प्रधानमंत्री मोदी ने शांति स्थापना पर शिखर सम्मेलन को संबोधित किया
संयुक्त राष्ट्र की नींव द्वितीय विश्व युद्ध के मैदानों पर बहादुर सैनिकों द्वारा रखी गई थी: प्रधानमंत्री मोदी
25 लाख भारतीय सैनिकों ने द्वितीय विश्व युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई; यह इतिहास का सबसे बड़ा स्वयंसेवी बल था: प्रधानमंत्री
180,000 से अधिक भारतीय सैनिकों ने संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में भाग लिया है जो सभी देशों से अधिक है: प्रधानमंत्री
भारत लाइबेरिया में संयुक्त राष्ट्र मिशन के लिए महिला गठित पुलिस यूनिट का योगदान करने वाला पहला देश: प्रधानमंत्री मोदी
भारत ने 82 देशों से लगभग 800 शांति स्थापना अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया है: प्रधानमंत्री मोदी
सुरक्षा का परिवेश बदल रहा है, शांति स्थापना की मांगे बढ़ रही हैं और संसाधन जुटाना कठिन हो गया है: प्रधानमंत्री मोदी
शांति स्थापना मिशनों को उनकी सीमाओं और राजनीतिक समाधान के समर्थन के साथ बुद्धिमानी से कार्यान्वित किया जाना चाहिए: प्रधानमंत्री
संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना के लिए भारत की प्रतिबद्धता अभी भी मजबूत बनी हुई है एवं यह आगे और मजबूत होगी: प्रधानमंत्री मोदी
संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना की सफलता संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के निर्णयों के नैतिक बल पर निर्भर करता है: प्रधानमंत्री मोदी
हम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक निश्चित समय सीमा के भीतर लंबे समय से लंबित सुधार कार्यों को पूरा करें: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र के उच्चतम आदर्शों की रक्षा करने में अपने प्राण न्यौछावर करने वाले शांति सैनिकों को श्रद्धांजलि दी

राष्‍ट्रपति बराक ओबामा,
महासचिव बान की मून,
महामहिम,

संयुक्‍त राष्‍ट्र की बुनियाद दूसरे विश्‍व युद्ध के जंग के मैदानों में जांबाज सैनिकों ने रखी थी। 1945 तक, उनमें भारतीय सेना के 2.5 मिलियन जवान थे, जो इतिहास का सबसे विशाल स्‍वयंसेवी बल था। उनमें से 24,000 से ज्‍यादा जवानों ने अपने प्राण गंवाएं और लगभग आधे लापता हो गए।

बलिदान की यह विरासत यहां मौजूद तीनों देशों ने साझा की है। वे आज संयुक्‍त राष्‍ट्र शांति अभियानों में सबसे ज्‍यादा योगदान देने वाले देशों में से हैं।

संयुक्‍त राष्‍ट्र शांति अभियानों में 180, 000 से ज्‍यादा भारतीय सैनिकों ने भाग लिया है, जो किसी भी अन्‍य देश से ज्‍यादा है। भारत ने अब तक 69 संयुक्‍त राष्‍ट्र शांति अभियानों में से 48 में हिस्‍सा लिया है। संयुक्‍त राष्‍ट्र के मिशनों में भाग लेते हुए 161 भारतीय शांति सैनिकों ने सर्वोच्‍च बलिदान दिया है।

भारत पहला देश है, जिसने लाइब्रेरिया में संयुक्‍त राष्‍ट्र मिशन के दौरान अपनी महिला फॉर्मड पुलिस यूनिट को भेजा।

भारत बड़ी तादाद में देशों के शांति रक्षक अधिकारियों को प्रशिक्षण उपलब्‍ध कराता आया है। अब तक, 82 देशों के करीब 800 अधिकारियों को हम प्रशिक्षण दे चुके हैं।

मैं शांति स्‍थापना अभियानों पर शिखर सम्‍मेलन बुलाने के लिए राष्‍ट्रपति ओबामा का आभार व्‍यक्‍त करता हूं। इस संगठन की 70वीं वर्षगांठ होने की वजह से ही यह सामयिक नहीं है, बल्कि यह इसलिए भी सामयिक है, क्‍योंकि सुरक्षा का वातावरण बदल रहा है, शांति स्‍थापना की मांग बढ़ रही है, जबकि संसाधन खोज पाना कठिन है।

आज शां‍ति रक्षकों को सिर्फ शांति और सुरक्षा बहाल रखने के लिए ही नहीं बुलाया जाता, बल्कि कई जटिल चुनौतियों से निपटने के लिए भी बुलाया जाता है।

आदेश महत्वाकांक्षी होते हैं, लेकिन संसाधन अक्‍सर अपर्याप्‍त होते हैं। आदेश अक्‍सर शांति रक्षकों को संघर्षों का पक्ष बना देते हैं जिससे उनका जीवन और उनके मिशन की सफलता खतरे में पड़ जाती है।

इन समस्‍याओं का कारण काफी हद तक यह है कि सैनिकों का योगदान देने वाले देशों की निर्णय लेने की प्रक्रिया में कोई भूमिका नहीं होती। वरिष्‍ठ प्रबंधन और बल के कमांडर के रूप में उनका पर्याप्‍त प्रतिनिधित्‍व नहीं होता।

शांति रक्षा अभियान विवेकपूर्ण तरीके से , अपनी सीमाओं को पूरी तरह समझते हुए और राजनीतिक समाधानों की सहायता से संचालित किए जाने चाहिए।

हमें खुशी है कि शांति अभियानों पर उच्‍च स्‍तरीय स्‍वतंत्र पैनल ने इन विषयों की पहचान की है। पैनल की सिफारिशों पर तत्‍काल रिपोर्ट प्रस्‍तुत करने के लिए हम संयुक्‍त राष्‍ट्र महासचिव का आभार व्‍यक्‍त करते हैं। हम उनके जल्‍द विचार करने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

संयुक्‍त राष्‍ट्र शांति अभियानों के लिए भारत की प्रतिबद्धता मजबूती से बनी रहेगी और इसमें वृद्धि होगी।

हम संयुक्‍त राष्‍ट्र शांति अभियानों के लिए अपने नए अपेक्षित योगदानों की घो‍षणा कर चुके हैं।

इनमें मौजूदा अथवा नये अभियानों के लिए 850 सैनिकों तक की अतिरिक्‍त बटालियन, महिला शांति रक्षकों के अधिक प्रतिनिधित्‍व के साथ अतिरिक्‍त 03 पुलिस यूनिट्स, महत्‍वपूर्ण साधन उपलब्‍ध कराने की प्रतिबद्धता, संयुक्‍त राष्‍ट्र मिशनों में तकनीकी कर्मियों की तैनाती, और भारत में हमारी सुविधाओं पर और मैदान में शांति रक्षकों को अतिरिक्‍त प्रशिक्षण देना शामिल है।

अंत में मैं इस बात पर जोर देना चाहूंगा कि संयुक्‍त राष्‍ट्र शांति अभियानों की सफलता आखिरकार सैनिकों द्वारा उठाए जाने वाले हथियारों पर नहीं, बल्कि संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा लिए जाने वाले फैसलों के नैतिक बल पर निर्भर करती है।

हमें निश्चित समय सीमा में संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार लाने के काफी समय से लंबित कार्य को हर हाल में पूरा करना चाहिए, ताकि संयुक्‍त राष्‍ट्र की प्रासंगिकता और प्रभावशीलता संरक्षित रहे।

मैं संयुक्‍त राष्‍ट्र के सर्वोच्‍च आदर्शों की रक्षा की खातिर प्राण न्‍योछावर करने वाले शांति रक्षकों को श्रद्धांजलि देता हूं। यदि शांति रक्षकों की याद में प्रस्‍तावित स्‍मारक दीवार का निर्माण जल्‍द हो जाए, तो यह बहुत उपयुक्‍त होगा। भारत इस उद्देश्‍य के लिए वित्‍तीय सहित अन्‍य प्रकार का योगदान करने को तत्‍पर है।

Explore More
140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी
Mutual fund industry on a high, asset surges Rs 17 trillion in 2024

Media Coverage

Mutual fund industry on a high, asset surges Rs 17 trillion in 2024
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की
December 25, 2024

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री एन चंद्रबाबू नायडू ने आज नई दिल्ली में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की।

प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक्स पर पोस्ट किया:

"आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री @ncbn ने प्रधानमंत्री @narendramodi से मुलाकात की।"