महानुभावों,
देवियों और सज्जनों,
मीडिया से जुड़े दोस्तों,
हमने अभी-अभी आठवें (8वें) ब्रिक्स सम्मेलन का समापन किया है।
गोवा के खूबसूरत राज्य में राष्ट्रपति शी, राष्ट्रपति जुमा, राष्ट्रपति टेमर और राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत करना सम्मान और सौभाग्य की बात है।
आज तीन सत्रों में हमारी बातचीत विस्तृत, ठोस और सार्थक रही।
सुबह में हमने आतंकवाद, वैश्विक आर्थिक परिदृश्य और वैश्विक शासन ढांचे में सुधार की जरूरत सहित महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श किया।
हमने इस अवसर का उपयोग हमारे बीच जारी ब्रिक्स सहयोग की समीक्षा करने में भी किया।
समापन सत्र के दौरान हमने भविष्य में ब्रिक्स के विस्तार की संभावनाओं और विचारों पर ध्यान केंद्रित किया।
बातचीत काफी उपयोगी और आगे की राह प्रशस्त करने वाली रही। और, चूंकि यह ब्रिक्स का एक दशक पूरा होने का वर्ष है, इसलिए यह समय खास है। ब्रिक्स व्यापार परिषद के साथ हमारा एक सत्र अभी-अभी पूरा हुआ है।
हमने न्यू डेवलपमेंट बैंक के अध्यक्ष की बात उन सार्थक कार्यों पर भी सुनी जिन्हें एनडीबी ने अपने पहले साल के दौरान शुरू किया है।
मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हमने गोवा घोषणा पत्र को स्वीकार कर लिया है जो ब्रिक्स के भीतर और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर हमारे सहयोग एवं समन्वय के लिए वृहत दृष्टि पैदा करेगा।
देवियों और सज्जनों,
अब हम उन मुद्दों पर बात करते हैं जिन पर शिखर सम्मेलन के दौरान ब्रिक्स नेताओं में काफी ध्यान दिया।
हमने एकमत से माना कि आतंकवाद, उग्रवाद और कट्टरता न केवल क्षेत्रीय एवं वैश्विक शांति, स्थिरता और आर्थिक समृद्धि के लिए बल्कि हमारे समाज, जीवन शैली और पूरी मानवता के लिए खतरा है।
हम इस इस बात पर भी एकमत थे कि ब्रिक्स को साथ मिलकर काम करने और इस खतरे से निपटने के लिए निर्णायक कार्रवाई करने की जरूरत है।
हमने आतंकवादियों के वित्तपोषण के स्रोतों और हथियारों की आपूर्ति, गोला-बारूद, उपकरण एवं प्रशिक्षण सहित आतंकवाद के हार्डवेयर पर नजर रखने के लिए करीबी समन्वय की आवश्यकता को रेखांकित किया।
हमने यह भी सहमति जताई कि जो लोग हिंसा एवं आतंक की इन ताकतों का पालन-पोषण करते हैं और उन्हें आवास एवं समर्थन देते हुए प्रायोजित करते हैं, वे हमारे लिए आतंकवादियों के मुकाबले कहीं अधिक खतरनाक हैं।
भारत इस गंभीर वैश्विक चुनौती पर विचारों और उद्देश्यों में एकजुटता को देखकर खुश है।
वैश्विक अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर लाना हमारे विचार-विमर्श का एक अन्य महत्वपूर्ण मुद्दा था।
हमने 2008 के वित्तीय संकट के बाद वैश्विक आर्थिक वृद्धि में ब्रिक्स देशों के सकारात्मक योगदान को स्वीकार किया। हमने महसूस किया कि अर्थव्यवस्थाओं के लिए दीर्घावधि परियोजनाओं में सार्वजनिक निवेश, वृहत आर्थिक नीति में समन्वय, वृद्धि और विश्व व्यापार एवं विनिर्माण को नए उत्साह के साथ बढ़ावा देने की आवश्यकता है।
हमने बहुपक्षीय व्यापार ढांचे की अधारशिला के रूप में डब्ल्यूटीओ की केंद्रीय भूमिका पर बल दिया। हमने आर्थिक विकास और पर्यावरण सुरक्षा के बीच संतुलन स्थापित करने की आवश्यकता को स्वीकार किया। हम पेरिस जलवायु समझौते को जल्द से जल्द लागू करने का स्वागत करते हैं।
भारत इसी साल 2 अक्टूबर को इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण पर्यावरणविद् महात्मा गांधी की जयंती पर इस समझौते को लागू करते हुए गौरवान्वित था।
ब्रिक्स के नेता के रूप में हमने अपने विकास एजेंडे को प्रभावी तरीके से आगे बढ़ाने के लिए ब्रिक्स के भीतर संस्था निर्माण पर ध्यान केंद्रित करने पर सहमति जताई।
न्यू डेवलपमेंट बैंक का पहला साल पूरा होने पर हमने उसकी सराहना की। हमने सहमति जताई कि एनडीबी को बुनियादी ढांचा, प्रौद्योगिकी और अक्षय ऊर्जा क्षेत्रों पर लगातार ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
ब्रिक्स कृषि अनुसंधान मंच, ब्रिक्स रेलवे अनुसंधान नेटवर्क, ब्रिक्स खेल परिषद और युवाओं पर केंद्रित विभिन्न मंचों की स्थापना के लिए हम एकमत थे।
हमने वैश्विक वित्तीय एवं अर्थिक ढांचे में सुधार और अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष में उभरती एवं विकासशील अर्थव्यवस्थाओं की भूमिका में विस्तार को बढ़ावा देने के अपने संकल्प पर एक सुर में बात की।
वैश्विक वित्तीय ढांचे की खाइयों को पाटने के क्रम में हमने जल्द से जल्द ब्रिक्स रेटिंग एजेंसी स्थापित करने पर सहमति जताई। साथ ही हमने जी20 के भीतर अपना सामंजस्य बढ़ाने के लिए भी सहमत हुए।
ब्रिक्स देशों के लोगों के बीच आपसी संपर्क को बढ़ावा देने पर भी हमने जोर दिया। इसके लिए हम पूरे साल 100 से अधिक गतिविधियों का आयोजन कर रहे हैं और अपने देशों के बीच ब्रिक्स को विभिन्न जगहों और लोगों के बीच ले जाने की पहल कर रहे हैं।
हम लोगों के बीच संपर्क को एक सतत प्रयास के रूप में बढ़ावा देने के लिए भी सहमत हुए। ब्रिक्स ने शांति और सुरक्षा मामलों में भी आपसी सहयोग और परामर्श को मजबूत करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई।
देवियों और सज्जनों,
बिम्सटेक देशों के लिए आगे निकलना भी गोवा शिखर सम्मेलन का एक प्रमुख आकर्षण होगा।
बांग्लादेश, भूटान, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका और थाइलैंड के राष्ट्राध्यक्ष सरकार के प्रमुख और नेता बिम्सटेक के गठन के लिए भारत में एकत्रित हुए और वे 8वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में विशेष अतिथि के तौर पर गोवा में मौजूद हैं ।
पहला ब्रिक्स-बिम्सटेक आउटरीज शिखर सम्मेलन आज ही होना है।
यह करीबी साझेदारी और सहयोग की संभावनाओं पर बातचीत के लिहाज से ब्रिक्स और बिम्सटेक नेताओं के लिए एक अनोखा अवसर होगा।
करीब दो तिहाई मानवता के आवास के रूप में ब्रिक्स और बिम्सटेक में हमारे सभी लोगों के लिए लाभ और सहयोग के जबरदस्त अवसर खोलने की क्षमता मौजूद है।
अंत में, मैं ब्रिक्स देशों के अपने साथी नेताओं को 8वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की सफलता सुनिश्चित करने में उनके समर्थन के लिए धन्यवाद देता हूं।
धन्यवाद,
बहुत-बहुत धन्यवाद।
We have just concluded the eighth BRICS Summit. Honour to welcome the BRICS leaders to the beautiful state of Goa: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) October 16, 2016
Our discussions that spread over three sessions today were detailed substantive and productive: PM @narendramodi at @BRICS2016
— PMO India (@PMOIndia) October 16, 2016
Happy to share that we have adopted the Goa Declaration that lays down a comprehensive vision for our cooperation: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) October 16, 2016
Unanimous in recognizing threat that terror, extremism & radicalization present to regional & global peace, stability & econ prosperity: PM
— PMO India (@PMOIndia) October 16, 2016
We recognized the positive contribution of BRICS countries to global economic growth after the 2008 financial crisis: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) October 16, 2016
We agreed to focus on institution building within the BRICS as an effective way to pursue our development agenda: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) October 16, 2016
The vitality of people-to-people contacts among the BRICS countries has been a point of emphasis for us: PM @narendramodi at @BRICS2016
— PMO India (@PMOIndia) October 16, 2016
A highlight of the Goa Summit will be the outreach to the BIMSTEC countries: PM @narendramodi at @BRICS2016
— PMO India (@PMOIndia) October 16, 2016