प्रधानमंत्री सर अनिरूद्ध जगन्नाथ मीडिया कर्मियों,
मैं गर्मजोशी से किये गये अपने स्वागत और असाधारण मेजबानी के लिए आपका हृदय से धन्यवाद करता हूं।
मैं मॉरीशस की जनता और आपका आभारी हूं, क्योंकि आपने मुझे कल आयोजित होने वाले राष्ट्रीय दिवस में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया।
यह भारत की सवा करोड़ जनता के लिए एक सम्मान है। वे संबंधों की कद्र करते हैं। यह संबंध हमारे हृदय की गहराइयों से विकसित हुए हैं।
हम एक दूसरे के समर्थन और एकजुटता के लिए सदा तैयार रहते हैं। यह भावना हमारी मैत्री, साझा मूल्यों और समान क्षेत्रीय और वैश्विक हितों से स्वत: विकसित होती है।
हम आर्थिक प्रगति में भागीदार हैं।
हमने अतुलनीय शक्ति और स्वरूप के संबंध बनाए हैं।
मेरी और यहां के प्रधानमंत्री के बीच मुलाकात सचमुच शानदार रही। आज के निष्कर्ष और फैसले वाकई महत्वपूर्ण हैं।
हमने सुरक्षित और संरक्षित हिंद महासागर और स्थिर और समृद्ध हिंद महासागर क्षेत्र में अपने साझा हितों पर चर्चा की। इस क्षेत्र में मॉरीशस की अग्रणी भूमिका की कद्र करते हैं।
आज मुझे मॉरीशस की असैन्य बुनियादी परियोजनाओं के लिए 500 मिलियन अमरीकी डॉलर के रियायती ऋण की पेशकश करते हुए प्रसन्नता हो रही है।
हम मॉरीशस में पेट्रोलियम भंडारण और भूमिगत भंडारण सुविधा का तेजी से निर्माण करने के भी इच्छुक हैं। इससे न केवल मॉरीशस को फायदा होगा, अपितु क्षेत्रीय बड़े केन्द्र के रूप में इसकी भूमिका भी बढ़ेगी।
भारत ने एक दशक पहले मॉरीशस को पहले साइबर सिटी के निर्माण में सहायता दी थी। इसकी उल्लेखनीय सफलता से मॉरिशस में अर्थव्यवस्था के विविधिकरण से जुड़ी सामरिक दूरदृष्टि परिलक्षित होती है। हमने आज दूसरे साइबर सिटी के निर्माण के लिए सहायता का प्रस्ताव किया है।
अगालेगा द्वीप के विकास के लिए किया गया आज का समझौता बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में हमारे सहयोग में एक बड़ा कदम है। इससे हमारे आपसी विश्वास की गहराई का पता चलता है।
मॉरीशस ने अपनी सामुद्रिक अर्थव्यवस्था के विकास में बड़ी सोच का प्रदर्शन किया है। सामुद्रिक अर्थव्वस्था में सहयोग के बारे में हमारा समझौता हमारी वैज्ञानिक और आर्थिक भागीदारी में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे सामुद्रिक पारिस्थितिकी की हमारी समझ-बूझ में सुधार होगा।
इससे सामुद्रिक अर्थव्यवस्था के नये क्षेत्रों के विकास में हमें मदद मिलेगी और साथ ही हम अपनी सामुद्रिक परिसंपत्तियों के इस्तेमाल में स्थायी प्रक्रियाओं का पालन कर सकेंगे।
पिछले कुछ वर्षों में हमने दोहरा कर वंचन संधि में संशोधन पर चर्चा की है। यह संधि के दुरूपयोग को रोकने के साझा उद्देश्य पर आधारित है और इसके साथ-साथ मॉरीशस को इस व्यवस्था से पूरा फायदा मिल सकेगा। हमने इस चर्चा को जारी रखने पर सहमति व्यक्त की है।
मैंने यहां के प्रधानमंत्री को भरोसा दिलाया है कि हम विश्व में अपनी सबसे मजबूत सामरिक भागीदारी में कोई ऐसा कदम नहीं उठएंगे, जिससे इस क्षेत्र को कोई नुकसान हो।
मैंने कर के अदान-प्रदान की सूचना के लिए मॉरीशस द्वारा सहयोग और सहायता देने की पेशकश की भी सराहना की है।
हमें व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते पर अपनी चर्चा फिर शुरू करनी चाहिए।
मॉरीशस के प्रधानमंत्री और मैं यह समझते हैं कि हमारा सुरक्षा सहयोग हमारी सामरिक भागीदारी की बुनियाद होगा।
यह एक-दूसरे के प्रति हमारी जिम्मेदारी के कारण नहीं अपितु सामुद्रिक पड़ोस के लिए हमारी साझा सोच के कारण है।
मैं मॉरीशस की व्यापक विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र की सुरक्षा के लिए उसके प्रयासों में सहयोग की भारत की वचनबद्धता दोहराता हूं।
मॉरीशस में उसकी सुरक्षा सक्षमताओं के विकास के लिए पसंदीदा भागीदार होने का हमें गर्व है। हम कल मॉरीशस के तटरक्षक बल में बाराकूड़ा को चालू करेंगे।
मैंने मॉरीशस के प्रधानमंत्री को उनके देश द्वारा अन्य जहाजों और उपकरण उपलब्ध कराने समेत सभी क्षेत्रों में समय पर सहायता करने का आश्वासन दिया है।
हम इस बात पर सहमत हुए हैं कि विस्तृत क्षेत्रीय सहयोग से हमारे सामुद्रिक क्षेत्र में शांति और समृद्धि बढ़ेगी।
मैं इस संदर्भ में हिंद महासागर रिम एसोसिएशन और इसके सचिवालय के लिए स्थान देने में मॉरीशस की अनूकूल भूमिका के लिए यहां के प्रधानमंत्री को धन्यवाद देता हूं।
मैं अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर मॉरीशस द्वारा दिए गए समर्थन के लिए आभारी हूं। इससे साझा हितों के मुद्दों पर भारत को विचार रखने में बल मिलता है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा थोड़े समय में ही बड़े समर्थन के साथ 21 जून, को अंतर्राष्ट्रीय योगा दिवस के रूप में मनाए जाने की मंजूरी देना, हमारी साझा विरासत के प्रति सम्मान है।
जलवायु परिवर्तन पर हमारे समान और प्रभावी विचार हैं। दोनों देश इस पर सशक्त राष्ट्रीय कार्रवाई करने के प्रति वचनबद्ध हैं। इन चुनौतियों के समाधान के लिए हम अपने आपसी सहयोग और वैश्विक भागीदारी को मजबूत बनाएंगे।
जनता के जनता के साथ संपर्क हमारे संबंधों का मूलाधार हैं।
हम सर्वोच्च स्तर की प्राथमिकता पर इसे समृद्ध बनाना जारी रखेंगे। हमने मॉरीशस के लिए इलेक्ट्रोनिक यात्रा प्राधिकृति शुल्क माफ करने का फैसला किया है।
हमने एक बहु विषयक युवा मंच शुरू करने का भी फैसला किया है। इससे दोनों देशों के युवाओं को और अधिक जोड़ा जाएगा और यह भविष्य में सशक्त भागीदारी का बीजारोपण करेगा।
मैं बहुत परिणामजनक और तथ्यपूर्ण बैठक के लिए प्रधानमंत्री सर जगन्नाथ और उनके दल के प्रति सचमुच आभार व्यक्त करता हूं।
मैं राष्ट्रीय दिवस समारोह को लेकर उत्साहित हूं। इसके अलावा राष्ट्रीय असेम्बली को संबोधित करने के गौरव और कल के लिए निर्धारित अन्य विशेष आयोजनों को लेकर भी उत्साहित हूं।
मेरे लिए ये सब हमारे संबंधों की समृद्धि के ध्योतक हैं।
मैं पुन: मॉरीशस के प्रधानमंत्री का धन्यवाद करता हूं।
वैश्विक अनिश्चितता के बीच, एक बात निश्चित है - भारत की रैपिड ग्रोथ: 'एडवांटेज असम समिट' में पीएम मोदी
February 25, 2025
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असम का गतिशील कार्यबल और तीव्र विकास इसे एक प्रमुख निवेश गंतव्य में परिवर्तित कर रहा है: प्रधानमंत्री
वैश्विक अनिश्चितता के बावजूद, भारत का तीव्र विकास निश्चित है: प्रधानमंत्री
हमने उद्योग को बढ़ावा देने के लिए एक पूर्ण पारिस्थितिकी व्यंवस्थात, एक नवाचार-संचालित संस्कृति और कारोबार में सुगमता का वातावरण तैयार किया है: प्रधानमंत्री
भारत अपने विनिर्माण क्षेत्र को मिशन मोड में संचालित कर रहा है, हम मेक इन इंडिया के अंतर्गत कम लागत वाले विनिर्माण को बढ़ावा दे रहे हैं: प्रधानमंत्री
वैश्विक प्रगति डिजिटल क्रांति, नवाचार और तकनीक-संचालित प्रगति पर निर्भर करती है: प्रधानमंत्री
असम, भारत में सेमीकंडक्टर विनिर्माण का एक महत्वपूर्ण केंद्र बन रहा है: प्रधानमंत्री
दुनिया भारत के रिन्यूएबल एनर्जी मिशन की सराहना करती है। पिछले 10 वर्षों में, भारत ने पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिए हैं: पीएम मोदी
असम के गवर्नर श्री लक्ष्मण प्रसाद आचार्य जी, ऊर्जावान मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा जी, इंडस्ट्री लीडर्स, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों!
पूर्वी भारत और नॉर्थ ईस्ट की भूमि आज एक नए भविष्य की शुरुआत करने जा रही है। Advantage Assam, पूरी दुनिया को असम के Potential और Progress से जोड़ने का एक महा अभियान है। इतिहास गवाह है कि पहले भी भारत की इस prosperity में Eastern India का बहुत बड़ा रोल हुआ करता था। आज जब भारत विकसित होने की तरफ बढ़ रहा है तो एक बार फिर Eastern India, हमारा ये north east अपना सामर्थ्य दिखाने जा रहा है। Advantage Assam को मैं इसी स्पिरिट के रिफ्लेक्शन के रूप में देख रहा हूं। मैं असम सरकार को, हिमंता जी की पूरी टीम को इस भव्य आयोजन के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं। मुझे याद है 2013 में, मैं चुनाव अभियान के लिए असम का दौरा कर रहा था, तो एक सभा में ऐसे ही मेरे मन से एक शब्द निकला था और मैंने कहा था, वो दिन दूर नहीं जब लोग अल्फाबेट्स पढ़ना शुरू करेंगे, तो कहेंगे A for Assam.
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साथियों,
आज हम सभी वैश्विक परिस्थितियों को बहुत बारीकी से देख रहे हैं, समझ रहे हैं। ये Global uncertainty के बीच भी दुनिया के तमाम एक्सपर्ट्स, उनके भीतर एक बात को लेकर certainty है, और वो certainty है- भारत की तेज़ ग्रोथ को लेकर। भारत पर इस भरोसे का बहुत ठोस कारण है। आज का भारत, आने वाले 25 साल की, इस 21वीं शताब्दी के लॉन्ग टर्म विजन को ध्यान में रखते हुए एक के बाद एक कदम उठा रहा है, व्यापक स्तर पर काम कर रहा है। आज दुनिया का भरोसा भारत की युवा आबादी पर है, जो बहुत तेजी से स्किल्ड हो रही है, इनोवेट कर रही है। आज दुनिया का भरोसा, भारत के उस नियो मिडिल क्लास पर है, जो गरीबी से निकल कर, नई Aspiration के साथ आगे बढ़ रहा है। आज दुनिया का भरोसा भारत की उस 140 करोड़ जनता पर है, जो political stability और policy continuity को सपोर्ट कर रही है, आज दुनिया का भरोसा, भारत की उस गवर्नेंस पर है, जो लगातार रिफॉर्म्स कर रही है। आज भारत, अपनी लोकल सप्लाई चेन को मज़बूत कर रहा है, आज भारत दुनिया के अलग-अलग रीजन्स के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट्स कर रहा है। ईस्ट एशिया के साथ हमारी कनेक्टिविटी लगातार सशक्त हो रही है। और नया बन रहा इंडिया-मिड़िल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर भी अनेक नई संभावनाएं लेकर आ रहा है।
साथियों,
भारत पर मजबूत होते ग्लोबल ट्रस्ट के बीच आज हम सभी यहां असम में जुटे हैं, मां कामाख्या की धरती पर जुटे हैं। भारत की ग्रोथ में, असम का कंट्रीब्यूशन लगातार बढ़ता जा रहा है। 2018 में Advantage Assam Summit का पहला एडिशन आयोजित हुआ था। तब असम की इकोनॉमी पौने तीन लाख करोड़ रुपए की थी। आज असम करीब 6 लाख करोड़ रुपये की इकोनॉमी वाला राज्य बन गया है। यानि भाजपा सरकार में सिर्फ 6 सालों में, असम की इकोनॉमी की वैल्यू डबल हो गई है। ये डबल इंजन की सरकार का double effect है। असम में हुए ढेर सारे Investments ने, आप सभी ने, असम को Unlimited Possibilities का राज्य बना दिया है। असम सरकार यहां education, skill, अन्य कई प्रकार के development और साथ-साथ बेहतर investment environment पर फोकस कर रही है। बीते सालों में भाजपा सरकार ने यहां connectivity से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर पर बहुत काम किया है। मैं आपको एक उदाहरण देता हूं। साल 2014 से पहले ब्रह्मपुत्र नदी पर बस तीन पुल थे, यानि 70 सालों में सिर्फ 3 ब्रिज, लेकिन बीते 10 सालों में हमने 4 नए ब्रिज बनाए हैं। हमने इनमें से एक ब्रिज का नाम भारत रत्न भूपेन हजारिका जी के नाम पर रखा है। असम को 2009 से 2014 के बीच रेल बजट में औसतन 2100 करोड़ रुपये मिले थे। हमारी सरकार ने असम के रेलवे बजट को 4 गुना से ज्यादा बढ़ाकर 10 thousand crore रुपए तक पहुंचा दिया है। असम के 60 से ज्यादा रेलवे स्टेशंस को भी modernize किया जा रहा है। आज गुवाहाटी से न्यू जलपाईगुड़ी के बीच नॉर्थ ईस्ट की पहली सेमी हाई स्पीड ट्रेन चल रही है।
साथियों,
असम की एयर कनेक्टिविटी का तेज गति से विस्तार हो रहा है। 2014 तक यहां सिर्फ 7 रूट्स पर फ्लाइट्स ऑपरेट होती थीं, अब करीब-करीब 30 रूट्स पर फ्लाइट्स चलने लगी हैं। इससे लोकल इकोनॉमी को भी बहुत बड़ा Boost मिला है, यहां के युवाओं को रोजगार मिला है।
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साथियों,
ये परिवर्तन सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर तक सीमित नहीं है। लॉ एंड ऑर्डर में अभूतपूर्व सुधार हुआ है। बीते दशक में अनेक peace accords किए गए हैं। बॉर्डर से जुड़े long pending issues का समाधान किया गया है। आज असम का हर रीजन, हर नागरिक, हर युवा, यहां के विकास के लिए दिन-रात मेहनत कर रहा है।
साथियों,
आज भारत में, इकोनॉमी के हर सेक्टर में, हर लेवल पर बड़े Reforms हो रहे हैं। हमने Ease of Doing Business के लिए निरंतर काम किया है। हमने Industry और Innovation Culture को बढ़ावा देने का पूरा इकोसिस्टम तैयार किया है। Startups के लिए नीतियां हों, मैनुफैक्चरिंग के लिए PLI स्कीम्स हों, या मैनुफैक्चरिंग कंपनियों और MSMEs को टैक्स में छूट देना हो, हमने हर एक के लिए बेहतरीन Policies बनाई हैं। सरकार देश के इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी बहुत बड़ा Investment कर रही है। इंस्टिट्यूशनल रिफार्म, इंडस्ट्री, इंफ्रास्ट्रक्चर और इनोवेशन का यही कॉम्बिनेशन भारत की प्रगति का आधार है। और इसीलिए Investors भी देश के potential को, उनकी और देश की प्रगति की possibilities को बदलता हुआ देख रहे हैं। और इस प्रगति में असम भी, डबल इंजन की स्पीड से आगे बढ़ रहा है। असम ने 2030 तक अपनी इकोनॉमी को डेढ़ सौ बिलियन तक पहुंचाने का टारगेट सेट किया है। मुझे विश्वास है, असम इस लक्ष्य को जरूर हासिल कर सकता है। मेरे इस विश्वास का कारण, असम के सामर्थ्यवान और प्रतिभाशाली असम के लोग हैं, यहां की भाजपा सरकार का कमिटमेंट है। असम आज साउथ ईस्ट एशिया और भारत के बीच का गेटवे बनकर उभर रहा है। इस Potential को और आगे बढ़ाने के लिए सरकार ने नॉर्थ ईस्ट ट्रांसफॉर्मेटिव इंडस्ट्रियलाइजेशन स्कीम, यानी उन्नति शुरु की है। ये उन्नति स्कीम असम समेत पूरे नॉर्थ ईस्ट में इंडस्ट्री को, इन्वेस्टमेंट को, टूरिज्म को गति देगी। मैं इंडस्ट्री के आप सब साथियों से कहूंगा, इस स्कीम और असम के Unlimited Potential का पूरा लाभ उठाइए। असम की Natural Resources और Strategic Location, इस राज्य को Investment का Preferred Destination बनाती है। असम के सामर्थ्य का एक उदाहरण Assam Tea है। Assam Tea, अपने आप में एक ब्रांड है, जो दुनियाभर में चाय के शौकीनों के जीवन का हिस्सा बन चुकी है। Assam Tea को 200 साल पूरे हो चुके हैं। ये लीगेसी, असम को बाकी सेक्टर्स में भी आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है।
साथियों,
आज Global Economy में बहुत बड़ा बदलाव हो रहा है। पूरी दुनिया एक Resilient Supply Chain की मांग कर रही है। और इसी कालखंड में, भारत ने अपने मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को आगे बढ़ाने के लिए Mission Mode पर काम शुरू किया है। हम Make in India के तहत Low Cost Manufacturing को बढ़ावा दे रहे हैं। Pharmaceuticals, Electronics, Automobile, हमारी इंडस्ट्री ना सिर्फ domestic demands को पूरा कर रही हैं, बल्कि इंटरनेशनल मार्केट में भी Manufacturing Excellence के नए Bench-mark बना रही हैं। इस मैन्युफैक्चरिंग रिवॉल्यूशन में, असम बहुत बड़ी भूमिका निभा रहा है।
साथियों,
असम की ग्लोबल ट्रेड में हमेशा से एक हिस्सेदारी रही है। आज पूरे भारत के On-Shore Natural Gas Production का 50 परसेंट से ज्यादा शेयर, असम के पास है। बीते कुछ सालों में यहां की रिफाइनरीज की कैपिसिटी में बहुत बड़ी वृद्धि की गई है। इलेक्ट्रॉनिक्स, सेमीकंडक्टर्स और ग्रीन एनर्जी जैसे Emerging Sectors में भी असम तेज़ी से उभर रहा है। सरकार की पॉलिसीज़ के कारण, असम High Tech Industries के साथ-साथ स्टार्टअप्स का भी हब बन रहा है।
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साथियों,
अभी कुछ दिन पहले ही बजट में, केंद्र सरकार ने नामरूप-फोर प्लांट को भी मंजूरी दी है। आने वाले समय में ये यूरिया प्रोडक्शन प्लांट, नॉर्थ ईस्ट सहित पूरे देश की यूरिया की डिमांड को पूरा करेगा। वो दिन दूर नहीं जब असम पूर्वी भारत का एक बड़ा मैन्युफैक्चरिंग हब बनेगा। और इसमें केंद्र सरकार, हर तरह से राज्य की भाजपा सरकार को मदद कर रही है।
साथियों,
21वीं सदी में दुनिया की प्रोग्रेस, डिजिटल रिवॉल्यूशन, इनोवेशन और टेक्नोलॉजिकल प्रोग्रेस पर निर्भर है। इसके लिए हमारी तैयारी जितनी बेहतर होगी, दुनिया में हमारी ताकत भी उतनी ज्यादा होने वाली है। इसलिए हमारी सरकार 21वीं सदी की Policies और Strategies के साथ तेज गति से आगे बढ़ रही है। हम सब जानते हैं कि इलेक्ट्रॉनिक्स और मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग में बीते 10 साल में भारत ने कितनी बड़ी छलांग लगाई है। अब इसी Success Story को भारत, Semiconductor Production में भी repeat करना चाहता है। मुझे गर्व है कि असम, सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग में भी भारत के एक महत्वपूर्ण सेंटर के रूप में विकसित हो रहा है। कुछ महीने पहले, असम के जागीरोड में Tata Semiconductor Assembly & Test facility की शुरुआत हुई है। ये प्लांट, आने वाले समय में, पूरे Northeast में Technological Growth को प्रमोट करने वाला है।
साथियों,
Semiconductor सेक्टर में Innovation के लिए हमने IIT के साथ भी collaborate किया है। इसके लिए देश में एक semiconductor research centre पर भी काम किया जा रहा है। इस दशक के अंत तक, इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर की वैल्यू 500 बिलियन डॉलर तक पहुंचने वाली है। हमारी जो स्पीड और स्केल है, उससे तय है कि भारत semiconductor production की एक बड़ी ताकत बनकर के उभरेगा। इससे लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा और असम की इकोनॉमी को भी फायदा होगा।
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साथियों,
बीते 10 सालों में भारत ने अपनी Environmental Responsibilities को समझते हुए भी नीतिगत निर्णय किए हैं। दुनिया हमारे Renewable Energy Mission को एक Model Practice मानकर इसे Follow कर रही है। देश ने बीते 10 वर्षों में Solar, Wind और Sustainable Energy Resources पर बहुत बड़ा Investment किया है। इससे ना सिर्फ हमारे Ecological Commitments पूरे हुए हैं, बल्कि देश Renewable Energy Production Capacity में भी कई गुना विस्तार कर पाया है। हमने 2030 तक देश की एनर्जी कैपिसिटी में 500 गीगावॉट renewable energy capacity के addition का लक्ष्य बनाया है। 2030 तक देश का Annual Green Hydrogen Production 5 मिलियन मिट्रिक टन हो, सरकार इसके लिए मिशन बनाकर काम कर रही है। देश में Gas infrastructure बढ़ने के कारण, डिमांड भी तेजी से बढ़ी है। Gas Based इकोनॉमी का पूरा सेक्टर, तेजी से Expand हो रहा है। इस Journey में असम के पास बहुत बड़ा Advantage है। सरकार ने आप सब के लिए बहुत सारे रास्ते बनाए हैं। PLI स्कीम से लेकर Green Initiatives के लिए बनी सारी पॉलिसीज आपके हित में हैं। मैं चाहता हूं कि असम रिन्यूवेबल एनर्जी सेक्टर में एक लीडर स्टेट बनकर के उभरे। और ये तभी हो पाएगा, जब इंडस्ट्री के आप सभी Leaders यहां के Potential को सही तरह से Maximise करने के लिए आगे आएंगे।
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साथियों,
2047 तक भारत को विकसित भारत बनाने में पूर्वी भारत की भूमिका बहुत बड़ी होने वाली है। आज, पूर्वोत्तर और पूर्वी भारत इंफ्रास्ट्रक्चर, लॉजिस्टिक्स, एग्रीकल्चर, टूरिज्म और इंडस्ट्री में तेज रफ्तार से आगे बढ़ रहा है। वो दिन दूर नहीं, जब दुनिया भारत की Development Journey में इस क्षेत्र को सबसे आगे बढ़ते हुए देखेगी। मुझे विश्वास है, आप इस यात्रा में असम के साथी बनेंगे, साझीदार बनेंगे। आइए, एक साथ मिलकर, हम असम को एक ऐसा राज्य बनाएं जो पूरे ग्लोबल साउथ में भारत की Capabilities को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाए। एक बार फिर, आज की समिट के लिए आप सभी को मेरी ढेर सारी शुभकामनाएं। और जब मैं ये कह रहा हूं, तो मैं आपको विश्वास दे रहा हूं, मैं आपके साथ हूं, विकसित भारत की जर्नी में आपके योगदान का पूरा-पूरा समर्थक हूं।