है। किसानों की खुशहाली डाउन है। युवाओं का रोजगार डाउन है। व्यापारियों का कारोबार डाउन है। बिजली का उजाला डाउन है। सड़क का हाल डाउन है। स्वास्थ्य और शिक्षा डाउन है। सपा-बसपा-कांग्रेस की राजनीति के वादे डाउन ही डाउन है लेकिन कहने को अप है और अप क्या है? यूपी का अप कारोबार डाउन और अगर अप क्या है? अपराध अप है, भ्रष्टाचार अप है, असुरक्षा अप है, दंगा अप है, मां-बहनों पर अत्याचार अप है, बेरोजगारी अप है, गरीबी अप है, बीमारी अप है, शिशु मृत्यु अप है, माता मृत्यु अप है, स्कूल छोड़ने वालों की संख्या अप है, पलायन करने वालों की संख्या अप है और फिर भी कहते हैं, काम बोलता है। ये काम बोलता है या कारनामे बोलते हैं।




भाइयों-बहनों।

काम कैसे बोलेगा? आप मुझे कहिए भाइयों-बहनों। यहां पुलिस की भर्ती में जातिवाद होता है कि नहीं होता है ...? पुलिस की भर्ती में जातिवाद होता है कि नहीं होता है ...? ईमानदार नौजवान को रोजगार मिलता है क्या ...? जाति के नाम पर उसको नकार दिया जाता है कि नहीं जाता है ...? यहां के पुलिस थाने सपा के कार्यालय बन गए हैं कि नहीं बन गए हैं ...? सपा कार्यकर्ता चाहे उसको सजा करवाता है कि नहीं करवाता है ...? पुलिस से डंडा मरवाता है कि नहीं मरवाता है ...? यहां पर जमीनों पर कब्जा सपा के लोग करते हैं कि नहीं करते हैं ...? निर्दोष लोगों की जमीन पर कब्जा सपा वाले करते हैं कि नहीं करते हैं ...? उनकी कोई सुनवाई होती है क्या ...? पुलिस मदद करती है क्या ...? अफसर मदद करते हैं क्या ...? सरकार मदद करती है क्या ...? क्या ये चलने देना है क्या ...? ये खत्म होना चाहिए कि नहीं ...?  ईमानदारों को उसका हक मिलना चाहिए कि नहीं मिलना चाहिए ...? गरीब को उसका हक मिलना चाहिए कि नहीं मिलना चाहिए ...? नौजवान को उसका अधिकार मिलना चाहिए कि नहीं मिलना चाहिए ...?

भाइयों-बहनों।

आपको वादा करने आया हूं, भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनेगी। जहां-जहां बेईमानी हुई है, उसका कच्चा चिट्ठा खोल दिया जाएगा। मेरे नौजवानों क्या मैरिट के आधार पर नौकरी मिलनी चाहिए कि नहीं मिलनी चाहिए ...? आपकी ताकत के हिसाब से आपको काम मिलना चाहिए कि नहीं मिलना चाहिए ...?  अगर आप होनहार है तो नौकरी का हक है कि नहीं है ...? लेकिन रोका कैसे जाता है, जब आप परीक्षाएं पास करते हैं, अच्छे मार्क्स लाते हैं, फिर नौकरी के लिए एक्जाम देते हैं, उसमें भी अच्छे मार्क्स लाते हैं, टॉपर होते हैं लेकिन बाद में इंटरव्यू की चिट्ठी आती है, इंटरव्यू आता है। आता है ना इंटरव्यू और जब इंटरव्यू आता है तो बेटा खुशी से समाता नहीं है। मां को कहता है, मां इंटरव्यू आ गया। मैंने परीक्षा पास कर ली अब नौकरी लगेगी, मां अनुभवी है, कहती है बेटा देखो किसी की पहचान है क्या …? कोई जानने वाला मिल जाए तो देखो। देखो कोई नेता मिल जाए तो देखो। वो बेचारा इंटरव्यू के पहले कोई पहचान वाले को तलाशता है, सिफारिश करने के लिए तलाशता है तो कोई बिचौलिया आ जाता है, कहता है नौकरी चाहिए तो दो लाख दीजिए, नौकरी चाहिए तो पांच लाख दीजिए। वो गरीब मां कहती है बेटा, ये तेरे बाप ने मेरे लिए जमीन छोड़ी है> ये जमीन गिरवी रख दो लेकिन पैसे देकर के एक बार नौकरी ले लो बेटा और इंटरव्यू में कैसा चल रहा है भाइयों। तीन बाबू बैठे हैं, एक दरवाजे से नौजवान अंदर आता है, 30 सेकेंड। ज्यादा नहीं 30 सेकेंड वो तीन लोग उसको देखते हैं वो तीन लोगों को देखता है, वो उससे पूछ लेते हैं नाम क्या, कहां से आए हो और दूसरे दरवाजे से निकल जाता है ये है इंटरव्यू। मुझे बताइये भाई दुनिया में ऐसा को विज्ञान निकलता है क्या कि 30 सेकेंड में पता चल जाए कि ये भाई कैसा है, कैसा नहीं है पता चल जाए ऐसा कोई विज्ञान है क्या ...? ये बेईमानी है कि नहीं है ...? ये इंटरव्यू नाम का झूठ चल रहा है कि नहीं चल रहा है ...? ये लोगों को उनके हक को छीनने का षड़यंत्र है कि नहीं है ...?

भाइयों बहनों।

हमने निर्णय किया। दिल्ली में आपने मुझे प्रधानमंत्री बनाया हमने निर्णय किया कि वर्ग 3 और 4 सरकार में सबसे ज्यादा नौकरी करने वाले लोग वर्ग 3 और 4 के होते हैं। हमने निर्णय किया अब वर्ग 3 और 4 में कोई इंटरव्यू नहीं लिया जाएगा। हर किसी के मार्क्स कम्प्यूटर में डाल दिये जाएंगे और कम्प्यूटर ही तय करेंगा कि पहले 100 कौन हैं, पहले 200 कौन हैं, पहले 500 कौन हैं और कम्प्यूटर से ही उसके घर ऑर्डर चला जाएगा, कौई बिचौलिया नहीं रहेगा, कोई जाति नहीं रहेगी, कोई बेईमानी नहीं रहेगी, कोई भ्रष्टाचार नहीं रहेगा।

भाइयों-बहनों।

ईमानदारी की सरकार है, ईमानदारों के लिए ये सरकार है भाइयों और इसलिए भाइयों-बहनों। अभी रेलवे में 1 लाख लोगों का भर्ती हुआ। कोई इंटरव्यू नहीं किया। कम्प्यूटर ने बता दिया। उनके घर ऑर्डर चला गया। एक नये पैसे के भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा।

भाइयों-बहनों।

मेरे नौजवानों। नई सरकार भाजपा की उत्तर प्रदेश में बनेगी और आप देखना सीआईएसएफ में 35 हजार पलिसों की भर्ती करनी है। बीएसएफ में सीआरपीएफ में 25 हजार हेड कांस्टेबल की भर्ती करनी है। कोई भाई-भतीजा जातिवाद नहीं होगा। ईमानदार नौजवानों को नौकरी मिलेगी, देख लेना भाइयों। और इसलिए भाइयों-बहनों। मैं आपसे यही कहने आया हूं कि हम ये सरकार दिल्ली में ऐसी है जो गरीबों के लिए है, ये सरकार मध्यमवर्ग के मेहनतकश लोगों के लिए है, ये सरकार ईमानदार लोगों के लिए है और ईमानदारी की रक्षा करने के लिए आज दिल्ली में हम बैठे हैं। आप देखिये 8 नवंबर, रात को 8 बजे टीवी पर मोदी ने कहा मेरे प्यारे देशवासियों। तूफान खड़ा हो गया तूफान। 70, 70 साल तक नोटों के बंडल दबा-दबाकर के बैठे थे, सब कुछ निकल गया, सब कुछ। निकला कि नहीं निकला ...? बैंकों में जमा करना पड़ा कि नहीं पड़ा …? अब हिसाब देना पड़ रहा है तो रात को नींद नहीं आ रही है। और मोदी हिसाब मांग रहा है।

आप मुझे बताइये भाइयों-बहनों।

गरीब का जिन्होंने लूटा है, वो गरीब को लौटाना चाहिए कि नहीं चाहिए ...? जिसने गरीब का लूटा है उसका गरीब को लौटाना चाहिए कि नहीं लौटाना चाहिए ...? देश को लूटा है देश को वापस मिलना चाहिए कि नहीं चाहिए ...? और इसलिए भाइयों-बहनों। मैंने भ्रष्टाचार और कालेधन के खिलाफ एक बहुत बड़ी लड़ाई छेड़ी है और मैं जानता हूं ये लड़ाई सामान्य नहीं है। बड़े-बड़े शातिर दिमाग वालों से मुझे लड़ना है। बड़ी-बड़ी हस्तियों से लड़ना है। देश का माल खा-खाकर ताकतवर बने ऐसे लोगों से मैं भिड़ रहा हूं लेकिन लड़ पा रहा हूं, क्योंकि सवा सौ करोड़ ईमानदार लोगों का मुझे आशीर्वाद है और ईमानदार लोगों का आशीर्वाद है। इसी के कारण बेईमान लोग आज कांप रहे हैं।

भाइयों-बहनों।

आप मुझे बताइये। भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई चलनी चाहिए कि नहीं चलनी चाहिए ...? भ्रष्टाचार खत्म होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए ...? भ्रष्टाचार जाना चाहिए कि नहीं जाना चाहिए ...? काला धन खत्म होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए ...? इसके लिए कठोर कदम उठाने चाहिए कि नहीं उठाने चाहिए ...? आपके आशीर्वाद है मुझे ...? दोनों हाथ उपर करके पूरी ताकत बताइये आपके आशीर्वाद है ...? आपके आशीर्वाद है ...? आपके आशीर्वाद है ...?

भाइयों-बहनों।

ये लड़ाई मैं छोड़ूंगा नहीं, गरीबों के लिए मैंने लड़ाई छेड़ी है। मैं छोड़ने वाला नहीं हूं। मुझे आपके आशीर्वाद चाहिए। उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनाइये। 19 तारीख को कमल के निशान पर बटन दबाइये, भारत को गौरव दिलाने का प्रयास करने वाली भारतीय जनता पार्टी को विजयी बनाइये। मेरे साथ, दोनों मुट्ठी बंद करके बोलिए भारत माता की जय। पूरी ताकत से बोलिये। भारत माता की जय। भारत माता की जय। बहुत-बहुत धन्यवाद।

Explore More
140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी
PLI, Make in India schemes attracting foreign investors to India: CII

Media Coverage

PLI, Make in India schemes attracting foreign investors to India: CII
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।