प्रिय मित्रों,
मार्च का महीना हमारे लाखों युवा मित्रों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह समय उनके कक्षा १०वीं एवं कक्षा १२वीं की बोर्ड परीक्षा देने का है। गुजरात के कई विद्यार्थियों की परीक्षा कल से शुरू होगी, अनेक विद्यार्थियों की परीक्षा शुरू हो चुकी है जबकि कई अन्य विद्यार्थियों की परीक्षा आने वाले दिनों में शुरू होगी। मेरे युवा मित्रों को मैं परीक्षा की शुक्षकामनाएं देता हूं। महीनों की तैयारी और कड़ी मेहनत का निचोड़ परीक्षा केन्द्र में कुछ ही घंटों में आ जाएगा।
परीक्षा से संबंधित सभी चिंताओं को दूर करने का एक अच्छा उपाय यह है कि बोर्ड की परीक्षाओं को एक खेल के रूप में लिया जाए। परीक्षा में तनाव के साथ बैठने के बजाय ऐसा अभिगम अपनाने से लाभ होगा जैसे मानों कोई खेल खेलना हो। परीक्षा को आत्म विकास का एक अवसर मानें और फिर देखिए, आपका तनाव फौरन दूर हो जाएगा। याद रखें स्वामी विवेकानंद ने क्या कहा था, “सर्वप्रथम खुद पर भरोसा रखो, यही (सफलता का) रास्ता है। खुद पर श्रद्धा रखो। सभी शक्तियां तुम्हारे भीतर मौजूद हैं। इन शक्तियों को पहचानों और उसे बाहर लाओ। स्वयं से कहो कि, ‘मैं सब कुछ कर सकता हूं।’ सांप का जहर भी तुम पर बेअसर साबित होगा यदि तुम दृढ़ता से उसे नकार दोगे।”परीक्षा को लेकर हम सबके अपने-अपने अनुभव हैं, जो मन में कई यादों को ताजा करते हैं, इनमें से कुछ अनुभव आनंददायी होते हैं जबकि कुछ नहीं होते। हमारा दौर याद करें तो, परीक्षा आज जितनी प्रतिस्पर्धात्मक है उतनी नहीं थी। परीक्षा का दबाव भी काफी कम रहता था। उन दिनों यदि कोई ७० प्रतिशत अंक भी हासिल करे तो वह खुशी की बात थी और आज विद्यार्थी ९० प्रतिशत से अधिक अंक हासिल करने पर भी सोचता है कि, ‘काश इससे ज्यादा अंक आते तो!’ वास्तव में समय बदल गया है...
युवा मित्रों, अभ्यास पूर्ण करने की कड़ी दिनचर्या के बीच कुछ हल्के-फुल्के पल बीताना भी महत्वपूर्ण है। अपना पसंदीदा संगीत सुनो, परिजनों-मित्रों के साथ समय बीताओ या फिर अपने मनपसंद टीवी कार्यक्रम का मजा लो। इन दिनों सूर्यनमस्कार या प्राणायाम करने से एक्रागता में वृद्धि होती है और परीक्षा के समय आवश्यक कार्यक्षमता में भी बढ़ोतरी होती है।
बोर्ड परीक्षा की यात्रा मेरे विद्यार्थी मित्रों तक ही सीमित नहीं होती। परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों के पीछे उनके परिचित और अपरिचित कई लोगों का त्याग और परिश्रम होता है।
युवा मित्रों, आप सभी शैक्षणिक यात्रा के एक महत्वपूर्ण पड़ाव पर पहुंचने जा रहे हैं, ऐसे में याद रखें कि आपकी पढ़ाई के समय आपके माता-पिता ने अपने समय और ऊर्जा की कुर्बानी देकर आपको सहूलियत प्रदान की है और मुश्किल समय में आपको अपने वात्सल्य से प्रेरित किया है। आपसे छोटे भाई या बहन महज इसलिए ही अपना मनपसंद टीवी कार्यक्रम नहीं देख पाते थे ताकि आप एकाग्रता से पढ़ाई कर सकें। याद रखें कि समग्र वर्ष के दौरान हर जरूरत के वक्त आपके साथ रहे आप सभी के शिक्षकों ने शांत चित्त से एवं स्वयं कड़ा परिश्रम कर आपको मार्गदर्शन दिया है। मुझे विश्वास है कि उनका आशीर्वाद आपको और भी ज्यादा मेहनत करने की प्रेरणा देगा और आप परीक्षा में सफलता प्राप्त करेंगे। साथ ही परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन के जरिए आपके लिए परिश्रम करने वाले सभी शुभचिंतकों को आप गौरव की अनुभूति कराएंगे।
बोर्ड की परीक्षा के अंक कोई अंत नहीं बल्कि विद्यार्थी के लिए एक नई शुरुआत है! नतीजों के बाद विद्यार्थी अपने करियर को ध्यान में रखते हुए अत्यंत महत्वपूर्ण चयन करेंगे जिसका प्रभाव उनके भविष्य पर पडे़गा। मुझे भरोसा है कि आप सभी अपने रुचि के विषय और कौशल को ध्यान में रखते हुए समझदारी के साथ चयन करेंगे।
भले ही ऐसा लगता हो कि परीक्षा समाप्त होने में अभी काफी वक्त है, फिर भी मैं अपने युवा मित्रों से परीक्षा के बाद के समय का सदुपयोग करने की बात कहूंगा। घूमो-फिरो और जिस प्रवृत्ति में आप को आनंद मिलता हो उसे करो- बाहर घूमने जाओ, पुस्तकें पढ़ो, पिछले एक वर्ष के दौरान आप जो कुछ न कर सके वो करो। मैं विनम्रता से आग्रह करुंगा कि आप सभी युवा समाज सेवा के लिए भी थोड़ा वक्त निकालें। उससे आपकी शिक्षा का दायरा वास्तव में फैलेगा। वस्तुतः आपकी शिक्षा का मुख्य उद्देश्य अंकतालिका में ‘A+, A’ जैसे अंक हासिल करना नहीं है, बल्कि ऐसा विश्वास संपादित करना है कि, आपने जो शिक्षा हासिल की है उससे आप समाज को कुछ प्रदान कर सकते हैं। स्वामी विवेकानंद ने सच ही कहा है कि, “जो व्यक्ति समाज के सहयोग से शिक्षा प्राप्त करता है लेकिन समाज के लिए कुछ नहीं करता, उसे मैं विश्वासघाती कहूंगा।”
एक बार फिर, मेरे विद्यार्थी मित्रों को परीक्षा के लिए शुभकामनाएं!
आपका,
नरेन्द्र मोदी