जसदण के निकट 25 मेगावाट विन्डफार्म का मुख्यमंत्री ने किया उद्घाटन .

 विकास का विजन सिर्फ वर्तमान नहीं बल्कि भविष्य की पीढ़ी के कल्याण के लिए है : श्री मोदी .

 मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को राजकोट जिले के जसदण के निकट निजी क्षेत्र के 25 मेगावाट क्षमता के विन्डफार्म का उद्घाटन करते हुए कहा कि राज्य सरकार का विकास का विजन महज वर्तमान पीढ़ी के लिए नहीं बल्कि भविष्य की पीढिय़ों के कल्याण के लिए भी है। जसदण के निकट काळासर की सीमा पर 12 पवन चक्कियों की मदद से 25 मेगावाट बिजली पवन ऊर्जा शक्ति से उत्पन्न करने का यह प्रोजेक्ट रिन्यू पावर ग्रूप की ओर से स्थापित किया गया है।

मुख्यमंत्री ने पवन ऊर्जा शक्ति के क्षेत्र में निवेश के लिए निजी विकासकारों के विश्वास का स्वागत करते हुए कहा कि गुजरात में बिजली उत्पादन के लिए हमने ऊर्जा विकास के सभी क्षेत्रों का अधिकतम विनियोग किया है। उन्होंने कहा कि राज्य में पवन ऊर्जा के जरिए 10,000 मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता है। वर्ष 2002 में गुजरात में 51 मेगावाट विन्डपावर की क्षमता थी जो बढक़र 3000 मेगावाट तक पहुंच गई है। इस मौके पर उन्होंने चंद्रासण में नर्मदा कैनाल पर सोलर पैनल लगा कर सूर्यशक्ति से बिजली पैदा करने के गुजरात के प्रोजेक्ट का जिक्र करते हुए कहा कि गुजरात ने दुनिया को नई राह बतलाई है। पर्यावरण के साथ विकास का व्यूह अपनाये जाने की बात भी उन्होंने कही।

श्री मोदी ने कहा कि भूतकाल में किसानों को रूक-रूक कर बिजली मिला करती थी लेकिन आज प्रतिवर्ष 150 बिजली सब स्टेशन स्थापित कर पर्याप्त बिजली मुहैया करायी जा रही है। दस वर्ष पहले महज 15 बिजली सब स्टेशन ही स्थापित किये जाते थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि विन्ड एनर्जी के क्षेत्र में हो रहे अनुसंधानों के लिए गुजरात अपना विनियोग करने को तत्पर है। उन्होंने कहा कि विन्डमील की ऐसी तकनीक आ रही है जो पवनशक्ति से बिजली और पानी दोनों देगी। इस अवसर पर सुजलॉन के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक तुलसीभाई तंती ने कहा कि गैर परंपरागत ऊर्जा के क्षेत्र में विश्व के 32 देशों में काम के अनुभव के बाद कहा जा सकता है कि गुजरात सरीखा कोई देश नहीं है। मौजूदा सरकार की नीतियां निवेशकों के लिए काफी आकर्षक है। उन्होंने कहा कि गुजरात की भौगोलिक स्थिति की वजह से विन्ड और सोलर दोनों ही क्षेत्रों में गुजरात देश के अन्य राज्यों के मुकाबले बेहतर स्थिति में है।

नतीजतन राज्य न सिर्फ बिजली उत्पादन में सरप्लस है बल्कि वह अन्य राज्यों को भी बिजली आपूर्ति कर रहा है। तंती ने कहा कि पावर सेक्टर में निवेश करने वालों को गुजरात में नियत समय पर पेमेन्ट मिल जाता है जबकि अन्य राज्यों में पेमेन्ट वसूली में लंबा वक्त लग जाता है। विन्डफार्म की विस्तृत जानकारी देते हुए कंपनी के चेयरमैन सुमंत सिन्हा ने कहा कि इस प्रोजेक्ट के तहत 12 विन्डफार्मों के जरिए 25.2 मेगावाट बिजली उत्पादन होगी और उससे कुल 5,29,89,480 यूनिट ग्रीन पावर जनरेट होगा। उन्होंने कहा कि भारत में लो-कार्बन इकोनॉमी को प्रोत्साहन देने के लिए वर्ष 2011 में रिन्यू पावर कंपनी की स्थापना की गई। कंपनी की मंशा 400 मेगावाट ऑपरेटिंग कैपेसिटी इन्स्टॉल करने की है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री सहित अन्य महानुभावों को स्मृतिचिन्ह अर्पित किये गए। कार्यक्रम में तुलसीभाई तंती, सुमंत सिन्हा, पूर्व सांसद विजयभाई रुपाणी, विधायक भरतभाई बोघरा, जिला भाजपा अध्यक्ष लालजीभाई सावलिया, जयंतीभाई ढोल, जिला कलक्टर डॉ. राजेन्द्रकुमार, पुलिस अधीक्षक प्रेमवीर सिंह, जसदण प्रांत अधिकारी राजेन्द्र गढवी सहित अग्रणी बड़ी संख्या में मौजूद थे। कार्यक्रम के अंत में अंकुर शाहू ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

.

Explore More
140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी
India’s Biz Activity Surges To 3-month High In Nov: Report

Media Coverage

India’s Biz Activity Surges To 3-month High In Nov: Report
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
प्रधानमंत्री 24 नवंबर को 'ओडिशा पर्व 2024' में हिस्सा लेंगे
November 24, 2024

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 24 नवंबर को शाम करीब 5:30 बजे नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 'ओडिशा पर्व 2024' कार्यक्रम में भाग लेंगे। इस अवसर पर वह उपस्थित जनसमूह को भी संबोधित करेंगे।

ओडिशा पर्व नई दिल्ली में ओडिया समाज फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक प्रमुख कार्यक्रम है। इसके माध्यम से, वह ओडिया विरासत के संरक्षण और प्रचार की दिशा में बहुमूल्य सहयोग प्रदान करने में लगे हुए हैं। परंपरा को जारी रखते हुए इस वर्ष ओडिशा पर्व का आयोजन 22 से 24 नवंबर तक किया जा रहा है। यह ओडिशा की समृद्ध विरासत को प्रदर्शित करते हुए रंग-बिरंगे सांस्कृतिक रूपों को प्रदर्शित करेगा और राज्य के जीवंत सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक लोकाचार को प्रदर्शित करेगा। साथ ही विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख पेशेवरों एवं जाने-माने विशेषज्ञों के नेतृत्व में एक राष्ट्रीय सेमिनार या सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा।