बहुत पहले, प्राचीन कवि वर्जिल ने लिखा था – स्‍वास्‍थ्‍य सबसे बड़ा धन है। एक समृद्ध समाज के लिए आवश्‍यक है कि प्रत्‍येक नागरिक को समाज में उच्‍च दर्जा व पहचान दिलाने की अपेक्षा उत्‍तम गुणवत्‍ता वाली स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाएं मुहैया की जाएं। समाज में लोगों के स्‍वास्‍थ्‍य की तरफ ध्‍यान न देना और अनदेखी करने से बड़ी कोई लापरवाही नहीं होती है। यह बेहद खुशी की बात है कि पिछले 11 वर्षो में गुजरात सरकार ने एक स्‍वस्‍थ गुजरात के निर्माण के लिए गम्‍भीर कदम उठाएं और एक श्रृंखला चलाई जिसका लाभ गरीब से गरीब व्‍यक्ति को भी मिलता है।

इन स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं के लिए श्री नरेन्‍द्र मोदी जी की दूरदर्शिता और करूणाशीलता भरे नेतृत्‍व को सराहा जाना चाहिए, जिन्‍होने इन सेवाओं को लागू करने और समाज में सुदृढ तरीके से चलाने के लिए कोई कमी व कसर नहीं छोड़ी। स्‍वस्‍थ गुजरात को प्राप्‍त करने के साथ – साथ श्री मोदी जी के सपने का मुख्‍य पहलू है कि गुजरात की गरीब जनता को सभी स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं का पूरा लाभ मिले। उन्‍होने समय – समय पर राज्‍य की गरीब जनता को आश्‍वासन दिया है कि उनकी गम्‍भीर बीमारियों में भी राज्‍य की स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाएं उन्‍हे प्रदान की जाएंगी और गुजरात सरकार हमेशा उनका साथ देगी। स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाओं के बारे में श्री मोदी ने बिल्‍कुल उचित ही कहा है कि जब कोई अमीर व्‍यक्ति बीमार पड़ता है तो उसके घर के बाहर डॉक्‍टरों की लाइन लग जाती है लेकिन वहीं कोई गरीब व्‍यक्ति बीमार पड़ता है तो मामला अलग हो जाता है। इसी कारण, राज्‍य सरकार का यह वादा है कि गुजरात की गरीब से गरीब जनता को उच्‍च गुणवत्‍ता की स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाएं प्रदान की जाएगी और उन्‍हे गुजरात की विकास यात्रा में योगदान देने का अवसर प्रदान किया जाएगा।

गुजरात सरकार ने हेल्‍थ सेक्‍टर ( स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र ) में नई अवधारणा यानि कॉन्‍सेप्‍ट को लागू किया है जिनमें नए – नए, तेजी से प्रतिक्रिया देने वाले और लाभकारी प्रयोग शामिल हैं। इस तरह, गुजरात को न केवल कई बीमारियों से लड़ पाने की शक्ति मिलती है बल्कि राज्‍य से कई बीमारियों को जड़ से समाप्‍त करने का तरीका भी मिल गया है। यहां, हम गुजरात सरकार द्वारा स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र में की गई कुछ खास पहल के बारे में बताएंगें।

मुख्‍यमंत्री अमृतम योजना ( मु. अ. योजना ) - जीवन बचाओ, मुस्‍कान लाओ

सरकार द्वारा शुरू की गई मुख्‍यमंत्री अमृतम योजना को मु. अ. योजना भी कहा जाता है। यह योजना विशेष रूप से गुजरात के उन परिवारों के लिए है जो गरीबी रेखा के नीचे ( बीपीएल ) गुजर – बसर कर रहे हैं। यह योजना राज्‍य के सभी जिलों में लागू की गई है। इस योजना के तहत, 2 लाख रूपए से ऊपर होने वाले अस्‍पतालों और सर्जरी के खर्चे को सरकार द्वारा निपटाया जाएगा। इसके अलावा, इस योजना में परिवहन भत्‍ता का प्रावधान भी लागू है।

राज्‍य स्‍वास्‍थ्‍य विभाग द्वारा गुजरात के कुछ प्राइवेट अस्‍पतालों का चयन किया गया है जो यह सुविधा प्रदान करेंगे और अभी तक 47 अस्‍पतालों को इस योजना के अंर्तगत शामिल भी किया जा चुका है, आगे भी अन्‍य अस्‍पतालों के साथ इस योजना को लागू करने की कोशिश चल रही है। इस समय, जब देश के अन्‍य हिस्‍से पब्लिक प्राईवेट पार्टनरशिप मॉडल को लागू करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, यह प्रंशसनीय है कि गुजरात ने बेहद अच्‍छे तरीके से पब्लिक प्राईवेट पार्टनरशिप मॉडल को कई क्षेत्रों में अपनाया और लागू किया है, जिससे लोगों के जीवन में सकारात्‍मक बदलाव आया है।

आधुनिक तकनीकी में दृढ़ता से विश्‍वास रखने वाले श्री नरेन्‍द्र मोदी ने बेहद आश्‍चर्यजनक तरीके से शासन के हर क्षेत्र में टेक्‍नोलॉजी का सही ढंग से उपयोग किया है। मुख्‍यमंत्री अमृतम योजना के अर्न्‍तगत, हर बीपीएल परिवार के पास एक प्‍लास्टिक कार्ड होगा जिसमें बार कोड बने होगे, जो कि स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए दिए जाएंगे। इस योजना का लाभ, योजना को लागू किए जाने से पहले हुई बीमारी में भी उठाया जा सकता है।

108 एम्‍बुलेंस सेवा - शीघ्र स्‍वास्‍थ्‍यसेवा, आपके द्वार

बीमारी कभी दस्‍तक देकर नहीं आती। शरीर में कभी भी कोई भी दिक्‍कत आ सकती है, ऐसे में सही समय पर उपचार मिलना और ज्‍़यादा अच्‍छे से अच्‍छे ट्रीटमेंट का मिलना बेहद जरूरी होता है। पहले एम्‍बुलेंस को बुलाना एक कठिन काम होता था। कई बार, आपकी कॉल का जवाब नहीं दिया जाता था, अगर कॉल रिसीव हो गई तो बस नहीं होती थी, बस मिल जाती थी तो ड्राइवर नहीं मिलता था और ऐसी हजार समस्‍याएं सामने आ जाती थी, जिनमें आम जनता को जूझना पड़ता था।

इस तरह के मुद्दे श्री मोदी के शासनकाल में इतिहास बन चुके हैं। गुजरात में 108 एम्‍बुलेंस सेवा को शुरू किया गया है जिसके अंर्तगत स्‍वास्‍थ्‍य खराब होने या अचानक तबियत बिगड़ जाने की स्थिति में 108 नम्‍बर डॉयल करके तुरंत एम्‍बुलेंस को बुलाया जा सकता है, यह एम्‍बुलेंस आपके दरवाजे पर आ जाएगी।

गुजरात में 108 एम्‍बुलेंस सेवा की शुरूआत सबसे पहले की गई है। यहां के कई हजार लोगों ने श्री मोदी द्वारा इस राष्ट्रीय योजना को कुशलतापूर्वक चलाए जाने पर अपने विचार व्यक्त किए हैं कि कैसे इस 108 एम्बुलेंस सेवा के कारण उनके परिवारजनों और प्रियजनों की जान बच पाई।

श्री मोदी ने इस सेवा के बारे में बतलाया कि गुजरात के आदिवासी इलाकों में इस सेवा का सबसे ज्‍यादा प्रभाव पड़ा है। पिछले कई साल पहले ऐसी सेवा के अभाव में सांप के काटने से आदिवासी भाई – बहनों को अपनी कीमती जान चुकानी पड़ती थी, क्‍योंकि उनका सही समय पर उपचार नहीं हो पाता था, लेकिन आज इस सेवा के चलते आदिवासियों को बहुत आराम है। यहां तक कि, गुजरात की इस 108 एम्‍बुलेंस सेवा का लाभ पडोसी राज्‍य महाराष्‍ट्र से जुड़े बॉर्डर क्षेत्र के रोगी भी उठा सकते हैं।

इसके अलावा, 108 एम्‍बुलेंस सेवा के कारण अब तक 32,000 प्रसव भी करवाएं जा चुके हैं जिनमें मां और शिशु दोनों को ही बचा लिया गया।

108 एम्‍बुलेंस सेवा के बारे में श्री मोदी ने सच्‍चाई बताते हुए कहा कि – जब कोई 108 नम्‍बर डॉयल करता है या करती है तो उससे यह नहीं पूछा जाता कि वह हिंदू है या मुसलमान, अमीर है या गरीब, शहरी है या गांव वाला, ऊंची जाति का है या निचली जाति का। यह राज्‍य के बेहतरीन स्‍वास्‍थ्‍य के लिए प्रयास है जो हर किसी के लिए समान है।

चिरंजीवी योजना

वर्तमान समय में भारत की सबसे दुर्भाग्‍यपूर्ण वास्‍तविकता यह है कि प्रसव के दौरान भारी संख्‍या में महिलाओं की मृत्‍यु हो जाती है। पर्याप्‍त स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाओं के अभाव के कारण, गुजरात को भी पिछले एक दशक पूर्व मातृ – मृत्‍यु दर ( MMR  ) और शिशु मृत्‍यु दर ( IMR ) से जुड़ी समस्‍याओं का सामना करना पड़ा था।

जब श्री नरेन्‍द्र मोदी ने राज्‍य में पद ग्रहण किया तो उन्‍होने इसे बदलने की ठान ली। परिवर्तन लाने के इस संकल्‍प के साथ, 2005 – 2006 में चिरंजीवी योजना को लागू किया गया। इस योजना को पब्लिक प्राईवेट पार्टनरशिप मॉडल का उपयोग करते हुए मातृ – मृत्‍यु दर और शिशु मृत्‍यु दर, दोनो ही प्रकार की समस्‍याओं से निपटने के लिए शुरू कर दिया गया।

वर्तमान में गुजरात की बीपीएल महिलाओं को भी प्राईवट गॉयनोकोलॉजिस्‍ट यानि स्‍त्रीरोग विशेषज्ञ द्वारा प्रसव सुविधा प्रदान की जाती है। इस योजना का सबसे उल्‍लेखनीय पहलू यह है कि यह एक कैश लेस स्‍कीम है यानि आपको नकद पैसे जमा नहीं करवाने पड़ते हैं, इस योजना में लाभार्थी को सारा भुगतान नहीं करना पड़ता है। 2012 से पहले 700 प्राईवेट स्‍पेशलिस्‍ट के द्वारा 680,000 महिलाओं का प्रसव किया जा चुका है। इसके अलावा, यह योजना 108 एम्‍बुलेंस योजना से भी जुड़ी हुई है जिसने चिकित्‍सा को परिवहन के माध्‍यम से बेहद आसान बना दिया है और जच्‍चा व बच्‍चा की जान भी सुरक्षित हो जाती है।

गुजरात की चिरंजीवी योजना, अन्य राज्यों के लिए विचार करने वाली योजना है जहां मातृ – मृत्‍यु दरें और शिशु मृत्‍यु दरें काफी बढ़ी हुई हैं। स्वतंत्र एजेंसियां और कई सरकारी निकायों ( गर्वमेंट बॉडी ) जैसे – भारतीय प्रबंध सस्‍ंथान ( IIM ) अहमदाबाद, यूएनपीएफए ( UNPFA )  और भारत सरकार ने इस योजना का मूल्यांकन किया और इसकी सराहना की। चिरंजीवी योजना ने कई ढ़ेर सारे पुरस्कार जीते हैं जिनमें लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार और सिंगापुर आर्थिक विकास बोर्ड ( सिंगापुर ईकोनॉमिक डेवलेपमेंट बोर्ड ) द्वारा दिया जाने वाला एशियन इनोवेशन अवॉर्ड और वॉल स्ट्रीट जर्नल अवॉर्ड भी शामिल है।

ई - ममता : जीवन को बचाने में टेक्‍नोलॉजी का एक और उपयोग 

इस नई योजना को टेक्‍नोलॉजी के साथ नए प्रयोग के रूप में गुजरात में लागू किया गया। गुजरात में बढ़ रही मातृ – मृत्‍यु दरों और शिशु मृत्‍यु दरों को गिराने के लिए गुजरात सरकार ने एक और नई योजना को लागू किया जिसे ई – ममता के नाम से जाना जाता है। इस योजना को 2010 में लागू किया गया। ई – ममता नाम, मां और शिशु के ट्रैकिंग इंर्फोमेशन मैनेजमेंट सिस्‍टम पर रखा गया है और इस योजना का मुख्‍य उद्देश्‍य प्रत्‍येक गर्भवती महिला का रजिस्‍ट्रेशन, प्रत्‍येक बच्‍चे की पैदा होने की सारी जानकारी और सेवा का ब्‍यौरा जैसे – पूर्व प्रसव देखभाल ( एएनसी ), प्रसव और प्रसव के बाद की देखभाल ( पीएनसी ) आदि को रखना है।

अभी तक गुजरात में लाखों परिवारों ने ई – ममता में रजिस्‍ट्रेशन करवाया है और योजना शुरू किए जाने से वर्तमान तक शिशु मृत्‍यु दर में चार अंको की गिरावट आई है जो कि राज्‍य में काफी महत्‍वपूर्ण परिवर्तन है।

WHO ने गुजरात के नकली दवाओं के अंकुश लगाने के प्रयास को सराहा

गुजरात का नकली दवाओं पर प्रतिबंध लगाने का संकल्‍प, जिसकी सराहना  WHO   द्वारा की गई बीमारी के इलाज के नाम पर, बाजार में बहुत सारी नकली दवाईयां धडल्‍ले से बिक रही हैं। यह कुछ नहीं है लेकिन निर्दोष लोगों को अपने जीवन से हाथ धोना पड़ता है, यह दवाईयां उनके जीवन से खिलवाड़ करती हैं, इसलिए ऐसी दवाईयों पर जल्‍द से जल्‍द प्रतिबंध लगाना होगा।

गुजरात ने इस संदर्भ में जो भी प्रयास किए, वह काबिलेतारीफ हैं। यहां तक कि, विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन  WHO   ने भी गुजरात के इस प्रयास की प्रशंसा की है कि कैसे वह एसएमएस अलर्ट के द्वारा नकली दवाईयों को ट्रैक कर लेते हैं। नकली दवाईयों की धरपकड़ करने वाली इस खास प्रणाली में WHO   ने उत्‍सुकता दिखाई है। राज्‍य के खाद्य एवं औषधि नियंत्रण विभाग ( फूड एंड ड्रग्‍स कंट्रोल एडमिनिस्‍ट्रेशन ) ने एसएमएस अलर्ट सुविधा चलाई है, जिसके अंर्तगत स्‍टॉकहोल्‍डर्स, नकली दवाईयों के बारे में जान सकते हैं और अधिसूचित कर सकते हैं।

पोलियो मुक्‍त गुजरात

राज्‍य सरकार के सक्रिय दृष्टिकोण के कारण, गुजरात में पिछले छ: सालों से पोलियो का एक भी मामला सामने नहीं आया है। शासन में आने के बाद, श्री मोदी ने हर साल पोलियो प्रतिरक्षण ड्राइव में हिस्‍सा लिया है और लोगों से देश की इस बुराई को जड़ से समाप्‍त करने के लिए कंधे से कंधा मिलाकर चलने का आह्वान किया है। इस साल, गुजरात में ड्राइव को सफल बनाने की दिशा में 30,000 बूथ और 1.25 लाख से अधिक अधिकारियों को कार्य पर लगाया गया था।

सितम्‍बर 2012 में श्री मोदी ने मुख्‍यमंत्री अमृतम योजना के अलावा दो अन्‍य योजनाओं को भी लागू किया है। यह, गुजरात चिकित्‍सा सेवा निगम और खिलखिलाहट योजना है जो कि प्रसव के बाद घर आने वाले मां और बच्‍चे के लिए बनाई गई हैं।

इन्‍ही कई योजनाओं के द्वारा गुजरात सरकार, राज्‍य की जनता के  स्‍वास्‍थ्‍य के लिए सक्रिय है, श्री नरेन्‍द्र मोदी के उत्‍कृष्‍ट कार्यो के कारण गुजरात हर दिन नई ऊंचाईयों को छू रहा है और भविष्‍य में एक स्‍वस्‍थ गुजरात का निर्माण करने के लिए अग्रसर है।

References Cited:

https://www.narendramodi.in/cm-launches-polio-immunization-drive/

https://www.narendramodi.in/mukhyamantri-amrutam-ma/

https://www.narendramodi.in/i-assure-the-poor-even-in-their-worst-illness-the-government-is-with-them-cm-at-launch-of-health-schemes/

https://www.narendramodi.in/who-shows-keenness-in-gujs-system-of-tracking-fake-medicines-yet-another-instance-of-integrating-technology-with-governance-draws-praise/

For more updates on the State Government’s health care initiatives- https://www.narendramodi.in/tag/health/

Explore More
140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी
When PM Modi Fulfilled A Special Request From 101-Year-Old IFS Officer’s Kin In Kuwait

Media Coverage

When PM Modi Fulfilled A Special Request From 101-Year-Old IFS Officer’s Kin In Kuwait
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
प्रधानमंत्री रोजगार मेले के अंर्तगत 23 दिसंबर को केंद्र सरकार के विभागों और संगठनों में नवनियुक्त भर्तियों के लिए 71,000 से अधिक नियुक्ति पत्रों का वितरण करेंगे
December 22, 2024

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 23 दिसंबर को सुबह करीब 10:30 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से नवनियुक्त भर्तियों के लिए 71,000 से अधिक नियुक्ति पत्रों का वितरण करेंगे। इस अवसर पर वे उपस्थित लोगों को संबोधित भी करेंगे।

रोजगार मेला रोजगार सृजन को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता को पूरा करने की दिशा में एक कदम है। यह युवाओं को राष्ट्र निर्माण और आत्म-सशक्तिकरण में उनकी भागीदारी के लिए सार्थक अवसर प्रदान करेगा।

रोजगार मेला देश भर में 45 स्थलों पर आयोजित किया जाएगा। केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के लिए भर्तियां हो रही हैं। देश भर से चयनित नए कर्मचारी गृह मंत्रालय, डाक विभाग, उच्च शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, वित्तीय सेवा विभाग सहित विभिन्न मंत्रालयों/विभागों में शामिल होंगे।