वाराणसी के काशी विश्वनाथ धाम के त्र्यंबकेश्वर हॉल में महिलाओं के एक विशेष सम्मेलन में आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने ‘विकसित भारत एंबेसडर नारी शक्ति संवाद’ को संबोधित किया, जिसमें भारत की विकास यात्रा में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया गया। 4 मई के कार्यक्रम में वाराणसी की 500 से अधिक प्रतिष्ठित महिलाओं ने भाग लिया, जिसमें देश की महिलाओं के नेतृत्व वाली पहलों और विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए देश की प्रतिबद्धता पर चर्चा हुई।
Varanasi: Spiritual leader Sri Sri Ravi Shankar attends Viksit Bharat Ambassadors Nari Shakti Samwad. pic.twitter.com/ajnMOrDHy8
— IANS (@ians_india) May 4, 2024
श्री श्री रविशंकर ने कहा कि ईश्वर पर श्रद्धा रखें और अपना काम करते रहें, क्योंकि यही सिद्धांत विकसित भारत के लक्ष्य को आगे बढ़ाने का आधार है। श्री श्री रविशंकर ने कहा कि भारत ना सिर्फ तरक्की के मामले में बल्कि महिलाओं की आज़ादी और सशक्तिकरण जैसे मुद्दों पर भी दुनिया को राह दिखा रहा है।
"Varanasi: 'Have faith in God and keep doing your work, and on this principle, the goal of a Viksit Bharat can move forward, and its foundation is also rooted in this,' says Sri Sri Ravi Shankar." pic.twitter.com/IkAo1Kfv53
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इस कार्यक्रम में वकीलों, डॉक्टरों, एकाउंटेंट, शिक्षकों और एथलीटों सहित विभिन्न पृष्ठभूमि के लोगों की उपस्थिति दर्ज की गई, जिन्हें महिला सशक्तिकरण और राष्ट्रीय प्रगति के संदेश से प्रेरणा मिली।
श्री श्री रविशंकर ने विकसित भारत एंबेसडर पहल में भागीदारी के माध्यम से 2047 तक व्यापक विकास हासिल करने के भारत के महत्वाकांक्षी लक्ष्य पर चर्चा की। उन्होंने इस विजन को साकार करने में सामूहिक प्रयास की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा, "विकसित भारत एंबेसडर कार्यक्रम के माध्यम से, पीएम मोदी ने भारत को विकसित करने का लक्ष्य रखा है। हमें 2047 तक यह लक्ष्य हासिल करने की आवश्यकता है, और सभी को इसमें योगदान देना होगा।"
चर्चा के केंद्र में "नारी शक्ति" और राष्ट्र निर्माण में इसकी अविभाज्य भूमिका थी। श्री श्री ने कहा कि सरकार ने 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने की कल्पना की है और कहा कि महिलाएं अपनी निपुणता और मल्टी-टास्किंग स्किल के कारण इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। उन्होंने महिलाओं की बहुमुखी क्षमताओं की सराहना करते हुए कहा, "यदि महिलाओं को कोई बड़ा काम सौंपा जाता है, तो वे इसे दस साल पहले पूरा करने की क्षमता रखती हैं। कई ज़िम्मेदारियां होने के बावजूद, वे न केवल अपने घर के काम पूरे करती हैं, बल्कि बाहरी काम भी कुशलता से करती हैं। महिलाएं एक समय में कई काम संभाल सकती हैं।"
उन्होंने भारतीय पौराणिक कथाओं से उदाहरण देते हुए कहा कि प्राचीन काल में महिलाओं को शासन में महत्वपूर्ण सम्मान दिया जाता था। इस सम्मान के कारण ही शायद उस समय महिलाओं को अहम मंत्रालय सौंपे जाते थे। उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्रालय देवी सरस्वती को, वित्त मंत्रालय देवी लक्ष्मी को और रक्षा मंत्रालय देवी दुर्गा को सौंपा गया था।
इसके अलावा, श्री श्री रविशंकर ने महिला सशक्तिकरण में भारत की प्रगति की सराहना की और अन्य देशों से इसकी तुलना करते हुए कहा, "अमेरिका, जो महिला सशक्तिकरण के बारे में बड़ी-बड़ी बातें करता है, उसने आज तक किसी महिला को राष्ट्रपति नहीं चुना। हमने यह कर दिखाया है। और यह पहली बार है कि महिला आरक्षण विधेयक संसद से पारित हो गया है।"
आध्यात्मिक गुरु ने पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छ भारत अभियान के महत्व पर जोर दिया और नागरिकों को सक्रिय रूप से इसमें शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने देश, घरों और सड़कों में स्वच्छता बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया और सभी से इस प्रयास में योगदान देने का आग्रह किया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने पर्यावरण पर प्लास्टिक के हानिकारक प्रभावों पर प्रकाश डाला और इस बात पर जोर दिया कि पर्यावरण का ख्याल रखना हमारी सबसे ज़रूरी ज़िम्मेदारी होनी चाहिए।
संस्कृति के संरक्षण में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हुए उन्होंने विज्ञान और आध्यात्मिक शिक्षा में उनकी भागीदारी बढ़ाने पर बल दिया। काशी नगरी के सांस्कृतिक महत्व का उल्लेख करते हुए उन्होंने, देश की विरासत की रक्षा करने के महत्व पर भी जोर दिया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल की प्रशंसा करते हुए, श्री श्री रविशंकर ने काशी विश्वनाथ मंदिर के पुनर्विकास की सराहना की और नागरिक जिम्मेदारी को प्रोत्साहित किया। विशेष रूप से मतदान के कर्तव्य पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, "वोट डालना हर किसी का कर्तव्य है। नागरिक होने के नाते, हम सभी को वोट देना है। आपको यह सोचकर घर नहीं बैठना चाहिए कि नरेन्द्र मोदी तो वापस आएंगे ही, मोदी निश्चित रूप से आएंगे, लेकिन हमें अपने कर्तव्य की उपेक्षा नहीं करनी चाहिए, ऐसा बिल्कुल नहीं होना चाहिए।"
Varanasi: 'Through the Viksit Bharat Ambassador Program, PM Modi has set a goal to develop India. We need to set this goal by 2047, and everyone will have to contribute to it,' says Hitesh Jain, Vice President of BJP Mumbai Pradesh pic.twitter.com/1ngvpzUOBi
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विकसित भारत का विजन: 140 करोड़ सपने, एक उद्देश्य
विकसित भारत एंबेसडर अभियान, नागरिकों को भारत के विकास में योगदान देने की जिम्मेदारी लेने के लिए प्रेरित करता है। विकसित भारत एंबेसडर मीटिंग्स और इवेंट्स के माध्यम से नागरिक, रचनात्मक चर्चाओं में संलग्न हो सकते हैं, विचारों का आदान-प्रदान कर सकते हैं और इस नेक काम में योगदान करने में मदद करने के लिए व्यावहारिक रणनीतियों का पता लगा सकते हैं।
NaMo App के माध्यम से विकसित भारत एंबेसडर अभियान का हिस्सा बनें:
https://www.narendramodi.in/ViksitBharatAmbassador
दूरियों को मिटाता NaMo App
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ऐप, NaMo App एक डिजिटल ब्रिज है जो नागरिकों को विकसित भारत एंबेसडर अभियान में भाग लेने के लिए सशक्त बनाता है। NaMo App नागरिकों के लिए वन-स्टॉप प्लेटफॉर्म के रूप में कार्य करता है:
उद्देश्य में भागीदार बनें: साइन अप करें और एक विकसित भारत एंबेसडर बनें तथा 10 अन्य लोगों को बनाएं।
विकास की कहानियों का प्रसार: अभियान से संबंधित अपडेट, न्यूज और रिसोर्सेज तक पहुंच।
इवेंट बनाएं/शामिल हों: लोकल कार्यक्रम, मीटअप और वॉलंटियर्स ऑपर्च्यूनिटीज बनाएं और खोजें।.
कनेक्ट/नेटवर्क: समान विचारधारा वाले व्यक्तियों को खोजें और उनके साथ बातचीत करें, जो एक विकसित भारत के विजन को शेयर करते हैं।
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