प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा से एक-दूसरे को सशक्त बनाने के लिए तकनीक के उपयोग के पक्षधर रहे हैं। उनकी पहचान एक ऐसे व्यक्ति की रही है जो हमेशा नई से नई तकनीक के बारे में जानने की रुचि रखता हो। वे अक्सर नवीनतम हाईटेक ट्रेंड्स की चर्चा करते हैं। वे Artificial Intelligence, Internet of Things और Big Data की भी चर्चा करते हैं, जिसके बारे में सबको मालूम होना चाहिए, खासकर युवाओं को तो उस पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए।

नीतिगत मामलों, राजनीतिक मोर्चे और निजी स्तर पर तकनीक का उपयोग करने वाले अपनी पीढ़ी के राजनेताओं में वे पहले और सबके अगुआ हैं।

अगर नीतिगत मामलों की बात करें तो तकनीक प्रेमी व्यक्तित्व के चलते प्रधानमंत्री के Good Governance के विजन पर प्रौद्योगिकी ने बहुत अधिक प्रभाव डाला है। इससे कमजोर तबके को सशक्त बनाने की प्रक्रिया कई गुना बढ़ गई है। सरकारी कार्यों को अधिक कुशल, सुलभ और पारदर्शी बनाने के लिए तकनीक के क्षेत्र में नई-नई खोजों पर जोर दिया जा रहा है।

नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली सरकार को पता है कि भारत जैसे विशाल और विविधता वाले देश में प्रौद्योगिकी तक अधिक से अधिक लोगों की पहुंच होना आवश्यक है। इससे ऐसी व्यवस्था बनाने में मदद मिलती है जिससे गरीबों तक भी आसानी से सूचनाएं पहुंच सकती हैं और भौगोलिक दूरी खत्म होने से सामाजिक-आर्थिक गतिशीलता आ सकती है।

किसानों का ट्रेडिंग पोर्टल e-NAM इसका एक उदाहरण है जिसमें प्रौद्योगिकी ने एक परिवर्तनकारी उत्प्रेरक का काम किया है। इसने पूरे देश के किसानों और खरीदारों को व्यवसाय का एक मंच उपलब्ध करा दिया है। कोई भी खरीदार कहीं से भी, किसी भी किसान से आपूर्ति, मांग और गुणवत्ता के आधार पर खरीदारी कर सकता है।

संक्षेप में, यह इनोवेशन एक किसान की बाजार तक पहुंच का विस्तार करता है। स्थानीय बाजार से वो सीधे 125 करोड़ लोगों तक जुड़ता है। यह किसानों को उन अनंत बिचौलियों के चंगुल से स्वतंत्र करता है जिनकी किसान और खरीददार के बीच मांग-आपूर्ति श्रृंखला में मजबूत पकड़ है।

डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए प्रधानमंत्री के विजन को सत्य साबित करते हुए डिजिटल इंडिया कार्यक्रम ने बहुत कम खर्च में भीम एप जैसी लोकप्रिय तकनीक दी, जिसने बैंक और बैंकिंग को लोगों के पॉकेट में ला दिया। इस अत्यधिक लोकप्रिय एप को बहुत थोड़े समय में ही 2 करोड़ लोगों ने डाउनलोड किया। BHIM-Aadhaar के विचार से अब इसे और भी सशक्त बनाया जा रहा है।

यहां नजरिया बहुत साफ है - हमारी अर्थव्यवस्था जितना अधिक डिजिटल होगी, उतना कम कैश का इस्तेमाल होगा और इससे भ्रष्टाचार की आशंका भी उतनी ही कम होगी। यह उन सहूलियतों के अलावा है जो डिजिटल ट्रांजेक्शन से जुड़ी हैं। डिजिटल ट्रांजेक्शन करने वाले हाल के लकी ड्रा के विजेता अलग-अलग सामाजिक और भौगोलिक पृष्ठभूमि से हैं जो इशारा करते हैं कि डिजिटल आंदोलन शहरों से बाहर निकल कर बहुत दूर तक फैल चुका है।

हालांकि तकनीक के और भी गहरे आयाम हैं जिसका जिक्र प्रधानमंत्री ने हाल में स्मार्ट इंडिया हैकेथॉन में किया था। लोकतंत्र की सफलता जनभागीदारी या जनता की हिस्सेदारी पर निर्भर करती है। लोकतंत्र का मतलब यह नहीं होता कि जनता एक सरकार ले आए और उसे 5 साल का ठेका दे दे, या फिर जिसमें विकास की सारी जिम्मेदारी सरकार की होती हो। यह गलत विचार है कि सरकार सबकुछ जानती है और सबकुछ खुद कर सकती है। जब जनता और सरकार एक साथ आ जाएं, तो समस्याएं भी दूर की जा सकती हैं और विकास भी किया जा सकता है।

यह प्रौद्योगिकी ही है जिसकी वजह से भारत की विशाल आबादी और सरकार के सारे उपकरण एक साथ हो पा रहे हैं। यहीं पर डिजिटल इंडिया अहम भूमिका निभा रहा है जो सरकार को लोगों के साथ जोड़ रहा है और लोगों के विचारों और उनकी राय को सरकार तक पहुंचा रहा है। इस सोच के प्रति प्रधानमंत्री की दृढ़ प्रतिबद्धता का मतलब ये है कि नागरिकों से जुड़े प्रशासनिक तंत्र की गतिविधियां बहुत बढ़ गई हैं। जहां अब लोगों से उनकी प्रतिक्रियाएं मांगी जाती हैं, उनके विचारों का स्वागत होता है और उनकी शिकायतों का भी तत्काल निपटारा किया जाता है। अगर सच्चे लोकतंत्र को महसूस करना है तो सरकार और जनता को एक-दूसरे से तालमेल बिठाना चाहिए जिसमें प्रौद्योगिकी साधन की भूमिका निभा सकता है।

बदलाव के लिए कनेक्टिविटी बेहद जरूरी है, जो प्रौद्योगिकी से ही मिलता है। इस कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए Bharat Net की पहल से भारत के 2.5 लाख ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क से जोड़ा जा रहा है। 77,000 से ज्यादा गांव इससे पहले ही जुड़ चुके हैं। बाकी गांवों को भी इस आधारभूत संरचना से जोड़ने का काम मिशन मोड में जारी है।

पहले से जुड़े गांवों में, कॉमन सर्विस सेंटर की स्थापना ने ग्रामीणों के लिए कई अवसर खोल दिए है। ये सेंटर्स सरकार और जनता के बीच एक पुल का काम करते हैं। यह सबसे अच्छा डिजिटल समावेशन है क्योंकि अब सरकार ज्यादातर सेवाएं दे पा रही हैं और जनता मांग होने पर सेवाओं का उपयोग भी कर सकती है। एक सरकार जो लोगों से सरोकार रखती है, कुशलतापूर्वक लोगों तक योजनाएं पहुंचा रही है, यह अब सिर्फ संभावना नहीं, बल्कि वर्तमान में हकीकत बन चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब बोलते हैं तो उसका अर्थ है कि “टेक्नोलॉजी सिर्फ एक प्रेरक शक्ति ही नहीं, इसका बहुत असर पड़ता है और जो एक समाधान के तौर पर भी काम करता है।”

राजनीतिक परिदृश्य में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबसे पहले हैं जिन्होंने टेक्नोलॉजी की व्यापक पहुंच को महसूस किया। नागरिकों को राजनीतिक संदेश देने में टेक्नोलॉजी का उनका प्रयोग अनुकरणीय है। चाहे वो उनका बेहद सफल भारत 272 अभियान हो या ट्विटर और फेसबुक पर उनकी उपस्थिति, उन्होंने तमाम संचार बाधाओं को पार करते हुए सीधे नागरिकों से संवाद स्थापित किया।

व्यक्तिगत तौर पर, वो भारत समेत दुनिया के उन चुनिंदा नेताओं में शामिल हैं, जिन्होंने मोबाइल एप वाली पीढ़ी की नब्ज मापने के लिए मोबाइल एप का ही प्रयोग किया। एप बहुत ही कुशलता से तैयार किया गया और पैकेजिंग की गई, जिसमें क्वालिटी कंटेंट की भरमार है।

एक युवा राष्ट्र के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता कोई संयोग नहीं है। सूचना युग में, उन्होंने कई बार अपने समकालीनों की तुलना में टेक्नोलॉजी की शक्ति को बेहतर तरीके से समझा है।

 

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List of Outcomes: Visit of Prime Minister to Kuwait (December 21-22, 2024)
December 22, 2024
Sr. No.MoU/AgreementObjective

1

MoU between India and Kuwait on Cooperation in the field of Defence.

This MoU will institutionalize bilateral cooperation in the area of defence. Key areas of cooperation include training, exchange of personnel and experts, joint exercises, cooperation in defence industry, supply of defence equipment, and collaboration in research and development, among others.

2.

Cultural Exchange Programme (CEP) between India and Kuwait for the years 2025-2029.

The CEP will facilitate greater cultural exchanges in art, music, dance, literature and theatre, cooperation in preservation of cultural heritage, research and development in the area of culture and organizing of festivals.

3.

Executive Programme (EP) for Cooperation in the Field of Sports
(2025-2028)

The Executive Programme will strengthen bilateral cooperation in the field of sports between India and Kuwait by promoting exchange of visits of sports leaders for experience sharing, participation in programs and projects in the field of sports, exchange of expertise in sports medicine, sports management, sports media, sports science, among others.

4.

Kuwait’s membership of International Solar Alliance (ISA).

 

The International Solar Alliance collectively covers the deployment of solar energy and addresses key common challenges to the scaling up of use of solar energy to help member countries develop low-carbon growth trajectories.