5 मई 2017, एक ऐतिहासिक दिन जब दक्षिण एशियाई सहभागिता को मजबूती मिली। यह वह दिन था जब भारत ने दो वर्ष पहले की अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करते हुए दक्षिण एशिया उपग्रह को सफलतापूर्वक लॉन्च किया।
दक्षिण एशिया उपग्रह के साथ, दक्षिण एशियाई देशों ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में भी अपना सहयोग बढ़ा दिया है!
इस ऐतिहासिक अवसर पर भारत, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव, नेपाल और श्रीलंका के नेताओं ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस कार्यक्रम में भाग लिया।
कार्यक्रम के दौरान बोलते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने दक्षिण एशिया उपग्रह की क्षमताओं के बारे में विस्तार से बताया।
उन्होंने कहा कि उपग्रह से बेहतर प्रशासन, प्रभावी संचार, दूरसंचार क्षेत्रों में बेहतर बैंकिंग और शिक्षा, मौसम के सही पूर्वानुमान के साथ-साथ लोगों को टेली-मेडिसिन से जोड़ते हुए उन्हें बेहतर उपचार उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी।
श्री मोदी ने ठीक ही कहा, “अगर हम एक साथ आगे बढ़ें और ज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं विकास के लाभों को एक-दूसरे के साझा करें तो हम अपने विकास और समृद्धि को गति दे सकते हैं।”