उत्तराखंड के लोग, इस राज्य की 'देवभूमि' के लिए मेरे कनेक्शन और मेरे प्यार को जानते हैं: पीएम मोदी
जब कांग्रेस, राज्य और केंद्र दोनों स्तरों पर सत्ता में थी, तब उत्तराखंड को डबल ब्रेक लगाकर हर तरफ से पीछे धकेल दिया गया था: पीएम मोदी
उत्तराखंड के विकास के लिए यहां के युवाओं, महिलाओं, किसानों और सभी को ध्यान में रखते हुए नए संकल्प लिए गए हैं: पीएम मोदी

 

भारत माता की,

चार धाम की रक्षक देवी, माँ धारी देवी कमलेश्वर महादेव की पावन धरती का मेरा दाना सयौंणौं, दीदी भूलियौं, भुला भैजियौं थे म्यारु सीमान्या म्यारु प्रणाम। आशा करदु आप सब कुसल मंगल होला। जय बद्री विशाल, जय केदार!

जब वर्चुअल रैली होती है, और पिछले दिनों वर्चुअल रैली के माध्यम से आप से मिलता तो था, मैं दिल्ली में होता जरूर था, लेकिन मेरा मन उत्तराखंड के लिए ही भागता था। जब मनोरथ सच्चा हो, तो बाबा केदारनाथ और बद्रीनाथ जी सच्ची इच्छा को पूरी कर ही देते हैं। और उनके आशीर्वाद से इलेक्सन कमीशन ने भी और मौसम ने भी मुझे आपके बीच आने का सौभाग्य दिया आपके दर्शन करने का सौभाग्य दियाउत्तराखंड का हर नागरिक जानता है, मेरा इस देवभूमि से नाता क्या है। उत्तराखंड का हर नागरिक जानता है कि देवभूमि से मेरा लगाव कितना है। कोई कल्पना कर सकता है कि 2019 में चुनाव का आखिरी दौर चल रहा था, मैं खुद जिस काशी से चुनाव लड़ रहा था वहां पर मतदान होना था, लेकिन मेरा मन कर गया कि इस देवभूमि की माटी को माथे चढ़ाने का, यहां तो चुनाव हो गया था, यहां मतदान बाकी नहीं था, काशी में मतदान बाकी था, लेकिन बाबा केदार ने मुझे पुकारा और फिर मैं यहां चला आया। चुनाव के मैदान में भी और खुद का चुनाव होने के बावजूद भी मैं यहां आपके बीच चला आया था, कारण ये देव भूमि के प्रति मेरी भक्ति, ये देव भूमि के प्रति मेरा लगाव और ये देव भूमि भी है और वीर भूमि भी है। यहां से सदा सर्वदा एक ऊर्जा मिलती है प्रेरणा मिलती है।

भाइयों बहनों, 

मां गंगा, गढ़वाल की वीरांगना रानी कर्णावती, चौंदकोट की तीलू रौतेली, सुमाडी के पंथ्या दादा, मलेथा के माधो सिंह भंडारी ऐसे अनेक व्यक्तित्वों से प्रेरणा पाने वाली इस धरती को, यहां के लोगों को भी मैं आदरपूर्वक प्रणाम करता हूं। भाइयों और बहनों, कल ही उत्तराखंड भारतीय जनता पार्टी ने अपना संकल्प पत्र जारी किया है। ये संकल्प पत्र, इस दशक को उत्तराखंड का दशक बनाने में बहुत  बड़ी भूमिका निभाएगा। इसमें उत्तराखंड के विकास के लिए, यहां के युवाओं, महिलाओं, किसानों, सभी के लिए नए संकल्प लिए गए हैं। इसमें गरीब बहनों को ताकत देने का समाधान है। इसमें जिला-जिला मेडिकल कॉलेज या उसके जैसी सुविधा देने का संकल्प है इरादा है। कृषि भूमि सर्वेक्षण और बीमा में नई ड्रोन नीति लागू करके, यहां के किसानों को बेहतर सुविधा मिलेगी। मल्टी मोडल लॉजिस्टक्स पार्क और मल्टी मोडल कार्गो टर्मिनल से उत्तराखंड में नए उद्योगों के लिए, रोज़गार के हज़ारों नए अवसरों के रास्ते खोलने का इरादा भारतीय जनता पार्टी ने संकल्प लेकर व्यक्त किया है। उत्तराखंड की धरोहर को बचाने और यहां हैरिटेज टूरिज्म को गांव-गांव पहुंचाने पर भी जोर है। मैं धामी जी और उत्तराखंड भाजपा की पूरी टीम को बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। 

साथियों,

उत्तराखंड के लोगों ने हमेशा सजग प्रहरी की तरह देश की रक्षा की है। आज पौढ़ी गढ़वाल के ऐसे ही वीर सपूत जनरल बिपिन रावत जी की स्मृतियां मुझे भावुक कर रही हैं। उन्होंने देश को दिखाया कि उत्तराखंड के लोगों के पास केवल पहाड़ जैसा साहस होता है, बल्कि हिमालय जैसी ऊंची सोच भी होती है। लेकिन भाइयों बहनों, मेरे मन में एक गहरी तकलीफ़ भी है। मुझे ये ज़िक्र इसलिए भी करना पड़ रहा है क्योंकि काँग्रेस पार्टी अपने प्रचार में जनरल बिपिन रावत जी के कट आउट लगाकर, उनकी फोटो लगाकर वोट मांग रही है। कुर्सी के लिए कोई इस सीमा तक जा सकता है, मुझे विश्वास ही नहीं हो रहा ! उत्तराखंड के लोग कभी भूल नहीं सकते, सेना को लेकर इन लोगों का रवैया क्या रहा है। जब भारत के वीरों ने आतंकी अड्डों पर सर्जिकल स्ट्राइक की, तो ये लोग सेना पर सवाल उठा रहे थे। दिल्ली के कुछ नेताओं ने तो बाकायदा टीवी पर जाकर सेना से सबूत मांगे थे। इन लोगों ने जनरल रावत को देश का पहला सीडीएस बनाए जाने पर भी खूब सियासत की थी। इसी काँग्रेस पार्टी के नेता ने बिपिन रावत जी को सड़क का गुंडा तक कह डाला था। ये है देश के सैनिकों के लिए इन लोगों की नफरत ! आज अगर वोट के लिए ये लोग जनरल रावत का सियासी इस्तेमाल करना चाह रहे हैं, तो उन्हें जवाब देने की ज़िम्मेदारी उत्तराखंड के लोगों की है। जवाब देंगे ना… जवाब देंगे ना… करारा जवाब देंगे ना…, आगे से ऐसी गलती ना करे ऐसा जवाब देंगे ना… 

भाइयों बहनों,

जिनकी सोच केवल सत्ता के सुख तक सीमित हो, वो बलिदान और देश-सेवा का मूल्य नहीं समझते। इतने सालों तक ये सत्ता में थे, लेकिन वन रैंक वन पेंशनको लेकर झूठ बोलते रहे। आंख में धूल झोंकते रहे ये हमारी ही सरकार है, जिसनेवन रैंक, वन पेंशनकी व्यवस्था लागू की। ये भी भाजपा सरकार ही है, जो देहरादून में उत्तराखंड के शहीदों के सम्मान मेंसैन्य धामबना रही है। और मैंने एक बार कहा था, उत्तराखंड यानि चार धाम, ये इतना ही सोच काफी नहीं है, उत्तराखंड में चार धाम तो सदियों से है ही है हमारी प्रेरणा भी है, लेकिन उत्तराखंड में एक पांचवां धाम भी है सैन्य धाम, वीर सपूतों का धाम, वीर माताओं का धाम। उत्तराखंड का ये गौरव उन लोगों की समझ में नहीं आयेगा जो देश की सेना और शहीदों का मज़ाक उड़ाते हैं। 

साथियों,

जब अलग उत्तराखंड राज्य बना था, अटल विहारी वाजपेयी ने आपके सपनों को साकार करने के लिए बड़ा महत्वपूर्ण निर्णय किया था। तो ये संकल्प उत्तराखंड के लोगों ने और भाजपा ने मिलकर पूरा किया था। उत्तराखंड के स्वर्णिम भविष्य के लिए सपने भी हमने मिलकर देखे थे। उत्तराखंड में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर हो, अच्छी सड़कें हों, शिक्षा स्वास्थ्य की आधुनिक सुविधाएं हों, आपका जीवन आसान बने, युवाओं का भविष्य बेहतर बने, ऐसे अनेक संकल्प हमने मिलकर लिए थे। लेकिन दुर्भाग्य से, इस प्रदेश की कमान कई साल के लिए उनके हाथों में चली गई जिन्होंने हमेशा उत्तराखंड को अस्तित्व में आने से ही रोका था, इसका जन्म ही रोक दिया था। उन्होंने हमारे इन सपनों को कुचलने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। जब केंद्र और राज्य दोनों जगह उनकी सरकार थी, तब उत्तराखंड को डबल ब्रेक लगाकर हर तरफ से पीछे धकेला गया। ब्रेक लगानी ही जानते हैं वो2014 के बाद एक ब्रेक हटा, लेकिन देहरादून वाला ब्रेक लगा हुआ था। दिल्ली वाला ब्रेक हटा था। उत्तराखंड-वासियों ने 2017 में वो ब्रेक भी हटा दिया, उसको भी यहां से निकाला और डबल इंजन की सरकार यहां पर काम पर लग गई। 

भाइयों और बहनों,

इन पांच सालों में आपकी डबल इंजन सरकार ने इतना काम किया है, कि अब ब्रेक लगाने वालों को भी वही वादे करने पड़ रहे हैं। जब भारतीय जनता पार्टी की सरकार काम करना शुरू कर दिया है। जब ये सत्ता में थे, तब इनको कभी चार धामकी याद नहीं आई। जिन्हें यहां आस्था ही नहीं, उन्हें भी अब चार धाम की याद क्यों रही है ? क्योंकि, उन्हें ये कुर्सी हासिल करने का रास्ता लग रहा है। जबकि भाजपा के लिए चार धाम और देव भूमि का विकास आस्था, संस्कृति और जनसेवा का हमारा संकल्प है, हमारा समर्पण है। 

साथियों,

केदारधाम में हमने 2017 में पुनर्विकास के काम शुरू किए थे, और ज़्यादातर परियोजनाएं पूरी भी हो गई हैं। बद्रीनाथ धाम के विकास के लिए भी कई सौ करोड़ की लागत से प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। चार धाम प्रोजेक्ट के तहत 12 हजार करोड़ की लागत से ऑल-वेदर रोड बनाई जा रही है। चार धाम प्रोजेक्ट में गढ़वाल का बड़ा हिस्सा कवर होता है, इसलिए इसका बहुत बड़ा लाभ पूरे गढ़वाल को मिलेगा। इसी तरह, ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स पर भी तेजी से काम हो रहा है। अब पहाड़ों पर एक जगह से दूसरी जगह जाना मुश्किल नहीं रहेगा। यहां पर्यटकों की संख्या भी बढ़ेगी, रोजगार भी बढ़ेगा, और पढ़ाई की, इलाज की सुविधा भी बढ़ेगी। प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में हेली सर्विस शुरू की जा रही है। 

भाइयों बहनों,

इस बार केंद्र सरकार जो बजट लेकर आई है, उसका भी बहुत बड़ा लाभ उत्तराखंड को मिलेगा। देश के पहाड़ी इलाकों के लिए खास तौर पर बजट में पर्वतमाला प्रोजेक्ट की घोषणा की गई है। इसके तहत पहाड़ों पर आवागमन के लिए रोपवे जैसी सुविधाओं का निर्माण किया जाएगा। जिन सीमावर्ती इलाकों को काँग्रेस सरकार ने जानबूझ कर विकास से वंचित रखा था, उनके विकास के लिएवाइब्रेंट विलेजयोजना शुरू की जाएगी। किसानों के लिए गंगा के किनारे-किनारे नेचुरल फ़ार्मिंग को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। उत्तराखंड को तो प्राकृतिक खेती नैचुरल फ़ार्मिंग के लिए प्रकृति का असीम आशीर्वाद मिला हुआ है। लेकिन, ये लाभ आप तक तभी पहुंचेगा जब दिल्ली से चलने वाली विकास की धारा को देहरादून से भी ताकत मिले। ऐसे लोग न आ जाएं कि दिल्ली से आ रही विकास की धारा को वहीं ठप कर दें। वरना फिर उत्तराखंड जो पहले की हालत थी उसी तरह डूब जाएगा। इसके लिए जरूरी है कि आप 14 तारीख को बेईमानी और भ्रष्टाचार को ही रोक दें ब्लॉक कर दें उसको। 14 तारीख को आप वंशवाद और परिवारवाद को ब्लॉक कर दें। 14 फरवरी को आप संप्रदायवाद और तुष्टीकरण को देवभूमि से बाहर का रास्ता दिखा दें। करेंगे ना… बाहर का रास्ता दिखाना चाहिए कि नहीं दिखाना चाहिए…  

साथियों,

काँग्रेस पार्टी की एक ही पहचान है, सत्ता आती है तो इनका भ्रष्टाचार बेलगाम हो जाता है, और सत्ता जाती है पूरी ताकत षड्यंत्रों में लगा देते हैं,  बौखला जाते हैं, जितना बुरा कर सकते हैं बुरा करने के रास्ते पकड़ लेते हैं। पिछले दस सालों से लोकसभा में उत्तराखंड के लोग इन्हें शून्य दे रहे हैं शून्य, बिग जीरो। विधानसभा में भी पांच साल से ये सत्ता से बाहर हैं। इसलिए, कांग्रेस के लोग उत्तराखंड के लोगों से भड़के हुए हैं। सत्ता तक पहुंचने के लिए अब ये देवभूमि की संस्कृति और पहचान को मिटाने की साजिश कर रहे हैं। ये लोग तुष्टीकरण और वोट बैंक वाला फॉर्मूला आजमा रहे हैं। ये लोग देवभूमि के लिए किस तरह की यूनिवर्सिटी का समर्थन कर रहे हैं, ये आप देख रहे हैं। आपने सुना है न…  क्या करना चाहते हैं.. सुना है न… इससे उत्तराखंड को बचाना है कि नहीं बचाना है… भाइयों-बहनों अगर ये वापस आ गए, तो अपनी सारी बौखलाहट यहाँ की जनता पर निकालेंगे।

भाइयों बहनों,

इन्होंने सालों तक पहाड़ के लोगों को पानी की सुविधा से वंचित रखा। पानी के लिए माताओं-बहनों को सर पर घड़ा रखकर कोसों जाना पड़ता था। हमने जल जीवन मिशन के जरिए घर-घर पाइप से पानी पहुंचाने का अभियान शुरू किया। आज उत्तराखंड में करीब 8 लाख घरों तक पाइप से पानी पहुंच रहा है।

मैंने अभी थोड़े दिन पहले उत्तराखंड की पांच-छह बुजुर्ग माताएं, कुछ बहनें, उन्होंने छोटा-छोटा वीडियो डाला हुआ है, तो मेरे पास वो भी आया घूमता फिरता और उत्तराखंड की माताएं, बहनें जिस प्रकार से मुझे आशीर्वाद दे रही हैं, क्या-क्या मिला उसका वर्णन कर रही हैं। पानी के विषय में भाव-विभोर होकर के बोल रही हैं। माताएं, बहनें ये आपके आशीर्वाद है न, मैं आपको निराश नहीं होने दूंगा, मैं जी-जान से आपके लिए काम करता रहूंगा। ये आपका स्नेह, ये आपका आशीर्वाद मुझे शक्ति देता है, ऊर्जा देता है दिन-रात माताओं, बहनों आपके लिए काम करने के लिए मेरा मन दौड़ता रहता है काम करने के लिए दौड़ता रहता है। आज उत्तराखंड में करीब 8 लाख घरों तक पाइप से पानी पहुंच रहा है। इन्होंने दशकों तक पहाड़ के ग्रामीणों को पत्थरों पर पैदल चलने के लिए मजबूर किया। हमने पिछले पांच सालों में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत इतनी सड़कें बनाईं, जितनी उत्तराखंड बनने के बाद से अब तक नहीं बनीं। इन्होंने अस्पताल और इलाज के अभाव में लोगों को पहाड़ से पलायन करने को मजबूर किया। भाजपा सरकार में अटल बिहारी वाजपेयी ने उत्तराखंड को एम्स दिया था। हमने नए अस्पताल दिए, नए मेडिकल कॉलेज दिए। उत्तराखंड में हमारी डबल इंजन की सरकार ने एक और अभूतपूर्व काम किया है। उत्तराखंड की पूरी सवा करोड़ की आबादी को अटल आयुष्मान योजना के माध्यम से 5 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज की सुविधा दी है। हमने गरीबों को मुफ्त टीका दिया। कोरोना काल में हर गरीब को मुफ्त राशन दिया। चाहे किसान हो, गरीब हो, बिना किसी लीकेज के कोई कट कंपनी की इंट्री के बिना हमारी सरकार बैंक खातों में सीधे पैसा ट्रान्सफर कर रही है। इन सारे कामों को देखकर ये बौखलाए रहते हैं। इसलिए उत्तराखंड के लोगों को याद रखना है, अगर ये गलती से भी सत्ता में गए, तो ये भाजपा सरकार के सारे काम रोक देंगे। जो आपके लिए अच्छे-अच्छे काम हो रहे हैं उन्हीं को रोक देंगे, क्या ऐसा होने देना है क्या ?... ऐसा होने देना है क्या?... ऐसा होने देंगे क्या ? उनके ये सारे इरादे फेल करेंगे कि नहीं करेंगे?     

भाइयों बहनों,

उत्तराखंड के विकास का ये पुण्य कार्य हमें निरंतर करते रहना है। और मेरे लिए तो ये पुण्य कार्य है ही है। आप लोगों की सेवा करना ये मेरे लिए पुण्य कार्य है और इसलिए, 14 तारीख को हमारा संकल्प होगा, उत्तराखंड के विकास के लिए- कमल का बटन दबाना! उत्तराखंड के युवाओं के लिए, उज्ज्वल भविष्य के लिए 14 तारीख को- कमल का बटन दबाना ! यहां पर्यटन और रोजगार के विकास के  लिए 14 तारीख को - कमल का बटन दबाना ! जो काम चल रहे हैं, उन्हें तेज गति से आगे बढ़ाकर पूरा करने के लिए 14 तारीख को- कमल में बटन दबाना! इसलिए, याद रखिए, 14 फरवरी को- पहले मतदान,फिर जलपान!

आप सब, मैं उत्तराखंड में कई स्थानों पर गया हूं, कई कार्यक्रम में गया हूं, लेकिन आप लोगों ने आज जो ये मियाज दिखाया है, चारों तरफ लोग ही लोग है मैं देख रहा हूं उसके पार भी लोग खड़े हैं, ये दृश्य अपनेआप में दिखा रहा है कि उत्तराखंड में फिर एक बार भाजपा सरकार        


बहुत बहुत धन्यवाद!

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PM to attend Christmas Celebrations hosted by the Catholic Bishops' Conference of India
December 22, 2024
PM to interact with prominent leaders from the Christian community including Cardinals and Bishops
First such instance that a Prime Minister will attend such a programme at the Headquarters of the Catholic Church in India

Prime Minister Shri Narendra Modi will attend the Christmas Celebrations hosted by the Catholic Bishops' Conference of India (CBCI) at the CBCI Centre premises, New Delhi at 6:30 PM on 23rd December.

Prime Minister will interact with key leaders from the Christian community, including Cardinals, Bishops and prominent lay leaders of the Church.

This is the first time a Prime Minister will attend such a programme at the Headquarters of the Catholic Church in India.

Catholic Bishops' Conference of India (CBCI) was established in 1944 and is the body which works closest with all the Catholics across India.