प्रधानमंत्री लोफवेन के निमंत्रण पर, प्रधानमंत्री मोदी 16-17 अप्रैल 2018 को स्टॉकहोम की आधिकारिक यात्रा पर गए।

प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री लोफवेन ने 17 अप्रैल को मुलाकात की और 2016 में मुंबई में जारी किए गए अपने संयुक्त वक्तव्य को याद किया, इसके कार्यान्वयन में अब तक हुई प्रगति का स्वागत किया और सहयोग की समग्र राजनीतिक रूपरेखा के रूप में संयुक्त वक्तव्य के प्रति अपनी वचनबद्धता की पुष्टि की।

भारत और स्वीडन लोकतंत्र, कानून के शासन, मानवाधिकारों के सम्मान, बहुवाद और नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के मूल्यों का सम्मान और पालन करते हैं। दोनों प्रधानमंत्रियों ने जलवायु परिवर्तन, एजेंडा 2030, अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा, मानव अधिकार, लिंग समानता, मानवतावादी मुद्दों, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार सहित आपसी चिंता के प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर बातचीत और सहयोग के प्रति अपने संकल्प को दोहराया। प्रधानमंत्रियों ने जलवायु परिवर्तन से मुकाबला करने के लिए वैश्विक प्रयासों को आगे बढ़ाने की आवश्यकता का उल्लेख किया और पेरिस समझौते के प्रति अपनी साझा प्रतिबद्धता को जारी रखने पर बल दिया। दोनों पक्ष, संयुक्त वक्तव्य के अनुसार राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के स्तर पर सुरक्षा नीति वार्ता जारी रखने पर सहमत हुए।

दोनों प्रधानमंत्रियों ने संयुक्त राष्ट्र और अन्य बहुपक्षीय मंचों पर घनिष्ट सहयोग रखने पर सहमति व्यक्त की। यह सुनिश्चित करने के लिए कि संयुक्त राष्ट्र संघ, एजेंडा 2030 के लक्ष्य को प्राप्त करने में सदस्य देशों का समर्थन करने के लिए उपयुक्त है, उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासचिव के सुधार प्रयासों पर गौर किया। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को 21वीं शताब्दी की वास्तविकताओं के प्रति अधिक प्रतिनिधित्व पूर्ण, उत्तरदायी, प्रभावी और प्रतिक्रयात्मक बनाने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की आवश्यकता की पुष्टि की। प्रधानमंत्री मोदी ने,स्वीडन द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (2021-22) की अस्थायी सदस्यता के लिए भारत की उम्मीदवारी के समर्थन और संशोधित व विस्तारित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता हेतु स्वीडन की सहायता के लिए प्रधानमंत्री लोफवेन को धन्यवाद दिया।

दोनों प्रधानमंत्रियों ने वैश्विक निर्यात नियंत्रण, परमाणु अप्रसार और निरस्त्रीकरण उद्देश्यों के समर्थन और सुदृढ़ीकरण के लिए अपनी प्रतिबद्धता और इन क्षेत्रों में घनिष्ट सहयोग की आशा व्यक्त की। प्रधानमंत्री लोफवेन ने ऑस्ट्रेलियाई समूह (एजी), वासनेर व्यवस्था (डब्ल्यूए), मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण प्रशासन (एमटीसीआर) और बैलिस्टिक मिसाइल प्रसार (एचसीओसी) के खिलाफ हेग आचार संहिता सहित अंतर्राष्ट्रीय निर्यात नियंत्रण व्यवस्था में भारत के प्रवेश का स्वागत किया और परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत की सदस्यता के लिए समर्थन व्यक्त किया।

दोनों प्रधानमंत्रियों ने आतंकवाद का मुकाबला करने, आतंकवादी नेटवर्क और वित्तपोषण को बाधित करने और हिंसक उग्रवाद को रोकने के लिए एकता और मजबूत अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी बनाने का आह्वान किया। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि बदलते आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए आतंकवाद प्रतिरोध के वैश्विक कानूनी ढांचे को नियमित रूप से अद्यतित किया जाना चाहिए और आतंकवाद के खतरे को दूर करने के लिए अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन किया जाना चाहिए। इस संबंध में दोनों देशों ने अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद (सीसीआईटी) पर व्यापक सम्मेलन के मसौदे के शीघ्र अंतिम रूप देने के लिए कहा।

द्विपक्षीय सहयोग को और प्रोत्साहन देने के लिए, उन्होंने निम्नलिखित भारत-स्वीडन संयुक्त कार्य योजना निर्धारित की, जिसके अंतर्गत प्रासंगिक मंत्रालयों, एजेंसियों और व्यक्तियों के माध्यम से भारत और स्वीडन का लक्ष्य नीचे दिया गया है:

नवाचार

· समृद्धि और विकास की हमारी पारस्परिक प्रतिबद्धता को मजबूत कर एक सतत भविष्य के लिए बहु-हित धारक नवाचार साझेदारी आरंभ करना और नवाचार के माध्यम से जलवायु परिवर्तन और स्थायी विकास जैसी सामाजिक चुनौतियों का समाधान करना।

· स्वीडिश पेटेंट पंजीकरण कार्यालय और भारत के औद्योगिक नीति व संवर्धन विभाग के बीच समझौता ज्ञापन के अंतर्गत बौद्धिक संपदा अधिकारों के क्षेत्र में संवाद और सहकारी गतिविधियों को पूरा करना।

व्यापार और निवेश

· 'निवेश भारत' के माध्यम से भारत में स्वीडन के निवेश और 'बिजनेस स्वीडन' के माध्यम से स्वीडन में भारतीय निवेश द्वारा व्यापार और निवेश को दोनों दिसाओं में प्रोत्साहित करना।

· भारत-स्वीडन व्यापार सहयोग को और मजबूत करने तथा स्मार्ट-शहरों, डिजिटलीकरण, कौशल विकास और रक्षा के साथ-साथ अपने संबंधों, विचारों, साझेदारी और सिफारिशों को आगे बढ़ाने के लिए भारत-स्वीडन व्यापारिक नेताओं के गोलमेज (आईएसबीएलआरटी) के काम को प्रोत्साहित करना।

स्मार्ट शहर और अगली पीढ़ी का परिवहन

· बातचीत और क्षमता निर्माण के माध्यम से परिवहन उन्मुख शहरी विकास, वायु प्रदूषण नियंत्रण, अपशिष्ट प्रबंधन, अपशिष्ट से ऊर्जा, अपशिष्ट-जल उपचार, डिस्ट्रिक्ट कूलिंग और चल अर्थव्यवस्था सहित स्मार्ट शहरों पर सहयोग का पता लगाना।

· विद्युत-गतिशीलता और अक्षय ऊर्जा के क्षेत्रों में जानकारी का विनिमय और सहयोग का पता लगाना।

· रेल के क्षेत्र में, रेलवे नीति विकास, सुरक्षा, प्रशिक्षण और संचालन और रेलवे के रखरखाव आदि में सहयोग का पता लगाना।

स्मार्ट, टिकाऊ और नवीकरणीय ऊर्जा

· अनुसंधान, क्षमता निर्माण, नीति सहयोग और व्यापार मॉडल सहित बाजार डिजाइन की पूर्व शर्तों को जानने के माध्यम से स्मार्ट ग्रिड प्रौद्योगिकियों, मांग प्रतिक्रिया, बिजली के गुणवत्ता प्रबंधन, वितरण स्वचालन, विद्युत वाहन/पुनर्भरण बुनियादी ढांचे के साथ-साथ नवीकरणीय एकीकरण जैसी स्मार्ट ग्रिड प्रौद्योगिकियों के प्रदर्शन और विकास पर पारस्परिक सहयोग और अनुसंधान।

· भारत-स्वीडन के नवाचार त्वरण के माध्यम से नई नवीन ऊर्जा प्रौद्योगिकियों पर अनुसंधान, नवाचार और व्यापार में सहयोग का विस्तार करना, अक्षय ऊर्जा और ऊर्जा दक्षता का उपयोग करने के लिए प्रौद्योगिकियों पर ध्यान केंद्रित करना।

महिला कौशल विकास और सशक्तिकरण

· पुणे, महाराष्ट्र में स्वीडिश और भारतीय कलाकारों द्वारा आरंभ की गई एक परियोजना - "क्राफ्ट्समला", जो फोर्कलिफ्ट ड्राइवरों, गोदाम प्रबंधकों, असेंबली ऑपरेटरों और उद्योग के लिए उपयुक्त अन्य कार्यों में महिलाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करती है, जैसी परियोजनाओं के द्वारा रोज़गार और उद्यमशीलता के अवसर उपलब्ध कराकर महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए संयुक्त प्रयासों को प्रोत्साहित करना।

रक्षा

· रक्षा क्षेत्र में सहयोग के लिए वर्गीकृत जानकारी का आदान-प्रदान और आपसी सुरक्षा पर एक द्विपक्षीय समझौते को अंतिम रूप देने का कार्य करना।

· रक्षा सहयोग पर भारतीय-स्वीडिश बातचीत को आगे बढ़ाना। 2018-19 में भारत-स्वीडन रक्षा सेमिनारों के साथ आगे बढ़ना और आईएसबीएलआरटी के साथ, भारत में रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में निवेश के अवसरों का पता लगाना।

· उद्योग भागीदारों को प्रमुख रक्षा एवं एयरोस्पेस मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) के साथ छोटे एवं मध्यम आकार के उद्यमों (एसएमई) की आपूर्ति श्रृंखला विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करना।

अंतरिक्ष एवं विज्ञान

· अंतरिक्ष अनुसंधान, प्रौद्योगिकी, नवाचार और अनुप्रयोगों पर द्विपक्षीय सहयोग के महत्व को स्वीकार करना। अंतरिक्ष एजेंसियों और अन्य अंतरिक्ष इकाइयों को समझौता ज्ञापन के अंतर्गत, भारत-स्वीडिश अंतरिक्ष सेमिनार और स्वीडिश अंतरिक्ष प्रतिष्ठानों में भारतीय प्रतिनिधिमंडल के दौरे के माध्यम से अंतरिक्ष सहयोग,विशेष रूप से पृथ्वी अवलोकन, ग्रहों की खोज और उपग्रहों के ग्राउंड स्टेशन गतिविधियों को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करना।

· स्वीडन द्वारा आयोजित किए गए यूरोपीय स्पेलेशन स्रोत (ईएसएस) और भारतीय भागीदारों के बीच संभावित सहयोग का अन्वेषण करना।

स्वास्थ्य एवं जीवन विज्ञान

· स्वास्थ्य देखभाल और सार्वजनिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में समझौता ज्ञापन के अंतर्गत स्वास्थ्य अनुसंधान, औषध निगरानी (फार्माकोविजिलेंस) और एंटी-माइक्रोबियल प्रतिरोध जैसे स्वास्थ्य क्षेत्र के पहचाने गए प्राथमिक मुद्दों पर सहयोग को बढ़ाना।

अनुवर्ती कार्रवाई

· वैज्ञानिक और आर्थिक मामलों पर भारत-स्वीडिश संयुक्त आयोग, विदेश कार्यालय परामर्श और अन्य संबंधित द्विपक्षीय मंच और संयुक्त कार्य दल इस कार्य योजना के कार्यान्वयन की देखरेख करेंगे।

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PM Modi prays at Somnath Mandir
March 02, 2025

The Prime Minister Shri Narendra Modi today paid visit to Somnath Temple in Gujarat after conclusion of Maha Kumbh in Prayagraj.

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In separate posts on X, he wrote:

“I had decided that after the Maha Kumbh at Prayagraj, I would go to Somnath, which is the first among the 12 Jyotirlingas.

Today, I felt blessed to have prayed at the Somnath Mandir. I prayed for the prosperity and good health of every Indian. This Temple manifests the timeless heritage and courage of our culture.”

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“प्रयागराज में एकता का महाकुंभ, करोड़ों देशवासियों के प्रयास से संपन्न हुआ। मैंने एक सेवक की भांति अंतर्मन में संकल्प लिया था कि महाकुंभ के उपरांत द्वादश ज्योतिर्लिंग में से प्रथम ज्योतिर्लिंग श्री सोमनाथ का पूजन-अर्चन करूंगा।

आज सोमनाथ दादा की कृपा से वह संकल्प पूरा हुआ है। मैंने सभी देशवासियों की ओर से एकता के महाकुंभ की सफल सिद्धि को श्री सोमनाथ भगवान के चरणों में समर्पित किया। इस दौरान मैंने हर देशवासी के स्वास्थ्य एवं समृद्धि की कामना भी की।”